RE: Parivar Mai Chudai रिश्तों की गर्मी
मैने गोरी का हाथ पकड़ा और बस मे चढ़ गया और बोला बता कॉन थे वो तो उसने लास्ट की सीट की तरफ इशारा किया कुछ 6-7 लड़को का ग्रूप था मैने कहा चुन्नि किसने खीची थी तो उसने उंगली से बता दिया और मैं झपटा उस ओर और सीधा उसकी छाती पर लात मारी और उसको खीच कर बस से उतार लिया और मारने लगा तो उसके जो दोस्त थे वो भी उतर आए ये तो नंदू ने भी बंदूक उठा ली
मैने कहा नही नंदू ये मेरे शिकार है , तू बस देख तो एक बोला तू कॉन है बे साले जो इतना उफन रहा है क्या हो गया जो थोड़ी छेड़खानी कर ली कुछ तोड़ तो नही लिया ना इसका जानता है मेरा बाप कॉन है ये सुनकर मुझे और भी गुस्सा आ गया मैने कहा हराम की औलाद शूकर मना कि मैने अभी तक नही बताया कि मैं कॉन हू और गोर से देख तूने किस का आँचल पकड़ा था
गोर से देख इसे ये गोरी है देव की गोरी , अर्जुनगढ़ के ठाकुर देव की गोरी, ये सुनते ही उस लड़के के चेहरे का रंग उड़ गया उसके साथ जो भी दोस्त थे वो तुरंत ही मेरे पाँवो मे गिर गये और उस लड़के का पॅंट मे ही मूत निकल गया मैं आगे बढ़ा और उसकी कॉलर पकड़ते हुवे बोला साले तेरी इतनी हिम्मत कि तू लड़की का हाथ पकड़ेगा बुला साले तेरा बाप कॉन है बल्कि तू क्या बुलाएगा मैं ही तुझे और तेरे बाप को आज तुम्हारी औकात दिखाता हू
मैने कहा नंदू बाँध साले को गाड़ी के पीछे और ले चल घसीट कर इसके गाँव मे मैने कार से रस्सी निकाली और नंदू की सहायता से बाँध दिया उसको पीछे वो बार बार रोते हुए माफी माँगने लगा पर मैं उसको माफ़ नही करने वाला था मैं जहर भरी नज़रो से उन लड़को को देखता हुआ बोला हराम जादो अगर कोई तुम्हारी बहन को छेड़ता तो कैसा लगता तुम्हे लड़कियो की इज़्ज़त करनी सीख लो
तुम्हारी माँ बहन भी तो सहर जाती होंगी कोई उनके बदन को जब निहारे तो तुम्हे कैसा लगेगा तो वो सब माफी माँगने लगे मैने गोरी को कार मे बिठाया और उसकी सहेलियो को कहा कि तुम सब बस मे घर जाओ और बेफिकर हो कर जाओ मेरे रहते किसी की औकात नही जो अर्जुन गढ़ की बहन बेटियो की ओर आँख उठा कर देख सके मेरे बैठते ही नंदू ने कार स्टार्ट कर दी मैने शीशा थोड़ा नीचे कर दिया ताकि उस कमिने की चीखे सुन सकूँ , सड़क पर घिसते हुए हर पल उसकी चीखे बढ़ती जा रही थी जब हम उसके गाँव मे पहुचे तो उसकी खाल बुरी तरह से उतर गयी थी अंदर का माँस कट कट रहा था और खून तो ऐसे बह रहा था कि बस … मैने कहा खोल नंदू इसे गाँव मे भीड़ जमा होने लगी थी उसका बाप गाँव का ज़मींदार था
उसे पता लगते ही वो दौड़ा हुआ आया और अपने बेटे की हालत देख कर विलाप करने लगा मैने दहाड़ते हुवे कहा उस लड़के से देख साले तेरा बाप भी इधर है करवा मेरा जो करवा ना है तुझे उसका बाप मेरे पाँव पड़ता हुवा बोला ठाकुर साहब इस ना समझ से भूल हुई माफी दे दो इसको इसके बदले मुझे सज़ा दीजिए पर इसे इलाज की आग्या दीजिए मैने कहा मुझे कुछ लेना देना नही
इस से चाहे मरे या जिए पर अगर ये बच जाए तो समझा देना कि आशिक़ी अपनी औकात मे रहकर करे अगर इस गाँव के किसी भी लोंडे ने मेरे गाँव की छोरियों की तरफ ग़लती से भी देखा तो ये मेरा वादा है कि इस गाँव को शमशान का ढेर बना दूँगा और वो जो इसके दोस्त थे उनको भी समझा देना कि मोत से ना खेले वो लोग माफी माँगने लगे फिर मैं गोरी को लेकर उसके घर गया सारी बात सुनकर लक्ष्मी थोड़ी परेशान हो गयी
पर मैने उसको दिलासा देते हुवे कहा जब तक देव जिंदा है गोरी की तुम चिंता ना करो लक्ष्मी मेरा शुक्रिया अदा करने लगी मैने कहा आप इस घटना के बारे मे मुनीम जी से जिकर ना करना वरना वो परेशान हो जाएँगे और अब मैं भी चलता हू तो फिर मैने भी हवेली का रास्ता पकड़ लिया
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