RE: Kamukta Story एक राजा और चार रानियाँ
दूसरे दिन जब नजमा;सॅम के रूम के करीब पहुँची तो रूम का दरवाज़ा खुला था पर सॅम बेड पे नही था बाथरूम में से पानी बहने की आवाज़ नजमा को एहसास दिलाती है कि सॅम नहा रहा है..
वो सॅम के लिए नाश्ता बनाने किचिन में चली जाती है
जब सॅम;हॉल में पहुँचा तो बिल्कुल खामोश था उसके चेहरे पे कोई भाव नही थे
नजमा;उसे नाश्ते की प्लेट सर्व करती है
एक पल के लिए दोनो की नज़रें मिलती है
सॅम;अम्मी मुझे आपसे कुछ बात करनी है
नजमा;हाँ बोल
सॅम;अम्मी मुझे माफ़ कर दीजिए मेने जो कुछ किया है शायद उसके सज़ा ये है कि में आपके नज़रों से हमेशा हमेशा के लिए दूर चला जाऊ
इसीलिए में ने ये फ़ैसला किया है कि में यूके जा रहा हूँ और वहीं रहूँगा
नजमा;के तो जैसे हाथ पैर फूल गये थे
तुझे मेरे बात इतनी बुरी लगी कि तूने इतना बड़ा फ़ैसला कर लिया
सॅम;कुछ नही कहता और चुप चाप वहाँ से चला जाता है
नजमा;खुद को कोस्ती है कि आख़िर मेने उसे ऐसा क्यूँ कहा कि दूर होज़ा मेरे नज़रों के सामने से
सारी ग़लती मेरी है मैं सॅम को कहीं जाने नही दूँगी कभी नही वो ठान लेती है
पर सॅम भी जाने की ठान चुका था.
कमाल की बात तो ये थी कि ग़लती सॅम ने किया था पर अफ़सोस नजमा को हो रहा था गुस्सा नजमा को होना चाहिए था पर रिएक्ट सॅम कर रहा था
दिल तो नजमा का टूटा था दिल के जिस कोने में एक धुंधली सी तस्वीर उभर के आई थी नजमा कि वो सॅम ने मिटाने की कोशिश किया था
ये इश्क़ नही आसान बस इतना समझ लीजे एक आग का दरिया है और डूब के जाना है.
आज पहली बार नजमा का दिल सॅम के जाने से हर्ट हुआ था इतना हर्ट कि कोई सोच भी नही सकता जब नजमा ने सॅम को फीरोजा की बाहों में देखी थी तब भी उसे इतना हर्ट नही हुआ था बल्कि सच कहीं तो उस वक़्त नजमा को जलन हुई थी जिसे उसने गुस्से की शकल में एक कड़वा घूट समझ के पी लिया था
पर आज जब सॅम उसे हमेशा हमेशा के लिए दूर जाने की बात कर रहा था तो पता नही दिल के किसी कोने में कोई चीखा ज़रूर था.
नजमा;सॅम के रूम में पहुँच जाती है जहाँ सॅम कपड़ों की पॅकिंग कर रहा था
सॅम;नजमा को देखता है और फिर दुबारा अपने काम में लग जाता है
नजमा;सॅम तू कहीं नही जा रहा है
सॅम;में जा रहा हूँ अम्मी
नजमा;मेने कहा तू कहीं नही जा रहा
सॅम;में जा रहा हूँ मतलब जा रहा हूँ
नजमा;सॅम के पास जाके उसके हाथ से कपड़े छीन लेती है और एक थप्पड़ उसके गाल पे जड़ देती है.
आँसू सॅम की आँखों में आने चाहिए थे पर रो नजमा रही थी..
तू खुद को समझता क्या है मैं तेरी अम्मी हूँ मेने कहीं तू नही जाएँगा और गर तू जाएगा तो अपनी अम्मी को ज़िंदा नही देख पाएगा
वो रुकी नही रोते हुए सॅम के रूम से निकल गयी.
सॅम;;हाथ में कपड़े पकड़े उसे जाता देखता रह गया.
महक;;जब कुछ देर बाद सॅम के रूम में आई तो सॅम बेड पे लेटा हुआ था
क्यूँ जवान मेने सुना कि तू जा रहा है
तुसी ना जाओ ना
महक;के चेहरे पे मुस्कान थी और होंठो पे शरारत.
वो सॅम और नजमा के बीच की सारे बातें सुन चुकी थी
सॅम;ठंडे आहें भरते हुए
तू अगर मुझे रोकते हुए मर भी जाती तो में नही रुकता पर अम्मी की बात में नही टाल सकता
महक;मरे मेरे दुश्मन तेरे जैसे..में क्यूँ तुझे रोकू जा जाना है तो जा
सॅम;बेड से उठ जाता है और महक के करीब आके उसकी आँखों में देखते हुए
सच में तुझे कोई फरक नही पड़ता
महक;नही
सॅम;मेरे आँखों में देख के कह ना फिर
महक;;तू जाना मुझे बहुत काम है.
सॅम;;महक को अपनी बाहों में कस लेता है इधर देख मेरी तरफ
महक;सॅम का चेहरा देखने लगती है.
बोल क्या है
सॅम;;अगर में चला गया तो तुझे कोई फरक नही पड़ेगा
महक;के होंठ लरज के रह जाते है दिल तो उसका भी दुखा था सॅम के जाने का सुनके पर उसके अहम ने उसे मजबूर किया हुआ था.
तुझ जैसे गंदी इंसान को कौन अपने घर में रखना पसंद करेगा महक ने घूरते हुए सॅम को कहा
सॅम;अब जब में गंदा हूँ ही सब की नज़र में तो क्यूँ ना तेरे साथ भी
महक;चुप कर कमिनाते और छोड़ मुझे वरना में अम्मी को आवाज़ दूँगी
सॅम;;सज़ा तो तुझे मिलेगी मुँह खोलने की मोटी
और अचानक महक के कुछ बोलने से पहले सॅम अपने होंठ महक के काँपते होंठों पे रख देता है.
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