आशिकों से चुदवाकर खुद अपना दहेज़ चुकाया - SexBaba
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आशिकों से चुदवाकर खुद अपना दहेज़ चुकाया

desiaks

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Aug 28, 2015
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हेलो दोस्तों, मैं रंजू श्रीवास्तव आप सभी का नॉन वेज स्टोरी में स्वागत करती हूँ। मैंने पिछले २ सालों ने नियमित रूप से नॉनवेज स्टोरी की कहानियाँ पढ़ रही हूँ। ना जाने मैंने कितनी बार अपनी चूत में यहाँ की मस्त सेक्सी कहानियाँ पढकर मुठ मारी है और ना जाने कितने बार मर्दों ने मुझे यहाँ की स्टोरीज पढकर चोदा है। इसलिए मैंने फैसला किया है की अपनी कहानी आप पाठकों को मैं जरुर सुनाऊँगी। सबसे पहले मैं आपको बता दूँ की मैं बहुत सेक्सी औरत हूँ। मेरे मम्मे ३४ के है और पूरा फिगर ३४, ३०, ३२ का है। मेरी आँखें में बहुत कशिश है और जो मर्द भी मुझे एक बार देख लेता है, मुझे चोदने में बारे में फौरन सोचने लगा जाता है।

मेरे मायके में मेरे पुरे १२ बॉयफ्रेंड थे। मैं अपनी मर्जी ने उसने चुदवाती थी। मेरे बॉयफ्रेंड मेरा बड़ा ख्याल रखते थे और मुझे रोज नये नये रेस्टोरेंट में ले जाते थे और खूब ऐश कराते थे। इसके बदले वो मुझे जिभरके चोदते थे और अपने लौड़े की आग शांत करते थे। दोस्तों, कितने लड़के मुझे पैसे देते थे और चोदते थे। उन पैसों से मैं महंगे महंगे पर्स, सैंडल, कपड़े खरीदती थी और खूब ऐश करती थी। पर यारों मेरी मौज मस्ती मुस्किल से ८ ९ साल चल पाई। कुछ मनचले लकड़ों ने बीच चौराहे पर मेरा दुपट्टा खीचा और मुझे वही चोदने की कोशिश की। इससे मेरे पापा समझ गये की उनकी लड़की अब जवान हो चुकी है। इससे पहले कोई लड़का भरे बजार में मेरा रेप कर दे, पापा शादी की बात चलाने लगे। कुछ दिनों बाद उनको मेरे लिए एक अच्छा रिश्ता मिल गया। मेरी शादी पक्की हो गयी। मेरे पापा ने जो की पैसे से वकील है उन्होंने मेरी शादी बड़े धूम धाम से लखनऊ में ही कर दी। मेरे पापा छोटे मोटे वकील थे। जादा कम नही पाते थे पर फिर भी पापा ने ६ ७ लाख रुपया मेरी शादी में खर्च किया। ससुराल वालों ने ५ लाख नकद मांगे तो पापा ने उन्हें पैसे दे दिए। पर दोस्तों, शादी होने के २ महीने बाद ही मेरा उत्पीडन होने लगा। मेरे ससुराल वाले, मेरे पति, सास, ससुर और ५ लाख की डिमांड करने लगे और मोटरसाइकिल, सोने की चैन, और ५ लाख और कैश मांगने लगे। जब मेरे पापा ने पैसे देने से मना कर दिए तो मेरे ससुराल वाले मुझे मारने लगे। मेरे पति और सास मिलकर मुझे झाड़ू से मारते। दोस्तों, मैं तो समझ लीजिये नर्क में फस गयी थी। पर कहीं मेरे पापा की बदनामी ना हो जाए पर सब कुछ बर्दास्त कर रही थी। जब बार बार कहने पर मेरे पापा ने उसको दहेज़ के लोभियों को पैसा नही दिया तो उन्होंने मुझे घर ने निकाल दिया।

रोते रोते किसी तरह मैं घर पर पहुची और आप बीती सुनाई। "बेटी !! अब तुझे उस नर्क में जाने की कोई जरूरत नही है! तुम यही रहो!" पापा बोले। कुछ दिन बाद मेरी जिन्दगी नार्मल हो गयी। मेरे बॉयफ्रेंड फिरसे मुझसे मिलने लगे और मुझसे चूत मांगने लगे। मेरा सबसे ख़ास बॉयफ्रेंड नील मुझे चोदना चाहता था। मैंने उसने पैसे की माग की और एक बार चोदने के १ हजार मांगे तो वो फौरन मान गया। मैंने उसके घर पर चली गयी। आज कितने दिनों बाद मुझे नील ने मिलने का मौका मिला। मैंने उससे लगे गयी है और हम दोनों एक दुसरे को किस करने लगे।

"रंजू !! मेरी जान !! सुना है तेरे ससुराल वालों ने तेरा शारिरिक और मानसिक उत्पीड़न किया। तेरे पति ने तेरी चूत मारी और तेरी सास ने तुझे मारा???' नील बोला

"हाँ !! वो बहनचोद !! धन के बहुत लोभी है!! उन्ही हरामियों को पैसे देने के लिए मैं तुमसे पैसे मांग रही हूँ, वरना मैं तुमको फ्री में चूत देती!" मैंने नील से कहा। उसके बाद हम दोनों ने अपने अपने कपड़े निकाल दिए। नील ने अपना बनियान और अंडरवियर निकाल दिया और मैंने भी आपकी साड़ी निकाल दी। फिर मैंने अपना ब्लाउस खोल दिया और फिर ब्रा और पेंटी निकाल दी। दोस्तों अभी मेरी शादी को मुश्किल ने ४ महीने ही हुआ था जिस वजह से मैं जादा चुद नही पायी थी। मैंने अपने पुराने बॉयफ्रेंड नील के साथ मजाक करने लगी। हम दोनों एक दुसरे की बाहों में आ गये और चूत और चुदाई की गन्दी गंदी बाते करने लगे। नील मेरे बूब्स पीने लगे। दोस्तों, मेरे बूब्स बहुत ही बड़े और कसे कसे थे। जो लड़का मुझे एक बार देख लेता था उसका लंड तुरंत खड़ा हो जाता था।

नील फ्रेंच कट दाढ़ी में था। वो भी मुझे आज बहुत हैंडसम लग रहा था। बहुत खूबसूरत लग रहा था मुझे। वो मेरे दूध पीने लगा। किसी बच्चे की तरह मैं उसको अपनी चुच्ची पिलाने लगी। मेरे स्तन पीते पीते नील का लंड खड़ा हो गया। फिर वो मेरे बूब्स पर अपना लंड छुआने लगा। मुझे बहुत अच्छा लग रहा था। मेरे बड़े बड़े कुंदन जैसे सफ़ेद मम्मे में नील अपना कड़ा लंड घुसेड़ रहा था और मेरे मम्मो से खेल रहा था। उसका ये खेल मुझे बहुत अच्छा लग रहा था। बहुत मधुर और मीठा खेल था ये। फिर नील जैसा बोडीबिल्डर जोर जोर से मेरे मुलायम दूध पर अपना लंड पटकने लगा और मेरे बड़े बड़े चुच्चो को अपने स्टिक जैसे लंड से मारने लगा। जब वो ऐसा कर रहा था तो मेरी चूत गीली हो गयी और मन हुआ की वो मुझसे खिलवाड़ न करे और मुझे जल्दी से चोदे।

"नील !! मेरी जान !! अब मेरे जिस्म से और खिलवाड़ मत करो!! और छेड़खानी मत करो और मुझे जल्दी से चोदो!!" मैंने कहा

पर दोस्तों, मेरा पुराना बॉयफ्रेंड तो मेरी बात जरा भी नही सुन रहा था। पर अपने लंड से चट चट मेरे फूले फूले बूब्स पर मार रहा था जैसे टीचर बच्चों के हाथ पर डंडी से मारता था। इससे मुझे बहुत जादा मजा मिलने लगा और मेरा रोम रोम फड़क उठा। मुझे अभूतपूर्व मजा मिलने लगा दोस्तों। मेरे दोनों चुच्ची बिलकुल तन कर कड़ी कड़ी हो गयी और तिकोने नारियल जैसी लगने लगी। अब और नील को और जादा सेक्सी और चुदासी लग रही थी। फिर नील ने मेरे दोनों रबर जैसे सॉफ्ट गेंदों के बीच में अपना लंड डाल दिया। मेरे दोनों बूब्स को आपस में जोड़ दिया और कमर मटका मटकाकर मेरे चुच्चे चोदने लगा। मुझे बहुत मजा मिलने लगा। मेरी ससुराल में मेरे पति ने एक बार भी मेरे बूब्स नही चोदे थे। आज कितने दिनों बाद मेरा पुराना बॉयफ्रेंड मेरे बूब्स चोद रहा था।

मुझे बहुत सुख मिल रहा था। मेरे बदन में और जादा चुदवाने की आग लग गयी थी। ये सब बहुत कमाल का था। नील बड़ी देर तक मेरे साथ स्तन मैथुन करता रहा। फिर उसने मेरे स्तन छोड़ दिए और अपने लहराते रबर जैसे लम्बे लंड को मेरे मुँह पर ले आया और इस मार मेरे चेहरे पर अपने लम्बे लंड से थपकी देने लगा। उसका लंड मेरे चेहरे जितना लम्बा था। उसे मैं हैरत से देख रही थी। नील जोर जोर से मेरे चेहरे को लंड से प्यार भरी थपकी देने लगा। मैं उसे जीभ निकलकर चाटने लगी। और कुछ देर बाद मैंने नील का लंड अपने मुँह में भर लिया और चूसने लगी। ओह्ह्ह्ह !! कितना मजा आया मुझे!! मैं सिद्दत से अपने आशिक का लंड चूस रही थी। उसे अपने मुँह में अंदर तक ले रही थी। मुखमैथुन में मुझे बहुत मजा मिल रहा था। मेरी आग और जादा पैदा हो रही थी। मैं बहुत जादा गर्म हो रही थी।

नील ने अपने दोनों हाथ मेरी दोनों बड़ी बड़ी चुच्ची पर रख दिए और मेरी काली काली निपल्स को कामुकता से मसलने लगा। मुझे अजीब तरह का सुख मिल रहा था दोस्तों। मैंने जोर जोर से उसके लंड को अपने मुँह में लेकर अंदर बाहर करने लगी और उसका मुख मैथुन करने लगी। मैंने हाथ से उसका लौड़ा भी फेट रही थी। नील मेररी दोनों कड़ी कड़ी निपल्स को अपनी ऊंगलियो से मसल रहा था जैसे कोई नचाने वाली फिरकी हो। उसका सुपाडा बहुत लाल और बहुत मीठा था। मैंने पूरा का पूरा लंड लेकर अच्छी तरह से चूस रही थी।

"सक इट बेबी!! सक माई डिक!!! यू आर डूइंग ग्रेट!! " नील बोला तो मैं और मेहनत से उसका लंड चूसने लगी। बड़ी देर तक मैं उसका लंड चूसती रही। फिर नील मुझे आँख मारने लगा तो जवाब में मैं भी उसे आँख मारने लगी। नील ने मेरा सिर दोनों हाथों से पकड़ लिया और अपनी गाड़ चला चलाकर मेरा मुँह उसी तरह चोदने लगा जैसे लंड से बुर चोदी जाती है। वो जोर जोर से मेरा मुँह चोदने लगा। मुझे लगा की कहीं मेरा मुँह ही न फट जाए। कुछ देर बाद नील इतना कामोत्तेजक हो गया की उसका माल छूट गया। वो मेरे मुँह में स्खलित हो गया। मैंने उसके माल की एक भी बूंद बेकार नही होने दी और सारा माल पी गयी। फिर नील ने अपना लंड मेरे मुँह से निकाल दिया।

"रंजू !! मेरी जान कैसा लगा मुँह चुदवाने में???' नील ने पूछा

"सच में नील मजा आ गया यार!! मेरे पति ने तो एक बार भी मेरा मुँह नही चोदा था। थैंक्स यार!!" मैंने कहा

कुछ देर तक हम दोनों आशिकों की तरह चिपके रहे। नील मेरा दूध पीता रहा। फिर उसका लंड १० मिनट बाद फिर से खड़ा हो गया। उसने मेरे पैर खोल दिए और मेरी चूत पीने लगा। फिर उसने तेज तेज ऊँगली करने लगा। मैं तो कांपने लगी दोस्तों। मुझे चरम सुख मिलने लगा। नील बहुत जादा उतेज्जक हो गया था और मेरे भोसड़े में अपना पूरा हाथ डाल रहा था। पहले १ ऊँगली, फिर २ , फिर ३ ऐसे करते करते उसने पूरा हाथ कलाई तक मेरी चूत में डाल दिया। मुझे लगा की कहीं चुदवाते चुदवाते मैं शहीद ना हो जाऊं।

"नील !! मेरे जानम !! प्लीस अपना हाथ बाहर निकाल लो, वरना मैं मर जाऊँगी!!" मैंने उससे कहा

"कुतिया !! शादी शुदा होने के बाद पैसे के लिए गैर मर्दों से चुदवाती है और कह रही है की मार जाएगी! अगर तू मरती है तो मर जा पर मैं ये हाथ नही निकालूँगा!!" नील बोला और जोर जोर से अपना पूरा का पूरा सीधा हाथ मेरे भोसड़े में डालने लगा। मैं उसे बाहर बाहर से मना जरुर कर रही थी, पर अंदर अंदर से मैं चाहती थी की वो ऐसे ही करता था। कुछ देर बाद वो दुसरे हाथ से मेरे चूत के दाने को रगड़ने लगा। और दुसरे हाथ मेरे भोसड़े में था। मुझे इस वक़्त डबल मजा मिल रहा था दोस्तों। कुछ देर बाद नील की ऊँगली ने मेरा जी स्पॉट हिट कर दिया और मेरे चूत का झरना एकाएक झर्र झर्र बहने लगा। अब मैं समझ पाई नील यही तो चाहता था। वो और तेज तेज अपना पूरा हाथ कोहनी तक मेरे भोसड़े में डालने लगा तो चूत से झर्र झर्र बहने लगा। जैसे मेरी चूत नही कोई नदी हो। जब सारा पानी निकल गया तो नील ने अपना लम्बा लंड मेरी चूत में दे दिया और मुझे चोदने लगा।

सायद इस बार की चुदाई मेरी जिन्दगी की सबसे धाकड़ और धांसू चुदाई थी। मैंने अपने दोनों पैर हवा में उठा लिए और नील ने चुदवाने लगी। मेरी बहुत ही सॉफ्ट नर्म चूत को मारने का सौभाग्य नील को मिल रहा था। वो मुझे पेलने लगा तो मेरा रोम रोम खड़ा हो गया।

"नील !! मेरे आशिक !! मेरे दोस्त !! समझ लो की मैं तुम्हारी प्रेमिका नही बीबी हूँ ! कसके चोदो मुझे!!..और जोर से !!' मैं चिल्लाने लगी तो वो भी मुझे जल्दी जल्दी तेज तेज ठोंकने लगा।

"ले बिच!! ले मेरा डिक !!" नील बोला और मुझे हलाहल करके चोदने लगा। मेरे तन मन में अजीब सी खुमारी चढने लगी। आह दोस्तों, इतनी मजा तो ठुकाई में मुझे आज तक ना मिला था। नील बिना रुके किसी कुत्ते की तरह अपनी कुतिया को पेल रहा था। उसके धक्के बेहद नशीले थे। ऐसा लग रहा था जैसे कोई मेरी चूत की बड़े कायदे से मसाज कर रहा है। उसकी कमर मुझे जल्दी जल्दी चोद रही थी। ऐसा लग रहा था की मैं नील से चुदने के लिए ही पैदा हुई थी। मैं जोर जोर से गर्म गर्म सिसकारी ले रही थी।

"ओह गॉड!!! फक मी हार्ड!! फक मी हार्ड नील!!" मैं यही कह रही थी। हम दोनों में गजब का संतुलन और तालमेल देखने को मिल रहा था। मेरी इस वक़्त पलंग तोड़ चुदाई चल रही थी। मैं नील के घर पर ही उससे चुदवा रही थी। उसका बेड चूं चू की आवाज कर रहा था। फिर मैंने अपने पुराने यार नील से चिपक गयी और हम दोनों दो जिस्म एक जान हो गये। मेरी चूत में प्रेशर कुकर की तरह नील ने ६ ७ सीटियाँ लगा दी थी मुझे ठोंक ठोंककर। मेरी कमर अपने आप मोर की तरह नाच रही थी। मैं अपनी गाड़ और दोनों गोरी गोरी जांघे उठा रही थी। फिर नील का पेट और पेडू मेरे पेट और पेडू से टकराने लगा और चट चट की मदहोश कर देने वाली आवाज पुरे कमरे में सुनाई देने लगी। ये मीठी आवाज, ये मीठा शोर मेरे चुदने का ही शोर था। नील गमागम मुझे पेल रहा था। मेरी चूत बहुत रसीली हो चुकी थी और कभी कभी उसका झरना छूट जाता था।

नील का लंड बड़े आराम ने मेरी चूत की फिसल रहा था। हम दोनों वास्तव में दो जिस्म और एक जान हो चुके थे। मैं अभी तक कई लडकों से चुदवाया था पर मैं कहूँगी की नील का लंड बिलकुल लोहे जैसा सख्त था जो मुझे सबसे जादा मजा दे रहा था। मेरी हड्डियाँ चट चट चटक रही थी। उसकी आवाज मैं अपने कानो से सुन सकती थी। जो इस बात का संकेत कर रही थी की मुझे नील का भरपूर प्यार और सेक्स मिल रहा था। कुछ देर बाद उसने अपना लंड मेरी चूत से निकाल दिया और मेरे पेट और मम्मो पर उसने अपना माल गिरा दिया। मैं अच्छी तरह से चुद चुकी थी। नील ने मुझे १ हजार दिया

"नील !! अपने सारे दोस्तों से बोल दे की शहर में एक नई रंडी आई है! जिसको जिसको चोदना हो हजार रुपया ले आना!!" मैंने कहा। उसके बाद तो दोस्तों मुझे चोदने में पूरा का मोहल्ला आने लगा। दोस्तों अपने दोस्तों को बताते। फिर वो अपने दोस्तों को बताते। मैं साल भर अपने मायके में रही और मैंने ५ लाख रुपए जोड़ दिए। वो पैसे मैंने अपने ससुराल वालों में दे दिए।

"बहन के टको!! ये लो ५ लाख और अब कभी तुम लालची लोगो ने अपना मुँह खोला तो तुम लोग जेल की सलाखों के पीछे होगे" मेरे पापा ने मेरी सास, पति और ससुर से कहा। दोस्तों, अब मैं अपनी ससुराल में मजे से रहती हूँ और मुझे कोई कुछ नही कहता। ये कहानी आपको कैसी लगी
 
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