RE: XXX Hindi Kahani मैं लड़की नहीं.. लड़का हूँ
मीरा झटके से बैठ गई और पास पड़ी चादर अपने ऊपर डाल ली, ममता भी घबरा गई और जल्दी से बाहर भाग गई।
राधे- अरे ये क्या हुआ.. ये ममता कहाँ से आ गई थी.. ये क्या हो रहा है यार.. समझ के बाहर है?
मीरा- सब तुम्हारी ग़लती है.. रात को दरवाजा बन्द नहीं किया और वो ममता की बच्ची है ना.. रूको.. उसको तो मैं बताती हूँ।
मीरा गुस्से में बाथरूम में चली गई और राधे ने शॉर्ट पहना और बाहर ममता के पास चला गया।
राधे- ममता, ये क्या है.. तुम सीधे अन्दर आ गईं.. मीरा बहुत गुस्सा हो गई है।
ममता- माफ़ करना साहब जी.. मुझे ऐसे नहीं करना चाहिए था।
राधे- अरे तुम अपनी जगह सही हो.. मगर मीरा को थोड़ा बुरा लग गया.. तो उसको मना लेना बस।
ममता थोड़ा घबरा गई थी और अपने काम में लग गई।
मीरा जब नहा कर बाहर आई तो उसका चेहरा साफ बता रहा था कि वो बहुत गुस्से में है। उसको देख कर राधे समझ गया कि ये कुछ पंगा करेगी। वो कुछ कहती.. इसके पहले राधे ने उसका हाथ पकड़ा और कमरे में ले गया।
दोस्तो, अब कहानी कुछ दिनों में ख़त्म हो जाएगी.. तो मैंने सोचा आपको घुमा कर कहानी सुनाती हूँ.. मज़ा आएगा.. तो चलो.. अब यहाँ से वापस रोमा के पास चलते हैं।
रोमा ने नीरज को फ़ोन करके बुला लिया था.. वो तो ऐसे मौके पर हमेशा भगा चला आता है.. उसको चुदाई का चस्का जो लगा हुआ था।
अब दोनों नीरज के फ्लैट में बैठे हुए थे।
नीरज- मेरी जान.. आज अपने प्रेमी पर ये मेहरबानी कैसे कर दी.. आज तुम सुबह-सुबह ही मेरे पास आ गईं।
रोमा- अब क्या बताऊँ मेरे जानू.. कल मैं आ नहीं सकी.. तो मेरा दिल बेचैन था.. आज मॉम गाँव गई हैं.. तो बस आ गई तुम्हारे पास।
नीरज- ओह्ह.. गुड.. कब तक आएंगी वो?
रोमा- कल वापस आ जाएंगी.. तब तक हम खूब मज़ा कर सकते है ना!
नीरज- हाँ जानेमन.. अब किसी बात का डर नहीं है.. चलो आज कुछ नया ट्राई करते हैं।
रोमा- नया क्या.. मैं कुछ समझी नहीं.. आप क्या बोल रहे हो?
नीरज- जान तुम नहीं आती हो… तो मन उदास रहता है.. तो मैंने सोचा आज अपने प्यार को मोबाइल में कैद करके रख लूँ.. ताकि जब तुम ना आओ.. तो मैं उस लम्हे को मोबाइल में देख कर खुश हो जाऊँ।
रोमा- यानि हमारी चुदाई की वीडियो बनाओगे.. नहीं नहीं.. ऐसा मत करना.. किसी ने देख ली तो?
नीरज- अरे पागल कौन देखेगा.. मैं बस अपने लिए ये कर रहा हूँ प्लीज़.. जान तुम मेरी होने वाली वाइफ हो.. अब तुम्हें मैं ऐसे बदनाम थोड़े करूँगा.. अपने नीरज को ऐसा समझती हो?
रोमा- नहीं नीरज.. वो बात नहीं है.. आजकल एमएमएस का जमाना है.. इस चक्कर में बहुत सी लड़कियों की जान चली गई.. प्लीज़ समझो।
नीरज- ओह्ह.. तो ये बात है.. यानि तुमको लगता है.. मैं इस वीडियो से तुम्हें ब्लकमेल करूँगा.. और तुम्हें अपनी जान देनी होगी.. ऐसा समझती हो मुझे तुम.. छी:.. तुमने मेरे बारे में ऐसा सोचा भी कैसे?
रोमा- ओहोह.. आप मुझे ग़लत समझ रहे हो.. मेरा कहने का ये मतलब नहीं है.. मान लो ये वीडियो किसी और के हाथ लग गया तो?
नीरज- यहाँ मेरा ना कोई दोस्त है.. ना कोई दुश्मन.. तो कौन मेरे मोबाइल में देखेगा.. यार अब वक्त खराब मत करो.. मान भी जाओ मेरी बात.. वरना मैं समझूँगा.. तुम्हें मुझ पर ज़रा भी भरोसा नहीं है।
रोमा- कैसी बातें करते हो.. मैंने अपना जिस्म तुम्हें सौंप दिया.. अब भरोसा करने को बचा क्या है.. अगर भरोसा नहीं होता तो बात यहाँ तक आती ही नहीं।
नीरज बहुत चालक था.. उसको साम.. दाम.. दंड.. भेद.. ये सारे पैंतरे पता थे। उसको लगा कि चिड़िया के पर निकल आए हैं.. ये मानेगी नहीं तो वो आगे बढ़ कर रोमा को किस करने लगा और उसके मम्मों को मसलने लगा।
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