RE: Sex Kahani मेरी चार ममिया
मामी भी झड़ने के करीब ही थी उन्होने अपनी कमर को उपर तक
उठाया और मेरे लंड को अपनी बच्चेदानि पर लेते हुए पानी छोड़ दिया.
में अनिता मामी के उपर ही लेट गया और हम दोनो अपनी उखड़ी सांसो
को काबू मे करने लगे.
तभी मेने देखा कि कंगन भी ओह्ह्ह अयाया करते अपनी उंगलियाँ और
जोरों से अंदर बाहर कर रही थी. उसकी चूत ने भी पानी छोड़ दिया
था जो चूत के बाहर बहकर उसकी झटों को गीला कर रहा था.
इतने मे कंगन हमारे पास आई और अनिता की चुचियों को एक बार
फिर चूसने लगी.
"ओह्ह्ह... कंगन प्लीज़ फिर से नही..." अनिता हंसते हुए बोली.
पर कंगन ने उनकी बात सुनी नही और उनकी चुचियों को चूस्ति
रही. ये देख में भी उनकी चुचि को मुँह मे ले चूसने लगा. जब
उनकी चुचियो मे दूध ख़तम हो गया तो कंगन मामी उठ कर
बाथरूम चली गयी और में अनिता मामी से चिपक कर सो गया.
जब मेरी आँख खुली तो देखा कि अनिता और कंगन मेरे बगल मे ही
सोई पड़ी है. मेने धीरे से दोनो जायगा तो दोनो मुझे देख मुस्कुरा
पड़ी. अनिता मामी बाथरूम मे मुँह धोकर वापस आई तो दोनो अपने
अपने कपड़े पहनने लगे.
थोड़ी देर बाद हम सब ने मिलकर खाना खाया. खाना खाने के बात
जब कंगन मामी ने अनिता मामी को बताया कि किस तरह मेरा मन
चारों मामियों को चोद्ने का है तो अनिता मामी हंस पड़ी और बोली.
"राज तुम तो दो दिन मे ही पूरे चुदक्कड बन गये. लेकिन हां अगर
चारों साथ मे चुदवाएँगी तो मज़ा ज़रूर आयगा. दो को तुम चोद ही
चुके हो देखते है बाकी कि दो कैसे तय्यार होती है."
अब में कंगन मामी और अनिता मामी मिलकर प्लान बनाने लगे कि बाकी
दो मामियों को कैसे तय्यार किया जाए. पहले ये तय हुआ कि सिमरन
मामी को तय्यार किया जाए लेकिन उनके रिज़र्व नेचर को देखते हुए ये
तय हुआ कि मोना मामी को ही फँसाया जाय. मोना मामी सबसे छोटी थी.
अगला दिन शनिवार था और मेरे तीनो मामा सहर किसी खास काम से
चले गये. उनकी कोई ज़मीन थी जिसके सिलसिले मे वो किसी वकील से
मिलने गये थे.
कंगन मामी का मकान काफ़ी बड़ा था और उसकी छत भी काफ़ी बड़ी थी.
मोहल्ले का सबसे बड़ा मकान होने से किसी की भी नज़र उस छत पर
नही पड़ सकती थी. अनिता मामी ने सुझाव दिया कि क्यों ना छोटी सी
पार्टी छत पर ही मनाई जाए. शनिवार की रात को हम चारों कंगन
मामी की छत पर इकट्ठा हुआ. मोना मामी को हमारे प्लान के बारे मे
कुछ पता नही था.
हम चारों आपस मे बात करने लगे. पहले अनिता मामी मुझसे सवाल
करती गयी, जैसे कि मेरा कॉलेज कैसा था. में जिंदगी मे क्या
बनना चाहता हूँ, मेरी पसंद क्या क्या का है वग़ैरह वग़ैरह. ये
सब बातें करीब रात के 10 बजे तक चलती गई.
थोड़ी देर बाद बात चीत का विषय प्रेम ओर रोमॅन्स पर आ गया.
"अच्छा राज एक बात तो बताओ कॉलेज मे किसी लड़की को फँसा कि नही?"
कंगन मामी ने अचानक पूछा.
"कहाँ.... मामी... आपके भानजे की शकल कहाँ इतनी सुन्दर है कि
कोई लड़की उसे पसंद करे...." मेने हंसते हुए कहा.
"कौन कहता है कि मेरा प्यारा सा भांजा सुन्दर नही है....अगर में
उन लड़कियों की जगह होती तो कबका तुम्हे पटा चुका होती." कंगन
मामी ने कहा.
"बात तो तुम ठीक कहती हो छोटी..... मोना तुम्हारा क्या खाया है?"
अनिता मामी ने मोना मामी से पूछा.
"आप सही कह रही हैं दीदी..... राज देखने मे वाकई बहोत सुन्दर
और हॅंडसम है." मोना मामी ने कहा.
"अच्छा राज एक बताओ तुम्हारा सेक्स के बारे मे क्या ख़याल है?" अनिता
मामी ने पूछा.
"मामी आप भी ना.... कैसे सवाल करती है." मेने जान बुझ कर
अंजान बनते हुए कहा.
"अरे इसमे शरमाने वाली क्या बात है... बताओ ना अगर तुम्हे सेक्स
करने का मौका मिले तो तुम अपनी कौनसी कल्पना पूरी करना चाहोगे?'
कंगन मामी ने पूछा.
"नही पहले आप सब बताइए उसके बाद मे बताउन्गा.... लेकिन आप
तीनों को मेरे एक सवाल का उत्तर पहले देना होगा... पहले मे मोना
मामी से पूछता हूँ." मेने मोना मामी के तरफ देखते हुए कहा.
थोड़ी देर सोचने के बाद मोना मामी बोली, "ठीक है पूछो."
"मामी झूठ से काम नही चलेगा आप तीनो को सच सच बताना
होगा." मैने कहा.
"ठीक है हम सच सच बताएँगी." मोना मामी ने कहा.
"क्या शादी के पहले आपने सेक्स किया था?" मेने मोना मामी से पूछा.
मेरा प्रश्न सुनकर मामी सोच मे पड़ गयी.
"अरे घबरा क्यों रही है..... ठीक है तू बाद मे बताना मे ही पहले
बता देती हूँ जिससे तेरी शरम खुल जाए." अनिता मामी ने कहा. "भाई
मेने तो किया था.... हमारे घर के नौकर के साथ उसने ही पहली बार
मुझे चुदाई का मज़ा दिया था."
"वह दीदी आप तो बड़ी छुपी रुस्तम निकली....." मोना मामी ने कहा.
"चल अब अपनी भी तो बता....?" कंगन मामी ने पूछा.
"हां दीदी मेने भी किया है..... मेरे साथ कॉलेज मे एक लड़का
पढ़ता था उसके साथ.... में तो उससे शादी भी करना चाहती थी
लेकिन पिताजी ने मेरी शादी इस घर मे कर दी." मोना मामी ने बताया.
"चल कंगन अब तू बता." अनिता मामी ने कहा.
"सच कहूँ तो दीदी शादी के पहले मेने सेक्स का खूब मज़ा लिया
है...मुझे तो सेक्स इतना अच्छा लगता है कि क्या बताउ." कंगन मामी
ने कहा.
"चलो राज अब तुम बताओ कि तुम्हारी क्या कल्पना है?" अनिता मामी ने
पूछा.
"मामी मेरा तो मन करता है की में सेक्स सिर्फ़ अपने परिवार वालों के
साथ ही करूँ... चाहे वो कोई भी हो. रिश्ते मे कोई भी हो." मेने
कहा.
"वह मेरे राजा तो तुम घर की औरतों को चोद्ने की तमन्ना रखते
हो.... अगर हम मामियाँ तुम्हे चोद्ने दें तो तुम हमारी भी चुदाई
करोगे?" अनिता मामी ने हंसते हुए कहा.
"हां मामी, अंधे को क्या चाहिए दो आँखे वो तो आप दे ही देंगी..."
मेने भी हंसते हुए कहा, "अच्छा चलिए अब आप बताइए कि आपको क्या
पसंद है?' मेने पूछा.
"मेरा तो मन करता है कि में घर मे हर समय नंगी रहूं और जब
भी मौका मिले चुदाई करती रहूं." अनिता ने कहा.
फिर मेने कंगन मामी से पूछा तो उन्होने कहा कि उन्हे खुले आँगन
मे नंगा नहाना अच्छा लगता है. उन्होने बताया कि स्नान करते वक़्त या
चुदाई करते वक़्त अगर मुझे कोई चुप कर देख रहा होता है तो वो
और उत्तेजित हो जाती है.
"चलो मोना मामी अब आपको भी बताना होगा कि आपको क्या पसंद है....
चुप रहने से काम नही चलेगा." मेने कहा.
"मुझे शरम आती है......" मोना मामी ने अपना चेहरा अपने हाथों
से छुपा लिया.
"अरे क्यों शरमा रही है... बता ना..." कंगन मामी ने उसके पेट पर
चिकोटी काटते हुए कहा.
"दीदी.... मेरा तो मन करता है कि में खुली जगह पर चुदाई करूँ
जैसे कोई बाग या बगीचा हो या फिर कोई समुन्द्र का किनारा हो..."
मोना मामी ने कहा.
"अगर कोई खुली छत हो तो ....." अनिता मामी ने कहा.
"तब तो दीदी और मज़ा आ जाएगा.... चाँदनी रात और खुले आसमान
के नीचे चुदाई मे तो चार चाँद लग जाएँगे." मोना मामी ने कहा.
"ठीक है जब हम सब अपनी अपनी कल्पना बता ही चुके है तो क्यों ना
आज की रात हम सब अपनी कल्पना को हक़ीक़त का रूप दे दें." कंगन
मामी ने कहा.
"दीदी..... आप कहना क्या चाहती है....?" मोना मामी ने चौंकते हुए
कहा.
"में ये कहना चाहती हूँ क्यों ना हम सब आज अपने मन की तंमना पूरी
कर लें... क्यों राज अगर हम तीनो हन कहें तो क्या तुम हमारी
चुदाई करना चाओगे...?" कंगन मामी ने कहा.
"भला में क्यों ना करूँगा....." मेने मुस्कुराते हुए कहा.
"आप दीदी क्या आप तय्यार है?" कंगन मामी ने अनिता मामी से पूछा.
"हां मैं तो तय्यार हूँ...." अनिता मामी ने कहा.
मेने देखा कि कंगन मामी और अनिता मामी ने ऐसे हालत तय्यार कर
मोना मामी को अपने जाल मे फँसा लिया था..."तुम क्या कहती हो मोना?'
कंगन मामी ने पूछा.
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