RE: Kamukta Story एक और कमीना
रोहन- अबे मैं तो अपनी चाची को कब से चोदना चाहता हू, पर भोसड़ी की मुझे बच्चा समझ के घास नही डालती है लेकिन मेरा नाम भी रोहन है जो सोच लिया सो सोच लिया अपनी चाची को एक दिन ज़रूर चोद के रहूँगा, और आगे और किसको किसको चोदना चाहता हू यह मैं तुझे बाद मे बताउन्गा, अभी मुझे थोडा अर्जेंट वर्क है अब मैं निकलता हू. और रोहन वहाँ से चला गया,
सन्नी पार्क मे बैठा बैठा रोहन की बातो को सोच रहा था और उसका लंड खड़ा हो गया
था, तभी सामने से उसे टाइट जीन्स और टी-शर्ट मे उसकी दीदी डॉली
आती हुई दिखाई दी, डॉली का फिगर बिल्कुल ट्विंकल खन्ना जैसा
था, डॉली बहुत सेक्सी नज़र आती थी और उसका सबसे बड़ा
आकर्षण उसके मोटे मोटे चूतड़ थे जो कि 36 और उसकी
चुचिया 34 की थी, डॉली मस्तानी चाल से चलती हुई रोहन के
करीब आ गई, रोहन के दिल और दिमाग़ मे सिर्फ़ और सिर्फ़ सेक्स चल
रहा था, और वह अपनी और आती अपनी दीदी को एक मस्तानी लोंड़िया
की नज़र से देख रहा था, यह पहला मोका था जब वह अपनी
दीदी के दूध, पेट कमर और उसकी कसी हुई मोटी मोटी जाँघो को
बहुत गोर से निहार रहा था, तभी क्यो सन्नी कहाँ खोया है
और यहाँ अकेले बैठा बैठा क्या कर रहा है, कुछ नही दीदी
बस अपने दोस्त के साथ बैठा था वह अभी अभी चला गया,
डॉली अपने भाई से सॅट कर बैठती हुई, ये तेरी आँखे इतनी लाल
क्यो है क्या रत को सोया नही, नही दीदी ऐसी तो कोई बात नही है,
हाँ देर तक काम ज़रूर कर रहा था लेकिन 2 बजे के आसपास सो
गया था, डॉली चल अब उठ घर चलते है, रोहन अरे थोड़ी देर
और बैठो ना फिर चलते है, डॉली रहम का हाथ अपने हाथ
मे लेटी हुई, इतना ज़्यादा देर तक ना जगा कर सन्नी, टाइम से सोया
कर, सन्नी मन मे क्या करू दीदी अब तुम्हारे भाई को चूत
चाहिए और वह चूत के बिना रात को सो नही पाता है, डॉली अब
क्या हुआ तू कुछ उदास और गुम्सुम सा लग रहा है, कोई बात है
क्या, सन्नी नही दीदी कोई बात नही है, सन्नी अपनी बहन को आज
बिल्कुल करीब से देख रहा था उसके गुलाबी होंठो को एक टक
घूर रहा था और उसका दिल अचानक करने लगा कि वह अपनी
बहन के रसीले होंठो को खूब चूसे, उसे पानी बाँहो मे
भर ले, उसे रात की देसी कहानिया रह रह कर याद आ रही थी कि
कैसे एक भाई अपनी सग़ी बहन को नंगी करके चोद्ता है, उसे
उसकी दीदी उस समय एक अप्सरा लग रही थी और सन्नी उसके पूरे
बदन का जायज़ा ले रहा था और उसकी उठी हुई चुचिया वह अपनी
कल्पना मे नंगी देख रहा था, और कल्पना कर रहा था कि
मेरी दीदी नंगी कितना मस्त माल लगेगी अगर दीदी मुझे चोदने
को मिल जाए तो मज़ा आ जाए, सन्नी ने कभी ओरिजिनल मे किसी
औरत को नंगी नही देखा था लेकिन ब्लू फ़िल्मो की औरतो की
कल्पना करके अपनी बहन को पूरी नंगी देखने की कल्पना कर
रहा था, फिर कुछ देर बाद दोनो उठ कर घर की ओर आ गये,
आज का दिन सन्नी के लिए काफ़ी चेंज वाला लग रहा था, क्यो
कि आज के पहले वह अपनी बहन के पास आने की बार बार कोशिश
नही करता था, उसे अपनी दीदी जीन्स मे बहुत मस्त लगती थी
क्यो कि जीन्स मे डॉली के मोटे मोटे चूतड़ अपने पूरे आकार
मे और शॅप मे नज़र आते थे जिससे सन्नी कल्पना कर लेता
था कि जब दीदी अपनी जीन्स उतारेगी तब दीदी की मोटी गान्ड का साइज़
और शॅप कैसा होगा, 8 दिन बीत चुके थे और सन्नी अपनी दीदी
को बहुत ज़्यादा मन ही मन मे चाहने लगा था उसकी चाहत
मे दो तरह की कशिश शामिल हो चुकी थी एक तो वह अपनी दीदी
से बहुत प्यार करने लगा था जैसा कि एक लड़का और एक लड़की जब
लगातार मिलते है तो उनके मन मे एक दूसरे के लिए जो फीलिंग
आती है बस वही फीलिंग सन्नी के मन मे आ चुकी थी लेकिन
वह यह सब समझ नही पा रहा था कि उसे अपनी दीदी से ही
लव हो चुका था, दूसरी फीलिंग उसे इन्सेंट पढ़ते और मूवी
देखते हुए आती थी जिसमे वह अपनी बहन को जी भर के
नंगी देखना चाहता था और उसे अपनी बीबी की तरह चोदना
चाहता था,
सन्नी की मम्मी अंजलि एक बोल्ड और बहुत गदराए और भरे
बदन की हेवी पर्सनॅलिटी की महिला थी, और वह अपने फिगर
का काफ़ी ख्याल रखती थी, उसे ऐश आराम और सेक्स मे काफ़ी
दिलचस्पी थी वह अपनी बेटी डॉली की बड़ी बहन जैसी लगती थी
लेकिन उसका पति अरविंद उसे ज़्यादा समय नही दे पाता था और
अपने गारमेंट्स के बिज़्नेस मे बिज़ी रहता था, सन्नी काफ़ी
भावुक और दिल से काम लेने वाला इंसान था और वह ज़्यादा
समय तक अपनी भावनाओ पर काबू नही रख पाता था, यही
वजह थी कि उसने अपने दोस्त रोहन को फ़ोन किया और रोहन यार
मुझे तुझसे एक बहुत इंपॉर्टेंट बात करनी है मैं तुझसे
मिलना चाहता हू,
रोहन -यार तू एक काम कर मेरे घर आ जा
हम वही बैठ कर बाते करते है,
सन्नी -ओके मैं आता हू,
सन्नी रोहन के घर पहुच जाता है, रोहन की मम्मी
दरवाजा खोलती है जो कि एक 47 की गदराई हुई मस्त महिला है
और उसके पति एक हॉस्पिटल मे डॉक्टर. है रोहन की मम्मी का नाम
सारिका था, आंटी रोहन है क्या,
सारिका हाँ बेटे उपर के रूम मे है तुम उपर ही चले जाओ, और सन्नी उपर के रूम मे
चला जाता है जहाँ रोहन अपने पीसी पर काम कर रहा था, आजा
सन्नी आ बैठ,
सन्नी- क्या कर रहा है तू,
रोहन- बस यार टाइम पास और क्या,
रोहन -अच्छा बता तू कुछ बताने वाला था,
सन्नी -यार एक ज़रूरी बात के लिए मैं तुझसे राय लेना चाहता हू पर,
रोहन- पर क्या,
सन्नी- यार ये बात सिर्फ़ हमारे बीच रहना चाहिए,
रोहन- अबे तू अपने दोस्त पर भरोसा रख और जब मैं तुझे अपनी लाइफ के बड़े बड़े सीक्रेट बता चुका हू, तो फिर
तुझे यह सब सोचना ही नही चाहिए कि मैं तेरी बात कही और शेअर् करूँगा,
सन्नी -यार रोहन बात यह है कि झूठ बोलते
हुए, मुझे मेरी एक कजन बहुत पसंद है और मैं उसको चोदना चाहता हू लेकिन मेरे दिमाग़ मे कुछ आइडिया नही आ
रहा है,
रोहन- अबे तो इसमे इतना घबरा क्यो रहा है तू क्या
पहला आदमी है जो अपनी बहन को चोदने के बारे मे सोच रहा है, अबे चोदना जब चोदना, सोचने के पैसे तो नही
लगते हैं ना, अब तू अपने मन मे क्या सोच रहा है ये किसी को क्या पता चलेगा, इसलिए सोचने मे क्यो घबराता है, मैं तो
सोचते हुए चाहे जिसकी चूत मार देता हू, फिर तू तो सिर्फ़ अभी अपनी बहन को चोदने का सोच रहा है, अच्छा यह बता कि
तेरी कजन कहाँ रहती है,
सन्नी -वो दूसरे शहर मे रहती है,
रोहन- अच्छा मुझे थोड़ा टाइम दे मैं तेरे लिए कोई आइडिया सोचता हू, तभी रोहन की मम्मी अंदर आती है बेटे चाइ बनाऊ क्या,
रोहन -हाँ मा बना लो सन्नी बहुत दिन बाद हमरे घर आया है, और जैसे ही सारिका पलट कर जाती है उसके मोटे
मोटे गदराए चूतड़ देख कर रोहन अपनी मा के चूतड़ देखते हुए अपने लंड को अपने पाजामे के उपर से मसल्ने
लगता है उसकी इस हरकत को देख कर सन्नी आश्चर्य चकित होकर रोहन को सवालिया निगाहो से देखने लगता है,
रोहन- अबे तू फिर सोच मे डूब गया अभी मैने तुझे समझाया ना कि सोचने मे क्या जाता है सोचने के ना तो पैसे लगते है और ना ही किसी को पता चलता है कि हम क्या सोच रहे है,
सन्नी--पर रोहन शी ईज़ युवर मदर यार,
रोहन- देख भाई ये अपना अपना नज़रिया है, और फिर मुझे तो मेरी मम्मी के मोटे मोटे चूतड़ ही सबसे ज़्यादा अच्छे लगते है, तो मैं उनके चूतड़ देखकर मज़ा ले लेता हू, सन्नी कुछ नही बोला तब
रोहन बोला अच्छा बता तुझे मेरी मम्मी के चूतड़ कैसे लगे,
सन्नी- तू भी ना यार,
रोहन- अबे शरमाता क्यो है, चल अच्छा तुझे एक बार और दिखाता हू ज़रा ध्यान से देखना, और रोहन अपनी मम्मी को आवाज़ लगाता है मम्मी ज़रा सन्नी के लिए पानी ले आना, थोड़ी देर बाद सारिका पानी लेकर आती है और
पानी सन्नी के हाथो मे दे कर वापस जाने लगती है सन्नी पानी पीते पीते रोहन की मम्मी के मोटे मोटे गदराए
चूतड़ो की मतवाली थिरकन देखता है और उसका लंड टाइट होने लगता है,
रोहन -अब बता कैसे लगे मेरी मम्मी के चूतड़,
सन्नी- यार तू भी ना,
रोहन -अबे अब तू इतना भी भोला मत बन, और वैसे भी जब सारे मोहल्ले के मर्द मेरी मम्मी के चूतड़ देख देख कर अपना लोड्ा मसलते रहते है तो मैं बुरा नही मानता तो हज़ारो मे एक तू भी शामिल हो जाएगा तो मेरा क्या बाल नोच लेगा, चल अब बता भी,
सन्नी- बहुत अच्छे है,
रोहन- क्या दिल करता है तेरा मेरी मम्मी के मोटे मोटे चूतड़ देख कर, सन्नी चुप रहता है,
रोहन- अबे मेरा तो दिल करता है कि अपनी मम्मी की सदी उठाकर उसकी मोटी गान्ड को फैला कर खूब चाटु और खूब चोदु. सन्नी रोहन की बात सुन कर काफ़ी अचंभित भी हो रहा था और उसे एक अनोखा आनंद भी आ रहा रहा था,
रोहन- देख सन्नी मैं जानता हू कि मेरी मा मुझे चोदने को दे नही देगी और ना मैं उसे चोद पाउन्गा, पर अगर मुझे
उसको नंगी देखने का मन करता है या उसकी गान्ड देख देख कर अपना लंड हिलाने का मन करता है तो इसमे बड़ा मज़ा आता है और अब मेरी तो ये हालत है कि मैं जब भी मूठ मारता हू मुझे मेरी मम्मी की गान्ड इतनी अच्छी लगती है कि मैं अपनी मम्मी की गान्ड सोच सोच कर ही मूठ मारता हू और मुझे सबसे ज़्यादा मज़ा आता है, और यह केवेल मैं नही दुनिया मे कई लोग करते है जो अपने रिश्ते की औरतो को चोद नही पाते है लेकिन उनकी गदराई जवानी और मोटी मोटी गान्ड को सोच सोच कर अपना लंड हिलाते है और अपनी कल्पनाओ मे उन्हे चोद्ते है, और यह सब लाइफ का फॅक्ट है, और इसे कोई झुठला नही सकता है, और तुझे एक एग्ज़ॅंपल देता हू मान ले तेरी मम्मी तेरे सामने नंगी खड़ी है और तू उसे देख लेता है तो ये फॅक्ट है कि अगली बार जब भी तू मूठ मारेगा तुझे तेरी मम्मी का गदराया बदन ज़रूर याद आएगा और तू लंड हिलाते हिलाते एक बार यह ज़रूर सोच लेगा कि तू तेरी मम्मी की मोटी मोटी गान्ड मार रहा है, इट्स नेचुरल यार ऐसा होता है, तभी सारिका चाइ ले कर आती है और चाइ रख कर वापस जाती है तब दोनो उसके मोटे मोटे
गदराए चुतडो को गोर से देखने लगते है, कुछ देर बाद सन्नी रोहन के यहाँ से अपने घर की ओर चल देता है, और
रोहन की बाते उसके दिमाग़ मे घूमने लगती है.
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