RE: रसीली भाभी नंगी मेरे सामने आ गई
बच्चे घर में ही थे। मजा तो आ रहा था लेकिन घबराहट भी थी इसलिये चाय पीकर घर से निकल आया।
भाभी से मिले हुए दो हफ्ते बीत गये थे, आज छुट्टी का दिन था इसलिये अपने तीनों जोड़ी कपड़े धोकर सूखने के लिये डाल दिये। मैं कमरे में अंडरवियर पहन कर लेटा हुआ सेक्सी वीडियो देख रहा था।
अचानक दरवाजे को किसी से खटखटाया, मुझे लगा राजीव आ गया है, राजीव मेरे बचपन का दोस्त था.. हम दोनों की छुट्टी एक साथ कटती थी और दोनों एक साथ सेक्सी वीडियो का मजा लेते थे।
मैंने उठकर दरवाजा खोल दिया।
लेकिन यह क्या.. दरवाजे पर रति भाभी खड़ीं थी, उनके कपड़े कीचड़ से सने हुए थे।
मैंने हकलाते हुए भाभी से पूछा- आप कैसे गंदी हो गईं?
भाभी ने मुस्कराते हुए कहा- इधर से निकल रही थी, अचानक कीचड़ में गिर गई। कपड़े साफ करने के लिये तेरे घऱ से अच्छी और करीब जगह नहीं थी। लेकिन तू क्यों इतना घबरा रहा है?
मैंने कहा- नहीं भाभी, मेरा साथी राजीव आने वाला था, मैंने राजीव की सोच कर ही दरवाजा खोला था।
भाभी ने मेरे तने हुए अंडरवियर को देखते हुए पूछा- तो क्या कमरे में ऐसा ही रहता है?
मैंने कहा- नहीं भाभी, अभी मेरे पास तीन जोड़ी कपड़े हैं, छुट्टी वाले दिन तीनों को धो देता हूं। पहनने के लिये सिर्फ अंडरवियर ही बचा था।
अब मैंने बिस्तर पर बिछी चादर ओढ़ ली थी।
भाभी बोली- बाथरूम में कपड़े धो लेती हूं.. तेरे पास कुछ पहनने को है क्या?
मैंने कहा- भाभी मेरे तो तीनों जोड़ी कपड़े धुल गये हैं, अभी गीले हैं.. सिर्फ अंडरवियर और चादर बची है.. औऱ एक बनियान छोटे भाई की है, गलती से मेरे साथ आ गई थी, मुझे टाइट आती है इसलिये पहनता नहीं हूं।
भाभी बोलीं- ठीक है, पहले कपड़े धो लेती हूं।
भाभी बाथरूम के अंदर चली गईं और कपड़े धोने लगीं। थोड़ी देर बाद उन्होंने बाथरूम के भीतर से ही अपना हाथ बाहर निकाल कर कहा- मेरे कपड़े धुल गये हैं.. ओढ़ने के लिये चादर और बनियान दे दे।
मैंने दोनों कपड़े भाभी को दे दिये।
थोड़ी देर में भाभी की फिर आवाज आई- यह चादर कैसी है… कभी धोता नहीं है क्या? सारी जवानी इसी पर निकाल रखी है। बेशर्म कहीं का.. और मुझे यह चादर ओढ़ने के दे दी है।
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मेरी सांस अंदर की अंदर रह गई। पता नहीं इस चादर पर कितनी बार अपनी लंड की गर्मी निकाली थी। भाभी अनुभवी थीं इसलिये देखते ही पकड़ लिया।
अब भाभी ने बाथरूम का थोड़ा सा दरवाजा खोल कर अंदर से आवाज लगाई- ले ये मेरे कपड़े सुखा दे…
मैंने उनके कपड़े लिये और कमरे के बाहर सुखाने के लिये फैलाने लगा। भाभी ने अपनी साड़ी, ब्लाउज और पेटीकोट के साथ ब्रा और पेंटी भी सुखाने के लिये दे दी थी।
उनकी ब्रा और पेंटी छूते ही लंड फनफनाने लगा, एकदम सिल्की ब्रा-पेंटी थी, मैं काफी देर तक उनकी पेंटी का सूंघता रहा.. उससे निकल रही एक अजीब सी महक मुझे पागल बना रही थी.. मेरा लंड अंडरवियर से बाहर निकलने को मचलने लगा था।
मुझे पता था कि बाथरूम के भीतर भाभी के पास मेरे छोटे भाई की बनियान के अलावा कोई कपड़ा नहीं है।
इस बार भाभी ने मुझे चादर सुखाने को कहा।
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