RE: Hindi Chudai Kahani हिटलर को प्यार हो गया
कोमल के पास कोई जवाब नही था. क्यूंकी जिम्मी की बात सच थी वो स्कूल टाइम में ही 3-4 लड़को से जमकर चुद चुकी थी.
जिम्मी धड़ा धड़ धक्के लगाने लगा था कोमल हल्का हल्का कराह रही थी. 5मिनट तक चूत चोदने के बाद जिम्मी के मन में आया क्यूँ ना साली की गान्ड मारी जाए.
और उसने कोमल को उठाया और घुटनो के बल बेड पे झुका दिया. उसना अपना लंड पीछे से उसकी चूत में डाल दिया और धक्के मारने लगा. उसने अपनी एक उंगली गीली की और उसे कोमल की गान्ड के सुराख पे रख दिया और उसे वहीं मसल्ने लगा.
कोमल थोड़ी डर गई मगर वो अपनी चूत की चुदाई के मज़े में व्यस्त थी.
तभी अचानक जिम्मी ने अपना लंड निकाला और कोमल की गान्ड के छेद पे रखकर एक धक्का दिया और उसका थोड़ा सा लंड अंदर घुस गया. कोमल के मूह से एक जोरदार चीख निकली जो कि पूरे बंगले में सुनाई दी.
कोमल-जिम्मी ये क्या कर रहे हो प्लीज़ निकालो मुझे दर्द हो रहा है.
जिम्मी-अरे जानू आगे वाला छेद तो तुम्हारा पूरा खुला है उसमे मज़ा नही आता. मुझे तो आज तुम्हारी गान्ड ही मारनी है.
और वो हल्के हल्के धक्को के साथ लंड अंदर सरकाने लगा. गान्ड के छेद के किनारों पे थोड़ा खून भी दिखने लगा. मगर जिम्मी बिना परवाह के लंड अंदर बाहर करने ल्गा. और जोरदार धक्के लगाने लगा. कोमल का हाल बहाल हो गया और उसकी आँखों से आँसू निकल आए.
और उसकी दर्दनाक सिसकियाँ पूरे घर में गूंजने लगी. मगर जिम्मी धक्के लगाता रहा. कोमल की चूत पानी छोड़ने लगी और वो आगे बेड में अपना मूह गढ़ाए झड़ने लगी. फिर कुछ ही देर में जिम्मी ने भी अपना सारा पानी कोमल की गान्ड में भर दिया और लंड बाहर निकाल लिया और तब जाकर कोमल को थोड़ी राहत मिली. फिर जिम्मी ने कोमल को 2 बार और चोदा और फिर वापिस अपनी गाड़ी में उसे उसके घर के पास वाले बस स्टॉप पे उतार दिया.
विकी अपने रूम में बैठा था. रात के 10 बज रहे थे. उसने अपना मोबाइल उठाया और रीत को कॉल की.
रीत-हेलो विकी.
विकी-हाई जानू कैसी हो.
रीत-मैं ठीक हूँ तुम बताओ.
विकी-हमारा तो बुरा हाल है जानू.
रीत-अरे बुरा हाल है तो डॉक्टर के पास जाओ.
विकी-अरे यार डॉक्टर के पास हमारा इलाज़ कहाँ.
रीत-तो और किसके पास है.
विकी-एक लड़की के पास है.
रीत-अच्छा जी तो कोई और ढूंडली क्या.
विकी-हां यार है एक.
रीत-अरे अरे कॉन है वो मैं तुम्हे जान से मार दूँगी.
विकी-जानेमन तुम ही तो हो और 1 बार मेरे पास तो आओ फिर भले ही जान से मार देना.
रीत-नही नही तुम्हे जान से मारकर मुझे क्या मिलेगा.
विकी-तो क्या करना चाहती हो मेरे साथ.
रीत-मुझे कुछ नही करना है मुझे सिर्फ़ विकी चाहिए सिर्फ़ विकी कोई हिट्लर-विटलेर नही.
विकी-अरे जानू हिट्लर तो बन ना पड़ता है. अब भरे बेज़ार में तुम्हारे साथ कोई बत्तमीजी करे तो क्या मैं चुप चाप देखता रहूं.
रीत-मेरा ये मतलब नही था विकी. मेरा मतलब था कि तुम अपने घर का भी तो थोड़ा ख़याल करो. अपने माँ बाप का अपनी बेहन का.
विकी-तुम क्या समझती हो कि मुझे उनका फिकर नही है.
रीत-विकी फिकर कई तरफ से करना पड़ता है सिर्फ़ ये नही कि तुम्हारी बेहन को अगर कोई छेड़ता है तो उसे पीट दिया. विकी उसकी शादी की उमर हो रही है. और तुम अपनी फॅमिली इनकम तो जानते ही हो कितनी कम है.
विकी-बस बस अब छोड़ो ये सब बातें.
रीत ने भी सोचा कि अब आगे बात करना सही नही है.
रीत-ओके तो बताओ और क्या बात करनी है.
विकी-ह्म्म्म्म बात ये है कि. क्या कल हम घूमने चले.
रीत-अच्छा जी तो ये बात है. पर मैं मूवी देखने नही जाउन्गी किसी भी कीमत पर.
विकी-क्यूँ यार उस दिन इतनी मस्त तो मूवी थी.
रीत-वाह जी वाह तुम्हे पता भी है कि स्टोरी के हीरो-हेरोईएन कॉन थे.
विकी-हां हां मुझे पता है.
रीत-बताना ज़रा कॉन थे.
विकी-हीरो था हिट्लर विकी आंड हीरोइन थी नवरीत देओल(रीत).
रीत-ओह अच्छा जी. ये नवरीत कोन्सि हीरोयिन है जी. पहले कभी नही सुना इसके बारे में.
विकी-अरे यार क्या बताऊ बहुत ही मस्त आक्ट्रेस है. बहुत कमाल का फिगर है साली का.
रीत थोड़ा गुस्से से.
रीत- विकी ये साली क्या है.
विकी होश में आते हुए.
विकी-अरे अरे सॉरी जानू.
रीत-विकी तुम्हारी यही बातें मुझे अच्छी नही लगती.
विकी-मैने सॉरी बोल तो दिया यार.
रीत-हर बार ग़लती कर देते हो और फिर सॉरी बोल देते हो इस का क्या फ़ायदा. अपनी उस ग़लती से सीख लो ताकि फिर कभी ग़लती ना हो.
विकी-अब जाने भी दो बाबा तुम भी बस किसी टीचर की तरह लग जाती हो.
रीत हंसते हुए.
रीत-अच्छा तो अब मैं टीचर लगने लगी तुमको.
विकी-और क्या जब देखो लेक्चर देने लग जाती हो.
रीत-अगर मेरे लेक्चर को कभी ध्यान से सुना होता तो अब तक तुम गधे से इंसान बन जाते.
विकी-वाह अब मैं गधा लगता हूँ तुम्हे.
रीत-और क्या तुम गधे ही तो हो.
विकी-चलो ठीक है जो आप समझो. वैसे भी मेरा वो गधे जैसा ही है.
रीत-वो क्या?
विकी-समझ नही आई क्या जानू कि वो क्या होता है.
रीत बात को समझ कर चौंकते हुए.
रीत-तुम भी पूरे कुत्ते हो.
विकी-अरे यार कभी गधा बोलती हो कभी कुत्ता बोलती हो. वैसे कुत्ते का भी छोटा नही होता.
रीत-विकी मैं तुम्हे कच्चा चबा जाउन्गी.
विकी-अरे तुम आओ तो सही चबाने फिर देखते है कॉन चबाता है.
रीत-अच्छा जी ऐसी बात है.
विकी-हंजी ऐसी ही बात है.
रीत-वैसे मुझे हल्के में मत लेना मैं भी कम नही हूँ.
विकी-अरे जानू तुम तो वाकई कम नही हो. क्या हुस्न दिया है उपर वाले ने. अगर कोई ग़लती से तुम्हे नंगी देख ले तो मर भी सकता है.
रीत शरम से लाल हो गई.
रीत-तुम ना मुझसे मार खाओगे अब. ये तुम्हारी जीभ कुछ ज़्यादा ही चलने लगी है.
विकी-रीत छोड़ो सब बातें प्लीज़ ब्ताओ कल हम चलें कहीं घूमने.
रीत-कहाँ पे.
विकी-अरे कहीं तो लेकर जाउन्गा ही.
रीत-विकी मैं जानती हूँ कि तुम मेरे साथ क्या करना चाहते हो. पर प्लीज़ मैं वो सब अभी नही करना चाहती.
विकी-अरे यार इस जवानी को क्यूँ बर्बाद कर रही हो. हम तुम्हारे आशिक़ है थोड़ा बहुत हक़ तो बनता है.
रीत-ये थोड़े बहुत से क्या मतलब.
विकी-मेरा मतलब किस तो बनती ही है.
रीत-एक बार तुम्हे किस देकर पछता रही हूँ मैं तुम्हे.
विकी-रीत सच्ची बताना क्या तुम्हे मज़ा नही आया.
रीत-मुझे नही पता.
विकी-प्लीज़ जानू बताओ ना.
रीत-ह्म्म्म्म मुझे शरम आती है.
विकी-इसका मतलब तुम्हे मज़ा आया था.
चलो ये बताओ कल चलोगि ना घूमने.
रीत-कॉलेज में आकर पहले तुम्हारे तेवर देखूँगी फिर बताउन्गी.
विकी-चलो ठीक है जानू. कल मिलते हैं. ओके बाइ.
रीत-बाइ स्वीटू.
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