RE: रसीली भाभी नंगी मेरे सामने आ गई
मैंने शर्माते हुए चादर ले ली और उसे भी सुखा दिया।
भीतर से भाभी कहने लगीं- जवानी बहुत काम की चीज होती है.. इसका सोच समझ कर इस्तेमाल किया कर!
मैंने भी कहा- हां भाभी… नया शहर है.. अभी किसी से जान-पहचान भी नहीं हुई है।
फिलहाल हालत यह थी कि बाथरूम के भीतर भाभी बनियान में थीं और बाहर में अंडरवियर में। मैं किसी तरह भाभी की जवानी के दीदार करना चाहता था, मैंने भाभी से कहा- भीतर रहोगी तो ठंड खा जाओगी।
भाभी ने जवाब दिया- एक बनियान में बाहर कैसे आऊं… मुझे शर्म आ रही है।
मैंने कहा- भाभी, मेरा अंडरवियर भी पहन लो।
भाभी ने हैरानी से कहा- तो तू क्या पहनेगा?
मैंने कहा- क्या हुआ भाभी.. हम मर्द लोग वैसे भी बेशर्म होते हैं और फिर भाभियों से कैसी शर्म… भैया को भी तो आपने नंगा देखा होगा।
भाभी ने कहा- ठीक है… मुझे अपना अंडरवियर ही दे दे।
भाभी ने इस बार भी थोड़ा सा दरवाजा खोल कर अंडरवियर ले लिया।
मेरा लंड पूरी तरह से फनफनाया हुआ था और दिल जोर-जोर से धड़क रहा था, मैं बाथरूम की तरफ पीठ करके खड़ा हो गया।
थोड़ी देर में बाथरूम का दरवाजा खुला और उसमें से भाभी के बाहर निकलने की आवाज आई, वो मेरे पास आकर बोलीं- बड़ी शर्म लग रही है… अभी तो कह रहे थे कि मर्द बेशर्म होते हैं.. अब क्या हो गया?
मैं भाभी की तरफ घूम गया।
छोटे भाई की बनियाइऩ में भाभी की चूचियां तनी हुईं थीं, मुझे लगा उनके चूचुक बनियान को फाड़ देंगे। मेरी निगाह भाभी के पैरों की तरफ पड़ी तो उनकी चिकनी चूत नजर आई।
मैं हड़बड़ा गया, मैंने भाभी से कहा- आपने मेरा अंडरवियर नहीं पहना?
भाभी ने मुस्कराते हुए कहा- उसमें भी तेरी जवानी चिपक रही थी और तेरे इस लंड को क्या हुआ है? लगता है कई दिनों का भूखा है… देख कैसे तना हुआ है।
उन्होंने मेरा लंड अपने हाथ से पकड़ लिया, मैं हड़बड़ा कर पीछे हट गया।
लेकिन भाभी फिर आगे आईं और बोलीं- भूख लगी है न.. चल थोड़ा बूबू पी ले। मेरी चूत भी कई दिन की प्यासी है अपने लंड से इसकी प्यास बुझा देना। जब तू मेरी पेंटी को सूंघ रहा था, तभी मैं समझ गई थी कि तेरी निगाह मेरी चूत पर है।
मैंने भाभी की चूचियों पर हाथ फेरा… उनके चू्चुक काफी सख्त हो गये थे… मैंने बनियान के ऊपर से ही चूचक को मसलना शुरू कर दिया।
भाभी के मुंह से सिसकारी निकल रही थी, भाभी ने मुझे कस कर पकड़ लिया, उनकी चूचियां मेरी सीने को दबा रहीं थी और मेरा लंड उनकी चूत में घुसने का रास्ता तलाश रहा था।
मैंने नीचे झुक कर भाभी की चूचियां पीनी शुरू कर दी, भाभी के मुंह से एक जोरदार आह निकली… उम्म्ह… अहह… हय… याह…
मैंने भाभी से पूछा- कितने दिन हो गये… भाई ने कब आपका दूध पिया था?
भाभी बोली- भैया तो आते ही चूत पर जुट जाते हैं, चूची पिलाने का मजा तो बहुत दिनों बाद मिल रहा है।
मैंने भाभी की चूचियों पर अपना जोर बढ़ा दिया, उनका एक चूचुक मेरे मुंह में था और दूसरे को मैं अपने हाथों से मसल रहा था।
भाभी की सिसकारी तेज होती जा रही थी।
थोड़ी देर में भाभी बोली- पेट भर गया हो तो मुझे भी कुछ करने दे?
मेरे पीछे हटते ही उन्होंने मेरा लंड अपने मुंह में ले लिया। लंड पीने में भाभी पूरी उस्ताद थीं… लंड पीते पीते भाभी बोली- बहुत दिनों बाद फूला हुआ लंड मिला है। तेरे भैया का लंड तो अब इतना पतला हो गया है कि पीने में मजा ही नहीं आता।
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