Do Sage MadarChod (दो सगे मादरचोद )
अपडेट-01
आज में 6'2" कद का बिल्कुल गोरा और सुगठित शरीर का 28 साल का आकर्षक नवयुवक हूँ. मेने यहीं चंडीगढ़ से हॉस्टिल में रह कर ग्रॅजुयेट की है और कॉलेज लाइफ में पहलवानी में अच्छा नाम कमाया है. मेरे माता पिता और मेरा छोटा भाई यहाँ से 250 किमी दूर एक गाँव में...
मकसद
मेरी आंख खुली ।
सबसे पहले मेरी निगाह सामने दीवार पर लगी रेडियम डायल वाली घड़ी पर पड़ी ।
डेढ़ बजा था ।
यानि कि अभी मुझे बिस्तर के हवाले हुए मुश्किल से दो घंटे हुए थे ।
मेरी दोनों आंखें अपनी कटोरियों में गोल-गोल घूमीं । यूं बिना कोई हरकत किए, बिना गर्दन हिलाए मैंने अपने बैडरूम में चारों नरफ...
जलती चट्टान
लेखक : गुलशन नंदा
रेलगाड़ी ने जब सीतापुर का स्टेशन छोड़ा तो राजन देर तक खड़ा उसे देखता रहा। जब अंतिम डिब्बा सिगनल के करीब पहुँचा तो उसने एक लंबी साँस ली। अपने मैले वस्त्रों को झाड़ा, सिर के बाल संवारे और गठरी उठाकर फाटक की ओर चल पड़ा।
जब वह स्टेशन के बाहर पहुँचा तो रिक्शे वालों ने...
कमसिन बहन
स्कूल से छुट्टी होते ही नेहा और उसकी बचपन की सहेली मंजू लगभग दौड़ते हुए बाहर निकले,
दोनो में हमेशा इसी बात की दौड़ लगती थी की कौन पहले बाहर निकले और विक्की की बाइक पर पहले बैठे...
और इस दौड़ में लगभग हर बार नेहा ही जीतती थी..
आख़िर वो चुस्त दरुस्त थी, एकदम छरहरा सा बदन था उसका, भागने...
वक्त का तमाशा
वर्ली इलाक़े में स्थित एक आलीशान बंगला, बिल्कुल फिल्मी स्टाइल में बनाया गया.. बंगले का गेट खुलते ही एक आलीशान ग्रीन लश गार्डेन, जिसको चारो तरफ बस हरियाली ही हरियाली थी... भिन्न भिन्न प्रकार के फूलों के साथ, महेंगी से महेंगी गाड़ियाँ भी पार्क की हुई थी... गार्डेन किसी गोल्फ कोर्स...
किस्मत का फेर
फ्रेंड्स एक और छोटी सी कहानी आपकी नज़र पेश कर रही हूँ हालाँकि मैने इस कहानी को नही लिखा है पर इस फोरम पर ये कहानी नही है आपको मेरे द्वारा पोस्ट की गई य कहानी ज़रूर पसंद आएगी इसी आशा के साथ आपकी कामिनी
पार्टी रात में अपने पूरे शबाब पर थी ।
लड़के लड़कियां अपने अपने गर्लफ्रेंड या...
चाय उबलने ही वाली थी। निशा आज सुबह फिर घर के काम में लग गायी। आज फिर उसे कॉलेज के लिए लेट नहीं होना था। कल उसके प्रोफेसर ने उसे डाँटा था। माँ के गुज़र जाने के बाद 6 महीने हो चुके थे पर फिर भी वह अपना डेली रूटीन संभाल नहीं पाई थी।
पापा चाय के लिए वेट कर रहे थे। चाय पापा को देकर, आशा और सशा के...
पहली फुहार
सैयां जिन मांगो, ननदी, सैयां जिन मांगो, ननदी, सेज का सिंगार रे,
अरे, सैयां के बदले, अरे, सैयां के बदले, भैया दूंगी, चोदी चूत तुम्हार रे,
अरे, दिल खोल के मांगो, अरे बुर खोल के मांगो ननदी
अरे बुर खोल के मांगो ननदी जो मांगो सो दूंगी।
सोहर (पुत्र जन्म के अवसर पर गाये जाने वाले गाने)...
खूनी हवेली की वासना पार्ट --1
गतान्क से आगे........................
किसी शायर ने क्या खूब कहा है
सोचो तो बड़ी बात है तमीज़ जिस्म की,
वरना तो ये सिर्फ़ आग बुझाने के लिए हैं ......
यही सोचती वो खामोशी से आगे बढ़ी. ये बात कितनी सच थी इस बात का अंदाज़ा उसको बहुत अच्छी तरह से हो गया था. हाथ में...