RE: bahan sex kahani बहन की कुँवारी चूत का उद्...
तभी मेरे रूम के दरवाजे पर कुछ आहट हुई… वो पायल की सिवा कोई और हो ही नही सकता था, इसलिए मैं आँखे बंद किए लेटा रहा.
वो दबे पाँव मेरे बिस्तर के करीब आई और मुझे 1-2 बार पुकारा, पर मैं गहरी नींद मे सोने का नाटक करते हुए लेटा रहा.
फिर वो मेरे बेड पर बैठ गयी, और धीरे-2 करके उन्होने मेरी रज़ाई को उतार दिया… मैने सिर्फ़ एक शॉर्ट्स और टी-शर्ट पहनी हुई थी.. मेरा शरीर काँप सा गया बाहर की ठंडी हवा से पर मैं उठ नही सकता था, मैं देखना चाहता था कि अब कौनसी हद पार करती है मेरी बहेन.
वो कुछ देर तक तो मेरे अंडरवेर मे क़ैद खड़े लंड को निहारती रही और फिर धीरे-2 उन्होने मेरे लंड पर हाथ रख दिया.
मैने कुन्मूनाने का नाटक किया और उनके हाथ के उपर अपना हाथ रखा .… वो पूरी तरह से गर्म चुकी थी.. और शायद काँप भी रही थी..
मेरा हाथ उनके हाथ पर था इसलिए जब उन्होने अपने हाथ की मूव्मेंट स्टार्ट की तो मुझे सॉफ एहसास हुआ कि वो कैसे अपने काँपते हाथों से मेरे लंड को सहला रही है.
कुछ ही देर मे मेरा लंड कल की तरह उभरकर पूरा खड़ा हो गया..
मेरी साँसे तेज़ी से चल रही थी उनके अगले मूव के बारे मे सोच-सोचकर..
और फिर उन्होने वही किया जिसके बारे मे मैं सोच रहा था.
पायल दीदी ने मेरी शॉर्ट्स को धीरे-2 नीचे खिसकाना शुरू कर दिया और कुछ ही देर मे मेरा लंड तन कर उनके सामने खंबे की तरह खड़ा था… बंद कमरे मे उनकी तेज साँसों की आवाज़ मुझे सॉफ सुनाई दे रही थी..
फिर वो साँसे धीरे-2 मुझे मेरे लंड पर भी महसूस होने लगी… एक दम गर्म थी वो.. मेरे लंड को पिघला देने वाली गर्म साँसे… और फिर उन्होने अपनी गर्म जीभ को मेरे लंड से छू लिया.. मुझसे बर्दाश्त करना अब मुश्किल हो रहा था…
मैने एक जोरदार सिसकारी के साथ अपनी आँखे खोल दी और वो सीधा मेरी बहेन की आँखो से जा टकराई जो मेरे लंड को बस मुँह मे लेने ही वाली थी..
जैसे ही दीदी ने मुझे नींद से जागते देखा, वो झट से बोली स्टाचु
और एक बार फिर मैं जहाँ का तहाँ, जम कर रह गया..
हालाँकि मैं उन्हे रोकने वाला तो फिर भी नही था, पर फिर भी इस खेल की आड़ मे ये सब करने मे जो रोमांच हम दोनो को महसूस हो रहा था वो अलग ही था..
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