RE: Kamukta Kahani जुआरी
उसी वक़्त कामिनी अपने बेडरूम में किसी काम से आई, पर जैसे ही खिड़की से बाहर उसकी नज़र पड़ी तो उसके होश उड़ गये...
पिछले हिस्से में कुणाल बड़ी ही बेशर्मी से खड़ा होकर नहा रहा था...
वो तो शुक्र था की उस छोटी सी दीवार ने उसके ख़ास हिस्से को धक रखा था, वरना उसकी बेशर्मी पूरी उजागर हो जानी थी..
कामिनी को इस बात पर बहुत गुस्सा आया...
कैसे एक सभ्य समाज और घर में रहना है, इस बात का तरीका ही नही है उसमें ..
उसका तो मन किया की अभी के अभी पायल और उसके फूहड़ पति को निकाल बाहर करे...
पर फिर कुछ सोचकर उसने अपने गुस्से पर काबू किया और अलमारी से जो समान लेने आई थी, वो लेकर बाहर निकल गयी.
कुणाल के लिए पायल अंदर से ही खाना बना कर ले आई थी, खाना खाने के बाद रोजाना की तरह उसने पायल के बटुए से पैसे निकाले और बाहर निकल गया...
पायल जानती थी की अब वो देर रात तक ही लौटेगा.. आएगा भी तो दारू पीने के बाद.
पर जाने से पहले उसने समझा दिया था की यहां रहना है तो अपने चाल चलन, शोर शराबे और गंदी आदतों पर काबू रखना पड़ेगा, वरना उसकी गंदी आदतों की वजह से उन्हे वहां से निकाला भी जा सकता है.
कुणाल भी जानता था की ऐसे फ्री में रहने और खाने की जगह मिलना मुश्किल है, इसलिए वो उसकी बात मानकर बाहर निकल गया.
दोपहर को पायल सफाई में लगी रही और शाम को वो वापिस अपने फ्लैट में आई और नहा धोकर जैसे ही कपड़े निकाले, बाहर से विजय की आवाज़ आई..
इस वक़्त उसने सिर्फ़ एक गीली साड़ी लपेट रखी थी अपने जिस्म पर..
अब यहाँ पायल के बारे में एक बात बता देना ज़रूरी है की उसे दुनिया की गंदी नज़रों का कोई आभास ही नही हो पता था
एकदम बोडम महिला थी..(भाभीजी घर पर हैं की अंगूरी भाभी के जैसी)
कोई जितना भी सामने से द्विअर्थी बातें करता रहे, उसके भोले दिमाग़ में उनका ग़लत मतलब आता ही नही था..
जब तक वो बातें खुल कर ना की जाएँ..
गाँव में रहने वाली पायल अभी तक शहर के चालू लोगो से अंजान थी.
विजय भी जानता था इस वक़्त उसकी बीबी घर पर नही है, अंदर आने के बाद उसने चोकीदार से कुणाल के बारे में भी पूछ लिया था, वो भी नही था, इसलिए उसका रास्ता सॉफ था..
अंदर आने के बाद जब उसने दरवाजा खड़काया तो वो अपने आप ही खुल गया...
सामने गीली साड़ी में पायल अपने कपड़े निकाल रही थी..
उसके गीले जिस्म से आ रही भीनी खुश्बू ने उसे पागल सा बना दिया..
वो समझ गया की वो अभी नहा कर आई है, काश वो कुछ देर पहले आया होता वहां पर तो उसे सुबह की तरह नहाते हुए देख पाता.....
लेकिन अब उसे पायल को अपने जाल में फंसाना था, और एक प्लान उसके दिमाग में आलरेडी आ चुका था
पायल भी अपने मालिक को इस तरह अपने कमरे के बाहर खड़ा देखकर चोंक सी गयी..
पायल : "अरे ...सरजी आप..... मुझे बुला लिया होता.... मैं आ जाती...''
विजय तो उसके गीले बदन से झाँक रहे अंगो को देखने में बिजी था.. खासकर गीली साड़ी नीचे उभर रहे काले बेरों को
वो हड़बड़ाकार बोला : "वो दरअसल...मुझे...चाय पीनी थी...मैने आवाज़ भी दी..पर तुमने शायद सुनी नही...इसलिए देखने चला आया...''
पायल : "ओहो.... वो मैं नहा रही थी ना... इसलिए...''
विजय उसके बदन को घूरता हुआ बोला : "नहा रही थी... इस वक़्त भी... सुबह ही तो नहाई थी...''
और कोई होता तो झट्ट से बोल देता की आपने कब देखा मुझे सुबह नहाते हुए...
पर पायल थी एक नंबर की बोडम महिला...
वो बोली : "वो क्या है ना सरजी... मुझे दिन में दो बार नहाने की आदत है... एक बार तो सुबा 5 बजे उठकर नहाती हूँ ... और दूसरी बार शाम को 4 बजे ''
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