Incest Kahani ससुराल यानि बीवी का मायका
11-05-2018, 02:27 PM,
#20
RE: Incest Kahani ससुराल यानि बीवी का मायका
ललित मेरे सामने सोफ़े पर बैठ गया और मेरा लंड अपनी दो मुठ्ठियों में पकड़ लिया. "कितना लंबा है जीजाजी, दो मुठ्ठियों में भी पूरा नहीं आता, सुपाड़ा ऊपर से झांक रहा है. मेरा तो बस एक मुठ्ठी में ही ..."

मैंने उसके मुंह पर अपना हाथ रख दिया. "ललिता रानी .... अब भूल मत कि तू लड़की है ... क्यों बार बार ललित के माइंडसेट में आ जाती है? जैसी भी है, तू बड़ी प्यारी है"

ललित ने एक दो बार लंड को ऊपर नीचे करके मुठियाया और फ़िर उसके सुपाड़े पर उंगली फिराने लगा. "कितना सिल्किश है जीजाजी ... एकदम चिकना ...और इतना फूला हुआ"

"तभी तो तेरी दीदी मेरे जैसे इन्सान को भी अपने साथ बहुत कुछ करने देती है नहीं तो मेरी क्या बिसात है तेरी दीदी के आगे!"

"नहीं जीजाजी, आप कितने हैंडसम हैं, नहीं तो दीदी शादी के छह महने के बाद घर आती? वो भी बार बार बुलाने पर? ये नसें कितनी फूल गयी हैं जीजाजी!" सुपाड़े के साथ साथ अब ललित उंगली से मेरे लंड के डंडे पर उभर आयी नसें ट्रेस कर रहा था.

मेरे लंड से खेलते खेलते उसने जब अनजाने में अपनी जीभ अपने गुलाबी होंठों पर फ़िरायी तो मैं समझ गया कि साला चूसने के मूड में था, चूसने को मरा जा रहा था पर हिम्मत नहीं हो रही थी. उसके वो नरम होंठ देखकर मैं भी कल्पना कर रहा था कि वे होंठ अगर मेरे लंड के इर्द गिर्द जमे हों तो? लंड और तन गया.

"कितना सख्त है जीजाजी ... जैसे कच्चा गाजर ..." उसकी हथेली अब फ़िर से मेरे सुपाड़े पर फ़िर रही थी.

मुझे भी अब लगने लगा था कि मस्ती ज्यादा देर मैं नहीं सह पाऊंगा. ललित के विग के बालों में से उंगलियां चलाते मैं बोला "तूने खाया है क्या कभी कच्चा गाजर?"

वो शरमा कर नहीं बोला. फ़िर मुझे पूछा "दीदी इसको कैसे चूसती है जीजाजी? याने जैसा मेरे को कर रही थी मुझे लिटा कर या ..."

"अरे उसके पास बहुत तरीके हैं. कभी लिटा कर, कभी मेरे बाजू में लेटकर, कभी मेरे सामने नीचे जमीन पर बैठकर ... पर बहुत देर इस डंडे से खेल खेलने का मजा लेना हो तो वो मेरी गोद में सिर रखकर लेट जाती है और घंटे घंटे खेलती है" कहते ही मुझे लगा कि गलती कर दी, यह नहीं बताना था. अब अगर ये सेक्सी छोकरा ... छोकरी वैसे कर बैठे तो? मैं घंटे भर रुकने के बिलकुल मूड में नहीं था.

पर अब पछताना बेकार था क्योंकि ललित ने मेरी बात मान ली थी. बिना और कुछ कहे वह मेरी जांघ पर सिर रखकर सो गया. फ़िर उसने लंड पकड़कर अपने गाल पर रगड़ना शुरू कर दिया. उसके नरम नरम गोरे गालों पर सुपाड़े के घिसे जाने से मुझे ऐसा हो गया कि पकड़कर उसके मुंह में पेल दूं. पर मैंने किसी तरह सब्र बनाये रखा.

अब ललित के भी सब्र का बांध टूट गया था, शर्म वगैरह भी पूरी खतम हो गयी थी. उसने लंड को पकड़कर जीभ से उसकी नोक पर थोड़ा गुदगुदाया. जैसे टेस्ट देख रहा हो. फ़िर चाटने लगा. उसकी जीभ मेरे सुपाड़े की तनी चमड़ी पर चलनी थी कि मेरी सिर घूमने लगा. सहन नहीं हो रहा था, लीना भी ऐसा करती है और मुझे आदत हो गयी है पर यहां ये चिकना लड़का था, लड़की नहीं और सिर्फ़ इस बात में निहित निषिद्ध यौन संबंध एक ऐसी शराब थी जो दिमाग में चढ़नी ही थी.

"ओह लीना रानी ... मेरी लीना .... मेरा मतलब है ललिता डार्लिंग ... मुझे अब मार ही डालोगी ..." फ़िर झुक कर ललित का गाल चूम कर मैंने कहा "एक पल को भूल ही गया था कि तू है ... वैसे अब जरा देख ललिता ... लंड थरथरा रहा है ना?"

"हां जीजाजी"

"याने अब ज्यादा देर नहीं है ... लंड को इस तरह से मस्ताने के बाद या तो उसे चूस लेना चाहिये या चुदवा लेना चाहिये" मैंने उसकी ब्रा मसलते हुए कहा.

"दीदी क्या करती है जीजाजी?"

"इस हद तक आकर तो वो चूस लेती है क्योंकि इसके बाद ज्यादा देर चुदवाना पॉसिबल नहीं है. आखिर मैं भी इन्सान हूं मेरी रानी, कोई साधु वाधु नहीं हूं कि सहता रहूं. अब तू क्या करेगी ललिता जान ... तू ही डिसाइड कर"

ललित शायद पहले ही डिसाइड कर चुका था, क्योंकि चुदवाने का ऑप्शन तो था नहीं, याने मेरे लिये था पर वो बेचारा क्या चुदवाये, कैसे चुदवाये, चूत तो थी नहीं, उसके पास बस एक ही चीज थी चुदवाने के लिये, और ये पक्का था कि वह खुद उसको ऑफ़र नहीं करेगा.

उसने मुंह बाया और मेरा सुपाड़ा मुंह में भर लिया. थोड़ा चूसा और फ़िर मुंह से निकाल दिया. उसके मुंह में सुपाड़ा जाना था कि मेरी नस नस में खुमार सा भर गया. इसलिये सुपाड़ा जब उसने निकाला तो बड़ी झल्लाहट हुई. पर मैंने प्यार से पूछा "क्या हुआ रानी? अच्छा नहीं लगा?"

"बहुत रसीला है जीजाजी, बड़ी चेरी जैसा पर ... कहीं आप को मेरे दांत ना लग जायें?" मेरी ओर देख कर ललित बोला.

"अरे तू क्यों चिंता करती है ललिता जान? नहीं लगेंगे, दुनिया में तू पहला ... पहली नहीं है जिसने लंड चूसा है. मुझे आदत है, लीना तो क्या क्या करती है इसके साथ चूसते वक्त!"

"जीजाजी ... दीदी ... मां ... भाभी जब मेरा चूसती हैं तो पूरा निगल लेती हैं, कभी थूकती नहीं ... वो अच्छा लगता होगा उनको? ... " उसको वीर्य निगलने का थोड़ा टेन्शन था. मैंने सोचा कि अभी तो समझाना जरूरी है नहीं तो बिचक गया तो मेरी के.एल.डी हो जायेगी, इतना सब करने के बाद मुठ्ठ मारनी पड़ेगी. अब तो मुझे ऐसा लग रहा था कि सीधे जबरदस्ती अपना लौड़ा उसके हलक में उतार दूं और पटक पटक कर उसका प्यारा सा मुंह चोद डालूं.

"अब ये मैं क्या बताऊं डार्लिंग ... हां ये सब मस्त चूसती हैं जैसे चासनी पी रही हों, अब अच्छा ही लगता होगा. पर तू चिंता मत कर डार्लिंग, मैं तेरे को बता दूंगा, तू तुरंत मुंह से बाहर निकाल लेना"

उसे दूसरी बार नहीं कहना पड़ा. झट से उसने मुंह खोला और मेरा पूरा सुपाड़ा मुंह में लेकर चूसने लगा.

मैंने उसके गाल सहलाये और हौले हौले आगे पीछे होने लगा, उसके मुंह में लंड पेलने लगा. फ़िर ललित का हाथ मेरे लंड की डंडे पर रखकर उसकी मुठ्ठी बंद की और उसका हाथ आगे पीछे किया. वह समझ गया कि मैं क्या चाहता हूं. सुपाड़ा चूसते चूसते वह मेरी मुठ्ठ मारने लगा.

अब रुकना मेरे लिये मुश्किल था, मैं रुकना भी नहीं चाहता था, ललित का गीला कोमल मुंह और उसकी लपलपाती जीभ - इस कॉम्बिनेशन को झेलना अब मुश्किल था. मैं जल्दी ही झड़ने की कगार पर आ गया, पर मैंने उससे कुछ नहीं कहा, बल्कि जैसे ही मैं झड़ा और मेरे मुंह से एक सिसकी निकली, मैंने कस के उसका सिर अपने पेट पर दबा लिया और लंड उसके मुंह में और अंदर पेलकर सीधा उसके मुंह में अपनी फ़ुहारें छोड़ने लगा.

बेचारा ललित एकदम हड़बड़ा सा गया. मेरे झड़ने का पता उसे तब चला जब उसके मुंह में गरम चिपचिपी फ़ुहार छूटने लगी. उसने अपना सिर हटाने की कोशिश की पर मैं कस के पकड़ा हुआ था. आखिर उसने हार कर अपनी कोशिश छोड़ दे और चुपचाप निगलने लगा. मैं बस ’आह’ ’आह’ ’आह मेरी डार्लिंग ललिता’ ’आह’ कहता हुआ ऐसे दिखा रहा था जैसे मुझे इस नशे में पता ही ना हो कि क्या हो रहा है.

ललित को पूरी मलाई खिलाने के बाद ही मैंने उसका सिर छोड़ा. आंखें खोल कर उसकी ओर देखा और फ़िर बोला "सॉरी ललित ... मेरा मतलब है ललिता ... क्या चूसा है तूने ... लीना भी इतना मस्त नहीं चूसती, मेरा कंट्रोल ही नहीं रहा"

ललित बेचारा उठकर बैठ गया. अब भी कुछ वीर्य उसके मुंह में था पर उसे समझ में नहीं आ रहा था कि निगल जाये या थूक दे. जिस तरह से वह मेरी मेरी ओर देख रहा था, मैं समझ गया कि सोच रहा है कि थूक डालूंगा तो जीजाजी माइंड कर लेंगे. इसलिये चुपचाप निगल गया.

"सॉरी मेरी जान ... सॉरी ... तुझे शायद अच्छा नहीं लग रहा टेस्ट. वो लीना का क्या है कि झड़ने के बाद भी चूसती रहती है, बूंद बूंद निचोड़ लेती है, तेरी मां और भाभी भी वही करती है, इसलिये मुझे ध्यान ही नहीं रहा कि तेरी पहली बार है. अब नहीं करूंगा"
Reply


Messages In This Thread
RE: Incest Kahani ससुराल यानि बीवी का मायका - by sexstories - 11-05-2018, 02:27 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Thriller Sex Kahani - मोड़... जिंदगी के sexstories 21 8,548 06-22-2024, 11:12 PM
Last Post: sexstories
  Incest Sex kahani - Masoom Larki sexstories 12 4,041 06-22-2024, 10:40 PM
Last Post: sexstories
Wink Antarvasnasex Ek Aam si Larki sexstories 29 2,853 06-22-2024, 10:33 PM
Last Post: sexstories
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,749,964 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 576,480 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,340,604 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 1,024,545 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,800,098 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,202,648 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 3,162,028 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 8 Guest(s)