RE: Hindi Chudai Kahani हिटलर को प्यार हो गया
अमित-अरे क्या दूसरे राउंड का भी इरादा है.
प्रीति उसकी छाती में मुक्के मारती हुई बोली.
प्रीति-बदमाश चुप चाप चलो अब यहाँ से.
और उन दोनो ने कपड़े पहने और वापिस घर की तरफ चल दिए.
रीत और विकी की नज़दीकियाँ भी बढ़ने लगी थी. अब वो घंटो एक दूसरे से बात करते रहते थे. रीत तो बस बात बात पे विकी को बोलती रहती थी कि वो ये सब हरक़तें छोड़ दे. और विकी भी उसकी हां में हां मिलाता रहता था क्योंकि अभी तक रीत के संगमरमर के जिस्म को उसने हाथ तक नही लगाया था. अब रीत के मस्त जिस्म को भोगने के लिए वो रीत की बातें मान रहा था और उसके सामने उसने सिग्रेट वगेरा पीना छोड़ दिया था. क्यूंकी रीत को ये सब पसंद नही था. रीत भी खुश थी क्यूंकी विकी उसकी बातें मान रहा था और उसे अपना विकी को सुधारने वाला सपना आसान लगने लगा था.
आज विकी बहुत खुश था क्योंकि आज रीत उसके साथ मूवी देखने जाने वाली थी. बड़ी मुश्क़िल से उसने रीत को मनाया था. वो मन में सोच रहा था कि आज हो ना हो वो रीत के मखमली जिस्म के अंगों को मसल कर रहेगा. उधर रीत को थोडा डर ज़रूर लग रहा था क्यूंकी आज से पहले वो कभी किसी लड़के के साथ ऐसे मूवी देखने नही गई थी. क्यूंकी विकी ही उसका पहला प्यार था और शायद आख़िरी भी. लेकिन फिर भी वो खुश थी कि आज वो अपने प्रेमी के साथ मूवी देखने जा रही थी. सुबह से ही उसके शरीर में फुर्ती दिखाई दे रही थी. वो सब काम जल्दी जल्दी निपटा रही थी. और सब काम निपटा कर वो अपने गोरे बदन को मल मल कर नहाई और फिर उस गोरे बदन पे महरूण कलर का सलवार कमीज़ पहन लिया जो कि उसके शरीर के उपर पूरा फिट था और उसके अंग उसमे से बाहर निकल कर गिरने को हो रहे थे. वो अपनी स्कॉटी लेकर कॉलेज पहुँची और स्कूटी पार्क की और कॅंटीन की तरफ़ चल पड़ी. सामने विकी अपने दोस्त दिपु और बॉब्बी के साथ बैठा था. रीत को देखते ही तीनो के मूह में पानी आ गया और दिपु बोला.
दिपु-अरे हिट्लर क्या किस्मत पाई है तूने. देख तो साली आज कितनी मस्त लग रही है.
बॉब्बी-हां यार हिट्लर आज साली बचनी नही चाहिए. देख साली के मम्मे कैसे उच्छल कर बाहर गिरने को हो रहे हैं.
विकी-अबे सालो चुप करो वो यहीं आ रही है.
रीत उनके पास आकर.
रीत-हेलो विकी, हाई दिपु न्ड बॉब्बी.
विकी-हाई रीत चलें क्या.
रीत-ओके लेट'स गो.
विकी ने उन दोनो से विदा ली और रीत को लेकर अपनी बाइक की तरफ चल पड़ा.
दिपु और बॉब्बी जाते टाइम रीत के रगड़ खाते चुतड़ों को देख रहे थे और बातें कर रहे थे.
डिपु-अरे यार जब इसके बड़े बड़े और गोरे गोरे चुतड़ों के बीच हिट्लर का लंड जाएगा तो क्या सीन होगा.
बॉब्बी-हां यार क्या किस्मत पाई है साले ने कितनी मस्त लोंड़िया चोदने को मिल रही है साले को.
उधर रीत और विकी थियेटर में पहुँच चुके थे. और एक कॉर्नर में जाकर वो दोनो बैठ गये थे. मूवी शुरू हो चुकी थी और रीत मूवी देखने में व्यस्त थी. लेकिन विकी का ध्यान मूवी में ना होकर रीत के जिस्म पे था और वो सोच रहा था कि शुरुआत कैसे करे. उसने थोड़ी हिम्मत करते हुए रीत का हाथ पकड़ लिया और उसे धीरे धीरे सहलाने लगा. रीत मूवी देखने में मस्त थी. तभी विकी ने हाथ बढ़ाते हुए रीत की जाँघ पे टिका दिया और उसपे फिराने लगा. रीत की टाँग एकदम से काँपी और उसने अपनी टाँग दूसरी ओर खिसका ली और विकी का हाथ हटा दिया. रीत ने अपनी टाँग दूसरी टाँग के उपर चढ़ा ली और ऐसा करने से रीत का विकी की तरफ वाला चूतड़ थोड़ा उँचा उठ गया और विकी ने धीरे से अपना हाथ उसके टाँग उठाने से सामने आए उसके चूतड़ पे रख दिया और उसे चूतड़ और सीट के बीच घुसने लगा. रीत एकदम चौंक गई और उसने अपनी टाँग फिर से नीचे कर ली. लेकिन ऐसा करने से विकी का हाथ उसके दोनो चुतड़ों के नीचे दब गया. विकी की उंगलिया रीत के चुतड़ों की दरार में थी. रीत थोड़ा उपर उठी और उसने विकी का हाथ अपने चुतड़ों के नीचे से निकाल दिया और फिर से बैठ गई. और विकी के चेहरे के पास अपना मूह लेज़ाकार बोली.
रीत-विकी प्लीज़ ये सब मत करो.
रीत के चेहरे को अपने नज़दीक पाकर विकी ने एकदम से उसका चेहरा अपने दोनो हाथों में पकड़ लिया. रीत बिल्कुल बौखला गई अब उसे पता था कि विकी क्या करेगा. विकी ने अपना चेहरा बिल्कुल रीत के चेहरे के पास कर लिया. अब उनके चेहरे बिल्कुल आमने सामने थे. रीत अपना चेहरा विकी के हाथों में से छुड़ाना चाहती थी मगर विकी ने मज़बूती से उसे पकड़ रखा था. अब विकी अपने चेहरे को रीत के चेहरे की तरफ लेज़ाने लगा और रीत ने उसके होंठों को अपने होंठों की तरफ आता देख अपनी आँखें बंद कर ली और फिर कुछ ही सेकेंड में विकी के होंठ रीत के गुलाबी लरज़ते होठों के उपर थे.
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