Incest Kahani ससुराल यानि बीवी का मायका
11-05-2018, 02:29 PM,
#32
RE: Incest Kahani ससुराल यानि बीवी का मायका
"मैं कब कह रहा हूं कि सिर्फ़ गप्पें मारो शान्ताबाई. हां पूरा मत निचोड़ लेना बेचारे को, मेरे लिये भी थोड़ा रस छोड़ दिया करो. उसे खुश रखना है शान्ताबाई. इतना खुश कि आकर लीना के पास तारीफ़ के पुल बांध दे, मैं चाहता हूं कि वो यहां इतन रम जाये कि हमेशा आकर यहां रहे"

"मैं समझ गयी भैयाजी, आप चिन्ता मत करो. ऐसी जवानी का लुत्फ़ मिलने को तकदीर लगती है"

उस रात मैंने और ललित ने ज्यादा कुछ नहीं किया. बस बाहर बैठकर जरा गपशप की और किसिंग वगैरह की. ललित सोने तक उसी साड़ी को पहने हुए था इसलिये बस उसके उस स्त्री रूप की मिठास मैंने उसके चुंबनों में चखी.

"जीजाजी, आप से कुछ मांगूं तो आप देंगे?" वो बोला.

"वो शर्त के बारे में बोल रहा है क्या?"

"नहीं जीजाजी, वो ... याने आप भी ऐसे ... आप का बदन भी इतना गोरा चिकना और सुडौल है ... आप भी वो लिन्गरी में ... बड़े मस्त दिखेंगे" शान्ताबाई सच कह रही थीं. पर एक बात अच्छी थी कि ललित अब खुले दिल से अपने मन की बात कह रहा था.

"तेरी बात और है जानेमन, मेरी और. तू इतना नाजुक चिकना जवान है, अब पांच फुट दस इंच ऊंचा और बहात्तर किलो का मेरे जैसा आदमी अजीब नहीं लगेगा ब्रेसियर पहनकर?" मैंने लो कट ब्लाउज़ में से दिखती उसकी चिकनी पीठ सहलाते हुए कहा.

"नहीं जीजाजी, बहुत सेक्सी दिखेंगे आप, याने भले नाजुक युवती जैसे ना दिखें पर वो डब्ल्यू डब्ल्यू एफ़ रेसलिंग वाले चैनल पर जो पहलवान औरतें आती हैं ना, उनमें कुछ कुछ क्या सेक्सी लगती हैं ... "

"कल देखेंगे यार, वैसे तेरा इतना मन है तो ..." मैंने बात अधूरी छोड़ दी. सोचा कल उसे फुसला कर बहला दूंगा पर मुझे क्या पता कि हमारी अधूरी बात्चीत को वह यह समझ बैठेगा कि मैं तैयार हूं.

दूसरे दिन मुझे जल्दी ऑफ़िस जाना पड़ा. आने में भी छह बज गये. वैसे ललित अब घर में सेट हो गया था इसलिये वह अकेला कैसे रहेगा इसकी मुझे कोई चिन्ता नहीं थी. शाम को घर में दाखिल हुआ तो ललित साड़ी पहनकर बैठा था. आज उसने लीना की गुलाबी साड़ी और स्लीवलेस ब्लाउज़ पहना था. गुलाबी लिपस्टिक भी लगायी थी.

मैंने उस भींच लिया. कस के चूमा. "ललिता डार्लिंग, हार्ट अटैक करवाओगी क्या, लंड देखो कैसे खड़ा हो गया तेरी खूबसूरती देख कर, अभी चौबीस घंटे का भी आराम नहीं हुआ कल की चुदाई के बाद. सुबह तक गोटियां भी दुख रही थीं. अब चल, देख आज मैं कैसे चोदता हूं तेरे को"

"जीजाजी, अभी नहीं" नखरा करते ललित बोला "मुझे तैयारी करना है आपकी"

"अब चुदाई के लिये क्या तैयारी करनी है, और तुझे कुछ नहीं करना है, बस अपनी साड़ी उठाकर पट लेटना है और चुदवाना है मुझसे" मैंने उसे पकड़ा तो मेरी गिरफ़्त से छूटकर वो बोला. "भूल गये कल आपने प्रॉमिस किया था?"

मैंने बात बनाने की कोशिश की "हां ... वो ...अब रहने दो ना रानी .... क्यों इस पचड़े में पड़ें हम, वैसे ही इतना मस्त इश्क चल रहा है अपना, मन भी नहीं भरा अब तक"

"नहीं जीजाजी, मैं रूठ जाऊंगी, आप को पहननी ही पड़ेगी मेरी पसंद की ब्रा और पैंटी" पैर पटककर ललित बोला. "अभी के अभी आप मेरे साथ मॉल चलिये, मैं अभी खरादूंगी" उसके हाव भाव से लगता था कि औरतों की तरह जिद करना भी उसने भली भांति सीख लिया था.

"अब रहने भी दो ना डार्लिंग, मुझे अजीब सा लगता है" मैंने उसको मनाने की कोशिश की.

"पर मेरे को देखना है आपको औरत बने हुए. मैं सोचती हूं तो मेरा ... याने मैं गरमा जाती हूं" ललित मुझसे चिपटकर बोला, साड़ी में से भी उसके लंड का उभार मुझे महसूस हो रहा था.

"अब बाहर जाने का मूड नहीं है रानी, यहीं देखो ना, लीना की इतनी लिंगरी पड़ी है"

ललित मुस्करा दिया "याने पहनने को तैयार हैं आप, पर बाहर तो चलना ही है, लीना दीदी की पैंटी तो आप को शायद हो जायेगी, इलेस्टिक होता है उसमें, पर ब्रा आपको कम से कम ३८ कप डी साइज़ की लगेगी. दीदी की तो बस ३४ डी है"

"यार मुझे कैसा भी तो लगता है ऐसे जाकर ब्रा खरीदना" मैंने फिर कोशिश की.

"आप बस कार से चलिये मेरे साथ वो वरली की मॉल में. आप बाहर फ़ूड कोर्ट में कॉफ़ी पीजिये, मैं तब तक सब ले आऊंगा - आऊंगी" ललित बोला. पहली बार उसने ऐसे चूक कर मर्द का वर्ब इस्तेमाल किया था. मैं समझ गया कि जनाब मेरे ऊपर जो इतना फिदा हैं वो अब एक जवान लड़के की तरह याने क्या करना चाहते हैं मेरे साथ, ये पक्का है.

फिर भी मैंने हथियार डाल दिये, उसने मुझे इतना सुख दिया था, अब बेचारे को एक दो घंटे मन की करने देने में कोई हर्ज नहीं था.

हम मॉल गये. मैंने उस अपना कार्ड दे दिया. ललित आधे घंटे में शॉपिंग करके आ गया. आठ बज गये थे इसलिये हमने डिनर भी कर लिया. घर वापस आये तो नौ बज गये थे. 

ललित ने घर आकर ड्राइंग रुम में बैग में से पैकेट निकाले. एक ब्रा का पैकेट था, एक पैंटी का, एक विग का और एक शूज़ का. मैंने कहा "ये विग क्यों लायी है ललिता रानी? अच्छा मेरा पूरा लिंग परिवर्तन करके ही मानेगी तू आज, और ये जूते?"

"जूते नहीं जीजाजी, हाई हील्स" ललित मुस्करा कर बोला.

"हाई हील? मेरे लिये? अरे पर मुझे होंगे क्या? नाप के हैं?"

"हां जीजाजी, मैंने आपकी शू साइज़ देख ली थी. ८ तो है, कोई बड़े पैर नहीं हैं आपके, आसानी से मिल गयीं आपके साइज़ की "

मैं सोचने लगा कि यह लड़का तो इसको बड़ा सीरियसली कर रहा है. उसकी आंखों में आज गजब की मस्ती और चाहत थी. दिख भी बड़ा खूबसूरत रहा था, साड़ी पहनने का अब उसे इतना अभ्यास हो गया था कि शाम से वह स्लीवलेस ब्लाउज़ और नाभिदर्शना साड़ी उसने बिना झिझक बिना सेल्फ़्कॉन्शस हुए पहनी थी. मैंने सीधे उसको उठाया और गोद में लेकर बैठ गया. नेकिंग किसिंग के दौरान लग तो रहा था कि साले को वहीं पट लिटा कर साड़ी ऊपर करके चोद मारूं पर मैंने संयम रखा, साथ ही अपने लंड को पुचकारा कि अभी रुक जा राजा, आज रात को तुझे खुली छूट दूंगा कि इस मतवाली महकती कली को आज जैसा चाहे मसल ले.

चूमा चाटी, नेकिंग, कडलिंग करते करते ललित अब ऐसा हो गया कि उससे रहा नहीं जा रहा था. आखिर वह मेरी गिरफ़्त से छूट कर खड़ा हो गया और खींच कर अंदर ले जाने लगा.

"अरे अभी तो दस भी नहीं बजे" मैंने कहा. "रात बाकी है पूरी मेरी जान अभी तो, जरा पास बैठकर चुम्मे तो दे ठीक से"

"चुम्मे चाहिये तो पहले मैं कह रही हूं वैसा कीजिये. तैयार कर दूं पहले आप को" मेरी आंखों में आंखें डाल कर ललित बड़े मादक अंदाज में बोला.

मैंने सोचा क्या मस्ती चढ़ी है इसको. मजा आयेगा. फ़िर उसको पूछा "दिखा तो क्या लाया है मॉल से?"

"अब चलिये जीजाजी, और चुपचाप सब पहनिये. फ़िर देखिये मैं आपको कैसे चो .... " अपना सेंटेंस अधूरा छोड़ कर मुझे सोफ़े पर बिठाकर ललित जाकर सब पैकेट्स उठा लाया. फ़िर वहां ड्राइंग रूम के बड़े टीवी पर एक थंब ड्राइव लगाई. "मूवी देखने का प्रोग्राम है मेरी रानी?" मैंने पूछा

"हां, आज मैंने स्पेशल मुई डाउनलोड की है, पहले आप तैयार हो जाइये, फ़िर साथ साथ देखेंगे"

मैंने उसे रोक कर कहा "ललिता डार्लिंग ... ललित ... अब सच बता ... आज रात मेरी गांड मारने का इरादा है क्या? ये सब पहना कर मुझे औरत बनाकर करेगा क्या? चोदेगा?"

"हां जीजाजी, चोदूंगा. पहले अंदर चलिये और ये सब पहनिये" मुझे धकेलकर वह अंदर ले गया. मेरे कपड़े निकालते हुए मेरे नितंबों को पकड़कर मसलते हुए ललित बोला "बहुत अच्छी लगती है मुझे आपकी गांड. इतनी कसी हुई और ठोस सॉलिड है. उस दिन जब आप भाभी और मां को चोद रहे थे तो मुझे इनका परफ़ेक्ट व्यू मिल रहा था. तभी से मैंने ठान ली थी कि आपकी गांड जरूर मारूंगा, भले मुझे कोई भी कीमत देनी पड़े. और सच जीजाजी, आप मुझे बहुत अच्छे लगते हैं, याने आपसे लड़की बनकर चुदवाने में और आपका लंड चूसने में भी मुझे बहुत मजा आता है" ललित ने अपने दिल की सारी बातें आज कन्फ़ेस कर ली थीं.
Reply


Messages In This Thread
RE: Incest Kahani ससुराल यानि बीवी का मायका - by sexstories - 11-05-2018, 02:29 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,710,718 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 570,184 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,322,959 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 1,006,184 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,774,910 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,182,148 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 3,126,473 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,646,382 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,220,034 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 305,261 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 1 Guest(s)