इलाज कराने के बहाने मामी की चूत चोदने को मिल गयी - SexBaba
  • From this section you can read all the hindi sex stories in hindi font. These are collected from the various sources which make your cock rock hard in the night. All are having the collections of like maa beta, devar bhabhi, indian aunty, college girl. All these are the amazing chudai stories for you guys in these forum.

    If You are unable to access the site then try to access the site via VPN Try these are vpn App Click Here

इलाज कराने के बहाने मामी की चूत चोदने को मिल गयी

hotaks444

New member
Joined
Nov 15, 2016
Messages
54,521
हाय दोस्तों, मैं दीपू मलिक आप सभी का नॉन वेज स्टोरी में बहुत बहुत स्वागत करता हूँ। मुझे ५ साल पहलेके बारे में पता चला था, तबसे मैं यहाँ की मस्त मस्त रसीली कहानियाँ पढता आ रहा हूँ और अपने दोस्तों को बताता आ रहा हूँ। आज मैं आप सभी को अपनी कहानी सुनाना चाहता हूँ। मैं अपने मामा राधेश्याम के यहाँ की रहता था और पढाई करता था। मेरे मामा देवरिया में रहते है। मेरा अपना घर गाँव में था, इसलिए मैं मामा के घर देवरिया आ गया और यही पर मैंने १२वीं में नाम लिखा लिया। जब मामा की शादी हुई थी तो क्या मस्त मामी मुझे मिली। दोस्तों, बिलकुल गुलाब का फूल थी। सुहागरात पर मामा ने मामी को रात भर चोदा और एक पल के लिए भी आराम न करने दिया। मेरे मामा ने मुझे बाद में चुपके से बताया की उन्होंने ८ बार मामी की नर्म चूत में लौड़ा दिया था और ऐश किया था सुगाहरात की रात में।

मामा की बात सुनने के बाद मैं बाथरूम में भाग गया था और मैंने ४ बार मुठ मारी थी। किस तरह मामा ने मामी को चोदा होगा, कैसे उनका पेटीकोट उतारा होगा। कैसे उनकी नर्म और मखमली चूत में मोटा लंड डाला होगा, दोस्तों ये सब बाते मैं बड़े दिनों तक सोचता रहा और मुठ मारता था। जब बाथरूम में मुठ मारते हुए मामी का मैं ध्यान लगाता तो मुझे और भी जादा मजा मिलता। मेरी मामी थी ही ऐसा सामान। मेरे मामा एक रेडिमेड गारमेंट का शोरुम चलाते है। शादी के बाद १ महीने तक तो मामा सिर्फ २ ३ घंटे के लिए दूकान पर जाते थे, उनकी गैर मौजूदगी में मैं और दूसरे नौकर दूकान चलाते थे। पूरा १ महीने तक मामा अपने कमरे में ही घुसे रहे और दिन रात मामी को रगड़ रगड़ कर चोदते रहे।

दोनों के गर्मा गर्म सम्भोग करने और मामी की जोर जोर सिस्कारियां पुरे घर में सब लोग सुन सकते थे। मेरे नाना, नानी, छोटे मामा, मेरी २ मौसी सब मामी की आ आह आह ओह ओह्ह्ह माँ ...ओह माँ...ऊई उईइ आऊ आऊ की आवाजे पूरा घर सुनता था। एक बार मेरी नानी ने मामा से इशारे में कहा भी की बेटा..कमरे में कुछ भी करो, कोई रोक नही है पर आवाज बाहर ना आने पाए। इन आह आह ओओह ओह की आवाजों से हम सबको बहुत दिक्कत होती है। पर मामा तो सावन के अंधे थे। जिस तरह से सावन के अंधे को हमेशा यही लगता है की सावन ही चल रहा होगा, ठीक उसी तरह मामा को मेरी चुदासी और लंड की प्यासी मामी के सिवा कुछ नही दीखता था।

चाहे कोई उसने कुछ नही कह ले, मामा एक कान से सुनते तो दूसरे कान ने निकाल देते। पूरा २ महीने तक उनके कमरे से आ आऊ आऊ माँ..ओह्ह माँ की मादक और नशीली आवाजे आती थी। मैं अच्छी तरह जानता था ये कौन सी आवाजे है। मामा मामी को नंगा करके खूब पेलते थे, जी भर कर उनकी मलाई जैसी चूत में मोटा लंड देते थे। इसलिए ये तेज तेज आवाजे मामी की चुदाई की आवाजें थी। मामा ना दिन देखते थे ना रात। रात में तो ऐसी गर्म गर्म आवाजे आती ही थी, मामा दिन में भी शुरू हो जाते थे और दोपहर १२ बजे चुदाई शुरू कर देते थे। अपने क्षीरसागर से मामा कब निकलेंगे इस बात की कोई गारंटी नही होती थी। कभी ३ बजे कमरे से निकल आये, कभी शाम को ५ बजे निकल रहे है, कभी कभी तो अंदर कमरे में घुस गये और निकले ही नही। इन तेज तेज सिसकियों ने घर का माहौल बिगड़ रहा था।

मेरी उम्र भी २० पार हो गयी थी। उधर मेरी मौसी अभी २३ साल की थी। जब वो इस तरह की गर्म गर्म आवाज सुनती थी बाथरूम में जाकर अपनी चूत में ऊँगली करके संतोष कर लेती। इन कामुक आवाजों को सुनकर मेरी मौसी सोचती की काश कोई उनकी भी चूत मारता। पूरा २ महीने तक मामा ने दूकान की तरफ ना के बराबर ध्यान दिया। २ महीने यानी ६० दिन तक उन्होंने जी भर कर मामी की चूत चोदी। तब जाकर उनकी गर्मी दूर हुई। फिर मामा सुधर गये। फिर वो सिर्फ रात में १० बजे के बाद ही मामी को चोदते। दिन में उन्होंने मामी की चूत में लंड डालना बंद कर दिया। अब वो दूकान पर ध्यान देने लगे। दोस्तों मैंने मामी को देख देखकर ना जाने कितनी बार मुठ मारी होगी, ये तो मुझे भी याद नही है।

मैं दिल ही दिल में यही सोचता की काश मामी की चूत चोदने को मिल जाए तो मेरी जिन्दगी संवर जाएं। जब मामी बाथरूम में नहाने जाती तो मैं उनको चुपके चुपके देखता। एक दिन मामी को बड़ी तेज बुखार आ गया तो मामा ने मुझसे कहा की मैं डॉक्टर के पास उनको दिखा लाऊ। शाम को मामी तैयार हो गयी और मेरे साथ मोटर साइकिल पर बैठ गयी। वो क्या पटाखा माल लग रही थी। रास्ते में मैं जब उनको लेकर जा रहा था तो सड़क पर गड्ढे बहुत थे। बार बार हचका लग रहा था। मामी ने सम्हलने के लिए मुझे कसकर दोनों हाथों से पकड़ लिया था। मुझे बहुत अच्छा लगा था दोस्तों। मैंने सड़क के गड्ढों को शुक्रिया किया वरना मामी कभी मुझसे नही चिपकती। आगे तो इतने बड़े बड़े गड्ढे सड़क पर मिले की बार बार मामी के दूध मेरी पीठ से टकरा जाए। मेरे दिल पर तो जैसे छुरियां चलने लगी। ४० मिनट का वो सफर मामी के साथ मेरी जिन्दगी का यादगार सफर बन गया। बार बार धक्का लगता तो मेरी पीठ से चिपकी मामी के ३६" के रसीले स्तन मेरी पीठ से टकरा जाते। बाइक चलाते चलाते मेरा लंड खड़ा हो जाता।

डॉक्टर ने चेकअप किया तो बताया की मामी को टाईफाइड हो गया है। इसमें बहुत तेज बुखार हो जाता है और आंतें भी सूज जाती है। आंतो से खून रिसने का डर भी रहता है। डॉक्टर ने मामी को दवाइयां लिखी और साफ़ सफाई करने को कहा। मैं जब मामी को लेकर आया तो उन्होंने फिर से मुझसे कसके कमर पर हाथ डालकर पकड़ लिया। आज मैं जान गया की मामी के दूध का साइज ३६ का है। दोस्तों मुझे हर ७ दिन में मामी को डॉक्टर के पास ले जाना था।

"मामी!! आई लव यू!! आप बहुत खूबसूरत है...मैं आपसे बहुत प्यार करता हूँ!!" एक दिन मैंने उसने कह दिया जब मैंने उनको डॉक्टर के पास ले जा रहा था। वो सायद बुरा मान गयी। पुरे रास्ते वो चुप रही। पर जब अगली बार मैं उनको बाइक पर ले जा रहा था तो उन्होंने मेरे कंधे पर हाथ रख दिया।

"मामी!! क्या कल वाली बात से आप नाराज हो???" मैंने पूछा

"नही रे!!..असलियत में मैंने कल तेरे ऑफर के बारे में बहुत सोचा। देख मैं तुजसे घर में नही, पर बाहर बाहर प्यार कर सकती हूँ!!" मामी बोली। दोस्तों, वो दिन और तारिक मुझे आज भी याद था। उस दिन १५ अप्रैल था और १ बजे दोपहर का समय था जब मेरी फूल जैसी माल मामी ने मेरा ओफर स्वीकार किया था। मैं मामी की बार सुनकर बहुत खुश था। जब मैं उनको डॉक्टर के पास ले गया तो वहां बड़ी भीड़ थी। सारे मरीज लम्बी लम्बी रेस्टिंग वाली कुर्सियों पर बैठे थे। मैंने मामी का पर्चा नम्बर में लगा दिया और मामी को लेकर सबसे पीछे वाली कुर्सी पर बैठ गया। वहां कोई नही था और सन्नाटा था। मामी मुझसे पट ही चुकी थी। मैंने मामी के हाथ को अपने हाथ में ले लिया। अपनी उँगलियाँ उनकी उँगलियों से फंसा दी।

बार बार मैं मामी के हाथ को चूम लेता था। असल में मैं मामी को चोदना चाहता था। मेरा उनकी ऊँगली चूमने का कोई इरादा नही था। पर अभी यहाँ कई मरीज थे

मैंने मामी को एक कोने में खीच लिया और सीधा उनके होठ पीने लगा। मामी ने नीली रंग की बड़ी खूबसूरत साड़ी पहन रखी थी। मैं जुगाड़ करके बड़े हिसाब ने अपना हाथ मामी की साड़ी में डाल दिया और चूत में डाल दिया और ऊँगली करने लगा। बाकी मारिज हम लोगो के आगे बैठे थे इसलिए वो हमारे काण्ड नही देख पा रहे थे। मैं कभी मामी के गोरे गोरे हाथ चूम लेता, कभी उसके गाल पर चुम्मा ले लेता। कभी उनके होठ पीता, तो कभी ब्लाउस में हाथ डाल देता। ५ घंटे तक इंतजार करने के बाद मेरी मामी का नम्बर आया। वो डॉक्टर देवरिया का सबसे बड़ा और नाम वाला डॉक्टर था। दोस्तों, आप विश्वास नही करेंगे की ५ घंटे तक मैने मामी के साथ खूब जी भरके चुम्मा चाटी थी। बस यही समझ लीजिये की उनको चोदने के सिवा मैंने उनके साथ सब कुछ कर लिया था। अभी मामी का टाईफाइड पूरी तरह से ठीक नही हुआ था उनको चोदने के सिवा मैंने उनके साथ सब कुछ कर लिया था। अभी २ बार मुझे और डॉक्टर के पास जाना था मामी को लेकर।

घर पर नाना, नानी, मौसी, छोटे मामा, और भी कई लोग रहते थे। इसलिए घर पर मामी को चोदना नामुमकिन बात थी। होटल में मामी को चोदना एक बढ़िया आइडिया था। मैंने ४ घंटे के लिए अगले सोमवार को एक होटल बुक कर लिया। जैसे ही अगला सोमवार आया। हम दोनों कपड़े पहनकर डॉक्टर से मिलने के लिए निकल पड़े। रास्ते में मैंने मोटर साइकिल होटल की तरफ घुमा दी। कमरे में ला जाते ही मामी मुझसे चिपक गयी। सायद वो भी मेरा लंड खाने को बड़े दिनों से बेचैन होंगी।

"दीपू!! आई लव यू!!..फक मी हार्डर ..कमान फक मी वेरी हार्ड [मुझे रगड़कर चोदो...जीभर के आज मेरी चूत में लंड डालो]" मामी ऐसा मुझसे कहने लगी। हम दोनों होटल में कमरे में बड़ी देर तक खड़े खड़े चुम्मा चाटी करते रहे। मैंने मामी को अपनी बाँहों में भर लिया था। ओह्ह्ह्ह वाह्ह्ह्ह ...कितनी मस्त ताज़ी ताज़ी खुसबू मामी के बदन से आ रही थी। मैंने तो उनका दीवाना ही हो गया था। बड़ी देर तक मामी मुझसे लिपटी रही जैसी मेरी सगी बीबी हों।

"दीपू!! ये बात तू नही जानता है की तुझको सोच सोचकर मैंने कई बार अपनी चूत में ऊँगली की है, कई बार मैंने मुठ मारी है!!" मामी बोली

"मामी!! बोल मेरा लंड खायेंगी????" मैंने कहा और चुपके से मैंने उनका विडिओ बनाने लगा

"हाँ!! मैं तेरा लंड खाऊँगी!" मामी बोली

"कुछ सुनाई नही दिया। जरा जोर से बोलो मामी" मैं चुहिल ली

"हा हा मेरे प्यारे भांजे!! मेरी तेरा लंड खाऊँगी... खाऊँगी.. खाऊँगी!!" मामी हसंकर बोली। मैं अपना फोन रिकॉर्डिंग पर लगा दिया और होटल के कमरे में छुपा दिया। उनके बाद मैंने बड़ी देर तक खड़े खड़े मामी के रसीले होठ पिये और उनके स्तन दबाए। मामी घुटनों के बल नीचे फर्श पर बैठ गयी और मेरी पैंट खोलने लगी। उन्होंने मेरी जींस खोल दी, उसे उतारकर मेरा कच्छा भी उतार दिया। मेरा लंड तो पहले से ही फुफकार मार रहा था। मामी ने १ मिनट में ही मेरा लंड मुँह में भर लिया और मेरे ७" इंच लम्बे लौड़े को चूसने लगी। दोस्तों, मुझे तो ऐसा लग रहा था मैं किसी स्वर्ग में आ गया हूँ। मैं तो बस इस तरह के हसीन सपने सिर्फ देखता ही था। कभी सोचा नही था की मेरी गुलाब के फूल जैसी मामी मेरा मोटा लंड अपने रसीले होठों से चुसेंगी।

कुछ देर बाद तो मामी फुल मूड में आ गयी और जोर जोर से अपना सर और मुँह मेरे लौड़े पर चलाने लगी। कुछ देर बाद तो मैं बेकाबू होने लगा। लगा कहीं मेरा माल ना छूट जाए। मैं तो मामी को बड़ी नादान और नासमझ औरत समझ रहा था, पर वो तो चुदाई शास्त्र और कामशास्त्र में गोल्ड मेडलिस्ट थी। किस तरह से अपना हाथ मेरे मोटे लंड पर गोल गोल करके घुमा रही थी और पूरा का पूरा लंड मुँह में भरके चूस रही थी। मैं तो मामी का फैन हो गया था। कुछ देर बाद मैंने उनके मुँह पर ही सारा माल छोड़ दिया। उनका गोरा चेहरा मेरे सफ़ेद माल ने नहा गया। उसके बाद हमदोनो बिस्तर में चले गये। कुछ ही देर में हमदोनो नंगे हो गये थे। मैं अपनी सगी मामी को चोदने जा रहा था। ये मेरे लिए बड़ी उप्लब्धि थी। मामी को मैंने बिस्तर पर लिटा दिया और खुद उनके उपर चढ़ गया। मैंने पहले उनके ताजे ताजे गुलाबी ओंठ पिये फिर उनके दूध पीने लगा। दोस्तों ३६" के स्तनों में तो मेरा पूरा चेहरा ही समाया जा रहा था।

चुच्चे तो माँ कसम इतने बड़े बड़े और सेक्सी थे की मुझे तो उस समय यही लगा की उपर वाले ने मामी को बड़ी फुर्सत में बनाया होगा। बड़ा सा गोल चेहरा, साढ़े ५ फिट का भरा हुआ बदन, सुंदर गठीली नाक, बेहद सुंदर भौंहे, गुलाबी फूले फूले गाल, और नीचे आने पर ये ३६" के विशालकाय स्तन। सायद उपरवाले ने मामी को चोदने के लिए ही बनाया होगा। सुन्दरता रहेगी तो रोज नये नये गन्ने जैसा लंड का इंतजाम अपने आप हो आएगा। मेरी मामी को उपरवाले ने सिर्फ चोदने खाने के लिए ही बनाया था। मैं अभी तो दूध पीने में व्यस्त था। उफ्फ्फ इतने बड़े बूब्स थे की मुस्किल से मेरे मुँह में जा रहे थे। उपर से काली निपल्स के चारो ओर काले घेरे मुझे बार बार कह रहे थे की बहनचोद..मामी के रूप रंग की तारीफ़ बाद में कर लेना, अबे भोसड़ी के... आज इसे चोदने का मौका मिला है तो दूध पीने में क्यूँ वक़्त बर्बाद कर रहा है..जल्दी से चोद न।

कुछ देर बाद मैने मामी के भोसड़े में लंड डाल दिया और उनको चोदने लगा। भरी भरी जाँघों के बीच में बड़ी की चूत के दर्शन हुए मुझे। लगा की जन्नत मिल गयी है। मैं मामी को गम्म गम्म चोदने लगा। किसी भारी भरकम औरत को चोदने में मेहनत तो लगती ही है। मैं अपनी तरफ से पूरी मेहनत कर रहा था और कमर मटका मटकाकर मामी को चोद रहा था। उस दिन उस होटल में मैंने मामी को ४ बार चोदा और खूब प्यार किया। अगले सोमवार को मैंने फिर से होटल में कमरा बुक करा लिया और ३ बार और चोदा।
 
Back
Top