Peacelover
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- Aug 19, 2023
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मेरा सिर तकिए में धंसा हुआ था, दोनों हाथों तकिए को पकड़े हुए थे ,
मेरे मुंह से हल्की हल्की सिसकारियां निकल रही थी
मैं जानता थी जब गांड़ में लंड घुसा हुआ है तो वो बिना झड़े तो निकलेगा नहीं
मेरी गांड़ अब दर्द करने लगी थी हालांकि कि हर धक्के में मुझे स्वर्ग सा मजा भी आ रहा था ।
मैंने चाचा को भड़काने के लिए सिसकती आवाज में कहा।
चाचा अब जल्दी झड़ जा दर्द हो रहा है , मार ही डालेगा क्या।
चाचा जो शारीरिक रूप से मुझ से ढाई गुना बड़ा 125किलो का हब्शी सा दिखने वाला 30साल का जवान मर्द था । रंग पक्का काल तथा शरीर बालों से भरा था
वो अपना 9 इंच के विकराल लंड को मेरी गांड़ में डाले पिछले 15 मिनट से हूं हूं करता हुआ किसी भैंसें की तरह मेरी गांड़ चोद रहा था ।
उसने मेरे छोटे छोटे कूल्हे अपने दोनों हाथों से जकड़े हुए थे और जंगलियों की तरह धक्के लगाए जा रहा था।
आह जालिम छोड़ दें अब, बहुत दुख रही है, मैंने करहाते हुए कहा।
हालांकि दो महीने से रोज लंड खा खा कर मेरी गांड़ भोसड़ा बन चुकी है , फिर भी 15 मिनट की जबरदस्त चुदाई से गांड़ दर्द करने लगी थी।
मेरी जान तुझे पर चढ़ने के बाद उतरने का मन ही नहीं करता , तेरी गांड़ में जादू है ।
चाचा ने एक जोरदार चांटा मेरे कुल्हे पर मारते हुए कहा।
ऊई मां मर गई, में किसी छिनाल की तरह चिल्लायी।
मेरी जान तुझे कैसे दूंगा, मेरे लंड का ख्याल कौन रखेगा, चाचा ने मेरी छाती सहलाते हुए कहा।
इतनी बुरी तरह से चोदोगे तो मर ही जाऊंगी ना ...मेने इतराते हुए कहा।
देखो गद्दा भी गांड के पानी से गंदा हो गया।
ये प्रेम रस मेरी जान कोई गंदा पानी नहीं कहते हुए चाचा ने अपनी बांहें मेरी पतली कमर पर लपेट जोर से भींच लिया।
आह मरी , मेरी पसलियां कुचलोगे क्या, में जोर से चिल्लायी,
मेरी हालत ऐसी थी जैसे किसी विशाल सांड के साथ एक छोटी सी बकरी।
अब चाचा ने खड़े होकर मुझे अपनी गोद में उठा लिया। में चाचा के बदन से जोंक की तरह चिपक गयी थी। (आगे में लड़की के रुप में ही पेश होऊंगी।)
, मे अपनी बांहें चाचा के गले में डाल और टांगे कमर पर लिपटा कर चाचा की चुदाई का आंनद ले रही थी । चाचा ने मुझे किसी खिलौने की तरह उठा रखा था , उनका काला मोटा लंड मेरी गांड़ में घुसा बिल्कुल पिस्टन की तरह चल रहा था
मेरी गांड़ से पिला चिकना पानी टपक रहा था । मेरे मुंह से दर्द और आनंद की मिली जुली सिसकियां निकल रही थी।
मेरे राजा मुझे छोड़ तो नहीं दोगे, मेने चाचा की आंखों में झांकते हुए पूछा।
नहीं, मेरी गुलाबो तुझे ज़िन्दगी भर अपनी रानी बना कर रखूंगा, मेरा लंड इसी तरह तेरी खिदमत करता रहेगा । चाचा ने मेरे कूल्हे मसलते हुए कहा।
मैं शरमाते हुए अपना मुंह चाचा की गर्दन मे छिपा उनसे जोर से चिपक गयी और सिसकियां लेने लगी मेरे मुंह से अजीब-अजीब आवाजें निकल रही थीं।
आह मेरी मां.... मुझे बचा ले , हाय दैय्या चोद दिया रे ... मेरी गांड़ फाड़ दी , आह जालिम अब तो छोड़ दें ...
मर जाऊंगी... हाय दैय्या कोई तो बचाओ ।
हूं हूं बहन..चोदी .. हूं आह चाचा अनवरत धक्के लगाए जा रहा था । तेरे को अब कोई बचाने नहीं आएगा । चाचा भी धक्के लगाते हुए बड़बड़ा रहा था।
चाचा ने अब मुझे बिस्तर पर लेटा दिया , और मेरे ऊपर चढ़ मेरी दोनों टांगें अपने कंधों पर रख, जैसे मुर्गा- मुर्गी को चोदता है ऐसे ही दबोच कर चोदना शुरू कर दिया।
राजा इस आसन में मेरी टांगों और कमर में दर्द होता है , प्लीज़ मेरी टांगें अपने कंधों से उतार दे ,..= में दर्द से चिल्लायी। इस बार चाचा को रहम आ गया और उसने
मेरी टांगें कंधो से उतार दी ।
अब मेरी दोनो टांगे उसकी कमर पर लिपटी हुई थी और मैं उसके कूल्हों को सहलाते हुए दर्द और आंनद के मिले-जुले अहसास के साथ सिसक रही थी।
ओह मेरे राजा दर्द तो बहुत होता है ,मगर आपका लंड सुख भी बहुत देता है मेरा मन करता है जिंदगी भर तेरे नीचे ऐसे ही टांगें फैलाकर पड़ी रहू , और तू मुझे पेलता रहे । आह मरी .....है भगवान।
मेरी जान ऐसा ही होगा , में तुझे अपनी रानी बना कर रखूंगा, ऐसे ही तेरी रगड़ाई करूंगा , कहते हुए चाचा हुमच हुमच कर धक्के मारने लग।
आह हाय ...मेरे राजा काश कि मैं तेरा बच्चा पैदा कर सकती , मेरा भी पेट फूल सकता मैंने आह भरते हुए कहा ।
सब होगा मेरी जान तू मेरी पत्नी भी बनेगी और मेरे बच्चे की मां भी बनेगी।...कहते हुए चाचा ने पूरा लंड बाहर निकाल कर एक जबर्दस्त धक्का मारा ।
ऊई ...मर गई मेंने गला फाड़कर कर चीख मारी ,
धक्का इतना तेज था कि में करीब तीन इंच ऊपर खिसका गई , मेरी आंखों में दर्द से आंसू आ गये।
लगता था चाचा के लंड ने मेरी आंतों को गम्भीर चोट पहुंचाई थी ।
मेरी चीख सुनकर चाचा भी घबरा गया था, उसने तुरंत अपने होंठों से मेरे होंठ बंद कर दिये ।
और धक्के रोक कर मेरे बालों को सहलाने लगा।
सौरी मेरी जान माफ कर दे, बच्चे और पेट फूलने की बात सुनकर मैं जोश मे आ गया था चाचा मेरे को किस करते हुऐ माफी मांगने लगा।
अच्छा अब मेरे ऊपर से उतरो, मेंने नहीं चुदवाना , मेने रोते हुए गुस्से में कहा।
ऐसा जुल्म ना कर मेरी जान , अभी तो मैं झड़ा भी नहीं, अब धीरे-धीरे करूंगा
चाचा मेरे मुंह को चूमता हुआ, खुशामदी स्वर में बोला।
नहीं मेने अब बिल्कुल नहीं चुदवाना।
पता नहीं पेट में कितनी चोट लगी है, यदि झड़ना ही है तो मैं चूस कर झाड़ देती हूं। मेरा गुस्सा बरकरार था।
गुलाबो ऐसा ना कर कसम से अब बहुत प्यार से धीरे धीरे करूंगा, ले में कान पकड़ कर माफी मांगता हूं , इसके बाद दो दिन कुछ नहीं करेंगे।
चाचा भौली सी शक्ल बना कर बोला,
चाचा की इस अदा पर मुझे बहुत प्यार आया, मैंने अपने दोनों हाथों से उसकी पीठ सहलाते हुए कहा.. मेरे राजा तेरी इस अदा पर तो जान भी कुर्बान कर दूं।
मेरी आंखों में आसूं तथा होंठों पर मुस्कान थी।
जरा रुक मुझे करवट से लेटने दे। तेरे नीचे दबे दबे मेरा दम घुट रहा है।
ठीक है, कहते हुए चाचा ने अपना लंड पुक की आवाज के साथ बाहर निकाल लिया।
चाचा का 9 इंच लम्बा और 5इंच मोटा लंड चमक रहा था , उस पर उभरी नसें देख , मेरा मन उसे चूसने का करने लगा।
मगर में चुपचाप बांय करबट लेट गयी और अपने पैर पेट की तरफ मोड़ , अपनी गांड़ चाचा की तरफ खोल दी।
मेरी जान .. तेरी गांड़ कितनी प्यारी है, चाचा ने मेरी गांड़ का चुम्बन लेते हुए कहा।
मेरे राजा तुम्हारा लंड भी करोड़ों में एक है । मैंने हाथ पीछे ले जाकर लंड को सहलाते हुए कहा।
मैंने लंड पकड़ कर पीछे अपनी गांड़ के छेद पर लगाया।
राजा अब डाल दो।
चाचा ने प्यार से अपना लंड मेरी गांड़ में डाला और प्यार से धक्के लगाने लगा
मेरा दर्द अब कम हो गया था । मैं आंखें बंद किए असीम आनन्द से सिसकारियां भर रही थी।
गुलाबो तेरे साथ मुझे स्वर्ग का आंनद आता है, चाचा ने मेरे पेट पर हाथ फेरते हुए कहा।
राजा में भी चाहती हूं, सारी ज़िंदगी तेरी बाहों में रहू।
मेरी जान में जिंदगी भर तेरा साथ निभाऊंगा ।
राजा में अपना परिवार बनाना चाहती हूं। ये कैसे होगा ? मैंने अपनी चिंता जाहिर की।
मेरी जान अपन सिंगापुर में तेरा सेक्स चेंज आपरेशन करा लेंगे, फिर हमें शादी करने में कोई परेशानी नहीं होगी।
राजा मगर सेक्स चेंज करवाने से मेरा पेट थोड़े ही फूलेगा । में तेरे बच्चे की मां कैसे बनूंगी।
हम एक बच्चा गोद ले लेंगे, तु उसकी मां होगी।
मगर राजा में प्रसब पीड़ा महसूस करना चाहती हूं।
रानी इस संबंध में अपने डाक्टर से सलाह करेंगे कि कैसे तुझे प्रसव पीड़ा का अनुभव हो।
चाचा अनवरत रूप से धक्के मारे जा रहा था , में आंखें बंद किया निश्छल पड़ी धक्के खा रही थी।
करीब दस मिनट बाद चाचा बोला ...जान अब सीधी होजा , नीचे तकिया लगा कर पेलूंगा ...अब झड़ने वाला हूं।
क्यों नहीं मेरी जान कहते हुए , में तुरंत से पीठ के बल सीधी लेट गई और अपनी टांगें हवा में उठा गांड़ चाचा के लिए खोल दी ।
चाचा ने मेरी गांड़ के नीचे तकिया लगाया। लौड़ा छेद पर लगाया और बच से एक ही धक्के में पूरा अंदर कर दिया।
ऊई मां...जरा धीरे राजा।
चाचा ने कोई जबाब नहीं दिया और हूं हूं करते हुए चुदाई में लग गया ।
बहनचोदी तेरी गांड़ फाड़ दूंगा...हाय तेरी गांड़ तो स्वर्ग का दरवाजा है ...आआआह ..ले खा जा मेरा लंड छिनाल ... बहुत अच्छा लग रहा है।
चाचा के मुंह से अजीब-अजीब आवाजें निकल रही थी, मेंने उसे जोश दिलाने के लिये अपने दोनों हाथों से उसके कूल्हों को सहलाना - मसलना शुरू कर दिया।
ऊऊऊईई भगवान कितना मज़ा आ रहा है।...में तेरा लंड पा कर धन्य हो गई मेरे राजा। और जोर से... फाड़ दे आज मेरी ....घुसेड दे अंदर तक अपना बीज डाल दें ....है भगवान में जिंदगी भर इसके नीचे पड़ी चुदतीं रहूं । में भी आंनद में अनाप-शनाप चिल्ला रही थी।
अचानक चाचा ने धक्कों की रफ्तार बहुत बड़ा दी । आआआआ ममेरा निकलने वाला है मेरी रानी ऊऊऊऊऊ
जकड ले मेरा हाए रे निकला ये गया गया है भगवान।
मैंने चाचा के कूल्हों को हाथों से अपनी गांड़ पर कस के दवा लिया था ,... चाचा का बदन कांप रहा था ।
अचानक मैंने महसूस किया कि गर्म लावा मेरी गांड़ में भरता जा रहा है। मैंने चाचा से चिपक कर अपनी आंखें बंद कर ली।
चाचा डकराया हुआ मेरे ऊपर ढेर हो गया । हम दोनो का बदन पसीने से लथपथ था और तेज तेज सांसें चल रही थी
पांच मिनट ऐसे ही पड़े रहने के बाद मैंने प्यार से उसके सिर को सहलाते हुए कहा।....अब उठ जाओ जानू...
वो मेरी बगल मे लुढ़क गया, असली मेहनत तो उसी ने की थी।
में उठके लड़खड़ाते हुए बाथरूम की तरफ जाने लगी , मेरी गांड़ से जांघों तक प्रेम रस बह कर आ रहा था ...कुछ बूंदें फर्ष पर भी गिर रही थीं।
मैंने टायलेट सीट पर बैठ कर अपने हाथ से अपनी गांड़ को सहलाया, वो चिकने पदार्थ से सनी हुई थी...में कुछ देर प्यार से उसे सहलाती रही, मुझे मेरी गांड़ पर बहुत प्यार आ रहा था....मन कर रहा था कि उसे चूम लूं।
मैंने हैंड शावर से अपनी गांड़ साफ करी , गांड़ का छेद ऐसे फैल गया था , जैसे अभी अभी बच्चा जन कर आ रही हूं।
बाहर आकर मैंने अपना घाघरा - चोदी पहना (घर पर मैं औरतों के कपड़े पहनता हूं, ये आदत कब पड़ी ये अगली कहानी में बताऊंगा ) और चाचा की बगल में लेट गयी...रात का एक बज रहा था।... मैं अपना सर चाचा के सीने पर और एक टांग उसकी जांघों पर चढ़ा , सिंगापुर का सोचते हुए सो गई।
मेरे मुंह से हल्की हल्की सिसकारियां निकल रही थी
मैं जानता थी जब गांड़ में लंड घुसा हुआ है तो वो बिना झड़े तो निकलेगा नहीं
मेरी गांड़ अब दर्द करने लगी थी हालांकि कि हर धक्के में मुझे स्वर्ग सा मजा भी आ रहा था ।
मैंने चाचा को भड़काने के लिए सिसकती आवाज में कहा।
चाचा अब जल्दी झड़ जा दर्द हो रहा है , मार ही डालेगा क्या।
चाचा जो शारीरिक रूप से मुझ से ढाई गुना बड़ा 125किलो का हब्शी सा दिखने वाला 30साल का जवान मर्द था । रंग पक्का काल तथा शरीर बालों से भरा था
वो अपना 9 इंच के विकराल लंड को मेरी गांड़ में डाले पिछले 15 मिनट से हूं हूं करता हुआ किसी भैंसें की तरह मेरी गांड़ चोद रहा था ।
उसने मेरे छोटे छोटे कूल्हे अपने दोनों हाथों से जकड़े हुए थे और जंगलियों की तरह धक्के लगाए जा रहा था।
आह जालिम छोड़ दें अब, बहुत दुख रही है, मैंने करहाते हुए कहा।
हालांकि दो महीने से रोज लंड खा खा कर मेरी गांड़ भोसड़ा बन चुकी है , फिर भी 15 मिनट की जबरदस्त चुदाई से गांड़ दर्द करने लगी थी।
मेरी जान तुझे पर चढ़ने के बाद उतरने का मन ही नहीं करता , तेरी गांड़ में जादू है ।
चाचा ने एक जोरदार चांटा मेरे कुल्हे पर मारते हुए कहा।
ऊई मां मर गई, में किसी छिनाल की तरह चिल्लायी।
मेरी जान तुझे कैसे दूंगा, मेरे लंड का ख्याल कौन रखेगा, चाचा ने मेरी छाती सहलाते हुए कहा।
इतनी बुरी तरह से चोदोगे तो मर ही जाऊंगी ना ...मेने इतराते हुए कहा।
देखो गद्दा भी गांड के पानी से गंदा हो गया।
ये प्रेम रस मेरी जान कोई गंदा पानी नहीं कहते हुए चाचा ने अपनी बांहें मेरी पतली कमर पर लपेट जोर से भींच लिया।
आह मरी , मेरी पसलियां कुचलोगे क्या, में जोर से चिल्लायी,
मेरी हालत ऐसी थी जैसे किसी विशाल सांड के साथ एक छोटी सी बकरी।
अब चाचा ने खड़े होकर मुझे अपनी गोद में उठा लिया। में चाचा के बदन से जोंक की तरह चिपक गयी थी। (आगे में लड़की के रुप में ही पेश होऊंगी।)
, मे अपनी बांहें चाचा के गले में डाल और टांगे कमर पर लिपटा कर चाचा की चुदाई का आंनद ले रही थी । चाचा ने मुझे किसी खिलौने की तरह उठा रखा था , उनका काला मोटा लंड मेरी गांड़ में घुसा बिल्कुल पिस्टन की तरह चल रहा था
मेरी गांड़ से पिला चिकना पानी टपक रहा था । मेरे मुंह से दर्द और आनंद की मिली जुली सिसकियां निकल रही थी।
मेरे राजा मुझे छोड़ तो नहीं दोगे, मेने चाचा की आंखों में झांकते हुए पूछा।
नहीं, मेरी गुलाबो तुझे ज़िन्दगी भर अपनी रानी बना कर रखूंगा, मेरा लंड इसी तरह तेरी खिदमत करता रहेगा । चाचा ने मेरे कूल्हे मसलते हुए कहा।
मैं शरमाते हुए अपना मुंह चाचा की गर्दन मे छिपा उनसे जोर से चिपक गयी और सिसकियां लेने लगी मेरे मुंह से अजीब-अजीब आवाजें निकल रही थीं।
आह मेरी मां.... मुझे बचा ले , हाय दैय्या चोद दिया रे ... मेरी गांड़ फाड़ दी , आह जालिम अब तो छोड़ दें ...
मर जाऊंगी... हाय दैय्या कोई तो बचाओ ।
हूं हूं बहन..चोदी .. हूं आह चाचा अनवरत धक्के लगाए जा रहा था । तेरे को अब कोई बचाने नहीं आएगा । चाचा भी धक्के लगाते हुए बड़बड़ा रहा था।
चाचा ने अब मुझे बिस्तर पर लेटा दिया , और मेरे ऊपर चढ़ मेरी दोनों टांगें अपने कंधों पर रख, जैसे मुर्गा- मुर्गी को चोदता है ऐसे ही दबोच कर चोदना शुरू कर दिया।
राजा इस आसन में मेरी टांगों और कमर में दर्द होता है , प्लीज़ मेरी टांगें अपने कंधों से उतार दे ,..= में दर्द से चिल्लायी। इस बार चाचा को रहम आ गया और उसने
मेरी टांगें कंधो से उतार दी ।
अब मेरी दोनो टांगे उसकी कमर पर लिपटी हुई थी और मैं उसके कूल्हों को सहलाते हुए दर्द और आंनद के मिले-जुले अहसास के साथ सिसक रही थी।
ओह मेरे राजा दर्द तो बहुत होता है ,मगर आपका लंड सुख भी बहुत देता है मेरा मन करता है जिंदगी भर तेरे नीचे ऐसे ही टांगें फैलाकर पड़ी रहू , और तू मुझे पेलता रहे । आह मरी .....है भगवान।
मेरी जान ऐसा ही होगा , में तुझे अपनी रानी बना कर रखूंगा, ऐसे ही तेरी रगड़ाई करूंगा , कहते हुए चाचा हुमच हुमच कर धक्के मारने लग।
आह हाय ...मेरे राजा काश कि मैं तेरा बच्चा पैदा कर सकती , मेरा भी पेट फूल सकता मैंने आह भरते हुए कहा ।
सब होगा मेरी जान तू मेरी पत्नी भी बनेगी और मेरे बच्चे की मां भी बनेगी।...कहते हुए चाचा ने पूरा लंड बाहर निकाल कर एक जबर्दस्त धक्का मारा ।
ऊई ...मर गई मेंने गला फाड़कर कर चीख मारी ,
धक्का इतना तेज था कि में करीब तीन इंच ऊपर खिसका गई , मेरी आंखों में दर्द से आंसू आ गये।
लगता था चाचा के लंड ने मेरी आंतों को गम्भीर चोट पहुंचाई थी ।
मेरी चीख सुनकर चाचा भी घबरा गया था, उसने तुरंत अपने होंठों से मेरे होंठ बंद कर दिये ।
और धक्के रोक कर मेरे बालों को सहलाने लगा।
सौरी मेरी जान माफ कर दे, बच्चे और पेट फूलने की बात सुनकर मैं जोश मे आ गया था चाचा मेरे को किस करते हुऐ माफी मांगने लगा।
अच्छा अब मेरे ऊपर से उतरो, मेंने नहीं चुदवाना , मेने रोते हुए गुस्से में कहा।
ऐसा जुल्म ना कर मेरी जान , अभी तो मैं झड़ा भी नहीं, अब धीरे-धीरे करूंगा
चाचा मेरे मुंह को चूमता हुआ, खुशामदी स्वर में बोला।
नहीं मेने अब बिल्कुल नहीं चुदवाना।
पता नहीं पेट में कितनी चोट लगी है, यदि झड़ना ही है तो मैं चूस कर झाड़ देती हूं। मेरा गुस्सा बरकरार था।
गुलाबो ऐसा ना कर कसम से अब बहुत प्यार से धीरे धीरे करूंगा, ले में कान पकड़ कर माफी मांगता हूं , इसके बाद दो दिन कुछ नहीं करेंगे।
चाचा भौली सी शक्ल बना कर बोला,
चाचा की इस अदा पर मुझे बहुत प्यार आया, मैंने अपने दोनों हाथों से उसकी पीठ सहलाते हुए कहा.. मेरे राजा तेरी इस अदा पर तो जान भी कुर्बान कर दूं।
मेरी आंखों में आसूं तथा होंठों पर मुस्कान थी।
जरा रुक मुझे करवट से लेटने दे। तेरे नीचे दबे दबे मेरा दम घुट रहा है।
ठीक है, कहते हुए चाचा ने अपना लंड पुक की आवाज के साथ बाहर निकाल लिया।
चाचा का 9 इंच लम्बा और 5इंच मोटा लंड चमक रहा था , उस पर उभरी नसें देख , मेरा मन उसे चूसने का करने लगा।
मगर में चुपचाप बांय करबट लेट गयी और अपने पैर पेट की तरफ मोड़ , अपनी गांड़ चाचा की तरफ खोल दी।
मेरी जान .. तेरी गांड़ कितनी प्यारी है, चाचा ने मेरी गांड़ का चुम्बन लेते हुए कहा।
मेरे राजा तुम्हारा लंड भी करोड़ों में एक है । मैंने हाथ पीछे ले जाकर लंड को सहलाते हुए कहा।
मैंने लंड पकड़ कर पीछे अपनी गांड़ के छेद पर लगाया।
राजा अब डाल दो।
चाचा ने प्यार से अपना लंड मेरी गांड़ में डाला और प्यार से धक्के लगाने लगा
मेरा दर्द अब कम हो गया था । मैं आंखें बंद किए असीम आनन्द से सिसकारियां भर रही थी।
गुलाबो तेरे साथ मुझे स्वर्ग का आंनद आता है, चाचा ने मेरे पेट पर हाथ फेरते हुए कहा।
राजा में भी चाहती हूं, सारी ज़िंदगी तेरी बाहों में रहू।
मेरी जान में जिंदगी भर तेरा साथ निभाऊंगा ।
राजा में अपना परिवार बनाना चाहती हूं। ये कैसे होगा ? मैंने अपनी चिंता जाहिर की।
मेरी जान अपन सिंगापुर में तेरा सेक्स चेंज आपरेशन करा लेंगे, फिर हमें शादी करने में कोई परेशानी नहीं होगी।
राजा मगर सेक्स चेंज करवाने से मेरा पेट थोड़े ही फूलेगा । में तेरे बच्चे की मां कैसे बनूंगी।
हम एक बच्चा गोद ले लेंगे, तु उसकी मां होगी।
मगर राजा में प्रसब पीड़ा महसूस करना चाहती हूं।
रानी इस संबंध में अपने डाक्टर से सलाह करेंगे कि कैसे तुझे प्रसव पीड़ा का अनुभव हो।
चाचा अनवरत रूप से धक्के मारे जा रहा था , में आंखें बंद किया निश्छल पड़ी धक्के खा रही थी।
करीब दस मिनट बाद चाचा बोला ...जान अब सीधी होजा , नीचे तकिया लगा कर पेलूंगा ...अब झड़ने वाला हूं।
क्यों नहीं मेरी जान कहते हुए , में तुरंत से पीठ के बल सीधी लेट गई और अपनी टांगें हवा में उठा गांड़ चाचा के लिए खोल दी ।
चाचा ने मेरी गांड़ के नीचे तकिया लगाया। लौड़ा छेद पर लगाया और बच से एक ही धक्के में पूरा अंदर कर दिया।
ऊई मां...जरा धीरे राजा।
चाचा ने कोई जबाब नहीं दिया और हूं हूं करते हुए चुदाई में लग गया ।
बहनचोदी तेरी गांड़ फाड़ दूंगा...हाय तेरी गांड़ तो स्वर्ग का दरवाजा है ...आआआह ..ले खा जा मेरा लंड छिनाल ... बहुत अच्छा लग रहा है।
चाचा के मुंह से अजीब-अजीब आवाजें निकल रही थी, मेंने उसे जोश दिलाने के लिये अपने दोनों हाथों से उसके कूल्हों को सहलाना - मसलना शुरू कर दिया।
ऊऊऊईई भगवान कितना मज़ा आ रहा है।...में तेरा लंड पा कर धन्य हो गई मेरे राजा। और जोर से... फाड़ दे आज मेरी ....घुसेड दे अंदर तक अपना बीज डाल दें ....है भगवान में जिंदगी भर इसके नीचे पड़ी चुदतीं रहूं । में भी आंनद में अनाप-शनाप चिल्ला रही थी।
अचानक चाचा ने धक्कों की रफ्तार बहुत बड़ा दी । आआआआ ममेरा निकलने वाला है मेरी रानी ऊऊऊऊऊ
जकड ले मेरा हाए रे निकला ये गया गया है भगवान।
मैंने चाचा के कूल्हों को हाथों से अपनी गांड़ पर कस के दवा लिया था ,... चाचा का बदन कांप रहा था ।
अचानक मैंने महसूस किया कि गर्म लावा मेरी गांड़ में भरता जा रहा है। मैंने चाचा से चिपक कर अपनी आंखें बंद कर ली।
चाचा डकराया हुआ मेरे ऊपर ढेर हो गया । हम दोनो का बदन पसीने से लथपथ था और तेज तेज सांसें चल रही थी
पांच मिनट ऐसे ही पड़े रहने के बाद मैंने प्यार से उसके सिर को सहलाते हुए कहा।....अब उठ जाओ जानू...
वो मेरी बगल मे लुढ़क गया, असली मेहनत तो उसी ने की थी।
में उठके लड़खड़ाते हुए बाथरूम की तरफ जाने लगी , मेरी गांड़ से जांघों तक प्रेम रस बह कर आ रहा था ...कुछ बूंदें फर्ष पर भी गिर रही थीं।
मैंने टायलेट सीट पर बैठ कर अपने हाथ से अपनी गांड़ को सहलाया, वो चिकने पदार्थ से सनी हुई थी...में कुछ देर प्यार से उसे सहलाती रही, मुझे मेरी गांड़ पर बहुत प्यार आ रहा था....मन कर रहा था कि उसे चूम लूं।
मैंने हैंड शावर से अपनी गांड़ साफ करी , गांड़ का छेद ऐसे फैल गया था , जैसे अभी अभी बच्चा जन कर आ रही हूं।
बाहर आकर मैंने अपना घाघरा - चोदी पहना (घर पर मैं औरतों के कपड़े पहनता हूं, ये आदत कब पड़ी ये अगली कहानी में बताऊंगा ) और चाचा की बगल में लेट गयी...रात का एक बज रहा था।... मैं अपना सर चाचा के सीने पर और एक टांग उसकी जांघों पर चढ़ा , सिंगापुर का सोचते हुए सो गई।