Kamukta Story कांटों का उपहार
06-09-2020, 01:28 PM,
#11
RE: Kamukta Story कांटों का उपहार
दिन पर दिन बीते और साप्ताह पर साप्ताह. लगभग 2 वर्ष बीतने को आए. राधा का बेटा कमाल अब अपने नन्हे पंजो पर चलना भी सीख गया. चौं, मौ करते करते 'मा-मा' करने लगा. वह जब मुस्कुराता तो उसका चेहरा कमल की ही तरह खिल जाता. उसे कोई भी देखता तो मन करता उसे गोद में उठा ले. उसके रूप में शाही बड़प्पन की झलक थी. राधा उसे देखती तो देखती ही रह जाती.

इन 2 वर्षो के अंदर राधा की आर्थिक स्थिति भी सम्भल गयी. उसकी तबीयत में भी निखार आया. बाबा की सेहत पर भी काफ़ी प्रभाव पड़ा. यही नही उसके मोहल्ले की हालत भी सुधर गयी. सूरजभान ने महानगर पालिका से भेंट करके कच्ची सड़कों को बनवा दिया. पानी की व्यवस्था करवा दी. नयी नयी दुकाने बनवा दी ताकि राधा को खरीदारी के लिए अधिक दूर ना जाना पड़े. उसका बच्चा स्कूल जाना शुरू करे तो उसे कीचड़ से ना गुज़रना पड़े.

इन दो वर्षो के अंदर राजेश (सूरजभान) राधा के घर हर पंद्रह दिन मे तो ज़रूर ही आता रहा. आते ही वह बच्चे को गोद में उठा लेता. उसे प्यार करता. उसके लिए हमेशा कुच्छ ना कुच्छ ज़रूर लाता. शुरू में राधा को यह बात उचित नही लगी थी परंतु बाद में वह इन्हे लेने पर मजबूर हो गयी. सूरजभान ने बच्चे को खिलोने और सुंदर वस्त्रों से भर दिया. बच्चा राजेश को देखते ही उसकी गोद में जाने को नन्हे - नन्हे हाथ फैला देता था.

इन दो वर्षो में बाबा ने लगभग पचास - मूर्तियाँ बनाई. राजेश ने उसकी मूर्तियों के दाम 500 रुपये से लेकर 1000 रुपये तक दिए. बाबा हरीदयाल को विश्वाश था कि उसकी बनाई मूर्तियाँ विदेश में खूब नाम कमा रही है. वह अपने गून से बहुत सन्तुस्त था, खुश था. अब उसका विचार था कि वह अपनी एक दुकान खोल लेगा.

एक शाम सूरजभान ने अपनी टॅक्सी राधा के घर के बाहर सड़क पर रुकवाई. अपनी गाड़ी का उपयोग उन्होने शुरू से ही नही किया था. ऐसा ना हो कि उनकी गाड़ी पर लगा 'रामगढ़ स्टेट' पढ़ कर लोगों को और राधा को उनकी वास्तविकता मालूम हो जाए. उन्होने टॅक्सी वाले को पैसे दिए और कमल के लिए लाए गिफ्ट को उठा कर दरवाज़े की तरफ बढ़े. फिर उन्होने दरवाज़ा खट्ट-खाटाया. दरवाज़ा खुला तो उन्होने अंदर परवेश किया. राधा पिछे हट गयी. उन्होने राधा को देखा, आज वह कुच्छ अधिक ही उदास और परेशान थी. और दिनो की तरह उन्हे देख कर मुस्कुराइ भी नही.

"क्या बात है राधा देवी?" उन्होने पुछा.

"एक साप्ताह पहले बाबा का निधन हो गया." राधा का गला भर आया.

सूरजभान चीखते चीखते रह गये. गिफ्ट का पॅककिट हाथ से छूट-ते - छूट-ते बचा. - "कैसे...?" उन्होने बड़ी मुश्किल से अपनी भावनाओ पर काबू पाकर पुछा.

"सामने बानिए की दुकान पर वह कुच्छ सामान लेने गये थे कि किसी ने कुच्छ कह दिया."

"क्या?"

"यही कि...कि..." राधा की आँखें छलक आई. कहने में उसे शर्म आ रही थी. उसने बड़ी कठिनाई से कहा, -"यही कि तुम्हारी मूर्तियाँ कोई पचास रुपये में भी नही खरीदेगा. पाँच सौ, हज़ार देकर खरीदने वाला केवल तुम्हारी बेटी के कारण ही..." राधा फुट - फुट कर रो पड़ी.

सूरजभान की मुठियाँ भिच गयीं. होठों को चबा कर उन्होने बाहर देखा. दरवाज़े के उस पार, बनिया उन्हे देखते हुए अपनी मुच्छों को ताव दे रहा था. सूरजभान बल खाकर रह गये.

"इसी बात पर बाबा को गुस्सा आ गया." राधा ने खुद को संभाल कर कहा - "बात इतनी बढ़ी कि सारा मोहल्ला ही जमा हो गया. सभी ने उस बानिए का साथ दिया. कुच्छ ने तो यहाँ तक कह दिया कि आप बाबा की गैर-मौजूदगी में आते हैं और घंटे भर तक घर में घुसे रहते हैं. बाबा यह अपमान सहन नही कर सके. घर आकर मुझ पर ही बरस पड़े. मैं निर्दोष थी पर अपने बचाव में कुच्छ भी ना कह पाई. गुस्से में बोलते - बोलते अचानक ही बाबा की छाती में बहुत सख़्त दर्द उठा. होंठ भिच गये. आँखें पलटने लगी और तभी ज़मीन पर गिर कर हमेशा के लिए खामोश हो गये. मैने फादर को कुच्छ भी नही बताया परंतु एक ना एक दिन उन्हे बाबा की मृत्यु का कारण तो पता चल ही जाएगा. वह उन्ही की कृपा थी कि बाबा का अंतिम संस्कार हो गया वरना इस मोहल्ले के लोग तो अब हमे देखना भी पसंद नही करते हैं."

सूरजभान कुच्छ नही बोले. मन ही मन यहाँ के मोहल्ले पर झल्लाने लगे. यह उन्ही की कृपा थी के यहाँ का नक़्शा बदला हुआ था.

"राजेश बाबू..." अचानक ही राधा ने भीगे स्वर में कहा, - "एक निवेदन करूँ, बुरा मत मानीएगा."

"नही राधा देवी, कभी नही." उन्होनी बिना सोचे - समझे कहा. - "आप बे-झिझक कहिए. आपकी इच्छा पूरी करना मैं अपना भाग्य समझता हूँ."

"आपको मेरे कमल की सौगंध, कृपया आप अब यहाँ आना हमेशा के लिए बंद कर दीजिए." राधा ने अपना मूह दूसरी ओर फेर कर कहा.

"राधा देवी !" सूरजभान तड़प उठे. मानो मोहल्ले के लोगों ने उनकी छाती पर छुरा मार दिया हो.

परंतु राधा उसी प्रकार बिना उनकी ओर देखे बोली, - "जब तक बाबा जीवित थे, आपके आने पर हम ने कभी ऐतराज़ नही किया. मोहल्ले वालों ने पहले भी कयि बार मुझ पर कीचड़ उच्छालना चाहा परंतु मैं आपके दिल को ठेस नही पहुचाना चाहती थी. अब बाबा नही रहे इसलिए मूर्तियाँ भी नही रहेंगी. इस वजह से अब आपका यहाँ आना भी अकारण होगा. आपने हमारे लिए बहुत कुच्छ किया. मेरे बच्चे को सुंदर खिलोने दिए, इसलिए हम आपके अभारी हैं. अब आप हमे क्षमा कीजिए. मैं नही चाहती मेरा लड़का बड़ा होकर मेरे प्रति ग़लत बातों का शिकार हो."

सूरजभान की आँखें भर आई. उन्होने कुच्छ कहना चाहा परंतु फिर खामोश हो गये. उन्होने सोचा - राधा ठीक ही कहती है. जब मूर्तियाँ ही नही रहीं तो उनके यहाँ आने का कारण ही क्या? वे तो केवल मूर्तियाँ ही खरीदने आते थे. उनकी इच्छा हुई कि वे राधा को सब कुच्छ बता दें. पर साहस नही कर सके. बात और भी हास्यपद हो सकती थी. राधा का दिल अभी इतना प्रभावित नही हुआ है वह सूरजभन को क्षमा कर दे, वह उनसे अब भी घृणा करती है. नफ़रत से कोस्ती है. थोड़ी सी भली, चन्द सुविधाएँ तथा रुपया देकर कोई अपने पापों की क्षमा थोड़े ही पा सकता है. राधा उसे इतनी आसानी से क्षमा नही करेगी. सूरजभान सिंग ने तो इसकी आत्मा तक कुचल कर रख दी है.

सहसा अंदर कमल के रोने का स्वर उठा. शायद वह सोते से जाग गया था. उनका मन हुआ अंदर जाकर उसे गोद में उठा ले. उसे चूमें, उसे प्यार करें. पर साहस नही हुआ. राधा अंदर चली गयी. सूरजभान हाथों में गिफ्ट पॅकेट को थामे राधा के बाहर आने की प्रतीक्षा करते रहे. जब काफ़ी देर तक राधा बाहर नही आई तो उन्होने निराश होकर गिफ्ट को बरामदे में रख कर वापस पलट कर बाहर निकल गये.

बाहर निकलने पर उन्होने देखा, बानिए की दुकान पर अनगिनत औरतों और पुरुषो का जमघट लगा था. वह सीधे बानिए की दुकान के पास जाकर खड़े हो गये. उन्हे देख कर बानिए की सिट्टी - पिटी गुम हो गयी. उन्होने बानिए को घूर कर देखा. उनका जी चाहा बानिए का गला दबा दें. परंतु कुच्छ सोच कर अपने रास्ते बढ़ गये. उन्हे इस बात का बेहद दुख था कि अब वे राधा से नही मिल सकेंगे. परंतु उन्होने तय कर लिया कि राधा के प्यार की खातिर वह अपना सब कुच्छ पहले से अधिक लुटाते रहेंगे.

सूरजभान ने कमल की आयु की माँग के अनुसार उन स्कूल में फंड खोल दिए जहाँ कहीं भी उसने परवेश लिया. ऐसी प्रतियोगिताएँ उन्होने आरंभ की जिसमे उनके लड़के को रूचि थी. और कमल ने अनगिनत इनाम बचपन से ही जीतने आरंभ कर दिए. खूब नाम कमाया. स्कूल से पढ़ कर कॉलेज में आ गया. परंतु वह ये ना जान सका कि उसकी सफलता के पिछे किसी और का हाथ है. राधा अपने बेटे पर गर्व करती कि बहुत होनहार है. कॉलेज उस पर मेहरबान है. प्रिन्सिपल उसके बच्चे को बहुत मानते हैं.

कमल बढ़ता गया. सफलता पर सफलता पाता गया. उसने लंडन से आर्किटेक्ट की पढ़ाई पूरी की. लंडन में ही उसकी मुलाक़ात सरोज नाम की लड़की से हुई. वह भी भारत से थी. दोनो में नज़दीकियाँ बढ़ी और एक दूसरे से प्यार कर बैठे. भारत लौटने पर कमल ने मा को सरोज के बारे में बताया. राधा ने सरोज के माता - पिता से मिल कर दोनो के रिश्ते की बात की. उसके माता - पिता ने कोई आपत्ति नही जताई. वे खुले दिल के लोग थे. उन्होने राधा से कमल के पिता के बारे में अधिक प्रश्न नही पुछा. राधा ने उन्हे सिर्फ़ इतना बताया कि कमल के पिता की मृत्यु कमल के पैदा होने के कुच्छ ही दिन बाद हो गयी थी. यही बात उसने कमल को भी बताई थी.

कमल और सरोज की शादी हो गयी. सरोज के आने के बाद राधा अत्यंत खुश रहने लगी थी. कमल के प्रति उसकी सारी ज़िम्मेदारियाँ पूरी हो चुकी थी. अब उसकी एक तमन्ना शेष रह गयी थी. अपने जीते जी कमल के संतान को देख ले. उसे गोद में खिला ले.
क्रमशः..........................................................................................
Reply


Messages In This Thread
RE: Kamukta Story कांटों का उपहार - by hotaks - 06-09-2020, 01:28 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,490,861 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 543,286 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,227,707 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 928,539 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,648,107 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,075,647 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,942,617 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,028,809 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,021,403 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 283,918 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 1 Guest(s)