Antarvasna kahani मासूम
10-08-2018, 01:33 PM,
#4
RE: Antarvasna kahani मासूम
"अच्छा दीदी ये बताओ कि सुहागरात मे ऐसा क्या होता है जो अक्सर लड़किया डरती है सुहागरात से" फिर मैने पुछा

"भाई सुहागरात मे हज़्बेंड और वाइफ एक दूसरे से प्यार करते है और तो कुच्छ नही होता, और जो लड़किया डरती है वो पागल होती है वरना सुहागरात की रात तो सबसे खास रात होती है लड़कियो के लिए क्योंकि उसी रात वो लड़की से औरत बनती है" प्रिया दीदी ने बताया

"वो कैसे दीदी, प्यार कैसे करते है और लड़की एक ही रात मे औरत कैसे बन जाती है" मैने पुछा

"भाई बस बन जाती है ना अब कैसे समझाऊ मुझे बताना नही आरहा और ऐसी बातों से शरम आती है ना तो कैसे बताऊ अब तुम्हे, वैसे मुझे भी सब कुच्छ नही पता क्योंकि अभी मेरी सुहागरात जो नही हुई है ना" दीदी शरमाते हुए बोली

"अच्छा दीदी कोई बात नही लेकिन सुहागरात के बाद तो बताओगी ना, प्लीज़ " मैं बोला

"अच्छा भाई अच्छा सन बता दूँगी बस अब खुश हो ना" दीदी मेरे गाल पकड़ते हुए बोली

"ठीक है दीदी लेकिन दीदी आप भी ब्रा पहनती है या नही" मैं खुश होते हुए बोला

"भाई सभी गर्ल्स पहनती है जब बड़ी हो जाती है और मैं भी से क्या मतलब तुमने किसी को देखा है ब्रा पहने हुए" दीदी ने पुचछा

"कविता दीदी को देखा था जब वो भैया की सगाई पर डॅन्स कर रही थी तब देखा था" मैने बताया

"शरम करो भाई, तुम भी ना पता नही क्या हो गया है आज कल के लड़को को"

"क्या हो गया है दीदी कुच्छ भी तो नही हुआ, अच्छा दीदी क्या मैं आपकी ब्रा देख सकता हूँ, प्लीज़ एक सिर्फ़ एक बार" मैं रिक्वेस्ट करते हुए बोला

प्रिया दीदी ने बिना कुच्छ कहे अपनी कुरती साइड से उपर को और अपना लेफ्ट बूब वित ब्रा मुझे दिखाया और फिर कुरती नीचे कर ली

"बस भाई अब खुश हो" दीदी मुस्कुराते हुए बोली

"नही दीदी पूरा दिखाओ ना अपनी कुरती उतार कर ऐसे पता ही नही चला, मैं देखना चाहता हूँ के कैसे पहना हुआ है और कैसा लगता है, प्लीज़ दीदी एक मिनिट के लिए प्लीज़........" मैं जैसे गिड़गिदाया

"भाई मुझे शरम आती है मैं नही दिखा सकती प्लीज़ भाई ज़िद्द ना करो" दीदी बोली

"प्लीज़ दीदी बस एक बार सिर्फ़ एक मिनिट के लिए, प्लीज़ प्लीज़ प्लीज़ दीदी" मैं रुआंसा मूह बना कर बोला

"अच्छा बाबा अच्छा ज़्यादा मूह मत बनाओ पहले डोर लॉक कर दो फिर दिखाती हूँ लेकिन उसके बाद कुच्छ नही कहोगे और चले जाओगे ठीक है" आख़िर प्रिया दीदी मान ही गई


"जी दीदी" मैने बोला और उठ कर डोर लॉक करने गया जब मैं डोर लॉक करने वापस आने लगा तो देख कि दीदी ने दीदी ने कुरती उपर कर के सिर से निकाल दी थी और अपने हाथ मे पकड़ कर अपनी छाती के सामने कर ली थी

"दीदी अब दिखा ही दो ना छुपा क्यों रही हो प्ल्ज़" मैं बोला

प्रिया दीदी ने आराम से अपना हाथ हटाया और अब दीदी मेरे सामने ब्रा और सलवार मे खड़ी थी दीदी ने ब्लॅक ब्रा पहनी हुई थी और वो बहुत सेक्सी लग रही थी

"दीदी ये ब्रा कब पहनी थी आपने" मैं दीदी के बड़े बड़े बूब्स को घूरते हुए बोला

"कुच्छ देर पहले ही पहनी है लेकिन तुम ये क्यों पुच्छ रहे हो" दीदी ने पुछा

"दीदी जो ब्रा उतारी है वो कहाँ है" मैने दीदी की बात का जवाब दिए बगैर ही फिर पुछा

"वो अलमारी ने है लेकिन उसका क्या करना है तुम ने" दीदी सोच मे पड़े हुए बोली

मैने बिना जवाब दिए अलमारी से दीदी की ब्रा निकाल ली

"दीदी मैं ये अपने साथ ले जाउ? प्लीज़ दीदी जल्दी ही वापस कर दूँगा प्रॉमिस" मैं ब्रा हाथ मे लिए हुए बोला

"लेकिन भाई तुम मेरी ब्रा के साथ करोगे क्या? पहले मुझे बताओ फिर ले जाना" दीदी बोली

"दीदी मैं इसे सूंघ कर किस करूँगा लीक करूँगा सक करूँगा फिर वापस दे जाउन्गा" मैने बताया

"ऐसा करने से क्या होगा तुम्हे क्या फ़ायदा मिलेगा" दीदी ने पुछा

"दीदी मैं ऐसा करूँगा तो मुझे मज़ा आएगा सच दीदी बहुत मीठी खुश्बू आती है और टेस्ट भी मज़े का होता है इसलिए मुझे बहुत मज़ा आता है" मैं बोला

"लेकिन ये सब तुम्हे कैसे पता पहले भी किसी की.......... ओह्ह समझ गई कविता दीदी की ब्रा ली थी क्या?" प्रिया दीदी बोली

"जी दीदी लेकिन आपको कैसे पता?" मैने पुछा

"बस पता चल गया, वैसे क्या उन्होने दी थी तुम्हे और कुच्छ कहा भी नही था क्या" प्रिया दीदी मुस्कुराते हुए बोली

दीदी बातों बातों मे अपनी कुरती पहन.ना भूल गई थी और मेरे दिमाग़ मे एक आइडिया आ गया था..

"नही दीदी कुच्छ नही कहा बल्कि कविता दीदी ने तो मुझे डॅन्स भी करके दिखाया था और अपनी ब्रा भी खुशी खुशी दे दी थी" मैं अपनी चाल चलते हुए बोला

"क्या सच मे कविता दीदी ने तुम्हे सलवार और ब्रा मे डॅन्स करके दिखाया?" प्रिया दीदी हैरत से बोली

मैने सोचा कि मैने ये कब कहा कि कविता दीदी ने मुझे ब्रा और सलवार मे डॅन्स करके दिखाया है शायद प्रिया दीदी ने ग़लत समझ लिया लेकिन मुझे क्या इसमे तो मेरा ही फ़ायदा है अब पहले नही कहा तो क्या हुआ अब कह देता हूँ ना

"हां दीदी यकीन करो मैं सच कह रहा हूँ" मैने मासूमियत से कहा

"अच्छा और क्या क्या हुआ सब बताओ ना, इधर आकर मेरे साथ बैठ के बताओ प्लीज़" प्रिया दीदी बड़े प्यार से बोली वो जान लेना चाहती थी कि हमारी बड़ी बहन अपने सबसे छोटे भाई के साथ कैसे मज़े लेरही है

"बताउन्गा लेकिन आप अपनी ब्रा उतार दो और मुझे टच भी करने दो वरना मैं कुच्छ नही बताउन्गा" अब मैं अपनी औकात मे आते हुए बोला अब मैं कोई मौका नही छोड़ा चाहता था

प्रिया दीदी ने समझा कि मैने शायद कविता दीदी के साथ सेक्स किया होगा और वो ये सब सोच कर हॉट ही गई थी और वेट भी इसलिए वो मेरी शर्त मान गई

"अच्छा अच्छा जो कहोगे सब करूँगी लेकिन मुझे सब कुच्छ बताना होगा ईमानदारी से समझे" प्रिया दीदी बोली

"सिर्फ़ बताऊ या करके भी दिखाऊ" मैं बोला मुझे पता था कि अगर मैने थोड़ी हिम्मत कर ली तो आज बहुत कुच्छ करने को मिल सकता है क्योंकि प्रिया दीदी तो अपने मन मे ग़लत फ़हमी पाले हुई थी कि मैं कविता दीदी के साथ सेक्स कर चुका हूँ इसलिए मेरे पास बहुत चान्स था आगे निकल जाने का

"अच्छा कर के बता दो लेकिन जो कुच्छ भी कविता दीदी के साथ किया है सिर्फ़ वही सब मेरे साथ करना उस से ज़्यादा कुच्छ भी नही समझे" कुच्छ देर सोचने के बाद प्रिया दीदी बोली "वैसे मुझे यकीन तो नही हो रहा है लेकिन मैं जानती हूँ तुम मुझसे झूठ नही बोलोगे, ओके चलो बताओ अब"

मैने प्रिया दीदी को बेड पर लेटा दिया और बोला "दीदी मैने कविता दीदी को ऐसे ही बेड पर लेटा दिया फिर खुद भी उनके साथ लेट गया और मैने उन्हे किस करना शुरू किया.........."

अब आगे क्या कहूँ मैं सोचने लगा कि अचानक प्रिया दीदी बोली "भाई कर के दिखाओ बताओ ना, तुमने ही तो कहा है कि कर के दिखाओगे तो फिर करो ना मूह से क्यों बता रहे हो"

दीदी की बात सुनकर मैने आराम से दीदी के बूब्स पर अपना हाथ रखा और उन्हे सहलाने लगा वाउ क्या मस्त फीलिंग थी दीदी के बड़े बड़े और नरम मुलायम बूब्स तो जैसे मुझे जन्नत का मज़ा दे रहे थे

फिर मैं दीदी के बूब्स दबाते हुए उनके चेहरे पर हर तरफ किस करने लगा प्रिया दीदी को भी मज़ा आने लगा था उन्होने मज़े से अपनी आँखे बंद कर ली थी और अब मैं उनके होंठो को किस करने लगा था

प्रिया दीदी ने अपने होंठ थोड़े से खोली तो मैं उनके होंठो को सक करने लगा प्रिया दीदी की गरम और खुश्बू दार सांसो से मुझे बहुत ज़्यादा मज़ा आरहा था और इधर मेरा लंड हार्ड हो गया था छोटी सी उमर मे भी मेरा लंड लगभग 6" लंबा और अच्छा ख़ासा मोटा था

मैं आराम से नीचे आया अब प्रिया दीदी की नेक पे किस करने लगा वहाँ साइड पर किस किए और धीरे धीरे नीचे आ गया अब मैं प्रिया दीदी की चेस्ट पर किस कर रहा था

प्रिया दीदी ने मुझे पकड़ा हुआ था और उनकी साँसे बहुत तेज चल रही थी मैं थोड़ा नीचे आया और दीदी की ब्रा से उनके दोनो बूब्स बाहर निकाल लिए और ब्रा उतार कर साइड मे फेंक दी अब मेरी दीदी के दूध जैसे नंगे बूब्स मेरी आँखो के सामने थे मैने दीदी के बूब्स को बारी बारी से किस करना शुरू कर दिया अभी लेफ्ट को किस करके राइट को दबाता तो कभी राइट को किस करके लेफ्ट को दबाता दीदी अब लगातार गरम होते जा रही थी उसने अपने हाथ मेरे सिर पर रखे हुए थे और वो लगातार मेरा सिर अपने बूब्स पर दबा कर उन्हे सक करने के लिए मुझे उकसा रही थी
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Antarvasna kahani मासूम - by sexstories - 10-08-2018, 01:32 PM
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