Sex Kahani मेरी चार ममिया
06-30-2017, 11:38 AM,
#1
Sex Kahani मेरी चार ममिया
मेरी चार ममिया---1

ठंडी ठंडी हवा मेरे चेहरे को छू कर बह रही थी. मेने जब

अपनी नानी के घर मे कदम रखा तो मेरा मन मचल रहा था. में

कई सालों के बाद अपनी नानी के घर आ रहा था. मेरी नानी पंजाब

एक छोटे गाओं मे रहती थी.

मेरा नाम राज है, उमरा 20 साल लंबाई 5'9इंच है. मेने हाल ही मे

अपना ग्रॅजुयेशन पूरा किया और छुट्टियाँ बिताने मेरी नानी के घर

पहुँच गया.

मेरे पाँच मामा है. मेरे चार मामा साथ मे ही अपने परिवार के साथ

नानी के घर मे रहते है और मेरे पाँचवे मामा जिनकी अभी अभी

शादी हुई है दूसरे सहर मे रहते है.

मारी चारों ममियाँ इतनी सुंदर तो नही है पर फिर भी काफ़ी अच्छी

लगती है. मेरी चारों ममिया उम्र मे काफ़ी पुरानी नही है. सभी की शादी

एक साल के अंतराल मे अभी अभी हुई है. सबसे बड़ी मामी 25 साल की

है मुझसे ठीक 5 साल बड़ी, और सबसे छोटी मामी मुझसे एक साल

बड़ी है.

में आपको मेरी सभी मामी से परिचय करवा दूं. सबसे बड़ी अनिता

25 साल की, कंगन 24 साल, तीसरी सिमरन 22 साल की और सबसे छोटी

मोना 21 साल की.

सभी मामा के अपने अपने मकान थे. उन सभी के घर पास पास थे.

में 5 साल के बाद अपनी नानी के गाओं जा रहा था, इसलिए में उनके

लिए नया था. चारों ममिया अपने अपने तरीके से मुझे खुश रखने

की कोशिस करती रही. में दो दिन किसी के यहाँ रहता तो दो दिन किसी

के यहाँ. सुबकुछ ठीक चल रहा था.

एक दिन की बात है जब में कंगन मामी के यहाँ ठहरा हुआ था

सुबह में थोड़ी देर से सोकर उठा. ममाजी काम पर चले गये थे

और उनकी तीन साल की लड़की सो रही थी. मामी को जिस अवस्था में

मेने देखा वो देख कर मेरे शरीर मे सरसरी सी दौड़ गयी. वैसे

गाओं की औरतें घर के काम करते वक़्त अपनी सारी को उपर कर बाँध

लेती है ताकि वो गीली या गंदी ना हो. कंगन मामी ने भी अपनी

सारी को घूटनो के उपर कर रखी थी और उनकी आधी जंघे सॉफ

दीखाई दे रही थी. वो झुक कर कमरे मे झाड़ू लगा रही थी. उनके

ढीले ढाले ब्लाउस से उनकी चुचियाँ सॉफ फुदक्ति नज़र आ रही

थी.

"गुड मॉर्निंग, राज कितना सोते हो? घड़ी देखी टाइम क्या टाइम हुआ है.

अब जल्दी से जाकर नहा लो नाश्ता तय्यार है." ममीज़ी ने कहा.

"ममाजी कहाँ है?" मेने पूछा.

"वो तो सुबह ही काम पर चले गये थे. और वो तो रात को लेट आने

की कह गये है." मामी के शब्दों मे थोड़ी खिज थी मामा के देर

से आने की.

मेने बाथरूम मे जाकर स्नान किया और फिर नाश्ता करने के बाद सोफे

पर बैठ टी.वी पर ह्बो देखने लगा. कंगन मामी किचन की सफाई कर

रही ती. तभी मामीजी ने मुझे आवाज़ डी.

में किचन मे आया तो देखा कि मामीजी उपर की शेल्फ से कुछ

उतारने की कोशिश कर रही है. उनका पूरा शरीर पसीने से भीगा

हुआ था. चेहरे पर भी पसीने की बूंदे सॉफ दीख रही थी.

पहले में आपको कंगन मामी के बारे मे बता दूं. मामी का रंग

काफ़ी गोरा है पर लंबाई मुझसे काफ़ी कम है. मेरी हाइट जहाँ 5'9

है वहीं उनकी 5'4 है. उनका शरीर एकदम दूधिया रंग का है काफ़ी

चिकना और बालों रहित.

जब पहली बार मुझे मामी कह कर उनसे मिलाया गया था तो में चौंक

पड़ा था. मामी मामा के मुक़ाबले पतली और छोटी थी. गोल चेहरा,

नीली आँखे और पतले पतले गुलाबी होंठ. उनकी चुचियाँ काफ़ी बड़ी

तो नही पर भारी भारी है. उनके ब्लाउस मे वो पूरी नही समाती और

जब भी वो अपने हाथ उठती तो ऐसा लगता कि अभी उछल कर बाहर को

आ जाएँगी.

"क्या तुम मुझे थोड़ा उप्पर को उठा दोगे ताकि में ये आटे का डिब्बा

उतार सकूँ." कंगन मामी ने कहा.

कंगन मामी की बात सुनकर में चौंक पड़ा. हमारी भारतिया

सभ्यता मे कोई भी औरत किसी पराए मर्द को अपने बदन को हाथ तक

लगाने नही देती और यहाँ मेरी मामी मुझे उसे अपनी गोद मे उठाने

को कह रही है.

"राज.....क्या सोच रहे हो? जल्दी से मुझे कमर से पकड़ कर उठाओ,

पर मेरा वजन तो संभाल लोगे ने." मामी ने कहा.

"वैसा कितना वजन है आपका?" मेने मुस्कुराते हुए पूछा.

"डरो मत 50 किलो से ज़्यादा नही है." मामी ने भी मुस्कुराते हुए

जवाब दिया.

"तब ठीक है, संभाल लूँगा." इतना कहकर मेने उनकी सारी

से धकि जाँघो से पकड़ा और और उन्हे उपर उठा लिया. 'हे भगवान'

उनके बदन से उठती महक पा तो मेरे हाथ काँपने लगे.

अचानक मेरे हाथ काँपे और फिसल गये लेकिन मेने अपने आपको

तूरंत संभाला और फिर उन्हे पकड़ लिया किंतु जाँघो से नही बल्कि

मेरा हाथ उनकी जाँघो के बीच था.

जैसे ही मेरा हाथ उनकी चूत पर उनकी जाँघो के बीच छुआ मामी ने

घबरा कर आटे का डिब्बा छोड़ दिया. डिब्बे का ढक्कन खुल गया और

सारा आटा मेरे और मामीजी के उपर गिर गया. हम दोनो तो आटे

से नहा गये. मेने मामीजी को छोड़ दिया और वो अपने पावं पर ज़मीन

पर खड़ी हो गयी.

जब हम दोनो ने एक दूसरे को इस हालात मे देखा तो दोनो ही हँसने

लगे.

"प्लीज़ माफ़ कर देना राज मेने जान बुझ कर नही किया." मामी

मुझसे कह रही थी. "ये सब मेरी ही ग़लती है, लाओ में खुद

तुम्हे सॉफ कर देती हूँ."

इसके पहले कि में कुछ कहता कंगन मामी मेरा हाथ पकड़ मुझे

बाथरूम मे ले गयी. मामी ने पानी की नल खोल दी और मेरी टी-शर्ट

मेरे सर से उपर कर उतार दी. फिर जैसे ही वो मेरी शॉर्ट्स उतारने

लगी में थोड़ा पीछे को खिसक गया.

"अरे....इसमे शरमाने की क्या बात है आख़िर में तुम्हारी मामी

हूँ." कहकर मामी ने मेरा हाथ हटाते हुए मेरी शॉर्ट्स नीचे

खिसका दी. में मामी के सामने सिर्फ़ अंडरवेर पहने खड़ा था.

"अब नहा कर अपने बदन को सॉफ कर लो." मामी ने शवर चालू करते

हुए कहा.

में अपने बदन को पानी से सॉफ कर ही रहा था कि मामी ने

वो किया जो में कभी सोच भी नही सकता. मेरे सामने ही बाथरूम मे

मामी अपने कपड़े उतारने लगी.

मामी ने पहले तो आटे से भरी अपनी सारी झड़काई, फिर अपनी कमर

से निकाल कर उतार दी. लाल रंग के ब्लाउस के नीचे काली ब्रा मे

क़ैद उनकी चुचियाँ मुझे सॉफ दीखाई दे रही थी.

कंगन मामी ने एक कत्थई रंग का पेटिकोट पहन रखा था. मामी ने

एक ही झटके मे पेटिकोट का नाडा खींचा और उसे अपने पैरों मे गिर

जाने दिया. उनकी पॅंटी इतनी टाइट थी कि चूत का बाहरी हिस्सा

दीखाई दे रहा था. फिर उन्होने अपने ब्लाउस के बटन खोल कर

उतार दिया और फिर अपनी ब्रा का हुक खोल उसे भी उतार दिया. अब

उनको दोनो भारी भारी चुचियाँ आज़ाद थी.

उम्म्म क्या भारी भारी चुचियाँ थी मामी की. मामी ने अपनी पॅंटी

नही उतारी और बिना मेरी परवाह करते हुए माग्गे मे पानी भर अपने

शरीर पर डालने लगी.

मेरे दिल की धड़कन तेज हो गयी थी. अपनी 24 वर्षीया कंगन

मामी की इस अर्ध नग्न अवस्था मे देख मेरी ज़ुबान सुख रही थी.

उनकी टेन्निस बाल जैसी दोनो चुचियों तन कर खड़ी थी. निपल की

घुंडी एक दम कत्थई रंग थी. पानी उपर से नीचे होते हुए उनकी

जाँघो और टाँगों पर गिर रहा था. मामी की पॅंटी पूरी तरह भीग

चुकी थी और उनकी काली झाँटे दीख रही थी.

मामी ने अपने एक हाथ मे साबुन लिया और एक कातिल मुस्कान के साथ

मेरी छाती पर सबून मलने लगी. जब वो साबुन घस्ती तो साथ साथ

उनकी चुचियाँ भी किसी घड़ी के पेंडुलम की तरह इधर से उधर

डॅन्स करने लगती. ना तो वो कुछ कह रही थी ना में कुछ कह पा

रहा था.

मेरी छाती पर अच्छी तरह साबुन लगाने के बाद मेरे हाथ मे सबून

देते हुए बोली, "राज ज़रा मेरी पीठ पर साबून लगा दो."

मामी मेरी तरफ पीठ कर के खड़ी हो गयी. उनके दूधिया चूतड़

पॅंटी से एक दम चिपक कर जान लेवा नज़ारा पेश कर रहे थे. में

साबून उनकी पीठ पर घसने लगा.

"म्‍म्म्मम" मामी सिसकने लगी और कहने लगी, "राज थोड़ा साबून नीचे

भी घसो ना."
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