RE: Sex Kahani मेरी चार ममिया
मेरी चार मामियां --7
गतान्क से आगे...................................
लंड चूत मे घूस्ते ही सिमरन अपनी कमर को उठा मेरे धक्कों का
साथ देने लगी. सिमरन को डबल माज़ा मिल रहा था, में उसकी चूत
की धुनाई कर रहा था और मोना उसकी चुचियों को मसल रही थी.
"वाह राज क्या आसन चुना है तुमने हम दोनो को चोद्ने का..... ऐसे
ही चोद्ते जाओ मेरे राजा....ओह अयाया......." सिमरन मामी बड़बड़ा
रही थी.
अब में कभी मोना को चोद्ता और कभी सिमरन को. दोनो की चूत पानी
छोड़ने को तय्यार थी.
में ज़ोर ज़ोर के धक्के मोना की चूत मे मार रहा था कि मोना
की चिल्ला पड़ी, ' ओह राज हाया चोदो और ज़ोर से चोदो मेरा
तो छूटने वाला है....ओह" और उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया.
जब मोना निढाल हो गयी तो मेने अपना लंड उसकी चूत से निकाल
सिमरन की चूत मे डाल दिया और उसे चोद्ने लगा. थोड़ी देर मे उसकी
चूत ने भी पानी छोड़ दिया. लेकिन मेरा पानी अभी छूटा नही था.
मेने सिमरन मामी को अपने पास खींचा और अपना लंड उनके मुँह पर
रखते हुए कहा, "लो मामी अब मिठाई भी खा लो कसम से बड़ी
मज़ेदार राबड़ी मिलेगी खाने को."
सिमरन मामी मेरे लंड को अपने मुँह मे ले ज़ोर ज़ोर से चूसने लगी.
मैं भी उनके सिर को पकड़ धक्के पे धक्के मार रहा था.
मेरे लंड मे उबाल आने लगा मेने सिमरन के सिर को पकड़ा और
धक्के लगाते हुए बड़बड़ाने लगा, "ओह मामी लो और अंदर तक ले
लो और चूसो ज़ोर से ओह हाआँ लो मेरी मलाई खालो मामी."
कहकर मेने अपने वीर्य की पिचकारी उनके मुँह मे छोड़ दी और मामी
चटकारे लेकर मेरे लंड से छूटे पानी को पीने लगी.
हम तीनो थक कर फिर निढाल पड़े थे. तभी दोनो मामी ने हमे
नाश्ते के लिए आवाज़ दी.
हम तीनो हाल मे नाश्ता करने पहुँचे. नाश्ते के दौरान सिमरन ने
पूछा, "राज तुम किस कल्पना के बारे मे बात कर रहे थे."
तब मैने सिमरन मामी को बताया कि किस तरह मेने पहले कंगन
मामी को चोदा और उन्होने मुझे चोद्ना सिखाया फिर अनिता मामी की
और फिर मोना मामी की चुदाई की कहानी सुनाई साथ ही बताया कि कैसे
हम चारों अपनी कल्पना पूरी कर रहे है.
"अच्छा तो ये बात थी, इसलिए मुझे यहाँ बुलाया गया था और
पहले से तय कार्यक्रम के तहत मुझे चोदा गया." सिमरन हंसते हुए
बोली.
"वो तो है सिमरन लेकिन सच बताना क्या राज का लंड तुम्हे पसंद
नही आया." कनगन ने पूछा.
"दीदी पसंद तो बहोत आया और दिल कर रहा है कि इससे चुदति ही
रहूं, इसका लंड है ही ऐसा." सिमरन मेरे लंड से खेलती हुई बोली.
"अच्छा सिमरन मामी आपकी भी कोई कल्पना हो तो बताओ हम सब मिलकर
उसे पूरी करेंगे." मेने सिमरन की चूत पर हाथ फेरते हुए कहा.
"कल्पन भी है इच्छा भी, लेकिन पहले कंगन दीदी की कल्पना पूरी
करो में बाद मे बताउन्गि." सिमरन ने कहा.
"ठीक है, कंगन मामी आप तय्यार हो जाइए. बोलिए कहाँ नहाना
पसंद करेंगी रसोई घर मे या फिर आँगन मे.?" मेने पूछा.
"मैं तो खुले आसमान के नीचे आँगन मे नहाना पसंद करूँगी."
कंगन ने कहा.
"कंगन तो फिर एक काम करो, अपने सारे कपड़े पहन ले और फिर
उनपर पानी डाल गीला कर ले और फिर धीरे धीरे अपने गीले
कपड़ों को उतार सही मे मज़ा आ जाएगा." अनिता ने कहा.
"ठीक है दीदी जैसा आप कहें." कहकर कंगन मामी कपड़े पहनने
बेडरूम मे चली गयी.
हम सब ने मिलकर आँगन मे कुर्सियाँ बिछा दी जैसे कि हम सब लाइव
शो देखने वाले है. अनिता मामी ने दो तीन पानी की बाल्टी लाकर बीच
मे रख दी.
थोड़ी देर मे कंगन मामी आ गयी. हमने देखा कि उन्होने बहोत ही
झीने कपड़े का ब्लाउस और बहोत ही छोटी ब्रा पहन रखी थी. हल्के
आसमानी रंग की सारी और उसके नीचे उससे भी हल्के रंग का
पेटिकोट. नीचे पॅंटी पहनी थी कि नही ये अभी दीखाई नही दे
रही थी.
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