Antarvasna kahani माया की कामुकता
12-13-2018, 02:39 AM,
RE: Antarvasna kahani माया की कामुकता
रात होने वाली थी, भारत फ्रेश होके आज 3 दिन में पहली बार होटेल के रॅस्ट्रो में खाना खाने गया... टेबल पे अकेला बैठ बैठ उसके दिमाग़ में तूफान से चलने लगे थे.. शॅरन और निधि का मर्डर एक साथ.. और एक ही तरीके से....



"यू नो आइ रीड सो मेनी डीटेक्टिव नॉवेल्स... आइ रीड इन एनी नॉवेल, ऑल मर्डरर्स लीव सम क्लू बिहाइंड... " भारत के पीछे बैठी 2 मलेशियान लड़कियाँ आपस में बात कर रही थी



यह बात सुन भारत ने थोड़ा अपने दिमाग़ पे ज़ोर डाला..



"मैं पीछे से गया, पीछे जाके खिड़की तोड़ी.. खिड़की से अंदर जाके मैने शालिनी के लिए दरवाज़ा खोला जो खिड़की के राइट में है.. दरवाज़ा खोलते ही हम ने नीचे के रूम्स देखे और 

वहाँ कुछ ना पाके शालिनी की नज़र बेसमेंट में गयी.. वहाँ से हम बेसमेंट में गये, और फिर बेसमेंट में ज़्यादा समान नहीं था... वहाँ से हम ने पोलीस को कॉल किया.. अगर कोई क्लू होगा तो वो बेसमेंट में और लिविंग रूम में नहीं है..." भारत ने खुद से कहा और रॅस्ट्रो से भाग के बाहर जाके टॅक्सी लेके निधि के घर की तरफ बढ़ा... शाम का वक़्त था लेकिन 

सूरज ढल चुका था, इसलिए निधि के घर के बाहर जो पोलीस वाले रहते थे, वो अब वहाँ नहीं खड़े थे.. भारत ने टॅक्सी वाले को आगे जाके एक कोने में खड़े रहने की हिदायत दी.. टॅक्सी के जाते ही भारत ने चुप के से पोलीस की लाइन क्रॉस की और पीछे के दरवाज़े से ही घर में घुसा.. टॉर्च ऑन करके उसने सबसे पहले उपर जाती हुई सीढ़ियों पे रोशनी मारी... हर एक स्टेप भारत धीरे धीरे चढ़ा और हर एक कोने में टॉर्च मारता गया, शायद कहीं कुछ दिख जाए.. उपर सीढ़ियों के ख़तम होते ही लेफ्ट साइड में एक दरवाज़ा था कमरे का.. भारत ने उस दरवाज़े को ओपन किया, पर वो लॉक्ड था.. शायद पोलीस लॉक करके गयी हो.. उस दरवाज़े के ठीक बगल से एक छोटी सी स्टेर केस लगी हुई थी जो उपर जाती थी... भारत ने वहाँ टॉर्च मारी और उस स्टेर केस को फॉलो करके उपर पहुँचा.. उपर पहुँचते ही उसने देखा, तो एक ट्राइंगल सा बना हुआ था.. एक आंगल में निधि के घर की नीचे वाली कॉरिडर दिखती, एक से उसकी बगल वाले घर की. तीसरे आंगल में टेरेस की दीवार काफ़ी बड़ी थी... शायद 10 फुट के करीब



"अगर कातिल यहाँ से भागा होगा तो यह दीवार फाँद के ही.. पर यहाँ कूदना आसान नहीं लग रहा..." भारत ने खुद से कहा... कुछ सोच के भारत टेरेस के उस कोने में गया जहाँ से वो स्टेर ख़तम ही थी... वहाँ से एक दम तेज़ी में भारत उस लंबी दीवार की तरफ कूदा और दीवार चढ़ने की कोशिश की.. पहली दो तीन कोशिश उसकी ना काम रही.. लेकिन तीसरी कोशिश में भारत ने दीवार के उपर एक मज़बूत पकड़ बना ली, और दीवार पे लटक सा गया... लटक के दीवार के बेस पे वो पेर के भरोसे उपर चढ़ने लगा.. धीरे धीरे कर, काफ़ी कोशिशों बाद, भारत उस दीवार के उपर आ गया.. दीवार के उपर आके वो दोनो पेर अपने दोनो साइड लटका दिए, बच्चो जैसा बैठ गया... उसने टॉर्च थोड़ी दूरी पर मारी थी कि उसे कुछ चमकता हुआ दिखा..



"सही है.. मर्डरर कुछ ना कुछ क्लू तो अपने पीछे छोड़ के ही जाता है.." भारत ने खुद से कहा और वो चीज़ उठा के चुपके से अपने होटेल के लिए निकला


"शालिनी.. यस, मैं आज निकल रहा हूँ... ऑल क्लियर हियर.." भारत ने अपने बॅग को पॅक करके कहा



"यू फाइन ना बेबी... " शालिनी ने जवाब में बस इतना कहा



"ऑफ कोर्स... अब इससे ज़्यादा बुरा कुछ हो ही नहीं सकता मेरे साथ.. बट यस आइ एम फाइन.. डोंट वरी.." भारत ने अपने आँसुओ को दबा के कहा



"अब तुम इतना अच्छा झूठ नही बोल सकते हो... कम सून.... मिस या.." कहके शालिनी ने भी हताश होके फोन कट कर दिया



उधर भारत भी अपने होटेल के रूम में अपना सर पकड़ के बैठ गया.. उसकी आँखें लाल थी, बाल बिखरे हुए, किसी को उसकी आँखें ना दिखे तभी उसने अपनी टी शर्ट में काला चश्मा लगा रखा था, बस एक आँसू नहीं थे उसकी आँखों में... दो दिन हो गये थे भारत बस कॉफी और सिगर्रेट पिए जी रहा था.. निधि के घर से उसे जो सबूत मिला था उसके बारे में भी उसने किसी से नहीं कहा था... उसने एक बार फिर अपनी राइट पॉकेट में हाथ डाला और उस सबूत को लेके उसे घूर्ने लगा... उसके हाथ में थी एक पतली सी प्लॅटिनम की चैन.. प्लॅटिनम की चैन में कुछ ख़ास नहीं था, एक दम पतली सी चैन , जिसे लड़कियाँ पहनती हैं.... पहले तो भारत के दिल में ख़याल आया के शायद निधि की होगी वो, लेकिन फिर उसे यह भी पता था के निधि को ऑर्नमेंट्स से आलर्जी थी, इसलिए वो कभी भी कोई ऑर्नमेंट नहीं पहनती थी... ध्यान से भारत ने एक बार फिर चैन को देखा लेकिन उसे कुछ ऐसा नहीं मिला... चैन को हाथ में लेके, उसने अपना बॅग उठाया और चेक आउट करने चला गया... फ्लाइट में अभी तीन घंटे थे, इसलिए उसने चेक आउट करने से पहले रॅस्ट्रो में जाना सही समझा.. 



"एक्सक्यूस मी.. कॅन यू प्लीज़ गेट मी सम प्योर् आइरिश कॉफी.. आंड सम कुकीस इफ़ यू कॅन" भारत ने वेटर को बुला के कहा



"शुवर सर... " कहके वेटर की आँख भारत की टेबल पे रखी उस चैन पे गयी...



"प्रेशियस.. दिस ईज़ वन ऑफ दा एक्सक्लूसिव चैन आइ हॅव एवर सीन इन माइ लाइफ.." वेटर ने भारत से कहा.. वेटर की यह बात सुन भारत ने उसे फिर कहा



"कॅन यू टेल मी व्हाट्स एक्सक्लूसिव अबाउट दिस पीस..." भारत ने उसके हाथ में चैन देते हुए कहा



"आइ गेस दिस चैन ईज़ वन ऑफ दा पीसस वोर्न बाइ वन ऑफ दा किंग्स ऑफ अरब.. लास्ट मंत इट वाज़ ऑक्षंड हियर.." वेटर ने भारत को चैन वापस देते हुए कहा



"आंड इट वाज़ पर्चेस्ड बाइ.." भारत ने सवाल पूछते हुए कहा



"आइ डोंट नो दा नेम सर, बट माइ फ्रेंड ईज़ अन आक्षनियर.. ही टोल्ड मी देअर वाज़ आन यंग इंडियन लेडी हू पर्चेस्ड दिस पीस.." वेटर ने भारत को फिर जवाब दिया



"कॅन आइ मीट युवर फ्रेंड प्लीज़.." भारत ने अपनी चेअर पे खड़े होके कहा



"आम अफ्रेड सर, ही ईज़ नो मोर... ही डाइड ऑफ लंग्ज़ कॅन्सर फ्यू वीक्स बॅक.. एनीवेस, आइ विल गेट युवर ऑर्डर... थॅंक यू वेरी मच.." कहके वेटर भी वहाँ से निकल गया



वेटर की इस बातचीत से एक बार फिर भारत के दिमाग़ के चक्के काम पे लग गये... लेकिन फिर इस आधी इन्फर्मेशन से कुछ पता नहीं चलेगा, यह सोच वो फिर हताश हुआ और बैठ के अपनी कॉफी का इंतेज़ार करने लगा... कुछ ही देर में कॉफी लेके उसने चेक आउट किया और एरपोर्ट की तरफ बढ़ गया... एरपोर्ट पे ही उसने चेक किया कि निधि की बॉडी के लिए मलेशियान सरकार ने एक अलग प्लेन अरेंज किया था...भारत उस प्लेन में आने की हिम्मत नहीं कर पाया.. करीब, 3 घंटे में भारत मुंबई पहुँचा जहाँ निधि की बॉडी के लिए एक आंब्युलेन्स खड़ी थी.. अंबूलांस के पास शालिनी और उसके मोम डॅड भी खड़े थे... निधि की बॉडी उस आंब्युलेन्स में रखी गयी..



"शालिनी...." भारत ने इतना ही कहा के शालिनी ने उसे जवाब दिया



"यस आइ नो... तुम नहीं देख पाओगे उसे, डोंट वरी, आइ विल कम इन आंब्युलेन्स विद हर.. यू टेक माइ कार... ड्राइव केर्फुली प्लीज़.." कहके शालिनी ने भारत को गाड़ी की चाबी दी और उसे गले लग कर फिर आंब्युलेन्स में ही बैठ गयी... आंब्युलेन्स के पीछे पीछे भारत चलने लगा , जैसे जैसे वो लोग स्मशान के करीब पहुँचते, वैसे वैसे भारत की आँखों का रंग बदलता जाता... थोड़ी देर में जब चारों लोग स्मशान पहुँचे, भारत ने काले चश्मे लगा कर अपनी आँखें छुपानी चाही...



"डोंट वरी... यू कॅन क्राइ बेबी... " कहके शालिनी ने भारत के ग्लास उतारे और उसे हग करने लगी...
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