Parivar Mai Chudai रिश्तों की गर्मी
11-02-2018, 11:27 AM,
#4
RE: Parivar Mai Chudai रिश्तों की गर्मी
मुनीम जी ने बाहर से कुछ आदमी बुलवाए और ताले को तुडवा दिया जंग खाया हुवा गेट चर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर करते हुवे खुल गया और मै अंदर दाखिल हो गया हर तरफ बस धूल-मिट्टी और जाले ही लगे थे ऐसा लग रहा था जैसे की सदियो से किसी ने झाँक कर भी नही देखा था इस तरफ फिर अंदर के कुछ खास कमरो का ताला भी तोड़ा गया और सफाई करवाई जाने लगी



हवेली के बीचोबीच एक विशाल पेड़ था उसके चारो और चबूतरा बना हुवा था तो वही पर हमारे लिए कुर्सिया और मेज लगवा दी गयी तो अब बारी थी मेरे सारे सवालो के जवाब जानने की तो मैने कहा मुनीमजी अब मुझे आप बताए सारी बात तो राइचंद जी बोले मालिक बताना क्या है ये हवेली घर है आपका आप यहाँ के मालिक है मैने कहा सर आपको कोई ग़लत फहमी हुवी है



तो वो बोले देव साहब कोई ग़लत फहमी नही है आप ही इस हवेली के मालिक है मैने कहा पर मै तो अनाथ हू और इंडिया से मेरा क्या लेना देना तो वो बोले आपको कुछ भी याद नही है मैने कहा क्या याद नही है मेरी धड़कन बढ़ गयी थी मै बुरी तरह से उतावला हो रहा था मैने कहा आप लोग प्लीज़ साफ साफ बताए कि ये सब क्या हो रहा है क्या मामला है



तो राइचंद जी ने राज़ की पहली परत को खोलते हुवे कहा की आप ठाकुर खानदान के आख़िरी चिराग है आप ठाकुर यूधवीर सिंग जी के पोते है ये सुनकर मेरे पैरो के नीचे से ज़मीन खिसक गयी मैने कहा पर मै तो ब्रिटिश हू तो वो बोले नही आप यहा के ही हो यहा के हालत कुछ ठीक नही थे उस टाइम तो आपको उस टाइम सलामत रखने के लिए आपके पिता के दोस्त के घर भिजवा दिया गया था तो मैने कहा अगर ऐसा था तो मुझे ये बात क्यो नही बताई गयी और फिर मै हमेशा ग़रीबी मे ही क्यो जिया तो राइचंद जी बोले की हमें हमेशा आपका ख़याल था हमारे लोग हर पल आपकी हिफ़ाज़त को आपके आस पास ही मोजूद थे ये 18 साल का समय कैसे निकाला है ये हम ही जानते है



उन्होने कहा सोचिए अगर आप इस खानदान के वारिस नही है तो कैसे आप लंडन के रॉयल स्कूल मे पढ़े तो मैने कहा की वो तो कोई हमेशा मेरी फीस भर देता था ……… एक मिनिट!!!!!!!!!!!!!!!! तो वो आप थे जो मेरी फीस भरा करते थे उन्होने कहा वो आपका ही धन था मै तो बस उसका रखवाला हू मालिक मैने कहा जब आपने मेरी वहाँ इतनी मदद करी है तो फिर मुझे उसी टाइम क्यो नही बताया तो वो बोले कि आपके दादाजी की ये हसरत थी की आप एक आम इंसान की तरह जिए




ताकि आपको आम आदमी के दुखो का पता रहे और आप ठाकुर होते हुवे भी आपका दिल ग़रीबो की मदद करे मैने कहा मुझे तो विश्वास नही हो रहा है पर अब आप कह रहे है तो मान लेता हू उन्होने कहा की यही सच है छोटे ठाकुर मैने कहा अगर ऐसा है तो फिर मेरा परिवार कहाँ है और ये हवेली बंद क्यो पड़ी है तो उन्होने कहा ये एक लंबी कहानी है......................



समय के साथ आप सब कुछ जान जाओगे पर पहले आप वकील साहिब के साथ कुछ कार्यवाही को निपटा ले मैने कहा पर मुझे तो कुछ नही चाहिए मेरा भी एक परिवार था यही बहुत है मेरे लिए तो वो कहने लगे कि नही अब आप आ गये है अब आप अपनी विरासत को संभाले और मुझे मेरी ज़िम्मेदारी से मुक्त करे वैसे ही गाँव मे लोग ताने देते है कि ठाकूरो का सब कुछ खा गया



इतनी सालो से इसी कलंक के साथ मै और मेरा परिवार जी रहे है गाँव मे हर कोई समझता है कि मुनीम ने ठाकूरो का धन दबा लिया है कोई सामने तो कोई पीठ पीछे बस यही चर्चा करता है देव बाबू आज तक मै इसी ज़िल्लत के साथ जीता आया हू पर आप मेरा विश्वास करे आपकी दोलत की पाई पाई का हिसाब है मेरे पास आप जब चाहे हिसाब ले लेना पर अब आप मुझे इस कर्ज़ से मुक्त करे और अपने पुरखो की विरासत को संभाले



मैं उनके आगे हाथ जोड़ता हुवा बोला की ये आप कैसी बाते कर रहे है ये जो कुछ भी है आपका ही तो है मै तो पहले ही कह चुका हू की मुझे इन सबका कोई लालच नही है वकील बाबू बोले सर फिर भी हमें तो अपनी तरफ से फॉरमॅलिटी करनी ही पड़ेगी ना और वैसे भी आपके दादाजी की अंतिम इच्छा यही थी की जब आप बीस साल के हो जाए तो सब कुछ आपको सुपुर्द कर दिया जाए



किस्मत ने मुझे एक ऐसा सर्प्राइज़ दिया था कि मुझसे सम्भल ही नही रहा था वकील ने कई फाइल्स पर मेरे साइन लिए काफ़ी बोर काम मुझे लग रहा था डॉक्युमेंटेशन मे काफ़ी टाइम लग गया पर फिर भी काम पूरा नही हुवा था शाम होने लगी थी तो मैने कहा बस जी अब बाकी का काम कल करेंगे तो राइचंद जी ने कहा कि देव साहब मै कल ही शहर चला जाता हू और हवेली मे बिजली लगवाने का काम करवाता हू



मैने कहा हाँ वो तो है और अगर अब मुझे यही रहना है तो थोड़ा ठीक से सफाई वग़ैरहा करवा दीजिए और पानी का इंतज़ाम भी तो वो बोले आप चिंता ना करे दो-चार दिन मे सारा काम हो जाएगा वो बोले जब तक यहा रहने लायक नही होता आप मेरे ही घर रहेंगे तो मैने कहा नही अब मै यही रहूँगा फिर गाँव मे आप ही तो अपने हो आपके घर तो आता ही रहूँगा



वो बोले जैसी आपकी इच्छा पर आपकी सुरक्षा के लिए मै कुछ आदमी तैनात कर देता हू मैने कहा इसकी कोई ज़रूरत नही है और होगी तो बाद मे देख लेंगे वो बोले आप भी अपने पुरखो की तरह ही ज़िद्दी हो राइचंद जी बोले पर आज तो आपको मेरे घर ही ठहरना होगा क्योंकि यहा तो सबकुछ चूहो ने कुतर डाले होंगे फिर उनका आग्रह मै टाल ना सका और उनके घर आगया
Reply


Messages In This Thread
RE: Parivar Mai Chudai रिश्तों की गर्मी - by sexstories - 11-02-2018, 11:27 AM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Thriller Sex Kahani - मोड़... जिंदगी के sexstories 21 13,891 06-22-2024, 11:12 PM
Last Post: sexstories
  Incest Sex kahani - Masoom Larki sexstories 12 6,666 06-22-2024, 10:40 PM
Last Post: sexstories
Wink Antarvasnasex Ek Aam si Larki sexstories 29 4,597 06-22-2024, 10:33 PM
Last Post: sexstories
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,756,562 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 577,468 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,343,634 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 1,028,009 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,805,069 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,206,205 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 3,168,421 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 4 Guest(s)