RE: Kamukta Story एक राजा और चार रानियाँ
हर कोई कभी ना कभी महक को इस नाम से ज़रूर पुकारता था हिट्लर जो वो थी भी अपने नाक पे मक्खी तक नही बैठने देती थी पूरे महोल्ले मे मशहूर थे महक अपने झगड़ालू अंदाज़ की वजह से लड़कियों वाले तो शौक उसमे थे ही नही अपनी बुलेट बाइक पे किसी मर्द की तरहा कॉलेज जाती थी लड़के भी उससे डरते थे क्योंकि एक मर्तबा उसने अपने क्लास मे एक लड़के के गाल मे सबके सामने ज़ोरदार थप्पड़ रसीद किए थे
वजह किसी को पता नही थी.
नजमा;आबिद को ऐसे बडबडाते देख उसे किचन मे बुला लेते है जहाँ पहले से शबनम नाश्ता तय्यार कर रहे थे
नजमा;क्या हुआ बेटा कौन परेशान है
आबिद;देखो ना अम्मी मैने अपी को कहा कि सॅम भाई आने वाले है चलो उनके वेलकम के लिए तैयारी करते है तो वो उल्टा मुझ पे भड़क गयी हिट्लर कही की
नजमा और शबनम;दोनो हँसने लगते है अर्रे मेरा बेटा महक तो है ही मेंटल तू कहाँ उसके बातों का बुरा मान रहा है चल बैठ नाश्ता कर
शबनम;ये लो आबिद नाश्ता कर्लो और शबनम आबिद के सामने नाश्ता रख देते है
आबिद;भाभी महक आपके जैसी क्यूँ नही है
शबनम;कैसे आबिद
आबिद;इतने समझदार सबका ख़याल रखने वाली हमेशा सबसे प्यार से बात करने वाली
शबनम;मुश्कूराते हुए बस बस और मक्खन ना लगाओ और चुप चाप नाश्ता करो
नजमा;शबनम बेटा हम 2 बजे एरपोर्ट चले जाएँगे सॅम को लाने
शबनम;जी अम्मी
आबिद;मैं भी चलूँगा
नजमा;ठीक है सब मिलके चलेंगे ओके
समीर;आज दोपहर के फ्लाइट से इंडिया आने वाला था वो बहुत खुश था उसे यूके मे सब बहुत याद आते थे अभी तक उसके दिमाग़ मे अपने घर के लोगों को लेके कोई गंदा ख्याल नही था हालाँकि यूके मे वो कई कुँवारी और बड़ी उमर की औरतों को चोद चुका था
1पीएम;नजमा अपने कार मे दोनो बच्चों और बहू के साथ एरपोर्ट के लिए निकल जाते है
महक कुछ खास खुश नही थी सॅम के आने से
आबिद;शबनम की तरफ मुँह करके भाभी सॅम भाई कितना चेंज हो गये होंगे ना कितने दिन हो गये उन्हे देखे
शबनम;हाँ पर इतने भी चेंज नही हुए होंगे सॅम
शबनम भी दिल मे खुश थे वो सॅम को बहुत प्यार करते थे सिर्फ़ अपने देवर की नज़र से क्योंकि सॅम का चेहरा उसके शोहर से बहुत मिलता जुलता था वो जब भी सॅम को देख कर उसे उसके शोहर की याद नही आती थी उसे ऐसे लगता जैसे वो सामने ही है शबनम के दिल मे अपने देवर के लिए कोई ग़लत सोच अभी तक नही पैदा हुई थी
महक;बुरा सा मुँह बनाते हुए आबिद मुझे लगता है सॅम के सींग निकल आए होंगे इन दिनो है ना भाभी
नजमा;चुप कर महक जब देखो उट पटांग बातें करती रहती है ये लड़की और दोनो भाई बहेन हँसने लगते है
इस बात चीत मे वो एरपोर्ट पहुँच जाते है
करीब 2.3पीएम';समीर एरपोर्ट से बाहर आता है
वो बहुत हॅंडसम लग रहा था एकदम गबरू जवान चौड़ी छाती चेहरे पे मुस्कान और कोट पॅंट मे उसे देखा ही जासकता था वो सीधा अपनी फॅमिली की तरफ बढ़ता है
आबिद और महक तो उसे देखते ही रह जाते है
आबिद;कितना खूबसूरत लग रहे है भाई
महक;हन्ंननननणणन्
शबनम;उसे देख के मुस्कुराती है
और नजमा अपने बेटे को अपने गले से लगा ले ती है
नजमा;मेरा बेटा कितना अच्छा लग रहा है किसी की नज़र ना लगे कैसा है मेरा बच्चा
नजमा अपनी माँ की ममता सॅम पे बरसाने लगती है और उसे अपने से चिपका लेती है
सॅम;भी नजमा के गले ज़ोर से लगता है जिससे सॅम की चौड़ी छाती मे नजमा के नरम चुचे धँस जाते है
नजमा;अहह
महक;हमे भी मिलने दो पठ्ठे से--कैसा है सॅम थोड़ा मोटा हो गया है
सॅम;हंसता हुआ महक के गले लगता है मुझे तो तू मोटी लग रही है मेन्डक और दोनो भाई बहेन हंसते हुए एक दूसरे से मिलने लगते है
जब सॅम महक के गले लगता है तो उसे ज़मीन से उठा लेता है जिससे महक हवा मे उठ जाते है और उसके कड़क चुचे सॅम से जा टकराते है
महक;का दिल ज़ोर से धड़कने लगता है ऐसा उसके साथ पहले कभी नही हुआ था पर आज ये उसे क्या हो रहा है उसे सॅम की बाहों मे इतना अच्छा फील हो रहा है
आबिद;हटो भी मुझे मिलने दो भाई से
सॅम;अर्रे आबिद मेरा छोटा भाई कैसा है
आबिद;ठीक हूँ भाई आप कैसे हो
सॅम;बिल्कुल फिट देख तेरे सामने खड़ा हूँ
आबिद;सॅम को नीचे से उपर तक देखने लगता है और सॅम के गले लग जाता है
शबनम;कैसे हो सॅम
सॅम;ठीक हूँ भाभी आप कैसे हो
शबनम;मुस्कुराते हूँ ठीक हूँ
नजमा;अब क्या सारा दिन यहीं रुकने का इरादा है चलो कार मे बैठो
सॅम;अम्मी कार में चलो
नजमा;उसे कार की कीज़ देते हुए ओके
सॅम;कार स्टार्ट कर देता है और उसे भगाने लगता है
आबिद;आराम से भाई
सम;डर मत छोटे कुछ नही होगा
नजमा;धीरे चलाओ बेटा
सम;जी अम्मी और सॅम कार के स्पीड कम करदेता है
|