RE: Thriller Sex Kahani - हादसे की एक रात
उन दोनों के बीच थोड़ी देर और बहस चली ।
लेकिन आखिरकार राज ने डॉली को इस बात के लिये तैयार कर ही लिया कि उस लम्बे कड़ियल आदमी की लाश ठिकाने लगाने में ही उनका भला है ।
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फिर राज ने डॉली की मदद से उस अजनबी आदमी के शव को घर के अंदर से निकालकर ऑटो रिक्शा में लादा ।
वह उन दोनों के लिये बड़े नाजुक क्षण थे ।
डॉली तो लाश को हाथ लगाते हुए भी घबरा रही थी, लेकिन राज के बार-बार के आग्रह के बाद वो इस काम को करने के लिये तैयार हो गयी ।
उस समय रात के 2 बज रहे थे ।
पूरा सोनपुर सन्नाटे में डूबा था ।
राज ने चैन की सांस ली, आज से पहले वो यह कहते हुए नहीं थकता था कि उस मोहल्ले में बेहद पत्थर दिल लोग रहते हैं, रात को कितनी हायतौबा मचती है, वहाँ कैसी-कैसी झड़पें होती हैं, लेकिन क्या मजाल कोई अपनी खिड़की में से भी झांककर देख ले ।
वहाँ कोई मरता है तो मर जाये, उनकी बला से ।
मगर आज राज के दिल से दुआयें निकल रही थीं । अगर आज उसकी नगाड़े जैसी चीख सुनकर वहाँ डॉली के अलावा कोई और आ धमकता, तो वह गया था दो के भाव । फिर वह मूर्तियों का वारिस तो क्या बनना था, उल्टे उसे हत्या के अपराध में जेल के अंदर चक्की और पीसनी पड़ती ।
बहरहाल अभी तक नसीब उसके साथ था ।
उसने खून से रंगे कपड़े उतारकर नये धुले हुए कपड़े पहने ।
उसके बाद खून से रंगे कपड़ों पर कैरोसीन ऑयल डालकर उसने उनमें आग लगा दी और राख को नाली के रास्ते बहा दिया ।
डॉली ने भी एक महत्वपूर्ण काम किया ।
उसने पहले पानी तथा फिर डेटॉल की मदद से फर्श पर लगे खून के धब्बों को अच्छी तरह साफ कर डाला ।
जबकि राज ने आनन-फानन में अजनबी की जेबों से अपने फिंगर प्रिंट भी मिटा दिये थे ।
फिर ऑटो की नेम प्लेट पर लगी मिट्टी भी साफ की, ताकि उसी एक प्वाइंट की वजह से वो कहीं फंस न जाये ।
बहरहाल राज जैसे सीधे-सादे आदमी से जितनी उम्मीद की जा सकती है, उसने उससे कहीं ज्यादा काबिलियत का परिचय देते हुए सबूत मिटाये ।
अजनबी को ऑटो रिक्शा में लादते समय उन दोनों ने अपने हाथों में दस्ताने पहन लिये ।
अजनबी क्योंकि लम्बी-चौड़ी कद काठी वाला आदमी था, इसलिये टांगें वगैरह मोड़कर वह बड़ी मुश्किल से ऑटो रिक्शा की पिछली सीट पर सेट हो गया ।
लाश के ऊपर एक मोटा कम्बल डाल दिया गया ।
फिर डॉली बेहद खौफजदा मुद्रा में लाश के पहलू में इस तरह बैठ गयी, जैसे वह लाश, लाश न होकर कोई मरीज हो और वह उस मरीज की कोई सगी-सम्बन्धी हो ।
अगले पल ऑटो तूफानी गति से सड़क पर दौड़ पड़ी ।
अब राज की आंखों के सामने रात के काजली अंधेरे में डूबी काली कोलतार की वीरान सड़क थी, जो मूसलाधार बारिश होने की वजह से शीशे की तरह चमक रही थी ।
और उसकी आंखों में सपने थे ।
सुनहरी सपने ।
राज ने देखा, उसकी और डॉली की शादी हो रही है ।
उनके पास एक बड़ा घर है ।
शानदार गाड़ी है ।
आगे-पीछे नौकर-चाकर हैं ।
वह खुश है ।
बेहद खुश ।
राज सपने देखता रहा, ऑटो रिक्शा अपना फासला तय करती रही ।
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