RE: Kamukta Story एक राजा और चार रानियाँ
देखो सॅम अगर तुम उसे सच मे प्यार करते हो तो पहले उसके दिल मे जगा बनाओ उसे तुम्हारी अहमियत पता होनी चाहिए और हाँ तुम उसे कितना प्यार करते हो इसका भी एहसास उसे दिलाओ उसके बाद तुम देखो गे कि वो अपना सब कुछ तुम पे न्योछावर कर्देति है
सॅम;ओूऊऊऊऊव भाभी यू आर एक्सलेंट आपका तो जवाब नही
शबनम;थोड़ा झेन्पते हुए थॅंक यू
सॅम;शबनम से नजमा के बारे मे पूछ रहा था और शबनम शायद ये समझ बैठी थी कि सॅम उसके बारे मे बात कर रहा है
कन्फुशन
लेकिन इन्सब बातों का ये प्लस पॉइंट निकला था कि सम और शबनम के बेच का वो परदा हाथ चुका था जो उन्ही एक ही घर मे दो हिस्सों मे बाते हुए था अब वो एक डुरे से काफ़ी फ्रॅंक बातें करने लगे थे और ऐसे ही बातों मे वो मिस्टर.जाफ़री के घर पहुँच जाते है
सॅम और शबनम मिस्टर.जाफ़री के घर पहुँच जाते है ये एक बड़ी सी हवेली थी जिसमे कई रूम्स थे सॅम एक नौकर को उनके आने की वजह बताता है वो एक रूम मे जाके मिस्टर.जाफ़री को इनफॉर्म करता है
कुछ देर बाद सॅम और शबनम उस रूम की तरफ चल देते है जहाँ मिस्टर जाफ़री थे
मिस्टर.जाफ़री;अर्रे आओ आओ सॅम बेटा कैसे हो अर्रे शबनम बेटी भी आई है
वो एक मुलाज़िम को इन्दोनो के लिए कुछ लाने के लिए कहते है
मिस्टर.जाफ़री;एक 4२ साल के मिड्ल एज शक्स थे पर बीमारी ने इन्हे इतना कमज़ोर कर्दिया था कि वो 60 साल के नज़र आने लगे थे उनकी दूसरी शादी हुए 1साल ही हुआ था पहली बीवी की मौत होचुकी थी वो तीनो आपस मे बातें कर रहे थे तभी रूम मे एक लड़की जिसकी उमर 23 से 24 साल के बीच होगी वहाँ आती है
सॅम;को लगा शाएद ये मिस्टर.जाफ़री की बेटी है पर उसे उस वक्त शॉक लगा जब मिस्टर.जाफ़री ने उस लड़की को बेगम कहा यानी ये उनकी दूसरी बीवी थी
सॅम;तो उसे देखता ही रह गया एक नायाब हीरा था वो जो कचरे मे पड़ा था जिस्म एकदम भरा हुआ कमर पीछे को निकले हुए चुची अपने ब्लाउस को फाड़ के बाहर आने को बेताब पेट एकदम चिकना जैसे संगे मरमर और वो थी भी किसी अजंता की मूरत जब वो हंस के सॅम और शबनम से बातें कर रही थी तो सॅम को ऐसे लग रहा था जैसे जन्नत की कोई हूर ज़मीन पे उतर आई हो और अपने लबों से मोटी बरसा रही हो उसका नाम था शीबा.
जब शिबा सॅम को ऐसे घूरते हुए देखती है तो उसके चेहरे पे एक कातिल मुस्कान आजाती है जिसे सॅम की आँखे एक पल मे पढ़ लेती है
मिस्टर.जाफ़री;शीबा का इंट्रो सॅम और शबनम से करवाते है और उनके बीच ऐसे ही बातें चलती रहती है
शबनम;शीबा से टाय्लेट का पता पूछ वहाँ चले जाती है उसे ज़ोरों की पेशाब आई हुई थी
मिस्टर.जाफ़री;अर्रे बेगम सॅम हमारे घर पहली बार आया है इसे हमारा घर दिखाओ ये तो बाहर से घर देख हमारे घर की बहुत तारीफ कर रहे थे ज़रा इन्हे अंदर से भी दिखा दो
शीबा;जी चलिए आपको अंदर का दिखा देती हूँ
उसने ऐसे अंदाज़ मे कही कि सॅम का लंड फूँकारे बिना ना रहसका
वो दोनो उपर बनी सीढ़ियों के तरफ चल देते है
उपर एक रूम मेपहुँच के शीबा सॅम को बेड पे बैठा देती है ये उसका बेडरूम था जो बहुत सलीके से सज़ा हुआ था
सॅम;इधर उधर देखने लगता है पर शीबा की नज़रें सॅम पर ही टिकी हुई थी
शीबा;सॅम तुम्हारी बीवी साथ नही आई
सॅम;जी वो मेरी अभी तक शादी नही हुई है
शीबा;ऊऊओह तो अपनी भाभी का ख़याल रखते हो कि नही
सॅम;समझ गया था शीबा की डबल मीनिंग बातें वो भी कोई कम थोड़े ही था
अभी तक उन्होने मौका कहाँ दिया है खिदमत का मैं तो दिल ओ जान से करने को तैयार हूँ
शीबा;ह्म्म्म्म मम बस अपनी भाभी की या..????/
सॅम;बेड से उठते हुए शीबा के पास आजाता है और उसकी कमर मे हाथ डालके उसे अपने चौड़े सीने से चिपका देता है
शीबा;उनह क्या कर रहे हो छोड़ो अहह
वो सिर्फ़ बोल रही थी हालाँकि वो खुद और सॅम से चिपकी जा रही थी
सॅम;उसकी आँखों मे देखते हुए तू बोल तेरा तो ऐसे ख़याल रखूँगा कि तू दिन रात मेरे गुण गाएगी और वो बिना देर किए अपने होंठ उसके नाज़ुक से होंठों पे जमा के चूसने लगता है गलपप्प्प्प्प्प्प गलपप्प्प्प्प्प्प्प गलपप्प्प्प्प्प
शीबा;उनह अहह नही छोड़ो ना उःन्ह्ंहंहंहंह्न गलपप्प्प्प गलपप्प्प्प्प कोई आजाएगा अहह गलपप्प्प्प्प्प्प बाद मे कर्लेना आह
सॅम;कब
शीबा;तुम मुझे अपना सेल नंबर दो मैं तुम्हे कॉल करूँगी और वो सॅम के लंड को उसकी पॅंट के उपर से मसल्ने लगती है उसकी आँखे किसी भूके भेड़िए की तरह चमक रही थी जिसे कई दिनो के बाद कुछ खाने को नसीब हुआ था
तभी उन्हे शबनम की आवाज़ सुनाए देती है
सॅम;शीबा से जल्दी से अलग हो जाता है और उसके सेल पे मिस कॉल मार के वो दोनो नीची चल देते है
कुछ देर और बातें करने के बाद सॅम और शबनम घर की तरफ चल देते है
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