RE: Parivar Mai Chudai रिश्तों की गर्मी
उफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ कितनी गरम चूत थी उसकी मुझे लगा कही मेरे होठ जल ना जाए उसकी चूत से कुछ खारा खारा पानी बह रहा था पर उसका टेस्ट मुझे अच्छा लगा मैने सोचा जैसे ये मेरा लंड चूस रही थी वैसे ही मुझे भी इसकी चूत को चाट कर इसको भी वैसा ही मज़ा देना चाहिए तो मैने उसकी टाँगो को थोड़ा सा और फैलाया और अपनी जीभ को उसकी मस्त चूत पर रगड़ने लगा
लक्ष्मी की टाँगे धीरे धीरे काँपने लगी और वो मेरे सर को अपनी चूत पर दबाने लगी जब बीच बीच मे मे उसकी योनि पर काट ता तो उसकी मस्त गरम आहे सुनके मेरा लंड दुबारा खड़ा होने लगा था फिर वो लरजती हुई आवाज़ मे बोली कि थोड़ी तेज़ी से अपनी जीभ चलाओ तो मैं जल्दी जल्दी अपनी जीभ उसकी योनि पर रगड़ने लगा और कोई 5 मिनिट बाद ही उसकी चूत से गाढ़ा द्रव्य निकल कर मेरे चेहरे पर गिरने लगा लक्ष्मी की साँसे बड़ी ही तेज हो गयी थी जबकि मेरा लंड दुबारा खड़ा हो गया था
थोड़ी देर बाद वो वही ज़मीन पर घोड़ी बन गयी उसका मस्त पिछवाड़ा और भी बड़ा लगने लगा था मैं उसके पीछे आया और अपने लंड को चूत पर टिका दिया लक्ष्मी ने अपने चुतड़ों को थोड़ा सा पीछे किया और मैने भी ज़ोर लगाते हुवे लंड को आगे की ओर सरका दिया जैसे ही लंड का अगला हिस्सा चूत मे घुसने लगा लक्ष्मी ने एक आह भरी और बोली थोड़ा आराम से घुआसो
पर मैं पहली बार किसी औरत की चूत मारने जा रहा था तो मैने एक तेज धक्का आगया और आधा लंड उसकी चूत मे घुस गया लक्ष्मी ने अपनी आँखे बंद कर ली मैने हाथ आगे बढ़ा कर उसकी कमर को थाम लिया और और फिर अगले शॉट मे पूरा लंड उसकी गरमा-गर्म चूत के अंदर था अब मैं धीरे धीरे धक्के लगाने लगा पर थोड़ी देर बाद अपने आप मेरी रफ़्तार बढ़ती चली गयी और लक्ष्मी मे अपनी गान्ड को बार बार हिलाते हुवे आगे पीछे कर रही थी
मुझे बड़ा ही मज़ा आने लगा था मन कर रहा था कि ज़ोर ज़ोर से लंड को आगे पीछे करू उसकी चूत मे कोई 5-7 मिनिट तक उसी पोज़िशन मे हमारी चुदाई चलती रही फिर वो उठ कर खड़ी हो गयी और सीधी खड़ी हो गयी मैं उसकी ओर देखने लगा तो उसने अपनी एक टाँग मेरी कमर पर लेपटि और लंड को चूत पर रगड़ने लगी और फिर अपनी जैसे ही मैने अपनी कमर को उचकाया लंड फिर से चूत मे घुस गया
उसकी बड़ी बड़ी चूचिया मेरे सीने मे समाने को आतुर हो रही थी फिर उसने अपने चेहरे को मेरी ओर किया और मुझे किस करने लगी बड़ा ही मज़ा आ रहा था मैं उसके मोटे चुतड़ों को दबाते हुए उसकी चूत मार रहा था हम दोनो का शरीर पसीने से भीग गया था आधे घंटे तक हम लोग एक दूसरे के जिस्मो को तोल्ते रहे फिर लक्ष्मी का शरीर कांपा और वो ढीली पड़ गयी और ठीक कुछ पलो बाद मेरा शरीर भी उस अजब से अहसास मे डूबता चला गया मेरा वीर्य उसकी चूत मे गिरने लगा
दो पल हम दोनो एक दूसरे की आँखो मे देखते रहे फिर लक्ष्मी ने अपने कपड़े उठाए और पहन ने लगी तो मैने भी अपनी निक्कर-टीशर्ट पहन ली पर अब वो मुझसे बात नही कर रही थी तो मैं उसके पास गया और कहा कि अच्छा नही लगा तुमको वो बोली तुमने मुझे खराब कर दिया मैने कहा ऐसी बात नही है आप मुझे बड़ी अच्छी लगती हो और फिर आप कितनी मस्त हो मैं खुद को रोक ही नही पाया
फिर मैने कहा आपको मेरी कसम आप सच बताना आपको अच्छा लगा या नही तो वो थोड़ा सा शरमाते हुए बोली ऐसी चुदाई तो कभी मुनीम जी ने भी नही की मेरी मैने कहा जब भी आपको ऐसी चुदाई करवानी हो आप मुझे बता देना तो वो बोली तुम बड़े शरारती और ये गुण तो तुमको विरासत मे मिले है मैं फिर से लक्ष्मी को चूमने लगा तो वो बोली काफ़ी देर हो गयी है हमे वापिस चलना चाहिए
मुझसे रुका ही नही जा रहा था रास्ते मे दो-चार बार आख़िर उसकी गान्ड को दबा ही दिया मैने वैसे भी मुझे खाना खाने तो उनके घर जाना ही था तो मैं उसके साथ ही चला गया लक्ष्मी रसोई मे चली गयी मैं मुनीम जी से बाते करने लगा मैने कहा जल्दी ही मजदूरो का इंतज़ाम हो जाएगा और फिर कुछ और बाते करने लगे थोड़ी ही देर मे खाना भी लग गया
लक्ष्मी मुझे खाना परोसते हुवे बोली कि आज तुम यही रुक जाना और हल्का सा मुस्कुरा दी मैने कहा ठीक है खाने के बाद मैं और गोरी बात करने लगे तो मैने उसको बताया कि मैने मंदिर खोल दिया है वो बोली हाँ शाम को मैं अपनी सहेली के घर गयी थी तो मैने देखा था और कुछ लोग वहाँ सफाई भी कर रहे थे मैने कहा ये तो अच्छी बात है यार गाँव वालो ने आख़िर मेरी बात मान ही ली
मैने कहा गोरी कल मैं खुद वहाँ जाके सफाई के काम मे हाथ बटाउंगा और पुजारी जी को भी कहूँगा पूजा शुरू करने को मैं बोला गोरी अगर मेरे कहने से गाँव के लोग जब मंदिर आ सकते है तो फिर खेत मे काम करने क्यो नही आएँगे वो बोली देव देखो कल क्या होता है फिर लक्ष्मी ने गोरी और मुझे दूध दिया पीने को थोड़ी देर बाद गोरी बोली मुझे नींद आ रही है मैं चली सोने को
तो मैं भी अपन बिस्तर पर लेट गया और बाग मे हुवी घटना के बारे मे सोचने लगा मुझे तो यकीन ही नही आ रहा था कि लक्ष्मी की चूत मैने मार ली थी मैं बिस्तर पर करवटें बदल रहा था पर मुझे नींद नही आ रही थी फिर मेरा ध्यान लक्ष्मी से हट कर नंदू की मान चंदा पर चला गया मैने सोचा अगर लक्ष्मी की चूत मारने मे इतना मज़ा आया तो चंदा जब चुदेगि तो कितना मज़ा आएगा
मेरा लंड फिर से फुफ्कारने लगा था तो मैने अपना ध्यान हटाने को उठा और बरामदे मे आकर पानी पीने लगा घर की लाइट बंद थी मतलब सब लोग सो रहे थे तो मैं भी वापिस बिस्तर पर आ गया और सोने की कोशिश करने लगा मुझे नींद आई ही थी कि तभी कोई आया और मेरे बिस्तर पर चढ़ गया मैने कहा कॉन है तो वो साया बोला धीरे बोलो मैं हू लक्ष्मी
और मेरी बगल मे आकर लेट गयी मैने कहा आप इस वक़्त कोई आ गया तो वो बोली सब सो रहे है मुनीम जी और गोरी को मैने दूध मे नींद की गोली दे दी है मैने कहा पर आपके पास गोली कहाँ से आई वो बोली मुनीम जी जब घायल हुए थे तो दर्द से सो नही पाते थे तब डॉक्टर ने दी थी ना उनको तो कभी कभी देती ही हू आज गोरी को भी एक गोली दे दी है अब तुम हो और मैं हू
उसने मेरी निक्कर के अंदर हाथ डाल दिया और मेरे लंड को जगाने लगी मैने कहा कपड़े तो उतार दो तो उसने जल्दी से अपने कपड़े उतार दिए और मैं भी नंगा हो गया हम दोनो एक दूसरे से लिपटने लगे मैं लक्ष्मी के बड़े बड़े चुतड़ों पर हाथ फेरता हुवा बोला आप बहुत ही मस्त हो तो वो मेरे लंड को दबाती हुवी बोली कि तुम्हारा औजार भी अच्छा है
और लंड पर अपने हाथ को चलाने लगी फिर वो बोली मेरी चूची को दबाओ तो मैं अपने हाथ से उसकी चूची दबाने लगा लक्ष्मी ने एक आह भरी उसकी बड़ी बड़ी चूची मेरे हाथ मे समा ही नही रही थी जितना ज़ोर से मैं उसको दबाता उतना ही वो और भी बड़ी होती जा रही थी फिर मैने अपना मूह उसकी चूची पर लगा दिया और उसको चूसने लगा अब चूची औरत का संवेदन शील अंग होता है तो जल्दी ही लक्ष्मी के शरीर मे वासना का कीड़ा काटने लगा
10-15 मिनिट तक चूस चूस कर मैने उसकी छातियो को लाल कर दिया मैने फिर लक्ष्मी ने मुझे अपने उपर खीच लिया और मेरे लंड को अपनी बालो से भरी हुई चूत पर रगड़ने लगी वहाँ पर रागड़ाई से मुझे गुदगुदी सी होने लगी और अच्छा भी बहुत लग रह था लक्ष्मी ने अपने पाँवो को फैलाया और मुझे कहा कि अंदर डालो तो मैं उस पर झुकता चला गया
जैसे जैसे मेरा लंड उसकी चूत मे घुसता जा रहा था मुझे लग रहा था कि मैं स्वर्ग की सैर पर जा रहा हू उसकी कसी हुई चूत मेरे लंड को दबा रही थी लक्ष्मी ने अपनी टाँगो को थोड़ा सा उपर उठा लिया और अपनी बाहें मेरी पीठ पर कस दी और मेरे चेहरे को चूमने लगी मैं भी उसे किस करने लगा वो बोली धीरे-धीरे धक्के लगाओ तो मैं आहिस्ता से लंड को चूत की सैर करवाने लगा
मैं उसके कान पर काट ते हुवे बोला कि आप सच मे बहुत मस्त हो तो वो शरमा गयी और अपनी टाँगो को मेरी कमर पर लपेट दिया मैं उसके गालो को चूमते हुए चुदाई करने लगा पूरा लंड उसकी चूत से बहते पानी से भीग गया और पच-पुच की आवाज़ हो रही थी चूत और लंड के घर्षण से लक्ष्मी बहुत ही धीमी आवाज़ मे आहे भर रही थी तभी उसने पलटी खाई और मेरे उपर आ गयी और मेरे सीने पर झुकते हुए लंड पर उपर नीचे होने लगी उसकी चूचिया मेरे चेहरे से टकराने लगी थी
तो मैने उसकी ब्लॅक निप्पल को अपने मुँह मे ले लिया और सक करने लगा तो वो और भी जोश से लंड पर अपनी गान्ड मटकाने लगी उस कमरे मे बिस्तर पर हम दोनो एक बड़ा ही मजेदार खेल खेल रहे थे अब वो बड़ी ज़ोर से लंड पर कूदे जा रही थी मुझे लगा कि कही इसकी रफ़्तार से लंड टूट ना जाए पर वो खाली मेरे मन का वहम था अब वो मेरे उपर से उतर गयी
और बोली कि मेरी टाँगे अपने कंधो पर रख कर चोदो मुझे तो मैं वैसा ही करने लगा अब उसकी चूत और भी ज़्यादा गीली हो गयी थी लंड बार बार फिसले जा रहा था पर मैं रुक नही रहा था और पूरा दम लगा कर उसकी चूत को चोदे जा रहा था मैं भी अब काफ़ी आगे आ चुका था पल पल मेरी मस्ती और भी बढ़ती ही जा रही थी मैं अब उसके उपर आकर उसको चोद्ने लगा
वो भी अपनी गान्ड को उपर कर कर के चुद रही थी उसने अपनी बाहों मे मुझे कस के जाकड़ लिया था और अपने नखुनो को मेरी पीठ पर रगडे जा रही थी हमारे होठ एक दूसरे से जुड़े हुवे थे और नीचे चूत और लंड आपस मे जुड़े हुवे थे काफ़ी देर हो गयी थी हमे एक दूसरे से घुथम घुथा होते हुवे पर कहते है ना कि अगर शुरुआत है तो अंत भी होगा लक्ष्मी ने मुझे कस के जाकड़ लिया और झड़ने लगी जैसे ही उसका हुआ मेरे लंड ने भी अपना वीर्य छोड़ दिया
|