Maa Sex Kahani मम्मी मेरी जान
11-11-2020, 01:11 PM,
#53
RE: Maa Sex Kahani मम्मी मेरी जान
"कहीं तुम्हे सच में तो चोट नहीं लग गयी?" सानिया अंदर आते ही एक तरफ को झुक कर मेरी टांग और पांव को देखने लगी के में लँगड़ा क्यों रहा था. सतिशने कोई जवाब न दिया. बलके सतिशने आगे बढ़कर उसके दोनों भारी मम्मो को अपने हाथों में भर लिया और उन्हें इतने ज़ोर से दबाया के उसके कड़े निप्पल उभर कर उसके ब्लाउज और ब्रा में से उसकी हथेलियों में चुभने लगे.

"अअअअअहःहःहःह..... सतीशशश...." उसके मुंह से तेज़ और गहरी सिसकि निकलती है.

"रूक जाओ.....सतीश......देखो......." मगर वह नहीं रुकता और उसके सख्त मम्मो को और भी जोर से निचोडने लगता है और उन्हें उसके सीने पर दबाता है.

"नही सतीश......अभी नहीं जबकि तुम्हारे डैड घर पर ही है" उसकी आवाज़ में भी उतनी ही मादकता भरी हुयी थी जितनी के उसकी आवाज़ में. सतिशने उसके निप्पल को अपने अंगूठे और उँगलियों के बिच मसल कर खीँच रहा था और फिर उससे मम्मो को ऊपर उठाया, दो पल उन्हें वहीँ थामे रखकर सतिशने उन्हें छोड़ दिया. वो ब्रा के अंदर ऊपर निचे जम्प मारते आखिरकार फिर से अपनी पहली स्थिति में आकर खड़े होगये.

"जो आज तुमने ऊपर किया न........बिल्कुल पागलपन था.....मेरी तो अभी भी डर से जान कांप रही है के अगर तुम्हारे डैड हमें पकड़ लेते तो?" उसकी आवाज़ में कामुकता और उसकी सांसो की गहरायी पहले से काफी बढ़ गयी थी. सतिशने उसे कोई जवाब नही दिया और निचे झुक कर उसके घुटनो के पास से उसकी स्कर्ट का नीचला सिरा पकड़ा और उसे पूरा ऊपर उठा दिया. सतिशने दूसरे हाथ को उसकी पेन्टी के ऊपर से उसकी चुत पर रखा और उसे अपने हाथ में भरकर मसलने लगा. सतिशने एक हाथ से उसके बाल मुट्ठि में भरकर उन्हें पीछे को खींचा तो उसका सर पीछे को झुक गया. सतिशने अपना मुंह उसके खुले मुंह पर रख अपने होंठ उसके होंठो पर चिपका दिये. सतीश की जीव्हा मम्मी के मुख में प्रवेश कर चुकी थी और सतिशने उसके बालों को छोड़ उसका हाथ अपने हाथ में लिया और उसे अपने स्टील की तरह सख्त लौडे का रास्ता दिखाया. पाजामे के ऊपर से अपने लंड पर उसका हाथ रख सतिशने उसके हाथ को ज़ोर से दबाया. सानिया उसके मुंह में ज़ोर से कराहती है तो वह उसका हाथ अपने पाजामे के अंदर घुसा उसे छोड़ देता है.

सानिया तुरंत उसके लंड को पकड़ लेती है और उसकी कोमल उँगलियाँ उसके अभिमान के प्रतीक उसके मोठे लंड के गिर्द कस्स जाती है. सतीश का दूसरा हाथ उसकी पेन्टी को खींचता हुआ उसकी भीगी चुत से निचे कर देता है. उसकी चुत बेपरदा हो चुकी थी और वह बिना एक भी पल गंवाये उसकी नंगी चुत पर अपना हाथ रख देता है और उसमे दो उँगलियाँ घुसेड देता है. सानिया का जिस्म कांपने लगता है और वो सर झटकने लगती है. सतीश अपने खाली हाथ से उसके सर को पकड़ उसके मुंह को अपने मुंह पर चिपकाये रखता है और उसकी चुत में अपनी उँगलियाँ अंदर बाहर करने लगता है.
सानिया ने अपना हाथ उसके लंड पर से नहीं हटाया था, इसलिये वह जानता था के वो मुझे रोकने वाली नहीं हैं चाहे वो इंकार में आज कितना ही सर हिला ले. सतीश उसकी चुत को अपनी उँगलियों से छेड़ता रहा और जब उनका चुम्बन टूटा तो सतिशने गंदे कपड़ों से भरी बास्केट को उठकर फर्श पर पलट दिया और कपड़े फर्श पर बिखर दिये. फिर वह मम्मी के सामने फर्श पर घुटनो के बल बैठ गया और उसकी पेन्टी को उसकी जांघो से खींच कर उसके पैरों में कर दिया. सानिया ने कोई विरोध नहीं किया मगर जब वह उसके पांव उठाकर उसकी पेन्टी को निकालने लगा तो वो टांगे हिलाने लगी. सतिशने अपने हाथ उसकी जांघो पर रख उसकी टांगो को पूरी तरह कस्स लिया. उसकी जांघो के मास्स को बेदर्दी से पकड़ सतिशने सानिया की टांगे चौड़ी कर दी और मम्मी की रस टपकती चुत खींच कर अपने प्यासे होंठो के नज़दिक लाने लगा.

"हाय भगवान....हाय भगवान.......आहह्ह्..." सानिया के होंठो से एक लम्बी सिसकि निकलती है जबके सतीश का मुंह उसकी चुत के होंठो को दबोच लेता है और उसकी जीव्हा उसकी चुत के अंदर गहरायियो तक समां जाती है. सतीश उसकी जांघो को छोड़ उसकी गांड को थाम लेता है. मम्मी के दोनों नितम्बो को अपने हाथों में भरके पूरी शक्ति से उन्हें दबाता है जबके सानिया खुद उसके सर को पकड़ अपनी कांपती चुत पर दबाती है.

"आह्.........." उसके मुंह से बेटे की तारीफ में लम्बी लम्बी सिस्कियों का निकलना बद्स्तूर जारी था.

"हाय भगवान....हाय भगवान........ओहः......ओह.....ही भगवान......आह...." अचानक सानिया का हाथ उसके सर को इतनी ज़ोर से पकड़ कर चुत पर दबाता हैं के वह सांस भी नहीं ले पाता, नाक से भी नहि. उसकी चुत से उसके जूस की लहरें निकल कर उसके मुंह पर टकराने लगती है. अखिरकार जब उसका झटके खाता जिस्म शांत पढ़ जाता है तो सतीश ने खडे होकर उसे वक्त पर अपनी बाँहों में थाम लेता है क्योंके वो एकदम सुस्त होकर गिरने वाली थी.
सतीश सानिया को उठकर सीधी खड़ी करता है और वो अपनी बाहें बेटे के गर्दन में दाल देती है. जब उसे एहसास होता है के सतीश का लंड उसकी चुत का छेद ढूंढ रहा है तो वह खुद अपनी टांगे खोल देती है और उन्हें चौडा किये रखती है. अखिरकार कई कोशिशों के बाद उसके लंड को उसकी चुत का छेद मिल जाता है और वो एक झटके में अंदर घुस जाता है. मम्मी के मुंह से एक लंबि, तीखी और मादक सिसकि निकलती है. किसी औरत द्वारा मर्द की ऐसी तारीफ का कहना ही क्या!
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RE: Maa Sex Kahani मम्मी मेरी जान - by desiaks - 11-11-2020, 01:11 PM

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