Gandi Kahaniya एक आहट जिंदगी की
10-17-2018, 11:35 AM,
#18
RE: Gandi Kahaniya एक आहट जिंदगी की
अनीता से आगे रुक्मणी का टेबल था…..रुक्मणी का रुक्मणी भी 40 साल की थी…..रुक्मणी का एक ही बेटा था…..जो देल्ही मे रह कर पढ़ रहा था….उसके हज़्बेंड का तीन साल पहले बहुत बुरा आक्सिडेंट हो गया था….जिसके कारण उसके हज़्बेंड पॅरलेलिज़्ड हो गये थे…..और बेड पर पड़े रहते थे…..उनकी देख भाल के लिए उन्होने एक कामवाली को रखा हुआ था…जो उनके सारे काम करती थी….रुक्मणी के हज़्बेंड को भी गवर्नमेंट जॉब से रेटायरमेंट मिली हुई थी…दोनो की कमाई काफ़ी थी…..इसीलिए सुख की जिंदगी जी रही थी….वो शहर से थोड़ा सा बाहर अपने खुद के मकान मे रहती थी….जो उसके पति का पुस्तैनी घर था…..घर काफ़ी बड़ा था….रुक्मणी के घर मे 6 बेड रूम थे…..तीन नीचे और तीन पहली मंज़िल पर……

शाम के समय तक लगभग सारा स्टाफ फ्री हो जाता था….राज अभी अपने काम मे वयस्त था…..धीरे-2 मुसाफिर जो टिकेट लेने के लाइन मे खड़े थे, कम हो गये. राज अपनी चेअर पर आँखे मूंद कर बैठ गया….स्टेशन मास्टर अंजुम बाहर निकल गये…..

जैसे ही अजमल बाहर गया तो दोनो औरतें शुरू हो गयी…..रुक्मणी अनीता के पास आकर बैठ गयी…..”और अनीता कल तो तेरा पति आया था…..खूब चुदाई की होगे तुम लोगो ने…..”

अनीता: अर्रे धीरे बोल वो राज भी है….अगर उसने सुन लिया तो…..

रुक्मणी: अर्रे सुन लेगा तो क्या होगा……उसके पास भी तो लंड है…..और सारी दुनिया करती है ये काम…..हम क्यों किसी से डरे…..

अनीता: अर्रे नही यार अच्छा नही लगता…..अगर सुन लेगा तो क्या सोचेगा बेचारा…..

रुक्मणी: तू वो छोड़ बता ना कल तो ज़रूर तेरी गान्ड का बॅंड बजाया होगा भाईसहाब ने..

अनीता: अर्रे कहाँ….अब उनमे वो बात नही रही……ऊपेर से इतनी तोंद (पेट बाहर निकाल लिया है…..कि दो तीन धक्को मे ही उनकी साँस फूलने लगती है…..)

रुक्मणी: तो मतल्ब कुछ नही हुआ हाँ….?

अनीता: अर्रे नही वो बात नही है…..पर अब वो मज़ा नही रहा….एक तो उनका मोटापा और अब उम्र का असर भी होने लगा है…..कितनी बार कह चुकी हूँ कि सुबह जिम मे जाया करें कसरत वसरत कर करें…..पर मेरी सुनते ही कहाँ है वो…..

रुक्मणी: मतलब तेरी गान्ड का बॅंड नही बजा इस बार हाहाहा……

अनीता: अर्रे कहाँ गान्ड तो मारी…पर लंड बड़ी मुस्किल से घुसा पाते है अब गान्ड मे. अब तो उनका लौडा भी ढीला पड़ने लगा है……तुम्हे तो सब पता है….जब तक गान्ड से पुर्र्रर-2 की आवाज़ ना आए, तो मज़ा कहाँ आता है……और उसके लिए मोटा सख़्त लंड चाहिए….तू सुना तेरी कैसे चल रही है…तेरा भतीजा तो तेरी गान्ड की बॅंड तो बजा ही रहा होगा…..

रुक्मणी: ह्म्म क्या यार क्यों दुखती रग पर हाथ रखती हो…..यार उसकी माँ ने एक दिन देख लिया था….तब से वो घर नही आया…..

अनीता: चल पहले तो बहुत ऐश कर ली तूने…..देख कितनी मोटी गान्ड हो गयी है तेरी….

रुक्मणी: यार बुर तक तो ठीक था लड़का……पर साले का 5 इंच का लंड क्या खाक मेरी गान्ड की बॅंड बजाता…..सिर्फ़ 2 इंच ही अंदर जाता था…..बाकी 2-3 इंच तो चुतड़ों मे ही फँस कर रह जाता था…….

रुक्मणी की ये बात सुन कर अनीता खिलखिला कर हँसने लगी…..”अनीता तुम्हे वो आदमी याद है…..जो उस दिन इस स्टेशन पर ग़लती से उतार गया था…..” रुक्मणी की बात सुनते ही, अनीता की बुर से पानी बाहर आकर उसकी कच्छि को भिगोने लगा…..

अनीता: यार मत याद दिला उसकी…..साले का क्या लंड था…..एक दम मुनसल था मुनसल…

रुक्मणी: हां यार मर्द हो तो वैसा….साले ने हम दोनो की गान्ड रात भर बजाई थी…गान्ड और बुर दोनो का ढोल बजा दिया….कैसे गान्ड से पर-2 की आवाज़ आ रही थी तेरे….

अनीता: और तेरी गान्ड ने क्या कम पाद मारे थे…..साले के धक्के थे ही इतने जबरदस्त कि, साली गान्ड हवा छोड़ ही देती थी….

रुक्मणी: हां अन्नू यार मेरी तो अभी से गान्ड और चूत मे खुजली होने लगी है….कुछ कर ना….यार कहीं से लंड का इंतज़ाम कर……

अनीता: यार वैसे लौन्डे तो बहुत पीछे है……पर साला काम का कॉन सा है….पता नही लग रहा…अब हर किसी को तो ये कहने नही लगी कि, पहले अपना लंड दिखा….किसी साले को घर बुला लिया….और बाद मे 5 इंच की नुन्नि निकली तो फिर सारा काम बिगड़ ना जाए…..

रुक्मणी: यार मैं तो नज़रें जमाए हुए हूँ….तू भी देख शायद कोई काम का लौंडा मिल जाए…..
उधर उन दोनो से थोड़ी दूर बैठा राज उनकी बातों को सुन कर एक दम हैरान था….उनकी बातें सुन कर उसका लंड एक दम तन चुका था….और अब दर्द भी करने लगा था….राज इतना तो जान गया था कि, ये साली दोनो शरीफ दिखने वाली औरतें कितनी चुदेल है….और उसे अब उनकी दुखती रग का भी पता था…..रुक्मणी और अनीता दोनो उँची कद काठी की औरतें थी…..दोनो की हाइट 5 फुट 6 इंच के करीब थी…..दोनो के गान्ड बहुत बड़ी और बाहर की ओर निकली हुई थी….दोनो ज़्यादातर साड़ी ही पहनती थी….

शाम को राज घर वापिस आया, और ऊपेर चला गया….शाम के 5:30 हो रहे थे…लाइट एक बार फिर से गुल थी….नाजिया पढ़ने के बहाने ऊपेर छत पर आकर चेर पर बैठ गये. नजीबा नीचे काम में बिज़ी थी….जब राज ने नाजिया को बाहर छत पर देखा तो वो भी रूम से निकल कर बाहर आ गया……और इधर उधर टहलने लगा….नाजिया चोर नज़रों से बार-2 राज की और देख रही थी….”कैसे रहा आज स्कूल में” राज ने नाजिया के पास से गुज़रते हुए कहा…..नाजिया राज की आवाज़ सुन कर एक दम चोन्कि, और फिर नज़रें झुका कर मुस्कुराते हुए बोली….”जी अच्छा रहा….”

राज: (फिर से नाजिया के पास से गुज़रते हुए) एक बात पूछूँ……

नाजिया: (नज़रे किताब में गढ़ाए हुए) जी…….

राज: क्या स्कूल मे स्कर्ट पहन कर जाना ज़रूरी है…..?

नाजिया: (नाजिया को राज के ये सवाल अजीब सा लगा) जी स्कूल मे यही ड्रेस है….

राज: क्यों सलवार कमीज़ में नही जा सकते…….

नाजिया: नही स्कूल वाले अलाउ नही करते….पर आप क्यों पूछ रहे है….क्या कुछ ग़लत है.

राज: नही स्कर्ट पहनना तो ग़लत नही है…..पर जब तुम स्कूल के अंदर गयी तो, तुम्हे याद है तुम्हारे सामने से दो लड़के आ रहे थे बाहर की तरफ….

नाजिया: हां वो तो मेरी ही क्लास में है…..तो क्या हुआ…..?

राज: कुछ नही वो बस तुम्हारे बारे में कुछ ग़लत कह रहे थे……

नाजिया: क्या बोल रहे थे….वो……

राज: छोड़ो त तुम्हे नही बता सकता…कि कैसे कैसे गंदे वर्ड्स बोल रहे थे तुम्हारी बारी…..

नाजिया: वो है ही ऐसे आवारा……..उनके तो कोई मुँह भी नही लगता……

राज: वैसे वो जो भी बोल रहे थी तुम्हारे बारे है तो वो सच…

नाजिया: (राज की बात सुन कर हैरान परेशान रह गयी….) क्या ?

राज: हां सच कह रहा हूँ……अगर टाइम आया तो तुम्हे जरूआर बताउन्गा…..

ये कह कर राज अपने रूम मे चला गया…..नाजिया लड़को की बातों से अंज़ान नही थी. कुछ तो उसे भी मालूम ही था…..उस रात कुछ ख़ास नही हुआ, नाजिया की मौजूदगी में राज और में दूर -2 ही रहे…..मैं उस रात खूब सोया……अगले दिन भी राज ही नाजिया को चोदने को गया……उस दिन राज सिर्फ़ एक लोवर और टी-शर्ट पहन कर ही स्टेशन पर गया… ये राज ने पहले से प्लान कर रखा था…..जब राज स्टेशन पर पहुँचा तो, आजमल ने राज से कहा…..”अर्रे यार क्या बात है…..आज नाइट सूट में ही चले आए हो….ख़ैरयत तो है…..”

राज: हाँ सिर सब ठीक है बस थोड़ी सी तबीयत खराब थी….इसलिए नहाने और तैयार होने का मन नही किया….ऐसे ही चला आया…..

आजमल: यार अगर तबीयत खराब थी तो फोन कर देते….और आज घर पर रेस्ट कर लेते…

राज: सर घर में पड़ा-2 बोर हो जाता…..और वैशे भी यहाँ काम होता ही कितना है….

आजमल: हाँ वो तो है, वैसे मेडिसिन ली ना ?

राज: जी सर खाई है…..

राज जाकर अपनी चेर पर बैठ गया….उसने टिकेट काउंटर खोला और पहली ट्रेन के मुसफ़ीरों को टिकेट देने लगा…..थोड़ी देर बाद रुक्मणी और अनीता भी आ गयी…..राज से हाए हेलो बोल कर वो अपने कामो में लग गयी……
Reply


Messages In This Thread
RE: Gandi Kahaniya एक आहट जिंदगी की - by sexstories - 10-17-2018, 11:35 AM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Thriller Sex Kahani - मोड़... जिंदगी के sexstories 21 13,947 06-22-2024, 11:12 PM
Last Post: sexstories
  Incest Sex kahani - Masoom Larki sexstories 12 6,697 06-22-2024, 10:40 PM
Last Post: sexstories
Wink Antarvasnasex Ek Aam si Larki sexstories 29 4,616 06-22-2024, 10:33 PM
Last Post: sexstories
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,756,644 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 577,474 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,343,697 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 1,028,050 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,805,120 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,206,280 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 3,168,500 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 3 Guest(s)