Maa ki Chudai ये कैसा संजोग माँ बेटे का
01-02-2019, 02:26 PM,
#22
RE: Maa ki Chudai ये कैसा संजोग माँ बेटे का
उसने सीधे सीधे मुझे मौका दिया था कि मैं सब कुछ खुले में ले आता. अब वक़्त आ गया था कि जो भी हमारे बीच चल रहा था उस पर खुल कर बात की जाए क्योंकि उसने बहुत सॉफ सॉफ पूछा था कि हमारे बीच चल क्या रहा था. 


मुझे कुछ समय लगा एक उपयुक्त ज्वाब सोचने के लिए, और जब मैने अपना जवाब सोच लिया तो उसकी आँखो में आँखे डाल कर देखा और कहा: “बात पूरी तरह से सॉफ है कि हम दोनो मैं से कोई भी पहल नही करना चाहता.” 


मैने देखा उसके चेहरे पर एक रंग आ रहा था और दूसरा जा रहा था और फिर वो कुछ नॉर्मल हो गयी. हालाँकि मैने बहुत सॉफ सॉफ इशारा कर दिया था कि क्या चल रहा है, वो प्रत्यक्ष बात पूरी सॉफ और सीधे लफ़्ज़ों में सुनना चाहती थी ना कि अनिश्चित लफ़्ज़ों में कि मैं किस बारे में बात कर रहा हूँ. उसकी प्रतिक्रिया स्पष्ट और मेरी उम्मीद के मुताबिक ही थी: “क्या मतलब तुम्हारा? किस बात के लिए पहल?” 


मैं बेहिचक सॉफ सॉफ लफ़्ज़ों में बयान कर सकता था मगर हमारे बीच जो चल रहा था उसके साथ एक ऐसा गहरा कलंक जुड़ा हुआ था, वो इतना शरमशार कर देने वाला था कि उस पल भी जब सब कुछ खुले में आ चुका था हम उसे स्वीकार करने से कतरा रहे थे. इतना ही नही कि हम मे से कोई भी पहला कदम नही उठाना चाहता था बल्कि हममे से कोई भी यह भी स्वीकार नही करना चाहता था कि किसी बात के लिए पहल करने की ज़रूरत थी. 


कमरे मे छाई गंभीरता की प्रबलता अविश्वसनीय थी. वो अपनी उखड़ी सांसो पर काबू पाने के लिए अपने मुख से साँस ले रही थी. मेरे दिल की धड़कने भी बेकाबू हो रही थी जब मैं जवाब के लिए उपयुक्त लफ़्ज़ों का चुनाब कर रहा था. मेरी नसों में खून इतनी तेज़ी से दौड़ रहा था कि मेरे सारे विचार भटक रहे थे. मैं जानता था वो समय एकदम उपयुक्त था, मैं जानता था कि हम दोनो हर बात से पूरी तरह अवगत थे, मैं जानता था कि हममें से किसी एक को मर्यादा की उस लक्षमण रेखा को पार करना था, मगर यह करना कैसे था, यह एक समस्या थी. 


उसके सवाल का जवाब देने की वजाय मैने उसके सामने अपना एक विचार रखा: “तुम जानती हो माँ जब हम दोनो इस बारे में बात नही करते थे तो सब कुछ कितना आसान था, कोई भी परेशानी नही थी”


उसने राहत की लंबी सांस ली और उसके चेहरे पर मुस्कराहट छा गयी. मैने महसूस किया कि उसकी वो मुस्कराहट उन सब मुश्कुराहट से ज़यादा प्यारी थी जितनी मैने आज तक किसी भी औरत के चेहरे पर देखी थी. अपना बदन ढीला छोड़ते हुए उसने मुझे ज्वाब दिया : “हूँ, तुम्हारी इस बात से मैं पूरी तरह सहमत हूँ. 


मैने उसके सुंदर मुखड़े और तराशे हुए होंठो को देखा. वो बहुत मोहक लग रही थी हालाँकि उसका बदन पूरी तरह से ढँका हुआ था. एक बात तो पक्की थी कि हमारे बीच बरफ की वो दीवार पिघल चुकी थी. हमारे बीच जो कुछ चल रहा था उस पर अप्रत्याशिस रूप से हम दोनो सहमत थे और हम दोनो जानते थे कि हम अपरिचित और वर्जित क्षेत्र में दाखिल हो चुके हैं.


मैं बहुत ही उत्तेजित था. मेरा लंड इतना आकड़ा हुया था कि मुझे दर्द महसूस हो रहा था. मैं उसे अपनी बाहों में भर लेना चाहता था और उसके जिस्म को अपने जिस्म के साथ दबा हुआ महसूस करना चाहता था. मैं उसके मम्मो को अपनी छाती पर रगड़ते महसूस करना चाहता था. मैं अपने हाथों से उसकी पीठ सहलाना चाहता था, उसकी गान्ड मसलना चाहता था. मैं उसके होंठो में होंठ डाल कर खुले दिल से चूमना चाहता था और चाहता था कि वो भी मुझे उतनी ही हसरत से खुल कर चूमे. 


हम वहाँ चुपचाप बैठे थे, मेरी नज़र उस पर जमी हुई थी और उसकी नज़र फर्श पर जमी हुई थी. मेरा कितना मन था कि मैं जान सकता उसके दिमाग़ में उस वक़्त क्या चल रहा था. वो अपने विचारों और भावनाओ में ध्यांमग्न जान पड़ती थी जैसे मैं अपने विचारों में था. वो बीच बीच में गहरी साँसे ले रही थी ताकि खुद को शांत कर सके. मुझे नही मालूम था अब हमे क्या करना चाहिए. 


आख़िरकार कुछ समय पश्चात, जो कि अनंतकाल लग रहा था वो धीरे से फुसफसाई: “क्या यह संभव है”

वो इतने धीरे से फुसफसाई थी कि मैं उसके लफ़्ज़ों को ठीक से सुन भी नही पाया था. मैं कुछ नही बोला.मैं उस सवाल का जबाब नही देना चाहता था. 


फिर से एक चुप्पी छा गयी जब वो मेरे जबाव का इंतेज़ार कर रही थी. जब मैने कोई जबाव नही दिया तो उसने मेरी ओर नज़र उठाकर देखा और इस बार अधीरता से पूछा: “क्या हमारे बीच यह संभव है” 


मैं बहुत उत्तेजित होता जा रहा था, मेरी नसों में दौड़ता खून उबलने लगा था क्योंकि मेरा मन उस समय बहुत सारी संभावनाओ के बारे में सोच रहा था. उसने लगभग सब कुछ सॉफ सॉफ कह दिया था और अपनी भावनाओं और हसरातों को खुले रूप से जाहिर कर दिया था. अब मेरी तरफ से संयत वार्ताव उसके साथ अन्याय होता. मैने उसकी आँखो में झाँका और अपनी नज़र बनाए रखी. अपने लफ़्ज़ों में जितनी हसरत मैं भर सकता था, भर कर मैने कहा: “तुम्हे कैसे बताऊ माँ, मेरा तो रोम रोम इसके संभव होने के लिए मनोकामना करता है

हम दोनो फिर से चुप हो गये थे. उसकी घोसना और मेरी स्वीकारोक्ति की भयावहता हम दोनो को ज़हरीले नाग की तरह डस रही थी. हम यकायक बहुत गंभीर हो गये थे. सब कुछ खुल कर सामने आ चुका था और हम एक दूसरे से क्या चाहते थे इसका संकेत सॉफ सॉफ था मगर हम फिर भी चुप चाप बैठे थे, दोनो नही जानते थे आगे क्या करना चाहिए.
Reply


Messages In This Thread
RE: Maa ki Chudai ये कैसा संजोग माँ बेटे का - by sexstories - 01-02-2019, 02:26 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,481,672 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 542,300 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,224,224 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 925,883 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,642,987 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,071,492 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,935,474 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,005,841 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,012,523 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 283,025 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 6 Guest(s)