लेखक:- अज्ञात/सतीश
भाइयो यह मेरी कहानी नही है अच्छी लगी तो पोस्ट कर रहा हु, अगर यह कहानी किसी और नाम से इस फोरम पर हो तो बता दे...सतीश
पिशाच की वापसी – 1
रात का अंधेरा काला साया, खामोशी से भरा, हल्की हल्की गिरती बारिश की बूँदें. एक पतली सी सड़क और उस सड़क के दोनों तरफ घना जंगल, बारिश की वजह...
वर्दी वाला गुण्डा / वेदप्रकाश शर्मा
लाश ने आंखें खोल दीं।
ऐसा लगा जैसे लाल बल्ब जल उठे हों।
एक हफ्ता पुरानी लाश थी वह।
कब्र के अन्दर, ताबूत में दफन!
सारे जिस्म पर रेंग रहे गन्दे कीड़े उसके जिस्म को नोच-नोचकर खा रहे थे।
कहीं नरकंकाल वाली हड्डियां नजर आ रही थीं तो कहीं कीड़ों द्वारा अधखाया...
याराना
जर, जोरू और जमीन- कहा जाता है कि झगड़े की यही सबसे बड़ी वजहें होते हैं और इनके कारण भाई-भाई भी दुश्मन हो जाते हैं। खास कर जोरू तो भाइयों तो क्या गहरे से गहरे दोस्तों में भी अलगाव करा देती है। लेकिन हमारे मामले में कुछ उल्टा ही हुआ था। 'जोरुओं' की वजह से हम दो दोस्तों की टूट चुकी दोस्ती...
प्रीत की ख्वाहिश
written by Ashok
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मेला ..........
अपने आप में एक संसार को समेटे हुए, तमाम जहाँ के रंग , रंग बिरंगे परिधानों में सजे संवरे लोग . खिलोनो के लिए जिद करते बच्चे, चाट के ठेले पर भीड , खेल तमाशे . मैं हमेशा सोचता था की मैं मेला कब देखूंगा. और मैं क्या मेरी उम्र के तमाम लोग जो मेरे...
हादसे की एक रात
तीन जुलाई !
वह बुधवार की रात थी- जिस रात इस बेहद सनसनीखेज और दिलचस्प कहानी की शुरुआत हुई ।
वह एक मामूली ऑटो रिक्शा ड्राइवर था ।
नाम- राज !
राज पुरानी दिल्ली के सोनपुर में रहता था । सोनपुर- जहाँ ज्यादातर अपराधी किस्म के लोग ही रहा करते हैं । जेब तराशी, बूट लैगरस और चैन स्नेचिंग...
जलन
लेखक कुशवाहा कांत
"चलिए, भोजन कर लीजिए!"
"भोजन की इच्छा नहीं है।" -मैंने कहा।
"इच्छा क्यों नहीं है? भला इस तरह भी कोई क्रोध करता है? दादी ने जरा-सी बात कह दी, बस आप रूठ बैठे।
"मैं नहीं खाऊंगा।" -मैंने पूर्ववत् हठ किया।
उसके मुंह से एक सर्द आवाज निकली। बोली, “मत खाइए, मैं भी नहीं...
दोस्तो यह कहानी के पहले तीन भाग मेरी फेवरेट लेखिका कामिनी जी ने लिखे है जो आप इस फोरम पे "कामिनी" नाम से पढ़ चुके है अगर नही पढ़े तो जल्द पढ़ ले यह कहानी वही से आगे शुरू कर रहा हु जहां कामिनी जी ने छोड़ी थी मैं आशा करता हु कामिनी जी को मेरा यह प्रयास जरूर पसंद आएगा अपने बहुमोल कमेंट जरूर दे यह...
"आग्याकारी माँ"
दोस्तो मैं आपका अपना सतीश नई कहानी स्टार्ट कर रहा हु वैसे दोस्तो आपको इसका नाम कुछ अजीब लग रहा होगा कही माता पिता भी आग्याकारी होते है आग्याकारी तो बच्चे होते है पर यकीन मानिए इस कहानी को यही नाम सही है यह कहानी माँ बेटा भाई बहन के सेक्स के ऊपर आधारित है कैसे एक माँ अपने पति से...
दोस्तो मैं आपका अपना सतीश एक और नई कहानी शरू कर रहा हु यह एक इनसेस्ट कहानी है एक ऐसे बेटे की जो अपनी बेहद हसीन माँ और खूबसूरत बहन का दीवाना है पर अब उसकी बहन शादी करके चली गई है मैं भी क्या आपको बोर करने लगा मैं अपनी बकवाणी बंद करता हु और कहानी शुरू करता हु जो आपको जरूर पसंद आयेगी ……सतीश...
Hawas ka ghulam ( हवस का गुलाम )
गर्मियों के मौसम को झेलने के बाद बारिश का मौसम कुछ ज़्यादा ही सुहाना लगता है. सावन जो शुरू हो चुका है. आज जल्दी सुबह से ही काले मेघों ने अपनी हुंकार लगानी शुरू करदी. हरे भरे पेड़ों के हरे पत्तों से पानी की बूंदे अठखेलियाँ करते हुए ज़मीन मे समा जाती है. और ये...
मेरा नाम राहुल है और मैं अभी मात्र 16 साल का हु मेरी लंबाई साढ़े5 फिट है रंग गोरा है । मेरे घर मे सभी लोग है केवल पिता जी को छोड़ कर पिता जी आर्मी में थे तो एक लड़ाई में वो सहीद हो गए । हम बहुत अमीर तो नही और न ही गरीब है माध्मयवर्गीय परिवार है । मेरे पापा के गुजर जाने के बाद घर की पूरी जिमेदारी...
Doston, main Ankur phir se ek Baar ek nayer kahani ke saath jald laut aa raha hoon. Yeh kahani ek tarah se 'Kaamdev ka Aashirwad' ka sequel hain, lekin ek bilkul naye parivar ke saath.
Umeed karta hoon is kahani ko bhi utna hi pyar milega.
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बीबी की चाहत
मेरा नाम दीपक है। यह वाक्या काफी सालों पहले का है। मैं उन दिनों जयपुर में रहता था।
एक प्राइवेट कंपनी ने में सेल्स डिपार्टमेंट में सीनियर मार्केटिंग एग्जीक्यूटिव था। मेरा परफॉरमेंस अच्छा था और सेल्स में मैं हमारी कंपनी में अक्सर अव्वल या पुरे इंडिया में पहले पांच में रहता था। मेरा...
ठहाकों के बाद आवाज गूंजी ---- " देखा इस्पक्टर ! देखा ? इसे कहते हैं चमत्कार ! अपने अगले शिकार की हत्या मैंने तेरे हाथों से करा दी । सबके सामने करा दी । और करना क्या पड़ा मुझे ? सिर्फ तेरे रिवाल्वर से छेड़छाड़ ! उसमें तेरे द्वारा डाली गयीं नकली गोलियां निकालकर असली गोलियां डालना कितना आसान था ।...
आई लव यू /कुलदीप राघव
अप्रैल का महीना शुरू हो चुका था। दिल्ली की गर्मी अपने तेवर दिखा रही थी। जैसे जैसे दिन चढ़ता, गर्मी तेज होने लगती, इसलिए सुबह जल्दी ऑफिस चले जाना और शाम को देर तक ऑफिस में बैठे रहने का रूटीन बना लिया था। ऑफिस में एसी की ठंडक अब सुकून देने लगी थी।
ऑफिस से लौटकर कमरे पर...
मेराअतृप्त कामुक यौवन
दोस्तो, आज मैं आपके समक्ष एक ऐसी कहानी लाई हूँ.. जिसे पढ़कर आप लोग अपने हाथों को अपने कंट्रोल में नहीं रख पाएंगे।
मेरा नाम सोनाली है.. मेरी उम्र 40 साल है। मेरी शादी मेरे घर वालों ने 20 की उम्र में ही करा दी थी। मेरे पति का नाम रवि है, रवि एक प्राइवेट कंपनी में जॉब करते...
अनौखा जाल
भाग १)
ट्रिन ट्रिन ... ट्रिन ट्रिन.... ट्रिन.. ट्रिन... | लैंडलाइन फोन की घंटी बज रही थी | मैं ऊपर अपने कमरे में सो रहा था | फोन था तो नीचे पर सुबह के टाइम इसकी आवाज़ कुछ ज़्यादा ही ज़ोरों से आ रही थी | मैंने अपने ऊपर अपना दूसरा तकिया बिल्कुल अपने कान के ऊपर रख लिया | आवाज़ फिर भी आ...
कोई तो रोक लो
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दोस्तो आज से एक और नई कहानी शुरू कर रहा हूँ ये कहानी प्रीतम ने लिखी है मैं इसे हिन्दी फ़ॉन्ट में आपके लिए प्रस्तुत कर रहा हूँ . उम्मीद है कि ये कहानी आपको पसंद आएगी .
मेरा नाम पुनीत है. मैं 24 साल का हूँ और मेरी हाइट 5'7" फुट है. देखने मे किसी हीरो की तरह हॅंडसम तो...
पापी परिवार की पापी वासना
दोस्तो मैं यानी आपका दोस्त राजशर्मा एक और मस्त कहानी लेकर आया हूँ जो आपका भरपूर मनोरंजन करेगी
कवल वयस्कों के लिये
यह कहानी 18 साल से कम उम्र के लोगों के लिये वर्जित है। इस कहानी के सारे पात्र और घटनायें काल्पनिक हैं जिनका यथार्थ से कोई सम्बंध नहीं है। इस कहानी में...
लेखिका:-रुपिंदर कौर
नमस्ते दोस्तो, मेरा नाम रूपिंदर कौर है और मैं पंजाब की रहने वाली हूँ। मेरा कद 5’2″ इंच है और रंग गोरा है। शादी से पहले मैं बहुत जिम जाती थी क्योंकि मेरे मम्मे तो बहुत बढ़ गये थे लेकिन मेरा पिछवाड़ा थोड़ा कम बाहर निकला था। इसलिए मैंने वहां पिछवाड़े को बढ़ाने और ठीक शेप में...