RE: XXX Hindi Kahani मैं लड़की नहीं.. लड़का हूँ
चलो दोस्तो, यहाँ तो सब ठीक है। रोमा के हाल जान लेते हैं।
रोमा की माँ ने उसको उठाया और कहा- अरे रविवार है तो क्या हुआ.. तू सोती रहेगी क्या.. मुझे मार्केट जाना है.. तू नाश्ता कर ले।
रोमा ने कहा- मुझको टीना के घर जाना है.. कल से हम लोगों के टेस्ट हैं तो आज पूरा दिन मैं टीना के साथ स्टडी करूँगी।
तो उसकी माँ ने कहा- तो ठीक है.. जल्दी से तैयार हो ज़ा.. हम साथ ही निकलेंगे।
बस रोमा उठी और फटाफट तैयार हो गई.. नाश्ता किया और माँ के साथ निकल गई और पहुँच गई सीधे टीना के घर के पास.. मगर उसका सामना बाहर ही आयुष से हो गया।
आयुष- हाय रोमा कैसी हो?
रोमा- मैं ठीक हूँ.. आप बताओ.. कैसे हो.. टीना उठ गई क्या?
आयुष- मैं एकदम अच्छा हूँ.. तुमसे कुछ बात करनी थी।
रोमा को पता था आयुष क्या कहना चाह रहा था.. मगर अब उसको प्यार के नाम से नफ़रत हो गई थी।
रोमा- देखो आयुष.. प्लीज़ बुरा मत मानना। मैं जानती हूँ तुम्हें क्या बात करनी है.. प्लीज़ मेरा ख्याल दिल से निकाल दो.. मुझे इन सब में कोई दिलचस्पी नहीं है।
आयुष- अरे मेरे कहे बिना तुम कैसे बोल सकती हो.. कि मैं क्या कहना चाहता हूँ।
रोमा- अच्छा तो तुम अपने मुँह से बता दो।
रोमा थोड़ी चिड़चिड़ी सी हो गई थी।
आयुष- देखो रोमा मुझे पता है.. टीना ने तुम्हें मेरे बारे में कहा था और तुमने सोचने का समय माँगा था। मगर आज मैं अपने दिल की नहीं तुम्हारे दिल की बात कहना चाहता हूँ।
रोमा- मेरे दिल की क्या बात है?
आयुष- मैं जानता हूँ.. तुम किस मुसीबत में फँस गई थी और बड़ी मुश्किल से जान बची है.. मगर एक इंसान को देख कर सभी को बुरा समझना.. यह ठीक नहीं है। भले ही तुम मुझसे प्यार ना करो.. मगर हम अच्छे दोस्त तो बन सकते हैं ना?
आयुष के मुँह से ये बात सुनकर रोमा को झटका लगा कि टीना ने आयुष को सब बता दिया है।
रोमा- आयुष प्लीज़ इस टॉपिक पर मुझे कोई बात नहीं करनी और ना ही मुझे दोस्ती करनी है.. हटो मेरे सामने से.. मुझे टीना से मिलना है।
रोमा गुस्से में अन्दर चली गई। टीना उस समय चाय पी रही थी.. उसने रोमा को चाय के लिए पूछा.. मगर उसने मना कर दिया और मौका देख कर टीना को कमरे में ले गई।
टीना- अरे क्या हुआ.. बता तो.. ऐसे गुस्से में मुझे क्यों अन्दर ले आई?
रोमा- टीना हमने वादा किया था कि वो बात किसी को नहीं बताएँगे और तूने अपने भाई को बता दी.. छी:.. तुम्हें उसको वो सब बताते हुए शर्म नहीं आई।
टीना- तेरा दिमाग़ खराब हो गया है.. भला में क्यों बताऊँगी?
रोमा ने टीना को पूरी बात बताई तो टीना हैरान हो गई।
टीना- नहीं नहीं.. कुछ तो गड़बड़ है.. भाई को कैसे पता चला?
रोमा- तुमने नहीं बताई तो क्या नीरज ने बताई होगी.. मगर वो तो लापता हो गया है या कहीं ऐसा तो नहीं आयुष ने उसको कुछ कर दिया हो.. जब उसको पता लगा कि वो तुम्हारे साथ गलत करना चाहता था।
रोमा की बात सुनकर टीना को भी ऐसा ही लगा.. वो झट से बाहर गई और उसको आयुष घर के बाहर खड़ा मिल गया।
टीना ने उसको अन्दर बुलाया और उससे पूछा- भाई तुमको कैसे पता लगा कि रोमा मुसीबत में है?
आयुष- देख टीना, यहाँ खड़े होकर ये बात नहीं होगी.. चल अन्दर चल.. मैं सब बताता हूँ।
टीना के साथ आयुष को आता देख कर रोमा सवालिया नज़रों से उनको देखने लगी।
टीना- भाई प्लीज़.. बताओ आपको कैसे पता लगा और नीरज के साथ आपने कुछ किया तो नहीं ना?
आयुष- हैलो.. मैं क्या करूँगा उसके साथ.. मैंने कुछ नहीं किया.. वो अपनी मौत खुद मर गया है.. समझी..
नीरज के मरने की बात सुनते ही दोनों के चेहरे का रंग उड़ गया।
रोमा- क्या.. नीरज मर गया? कैसे.. कब..? प्लीज़ पूरी बात बताओ.. मेरा दिल बैठा जा रहा है।
आयुष- जिस आदमी ने तुम्हें इतना दुख दिया.. उसके लिए दिल बैठा जा रहा है तुम्हारा?
रोमा- नहीं.. ऐसी बात नहीं है.. प्लीज़ बताओ ना.. उसको क्या हुआ था? उसके पास मेरी कुछ जरूरी चीज थी।
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