RE: Hindi Chudai Kahani हिटलर को प्यार हो गया
कोमल जिम्मी के फार्महाउस में पहुँच चुकी थी. वो सीधा अंदर चली गई और ड्रॉयिंग रूम में पहुँच कर उसने देखा कि जिम्मी टीवी देख रहा था. वो उसके पास गई और उसकी गोद में बैठ गई और जिम्मी ने भी बाहों में भर लिया और अपने होंठ उसके होंठों पे टिका दिए. काफ़ी देर तक वो एक दूसरे के होंठ चूस्ते रहे फिर जिम्मी ने उसकी टी-शर्ट निकाल दी और फिर उसके नीचे ब्लू ब्रा भी निकाल दी अब उसके बड़े बड़े मम्मे जिम्मी के सामने झूलने लगे.
जिम्मी ने बारी बारी दोनो को जी भर कर चूसा और फिर उसने कोमल को खड़ी किया और उसकी जीन्स खोल दी और नीचे ब्लू पैंटी में क़ैद कोमल की चूत पानी छोड़ रही थी. जिम्मी उसकी चूत को मसल्ने लगा और फिर उसने कोमल की पैंटी भी निकाल दी अब कोमल बिल्कुल नंगी हो चुकी थी. जिम्मी ने भी अपने कपड़े निकाल दिए और कोमल को सोफे के उपर झुकने का इशारा किया.
कोमल सोफे की पीठ के उपर हाथ रख कर झुक गई और जिम्मी ने अपना लंड पीछे से कोमल की चूत में डाल दिया. और तेज़ तेज़ धक्के धक्के लगाने लगा. उन्हे चुदाई करते करते अभी 5मिनट ही हुए थे कि ड्रॉयिंग रूम के दरवाज़े पर बहादुर और जीतू खड़े कोमल को दिखाई दिए. कोमल झुकी हुई थी और जिम्मी उसे चोद रहा था और वो दोनो बिल्कुल नंगे अपने लंड हाथ में लिए कोमल को घूर रहे थे. कोमल एकदम से खड़ी हुई और अपने कपड़े उठती हुई बोली.
कोमल-ये यहाँ क्या कर रहे हैं जिम्मी.
जिम्मी-अरे जानू आओ ना इन्हे देखने दो.
कोमल-जिम्मी मैं ऐसी लड़की नही हूँ.
जिम्मी ने एक जोरदार थप्पड़ उसकी गाल पे जड़ दिया और बोला.
जिम्मी-साली सती सावित्री बनती है हमने तेरा पूरा रेकॉर्ड चेक किया है साली कितने ही लड़के तो तुझे तेरे स्कूल में चोद चुके हैं. चुप चाप हमे खुश कर दे वरना ऐसा हाल करेंगे की याद रखेगी.
कोमल की आँखों से आँसू छलकने लगे मगर अब इन आँसुओं का असर किसी पर होने वाला नही था. वो तीनो कोमल की तरफ बढ़े और उसके हाथ से उसके कपड़े छीन कर फेंक दिए अब कोमल के पास कोई रास्ता नही था उसने को-ओपरेट करना ही सही समझा.
जीतू उसके पीछे गया और उसे पीछे से बाहों में भर लिया और पीछे से ही अपना लंड कोमल की चूत में पेल दिया. कोमल आगे को झुक गई और उसने बहादुर का लंड मूह में ले लिया और चूसने लगी और जिम्मी का लंड हाथ से पकड़कर सहलाने लगी.
फिर उसने जिम्मी का लंड मूह में ले लिया और बहादुर का हाथ से सहलाने लगी. पीछे से जीतू धड़ा धड़ धक्के लगाता रहा फिर उन्होने पोज़िशन चेंज की और बहादुर पीछे जाकर कोमल की चूत चोदने लगा और जीतू और जिम्मी एक साथ अपने लंड उसके मूह में घुसाने लगे. कोमल अब कभी जिम्मी का लंड चुस्ती तो कभी जीतू का.
फिर जिम्मी ने पीछे से जाकर अपना लंड कोमल की गान्ड में डाल दिया और उसकी गान्ड मारने लगा. कोमल को अब दर्द होने लगा मगर उस से कहीं ज़्यादा उसे मज़ा आ रहा था. जिम्मी का मूसल लंड जड़ तक उसकी गान्ड में उतर रहा था. पूरा कमरा उन चारो की आवाज़ों से गूँज रहा था. फिर उन्होने कोमल को वहाँ पे पड़े एक मेज़ पे लिटाया और जीतू उसकी टाँगों के बीच पहुँच गया और उसकी टाँगें हवा में उठा दी और अपना लंड उसकी गान्ड में डाल दिया.
बहादुर उसके पेट पर बैठ गया और अपना लंड कोमल के दोनो मम्मों के बीच फसा दिया और कोमल अपने मम्मे उसके लंड पर कसने लगी और बहादुर उसके मम्मे चोदने लगा. जिम्मी अब सोफे पर बैठा अपनी महबूबा को चुदते हुए देखने लगा. फिर बहादुर उसके पेट पर से उतरा और जीतू की जगह पहुँच गया और कोमल की गान्ड मारने लगा.
कोमल इस बीच 2 बार झड चुकी थी और उसे लग रहा था की वो एक बार और झड़ने वाली है और हुआ भी ऐसा ही उसकी चूत एक बार फिर से पानी छोड़ने लगी. बहादुर के धक्के भी अब तेज़ होने लगे और वो उसकी गान्ड में ही झड गया और फिर जीतू ने अपना लंड कोमल की चूत में पेल दिया और कुछ ही मिनिट में वो उसकी चूत में ही ढेर हो गया. वो दोनो जाकर सोफे पर बैठ गये और फिर जिम्मी उठा और कोमल को अपनी गोद में उठाया और बेडरूम में ले गया.
कमरा अंदर से बंद किया और कोमल को बेड पे लिटा कर उसके उपर सवार हो गया और उसे घोड़ी बनाकर कोमल की गान्ड चोदने लगा काफ़ी देर वो उसे चोदता रहा और जब उसे लगा कि वो झड़ने वाला है तो उसने अपना लंड निकाला और उसकी चूत में डाल दिया. उसने अपना सारा पानी कोमल की चूत में भर दिया और कोमल भी चौथी दफ़ा झड़ने लगी. फिर वो दोनो बाहर निकले तो बहादुर और जीतू अपने कपड़े पहन चुके थे. कोमल ने बिना उन से नज़र मिलाए कपड़े पहने और जल्दी से वहाँ से निकल गई.
|