RE: Incest परिवार में हवस और कामना की कामशक्ति
शैतान लोक यहां का किंग एक अच्छा आदमी है। वो खुद कभी गलत नहीं करता है, ना ही पृथ्वी के और अपनी दुनियां के लिए किसी को खतरा बनने देता है।
यहाँ आज खुशी मनाई जा रही थी। क्योंकी शैतान-रानी ने अपने प्रेग्नेंट होने के बारे में बताया था। उसी दिन से पहां रोज जश्न होता है।
तभी एक शैतान सैनिक ने आकर बताया की हमारे ऊपर हमला हुआ, तो सभी उस अचानक हए हमले से हड़बड़ा जाते हैं। फिर शैतान किंग और यहां के शैतान-गुरु के समझाने पे सब उस हमले का जवाब देने के लिए तैयार हो जाते हैं।
जब सब तैयार होकर वहां जाते हैं, जहां हमला हुआ था तो देखते है की ये हमला बलडी-डेविल ने किया है। इससे सभी गुस्से और जोश के साथ उनके हमले का जवाबी हमला करते हैं, जिससे उन्हें भी इनकी ताकत का पता चल जाता है। जिससे बी.डी, को भी पता चल जाता है की अपने गुस्से में वो यहां हमला तो कर दिया। लेकिन ये कोई मामूली शक्ति नहीं है, इन्हें हराना मुश्किल होगा।
फिर शुरू होती है खूनी लड़ाई। सभी खूखार होकर लड़ रहे थे। शैतान किंग को अपनें किंग और अच्छे लड़ाईं की
फाइटिंग स्किल्स दिख रही थी। शैतान गुरु भी अपनी स्किल्स और शक्तियों का अच्छा इस्तेमाल कर रहे थे। वहीं शैतान सेनापति भी मस्त लड़ाई कर रहा था और शैतान सेना भी।
बी.डी. भी अपना खुनी खेल सही से खेल रहा था। लेकिन वो शैतान किंग के जैसे नहीं था। उसका तांत्रिक लोलू पहां आकर कमजोर पड़ गया था। वही बी.डी. की तथाकथित चार मोम्स मस्त लड़ाई कर रही थीं। एक तो वो इतनी पुरानी थी, और उनकी शक्ति भी बहुत थी तो मस्त लड़ाई थी उनकी भी। ऐसे ही पता नहीं कितनी देर तक ये खेल चलता जा रहा था।
इस लड़ाई में लोलू की वो बीमारी जो उसके पाप के फल के रूप में मिली थी, जिसे उसने अपनी शक्ति से रोका हुआ था वो यहां अब तेजी से बढ़ रही थीं उसके शक्ति इस्तेमाल करने से। जिससे लाल कमजोर हो गया था।
शैतान किंग ने उसे एक बुरी मौत दी।
ऐसे ही बी.डी. की आधी से ज्यादा सेना मारी जा चुकी थी। अब शैतान सेना का इतने सालों से होना और दूसरा उनका लड़ाई का अनुभव जिसके आगे ये अलग जीव ज्यादा देर तक उनकी आगे नहीं टिक सके। इसमें शैतान सेना का भी बहुत नुकसान हुआ था। क्योंकी ऐसे अलग जीव जिसमें कुछ बी.डी. की शक्ति भी थी, जिससे ये लड़ाई ऐसी चली, वरना कब का इसका फैसला हो चुका होता।
फिर बी.डी अपनी सेना का ये हाल देखकर समझ गया की अब ऐसे तो उसका हारना तय है, तो उसने एक चाल चली। जिसमें उसने सिर्फ शैतान किंग को ही खुद से लड़ाई के लिए उकसाया।
अब ये लड़ाई तो पूरी खतम हो हो चुकी थी। बस ये दोनों ही लड़ने वाले थे। जब इस बात का पता शैतान-महल में चला तो शैतान-रानी भी इसे देखने चली आई।
फिर शुरू हुई दोनों की लड़ाई। इसमें दोनों के पास अपनी-अपनी तलवार थी। दोनों एक दूसरे पे खतरनाक हमले के साथ अपनी शक्तियों का भी परें इस्तेमाल करके उसका भी हमला कर रहे थे। जिससे कभी-कभी तो दोनों ही सेना का जो अपनी-अपनी जगह खड़े होकर ये लड़ाई देख रहे थे, उन्हें भी कुछ नहीं दिखता था।
बी.डी. ने देखा की अभी तक शैतान किंग को कुछ घाब लगे थे, जो कुछ पल में ही भर जाते हैं। उसके भी होते है वो भी बार जाते हैं। फिर बी.डी. की नजर शैतान-रानी में गई, जिसका पेट फूला हुआ था। पानी वा प्रेग्नेंट थी और सुंदर भी बहुत थी, जिसे देखकर उसके लण्ड में कड़कपन आने लगा, तो उसके दिमाग में एक शैतानी चाल आईं, जिससे लड़ाई भी जीत सकता था और शैतान-रानी के साथ सेक्स भी कर सकता था।
अपनी चाल में काम करते हए जब दोनों की शक्ति के टकराने से कुछ नहीं दिखा, तो बी.डी. अपनी पूरे तेजी के साथ शैतान-रानी के पास गया और अपनी तलवार उसकी गर्दन में रख दिया।
सब लोग में देखकर गुस्से में उसे मारने को आगे बढ़े की बी.डी. ने रानी को जान से मारने की धमकी दी। जिससे सबको रुकना पड़ा। किंग बी.डी. के इतने गिरने की नहीं साचे थे।
बी.डी.- "वाह रानी... तुम तो मस्त माल हो एक नम्बर की। आज तक जिसको भी मैंने चोदा है उनमें से तेरे मुकाबले कोई नहीं... क्या करारा माल है त, अब देख कैसे लेना हो तेरे मजे.."
बी.डी. शैतान किंग सें- "अबें ऑये शैतान किंग... अपने और अपनी सेना को कहाँ अपने हथियार फेंक के सब घुटने में बैठ जाओं लेकिन तू नहीं। तू पास आकर अच्छे से देंख की कैसे मैं तेरी बीवी को यहां तेरे और सबके सामने चोदता है."
शैतान किंग की पूी आँके अँगार की तरह लाल और गुस्से में- "तेरी पूरी बाडी को फाड़कर रख दूँगा, अगर मेरी रानी को कुछ किया भी तो साले कमीने तलवार से चीर देगा तेरी जबान समझा?"
परी शैतान सेना में सुनकर आश्चर्य और गुस्से में हो गई थी। क्योंकी आज तक वो कितने दुश्मनों से लड़ चुके थे। लेकिन ऐसी घटिया सोच किसी की नहीं थी।
बी.डी.- "हाहाहाहा.. तू मेरा कुछ नहीं कर सकता हाहाहा... अगर हिला भी तो इसकी गर्दन काट दूंगा समझ."
फिर बी.डी अपनी पैंट निकालकर नंगा हो जाता है, जिसमें उसका पूरा लंबा काला खड़ा लण्ड सभी को दिख रहा था। फिर वो जैसे ही रानी के पीछे हाथ लगाने वाला होता है, पूरा शैतान-लोक बी.डी. की चीखों से गैंज उठता है। बी.डी. की जो सेना शैतान किंग और उसकी सेना की मजबूरी और बी.डी. के सीन को देखकर हँस और गर्म हो रही थी लिब शैतान-रानी की सेक्स को देखने के लिए, वो सभी बी.डी. को लण्ड पे हाथ रखे चिल्लाने से परे
सदमें में थी की तभी उन्हें शैतान किंग में एक और झटका दे दिया।
तो दोस्तों, हुआ कुछ ऐसा था को जैसे ही बी. डी. पानी को हाथ लगाने को हुआ, उसने अपनी पूरी शक्ति से बनी एक कटार को बनाया, जिसमें उनके उसकी चूत का खून भी मिला हुआ था। ये उन्होंने पहले ही बना लिया था
और फिर जैसे ही बी.डी. को कुछ करते देखा, तो उसके लण्ड को बीच में से काट दिया। जिससे बी. डी. अपने कटे लण्ड को पकड़े हुए खून वहाँते हुए चिल्ला रहा था।
उधर शैतान किंग अपनी मजबूरी में नीचे देखकर आँसू वहाँ रहे थे। जब उन्होंने बी.डी. की चीखें सुनी तो उसको देखा और फिर रानी को तो वो सब समझ गये। और अपनी तलवार उठाकर तेजी से परी तलवार बी.डी. के पेंट के पार कर दी, और फिर एक दर्द से तेज चीख निकल गई पूरे शैतान लोक में।
अब बी.डी. को कौन बताए की ये उसकी वो मामूली औरत नहीं थी, जिसके साथ वो कुछ भी कर लेता था। ये शैतान-रानी है, जो अब प्रेग्नेंट होने की वजह से इस लड़ाई में शामिल नहीं हुई थी, वर्ना उन्होंने तो शैतान किंग के साथ पता नहीं कितनी ही लड़ाईयां लड़कर जीती है।
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पहले भाग का समापन
कर्मफल- अब जब तांत्रिक बिटछमें रति के जनम के लिए उसकी माँ पर काली शक्तियों का प्रयोग किया और दो नवजात पश-शिशुकी बलि का काम करके पाप किया, वो भी संतान प्राप्त करने जैसे अच्छे काम के लिए तो उस पाप और उस काली-शक्ति का प्रयोग करने और करने वाले दोनों लोगों पर उसका बुरा प्रभाव तो पड़ना ही था। साथ में उससे वो अच्छे परिणाम की आशा कैसे कर सकते हैं? ठीक ऐसा ही इनके साथ हुआ। तांत्रिक बिच्छू की बुरी मौत उसके नाम को मिटाकर तांत्रिक लोलू के दवारा अपना राज्य होना और रति के माता-पिता को अपनी दोनों बेटियों की ऐसी हालत और उनके साथ ऐसा होते देखना उनके दुखों की कोई सीमा ही नहीं थी।
रंजीत और उसके दोस्त ने गलत किया। उसकी भी सजा उन्हें इतनी बुरी मौत मरने से हुई। मनोज की मौत भी बुरी हुई, और बी.डी. और लोलू की मौत भी आप पढ़ ही चुके हैं।
कहानी से सीख- "इंसान के बुरे कर्म ही नहीं, बल्की उसकी बुरी सोच भी उसका नाश करती है। इसलिए अच्छा सोचें और अच्छा करें। रिजल्ट अपने आप अच्छा होगा। एक और बात, सभी की 18 साल की उम से जो तूफानी दौर शुरू होता है, वो ऐसा होता है जैसे काली शक्तियों के बीच चल रहा हो। इस टाइम हमें उत्कंठा होती है, जो ज्यादातर गलत करने के लिए उत्तेजित करती है। इसलिए सिर्फ अच्छी बातों को जानने के लिए अपनी उत्कंठा को शांत करें।
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