Yogeshsisfucker
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हैलो दोस्तो आज मै आप के लिए एक नई कहानी लेकर आया हु. मुझे पक्का विश्वास है कि आप को यह कहानी बहुत पसंद आएगी ।तो दोस्तो सेक्स एक ऐसा शब्द है की ये सारी दुनिया उन दो अक्षरो के आगे पीछे ही घुमती रहती है। हर कोई अपने अपने अन्दाज से सेक्स का मजा लेता है ।कोई लड़की पटाता है ।तो कोई शादी कर के अपने घर मे ही सेक्स की व्यवस्था करता है ।तो कोई रान्ड के पास जाकर अपना गुजारा करते है।पर अगर यही सेक्स हमे घर बैठे ही मिल जाए तो कितना मजा आएगा ।एसा ही कुछ मेरे साथ भी हुआ है ।तो इस कहानी मे आप पढेंगे की कैसे संयोग सेक्टर मैंने अपनी छोटी बहन पटाई और सिर्फ उस पर ही ना रुकते हुए अपनी मां को भी पटाया और बाद मे उन्हे मनाके अपने सगी छोटी बहन के साथ शादी भी कर दी।कहानी जरा लम्बी है पर मुझे पक्का यकीन है कि आप को मजा देगी कहानी जो आप चाहते हो ।तो सीधे चलते है इन्ट्रोडक्शन की तरफ ।
इन्ट्रोडक्शन ---
योगेश -उम्र 29 हाइट 5 7' यानी की मै ।कहानी का हिरो ।मेरे बारे मे आगे आप बहुत पढोगे पर अभी क्वालीफिकेशन और जानबूझकर बता देता हआ।मै बि काॅम फर्स्ट क्लास हु और अभी एक mnc मे मार्केटिंग एक्जीक्यूटिव हु।
मोहिनी ----उम्र 48 हाइट 5 5' ।मेरी माँ ।माँ का मोहिनी नाम उनके पर्सनैलिटी पे बहुत फिट होता है ।वो 48 की होने के बाद भी अभी भी मस्त दिखती है । फिगर 36 32 36
प्रिया --उम्र 18 हाइट 5 7'।मेरी छोटी बहन ।माँ का ही जवानी का रुप ।पर प्रिया बहुत हट्टी कट्टी और उसके बुब्स मानो उम्र से भी बडे तरबूज जैसे बडे है।फिगर 36 30 34
कहानी शुरु करने से पहले हम कहानी की रुपरेखा पढ लेते है।हमारा घर मध्यप्रदेश मे एक छोटे से गाव मे है।मेरी मा जो की ब्राम्हण फॅमिली से बिलाॅन्ग करती थी उनकी शादी 30 साल पहले मेरे फादर मोहन के साथ हुइ थी ।मेरे फादर भी पण्डित ही थे ।वो हमारे और दुसरे गाव के मन्दिरो मेलबर्न जाकर पूजा करने का काम करते थे ।हमारे गाव मे 7-8 सब डिवीजन्स थी हम जिस डिवीजन मे रहते थे उस डिवीजन मे हमारा एक और एक और एसे दो ही घर हमारे समाज के थे ।डिवीजन के बाकी 60-70 घर मुस्लिम समुदाय के थे ।आप को पता हे की गाव मे घर बहुत दुर दुर जहा जहा अपनी जमीन हो वहा पर बनाते है ।वैसे ही हमारे घर के आसपास 100 मिटर मे किसी और का घर नही था ।और बाकी के डिवीजन मे भी मुस्लिम भाईयो के ही ज्यादातर घर थे।घर के पास की छोडकर और दो एकड जमीन डेड किमी दुर थी वहा पर खेती करके पिताजी अपना अपने पत्नी का और अपने माता पिता का जिवन व्यापन करते थे ।शादी के एक साल बाद मेरा जन्म हुआ ।मेरे जन्म के एक दो साल के बाद पिता जी घर छोड़कर किसी महाराज के साथ हरिद्वार भाग गए ।मेरे दादा दादी और मां जैसे तैसे करके दिन गुजार रहे थे ।मैंने बडा होने लगा और स्कूल जाने लगा ।मुझे आज भी याद है जब मै 3 rdस्टॅन्ड्र्ड मे था ।एक दिन पिताजी अचानक से घर लौट गए ।सभी को आनन्द हो गया था ।धीरे धीरे पिताजी और दादा दादी ने मिलकर जमीन मै डेवलपमेंट कीई और आर्थिक स्थिती मे भी थोड़ा-बहुत सुधार हुआ।इधर एक साल के अंदर माँ ने दुसरे बच्चे को जन्म दिया।वो लडकी थी दिखने मे बहुत प्यारी थी और उसका आवाज सुनकर एसा लगता था की कानो मे शहद घुल रहा हो।इसलिए सबने बडे प्यार से उसका नाम प्रिया रख दिया।प्रिया और मै धीरे धीरे बडे हो रहे थे ।जब मै 6 th मे था तब पहले दादा और बाद मे दो साल मे दादी भी गुजर गई ।मै 10th की एक्जाम पास करने के बाद पास ही के शहर मे कालेज और पार्ट टाइम काम पे जाने लगा प्रिया मुझसे 11 साल छोटी थी।और एक दिन पिताजी घर छोडकर फिर एक बार उसी महाराज के साथ भाग गए ।जाते हुए उन्होने कहा की फिर कभी भी वापस नही आउंगा ।माँ और हमे बहुत दुख हुआ पर दिन बीतते गए ।मै 12 वी पास होकर आगे सिखने के लिए दुसरे शहर गया ।मुझे याद है जब मै 13 वी मे था मैने अपने लाइफ की पहली लडकी पटाई ।जिसका नाम यास्मीन था।मै पडा एक समाज का और यास्मीन दुसरे समाज की पर हम दोनो का प्यार कालेज खत्म होने तक बरकरार था ।उसके बाद मै एक भले आदमी के सन्गत से अच्छे जाॅब पे लग गया ।कालेज मे एक गर्लफ्रेंड होने के बावजूद मैने 3 साल मे 10-15 लडकियो को पटाकर सेक्स किया था।तब से लेकर आज तक तकरीबतक30-40 लडकिया आन्टीया और रान्डीया भी चोदी और अपने फ्रेंड्स के साथ चुदवाई भी थी ।इधर प्रिया बडी हो रही थी और एक एक क्लास पिछे छोडते हुए वो 10 वी भी पास हो गई ।प्रिया को मैने कभी गन्दी नजर से नही देखा था ।पर वो 16 की उम्र मे ही किसी आयटम बाॅम्ब जैसी दिखती थी।आगे कालेज पढने के लिए उसे मा ने पास ही के एक शहर मे हास्टल मे रख दिया ।और प्रिया ने अभी 12 वी की एक्जाम भी दीई हुइ थी।मेरे जाॅबपर पर होने की वजह से माॅ को भी पैसे का टेन्शन नही था ।और गाव मे माॅ मधुर और गाव की औरतो को काम पर बुलाकर खेती का काम करवा लेती थी।तो अब तक आपको कहानी का बैकग्राउंड समझ आ चुका है ।आगे के अपडेट से कहानी होगी स्टार्ट ।।।।
इन्ट्रोडक्शन ---
योगेश -उम्र 29 हाइट 5 7' यानी की मै ।कहानी का हिरो ।मेरे बारे मे आगे आप बहुत पढोगे पर अभी क्वालीफिकेशन और जानबूझकर बता देता हआ।मै बि काॅम फर्स्ट क्लास हु और अभी एक mnc मे मार्केटिंग एक्जीक्यूटिव हु।
मोहिनी ----उम्र 48 हाइट 5 5' ।मेरी माँ ।माँ का मोहिनी नाम उनके पर्सनैलिटी पे बहुत फिट होता है ।वो 48 की होने के बाद भी अभी भी मस्त दिखती है । फिगर 36 32 36
प्रिया --उम्र 18 हाइट 5 7'।मेरी छोटी बहन ।माँ का ही जवानी का रुप ।पर प्रिया बहुत हट्टी कट्टी और उसके बुब्स मानो उम्र से भी बडे तरबूज जैसे बडे है।फिगर 36 30 34
कहानी शुरु करने से पहले हम कहानी की रुपरेखा पढ लेते है।हमारा घर मध्यप्रदेश मे एक छोटे से गाव मे है।मेरी मा जो की ब्राम्हण फॅमिली से बिलाॅन्ग करती थी उनकी शादी 30 साल पहले मेरे फादर मोहन के साथ हुइ थी ।मेरे फादर भी पण्डित ही थे ।वो हमारे और दुसरे गाव के मन्दिरो मेलबर्न जाकर पूजा करने का काम करते थे ।हमारे गाव मे 7-8 सब डिवीजन्स थी हम जिस डिवीजन मे रहते थे उस डिवीजन मे हमारा एक और एक और एसे दो ही घर हमारे समाज के थे ।डिवीजन के बाकी 60-70 घर मुस्लिम समुदाय के थे ।आप को पता हे की गाव मे घर बहुत दुर दुर जहा जहा अपनी जमीन हो वहा पर बनाते है ।वैसे ही हमारे घर के आसपास 100 मिटर मे किसी और का घर नही था ।और बाकी के डिवीजन मे भी मुस्लिम भाईयो के ही ज्यादातर घर थे।घर के पास की छोडकर और दो एकड जमीन डेड किमी दुर थी वहा पर खेती करके पिताजी अपना अपने पत्नी का और अपने माता पिता का जिवन व्यापन करते थे ।शादी के एक साल बाद मेरा जन्म हुआ ।मेरे जन्म के एक दो साल के बाद पिता जी घर छोड़कर किसी महाराज के साथ हरिद्वार भाग गए ।मेरे दादा दादी और मां जैसे तैसे करके दिन गुजार रहे थे ।मैंने बडा होने लगा और स्कूल जाने लगा ।मुझे आज भी याद है जब मै 3 rdस्टॅन्ड्र्ड मे था ।एक दिन पिताजी अचानक से घर लौट गए ।सभी को आनन्द हो गया था ।धीरे धीरे पिताजी और दादा दादी ने मिलकर जमीन मै डेवलपमेंट कीई और आर्थिक स्थिती मे भी थोड़ा-बहुत सुधार हुआ।इधर एक साल के अंदर माँ ने दुसरे बच्चे को जन्म दिया।वो लडकी थी दिखने मे बहुत प्यारी थी और उसका आवाज सुनकर एसा लगता था की कानो मे शहद घुल रहा हो।इसलिए सबने बडे प्यार से उसका नाम प्रिया रख दिया।प्रिया और मै धीरे धीरे बडे हो रहे थे ।जब मै 6 th मे था तब पहले दादा और बाद मे दो साल मे दादी भी गुजर गई ।मै 10th की एक्जाम पास करने के बाद पास ही के शहर मे कालेज और पार्ट टाइम काम पे जाने लगा प्रिया मुझसे 11 साल छोटी थी।और एक दिन पिताजी घर छोडकर फिर एक बार उसी महाराज के साथ भाग गए ।जाते हुए उन्होने कहा की फिर कभी भी वापस नही आउंगा ।माँ और हमे बहुत दुख हुआ पर दिन बीतते गए ।मै 12 वी पास होकर आगे सिखने के लिए दुसरे शहर गया ।मुझे याद है जब मै 13 वी मे था मैने अपने लाइफ की पहली लडकी पटाई ।जिसका नाम यास्मीन था।मै पडा एक समाज का और यास्मीन दुसरे समाज की पर हम दोनो का प्यार कालेज खत्म होने तक बरकरार था ।उसके बाद मै एक भले आदमी के सन्गत से अच्छे जाॅब पे लग गया ।कालेज मे एक गर्लफ्रेंड होने के बावजूद मैने 3 साल मे 10-15 लडकियो को पटाकर सेक्स किया था।तब से लेकर आज तक तकरीबतक30-40 लडकिया आन्टीया और रान्डीया भी चोदी और अपने फ्रेंड्स के साथ चुदवाई भी थी ।इधर प्रिया बडी हो रही थी और एक एक क्लास पिछे छोडते हुए वो 10 वी भी पास हो गई ।प्रिया को मैने कभी गन्दी नजर से नही देखा था ।पर वो 16 की उम्र मे ही किसी आयटम बाॅम्ब जैसी दिखती थी।आगे कालेज पढने के लिए उसे मा ने पास ही के एक शहर मे हास्टल मे रख दिया ।और प्रिया ने अभी 12 वी की एक्जाम भी दीई हुइ थी।मेरे जाॅबपर पर होने की वजह से माॅ को भी पैसे का टेन्शन नही था ।और गाव मे माॅ मधुर और गाव की औरतो को काम पर बुलाकर खेती का काम करवा लेती थी।तो अब तक आपको कहानी का बैकग्राउंड समझ आ चुका है ।आगे के अपडेट से कहानी होगी स्टार्ट ।।।।