Incest Porn Kahani चुदाई घर बार की
04-29-2020, 01:08 PM,
#24
RE: Incest Porn Kahani चुदाई घर बार की
मैं बिल्लो की तरफ देख के हल्का सा मुस्कुरा दिया और फ़रज़ाना की तरफ देख के बोला यार ,यहाँ ही बैठ जाओ अगर तुम इसे यहाँ से ले गई तो कहीं तुम्हारी ये सहेली नाराज़ ही ना हो जाए

बिल्लो मेरी बात से थोडा हेरान हुयी और बोली लगता है की हुमारे विकी साहब को भी शहर का पानी लग गया है फ़रज़ाना देख तो ज़रा कल तक जो किसी से बात करते हो भी घबराता था आज किस तरह बातें कर रहा है

फ़रज़ाना .तो तुम क्या समझी थी की मेरा भाई अब सारी ज़िंदगी ऐसे ही भोला और बुज़दिल ही रहता
बिल्लो.... अरे नहीं मेरी जान मैं तो खुश हूँ की अब तुम्हारा भाई भी दुनिया मैं आ गया है लेकिन अब देखना ये है के विकी साहब अभी कहाँ तक इस दुनिया को समझ सके हैं

मैं... बिल्लो एक बात तुम समझ लो के मैं अब तुम से ज्यादा दुनिया को समझने लगा हूँ

बिल्लो... लगता है फ़रज़ाना अब हुमारी विकी के साथ खूब बनेगी क्यूं की विकी अब लगता है की
सब कुछ समझ जा रहा है

फ़रज़ाना.... चल छोड ना यार किन बातों मैं उलझ रही हैऔर भाई आप ये बताओ की पानी लाएं आप के लिए

मैं... हाँ ले ही आऊ लेकिन ज़रा ठंडा लाना ये ना हो की पानी पिया ही ना जाए फ़रज़ाना के पानी के लिए जाते ही बिल्लो जो की अभी तक मेरी तरफ ही देख रही थी बोल पड़ी अच्छा

तो विकी और सूनाओ वहाँ शहर मैं कोई दोस्ती भी किसी के साथ या युही सुखी पढ़ाई ही करते रहे

मैं... अब हुमारी इतनी किस्मत कहाँ की कोई हुमारे साथ दोस्ती करे बस घूमना फिरना और पढ़ाई मैं ही टाइम निकलता है

बिल्लो...(शरारत से) तुम्हें देख के लगता तो नहीं की तुम्हें ये सब किसी ने सिखाया ही ना हो जो नज़र आ रहा है

मैं... मुस्कुराते हो क्या नज़र आ रहा है ज़रा मुझे भी तो पता चले

बिल्लो... तुम्हें बताउंगी फिर कभी बाद मैं अभी फ़रज़ाना आने वाली होगी और उसके बाद इधर उधर की बातें करने लगी और फ़रज़ाना के आने के बाद थोड़ी देर और बैठी तो फिर ये कहती हुयी उठ खड़ी हुयी की अच्छा फ़रज़ाना अब मैं चलती हूँ घर पे भी कुछ काम है और निकल गई
बिल्लो के साथ ही फ़रज़ाना भी चली गई लेकिन बिल्लो अपनी बातों और आँखों से ये एहसास ज़रूर दिला गई थी की अगर मैं हिम्मत करू तो मुझे एक और फुददी मिल सकती है और ये सोच मुझे और मेरे लंड को खुश कर गई

बाकी का दिन इसी तरह इधर उधर की बातों और आराम करने मैं गुज़र गया और रात को मैं ऊपर चला गया खाना खा के तो बाजी भी मेरे कोई 30,, मिनट के बाद ऊपर आ गई

और अपने बिस्तेर पे लेट गई तो मैने बाजी की तरफ करवट ली और बोला क्या बात है बाजी

आज बड़ी चुप हो आप बाजी मेरी तरफ देख के बोली क्यूं भाई क्या मुज़रा करवाना है अपनी बहन से और हल्के हंस दी तो मैने कहा यार बाजी अगर मेरा बस चलता ना तो आप की फुददी मैं डंडा घुसा के मुजरा करवाता

बाजी मेरी तरफ देख के बोली अच्छा जी तो ये इरादा है मेरे जान से प्यारे भाई का चलो

सुबह होने दो फिर देखोंगी की कितनी हिमत है मेरे भाई मैं और सीधी हो के लेट गई

तो मैं समझ गया की बाजी मेरे आने के बाद अबू से भी चुदी होगी तो अब काफ़ी थकी हुयी है इस लिए सोना चाहती है
मैने भी अब बाजी को और ज़्यादा तंग नहीं किया और खुद भी सो गया क्यूं क मेरा इरादा

सुबह के लिए कुछ और ही था
अगली सुबह जब मैं सो के उठा तो देखा की बाजी जा चुकी है तो मैं भी रोज़ाना की तरह नीचे रूम मैं चला गया और सोने के लिए लेट गया तो मुझे नींद नहीं और मैं फिर से उठा और बाहर बरामदे मैं जा के चारपाई पे लेट गया और अम्मी फ़रीदा और फ़रज़ाना को नाश्ता और सफाई सुथराई के काम मैं लगा हुआ देखने लगा की

तभी अचानक मेरी नज़र फ़रीदा की तरफ गई जो की अपनी क़मीज़ को आगे की तरफ बाँध के किचन के कामों मैं लगी हुयी थी की तभी फ़रीदा थोडा सा अपनी गांड को झुका के सेल्फ की सफाई करने लगी तो उस के इस तरह होने से उस की सलवार जिस मैं वो नाडा नहीं बाँधती थी

बल्कि अभी तक एलस्टिक लगाती थी थोड़ी नीचे को झुक गई जिस से उस की टाइट सलवार मैं फँसी सेक्स गांड मुझे अजीब नशा देने लगी

ये नज़र देख क मेरा लंड खड़ा होने लगा और दिल मैं आया की क्यूं ना किसी तरह फ़रीदा के साथ भी अगर सेटिंग हो जाए तो मज़ा ही आ जाए

लेकिन अभी ऐसा होना मुमकिन नज़र नहीं आता था तो मैं एक ठंडी आअहह भर क रह गया की तभी अम्मी ने कहा विकी बेटा क्या बात है अभी तक तुम नाहे नहीं कब से उठ क नीचे आ चुके हो तुम

मैं अम्मी की आवाज़ सुनके के उठा और बात रूम मैं जा घुसा और फ्रेश हो के आया तो

अम्मी ने ही मुझे नाश्ता दिया और बोली तो बेटा आज कल अपने अबू के पास खेतों मैं ही रहने लगे हो ज़्यादा टाइम क्या घर पे दिल नहीं लगता

मैं अम्मी की तरफ देख हंस दिया और बोला क्यूं अम्मी कल दोपहर तक मैं खेतों से आ गया था और अभी तक कहीं भी नहीं गया इस तरह तो ज़्यादा वक़्त मैं घर पे रुकता हूँ

अम्मी मेरी बात सुनके के हंस दी और बोली चलो अच्छा है बेटा अगर तुम खेती शीख ही लो

तो क्यूं की हुमारे बाद ये सब तुम्हारा ही तो है और तुम्हें ही संभालना है हम कब तक तुम्हारे साथ रहंगे
मैने अम्मी की तरफ देखते हो कहा क्यूं अम्मी आप कहाँ जा रही हो अभी तो मैने आप को पूरी तरह ज़िंदगी का मज़ा भी देना है और आप हो की जाने की बात कर रही हो

अम्मी मेरी बात से चौंक गई और बोली क्या मतलब बेटा मै समझी नहीं की तुम मुझे कों सा मज़ा देना चाहते हो

अब मैं ज़रा संभालते हुए बोला अम्मी मैं ये बोल रहा था की अभी आप की उमर ही क्या है आप ने पूरी दुनिया घुमनी है मेरे और अबू के साथ फिर और भी बहुत से काम हैं आप के करने वाले तो फिर मैं भला आप को इतनी आसानी से कहीं जाने थोडा ही दूँगा

अम्मी हंस पड़ी और बोली अरे पगले मैं भी इतनी आसानी से तुम्हें छोड के जाने वाली नहीं हूँ और साथ ही मेरे सर पे किस कर दिया (इन बातों के दोरान मैं नाश्ता भी करता रहा था और फिर जब मैने नाश्ता ख़तम किया तो अम्मी बर्तन उठा के ले गई तो

मैं भी उठ खड़ा हुआ खेतों मैं जाने के लिए मैं घर से निकला और जल्दी से खेतों की तरफ चल दिया और जब मैं खेतों मैं पहुँचा तो अबू और बाजी आज चारा काट चुके थे जल्दी ही और अब नहाने की तैयारी कर रहे थे ( क्यूं क चारा काटने और कुतरने के दौरान बदन मट्टी से लस जाता है )

मुझे आता देख के बाजी मुस्कुराती हुयी अबू से बोली लो अबू देख लो आप का बेटा आज कितने टाइम से आ गया है खेतों पे
अबू ने कहा क्यूं नज़र लगा रही है मेरे बच्चे को और मेरे उन के पास पहुंचते ही अबू ने कहा चल बेटा आ जा तो भी नहा ले हुमारे साथ ही

मैने अबू को मना कर दिया की नहीं अबू मैं अभी घर से ही नहा के आ रहा हूँ आप लोग नहा लो मैं वहाँ चारपाई पे बैठा हुआ हूँ तो बाजी अबू से बोली चलो अबू आप ट्यूब वाले चलाओ मैं ज़रा कपड़ों का कुछ कर के आती हूँ और रूम की तरफ चल दी

फरी जब रूम से बाहर आयी तो उस ने अपने कपड़े उतार के अपना एक बड़ा सा दुपटा अपने जिस्म पे लपेट रखा था और आते ही मुझे देख के आँख मारती हुयी अबू के पास चली गई और पानी के नीचे घुस गई और नहाने लगी क्यूं की पानी काफ़ी ताक़त से गिर रहा था तो जब बाजी पानी के नीचे से निकालने लगी तो बाजी के जिस्म पे जो दुपटा बाजी ने बाँध रखा था

अपने बूबस के पास असल मैं बाजी ने बँधा नहीं था बस फँसाया हुआ था जो की पानी की स्पीड और ताक़त से खुल गया और नीचे पानी मैं गिर गया जिस से बाजी एक दम हम दोनो बाप बेटे के सामने नंगी हो गई

चादर खुलते ही अबू बाजी को नंगा देख के हंस दिए और बोले बेटी जरा मजबूती से बँधा करो कपड़े को पानी मैं काफ़ी ताक़त होती है तो बाजी ने जो की अपनी चादर उठा चुकी थी अब की बार बड़े आराम से बँधी और फिर से नहाने लगी और मैं बाहर बैठा

अबू के साथ नहाती अपनी बड़ी बहन को देखता रहा और अपना लंड सहलाता रहा जो फुल हार्ड हो चुका था
थोड़ी देर तक अच्छी तरह नहाने और अबू के साथ हल्की फुल्की बातों के बाद बाजी पानी से निकल के रूम की तरफ चल पड़ी और जैसे ही मेरे करीब आयी तो मुझे आँख के इशारे से रूम मैं आने को बोला

बाजी तो इशारा कर के रूम मैं चली गई लेकिन अबू अभी तक पानी मैं ही थे तो
मुझे समझ नहीं आ रही थी की मैं किस तरह फरी बाजी के पास जाओं रूम मैं लेकिन कुछ समझ नहीं आ रहा था और ऊपर से अबू से शरम भी आ रही थी तो तभी बाजी की आवाज़ मेरे कनों मैं पड़ी

बाजी रूम के दरवाजे से सिर्फ़ अपना सर बाहर निकल के झाँक रही थी और मुझे रूम मैं बुला रही थी तो मैं उठा और रूम की तरफ चल दिया और जब मैं रूम मैं इन हुआ तो बाजी वहाँ बिल्कुल नंगी खड़ी थी मेरी तरफ अपनी गांड कर के

अब मैं आगे बढ़ा और बाजी को पीछे से ही जा के चिपक गया और बाजी की गर्दन पे हल्की सी ज़ुबान घमते हो बोला जी बाजी क्यूं बुला रही थी आप मुझे तो बाजी ने कहा

विकी मेरी जान अब इतने भोले भी नहीं बना करो क्या तुम्हें नहीं पता है की मैने क्यूं बुलाया है कुंकी मै तेरे बिन अब नहीं रह सकती.. तबी तो यह सब कर रही हूँ...

मैं बाजी की बात सुनके के हंस दिया और बोला नहीं बाजी मैं भोला नहीं बन रहा लेकिन आप खुद ही सोचो की अबू भी अभी यहाँ ही हैं बाहर और कहीं गये भी नहीं हैं तो फिर भला मैं किस तरह जान सकता हूँ की आप ने मुझे क्यूं बुलाया है

बाजी मेरे हाथों को खोल के घूमी और मेरी तरफ मूडी और मुझे अपने सीने से लगाते हुयी बोली भाई मैने कल भी तुम्हें बताया था की अबू से नहीं डरा करो अबू हमें कुछ नहीं बोलेंगे

लेकिन बाजी फिर भी मुझे शरम आती है की अबू भला क्या सोचते होंगे की मैं कितना बेघरत हूँ की अपनी बहन को उन के खेतों पे होते हो भी चोद रहा हूँ नहीं बाजी पल्ल्लज़्ज़्ज़्ज़ ये मुझ से नहीं हो सकेगा

बाजी अब की बार कुछ नहीं बोली और मेरी क़मीज़ को निकल दिया और साथ ही मेरी सलवार के

नाडे पे हाथ डाला और झट्के से नडा भी खोल दिया जिस के खुलते ही मेरी सलवार नीचे जा गिरी

मेरा लंड झट्के ख़ाता हुआ बाहर निकल आया बाजी ने अब मुझे चारपाई पे लिटा दिया और बिना कुछ बोले मेरी तरफ देखते हो मेरा लंड हाथ मैं पकड़ लिया और फिर सर झुकाके अपना मूह खोला और आहिस्ता से मेरे लंड पे किस करने लगी
बाजी का ये अंदाज़ मेरी जान निकालने लगा और मेरे मूह से आअहह बाजिीइईईईईईईईई

ये क्या कर रही हो अप्प्प ठीक से चूसूऊऊऊऊ ना उनम्म्ममह बाजिीइईईई
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RE: Incest Porn Kahani चुदाई घर बार की - by hotaks - 04-29-2020, 01:08 PM

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