RE: Antarvasna kahani ज़िद (जो चाहा वो पाया)
1 घंटा गुजर चुका था…और मुझे भी अब नींद आने लगी थी….वीना तो दो बार अपनी चूत से पानी निकलवा कर सो चुकी थी….तभी मुझे बाहर से डोर के खुलने की आवाज़ आई….शायद अनु बाहर गयी थी….मे ध्यान से उठा और स्टोर रूम से बाहर आकर देखा तो रूम का डोर खुला हुआ था….और डोर से किचिन के अंदर ऑन हो चुकी लाइट सॉफ दिखाई दे रही थी…
मे बिना आवाज़ किए बाहर आ गया…देखा तो अनु किचन मे खड़ी पानी पी रही थी….मुझे किचन के डोर पर खड़ा देख वो भी सिर्फ़ अंडरवेर मे अनु एक दम से सकपका गयी….वो एक दम से सहम गयी थी…
.”वो मुझे प्यास लगी थी…” मैने जान बुझ कर अपने लंड को अंडरवेर के ऊपर से खुजाते हुए कहा… मेरी इस हरक़त को देख कर उसने अपनी नज़रें झुका ली….और एक ग्लास मे पानी डाल कर मेरी तरफ बढ़ा दिया…..”नाम क्या है तुम्हारा….” मैने उसके हाथ से पानी का ग्लास लेते हुए कहा…
अनु: (हड़बड़ाते हुए) जी जी अनु…
मे: कॉन से क्लास मे पड़ती हो…..?
अनु: जीए *****
मेने पानी पी कर ग्लास वापिस अनु को पकड़ा दिया…और फिर उसको एक बार ऊपर से लेकर नीचे तक देखा….और फिर रूम मे से होकर स्टोर रूम मे वापिस चला गया…..अगली सुबह वीना ने मुझे सुबह 6 बजे उठा दिया….मेने कपड़े पहने और ऊपर आ गया…सर्दियों के दिन थे…इसलिए अभी भी अंधेरा था….इस लिए मे बिना किसी डर के अपने घर की छत पर आ गया…रूम का डोर खोला और फिर वहाँ बेड पर लेट कर सो गया….
जब आँख खुली तो 10 बज रहे थे….मे उठ कर बाहर आया…तो थोड़ी देर बाद वीना ऊपर आ गयी…..”उठ गये आप….” वीना ने मेरे पास आते हुए कहा…”हां उठ गया….” मेने वीना की तरफ देख कर मुस्कराते हुए कहा…..”मे आपके लिए नाश्ता लेकर आती हूँ….”
मे: वो कमलेश आ गया है क्या…..?
वीना: हां आ गये है….अभी नाश्ता करके सोए है….
मे: तो फिर क्या कहती हो….एक बार फिर हो जाए…..
वीना: (मुस्कराते हुए) नही अभी नही…
मे: क्यों क्या हुआ…..?
वीना: अभी नहा कर आई हूँ….
मे: तो क्या हुआ…..?
वीना: अगर कर लिया तो फिर नहाना पड़ेगा….(उसने मुस्कराते हुए कहा…)
उसके बाद वीना नीचे चली गयी….वीना नाश्ता लेकर आई और मुझे देकर नीचे जाने लगी…..”सुनो….” वीना ने पलट कर मेरी तरफ देखा…..
वीना: जी…..
मे: अब क्या कर रही हो…..
वीना: कुछ भी नही बच्चे स्कूल चले गये है….घर का काम भी कर लिया है.
मे: तो फिर ऐसे करो नीचे जाकर सो जाओ….
वीना: क्यों….?
मे: फिर रात को जगाना है ना तुम्हे….
वीना मेरे बात सुन कर मुस्कराने लगी….फिर एक दम से कुछ सोच कर बोली….”तुषार जानते है आज अनु ने मुझसे क्या कहा….”
मेने वीना की तरफ देखते हुए कहा….”क्या कहा उसने…..”
वीना: पता नही जब मे उसे स्कूल के लिए उठाने के लिए गयी तो वो उठ नही रही थी….देर तक तो टीवी देखती रहती है….जब मैने उसे इस बात के लिए डांता तो पता है वो आगे से क्या बोली…..
मे: क्या कहा उसने….
वीना: वो बोली, इतनी ही फिकर है तो रात को आवाज़ कम करनी थी…..
मे: तो फिर तुमने उसे कुछ नही कहा…..
वीना: तुषार मेरी तो समझ मे नही आ रहा कि, मे उसे क्या कहती…अब उसे ज़्यादा डाँट भी तो नही सकती….कही गुस्से मे आकर अपने पापा को ना बता दे….
मे: हां ये बात तो है…..
वीना: तब से मुझे बहुत घबराहट से हो रही है….आज तक उसने मुझे कभी ऐसे आगे से जवाब नही दिया…..
मे: तुम उसकी चिंता मत करो….नया खून है….अभी जवानी चढ़नी शुरू हुई है तो चूत तो रात को भी होगी ना….उसकी…..
वीना: तुषार आप भी ना….वो मेरे बेटी है…..
मे: तो क्या हुआ….उसकी चूत से पानी नही आता क्या….(मैने मुस्कराते हुए कहा…)
वीना: आप भी ना….आपको ज़रा भी डर नही लगता आप मेरे सामने ही मेरी बेटी के बारे मे ऐसी बातें कर रहे है…..
मे: बात शुरू किसने की थी….चलो जाओ तुम आगे से मुझसे ऐसे बात ना करना…
वीना: तुषार क्या है…एक तो आप गुस्सा बहुत जल्दी हो जाते हो…..दरअसल आप को अनु के बारे मे एक बात बतानी थी….
मे: क्या अनु के बारे मे…
वीना: हां….
मे: तो फिर तुम मुझे ना ही बताओ तो अच्छा है….नही तुम नाराज़ हो जाओगी….
वीना: अच्छा अब नही होती…..
मे: सोच लो….सोच समझ कर बोलना….
वीना: कह दिया ना अब नही होती….
मे: अच्छा कहो क्या बात है…..
वीना ने एक बार चारो तरफ देखा और फिर धीरे से बोली…..”अनु मेरी खुद की बेटी नही है…..” वीना ने धीरे से आवाज़ मे कहा….ये बात मेरे लिए सच मे चोंकाने वाली थी…..
मे: क्या…वो तुम्हारी बेटी नही है….तो फिर किसकी है…..
वीना: वो मेरी बहन है ना…..जो पिछली गाली मे रहती है….
मे: हां….
वीना: वो उसकी बेटी है……
मे: तो क्या तुमने उसे गोद लिया है….?
वीना: हां…..
मे: क्यों…?
वीना: अनु मेरे दीदी के तीसरी बेटी थी….दो लड़कियाँ पहले से ही थी…इसलिए जीजा जी बहुत परेशान रहने लगी थी….जब अनु *** साल की हुई तो हम ने उसे गोद ले लिया….तब मेरी नयी-2 शादी हुई थी…ये सोच कर उनके ऊपर से कुछ बोझ कम हो जाएगा….फिर अनु के बाद उनके बेटा हुआ…और फिर दो साल बाद अजय पैदा हुआ….
मे: अच्छा अगर तुमने अनु को **** की उम्र मे गोद लिया था….फिर तो अनु को सब याद होगा….
वीना: हां याद है….पर मैने कभी उसे अपनी बेटे अजय से कम नही समझा….और वो भी ये बात जानती है….
मे: तो फिर वैसे तुम ये बात मुझे क्यों बता रही हो……
वीना: इसलिए कि तुम भी ये पता रहे कि, अनु मेरे बेटी नही है…..और मुझे आज सुबह से इस बात का शक हो रहा है कि, कहीं वो ये बात कमलेश या फिर दीदी को ना बता दे….
मे: पर तुमने उसे समझाया तो था…
वीना: हां समझाया था…पर मुझे पता नही क्यों लग रहा है कि, कही वो ये सारी बात अपनी बड़ी बेहन से ना कर दे….दीदी की एक बेटी की शादी तो हो गयी है….पर एक अभी कुँवारी है….3 महीने बाद उसका भी लगन होने वाला है…..
मे: कोई बात नही जो होगा देखा जाएगा……
उसके बाद वीना नीचे चली गयी…..मे नाश्ता करते हुए सोच रहा था कि, आख़िर वीना चाहती क्या है….क्यों उसने ये सारी बात मुझसे कही…उसने खुद खुल कर कुछ भी नही कहा था…..कहीं ये मुझे फसाने के चक्कर मे तो नही है…..हो सकता है कि, आगे चल कर वीना मुझे ब्लॅकमेल करे….पर क्यों….शायद पैसों के लिए….उफ्फ यार अब क्या करूँ….कुछ समझ मे नही आ रहा…..अगर कल कोई बात होगी तो मेरे पास क्या सबूत है कि, ये सब वीना ने अपनी मरज़ी से मेरे साथ किया था….
यही सब सोचते हुए दिमाग़ की बॅंड बज गयी…समझ मे नही आ रहा था कि, अब क्या करूँ….दोपहर का वक़्त हो चला था…सॅटार्ड का दिन था…इस लिए स्कूल मे 12 बजे ही छुट्टी हो गयी थी….करीब 1 बजे जब मे रूम से बाहर आया तो देखा वीना अपनी बड़ी बेहन के साथ ऊपर छत पर चटाई बिछा कर बैठी हुई थी….दोनो आपस मे मगन थी….मे रूम मे गया और अंदर से चटाई लाकर दीवार के साथ बिछा कर नीचे बैठ गया….
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