Desi Sex Kahani बाली उमर की प्यास
10-22-2018, 11:29 AM,
#23
RE: Desi Sex Kahani बाली उमर की प्यास
बाली उमर की प्यास पार्ट--17

गतांक से आगे.......................

मैने अपनी जेब में हाथ मार कर मोबाइल के कारण उभर सी गयी स्कर्ट को ठीक किया और बिना कोई जवाब दिए दरवाजा खोलकर बाहर निकल गयी..

संदीप पिंकी के साथ दूसरे कमरे में चुपचाप बैठा था.. पर मैं उसकी तरफ देख नही पाई..," चलें... पिंकी!"

"हाँ.. एक मिनिट.." पिंकी ने खड़े होकर मुझसे कहा और संदीप की ओर पलट गयी..," परसों तक आ जाएगी ना शिखा?"

"मैं.. बता दूँगा.." मुझे संदीप की आवाज़ आई.. मैं पहले ही बाहर की ओर अपना चेहरा घुमा चुकी थी.. पिंकी के बाहर आते ही हम सीढ़ियों से नीचे उतर गये...

"क्या कह रहा था ढोलू?" गली में आते ही पिंकी ने मुझसे पूचछा...

"एयेए.. हाआँ.. कुच्छ नही.. बस..." मैं उसका सवाल सुनकर हड़बड़ा गयी...

"तो फिर 10 मिनिट से उसके पास क्या कर रही थी...? अच्च्छा लड़का नही है वो.. इसके घर वाले भी इस'के काम धंधों से परेशान रहते हैं... तुझे ज़्यादा देर उसके पास नही रुकना चाहिए था..." पिंकी ने मुझे हिदायत सी देते हुए कहा....

"हां.. मुझे पता है.. पर मैं क्या करती.. इधेर उधर की बातें करता रहा.. पर्चे कैसे चल रहे हैं.. कोई दिक्कत तो नही है.. वग़ैरह वग़ैरह.. इसके पास तो रेवोल्वेर भी है.. मुझे दिखा रहा था.. बोल रहा था कि कोई प्राब्लम हो तो बता देना..." मैं अपने आप को बचाते हुए बातें बताने लगी...

"चल छ्चोड़.. हम दीदी को वो बात तो बताना भूल ही गये.. मनीषा वाली.." मैने बीच में ही रुक कर उसको बताया....

"अर्रे हाँ!.." पिंकी ने जवाब दिया..," चल.. जल्दी घर चल...

हम घर पहुँचे तो मीनू वापस आ चुकी थी.. घर के अंदर जाते ही वो मुझे कहने लगी..," चाचा मान गये.. कल तू मेरे साथ ही चलना..!"

मैने उसकी बात पर हल्की सी प्रतिक्रिया देते हुए कहा..," हाँ.. पर एक बात ग़लत हो गयी दीदी!"

"क्या?" मीनू ने चिंतित होते हुए पूचछा...

"वो.. हमने कल इनस्पेक्टर को ये कहा था ना कि तरुण परसों यहाँ से 11 बजे गया है......" मुझे मीनू ने बीच में ही रोक दिया..," एक मिनिट.. पिंकी.. मम्मी पापा तरुण के घर गये हैं.. तू चाय बना ला भाग कर...!"

"क्या दीदी? मुझे हमेशा अपने पास से उठा कर भगा देते हो.. मुझे सब पता है.. जो ये आपको बताएगी..." पिंकी ने अपना मुँह चढ़ा कर कहा....

"वो बात नही है पागल.. सच में चाय का दिल कर रहा है.. जब तक अंजू बात बता रही है.. तू भाग कर चाय बना ला.. प्ल्स!" मीनू ने याचना सी करते हुए कहा...

"ठीक है..!" पिंकी ने मुँह लटकाया और उपर चली गयी....

"तू पहले एक बात बता अंजू! कल अगर वो इनस्पेक्टर कुच्छ उल्टा सीधा बोलने लगा तो..?" मीनू ने पिंकी के जाते ही मुझसे कहा....

"क्या मतलब दीदी? मैं समझी नही" मैने कहा...

"वो.. मेरा कहने का मतलब है कि उसके पास वो 'लेटर्स' हैं.. अगर वो भी मुझे ब्लॅकमेल करने लगा तो..?" मीनू ने उदास होकर कहा...

"तो..." मैं चुपचाप उसके चेहरे को यूँही देखती रही..," मैं क्या बताउ दीदी?"

"चल छ्चोड़.. कल ही पता लगेगा.. उसके मॅन में क्या है.. तू क्या बता रही थी..." मीनू वापस मेरी बात पर आकर बोली...

" वो.. मानीषा है ना.. ट्रॅक्टर वाली....!" मैने कहा...

"हां.. क्या हुआ ?"

"उसने परसों रात 9:00 बजे के आसपास चौपाल में लड़ाई की आवाज़ सुनी थी.. उसने शायद इनस्पेक्टर को भी बता दी....!" मैने कहा...

"तो इसमें....!" मीनू बोलते बोलते अचानक रुकी और बात समझ में आते ही उसकी टोन बदल गयी," हे भगवान.. कब बताई उसने इनस्पेक्टर को ये बात?"

"शायद यहाँ आने से पहले ही उसको पता चल गया होगा.. तभी तो मुझे दोबारा ठीक से सोच कर बताने को बोल रहा था...!" मैने मीनू की तरह ही मरा सा मुँह बना कर कहा....

"ओह्ह.. इस'से तो हमारी झूठ पकड़ी जाएगी... इस बात पर तो हम अड़ भी सकते हैं.. पर अगर तरुण को किसी ने ग्यारह बजे से पहले ही मार दिया होगा तो हम ज़रूर झूठे हो जाएँगे... पोस्ट्मॉर्टम रिपोर्ट में तो सब कुच्छ आ जाएगा... फिर हम क्या कहेंगे...." मीनू रोने को हो गयी....

"एक बात कहूँ दीदी.. बुरा ना मानो तो.." मेरे दिमाग़ में कुच्छ आया था....

"हां.. बोल.. अब इस'से बुरा क्या होगा मेरे साथ..!" मीनू पूरी तरह हताश हो चुकी थी...

"वो.. मैं ये कह रही हूं कि उसको लेटर्स तो मिल ही चुके हैं... आप उसको सब सच सच क्यूँ नही बता देते.. कि वो आपको ब्लॅकमेल कर रहा था... उन्न लेटर्स के लिए.... फिर हम ये भी बोल देंगे कि हमने इसी बात को छिपाने के लिए झूठ बोला था..." मैने कहा....

मीनू कुच्छ देर तक चुपचाप बैठी सोचती रही... उसने मेरी बात पर कोई प्रतिक्रिया नही दी..," पर वो तो पिछे पड़ा है कि मुझे कातिल के बारे में पता है.. मैं कातिल कहाँ से लाकर दूँ उसको...."

तभी पिंकी चाय लेकर आ गयी," फँस गये ना हम दीदी?" उसने आते ही पूचछा...

"क्यूँ..? क्यूँ डरा रही है...?" मीनू ने हड़बड़ा कर कहा..

"नही.. वो 11 बजे वाली बात तो इनस्पेक्टर को पता लग गयी ना.. कि हमने झूठ बोला था...!"

मीनू ने पिंकी की बात का कोई जवाब नही दिया... तभी मैने प्रिन्सिपल मेडम की बात छेड़ दी..," एक बात और बताई है प्रिन्सिपल मेडम ने.. आज मुझे!"

"हां.. वो क्या कह रही थी तुझे.. अकेले में बुला कर...!" पिंकी ने पूचछा.....

" तरुण और सोनू परसों वापस स्कूल में गये थे.. सर से अकेले में कुच्छ बात की थी उन्होने.. मेडम कह रही थी कि ज़रूर उन्होने सर के साथ कोई समझौता किया था.. शायद उस रेकॉर्डिंग को दिखा कर ही डराया होगा उनको... तरुण उस दिन कह भी रहा था.. कि वो मास्टर अब कहाँ जाएगा बच कर...!" मैने उनको याद दिलाया...

"हाँ.. पर इस बात का क्या मतलब है?" मीनू ने मेरे बात बताने का मकसद पूचछा...

"मेडम बता रही थी कि उस मास्टर की पहुँच काफ़ी उपर तक है.. शराब के ठेके लेने जैसे कयि धंधे हैं उसके.. ऐसे आदमी ख़तरनाक तो होते ही हैं..." मैने आगे कहा....

"मतलब.. उस मास्टर ने तरुण को...." मीनू अचानक चुप हो गयी.. और फिर बोली..," पर उसको क्या पता कि तरुण हमारे पास आता है.. और उसको तरुण का घर भी कैसे पता होगा...." मीनू सोचते हुए बोली...

"मैं आज दिन भर यही सोच रही थी दीदी... सर को पता था कि तरुण हमारे गाँव का ही है.. फिर गाँव में आकर तरुण का घर पता करना मुश्किल नही है... हो सकता है उन्होने किसी को इस काम के लिए लगा दिया हो... और तरुण जब लेटर लेने के लिए घर गया हो तो वो आदमी तरुण के पिछे पिछे आ गया हो... और मौका देख कर मार कर चौपाल में...." मैने दिन भर इस बात पर की हुई मथापच्ची का निचोड़ उनको सुना दिया....

"हूंम्म्म..." मीनू मेरी बात पर सहमति जताते हुए बोली..," ज़रूर यही हुआ होगा.. तो क्या हम ये बात इनस्पेक्टर को बता दें..?"

"पर.. इस'से पिंकी की और मेरी पोले भी खुल जाएगी.. अगर वो इनस्पेक्टर सर के पास पहुँच गया तो..!" मैने डरते हुए कहा...

"फिर इस इनस्पेक्टर से पिच्छा कैसे च्चुड़ायें यार..? 'वो' तो मेरे पिछे ही पड़ा रहेगा.. जब तक कातिल नही पकड़ा जाता...!" मीनू रुनवासी सी होकर बोली....

"पहले कल आप सिर्फ़ वो ब्लॅकमेलिंग वाली बात बता कर देख लो दीदी.. बाद में सोच लेना..." मैने कहा...

"कल मेरे साथ चल तो रही है ना.. तू भी?" मीनू ने मुझसे पूचछा...

"हां.. चल पड़ूँगी दीदी.. पर प्लीज़.. ये बात मेरे सामने मत बताना उसको.. सर वाली..." मैने प्रार्थना सी की....

"चल ठीक है.. वो सब बाड़म आइन सोच लेंगे...."मीनू ने मेरी बात पर सहमति जताई....

"मैं घर जाकर आती हूँ दीदी... थोड़ी देर बाद आ जाउन्गि..." मैने खड़ी होकर कहा...

"चल ठीक है.. तेरे आने के बाद ही बात करेंगे...." मीनू बोली...

मैं घर के लिए निकली तो शाम ढलने लगी थी.. कयि तरह की बातों का भंवर सा इकट्ठा होकर मेरे दिमाग़ में उथल पुथल सी मचा रहा था.. अचानक मनीषा को अपने घर की दीवार से मुझे देखते पाकर मेरे कदम ठिठक गये.. मैं कुच्छ सोच कर पलट गयी और उसकी तरफ मुस्कुरकर बोली," कैसी हो मनीषा?"

शायद वह मुझे नही देख रही थी.. उसका ध्यान कहीं और ही था.. मेरे टोकने पर उसका ध्यान भंग हुआ..,"एयेए.. हां.. ठीक हूँ.." वह भी मेरी और मुस्कुरा दी...

एक बार मैने चलने की सोची... पर पता नही क्यूँ.. कुच्छ देर गली में खड़ी रही और फिर उनके आँगन में घुस गयी,"क्या कर रही हो?"

"कुच्छ नही.. " मुझे अंदर आई देख वह कुच्छ सकपका सी गयी..," ठंड जाने लगी है ना... अब कटिया को भी बाहर बाँधना है... उसी के लिए बाहर खूँटा गाड़ रहा हूँ.." उसने कहा और अपने थेग्लि (पॅचस) लगे हुए कुर्ते के हिस्से को छिपाने सी लगी.. घर का काम कर रही होने की वजह से ही शायद उसने इतने गंदे कपड़े डाल रखे थे....

शायद वह मेरे वापस जाने का इंतजार कर रही थी.. पर मेरे मंन में तो कुच्छ और ही चल रहा था..," वो तुमने परसों 9:00 बजे चौपाल से क्या आवाज़ें सुनी थी...?"

"एक मिनिट.. अंदर आ जाओ.. मैं 2 मिनिट में आती हूँ.." मनीषा ने नलके (हॅंडपंप) पर हाथ धोते हुए कहा और उपर भाग गयी... उसकी ये हरकत मेरी समझ में नही आई.. पर मैं उस'से परसों रात के बारे में जान'ना चाहती थी.. इसीलिए नीचे वाले कमरे में जाकर चारपाई पर बैठ गयी....

करीब पाँच मिनिट बाद वह नीचे आई और मुस्कुरकर मेरी और देखने लगी..

"तुम कपड़े बदलने ही गयी थी क्या?" मैने उसके पहने हुए नये कपड़ों की ओर देखते हुए पूचछा... उसने अपने हाथ पिछे छुपा रखे थे...

"हां.." उसने थोडा हिचक कर अपने हाथ आगे किए.. उसके हाथों में थमी एक प्लेट में कुच्छ मिठाई थी.. वह मेरे पास आकर बैठ गयी,"लो.. तुम्हारे लिए...!"

मैने मुस्कुरकर उसकी तरफ देखा और प्लेट में से एक बरफी उठा ली...

"तुम्हारे...... पेपर कैसे चल रहे हैं अंजू!" मेरी और प्यार से देखते हुए उसने पूचछा...

"अच्च्चे चल रहे हैं..! चाचा कहाँ हैं...?" मैने यूँही बात करने के लिए पूचछा....

"उपर पड़ा होगा दारू पीकर साअला!" उसने ज़मीन में देखते हुए कहा... उसके चेहरे के भाव ही बदल गये अचानक.. मुझे लगा मैने ग़लत बात छेड़ दी... पर अचानक ही मेरी और देखते ही उसकी मुस्कान फिर लौट आई," लो.. ना.. और खाओ! मैं शहर से लाया था.... आज!"

अपने लिए बोलते हुए वह कयि बार पुरषवचक शब्दों का प्रयोग कर देती थी.. पर गाँव में कोई उसकी इस बात पर हंसता नही था.. काम भी तो आख़िर वह कोल्हू के बैल की तरह करती थी.. ऐसा कौनसा काम था.. जो आदमी कर सकते थे और वह नही..!

मेरी दादी अक्सर बताती थी....उसकी मा के मरने के बाद घर के बदले माहौल ने बेचारी की स्थिति को बचपन में ही दयनीय सा बना दिया था... बाप पहले ही शराबी था.. कुनबे के नाम पर एक चाचा ही थे जिन्होने शहर में जाने के बाद कभी उनकी सुध ली ही नही.. गाँव वालों ने उसके बापू को बहुत समझाया था कि तेरे पल्ले एक बेटी है.. छ्चोड़ दे दारू! पर 'वो' कभी नही सुधरा.. अपनी आधी से ज़्यादा ज़मीन को तो वो दारू में घोल कर ही पी गया...

पर कहते हैं कि कुच्छ लोग नियती के बंजर खेत को अपनी मेहनत और संघर्ष के कुदाल (क़ास्सी) से पलट कर अपने जीने के लिए उसमें भी 2-4 मीठे फल उगा ही लेते हैं.. मनीषा उन्ही लोगों में से एक निकली.. जब से होश संभाला.. अपने घर को ही संभाल लिया..! बचे हुए खेतों में जी तोड़ कर मेहनत की.. अपने लिए 2 वक़्त की रोटी का भी जुगाड़ किया.. और अपने बाप के लिए शराब का भी.. पर बाकी ज़मीन बिकने ना दी... गाँव में सब उसकी मेहनत और जीने के जज़्बे की कद्र करते थे.....

"क्या हुआ? कहाँ खो गयी अंजू?" मनीषा की बात से मैं विचारों की दुनिया से निकल कर बाहर आई..," आ..आ.. कुच्छ नही.."
Reply


Messages In This Thread
RE: Desi Sex Kahani बाली उमर की प्यास - by sexstories - 10-22-2018, 11:29 AM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,710,595 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 570,165 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,322,902 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 1,006,103 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,774,846 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,182,099 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 3,126,331 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,646,012 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,219,929 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 305,253 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 3 Guest(s)