RE: Kamukta Story एक राजा और चार रानियाँ
सॅम;अपने मुँह में नजमा की वो उंगली लेलेता है जिसे वो सॅम को दिखा के धमका रही थी
उसके उंगली चूसने का अंदाज ऐसा था जैसे कोई औरत लंड मुँह में लेके चुस्ती है
नजमा;अपनी उंगली उसके मुँह में से खींचते हुए
कमिनाते इंसान निकल जा मेरी नज़रों के सामने से तुझे डॉक्टर की ज़रूरत है
सॅम;मुझे आपकी ज़रूरत है अम्मी
और ये कहता हुआ सॅम नजमा के रूम से बाहर निकल जाता है
नजमा;कुछ हैरान कुछ परेशान सी उसे जाता देखती रह जाती है
जब भी वो सॅम को कुछ समझाना चाहती सॅम कुछ ऐसी हरकत कर देता कि नजमा कांप के रह जाती
रात 1एएम;;सभी अपने अपने रूम्स में सोचुके थे
पर सॅम को कहाँ नींद आने वाली थी उसे तो मसके का चस्का लगगया था वो मस्का जो शबनम की जाँघ पे लगा हुआ था
सॅम;सभी के रूम्स चेक करके शबनम के रूम के पास पहुँचता है
और जैसे ही वो रूम में दाखिल होता है उसका दिल ज़ोरों से धड़कने लगता है
एक किंग साइज़ बेड पे एक कोने में शबनम की माँ ज़ेबा सोई हुए थी और दूसरी तरफ शबनम.
सॅम;डोर लॉक कर देता है
सॅम;शबनम के पास जाके बेड पे बैठ जाता है और हल्के से शबनम के चेहरे पे हाथ फेरता है
शबनम;शायद अभी अभी लेटी थी वो अपनी आँखे खोल देती है और अपने पास सॅम को देख घबरा जाती है
शबनम;एक दम धीमी आवाज़ में..सॅम जाओ अम्मी अभी अभी सोई है
सॅम;अपनी गर्दन नही में हिलाता है और शबनम पे झुकता है
शबनम;उसे रोकने की कोशिश करती है पर तब तक सॅम शबनम के उपर चढ़ चुका था
सॅम;अपने दोनो हाथों से शबनम की ब्रेस्ट मसल्ने लगता है
शबनम;बहुत ज़्यादा घबराई हुए थी उसे समझ नही आ रहा था कि सॅम को कैसे रोके
पर सॅम की हरकतें उसकी जाँघ के बीच में कुछ और ही हलचल मचा रही थी
शबनम;ने एक नाइटी पहनी हुए थी जिसे निकालने में सॅम को कोई परेशानी नही हुई और शबनम के भरे हुए ब्रेस्ट सॅम के सामने आ गये बस एक ब्रा का परदा था
सॅम;शबनम के लिप्स को चूमने लगता है और अपने दोनो हाथ पीछे लेजाके उसकी ब्रा का हुक खोल देता है
शबनम;चाहती थी कि सम यहाँ वो सब ना करे क्यूंकी उसे डर था कि कहीं ज़ेबा जाग गयी तो कयामत आजाएगी
पर सॅम तो शायद यही चाह रहा था कि ज़ेबा जाग जाए उसे पता था कि शबनम से ज़्यादा सेक्सी माल ज़ेबा है
शबनम;एक दम खामोश हो जाती है
सम;उसे टॉपलेस कर देता है और शबनम के गुलाबी निपल्स को चूमने लगता है
शबनम;मचल सी जाती है वो भी अब यह भूल चुकी थी कि वो कहाँ है
शबनम;अपने हाथ नीचे बढ़ा के सॅम की पॅंट खोल देती है और बिना अंडर वेअर की वजह से सॅम का नाग झट से फॅन फैलाता हुआ शबनम के हाथ में आजाता है
शबनम;की आँखे मारे खुशी और जोश के चमक उठती है
वो जल्द से जल्द सॅम के लंड को अपनी चूत की गहराइयों में लेना चाहती थी ये भूल के कि किसी भी वक़्त ज़ेबा जाग सकती है और उन्हे रंगे हाथों पकड़ सकती है
ये चूत और लंड की आग थी ये ना जगह देखती है और ना रिश्ते
सॅम;का बुरा हॉल हो रहा था शबनम उसका आंडो के साथ साथ उसके लंड को भी मरोड़ रही थी
ये सारा खेल एकदम चुपके से बिना आवाज़ किए शुरू था साइड में ज़ेबा एक दम खामोश पड़ी थी
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