Nangi Sex Kahani जुनून (प्यार या हवस)
12-24-2018, 01:35 AM,
#66
RE: Nangi Sex Kahani जुनून (प्यार या हवस)
निधि के नंगे जिस्म को घूरती हुई दो आंखे थोड़ी चौड़ी हो चुकी थी ,गुलाल फैल कर उसके जिस्म के कुछ हिस्सो में लग चुका था ,माथे का गुलाल फैल चुका था और वो झूम रही थी दुनिया की कोई भी खबर उसे नही थी ,जैसे वो किसी गहरे नशे में हो ,उफनती हुई जवानी पुनिया और जग्गू के मुह में पानी तो ला रहा था लेकिन उन्हें पता था की इससे छूना यानी अपनी ही मौत को दावत देना था,पास ही अजय बंधा हुआ था उसके कपड़े उतारे जा चुके थे उसे कुछ ऐसा पिलाया गया था की उसके आगे सबकुछ नाचता हुआ सा दिख रहा था ,वो बैचैन था उसे पता था की उसके साथ क्या किया जा रहा है लेकिन इतना मजबूर भी था की कोई सहारा उसे दिखाई नही दे रहा था,उसके हाथ अभी भी बंधे हुए थे और वो छूटने की पूरी कोशिस भी कर रहा था लेकिन वो लोग जानते थे की इसे छोड़ना मतलब अपनी ही मौत को दावत देना था,जग्गू अपने विधि विधान में लगा हुआ था उसने एक बड़ा सा चाकू निकाला और अजय के हथेली को बड़े ही प्यार से काट दिया ,खून की फुहार बरस गई थी ,उसकी हथेली को जग्गू ने निधि के सर के ऊपर रख दिया ,उसका खून निधि के बालो में सनता चला गया,निधि किसी जंगली जानवर की तरह गुर्राई जिसे देख दोनो के चहरे में एक मुस्कान खिल गई वही अजय सहम सा गया,उसकी आंखों में अपनी बहन की ये हालत देख कर आंसू आ गए थे,वो भी नशे में था लेकिन अपने को सम्हाले हुए किसी एक छोटे से चांस के इंतजार में था लेकिन जग्गू भी साधा हुआ खिलाड़ी था वो ऐसी कोई भी गलती नही करना चाहता था जिससे की सालो की मेहनत पर पानी फिर जाय ……
पास ही जलती हुई आग से निधि का जिस्म गर्म होने लगा था और वो पसीने से नहा चुकी थी ,जग्गू एक खोपड़ी में कुछ खून अजय का भरा और अपने मंत्र पड़ने लगा,उसने कुछ और भी उसमे मिलाया ,वो अजीब अजीब सी हरकते करता हुआ उस काले शैतान की मूर्ति के पास आया और उसके चरणों में उसे रख दिया फिर उसे उठाकर पुनिया को इशारा किया जो अब भी नकाब के पीछे ही था ,पता नही उसे अब भी यही डर था की कोई उसे पहचान ना ले ,पुनिया ने अजय का मुह पकड़ा और नाक बंद कर दी अजय को बहुत ही कस कर बंधा गया था लेकिन फिर भी उससे कुछ करवाना मुश्किल हो रहा था,पुनिया जैसे तैसे उसे सम्हाल रहा था अजय को जब सांस लेने में तकलीफ होने लगी वो मुह खोला जग्गू ने उसके मुह को पकड़ लिया और खोपड़ी में रखा हुआ द्रब्य उसके मुह में डाल दिया ,अजय मजबूरी में ही उसे पीना पड़ा ,,जैसे ही उसने वो द्रब्य पूरा खत्म किया दोनो उसे छोड़कर दूर खड़े हो गए ,और अजय को डरे सहमे से देखने लगे ,वो ऐसे छटपटा रहा था जैसे की करेंट लगा दिया गया हो ,वो छटपटाते हुए गिर गया,थोड़ी देर को शांति सी छा गई तभी अजय के शरीर में हलचल हुई उसकी बांहे फसफड़ाई और मज़बूती से बांधे गए बंधन किसी पतली डोर की तरह टूटते चले गए ,
“आआआआआहहहहहहह “अजय उठ खड़ा हुआ था वो ऐसे गरजा जैसे की कोई शेर हो ,पुनिया और जग्गू डर से काँपने लगे थे ,अजय का चहरा पूरी तरह से लाल हो चुका था मानो खून उतर आया हो ,भुजाए फड़क रही थी और सांसे तेज थी,आंखों पूरी तरह से लाल ,उसके अंदर शैतान आ चुका था ,दोनो ही अपने घुटनो पर बैठ गए और अपना सर जमीन से टिका दिया,अजय फिर से दहाड़ा ये दहाड़ इतनी डरावनी थी की दोनो के प्राण कांप गए वही इसकी आवाज बाहर खड़े उन लड़ाकों तक भी पहुच गई जो गुफा की रक्षा में तैनात किये गए थे ,वो इतना डरावना था की वो सब छोड़ वँहा से भागे,जैसे की कोई शेर उनके पीछे पड़ा हो ,
अजय रूपी शैतान निधि की ओर घुमा निधि अभी भी पागलो की तरह बस झूम रही थी ,इधर अजय अपने ही शरीर पर किसी और के कब्जे से छटपटाने लगा था लेकिन उसकी छटपटाहट किसी को भी दिखाई नही दे रही थी ,वो अपने शरीर पर फिर से अधिकार चाहता था ,वो बाहर का नजारा देख सकता था लेकिन जैसे लकवा मार दिया गया हो उसका कोई भी अधिकार अपने शरीर पर नही था ,शैतान निधि के करीब आया और उसे किसी फूल सा उठा लिया उसके हाथ निधि के नितम्भो पर थे और वो उसे मसलने लगा था ,वो उसके सामने किसी गुड़िया की तरह लग रही थी ,वो अजय का शरीर था जिसे उसने सालो की मेहनत से इतना भारी और ताकती बनाया था ,शायद शैतान भी इस शरीर से बहुत खुस रहा होगा,वो निधि को उठाकर बिछे हुए गुलाल पर पटक देता है ,
“आआआ “निधि को पहली बार दर्द का अहसास हूं और उसका होशं धीरे धीरे वापस आने लगा ,उसने देखा की अजय पूरी तरह से नंगा उसके सामने खड़ा है ,उसे जो पिलाया गया था उसका ही असर था की इतने जोरो से गिरने पर भी उसके शरीर में वो दर्द नही हो रहा था जो होना चाहिए ,वो थोड़े होश में थी और थोड़ी बेहोशी में ,अजय का शरीर उसके ऊपर लेट जाता है ,और जो होता है उसे देखकर पुनिया और जग्गू का दिमाग ही चकरा गया ,उन्हें लगा था की जैसे ही निधि को थोड़ा होशं आयेगा और वो अजय के शरीर को अपने ऊपर चढ़ते देखेगी वो चिल्लाने और छटपटाने लगेगी ,और शैतान उसके साथ जमकर बलात्कार करेगा लेकिन ……….?????
लेकिन यहां तो माजरा उल्टा ही हो गया,निधि ने अजय के शरीर को ना सिर्फ सहर्ष अपने ऊपर लेटने दिया बल्कि वो उसके उसके गले में अपना हाथ भी डाल दी ,और उसे अपने ऊपर और भी जोरो से खिंचने लगी ,दोनो ही एक दूसरे के चहरे को देखने लगे ,वो खुद के ही जाल में ऐसे फंस चुके थे की उनकी बोलती ही बंद थी ,उन्हें बस एक ही आशा थी की जैसे ही शैतान को पता चलेगा की निधि का कौमार्य भंग हो चुका है वो अजय के शरीर को तड़फएगा और निधि को जबरदस्त तरीके से रौंदेगा,जिससे दोनो ही जान ही चली जाएगी ,वो लाचार से बस देखने लगे ,कितने ख्वाब देखे थे उन्होंने की निधि की जवानी का मजा लूटेंगे,लेकिन यहां तो सब कुछ ही उल्टा पड़ता नजर आ रहा था ,
अजय के शरीर में उपस्थित शैतान भी निधि के इस हरकत से घबरा गया था ,वह तो बुराई के वजूद में ही पल सकता था प्यार के नही ,इधर अजय के शरीर में बसा हुआ अजय निधि के हरकत को देखकर मुस्कुरा दिया ,वो अपनी बहन को प्यार करने के लिए जोर लगाने लगा,निधि और अजय का प्यार तो शैतान पर भी भारी पड़ने लगा था ,शैतान उसे तड़फना चाहता था लेकिन अजय अपनी ताकत उसे प्यार करने में लगाना चाहता था ,निधि ने अजय के शरीर का सर पकड़ा और उसे अपनी ओर खिंचते हुए उसके होठो को अपने होठो में मिला लिया ,अजय ने पूरी कोशिस की कि वो उसे महसूस कर सके और एक सेकंड के 10 वे हिस्से में ही सही उसने उसे महसूस किया ,अजय को key मिल गई थी ,उसे वो चाबी मिल गया था जिससे वो अपने शरीर पर फिर से अधिकार पा सकता था ,वही होठो के मिलने पर शैतान बुरी तरह से झल्ला गया था वो अपने सर को हटाने लगा लेकिन उसे लगा की शरीर का मलिक शरीर पर फिर से उपस्थित हो गया है वो कुछ देर के लिए असहाय हो गया ,उसे समझ आ चुका था की क्या हो रहा है ,वो फिर से गरजा ,वो उठ खड़ा हुआ और निधि को एक तमाचा जड़ दिया},तमाचा इतने जोरो का था की अगर निधि सामान्य हालत में होती तो शायद वो बेहोश ही हो जाती लेकिन भला हो उस द्रव्य का जिसे उन दोनो ने निधि को इसलिए ही पिलाया था की वो इतने नशे में रहे की शैतान की मार को सके और मर ना जाय,लेकिन इतने होश में भी रहे की अपने साथ होने वाली घटना को जान सके ,अब यही अजय और निधि के पक्ष में हो गया था ,निधि थोड़ी मचली और उस मार को अजय का प्यार समझ कर थोड़ा ऊपर उठकर उसे अपने गले से लगा लिया ,
“आह भईया “उसका नंगा जिस्म जब अजय के शरीर से पड़ा तो अजय उसे महसूस करने की पूरी तमन्ना से भर उठा वो निधि को जोरो से पकड़ा और अपने होठो से उसके होठो को मिलाकर चूमने लगा ,इसी दौरान अजय ने अपने लिंग को निधि के योनि ने प्रवेश करा दिया ,ये वो संवेदना थी जो इतनी मजबूत थी की अजय को अपने शरीर में बंधे रख सकती थी ,इससे उसके मन में निधि के लिए प्यार कई गुना बढ़ जाता था ,और वही हुआ ,अजय हल्के हल्के से अपनी कमर हिलाने लगा ,निधि उसके गोद में मचलने लगी और शैतान ...उसकी हालत ऐसी हो गई थी जैसे पहले अजय की थी वो अपने को लकवा ग्रस्त महसूस कर रहा था ,वो कभी कभी अजय के शरीर में पुनः कब्ज़ा कर भी लेता तो उस प्यार का अहसास उसे कमजोर कर देता और अजय फिर से अपने शरीर को कब्जे में कर लेता ,इस बार शैतान ने पूरी ताकत लगा कर शरीर को अपने कब्जे में किया और उठ खड़ा हुआ उसे कुछ ऐसा करना था जिससे उसकी शैतानियत जिंदा रहे ,वो उठा और उसकी नजर उन दोनो खड़े शख्सों पर गई ,वो क्रोध से चिल्लाया ,दोनो ही दहल गए ,शैतान को हमेशा ही कुवारी लड़कियो का भोग लगाया जाता था ,आज उसे ना तो कुवारी लड़की दी गई बल्कि ऐसे लड़के के जिस्म में प्रवेश करा दिया गया जो की उस लड़की का प्रेमी था और उनका प्रेम इतना मजबूत था की उसकी शैतानियत उस प्यार के सामने फीकी पड़ रही थी ,वो दोनो की तरफ बड़ा दोनो ही काँपने लगे ,अजय को तो चाबी मिल ही गई थी वो अंदर बैठा खुस होता हुआ तमाशा देख रहा था ,वो अपने को ढीला छोड़ा वो जानता था की जैसे ही शैतान निधि के करीब भी पहुचे उसे क्या करना है से बस निधि को महसूस करने की अपनी तडफ को बढ़ानी है और वो अपने शरीर का मालिक हो जाएगा फिर उसे निधि के साथ शाररिक संबंध बनाना है ,
इधर दोनो ही वहां से भागने की कोशिस करने लगे लेकिन शैतान ने दोनो को गले से पकड़ कर उठा दिया 
“हे शैतान मैं तो आपका भक्त हु आप मुझे छोड़ दीजिये दया करे दया करे “
जग्गू चिल्लाने लगा 
“तुमने मुझे ऐसे आदमी के शरीर में बुलाया जो की इस लड़की का प्रेमी है और वो लड़की भी कुवारी नही है ,ये दोनो पहले ही संभोग कर चुके है “एक भारी और डरावनी आवाज से पूरी गुफा गूंज उठी 
“नही नही हमने नही इस शरीर के मालिक ने जानबूझकर आपको अपने शरीर में बुलाया है ,इसे दंड दे और इसकी प्रेमिका को भी “जग्गू ने काँपती आवाज में कहा 
“आआआ मैं इसे नही छोडूंगा “शैतान चिल्लाया और दोनो को किसी गेंद की तरह दूर फेक दिया ,दोनो की ही जैसे हड्डियां ही टूट गई थी शैतान फिर से निधि की ओर पलटा 
“यहां रहना खतरे से खाली नही है भागो यहां से “जग्गू ने पुनिया को इशारे से एक दूसरे गेट की तरफ इशारा किया जो सीधे ही जंगल की ओर खुलता था ,इसका पता बस जग्गू और पुनिया को ही था ,
“लेकिन मेरी सालो की मेहनत ,मैं इन दोनो को ही गोली मार देता हु “
पुनिया चिल्लाया 
“साले पागल हो गया है क्या ,तू अजय को नही शैतान को गोली मरेगा और तुझे क्या लगता है इसके बाद हम दोनो बचेंगे,वो जिंदा खा जाएगा हम दोनो को ,भला इसी में है की भाग और अगली बार जब कोई लड़की लाये तो उसका अगला पिछले सब देख कर लाना “पुनिया की आंखों में खून उतर आया था उसे तो यकीन ही नही हो रहा था की आखिर ये हो क्या गया ..निधि और अजय जो एक दूसरे को इतने शिद्दत से चाहते है ...उसने तो जन्म में भी नही सोचा था की ये हो सकता है लेकिन अब उसके लिए सोचने का कोई भी वक्त नही था वो दोनो वहां से निकल गए ...
इधर शैतान निधि के ऊपर चढ़ने ही वाला था की निधि ने अपनी बांहे उसके स्वागत के लिए फैला दी ,वो फिर से झल्लाया और चिल्लाया लेकिन इसका कोई भी असर निधि पर पड़ा ही नही वो बस मुस्कुराए जा रही थी और इसी प्यार के पल में शैतान कमजोर हुआ और अजय अपने शरीर पर हावी वो गया ,वो जल्दी से अपने होठो को निधि के होठो से मिला लिया और अपने लिंग को उसके योनि के हवाले किया वो बड़े ही प्यार और इत्मीनान से उसके साथ संभोग करने लगा था,उसे पता था की जितना वो प्यार से भरेगा शैतान उतना ही कमजोर होता जाएगा ,कभी कभी जब शैतान बहुत कोशिस के बाद शरीर को अपने काबू में ला लेता तो वो जोरो से धक्के देता था लेकिन इससे निधि डरती या दर्द से छटपटाती नही बल्कि आह भरती हुई उसे और अपनी ओर खिंच लेती और उसके चहरे में एक मुस्कान आ जाती उसे लगता था की उसके भइया उसके साथ शरारत कर रहे है कभी बहुत ही हल्के हल्के तो कभी जोरो से उसे प्यार कर रहे है ,बेचारा शैतान ..फिर से कमजोर पड़ जाता और अजय फिर से अपनी बहन के प्यार में डूब कर हल्के हल्के धक्के देने लगता ,जब शैतान आकर जोरो से धक्के देता था और निधि आहे भरती हुई मुस्कुराती तो अजय के होठो में मुस्कुराहट खिल जाती ,जो की उसके चहरे पर नही आ पाती क्योकि उस समय शरीर तो शैतान के कब्जे में होता लेकिन जैसे ही वो कमजोर पड़ता और अजय शरीर पर हावी होता वो रुकी हुई मुस्कान उसके चहरे में आ जाती ,निधि को भी ये खेल पसंद आ रहा था,सच तो ये था की कभी निधि और अजय को इससे ज्यादा मजा संभोग में आया ही नही था,एक व्यक्ति ने दोनो पक्ष यहां उपस्थित थे शैतान भी और प्यार करने वाला इंसान भी निधि की गदराई जवानी ने अपने काम का रस छोड़ दिया लेकिन इधर से तो कोई उम्मीद ही नही थी क्योकि यंहा एक नही दो शक्तियों एक साथ काम कर रही थी ,निधि बेतहासा अजय के गालो और होठो को चूमने लगी और अजय गहरे और धीरे धीरे धक्के उसकी योनि में लगाने लगा ,उसके मुह से भी आहे निकल रही थी ,शैतान इतना कमजोर पड़ चुका था की कुछ सेकंड को भी हावी नही हो पा रहा था,कभी हो भी जाता तो दो तीन धक्कों में फिर से वापस जाना पड़ता जो की निधि के लिया बहुत ही मजे का सबब बन जाते थे ,अगर उसे अभी कोई शरीर मिल जाता तो वो फुट फुट कर रो पड़ता वो कभी अपने को इतना कमजोर और असहाय महसूस नही किया था...अजय अपने ये खेल चलता ही रहा जब तक की अजय को किसी के आने की आवाजे नही आने लगी वो शैतान को हावी नही होने देना चाहता था इसलिए वो बस उधर ध्यान ना देकर निधि से खेल रहा था निधि भी अपने भाई के प्यार के पूरी तरह डूबी हुई दुनिया को भूली थी ,,
तभी वँहा डॉ बाली पहाड़ी वाले बाबा और साथ में ही विजय नितिन और उनके कुछ और भी साथी प्रवेश किये बाबा ने माजरा देखते ही सब कुछ समझ लिया वो बाकियों को बाहर ही रोक कर खुद डॉ,विजय और बाली,कलवा के साथ उनके पास गए जंहा दोनो संभोग में रत थे सभी मुह फाडे ये देख रहे थे की कैसे एक भाई अपनी जान से प्यारी बहन के साथ संभोग में इतना व्यस्त है की उसे किसी का भी ख्याल नही …
“इसके शरीर में शैतान है ,सभी पीछे हट जाय “बाबा का हुक्म सुनते ही सभी पीछे हट गए ,विजय और बाली के आंखों में आंसू थे उनसे दोनो की हालत देखी नही जा रही थी ,बाबा ने कुछ मंत्र फुके अजय को समझ आ चुका था की उसकी सहायता को कोई आ चुका है वो धक्के में तेजी करने लगा ,वो जितने जोर जोर से हो सके धक्के देने लगा ,इससे शैतान को ऐसा लगा की उसे मौका मिल गया वो अजय के शरीर पर हावी हो गया और पूरे ताकत से धक्के देने लगा शैतान अब अपने पूरे शबाब पर आ चुका था ,निधि भी कई बार झड़कर थक चुकी थी इस तरह ताकतवर झटकों से छटपटाई और दर्द से चिल्लाने और उसे रोकने लगी ,शैतान तो खुसी से झूम उठा उसे लगा की अब वो आराम से इस शरीर को अपने कब्जे में रख सकता है लेकिन असल में अजय ने जानबूझकर अब उस शरीर में कब्जा करने से बच रहा था ,...
इधर बाबाजी ने मंत्र पढ़कर जो जल अजय के शरीर पर डाला उससे शैतान की चीख ही निकल गई ,अजय का शरीर भी जल उठा था उसके पीठ पर छाले पड़ने लगे वो निधि से दूर होकर छटपटाने लगा ,आंखे लाल हो चुकी थी वो गुस्से और पीड़ा से ऐसे भरा हुआ दिख रहा था जैसे किसी ने उसके साथ बहुत बड़ा धोका किया हो, अजय का शरीर थोड़ी ही देर में शांत होकर पड़ा रहा ...बाबाजी ने निधि के ऊपर भी मंत्र पड़कर पानी छिड़का जिससे वो बेहोश होकर गिर पड़ी,.........
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