घर सा मजा और कहा - SexBaba
  • From this section you can read all the indian sex stories arranged from the various users. So what you are going to read stories like 'Office girl with her lover', 'Indian mom with her son. Lots of erotic tales are posted here. So guys hold your cock for the amazing sexual fantasies.

घर सा मजा और कहा

Yogeshsisfucker

New member
Joined
Sep 16, 2019
Messages
0
घर सा मजा और कहा
हैलो दोस्तो आज मै लेकर आया हु एक नइ और मजेदार फॅमीली सेक्स स्टोरी।मुझे पक्का यकीन है आपको यह स्टोरी जरुर पसंद आएगी।सेक्स एक ऐसा शब्द है की ऐसा कौन है इस दुनिया मे जिसे वो पसंद नही।लोग सेक्स के लिए अपना टाइम ,मनी,और पुरा जिवन लगा देते है।और वह ऐसा सुख है की कितना भी करो प्यास ही नही मिटती और रोज नया आनन्द आता सै।तो यही सेक्स बिना शादी किए अपने ही घर मिलने लगे तो ।आप सोचेन्गे की ये तो बडी खुशी कि बात है।पर हा मैने अपने लाइफ मे ये मजा पाया है।मुझे अन्दाजा भी नही था कि मै जो सुख थोडासा चाह रहा था उसका वर्षाव ही मेरे उपर हो जाएगा।आप आगे पढिए की बहन पटाते पटाते मा भी कैसे मुझसे पट गइ और एक टाइम ऐसा आया की मेरी शादी मेरी मा ने मेरी ही छोटी बहन से कर दिइ।कहानी जरा लम्बी है।पर बहुत मस्त है।मानिए की मेरे जिवन की ही कहानी है।मैने कहानी मे सभी नाम रियल है बस प्लेसेस के नाम बदले है और कुछ कुछ घटनाए भी बदली है।
मुझे आपके कमेन्ट्स और रिप्लाइस का हमेशा इन्तजार रहेगा ।सिर्फ कहानी शुरू करने से पहले स्टोरी की बॅगराउन्ड पढ लिजीए जिस वजह से आपको मस्त फिलीन्ग आएगी।
Introduction- 
योगेश - उम्र 28  , हाइट 5'7, वेट 65 किलो।  शिक्षण बि काॅम - जाॅब - एमएनसी मे मार्केटीन्ग ऑफीसर 
प्रिया - योगेश की छोटी बहन  उम्र -18 हाइट 5'4 वेट 57किलो सेक्सी गोरी चिट्टी और हेल्दी लडकी , शिक्षण - 12 वी कम्प्लीट कर चुकी है - फिगर 34,28,34,
मोहीनी- योगेश और प्रिया की माॅ   उम्र 46- हाइट 5'3 वेट 65 कीलो फिगर 36,32,36।
 बॅगराउन्ड-
मोहीनी जब 19 साल की थी तब उसका विवाह गाव मे रहने वाले रविश से हुवा।रविश और उसके मा बाप साथ मे ही रहते थे।( जैसे बडे सिटी एरीआ मे वार्डस होते है छोटे शहरो मे मोहल्ले और गलीया होती है वैसे ही गाव मे वाडी होती है( sub villages)तो यह गाव 7-8 sub villages   मिलकर बना था।हर  sub village मे35-40  घर होते है ।सभी घर पास पास नही होते जहा जिसकी जमीन हो वो वहा पर घर बान्ध लेता है।) रविश ब्राम्हण था तो निश्चीत है की मोहीनी भी ब्राम्हण ही थी।रविश के घर के पास एक एकड जमीन छोडकर 1-2 किमी दुर पर 2एकड जमीन थी।जहा पर वो खेती आदी करके अपना गुजर बसर करते थे।और रविश गाव का पौरोहीत्य भी करता था।उनके गाव मे उनका अकेला ब्राम्हण घर था।और रविश जिस वाडी(sub village)  मे रहता था।वहा पर 3-4 हिन्दु घर छोडकर बाकी 35-40 मुस्लीम घर थे।रविश का स्वभाव काफी आद्ध्यात्मीक प्रवृत्ती का था  ।वो हमेशा किसी न किसी गुरू या आश्रम मे  ही जाता रहता था।मोहीनी से शादी के बाद रविश अपने संसार मे लग गया ।और एक साल मे ही मोहीनी  और रविश को पहला बेटा हुवा ( यानीकी मै) ।उसके बाद एक दो साल एसे  गुजरे ही थे की रविश घर छोडकर किसी गुरू के आश्रम मे भाग गया।मोहीनी और रविश के मा बाप ने रविश को मनाने कि बहोत कोशीश की पर वो माना नही।एसे तैसे करके वो गुजारा करने लगे ।रविश को घर से गए हुए 7 साल हुए थे कि अचानक एक दिन वो घर आगया ।मोहीनी और रविश के मा बाप ( यानीकी मेरे दादा दादी) को खुशी का ठिकाना नही रहा।बेचारी मोहीनी तो 7 साल से जवानी के आग मे जल रही थी ।शादी से लेकर आज तक उसे ऑरगॅसम और सेक्स का परमबिन्दु सुख क्या होता है कुछ पता नही था।रविश फिर एक बार घर कि जिम्मेदारी सम्भालने लगा ।मोहीनी और रविश का फिर एक बार मिलन हुवा और पहले बेटे के दस साल बाद उन्हे बेटी हूइ जिसका नाम सबने प्रिया रखा।ये प्रिया नाम के ही तरह बहोत प्यारी थी ।घर मे सब की लाडली।रविश की प्रवृत्ती अभी भी आध्यात्मीक ही थी उसने कभी भी मोहीनी को वैसा सुख नही दिया जैसे कोइ आम औरत चाहती हो।और एक दिन फिर से रविश घर छोड कर दुर किसी आश्रम मे चला गया।सबने उसे बहुत मनाया पर वो माना नही।तब प्रिया 8 साल की थी और योगेश ने 18 साल पुरे किए थे।अपने बेटे के घर से जाने के सदमे मे रविश के बाप का देहान्त हो गया।योगेश शहर मे  काॅलेज जाने लगा।और प्रिया गाव मे ही 10 वी तक का स्कुल था वहा जाने लगी।मोहीनी और उसकी सास खेती करके और खेत मे तैयार होने वाली सब्जीया और फल बेच कर घर चला रही थी।ऐसे ही दिन कटते गए ।योगेश बि काॅम हो गया  ।और एक एमएनसी मे अॅज अ मार्केटीन्ग रिप्रेसेन्टेटीव काम पे लग गया।योगेश की धिरे धिरे प्रगती हो रही थी।जाॅब मे धिरे धिरे बढती होने लगी।वैसे ही घर की हालत भी बदलने लगी ।घर वही था पर अब काफी सुधार हो गया।दो साल पहले जब प्रिया की 10 वी की फायनल एक्झाम खतम हुइ तभी एकाएक दादी बिमार हो गइ बहुत इलाज किये पर उन्हे बचाया नही जा सका।बाद मे प्रिया का 10 वी का रिझल्ट भी आ गया ।वह पास हो गइ ।तो मोहीनी ने प्रिया को शहर मे एक सायन्स काॅलेज मे एडमीशन करवाइ।और प्रिया भी शहर मे हाॅस्टल मे रहने लगी।योगेश की दुसरे एक शहर मे बदली हो गइ ।इधर मोहीनी भी अब खेत मे मजदुर और औरते लगाकर काम करने लगी।
तो यह हुइ मेरी फॅमीली बॅगराउन्ड अब फटाफट पढ डालिए हम तिनो की पर्सनल बॅगराउन्ड
योगेश ( यानी की मै) काॅलेज मे था तभी से लडकीया पटाना तर उन्हे अच्छी तरह से यूज करना सिख गया था।काॅलेज मे न जाने कितने अच्छे घर की और टाॅपर लडकीयो को पटा कर चोदा था ।उसका तो स्पेशल जगहा था वहा पर ले जाकर इत्मीनान से वो लडकीयो को सेक्स एडीक्ट बनाता था।जाॅब पे लगने के बाद तो ऊसके अलग अलग प्रोफेशन्स मे और अलग अलग शहर और स्टेट्स मे फ्रेन्ड बन चुके थे।पटाइ हुई लडकीको अपने साथ ले जाकर सब दोस्तो के साथ शेअर करने मे उसे बडा मजा आता था।आज तक 10-15 अच्छे घर की लडकीयो को प्रोफेशनल रान्डीया बना चुका था योगेश और एट्रॅक्टीव पर्सनॅलिटी के वजह से उसे यह पाॅसीबल था।अब आते है उसके फॅमीली सेक्स के शौक पर ।ये शौक ऊसे था पर केवल नेट पर स्टोरीज पढना और विडीयोज देखना छोडकर उसने आगे कुछ किया नही था।अपनी छोटी बहन प्रिया के बारे मे सोचकर मूठ मारने मे उसे बडा मजा आता था पर उसने रियल मे कुछ भी नही किया था।और एक बात योगेश के इन गुणो के बारे मे प्रिया और मोहीनी को कुछ भी पता नही था।
अब आते है प्रिया पर ।प्रिया अब गाव मे एक हाॅट आयटम के रुप मे जानी जाती थी।वैसे उसने कभी माॅडर्न ड्रेसीन्ग की नही थी गाव मे पर सिर्फ सलवार कमीज मे ही लोगोन्को जो देखना चाहीए वो दिख जाता था।प्रिया चंचल तो थी ही पर वो एक नम्बर की छिनाल भी थी ।10 वी मे थी तभी से स्कूल मे बाॅयफ्रेन्ड बनाना और ब्रेकप करना इसमे माहीर थी।10 वी के बाद वो शहर चली गइ 11-12 वी के लिए पर वहा भी उसके गुण कम नही हुए ।आगे आप पढोगे ही इसके बाकी गुणोके बारे मे।पर ऊसने भी अपने गुण अपने भाई योगेश और मा मोहीनी से छुपाए हूए थे।
मोहीनी मेरी मा । नाम की तरह ही मन को मोहने वाली सुन्दरता थी इसके पास। 46 साल ऊम्र होने के बाद भी 35 की दिखती थी।लेकीन आजतक कइ बार सेक्स के मजे लेने के चान्स आकर भी उसने अपने पैर फिसलने नही दिए थे।योगेश तो पिछले दो साल से कह रहा था की गाव की जमीन और घर बेच कर शहर मे फ्लॅट ले लेते है पर मोहीनी अभी तक अपने पती की निशानी मानकर खेत और घर को सम्भाले हुए थी।
तो दोस्तो अब आते है कहानी की तरफ।
 मै योगेश ।मै जाॅब के कारण रोज रोज घर नही जा पाता।इसलिए शहर मे ही मेरे एक कलिग के साथ रूम रेन्ट पे लिया है। कभी 10-15 दिन बाद जाना होता है। तो काम बढनेपर 1-1 महीना घर जाना ही नही होता।पर जब भी मै घर जाता हु माॅ को खर्चे के लिए पर्याप्त रुपये देता हु ।और घर मे सामान और राशन भी लाकर रखता हु ।जिससे माॅ को कोइ प्राॅब्लेम ना हो ।हाल मै बहुत दिनो से घर नही गया था।और प्रिया के 12 वी एक्झाम भी खतम हो चुके थे ।जिसके कारण वो भी घर चली गइ थी तो बहुत दिनो के बाद उससे भी मिलना हो जाएगा ऐसा प्लॅन करके मै अपने साथी संजीव को बताकर वहा से घर की तरफ चल पडा।वैसे ये संजीव है दिल्ली का पर जाॅब के कारण यहा पुना मे रहने आया है ।मेरा घर तो पुणे से 200 किमी पर था जिस वजह से मै बाइक लेकर सॅटरडे शाम को 4 बजे वहा से छुटा ।बिच मे कुछ स्नॅक्स वगेरा लिए और करीब 7:30 बजे घर पहुच गया ।हमारा घर तो गाव मे है तो उसी दिन हमारे sub village मे कोई उर्स था मुस्लीम भाइयो का ।मै घर पहुच गया मा ने मेरा स्वागत किया।वैसे हमारा घर बाकी लोगो के घरो से  50-75 मिटर पे था।और एक साइड मे होने की वजह से घर पे कोई आता जाता भी नही था।माॅ चाय बनाने अन्दर चली गइ।मै हमारे घर के पिछे की तरफ अलग से बने हुए टाॅयलेट और बाथरूम मे चला गया।थोडे देर बाद फ्रेश होकर आया ।अभी 8 बजे होन्गे तो कीसी की बाइक का आवाज आया रुकने का और वो बाइक धुम स्टाइल मे चली गई।मै अपने रुम से दुसरे कपडे पहन कर बाहर हाॅल मे आया ही था की मेरी छोटी बहन प्रिया अपने पैर के पायल बजाते हुए अपने रुम मे घुस गइ।माॅ  भी हाॅल मे आगई।
माॅ- सुबह गई थी काॅम्प्युटर क्लास के लिए अभी आ रही है।
मै चुपचाप सुन रहा था।तभी प्रिया के रुम का दरवाजा खुला और वो बाहर आगई।जबरदस्त आयटम बाॅम्ब लग रही थी मेरी बहन ।गोरा चिकना चेहरा और होठो के थोडे से उपर तिल की वजह से वो तो पहले ही सेक्सी लगती थी ।उसपर अब उसने चष्मा पहन लिया था ।और पहना हुवा ड्रेस मानो पिछले साल का होगा एसा टाइट था बुब्स पर ।की मै तो देखता ही रह गया ।आज 3-4 महीने बाद मै प्रिया को देख रहा था।तभी प्रिया के मुख से मधुर आवाज आइ।
प्रिया- नही माॅ।पहले काॅम्प्युटर ही गइ थी।पर सहेलीया बोलने लगी की गाव मे मेला लगा है तो घुम आते है ।मै ना नही कह सकी ।
मै  - ठिक है ना माॅ।वो मेले मे तो गई थी।
मेरे साइड लेने से प्रिया खुश हो गई।वो मुझे स्माइल देते हुए बोली।
प्रिया - भैय्या आप कब आए।ठिक है ना सब उधर ।
मै - हा।तुम कैसी हो ।और एक्झाम कैसी हुइ।
प्रिया - अच्छी गई।
मै- ठिक है ।अभी क्या कर रही हो।
तभी माॅ टोकते हुए बोली।
माॅ- तेरे क्लास मे नझीर था ना।उसने अभी काॅम्प्युटर सेन्टर डाला है।वहा जाती है क्लास के लिए।मै तो पहले से ही कह रही थी।उन लोगो मे ज्यादा घुलना ठिक नही है।और कोई जगह नही थी ।क्लास के लिए।
प्रिया- माॅ बेकार मे बहस करती रहती हो।
मै- छोडो माॅ जाने दे उसे 2-3 महीने की तो बात है ।और पास ही है ना यहा से ।
प्रिया - मै वही तो कह रही हु।
थोडी देर इधर उधर की बाते हुइ और हम सब अपने अपने काम मे लग गए।रात को खाना खाने के बाद तिनो अपने अपने रूम मे सो गए ।सुबह जब 8:30 बजे मै उठा तो प्रिया क्लास के लिए जा चुकी थी।नाश्ते के वक्त मा और मै बाते कर रहे थे।थोडी देर इधर उधर की बाते होने के बाद माॅ मुझसे बोली।
माॅ- चष्मा लगा है प्रिया को अभीसे।
मै- देखा मैने ।उसे भी बडा कौतुक है अपने चष्मे का।
मा- जरा सा नम्बर कम हुआ है आखो का 5-6 महीने लगातार लगाने पर उतर जाएगा।
मै- हमम।माॅ तुम अब उसका टेन्शन लेना बन्द करदो वो अब बडी हो चुकी है।अभी के अभी कोई शादी करदे उससे।
माॅ - इसीलिए तो डरती हु।
मै- कोइ बात नही उसके एक्झाम के रिझल्ट के बाद तुरन्त कोइ अच्छा कोर्स देखके शहर मे भगाएन्गे उसे।
हमारी बाते खतम हो गई।उस दिन मैने खेत मे जाकर भी कुछ जरुरी काम कर डाले बाद मे घर आकर राशन और सामान भी लेकर आया बाजार से ।दोपहर का खाना भी हो गया पर प्रिया का कोई पता नही था।दोपहर तिन बजे मै अपना बॅग लेकर माॅ को बाय कहके वापस शहर की तरफ चल पडा।मुझे अपने काॅलेज के दिन याद आ गए की कैसे हम दोस्त एक्झाम के बाद इधर उधर घुमते रहते थे।करीब 7 बजे मै रूम पर पहूचा ।मैने डुप्लीकेट की से दरवाजा खोला और अन्दर गया ।मेरा रूममेट सन्जीव अपने कान को मोबाइल लगाकर बेड पे उल्टा लेटा हुवा था।उसे मेरे आने की जरा भी भनक नही थी।तभी
सन्जीव- तुम्हे कहा था ना मैने पुना आ जाओ मै कर दुन्गा जाॅब का काम।पर तुम तो अपनी दोस्तो के साथ मुम्बई चली गई।
दुसरी साइड से कोई लडकी बात कर रही थी।
लडकी - नही भैय्या वैसी बात नही है।पर पापा को डाउट हो जाता इसलिए जान बुझकर यहा आइ।और अब वैसे तो पापा डेल्ही मे है आप यहा कब भी ट्रेन पकडकर आ सकते हो सन डे ।हर सन डे हम पहले जैसी मस्ती कर सकते है।
सन्जीव- ठिक बात है ।हा हा हा•••• यार पिछले 3 मन्थ से तुझे देखा नही है ।क्या हालत हो रही है मेरी क्या बताउ।
लडकी- भैय्या आपने रिया को हमारे बारे मे कुछ बताया है क्या ।
सन्जीव- क्यु क्या हुवा।
लडकी- कुछ नही पिछले 15-20 दिनोसे जब से आप डेल्ही से वापस आए हो ठिक से बात भी नही कर रही और वाट्सप का भी रिप्लाय नही कर रही।
सन्जीव- औके मै सम्भालता हु सब। अरे कुछ नही लास्ट टाइम विडीयो बनाकर किया ना तब हमारे सारे विडीयोज भी देख लिए मोबाइल मे।
लडकी- भैय्या आप भी ना फसा दोगे मुझे।और रिया और आप वाला विडीयो मुझे क्यो नही भेजा।देखु तो मेरी छोटी बहन और बडा भाइ क्या मजे कर रहे है।
सन्जीव- लता मस्त बना है विडीयो पुरे 1 घन्टे का दो बार किया मजे के साथ ।यार तुझसे क्या छुपाना मै 10 दिन घर पे था।5-6 दिन मस्त मजे दिए रिया ने।
लडकी- कहा पर भैय्या ।पापा और मम्मी नही थी घर पे ।
सन्जीव - नही उन्हे 8 दिन का हाॅलिडे पॅकेज दिया था ।नाॅर्थ इस्ट का बहोत खुश हुइ मम्मी और पापा भी।
लडकी- और रिया ।
सन्जीव- वो तो बहोत खुश।एक दिन तो साडी वगैरा पहन कर सुहागरात भी मनाई हमने रात भर।
लडकी-  मै बहुत मिस करुन्गी ।
सन्जीव - कोई बात नही आगे बडा प्लॅन करके थ्रिसम करेन्गे तिनो।
लडकी- पहले बात तो करे वो मुझ से।
सन्जीव - कोई टेन्शन मत ले अभी आधे घन्टे बाद आएगा फोन उसका तुम्हे मै बताता हु अभी।
लडकी- भैय्या रूम मे कोई रुममेट आइ है रखती हु।
सन्जीव- आय लव यु मेरी प्यारी बहना।
लडकी - बाय ।
सन्जीव ने आखे खोली और वो उठ गया उसने पिछे मुडते ही मुझे देखा और टेन्शन मे आगया।
सन्जीव- कब आए तुम ।कुछ आवाज तो देते।
मै- कोई बात नही।पहले बता कौन बहना बात कर रही थी।
सन्जीव - अब तुने सुन ही लिया है तो बताता हु।मेरी बहन थी लता।
मै- अममम••••तो लगा चुका है उसे।
सन्जीव- उसे ही नही ।उससे छोटी को भी लगा चुका हु।ये लता बोल रही थी ।वो जब 11 वी मे थी तब ही उसे पटा चुका था मै ।अब वो ग्रॅज्युएशन करके मुम्बई मे जाॅब के लिए आई है 2-3 महीने हो गए ।वो तो मेरी रियल रान्ड है ।मुझे याद नही की वो होते हूए मैने कभी मूठ मारी हो।11 वी से लेकर अब 5 साल मजे दे रही है।
मै - और दुसरी ।
सन्जीव- रिया।वो अभी 19 साल की है उसे पिछले साल पटाया है ।एक्टीवा देकर।वो भी मस्त माल है ।पिछले साल मै डेल्ही मे ही था ना ट्रेनिन्ग पर ।रोज रात को पब जाते थे अॅज अ गलफ्रेन्ड बाॅयफ्रेन्ड।आगे पिछे से सब कुछ कर चुका हु ।
मै- तेरी तो जन्नत है।यार पर ये कैसे पाॅसीबल हुवा।
सन्जीव-अगर सही ट्राय किया जाए तो कुछ भी पाॅसीबल है लाइफ मे।
मै- हा यार कहने को क्या जाता है ।हमारी वाली तो कभी पटती भी नही और भाव भी नही देती।
सन्जीव- हा पर ट्राय करने को क्या जाता है।और मेरी एक बात तो मेरे से चुदी हुई कोई भी लडकी मान ही लेगी।
मै- क्या ।
सन्जीव - मै लडकीका पुरा सॅटीस्फेक्शन हुवे बिना वहा से हटता नही हु।
मै- यार मैने भी थोडी लडकिया नही चोदी है मुझे सिखा रहा है तु।
सन्जीव- पर अपने सगे बहन को उसके मर्जी से चोदने जितना सुख इस दुनिया मे और नही है।
मै- मेरी भी है बहन मै ट्राय करु क्या ।
सन्जीव - करके देख ना।अगर कही अटक गया तो मै हेल्प कर सकता हु।
मै - ठिक है बाद मे देख लेन्गे।अभी मूझे तेरे और तेरे बहनो के सेक्स विडीयोज दिखा।
सन्जीव ने हा ना करते हुए मुझे विडीयोज दिखाए ।कुल 10-12 विडीयोज थे सन्जीव तो एथलेटीक था ही उसकी बहने किसी आयटम से कम नही थी।बहुत मजा आया उस दिन ।
 
Yogeshsisfucker said:
घर सा मजा और कहा
हैलो दोस्तो आज मै लेकर आया हु एक नइ और मजेदार फॅमीली सेक्स स्टोरी।मुझे पक्का यकीन है आपको यह स्टोरी जरुर पसंद आएगी।सेक्स एक ऐसा शब्द है की ऐसा कौन है इस दुनिया मे जिसे वो पसंद नही।लोग सेक्स के लिए अपना टाइम ,मनी,और पुरा जिवन लगा देते है।और वह ऐसा सुख है की कितना भी करो प्यास ही नही मिटती और रोज नया आनन्द आता सै।तो यही सेक्स बिना शादी किए अपने ही घर मिलने लगे तो ।आप सोचेन्गे की ये तो बडी खुशी कि बात है।पर हा मैने अपने लाइफ मे ये मजा पाया है।मुझे अन्दाजा भी नही था कि मै जो सुख थोडासा चाह रहा था उसका वर्षाव ही मेरे उपर हो जाएगा।आप आगे पढिए की बहन पटाते पटाते मा भी कैसे मुझसे पट गइ और एक टाइम ऐसा आया की मेरी शादी मेरी मा ने मेरी ही छोटी बहन से कर दिइ।कहानी जरा लम्बी है।पर बहुत मस्त है।मानिए की मेरे जिवन की ही कहानी है।मैने कहानी मे सभी नाम रियल है बस प्लेसेस के नाम बदले है और कुछ कुछ घटनाए भी बदली है।
मुझे आपके कमेन्ट्स और रिप्लाइस का हमेशा इन्तजार रहेगा ।सिर्फ कहानी शुरू करने से पहले स्टोरी की बॅगराउन्ड पढ लिजीए जिस वजह से आपको मस्त फिलीन्ग आएगी।
Introduction- 
योगेश - उम्र 28  , हाइट 5'7, वेट 65 किलो।  शिक्षण बि काॅम - जाॅब - एमएनसी मे मार्केटीन्ग ऑफीसर 
प्रिया - योगेश की छोटी बहन  उम्र -18 हाइट 5'4 वेट 57किलो सेक्सी गोरी चिट्टी और हेल्दी लडकी , शिक्षण - 12 वी कम्प्लीट कर चुकी है - फिगर 34,28,34,
मोहीनी- योगेश और प्रिया की माॅ   उम्र 46- हाइट 5'3 वेट 65 कीलो फिगर 36,32,36।
 बॅगराउन्ड-
मोहीनी जब 19 साल की थी तब उसका विवाह गाव मे रहने वाले रविश से हुवा।रविश और उसके मा बाप साथ मे ही रहते थे।( जैसे बडे सिटी एरीआ मे वार्डस होते है छोटे शहरो मे मोहल्ले और गलीया होती है वैसे ही गाव मे वाडी होती है( sub villages)तो यह गाव 7-8 sub villages   मिलकर बना था।हर  sub village मे35-40  घर होते है ।सभी घर पास पास नही होते जहा जिसकी जमीन हो वो वहा पर घर बान्ध लेता है।) रविश ब्राम्हण था तो निश्चीत है की मोहीनी भी ब्राम्हण ही थी।रविश के घर के पास एक एकड जमीन छोडकर 1-2 किमी दुर पर 2एकड जमीन थी।जहा पर वो खेती आदी करके अपना गुजर बसर करते थे।और रविश गाव का पौरोहीत्य भी करता था।उनके गाव मे उनका अकेला ब्राम्हण घर था।और रविश जिस वाडी(sub village)  मे रहता था।वहा पर 3-4 हिन्दु घर छोडकर बाकी 35-40 मुस्लीम घर थे।रविश का स्वभाव काफी आद्ध्यात्मीक प्रवृत्ती का था  ।वो हमेशा किसी न किसी गुरू या आश्रम मे  ही जाता रहता था।मोहीनी से शादी के बाद रविश अपने संसार मे लग गया ।और एक साल मे ही मोहीनी  और रविश को पहला बेटा हुवा ( यानीकी मै) ।उसके बाद एक दो साल एसे  गुजरे ही थे की रविश घर छोडकर किसी गुरू के आश्रम मे भाग गया।मोहीनी और रविश के मा बाप ने रविश को मनाने कि बहोत कोशीश की पर वो माना नही।एसे तैसे करके वो गुजारा करने लगे ।रविश को घर से गए हुए 7 साल हुए थे कि अचानक एक दिन वो घर आगया ।मोहीनी और रविश के मा बाप ( यानीकी मेरे दादा दादी) को खुशी का ठिकाना नही रहा।बेचारी मोहीनी तो 7 साल से जवानी के आग मे जल रही थी ।शादी से लेकर आज तक उसे ऑरगॅसम और सेक्स का परमबिन्दु सुख क्या होता है कुछ पता नही था।रविश फिर एक बार घर कि जिम्मेदारी सम्भालने लगा ।मोहीनी और रविश का फिर एक बार मिलन हुवा और पहले बेटे के दस साल बाद उन्हे बेटी हूइ जिसका नाम सबने प्रिया रखा।ये प्रिया नाम के ही तरह बहोत प्यारी थी ।घर मे सब की लाडली।रविश की प्रवृत्ती अभी भी आध्यात्मीक ही थी उसने कभी भी मोहीनी को वैसा सुख नही दिया जैसे कोइ आम औरत चाहती हो।और एक दिन फिर से रविश घर छोड कर दुर किसी आश्रम मे चला गया।सबने उसे बहुत मनाया पर वो माना नही।तब प्रिया 8 साल की थी और योगेश ने 18 साल पुरे किए थे।अपने बेटे के घर से जाने के सदमे मे रविश के बाप का देहान्त हो गया।योगेश शहर मे  काॅलेज जाने लगा।और प्रिया गाव मे ही 10 वी तक का स्कुल था वहा जाने लगी।मोहीनी और उसकी सास खेती करके और खेत मे तैयार होने वाली सब्जीया और फल बेच कर घर चला रही थी।ऐसे ही दिन कटते गए ।योगेश बि काॅम हो गया  ।और एक एमएनसी मे अॅज अ मार्केटीन्ग रिप्रेसेन्टेटीव काम पे लग गया।योगेश की धिरे धिरे प्रगती हो रही थी।जाॅब मे धिरे धिरे बढती होने लगी।वैसे ही घर की हालत भी बदलने लगी ।घर वही था पर अब काफी सुधार हो गया।दो साल पहले जब प्रिया की 10 वी की फायनल एक्झाम खतम हुइ तभी एकाएक दादी बिमार हो गइ बहुत इलाज किये पर उन्हे बचाया नही जा सका।बाद मे प्रिया का 10 वी का रिझल्ट भी आ गया ।वह पास हो गइ ।तो मोहीनी ने प्रिया को शहर मे एक सायन्स काॅलेज मे एडमीशन करवाइ।और प्रिया भी शहर मे हाॅस्टल मे रहने लगी।योगेश की दुसरे एक शहर मे बदली हो गइ ।इधर मोहीनी भी अब खेत मे मजदुर और औरते लगाकर काम करने लगी।
तो यह हुइ मेरी फॅमीली बॅगराउन्ड अब फटाफट पढ डालिए हम तिनो की पर्सनल बॅगराउन्ड
योगेश ( यानी की मै) काॅलेज मे था तभी से लडकीया पटाना तर उन्हे अच्छी तरह से यूज करना सिख गया था।काॅलेज मे न जाने कितने अच्छे घर की और टाॅपर लडकीयो को पटा कर चोदा था ।उसका तो स्पेशल जगहा था वहा पर ले जाकर इत्मीनान से वो लडकीयो को सेक्स एडीक्ट बनाता था।जाॅब पे लगने के बाद तो ऊसके अलग अलग प्रोफेशन्स मे और अलग अलग शहर और स्टेट्स मे फ्रेन्ड बन चुके थे।पटाइ हुई लडकीको अपने साथ ले जाकर सब दोस्तो के साथ शेअर करने मे उसे बडा मजा आता था।आज तक 10-15 अच्छे घर की लडकीयो को प्रोफेशनल रान्डीया बना चुका था योगेश और एट्रॅक्टीव पर्सनॅलिटी के वजह से उसे यह पाॅसीबल था।अब आते है उसके फॅमीली सेक्स के शौक पर ।ये शौक ऊसे था पर केवल नेट पर स्टोरीज पढना और विडीयोज देखना छोडकर उसने आगे कुछ किया नही था।अपनी छोटी बहन प्रिया के बारे मे सोचकर मूठ मारने मे उसे बडा मजा आता था पर उसने रियल मे कुछ भी नही किया था।और एक बात योगेश के इन गुणो के बारे मे प्रिया और मोहीनी को कुछ भी पता नही था।
अब आते है प्रिया पर ।प्रिया अब गाव मे एक हाॅट आयटम के रुप मे जानी जाती थी।वैसे उसने कभी माॅडर्न ड्रेसीन्ग की नही थी गाव मे पर सिर्फ सलवार कमीज मे ही लोगोन्को जो देखना चाहीए वो दिख जाता था।प्रिया चंचल तो थी ही पर वो एक नम्बर की छिनाल भी थी ।10 वी मे थी तभी से स्कूल मे बाॅयफ्रेन्ड बनाना और ब्रेकप करना इसमे माहीर थी।10 वी के बाद वो शहर चली गइ 11-12 वी के लिए पर वहा भी उसके गुण कम नही हुए ।आगे आप पढोगे ही इसके बाकी गुणोके बारे मे।पर ऊसने भी अपने गुण अपने भाई योगेश और मा मोहीनी से छुपाए हूए थे।
मोहीनी मेरी मा । नाम की तरह ही मन को मोहने वाली सुन्दरता थी इसके पास। 46 साल ऊम्र होने के बाद भी 35 की दिखती थी।लेकीन आजतक कइ बार सेक्स के मजे लेने के चान्स आकर भी उसने अपने पैर फिसलने नही दिए थे।योगेश तो पिछले दो साल से कह रहा था की गाव की जमीन और घर बेच कर शहर मे फ्लॅट ले लेते है पर मोहीनी अभी तक अपने पती की निशानी मानकर खेत और घर को सम्भाले हुए थी।
तो दोस्तो अब आते है कहानी की तरफ।
 मै योगेश ।मै जाॅब के कारण रोज रोज घर नही जा पाता।इसलिए शहर मे ही मेरे एक कलिग के साथ रूम रेन्ट पे लिया है। कभी 10-15 दिन बाद जाना होता है। तो काम बढनेपर 1-1 महीना घर जाना ही नही होता।पर जब भी मै घर जाता हु माॅ को खर्चे के लिए पर्याप्त रुपये देता हु ।और घर मे सामान और राशन भी लाकर रखता हु ।जिससे माॅ को कोइ प्राॅब्लेम ना हो ।हाल मै बहुत दिनो से घर नही गया था।और प्रिया के 12 वी एक्झाम भी खतम हो चुके थे ।जिसके कारण वो भी घर चली गइ थी तो बहुत दिनो के बाद उससे भी मिलना हो जाएगा ऐसा प्लॅन करके मै अपने साथी संजीव को बताकर वहा से घर की तरफ चल पडा।वैसे ये संजीव है दिल्ली का पर जाॅब के कारण यहा पुना मे रहने आया है ।मेरा घर तो पुणे से 200 किमी पर था जिस वजह से मै बाइक लेकर सॅटरडे शाम को 4 बजे वहा से छुटा ।बिच मे कुछ स्नॅक्स वगेरा लिए और करीब 7:30 बजे घर पहुच गया ।हमारा घर तो गाव मे है तो उसी दिन हमारे sub village मे कोई उर्स था मुस्लीम भाइयो का ।मै घर पहुच गया मा ने मेरा स्वागत किया।वैसे हमारा घर बाकी लोगो के घरो से  50-75 मिटर पे था।और एक साइड मे होने की वजह से घर पे कोई आता जाता भी नही था।माॅ चाय बनाने अन्दर चली गइ।मै हमारे घर के पिछे की तरफ अलग से बने हुए टाॅयलेट और बाथरूम मे चला गया।थोडे देर बाद फ्रेश होकर आया ।अभी 8 बजे होन्गे तो कीसी की बाइक का आवाज आया रुकने का और वो बाइक धुम स्टाइल मे चली गई।मै अपने रुम से दुसरे कपडे पहन कर बाहर हाॅल मे आया ही था की मेरी छोटी बहन प्रिया अपने पैर के पायल बजाते हुए अपने रुम मे घुस गइ।माॅ  भी हाॅल मे आगई।
माॅ- सुबह गई थी काॅम्प्युटर क्लास के लिए अभी आ रही है।
मै चुपचाप सुन रहा था।तभी प्रिया के रुम का दरवाजा खुला और वो बाहर आगई।जबरदस्त आयटम बाॅम्ब लग रही थी मेरी बहन ।गोरा चिकना चेहरा और होठो के थोडे से उपर तिल की वजह से वो तो पहले ही सेक्सी लगती थी ।उसपर अब उसने चष्मा पहन लिया था ।और पहना हुवा ड्रेस मानो पिछले साल का होगा एसा टाइट था बुब्स पर ।की मै तो देखता ही रह गया ।आज 3-4 महीने बाद मै प्रिया को देख रहा था।तभी प्रिया के मुख से मधुर आवाज आइ।
प्रिया- नही माॅ।पहले काॅम्प्युटर ही गइ थी।पर सहेलीया बोलने लगी की गाव मे मेला लगा है तो घुम आते है ।मै ना नही कह सकी ।
मै  - ठिक है ना माॅ।वो मेले मे तो गई थी।
मेरे साइड लेने से प्रिया खुश हो गई।वो मुझे स्माइल देते हुए बोली।
प्रिया - भैय्या आप कब आए।ठिक है ना सब उधर ।
मै - हा।तुम कैसी हो ।और एक्झाम कैसी हुइ।
प्रिया - अच्छी गई।
मै- ठिक है ।अभी क्या कर रही हो।
तभी माॅ टोकते हुए बोली।
माॅ- तेरे क्लास मे नझीर था ना।उसने अभी काॅम्प्युटर सेन्टर डाला है।वहा जाती है क्लास के लिए।मै तो पहले से ही कह रही थी।उन लोगो मे ज्यादा घुलना ठिक नही है।और कोई जगह नही थी ।क्लास के लिए।
प्रिया- माॅ बेकार मे बहस करती रहती हो।
मै- छोडो माॅ जाने दे उसे 2-3 महीने की तो बात है ।और पास ही है ना यहा से ।
प्रिया - मै वही तो कह रही हु।
थोडी देर इधर उधर की बाते हुइ और हम सब अपने अपने काम मे लग गए।रात को खाना खाने के बाद तिनो अपने अपने रूम मे सो गए ।सुबह जब 8:30 बजे मै उठा तो प्रिया क्लास के लिए जा चुकी थी।नाश्ते के वक्त मा और मै बाते कर रहे थे।थोडी देर इधर उधर की बाते होने के बाद माॅ मुझसे बोली।
माॅ- चष्मा लगा है प्रिया को अभीसे।
मै- देखा मैने ।उसे भी बडा कौतुक है अपने चष्मे का।
मा- जरा सा नम्बर कम हुआ है आखो का 5-6 महीने लगातार लगाने पर उतर जाएगा।
मै- हमम।माॅ तुम अब उसका टेन्शन लेना बन्द करदो वो अब बडी हो चुकी है।अभी के अभी कोई शादी करदे उससे।
माॅ - इसीलिए तो डरती हु।
मै- कोइ बात नही उसके एक्झाम के रिझल्ट के बाद तुरन्त कोइ अच्छा कोर्स देखके शहर मे भगाएन्गे उसे।
हमारी बाते खतम हो गई।उस दिन मैने खेत मे जाकर भी कुछ जरुरी काम कर डाले बाद मे घर आकर राशन और सामान भी लेकर आया बाजार से ।दोपहर का खाना भी हो गया पर प्रिया का कोई पता नही था।दोपहर तिन बजे मै अपना बॅग लेकर माॅ को बाय कहके वापस शहर की तरफ चल पडा।मुझे अपने काॅलेज के दिन याद आ गए की कैसे हम दोस्त एक्झाम के बाद इधर उधर घुमते रहते थे।करीब 7 बजे मै रूम पर पहूचा ।मैने डुप्लीकेट की से दरवाजा खोला और अन्दर गया ।मेरा रूममेट सन्जीव अपने कान को मोबाइल लगाकर बेड पे उल्टा लेटा हुवा था।उसे मेरे आने की जरा भी भनक नही थी।तभी
सन्जीव- तुम्हे कहा था ना मैने पुना आ जाओ मै कर दुन्गा जाॅब का काम।पर तुम तो अपनी दोस्तो के साथ मुम्बई चली गई।
दुसरी साइड से कोई लडकी बात कर रही थी।
लडकी - नही भैय्या वैसी बात नही है।पर पापा को डाउट हो जाता इसलिए जान बुझकर यहा आइ।और अब वैसे तो पापा डेल्ही मे है आप यहा कब भी ट्रेन पकडकर आ सकते हो सन डे ।हर सन डे हम पहले जैसी मस्ती कर सकते है।
सन्जीव- ठिक बात है ।हा हा हा•••• यार पिछले 3 मन्थ से तुझे देखा नही है ।क्या हालत हो रही है मेरी क्या बताउ।
लडकी- भैय्या आपने रिया को हमारे बारे मे कुछ बताया है क्या ।
सन्जीव- क्यु क्या हुवा।
लडकी- कुछ नही पिछले 15-20 दिनोसे जब से आप डेल्ही से वापस आए हो ठिक से बात भी नही कर रही और वाट्सप का भी रिप्लाय नही कर रही।
सन्जीव- औके मै सम्भालता हु सब। अरे कुछ नही लास्ट टाइम विडीयो बनाकर किया ना तब हमारे सारे विडीयोज भी देख लिए मोबाइल मे।
लडकी- भैय्या आप भी ना फसा दोगे मुझे।और रिया और आप वाला विडीयो मुझे क्यो नही भेजा।देखु तो मेरी छोटी बहन और बडा भाइ क्या मजे कर रहे है।
सन्जीव- लता मस्त बना है विडीयो पुरे 1 घन्टे का दो बार किया मजे के साथ ।यार तुझसे क्या छुपाना मै 10 दिन घर पे था।5-6 दिन मस्त मजे दिए रिया ने।
लडकी- कहा पर भैय्या ।पापा और मम्मी नही थी घर पे ।
सन्जीव - नही उन्हे 8 दिन का हाॅलिडे पॅकेज दिया था ।नाॅर्थ इस्ट का बहोत खुश हुइ मम्मी और पापा भी।
लडकी- और रिया ।
सन्जीव- वो तो बहोत खुश।एक दिन तो साडी वगैरा पहन कर सुहागरात भी मनाई हमने रात भर।
लडकी-  मै बहुत मिस करुन्गी ।
सन्जीव - कोई बात नही आगे बडा प्लॅन करके थ्रिसम करेन्गे तिनो।
लडकी- पहले बात तो करे वो मुझ से।
सन्जीव - कोई टेन्शन मत ले अभी आधे घन्टे बाद आएगा फोन उसका तुम्हे मै बताता हु अभी।
लडकी- भैय्या रूम मे कोई रुममेट आइ है रखती हु।
सन्जीव- आय लव यु मेरी प्यारी बहना।
लडकी - बाय ।
सन्जीव ने आखे खोली और वो उठ गया उसने पिछे मुडते ही मुझे देखा और टेन्शन मे आगया।
सन्जीव- कब आए तुम ।कुछ आवाज तो देते।
मै- कोई बात नही।पहले बता कौन बहना बात कर रही थी।
सन्जीव - अब तुने सुन ही लिया है तो बताता हु।मेरी बहन थी लता।
मै- अममम••••तो लगा चुका है उसे।
सन्जीव- उसे ही नही ।उससे छोटी को भी लगा चुका हु।ये लता बोल रही थी ।वो जब 11 वी मे थी तब ही उसे पटा चुका था मै ।अब वो ग्रॅज्युएशन करके मुम्बई मे जाॅब के लिए आई है 2-3 महीने हो गए ।वो तो मेरी रियल रान्ड है ।मुझे याद नही की वो होते हूए मैने कभी मूठ मारी हो।11 वी से लेकर अब 5 साल मजे दे रही है।
मै - और दुसरी ।
सन्जीव- रिया।वो अभी 19 साल की है उसे पिछले साल पटाया है ।एक्टीवा देकर।वो भी मस्त माल है ।पिछले साल मै डेल्ही मे ही था ना ट्रेनिन्ग पर ।रोज रात को पब जाते थे अॅज अ गलफ्रेन्ड बाॅयफ्रेन्ड।आगे पिछे से सब कुछ कर चुका हु ।
मै- तेरी तो जन्नत है।यार पर ये कैसे पाॅसीबल हुवा।
सन्जीव-अगर सही ट्राय किया जाए तो कुछ भी पाॅसीबल है लाइफ मे।
मै- हा यार कहने को क्या जाता है ।हमारी वाली तो कभी पटती भी नही और भाव भी नही देती।
सन्जीव- हा पर ट्राय करने को क्या जाता है।और मेरी एक बात तो मेरे से चुदी हुई कोई भी लडकी मान ही लेगी।
मै- क्या ।
सन्जीव - मै लडकीका पुरा सॅटीस्फेक्शन हुवे बिना वहा से हटता नही हु।
मै- यार मैने भी थोडी लडकिया नही चोदी है मुझे सिखा रहा है तु।
सन्जीव- पर अपने सगे बहन को उसके मर्जी से चोदने जितना सुख इस दुनिया मे और नही है।
मै- मेरी भी है बहन मै ट्राय करु क्या ।
सन्जीव - करके देख ना।अगर कही अटक गया तो मै हेल्प कर सकता हु।
मै - ठिक है बाद मे देख लेन्गे।अभी मूझे तेरे और तेरे बहनो के सेक्स विडीयोज दिखा।
सन्जीव ने हा ना करते हुए मुझे विडीयोज दिखाए ।कुल 10-12 विडीयोज थे सन्जीव तो एथलेटीक था ही उसकी बहने किसी आयटम से कम नही थी।बहुत मजा आया उस दिन ।
 
मार्च महीना होने के कारण काम भी बहुत था ।और मुझे अब 1-2 दिन के लिए जाना ही नही था घर ।क्युकी अगर प्रिया को पटाना हो तो कुछ दिन मेरा घर पे  रहना जरुरी था।बहुत ट्राय किया पर छुट्टी ही नही मिल रही थी। आखीर कार 20 एप्रील को मुझे 5 दिन की छुट्टी मिल गई।मै बाइक लेकर घर की तरफ निकल पडा ।रास्ते मे मैने स्नॅक्स और एक बडी सी 100 वाली कॅडबरी लिई।घर पहुचने मे शाम ही हो गइ।करीब 7 बजे घर पर पहुचा ।मैने बाइक आन्गन मे रखी।तभी बाइक का आवाज सुनकर माॅ बाहर आगइ।
माॅ- आज कव्वा आवाज कर रहा था मुझे यकीन था कोइ न कोई जरुर आएगा।
मै - माॅ छुट्टी ही नही मिल रही थी ।
माॅ- कोई बात नही ।चलो फ्रेश होकर आओ।
मेरी नजरे प्रिया को ढुन्ड रही थी।मैने अपनी बॅग रुम मे रखी और कपडे चेन्ज करके मै पिछे बाथरूम की तरफ चल पडा।जैसे की मैने कहा था हमारा बाथरूम घर से बाहर एक अलग छोटा बांधकाम किया है ऊसमे है ।जो की घर से अलग 4-5 मिटर पर है जिसमे हम जलाने की लकडीया आदी रखते है उसी मे एक टाॅयलेट और एक बाथरूम बनाया है।मैफ्रेश हुवा और घर मे आगया ।तभी किचन से प्रिया की मधुर मिठी आवाज आइ ।वो मा से कुछ पुछ रही थी।मै किचन मे गया तो प्रिया निचे बैठ कर सब्जी काट रही थी।आज पहली बार मै अपनी बहन को बडे हि अलग नजरो से देख रहा था।उसने एक हाथ से अपना चष्मा ठिक किया और मेरी तरफ देखकर एक स्माइल दे दी।मैने मा की हाथ से चाय का कप लिया और मै बाहर आकर हाॅल मे टिवी के सामने आकर बैठ गया।मेरा पुरा ध्यान तो प्रिया पर ही था ।पर आज तो ना मा ज्यादा बात कर रही थी ना प्रिया।थोडी देर बाद खाना तैय्यार हो गया और माॅ भी हाॅल मे आ गई।प्रिया अपने रूम मे जा ही रही थी की मैने पुछा।
मै- प्रिया काॅम्प्युटर कैसे चल रहा है ।
प्रिया कुछ बोले बगैर ही अपने रूम मे चली गई तो माॅ बोली।
माॅ- वो बन्द हो गया काॅम्प्युटर सेन्टर ।कुछ गलत काम करता था नझीर तो गाव वालो ने मिलकर ताला लगा दिया।
मै- ओ •••• इसलिए गइ गुस्से मे ।
माॅ - नही ।कहा गुस्से मे थी वो ।छोड दे वो बात।तेरा कैसे चल रहा है।
मै - ठिक है ।
थोडी देर इधर उधर की बाते हुइ ।माॅ किचन मे चली गइ और मै वही बैठा रहा बहुत देर हौइ फिर भी प्रिया अपने रूम से बाहर ही नही आ रही थी।लगता है सो गइ होगी।माॅ ने उसे आवाज देकर उठाया   और हम लोगो ने खाना और सब अपने अपने रूम्स मे सो गए।दुसरे दिन सूबह मै 8 बजे उठा तो माॅ खेत की तरफ जा चुकी थी।और घर मे प्रिया झाडु लगा रही थी।मैने फ्रेश होने के बाद अपने रूम मे  जाकर वो बडी कॅडबरी बॅग से निकाली और चुपके से प्रिया के पिछे किचन मे जाकर खडा रहा।वो अब गॅस पे कुछ बना रही थी ।पिछे उसके कुल्हो का मस्त शेप दिख रहा था।उसे भी अन्दाजा आया की मै उसके पिछे खडा हु।तो वो झट से मुडी और मुझसे पुछने लगी ।
प्रिया- भैय्या क्या चाहीए।
मै- कुछ नही।
और मैने उसका एक हाथ पकडकर उसके हाथ मे कॅडबरी रख दी।4-5 सेकन्ड्स हम दोनो के हाथ एक दुसरे को टच हो रहे थे की ऊसने अपना हाथ छुडाया और अपने  मिठे आवाज मे थॅन्क यु बोला।मेरी नजरे उसके बुब्स देख रही थी ।उसने अपने आप को वहा से साइड कीया और वो बोली ।
प्रिया- भैय्या आप टिवी देखीए तबतक मै चाय लेकर आती हू।
मै- ठिक है।
मै टिवी के सामने आकर बैठ गया पर मेरे मन मे एक ही विषय घुम रहा था की प्रिया को कैसे बताउ की मै उससे सेक्स करना चाहता हु।वो चाय लेकर आइ और सामने टेबल पर रखकर चली गइ । एक तो उसकी फिगर जबरदस्त थी।और उपर से पिछले साल के सलवार कमीझ वो घर पे पहन रही थी तो उसके बुब्स कपडो के अन्दर से भी किसी फलो की तरह दिखते रहते पतली कमर और पिछे की तरफ भरी हुइ गान्ड देखकर तो कोई भी पागल हो जाता  ।मूझे समझमे आ रहा था की ये ऐसे नही मानेगी इसे ट्रॅप लगाकर गरम करके पटाउन्गा।मैने अपना मोबाइल निकाला और पासवर्ड और लाॅक ऑफ कर दिया और मोबाइल वही टिवी के पास रख दिया ।मुझे मालुम था प्रिया का विक पाॅइन्ट मोबाइल है और वो जरुर मोबाइल लेगी जिस मे मैने गेम्स और विडीयोज के साथ बहुत सारे पोर्न विडीयोज भी रखे हुए थे। और वैसे भी अभी तक प्रिया के पास भी मोबाइल नही था।थोडी देर बाद मा भी आगई।मै खेत की तरफ चला गया ।दोपहर खाने के बाद मै बाझार जाकर घर मे सामान और राशन लेकर आगया।मुझको एक बात समझ आ चुकी थी पहले जैसी प्रिया और मा एक दुसरे के साथ भी नही और मेरे साथ भी बात नही कर रही थी।शाम भी हो गइ और रात के खाने के बाद सब अपने अपने रूम्स मे सोने के लिए चले गए।मैने देखा की मैने हाॅल मे रखा हुवा मोबाइल वहा पर नही था जिसका मतलब पक्का था की मोबाइल प्रिया ने ही लिया है।मै चुपचाप सोने के लिए चला गया।मुझे दुसरे दिन का इन्तजार था।
दुसरे दिन सुबह मै जल्दी उठा मेरे से पहले ही माॅ और प्रिया भी उठ चुकी थी।और मेरा मोबाइल भी वही रखा हुवा था।थोडे देर बाद माॅ खेत की तरफ चली गइ।प्रिया भी थोडी देर बाद एक मस्त स्माइल के साथ मेरे लिए चाय लेकर आ गइ।
प्रिया- भैय्या चाय लिजिए।
उसने मेरे हाथ मे चाय दी और वो किचन चली गइ ।मुझे कुछ समझ नही आ रहा था की उसे क्या पुछू की तुने बिपी देखे क्या।इस बार मुझे ये रिअलाइज हुवा की बाकी लडकियो को पटाना बहुत सरल है पर बहन को पटाना तो बडा कठीन है।मैने थोडी देर चुप रहने मे ही भलाई समझी। वो दिन भी बेकार चला गया और फिर एक बार अपना मोबाइल वही पर रख दिया।उस दिन भी मोबाइल रखे जगह पर नही था। वो दिन भी वैसे ही गुजर गया।दुसरे दिन सुबह मै उठा तो माॅ घर पर नही थी ।मैने प्रिया से पुछा।
मै- प्रिया मा किधर है।
प्रिया- वो अपने कुछ काम के लिए शहर गई है ।कोई बॅन्क का काम है  इसलिए।
मै- मुझे तो बोल देती  मै जाता साथ मे।
प्रिया - उनका अकेले का नही है काम।और औरते है साथ मे।
मै - ठिक है।
प्रिया ने मुझे चाय और नाष्ता दिया और वो घर के काम करने लगी।मै टिवी देख रहा था ।मेरे पास अब सिर्फ दो दिन बचे थे ।मुझे समझ नही आ रहा था की अब क्या करु ।लगभग 11 बजे थे और प्रिया अपने रुम से तौलीया और कपडे लेकर पिछे की तरफ जाने लगी।मेरे मन मे तुरन्त बत्ती चालु हो गइ।और न जाने कैसे प्रिया पहुचने से पहले भागते हुए बाथरुम के पास पहुच गया।और झट से लकडीयो के उपर से बाथरुम के ठिक उपर जाकर लकडी के एक बडी सी शिट पर बैठ गया।मेरे उपर सिमेन्ट पत्रे ( sheets) थे  जिस वजह से प्रिया तो मुझे देख ही नही सकती थी पर मै अन्दर का सबकुछ देख पा रहा था ।तभी प्रिया के आने की आहट हुइ ।मै बडा सावध होकर बैठ गया।प्रिया के मुड से वो बडी खुश लग रही थी।उसने अन्दर आते ही लाइट ऑन की और बाथरुम का दरवाजा बन्द किया।उसने अपने साथ लाए हुए कपडे और तौलीया डोरी पर टान्गे और उसने बाल्टी नल चालु करके भरने के लिए रख दि।उसने अपना चष्मा निकाला और साइड मे रख दिया।उसने अपने बाल खोल दिए और मिरर के सामने कन्गी करने लगी।बालो को कन्गी करने के बाद उसने अपने घने लम्बे काले बालो का झन्डु बनाया और बाल सर बर बान्ध दिए जिससे की बाल भिगे ना।अब वो घडी आ चुकी थी जिसका मै वेट कर रहा था ।प्रिया ने अपने सलवार कमीझ का टाॅप उतारने हेतू से अपने टाॅप को निचे से उठाया ।और वो बुब्स के पास आकर अटक गइ उसे अपना टाॅप उतारने के लिए कोशीश करनी पडी और एक झटके से टाॅप उतर गया ।और उसके बुब्स किसी स्प्रिन्ग लगे हुए बाॅल्स के माफीक हिल गए।उसने अन्दर व्हाइट स्लिप पहनी हूइ थी।हम लोग जैसे अपना बनियान निकालते हे वैसे ऊसने स्लिप ऊतारी।और निचे रख दी अब प्रिया व्हाइट कलर के नाॅर्मल ब्रा मे थी।मैने आज तक ऊसका साइज चेक नही किया था पर देखते ही मेरा मन बोला 34 ।मै चुपचाप आगे की हरकते देख रहा था।एक बात तो साफ थी  प्रिया के बुब्स काफी बडे थे ।प्रिया ने जल्दी से हाथ पिछे करके अपने बुब्स को आजाद कर दिया।मैने आज तक एसी सुन्दरी नही देखी थी ।न जाने कितनी लडकीया चोदी और चुदवाई पर ये चिझ ही कुछ अलग थी।मैने नोटीस किया की प्रिया के बुब्स बिलकुल राउन्ड शेप मे कसे हुए और लाइट पिन्क निपल्स के साथ बिलकुल नॅचुरल थे।मै तो मानो मंत्रमुग्ध होकर देख रहा था। मूझे लगने लगा की कही मै सनी लिओनी को तो नही देख रहा।तभी प्रिया ने अपने सलवार का नाडा खोला और वो निचे खिसका दिया ।बाप रे बाप प्रिया की खुबसूरती देखकर मेरा लन्ड तन कर झटके खाने लगा।उसने झट से अपनी निकर उतारी और अपनी  चुत पर से वो हाथ फेरने लगी। प्रिया का गोरा रन्ग देखकर मुझे उर्वशी रौतेला फिकी लगने लगी।मै अपनी बहन के मजे ले रहा था।आज पहली बार मै अपने बहन की चुत देख रहा था। मेने देखा की मेरे बहन के चुत के ऊपर छोटे छोटे बाल थे जैसे 15-20 दिन पहले शेव किए हो।प्रिया ने साबुन अपनी पुरी बाॅडी पर लगाया और मस्त नहाने लगी कभी वो अपने खरबुजे जैसे मम्मो को सहलाती कभी चुत को वो लोटे से पानी लेकर नहाने लगी।थोडी देर बाद मैने जो देखा जिसका मुझे जरा भी अन्दाजा नही था ।प्रिया बाथरूम मे निचे बैठ ग्इ और उसने अपनी दोनो टान्गे खोल दी ।उसकी कसी हुइ जान्गे और भरदार पिन्डरीया देखकर तो मै पागल होने लगा था ।वही पानी मे दोनो टान्गे पसारने के बाद प्रिया धिरै धिरै अपने निप्पल्स के साथ खेलने लगी ।उसके चेहरे के हाव भाव से साफ था की उसे बहूत मजा आ रहा है।अब उसने वही पर साइड मे रखी हुइ एक मोमबत्ती उठाइ जो की अन्गुठे इतनी चौडी थी ।उसने पहले तो उन्गली यो से अपनी चूत के साथ खेलना शुरू किया ।उसने अपने चुत की पलके फैलाइ।वाॅव मुझे पहले से ही अन्दाजा था की प्रिया के चुत का अन्दरुनी कलर पिन्क ही होगा।वो बहुत मजे मे अपनी ऊन्गलीयो से खेल रही थी।मैने प्रिया की चुत देखकर अपने मन मे निश्चय किया की अभी नही तो कभी ना कभी जरुर मे ये चुत मारुन्गा ।अब उसने मोमबत्ती को अपने चुत के अन्दर डाला और  धिरे धिरे अन्दर बाहर करने लगी।उसके फेस की रिएक्शन देखकर मेरा लन्ड पानी ड्राॅप करनै लगा ।क्या मस्त नजारा था।धिरे धिरे प्रिया के हाथ का स्पिड बढने लगा करीब 5-6 मिनट के लगातार मोमबत्ती अन्दर बाहर करने से उसे बहुत मजा आ गया ।वो थोडी देर वैसे हो बैठी रही।नल तो अभी भी शुरू था।वो अब उठी और फिर एक बार नहाने लगी।मेरे मन मे ये आने लगा की मेरे मोबाइल ने अपना काम कर दिया है।शायद मेरे मोबाइल मे बिपी देखकर वो गरम हो गइ होगी ।थोडी ही देर मे प्रिया स्नान हो गया ।और उसने तौलिए से रगडरगड कर पुरी बाॅडी पोछी।और बादमे दोरी से उठाकर एक एक कपडे पहनने लगी।उसने ब्रा पकडा और बडे ही गवारू तरीके से पहन लिया ।( जैसे आप ने कइ बार देखा होगा की देसी पोर्न विडीयोज मे लडकीया पहले आगे ब्रा का हुक लगाती है और वापस घुमाकर पहन लेती है) उपर झट से स्लिप पहनी और फिर एक टाॅप पहन लिया।निकर पहनने के बाद सलवार भी पहन लिया और नाडा बान्ध कर उसने अपने कपडे बाल्टी मे डाल दिए और तौलिया लेकर बाहर चल पडी।मैने पहले अन्दाजा लिया की वो गई है या नही और निचे उतर गया ।और बाथरुम मे जाकर उसके गिले ब्रा और निकर को सुंघ लिया ( थोडे लोग एसा कर कर मुठ मारते है पर मै नही चाहता था की सिर्फ हवा मे गोलीबारी होती रहे) और चुपके से बाहर निकल गया।थोडी देर बाद आगे से घर मे आगया।मेरे आखो के सामने प्रिया का वही नन्गा रूप घुम रहा था।वो किचन मे खाना बना रही थी।मै आकर टिवी के सामने बैठ गया टिवी पर मिशन ईम्पाॅसीबल मुवी लगी थी हिन्दी डब।मैने आवाज बडा किया और देखने लगा प्रिया भी आवाज सुनकर आगई।वो भी चेअर लेकर बैठ गइ।खाना लगभग तैय्यार  हो ही  चुका था।मुवी मे बडे हाॅट सिन्स थे।हीरोईन की क्लेवरेज देखकर तो मेरे मु से 2-3 बार वाॅव निकल गया।प्रिया वही थी उसने मेरे रिएक्शन्स और टिवी पर दिख रहे हाॅट सिन्स को समझ लिया और वो टिवी देखते देखते ही हसने लगी।आखीर का जो क्लायमॅक्स सिन जिसमे अनिल कपूर का कॅमियो बेड सिन है ।वहा पर हम   दोनो नजरे 2-3  बार मिल गइ।मूवि खतम हो गइ।अब प्रिया और मै खुल चुके थे।मैने उसे बोलता करने के लिए पुछा।
मै- मस्त थी ना मुवी।
प्रिया- हा।
मै- यार क्या हिरोईन थी।
प्रिया -  (हसते हूए ) हा।
मै- तुझे मालूम है प्रिया अब सब जगह यही बिकता है।लडकी जितना ज्यादा अपनी बाॅडी दिखाएगी उतना ही पैसा कमाएगी।
प्रिया- हा ।सिर्फ मुवी मे ही नही आम दुनिया मे भी यही चल रहा है।
मै- तुझे एक बात बताऊ ।ये जो सनी लियोनी है ना उसने अलग अलग मुवीस मे काम करके बहुत पैसा कमाया है ।फाॅरेन मे।
मैने ऊसके बूब्स की तरफ देखते हुए बोला। प्रिया को मेरी डबल मिनिन्ग बात और नजर भी समझ आइ और वो हसते हूए वहा से उठी तर किचन कि तरफ जाते हुए बोली ।
प्रिया - जाने दो ।चलो आप खाना खा लो।मै परोस रही हु।
मै - ठिक है ।
तभी बाहर मा के बोलने की आवाज आइ।ओफ अभी अभी तो शूरूआत की थी मैने ये मा बिच मे किधर आग्इ।मेरे मन मे किरकिरी सी हूइ।अब तो मै कुछ भी नही कर सकता था।मा भी फ्रेश होकर आगइ ।
मै- माॅ काम हो गया क्या।
माॅ- नही हुवा कल फिर जाना पडेगा।
हम तिनो खाना खाने के लिए किचन मे आगए ।प्रिया और मै सामने ही बैठे थे जमीन पर मेरा ध्यान तो प्रिया की फिगर पर ही था।उसे भी ये समझ आ रहा था।उसकी चेहरे पर बिच बिच मे बन रही मादक मुस्कान से मुझे अन्दाजा हो गया था।माॅ ने तिनो के लिए खाना परोसा और हम तिनो खाना खाने लगे।माॅ अपनी ही कुछ इधर उधर की बाते बता रही थी।मै सिर्फ हा हु कर रहा था पर मेरा ध्यान तो प्रिया पर ही था।हम तिनो का खाना खतम हुवा और हम बाहर आ गए ।मै खेत की तरफ चला गया ।मैने कल के लिए कुछ प्लॅन नही बनाया था।पर मैने आज रात को भी उसी जगह मोबाइल रखने का प्लॅन किया।शाम को मै घर आया ।माॅ के होते हुए मै प्रिया के साथ कुछ और कर भी नही सकता था।पर एक बात मुझे पता चल गइ थी की प्रिया को मेरे उस पर नजर मारने पर एतराज नही है तो मै खुलकर उसे देखने लगा। एक दो बार तो प्रिया मेरे सामने से शरमा कर भाग भी गइ।रात का भोजन हो गया और तिनो सोने चले गए।दुसरे दिन मै 6 बजे ही उठ गया दोनो भी उसी टाइम उठ चुकी थी। और मेरा मोबाइल जो रात को वहा नही था वो अब वही रखा हुवा मिला।प्रिया और मा घर के काम कर रहे थे और मै टिवी देख रहा था।सुबह का नाष्ता होने के बाद माॅ तैय्यार होकर उन औरतो के साथ चली गइ।अब घर मे सिर्फ मै और प्रिया थे मुझे समझ नही आ रहा था की आगे बात कैसे बढाउ। मै अब भी टिवी के सामने ही था ।थोडी देर बाद वह कुछ काम करके हाॅल मे आगइ।और चेअर पे बैठ गइ।मैने डबल मिनीन्ग तिर चलाया 
मै- प्रिया आगे का क्या प्लॅन है।
वो हसी और बोली ।
प्रिया - कुछ नही।अभी कुछ डिसाइड नही किया।
मैने फिर एक बार उसके बुब्स पे नजर मारी ।तो वो हस कर उठी और अपने रूम मे चली गइ।10:30 बजने को थे और उसने घर के हर रूम के कोने से कचरा उठाया और बास्केट मे डाल दिया ।मुझे सिग्नल मिल रहे थे की अब वो नहाने जाएगी ।मै कल की तरह पहले ही जाकर बाथरुम की उपर बैठ गया।5-10 मिनट बाद प्रिया अपने कपडे लेकर बाथरूम मे घुसी।उसने कपडे डोरी पर टान्गे और बाल्टी नल के निचे भरने के लिए रख दी ।प्रिया ने अपने बाल खोले ।लगता है आज बालो के उपर से नहाना था उसे ।उसने अपने टाॅप के सिरे पकडे और उपर कि ओर खिच दिया ।फिर एक बार वो बुब्स पर अटक गइ।जरा सा जोर लगाने पर झट से टाॅप उतर गया।मेरा तो लन्ड अभी से तनने लगा।प्रिया ने स्लिप उतारी और बादमे बुब्स पर से ब्रा  उतारकर अपने सलवार का नाडा भी खोल दिया।अब अगर कोई तमन्ना भाटीया को कोई नन्गा करके मेरे बहन की सामने आकर खडा करता तो कोई भी प्रिया को ही सुन्दर बताता।उसने अपनी निकर खोल दी और वो पुरी तरह से नन्गी हो गइ।मेरे सामने तो स्वर्ग की अप्सरा खडी थी।उसने एक शाम्पु का पाउच लिया और खोलकर बालो मे लगाने लगी।प्रिया के लाइट पिन्क निप्पल्स अब इरेक्ट हो चुके थे ।उसने शाम्पु बालो मे लगाया और बाल पानी से गिले करके बालो मे फेन निकालने लगी।बाद मे उसने नहाना शुरु किया ।पुरी तरह भिगी हुइ मेरी बहन किसी पोर्नस्टार की तरह बिलकुल नन्गी होकर  मेरे सामने खडी थी।वो कभी अपने बुब्स सहलाती कभी खडे खडे ही चुत सहलाती।अब वो निचे बैठी और अपनी लाइट पिन्क निपल्स पे दोनो हाथो से उन्गलिया फेरने लगी।उसे बडा मजा आ रहा था ।थोडी देर बाद उसने अपनी टान्गे घुटने मे मोडी और अपनी जान्गे स्प्रेड करते हुऐ अपनी चुत की पलके खोल दी ।वो अपने हाथ से चुत को स्परेड करके चुत निहार रही थी।उसने दो तिन बार चुत मे उन्गली डाली और बाहर निकाल कर वही बाथरुम मे सिर के बल लेट गइ।अब मै उपर बैठ कर जैसे कोई पोर्न मुवी देख रहा हो निचे का खेल देखने लगा।प्रिया ने मोमबत्ती चुत मे डाली और ऊन्दर ही रहने दी और जैसे पोर्नस्टार्स अपने हाथो की उन्गलीयो अपनी चुत उपर की तरफ से मसलती रहती है वैसे मसलने लगी।अब वो ऐसै हील रही थी की उसकी बाॅडी को वायब्रेटर लगा हो।प्रिया के दोनो बुब्स भी हिल रहे थे बिच बिच मे वो बारी बारी से अपने बुब्स मसल रही थी।   ऐसा 10-15 मिनट करते करते उसके चुत से जैसे लडको का विर्य आता है वैसा सफेद सफेद पानी धिरे धिरे बाहर आने लगा।वो निढाल होकर वही पडी रही ।उसके चेहरे से खुशी झलक रही थी( तभी मै सोच रहा था की ये इतनी हाॅट और सेक्सी कैसे लगता है इसने दबादबा कर अपने बौब्स बडे कर दिए थे।अगर मै अभी के अभी 12 वी मे पढने वाली  100 लडकीयो को खडा करता तो उसमे सिर्फ दस लडकीया इतनी हाॅट फिगर की मिलती ।इसका मतलब ये नही है की बाकी की छोटी दिखने वाली लडकीया सेक्सी नही होगी या किसी से चुदवाती नही होगी।आज कल तो 10   मे से  8 लडकीया तो 11-12 वी मे ही चुदवाती है),5 मिनट बाद वो उठी उसने अपनी चुत से मोमबत्ती निकाली और धो कर अपनी जगह पर रख दी।वो अब जल्दी जल्दी नहाने लगी। उसका  नहाकर हो गया ।उसने पहले तो बहुत देर तक वैसे ही अपने बाल पोछे और बाद मे अपने बाल तौलीए मे लपेट लिए ।उसने दुसरे तौलिए से अपनी बाॅडी को पोछा और रोज की तरह एकएक करके कपडे पहनकर वो बाहर चली गई।मेरा तो खुद पर कन्ट्रोल नही हो रहा था।मै चुपचाप निचे उतरा और वापस घर मे आ गया।मै अपने रुम मे गया और कपडे उतारे और सिर्फ अन्डरवेअर मे हाथ मे तौलीया लेकर बाहर आ गया।किस्मत से प्रिया सामने ही मिली ।उसने अन्डरवेअर मे मेरा तना लन्ड नोटीस किया होगा क्युकी वह हसते हुए किचन मे भाग गइ ।मै इधर बाथरुम जाकर नहाया और कपडे पहनकर वापस घर मे आ गया ।मुझे क्या हुवा था पता नही पर आज तक मैने कइ लडकीयो को चोदा था पर एसा अन कन्ट्रोल्ड मै कभी भी नही हुवा था।वो किचन मे कुछ काम कर रही थी ।मै पिछे से चुपके से गया और उसे पकड लिया।आपको यकीन नही होगा प्रिया के दोनो बुब्स मैने अपने हाथो से पकडे  थे।प्रिया चिल्लाने लगी। उसका तौलीया खुल गया और बाल छुट गए कितना मस्त स्मेल आ रहा था उसके बालो से।और उसका एक एक ममा मेरे हाथो मे नही समा रहा था।बहुत ही मुलाययम थे बुब्स ऊसके। ।उसने मुड कर मुझे देखा और जोर से बोली।
प्रिया - भैय्या छोडो नही तो चिल्लाउन्गी।
और वो विरोध करने लगी ।ये सब ज्यादा देर नही हुवा  आधे से एक मिनट मे हुवा होगा ।उसने पुरी ताकद से अपने आप को छुडाते हुए एक जबरदस्त स्लॅप मेरे कान के निचे मार दिया ।मेरे तो कान से ' किंइ ~~~ ' एसी आवाज आने लगी ।वो मुझ से छुटते हुए  दुर जाते हुए बोली ।
प्रिया- होश मे हो तुम।क्या कर रहे हो।बहन का रेप कर रहे हो क्या।
और वो क्या क्या बकने लगी 2-3 मिनट मे सुना नही सकता।मैने एक हाथ से अपना कान सहलाते हुए कहा।
मै- क्या हुवा इसमे गलत ।आज कल यही तो चल रहा है ।सभी ओर।
प्रिया- पागल बिगल नही हो गए हो ना तुम ।तिन दिन से देख रही हु।गन्दी नजर से देख रहे हो तुम।मा को बताउ क्या।हम लोग ब्राम्हण है बाकी लोगो की तरह कुछ भी करना शोभा देता है क्या तुझे
मै- तुम क्यो सती सावीत्री बनने का नाटक कर रही हो ।मैने देखा है बाथरूम मे कल क्या कर रही थी।
प्रिया - तो ये सब भी काम करने लगे तुम छी छी ••••○○○○○ आज से कुछ बोलना मत ••••• बेकार हो तुम।
और वो वहा से अपने रूम मे चली गइ।मै डर भी गया था और मुझे गूस्सा भी आ रहा था मुझ पर प्रिया पर और खास कर के सन्जीव पर ।मुझे तो ये भी लगने लगा की कई वो सुसाइड ना कर दे रूम मे।मैने उसके रूम का दरवाजा धकेला और अन्दर देखा तो वो अपने बेड पर लेट कर कुछ पढ रही थी।उसने नोटीस किया की मै देख रहा हु पर मेरी और देखी भी नही।खाना तो बना नही था।मैने राइस और दाल बनवा दी  ।मुझे लग  रहा था की मा आने से पहले शहर भाग जाउ पर बादमे मैने विचार किया की मेरे यहा रहने पर ही सिचुएशन अच्छी तरह से हॅन्डल कर सकता हु मै।घडी मे 2 बजे थे तभी माॅ भी आ गइ ।मैने माॅ के सामने नाॅर्मल बिहेव किया।क्युकी कुछ गलती करने पर अपने ही आचरण से हम प्रुव्ह करते है की कुछ गलती हुइ है।माॅ ने खाना परोसा प्रिया खाने पर भी आ गई।पर ना वो मेरी ओर देख रही थी ना मै उसकी ओर।मेरी तो गान्ड जैसे फट गइ हो।मेरा तो खाने मे भी मन नही था।और वो भी प्रिया के सामने ।मै अपना सिर निचे कर कर जल्दी जल्दी खा रहा था।मा और लेने के लिए जिद कर रही थी पर मै उठ गया।और जल्दी जल्दी बॅग भरने लगा  ।वैसे तो मै कल जाने वाला था पर मैने मा से कहा ।
मै- मा कुछ जरुरी काम है अभी ही जाना पडेगा मुझे।
मा- ठिक है सम्भल के जाओ।
और मैने अपनी बॅग और बाइक पकडी और सन्जीव और मेरे अधिरेपन को गालिया देते हुए जैसे तैसे रूम पर पहुच गया।वहा पर सन्जीव था ही।मैने उसे हाथ जोडते हुए कहा।
मै- धन्य हो आप भेनचोदो के भेनचोद।आपकी कृपा से आज मेरी गान्ड ही फट गइ।
सन्जीव - क्या हुवा।
मैने सन्जीव को पुरा इती वृतान्त बता दिया ।तो वो हसते हुए बोला।
सन्जीव- इसमे गलती तेरी है।वो लाइन भी दे रही थी।तो क्या डायरेक्ट जाके पकडेगा पिछेसे।बाकी लडकीयो को पटाना बडा सरल है पर अपने फॅमीली मे पटाना कोई मॅथेमॅटीक्स का प्रोब्लेम छुडाने जैसा है।
मै-पर अब क्या हो सकता है   ।
सन्जीव - इससे अच्छा होता थोडे दिन और वेट करता।एक तो तु उससे दस साल बडा।अगर उसके मन मे भी इच्छा होगी ना तो भी दसबार सोचेगी वो ।लेकीन पहले मेल जोल बढाता कुछ गिफ्ट्स देता तो बात बन सकती थी।एक तो तु घर से बाहर रहता है और ना तुमने उसके दिल मे अपनी इमेज बनाइ है ।3-3 मन्थ एक दुसरे बात  नही करते तुम लोग ।ऐसे तो इम्पाॅसीबल ही है तेरे लिए
मै- अब क्या करु।
सन्जीव- अब चुप ही रहो  ।नही तो मा भी नही बात करेगी कभी।थोडा टाइम जाने दे तब तक अपना फोकस किसी दुसरी चिज मे लगादे ।बाकी भगवान मालीक।
उस दिन से तो मैने पोर्न भी देखना बन्द कर दिया। मै अपने काम मे ही लगा रहता था।मुझे घर के बारे मे खयाल आते थे पर मै खुद को शान्त करके जो भी हौवा वह भुलने कि कोशीश करता था।इधर सन्जीव हर सॅटरडे को ट्रेन से मुम्बइ जाकर अपनी बहन के साथ मजे कर के आता था।कभी कभी विडीयो काॅल पर भी अपनी बहन को दिखाता था।पर वो सब मजे के लिए ।मेरे अन्दर से प्रिया के बारे मे द्वेश( anger) जागृत हो चुका था।की मेरे कान के निचे मारती है ।अगर मेरे हाथ मे कभी बाजी आइ तो इसे तो बहुत रुलाउन्गा मै ।ऐसे ही दिन बिते जा रहे थे ।मै 24 एप्रिल को घर से वापस आया था।दिन बितते रहे और देड महीना बित गया ।वो दिन 10 जून का था।मै काम से वापस अपने रुम मे आ गया था।तभी अननोन नम्बर से काॅल आया। मैने काॅल रिसीव किया तो उधर से माॅ का आवाज था। 
माॅ- हैलो।
मै- हा मै ।मा बोल  रही हो ना।
माॅ- हा।हमे भूल गया क्या। पिछले डेड महीनेसे इधर आया भी नही ।और किसी के पास फोन करके बताया भी नही।हम क्या समझे ।
मै- मा कोई बात नही ईधर काम भी बहुत था।और वैसे मै कल आ ही रहा था( मैने जान बुझ कर झुठ बोला )
माॅ- एसी बात है ।तो जाने दो ।अब जल्दी घर आ जाओ।हम वेट कर रहे है।
मै- हम कौन कौन।
माॅ- अरे मै और प्रिया।
मै चुप ही रहा ।
माॅ- बहुत अर्जन्ट और इम्पार्टन्ट काम है ।कुछ पुछना है तुमसे और कुछ बताना भी है।आ जाओ बस जल्दी।
मै- देखता हु।
माॅ- देखना नही तुम कल सॅटरडे को आ रहे हो बस। 4-5 दिन से पिछे लगी है प्रिया मेरे।
मै चुप हो गया और सोचने लगा कही ईसने बता तो नही दिया माॅ को और अब मेरी गान्ड मारवाने बुला रही हो।बाद मे माॅ ने फोन रख दिया ।मैने बहुत सोच विचारान्ती घर जाने का फैसला किया।की ज्यादा से ज्यादा क्या होगा एक तो मुझसे माफी मॅन्गवाई जा सकती है  ।या मुझे लेक्चर्स सुनाए जा सकते है ।मैने अपने मन को तैयार कीया और कल घर जाने के लिए रेडी हो गया।

  To be continued
 
View attachment 1View attachment 2मै घर जाने के लिए रेडी हो गया ।मैने अपने अन्डर के एम आर और एक्झीक्युटीव्ह्स का ब्योरा लिया और उन्हे आगे के काम के इन्स्ट्रक्शन्स दे दिऐ।मै 2 बजे घर जाने के लिए निकला।मैने घर लेकर जाने के लिए 1 किलो बनाना चिप्स और स्नॅक्स लिए।और न जाने कैसे मैने 1 किलो बर्फी भी ले ली।11 जून था तो अब बारीश भी शुरू हो चुकी थी  ।आगे क्या होने वाला है कुछ अन्दाजा नही था।मै बाइक से 4 घन्टे मे घर पे पहुच गया।बिच मे हल्की हल्की बारिश हो रही थी। शाम के 6 बज चुके थे।मै अन्दर गया  तो माॅ हाॅल मे बैठी हुइ थी ।मै कुछ ना बोलते हुए अपनी बॅग लेकर अपने रूम मे चला गया।मैने चिप्स स्नॅक्स और बर्फी का बाॅक्स बॅग से निकाला और किचन मे रख दिया।मा सब कुछ चुपचाप देख रही थी।वो मुझसे बोली।
मा- हाथ पैर धोकर आओ तब तक प्रिया को बाहर बुलाती हु।
मेरी तो धडकने बढ गइ।मै मोबाइल बॅटरी ऑन करके बाथरुम मे जाकर हाथ पैर धो दिए ।सुसू भी जोर से लगी थी वही लाइट ऑन करके टाॅयलेट गया और हलका होकर बाहर आया ।वापस हाथ पैर धोकर मै घर मे आगया।मै हाॅल मे आगया तो प्रिया और मा किचन मे थी ।मेरे आते ही मा बोली।
मा- अच्छा हुआ बर्फी लाए हो प्रिया को रखने दो भगवान के सामने ।
मै चुप ही रहा।
मा- अरे क्यो तो पुछो।अरे तेरी बहन पास हो गइ है 12 वी की एक्झाम।
प्रिया ने अपना चष्मा ठिक करते हुए मेरी ओर एक स्माइल दी।पर मै इन्टूरेस्टेड नही था।
मा- अरे काॅन्ग्र्यॅज्युलेशन तो करो अपनी बहन का ।
मै कुछ नही बोला ।
मा- क्या हुवा है ।तुम दोनो बात नही कर रहे हो क्या।
प्रिया बर्फी का बाॅक्स लेकर भगवान के कमरे मे चली गइ।मै किचन मे ही एक टेबल लेकर बैठ गया ।भगवान के रूम से घन्टी बजाने का आवाज आया।इधर मा ने चुल्हे पे चाय रख दी।तभी मा बोली।
मा- रिझल्ट लगे हुए 15 दिन हो चुके और अब तक तेरा पता नही इसलिए प्रिया भी नाराज है और मै भी ।  प्रिया काॅलेज जाकर अपने सर्टीफीकेट्स लेकर आइ है ।पर वो अब मुझे तन्ग करने लगी थी की साथ वाली लडकीया अलग अलग जगह जा चुकी है एडमिशन के लिए और सिर्फ वो ही बची है इसलिए।
मै - ठिक है।
तभी प्रिया अपने हाथ मे बर्फी का बाॅक्स लेकर मेरे सामने आ गइ।उसने अपने हाथ मे एक बर्फी पकडी और मेरे सामने कर दी ।मैने चुपचाप हाथ आगे किया और वो ले ली।
मा- क्या हुवा है तुम दोनो का।बाते क्यो नही कर रहे हो ।
प्रिया मेरी ओर देखकर हसी और मा से बोली।
प्रिया - कुछ नही ।लास्ट टाइम आए थे तो छोटासा झगडा हुवा था इसलिए नाराज है । लगता है।
मुझे एक बार लग रहा था दोनो नाटक कर रही है।और एक बार लग रहा था प्रिया ने कुछ बताया नही है।
मा-क्या झगडा हुवा था योगेश ।
मै - कुछ नही एसे ही।
मुझे अब यकीन हो गया था की प्रिया ने उस दिन हुए वाकये के बारे मे कुछ भी नही बताया है।
मा - बता तो।मै डाटती हु उसे।
मै- ज्यादा कुछ नही उसके पास कोइ चिज थी जो बार बार मुझे दिखा रही थी और मैने खाने के लिए मान्गी तो झगडा कर दिया।
मा- ऐसे करते है क्या प्रिया।दे देती तो क्या हो जाता ।खाने को ही तो मान्ग रहा था।जो चिज है वो मिल बाट के खानी चाहीए थी।आगे से ध्यान रखना।ठिक है ना।
प्रिया ने मेरी ओर देखते हुए मा से हा कहा और जोर से शरारती हस पडी।मै भी भला क्या रिएक्शन देता ।मुझे कुछ भी समझ नही आ रहा था।मैने खुद को कुछ भी रिएक्शन देने से बचाया।तब तक चाय भी तैय्यार हो चुकी थी ।मा ने मुझे चाय दी ।मैने चुपचाप चाय हाथ मे  लिइ और अपने रुम मे निकल पडा।थोडे ही देर मे प्रिया एक डिश मे बनाना वेफर्स लेकर आ गई।मै बेड पर बैठा था तो मेरे सामने रखते हुए बाहर जाने लगी मैने अब तक उसकी ओर देखा भी नही था पर वो जा रही थी तो पिछेसे देखने लगा।वो रुम के दरवाजे पर जाके मुडी और मूझे अपने और देखते हुए पाकर एक मस्त स्माइल देकर चली गइ।मै सोचने लगा ।अरे डेड महीने मे एसा क्या हुआ की ये नाॅर्थ पोल से साउथ पोल आ गइ।कही अपने एडमिशन के लिए नाटक तो नही कर रही ।एक नही हजार सवाल मेरे मन मे आ रहे थे।पर मैने एक एक कदम भी फुक फुक कर रखना ठिक समझा।थोडी देर मे प्रिया खुद मुझे कहने आइ की खाना तैयार है आ जाओ। मै थोडी देर बाद किचन मे चला गया तो तिनो का खाना परोसा था और मा और प्रिया अपने अपने जगह बैठ कर वेट कर रहे थे।इतनी देर मे पहली बार मेरी नजर प्रिया के बुब्स पर गइ।बैठे बैठे भी मस्त फिगर दिख रही थी प्रिया की ।मै अपने जगह बैठा ।माने मस्त गोबी मन्चुरीअन के पकोडे और मस्त सुप था शेजवान और मटार पुलाव भी था।मुझे भूख तो लगी थी मस्त टुट पडा खाने पे।खाना खाते वक्त इधर उधर की बातो से मेरा टेन्शन खतम होता गया।खाना होने के बाद मै टिवी के सामने बैठ गया ।प्रिया किचन सिन्क मे बर्तन धो रही थी।तभी मा मेरे पास आइ।और सामने ही चेअर लेकर बैठ गइ।
मा- तुम्हे कुछ बताना है।
मै- क्या।
मा-मुझे मान्गना तो बिलकुल पसंद नही पर घर मे अब कुछ भी पैसे नही है। डेड महीने पहले 3 हजार रुपये दिए थे तुमने वह तो कब के खतम हो गए ।बॅन्क से निकालने पडे मूझे कुछ पैसे।अगर इस बार कुछ दे देता तो मजदुरो की उधारी चूकती कर दु।
मै- ऐसे मत बोल मा कल सुबह दे दुन्गा मै।दर असल गलती मेरी ही थी छोटे से झगडे को इतना बडा नही बनाना चाहीए था।
मा- और एक बात है ।वैसे तु तो जानता है की प्रिया सायन्स को थी और मार्क्स भी कम ही आए है।तो अच्छी और सस्ती जगह एडमिशन मिलना मुश्किल है ।एक तो है हम ओपन कॅटॅगरी से।
मै- तो।
मा- प्रिया बोल रही थी की कोइ बि फार्म का कोर्स करना  है।और इधर गाव  के एक पहचान के आदमी ने एक काॅलेज का पता दिया है।वहा पर 45% के लडकीयो को भी ले लेते है ।बस 75-80 हजार डोनेशन लेते है वो । और सिर्फ लडकियो का काॅलेज है वो ।तो देखो यह।
और मा ने मेरे हाथ मे काॅलेज का प्राॅस्पेक्टस थमा दिया।
मै- ठिक है ।मै कल जा रहा हु ।अगले एक हफ्ते तक बहूत काम है ।पहले मै एन्क्वायरी करता हू पूरी। बाद मे देखेन्गे।
मै उठा तर अपने रुम मे जाकर अपने बेड पर लेट गया।मै अपने मोबाइल पर पुराने मेसेजेस पढ रहा था।5-10 मिनट हो चौके थे।तभी प्रिया अन्दर आइ ।मै सोच मे पड गया की उसके ओर देखु या ना देखु।उसने ब्लु कलर का टाॅप पहना था और ब्लॅक कलर का सलवार था ।पर वो अभी अभी सिन्क पे खडी रहकर  बर्तन धोकर आइ थी तो ठिक पेट के निचे वाले हिस्से पर उसका टाॅप भिग गया था ।और साफ साफ नजर भी आरहा था।उपर से बुब्स तो टाॅप के अन्दर से ही अपना एहसास करा रहे थे।मैने पहले उसकी फेस पर देखते हुए इधर उधर देखते समय उसके टाॅप के गिले हिस्से पर नजर ई ही।तो वो मुस्कुराते हुए बोली।
प्रिया- बर्तन धोते समय भिग गया ये।
और उसने टाॅप का वह हिस्सा झटकने जैसा किया।उसने अपना चष्मा ठिक किया और बोली ।
प्रिया - भैय्या कुछ बात करनी है ।मै यहा बैठु क्या।
मै- हममम••••
प्रिया- भैय्या मा ने एक बि फार्मसी काॅलेज की प्रोस्पेक्टस लाइ है ।जरा जल्दी कुछ करके मेरा एडमिशन वहा कर दो प्लिज।
मै- हा बात कि है मा ने।
प्रिया- (खुश होते हुए) तो आप क्या बोले ।
मै- हा बोला है ।पहले एन्क्वायरी करता हु।बादमे देखते है।
प्रिया- हममम ठिक है पर जल्दी कुछ करे हं।
मै- हा।
वो वही बैठी रही और 1-2 मिनट बाद बोली जिससे मै शाॅक हो गया।
प्रिया- लगता है मा सोने चली गइ है ।आप को कुछ चाहीए अभी।
और वो बडी शरारती अन्दाज मे हस पडी।मै तो एक ही औरत के दो रुप देख रहा था।अब यह स्टोरी पढने वालो के मन मे भी आएगा की मैने कम से कम एक किस तो लेना ही चाहीए था।पर मै एक स्लॅप को इतने सस्ते मे नही बेचना चाहता था।मैने कहा।
मै- तुम अभी चुपचाप अपने कमरे मे जाकर सो जाओ।मुझे अभी कुछ नही चाहीए।
वो फिर भी वही थी।उसका चेहरा सिर्फ गम्भीर हो गया।
प्रिया- भैय्या आर एम साॅरी ।मैने बहुत गलत किया था।पर मैने मा को कुछ नही बताया।उन दिनो मै बहुत ही टेन्शन मे थी इस वजह से गल्ती हो गइ।
मै - छोड दो अब ।जो हुवा सो••••
प्रिया ने मेरा वाक्य पुरा होने से पहले बोला।
प्रिया- तो अगर आपने मुझे माफ किया है तो बताइये ना आपको अभी क्या चाहीए।
मै चुप रहा।वो अभी भी बेड पर ही बैठी थी।मै तो लेटा हुवा ही था तो वो भी मेरे साइड मे अचानक लेट गइ और बोली ।
प्रिया- आप अभी कुछ करना नही चाहते तो मै मा सोने के बाद आ सकती हु आपके साथ यहा लेटने के लिए।
मैने उसकी फेस की ओर देखा और निचे पहाडो के माफीक बूब्स पर देखा और कहा।
मै- अब तु जा यहासे और जाते वक्त लाइट बन्द करदे 4  घन्टे बाइक चला चलाकर अन्ग दुख रहा है।
प्रिया- मै कुछ करु।
मै - तु क्या करेगी।
प्रिया -  माॅलीश कर दु क्या ।
मै -  नही चलो अब।
 प्रिया - ठिक है ।अब सो जाइये।और उसने जाते वक्त पन्खा ऑन कर दिया और लाइट बन्द करके चली गइ।थोडी देर बाद सभी लाइटे बन्द हुई ।मै सोच रहा था की कही ये उसका मुझे ट्रॅप करने का प्लॅन तो नही था।मै सो गया और जगा अगली सुबह।
   सुबह 8 बजे मै जग गया थोडी देर बाद फ्रेश होकर आया तो दोनो अपने अपने काम मे लगी थी।थोडी देर बाद प्रिया मेरे लिए चाय लेकर आइ।और कप मेरे सामने की टेबल पर ना रखते हुए मेरे हाथ मे देने लगी।और एसे देने लगी की ह्थ से हाथ टच हो।( अरे ये क्या हो गया था ।जो लडकी डेड महीने पहले मेरे कान के निचे मार रही थी आज वो अचानक मेरे पिछे कैसे पड गइ ।पढने वाले पुछेन्गे की हमे भी बता कोन सा आयडीया लगाया पर मैने तो कोइ आयडीया तो  लगाया ही नही था) मैने अभी तक अपने आप को कन्ट्रोल करके रखा था ।पर पहली बार मैने उसका हाथ पकडा और ऊसके हाथ से चाय का कप ले लिया ।वो हसी और वहा से चली गई।अब तो मै जाने और अन्जाने प्रिया के फिगर पर ही नजर मार रहा था।थोडी देर बाद नाश्ता हुवा और मा खेत मे चली गइ।करीब दस बजे थे और मै टिवी देख रहा था।प्रिया अभी किचन मे कुछ काम कर रही थी।उसके बाद वो अपने कमरे मे जाकर अपने कपडे और तौलीया लेकर बाहर आई और मुझको सुनाते हुए बोली
प्रिया - भैय्या मै नहाने जा रही हु।
और नाॅटी स्माइल के साथ बाथरुम की ओर चल पडी।मै  टिवी देखता ही रह गया ।थोडी देर बाद जब वो नहाकर वापस आइ तो मूझे वहि पर पाकर हैरान हो गइ।और बोली।
प्रिया- भैय्या चलो नहालो।
मै - ठिक है।
मैने ऊसकी फिगर पे नजर मारते हुए कहा।उसने स्माइल दी और वो किचन मे घुस गइ।मै नहाकर वापस आया तब तक मा भी घर आ चुकी थी।थोडी देर बाद मा भी नहाकर आइ और हम तिनो ने खाना खा लिया।इस बिच तो प्रिया और मेरी नजरे बहुत बार मिल रही थी पर जब मै खाना खाने के बाद अपने रूम मे बेडपर पडा था तो वो खुद ही अन्दर आगई।और बेड पे बैठ गई।
प्रिया- अभी आप जाओगे थोडी देर बाद ।अभी तो बतादो मुझे की मै क्या करु ।नही तो मै बिलकुल नही समझुन्गी की आपने मुझे माफ किया है।
मै- तु जल्दी मत कर ।मै पहले उस काॅलेज मे जाकर एन्क्वायरी करता हु। नही  तो तुझे लगेगा मैने गलत फायदा उठाया।
प्रिया -  वो बात नही है।मा ने कल कहा था ना आपने जो मान्गा था वो मुझे देना चाहीए तो इसलिए मै आइ हु।
मै- मै क्या कहु अब ।वैसे मा कहा है ।
प्रिया - वो आराम कर रही है ।अपने रुम मे।
मै- मै अभी जाउन्गा 3 बजे ।अभी 2:30 हुए है।मेरे लिए चाय बना चल। और हा एक बात।
और मैने उठकर उसे गले लगा लिया ।वो आज तक मेरा पहली बार आलिन्गन था बहन से ।ज्यादा ही कडक नही था बुब्स टच ।सिर्फ नाॅर्मल फाॅरमॅलीटी।पर वो खुश हुई और चाय बनाने किचन चली गइ ।लगता है ऊसने मा को भी उठा लिया होगा।तो मा और प्रिया दोनो मेरे रूम मे आ गए।मैने प्रिया के हाथ से चाय ली और मा से कहा ।
मै- अगले सॅटरडे आउन्गा मै काॅलेज की पूरी जानकारी निकालकर।
मा- ठिक है ।सम्भालके जाना ।और अपना खयाल रखना।
मेरी चाय खतम हो चुकी थी।मैने कपडे तो पहले ही पहन रखे थे।दोनो को बाय किया और बाइक लेकर फिर एक बार शहर रूम की तरफ निकल पडा।
To be continuesd
 

Attachments

  • 4650b3834ed64175532af522c46e68e2.jpg
    4650b3834ed64175532af522c46e68e2.jpg
    126.6 KB · Views: 1
  • d12d6bd7a46876769f412dbbed2850b5.jpg
    d12d6bd7a46876769f412dbbed2850b5.jpg
    87.3 KB · Views: 0
 मै 4 घन्टे बाद शहर अपनी रूम पर पहुच गया।मुझे तो बहुत अच्छा लग रहा था की प्रिया ने अपने आप ही मॅटर मिटा दिया।पर मेरे मन से वो थप्पड अभी तक गया नही था।मै रूम के अन्दर चला गया ।सनडे होने की वजह से सन्जीव तो मुम्बइ अपने बहन के पास चला गया था।वो रात को 11-12 बजे फिर ट्रेन से आने वाला था।मैने रूम पर के काम निपटा दिए और लाॅन्ड्री मे दिए हुए कपडे लेकर आगया।मैने टिवी लगाया और खाना लेकर वही सामने बैठ गया।मेरा ध्यान ना टिवी पे था ना खाने पे।खाना होने के बाद बर्तन वगेरा धोकर जब तक सब ठिक जगह पर रखता 10 बज चुके थे।मैने अपना मोबाइल निकाला और वाट्सप पे चॅट करने लगा।सन डे होने की वजह से सभी ऑन लाइन थे।मेरा तो इन्ट्रेस्ट भी नही था आज चॅट के लिए।तभी सन्जीव का मेसेज आया की आधे घन्टे बाद वो रूम पर पहुच जाएगा।मैने मेसेज रिड किया और वापस ओके मेसेज भेजा।थोडी देर बाद सन्जीव रूम पर पहुच गया।मैने दरवाजा खोला।वो अन्दर आकर कपडे चेन्ज करने लगा।
सन्जीव- क्या हुवा गाव मे।
मै- हम समझ रहे थे वैसा कुछ नही।
मैने सन्जीव को घर पर जो जो हुवा वो सब जैसेका तैसा बता दिया।
सन्जीव- वाॅव ।तेरा काम तो बन गया।
मै- पर मुझे डाउट आ रहा है ।कही दोनो ने मिलकर मुझे रन्गे हाथ पकडने का प्लॅन तो नही बनाया है।
सन्जीव- हा भी कह सकते है और ना भी।फिर भी तुम आख बन्द करके कुछ मत करो।
मै - ठिक है।इसका मतलब अभीसे ज्यादा एक्साइट होने की जरुरी नही है 
सन्जीव- हा।पर एक बात कर सकते हो।उसने तुझे जिस बात के लिए थप्पड मारा  वही चिज अब वो अपने आप दे रही है तो लिख के ले लो उससे ।बादे प्रुफ मिलेगा उसने लिखके दिया हुवा।
मै- हा ।और जरा मुझे बि फार्मसी के खर्चे का आयडिया दे।
सन्जीव - 60-70 हजार तो सालाना फिस तो होती ही है।और 60-70 हजार रहने खाने का  पकडले।
मै- ओ~~~ , तो मुझे एक बार इधर उधर हाथ लगाने देकर अपना खर्चा निकलवाना है।
सन्जीव- एकदम एसा ही उन्होने सोचा होगा एसा हम नही कह सकते।पर हो सकता है या नही हो सकता ।
मै- ओके तो बात समझ आ गई है।अब मेरा छोड अपना बता।
सन्जीव- बहोत मजा आया आज।लता ने हमारा रोज का लाॅज ही बुक करा था तो वही पर मजा किया।
मै- कितनी बार लगाया।
सन्जीव - कल  शाम को ही 6 बजे छुटा था ट्रेन से 10 बजे पहुच गया।लता आई थी रिसीव करने वही से दोनो लाॅज पर चले गए ।रात को पहले दोनो ने एकसाथ टब बाथ लिया ।और रात को एक बजे पहला राउन्ड बेड पर करके वही पर एक दुसरे के बाहो मे सो गए।सुबह 8 बजे उठने के बाद फ्रेश हुए और ब्रेकफास्ट मन्गवाया ऑनलाईन और बाद मे लता साडी पहनकर तैय्यार हो गई उसके साथ एक थिएटर मे जाकर एडल्ट मुवी देखी ।वहा पर भी बहोत मजे किए ।मुवी शुरू होने के  बस पाच मिनट बाद लता टाॅपलेस हुइ वो फिल्म खतम होने से पहले पाच मिनट पहने ब्रा और ब्लाउज।
मै- अरे थिएटर मे लोग नही थे क्या।
सन्जीव- थे पर वहा इतना लाइट कहा होता है की लोग देख सके और अब उसे भी मजा आता है ये सब करवाने मे।थोडी थोडी लडकीया तो अपने अपने बाॅयफ्रेन्ड के साथ न्युड हो जाती है।और थोडी चुदती भी है।मुवी खतम होने के बाद कितने काॅन्डम दिखाउ  थिएटर मे।
मै- तो तुमने भी किया क्या थेटर मे ।
सन्जीव - नही किया ।पर मजे बहोत लिए।बादमे हम हाॅटेल गए वहा प्रायवेट टेबल लेकर एक दुसरे के हाथ से खाना खाया।दो  बजे फिर लाॅज पे आए और तिन बजे मैने न्यु क्लोथ्स ऑर्डर किए थे ब्रा निकर सेट्स और कुछ इराॅटीक क्लोथ्स थे वो पहनकर दिखाए लताने ।फिर लताने छोटी बहन रिया को विडीयो काॅल किया तो आधा घन्टा विडीयो काॅल पे चुदाई दिखाई रिया को बहुत मजा आया यार ।फिर एक दो घन्टे एक दुसरे की बाहो मे आराम करके फ्रेश होकर हम दोनो लाॅज का बिल पे करके बाहर आए ।और वो अपने रूम पर चली गई और मै 4 घन्टे के ट्रॅवल के बाद यहा पहुच गया।
मै- वाव। तुने तो पुरा पिक्चर ही खडा कर दिया आखो के सामने।
सन्जीव- चलो अब सो जाते है 12 बज गए है ।कल काम को भी जाना है।
मै- हममम
दोनो सो गए ।जो दुसरे दिन सुबह 6 बजे उठे और अपना अपना काम निपटाकर जाॅब पे चले गए।दोपहर को मैने उस काॅलेज मे फोन किया जिसके बारे मे मा ने मुझे बताया था।
मै- हैलो 
उधर से- हैलो पिवीएसएस काॅलेज ।
मै- सर मुझे बि फार्मसी के एडमीशन के बारे मे एन्क्वायरी करनी थी।
उधर से- तो फाॅर्म भरीए अगर मेरीट मे आए तो एडमिशन हो जाएगा।एडमिशन ऑनलाइन नही है।मैनेजमेन्ट कोटेसे सिर्फ 20 जगह है ।पर 80-90 हजार रेट चल रहा है डोनेशन का।
मै- हमारे स्टुडन्ट के मार्क्स 45% है ।
उधर से - तो मेरीट मे आना मुश्कील है।पिछले साल  मेरीट 60% पर बन्द हो गया था।मॅनेजमेन्ट कोटे के भी 10 सिट्स फिल हो चुके है।अगर एडमिशन लेना है तो जल्दी आके पहले फाॅर्म फिल करीए और ऑफीस मे मिलकर डोनेशन भर दिजीए।
मै- और हाॅस्टल के बारे मे•••• वेसे तो हम ओपन कास्ट से है।
उधर से- हाॅस्टल तो पुरी तरह से फुल हो चुका है।और नइ आने वाली एसटी एनटी और लो कास्ट लडकीयो के लिए 50 सिट्स होगी।
मै- ठिक है सर ।
मैने फोन रखा अब एन्क्वायरी का काम हो चुका था।पर मुझे एक हप्ते तक एक दिन भी छुट्टी नही मिल सकती थी।इस वजह से मै चुप रहा।मैने 8 दिन के लिए छुट्टी के लिए अर्जी ऑफीस मे दिई पर अगले सनडे से नही बल्की वेन्स डे से अगले वेन्स डे तक मुझे छुट्टी मिली।एक एक दिन गुजर रहा था ।आखीर सॅटरडे आगया।मैने तो मा से प्राॅमीस किया था की मै सॅटरडे शाम को आजाउन्गा।तो मै शाम को 4 बजे वहा से गाव के लिए छुटा।रास्ते मे कुछ खाने का सामान लिया मा और प्रिया की पसंद ।और मै जल्दी मे घर की तरफ निकल पडा ।करीब 8 बजे मै घर पर पहुचा।मा और प्रिया मेरा वेट ही कर रही थी।मैने बाइक स्टॅन्ड पे लगाइ
माॅ- मुझे लगा की कही तुम पिछली बार की तरह भूल तो नही गए।
मै- ऐसे कैसे भुलता।एक बार कहा वो कहा।
मै अन्दर आ गया।प्रिया के फेस पर स्माइल आ चुकी थी।मैने हाॅल मे ही बॅग खोलकर खाने का सामान प्रिया के हाथ मे दे दिया।मा किचन मे जा चुकी थी।प्रिया फुसफुसाइ।
प्रिया- मेरे लिए और क्या लाए हो।
मै- क्या चाहीए था।बता देती तो ले आता ।
वो अन्दर गइ और मै क्लोथ्स चेन्ज करके फ्रेश होने चला गया।थोडे देर मे जब मै वापस आया तो हाॅल मे मा और प्रिया चेअर्स पे बैठकर मेरा वेट कर रहे थे।
मा- काॅलेज मे एन्क्वायरी की क्या योगेश।
मै- हा ।उन्होने कहा की ऐसे एडमिशन नही होगा ।डोनेशन देना पडेगा और वो सिट्स का भी भरोसा नही है।
मा- नही ।मैने एक काम किया है।
और मा ने एक लेटर मेरे हाथ मे दिया ।मा के गाव की ही एक सहेलीने अपने पती से कहकर मॅनेजमेन्ट कोटे की एक सिट बुक कर लि थी।
मै- ये तो अच्छा हुवा कम से कम एडमिशन तो पक्का हो गया।
मा- हा।लेकीन हमे जल्दी जाना पडेगा।तुम छुट्टी लेकर आए हो ना।
मै - नही मुझे कल शाम को जाना पडेगा।मै मंगलवार को एसेही रात को आता हु।बुधवार को प्रिया को लेकर जाउन्गा काॅलेज वही पर फायनल डोनेशन पक्का होगा।
मा- ठिक है।(प्रिया से) प्रिया चलो भैय्या के लिए चाय लेकर आओ।
प्रिया उठकर किचन मे चली गई।
मा- खर्चे का अन्दाजा निकाला।
मै- हा।डोनेशन के 80  हजार ।हाॅस्टेल नही मिल रहा तो रुम के 30000 साल के पकडो ।खाना 30000 पकडो।कपडे 10000 और बाकी खर्चे 20000 मतलब करीब पौने दो लाख रुपये खर्चा आएगा सालाना।एसा 4 साल तो करना ही पडेगा।
मा- अरे बाप रे।इतना पैसा।तुम बता रहे थे ना जमीन बेचे खेत वाली ।
मै- नही ।मै कर सकता हु मॅनेज ।आज जमीन बेचोग तो बाद मे शादी के वक्त क्या घर बेचोगी।
मा - ये बात भी ठिक है।
मै- मै करता हु कुछ तुम डरो मत।
तब तक प्रिया चाय और बिस्कुट लेकर आगई।मा ने उसे सामने ही बैठाया और कहा ।
मा- भैय्या तेरा काम कर देन्गे ।पर आज तक जो हुवा सो हुवा ।अब से स्टडी मे ध्यान दो ।नही तो बारहवी मे सिर्फ 45% मिले है ।और कहती थी की मै बहोत स्टडी करती थी इसलिए चष्मा लगा।
प्रिया - आप तो हमेशा मेरे मे ही कुछ कमीया निकालती रहती है।
मा- नही कमीया नही ।अब इस स्टडी मे 6-7 लाख खर्चा होगा तो अच्छी नौकरी भी तो मिलनी चाहीए।
मै- मा तुम टेन्शन मत लो ।वो कर देगी सब कुछ ठिक।
मा - भगवान करे ऐसा ही हो ।तुम लोग बैठो मै खाना बनाने का देखती हु।
और मा किचन मे चली गई।मेरे सामने ही प्रिया बैठी थी।मै धिरे से आवाज मे बोला।
मै- आज मस्त दिख रही हो।
प्रिया शरमाइ ।और थॅन्क यु बोली।
मै- ओके तो कैसा चल रहा है सब।
प्रिया- ठिक है।बस ।पर भैय्या ये काम हो जाएगा ना।
मै- तुम देखना कैसे तुम्हारा करवा के देता हु।चलो अब माॅ को मदद करो किचन मे।
प्रिया- ठिक है ।
और वो उठ कर किचन मे चली गई ।मै उसका बलखाता पिछवाडा देखता रहा।और उठकर अपने कमरे मे आगया।मैने कुछ सोच लिया था ।मैने अपने बॅग मे से एक स्टॅम्प पेपर निकाला और लिखने लगा।
[मै लिखकर देने वाली- प्रिया ×#×#×#                                  ]
[ मै ये लिखकर देती हु निचे लिखे हुए रुल्स मैने होशो हवास मे   ]
[पढे है ।और मुझे सब के सब मान्य है और वो मुझपर लागु होन्ग]
[रुल 1- मैने योगेश ×#×#×#  से अपने शिक्षण के लिए होने वाला]
[खर्चा कर्ज के रुप मे लिया हुवा है।इस तहत वो हर साल मुझ पर]
[ 180000 रुपये खर्चा करेन्गे ।तो मै तारण के तौर पर खुद को  ]
[तारण रखती हू।                                                                  ]
[रुल 2- मैने अपने आप को योगेश ×#×#×# के यहा तारण रखा]
[ है तो मेरे बाॅडी पर आज से योगेश ×#×#×# का अधिकार हो गया है]
[ रुल 3-मैने क्या पहनना है क्या करना है  इसपर योगेश ×#×#×#  ]
[ एन्टरफेर कर सकते है।और शिक्षण के 4 साल और बाद मे 8 साल मुझ]
[ योगेश ×#×#×# की गर्लफ्रेन्ड बन कर रहना है।                              ]
[रुल 4- इन बारा साल मे मै ना शादी कर सकती हु ना बाॅयफ्रेन्ड बना सकती]
[हु।या ना किसीके साथ योगेश ×#×#×# के परमिशन के बिना फिजीकल ]
[रिलेशन नही रख सकती।                                                                  ]
[रुल 5- अगर मै कोइ रुल तोडते हुए पाइ जाती हु तो हर रुल तोडने पर एक]
[ साल की और पेनल्टी लगेगी।                                                              ]
[यह कागज किसी भी लायल कारवाई के लिए बाध्य बनेगा।                     ]
[ रूल- 6 इस एफीडीवीट के बारे मे मै किसी को नही बता सकती।             ]
[और मेरे खर्चे और हैल्थ की जिम्मेदारी योगेश ×#×#×#  पर रहेगी।         ]
[      लिखके देने वाला योगेश ×#×#×#             ।                                  ]
[ लिखके देने वाली प्रिया ×#×#×#                                                        ]
एसा मैने लिख लिया।भले ही आप लोगो को ये ठिक नही लग रहा हो पर मेरे पास और कोइ चारा नही था।थोडी देर बाद मा ने आवाज दिया की खाना तैय्यार है।मै किचन मे गया ।तो प्रिया खाना परोस रही थी।वो ठीक मेरी ओर पिठ करके निचे झुक कर खाना परोस रही थी तो मेरा ध्यान उसके पिछे ही था।मैने जरा इधर देखा तो मा ने मुझे प्रिया का पिछवाडा घुरते हुए देख लिया था ।वो कुछ बोली नही पर उसके भी चहरे पर जरा सी स्माइल आ गई।मैने अपनी नजरे निचे झुकाई और जल्दी जल्दी खाना खतम करने लगा ।पुरे खाने के वक्त मेरी नजर प्रिया कि तरफ प्रिया की नजरे मेरी तरफ और मा की नजरे हम दोनो की तरफ थी।हम तिनो बाते भी कर रहे थे ।खाना खतम होने के बाद मै थोडा देर टिवी पर रुका और सिधे अपने कमरे मे आ गया।प्रिया और मा काम निपटा रहे थे ।लगता है 10:30 बजे बाकी सारी लाइट्स ऑफ हो गई और मा के कमरे से पुराने फॅन की आवाज भी सुनाइ देने लगे।मै अभी जग रहा था ।तभी दरवाजा थोडा सा खुला और प्रिया अन्दर आई।और दरवाजा लगाते हुए फुसफुसाइ।
प्रिया- मा सो गई है ।इसलिए मै इधर आइ आपके साथ सोने के लिए।
मै- अच्छा हुवा आ गई।तुझे कुछ दिखाना था।
प्रिया - ( एक्साइट होते हुए) क्या ।
मैने थोडी देर पहले लिखा हुवा कागज उसके हाथ मे पकडा दिया ।प्रिया ने वह हाथ मे पकडा और 3-4 बार पढा।
प्रिया - तो क्या मै 30 साल तक शादी नही कर पाउन्गी।अच्छा हुवा मुझे अभी करनी ही नही है शादी ।एक बार शादी हो गई तो बच्चे होन्गे ।बच्चे होने के बाद दिन भर उन्ही के पिछे रहना पडेगा।उससे अच्छा है 30 साल तक नौकरी ही कर लु।
मै- पर यह बात मा या और किसी को भी बता नही सकती तुम नही तो रुल ब्रेक हो जाएगा।और तुझे पेनल्टी लगेगी।
प्रिया - ठिक है।साइन करु क्या मै ।
मै - पहले ठिक से सोचले।
प्रिया - अब क्या सोचना है ।सब कुछ फायनल हो गया है।अब क्या मा को बताउ मै भैय्या से पैसे नही लुन्गी।तो साइन ही कर देती हु।
उसने साइन कर दी ।और मैने उसे हाथ देकर शेक हॅन्ड किया और बोला 
मै- आज से तेरी सारी जिम्मेदारी मेरे उपर ।पर अभी तुम यहा मत सो ।तुम अपने रूम मे चली जा।बाकी का कल बोलेन्गे वो जिद कर रही थी पर मैने उसके हाथ को पकडकर बाहर छोडा ।थोडे हि देर मे मै भी सो गया। वो सिधे दुसरे दिन ही उठ गया । सुबह के 8 बजे थे ।प्रिया और मा पहले ही उठ चुकी थी।मै फ्रेश होकर आगया ।तब तक साथ मे ही चाय और नाष्ता लेकर प्रिया आ गई।
मै- प्रिया चलो तैय्यारी करो हमे बाजार जाना  है।
प्रिया - क्यो क्या बात है।
मै- अरे तुम अब ऊधर शहर की लडकीयो के साथ रहोगी रूम लेकर तो क्या ऐसै ही पिछले साल के कपडे पहनकर रहोगी ।और कूछ बॅग्स वगैरा भी ले लेन्गे बाझार से।
प्रिया - ठिक है।मा से कहती हू।
मा तो खेत पर जाने के लिए रेडी हो चुकी थी।प्रिया ने मा को बताया तो वो हा कहकर खेत की ओर चली गइ।मैने कपडे पहने ।प्रिया अपने रूम मे गइ और तैयार  होने लगी करीब आधे घन्टे के बाद वो बाहर आइ।ऊसने ग्रिन चूरीदार पहना था।मस्त दिख रही थी ऊस चूरीदार मे उसकी नैरो सलवार ऊपर कमर मे फिट टाॅप उपर टाॅप को बाहर ढकेलते हुए बुब्स और ऊनके कवर करती हूइ ओढनी।वैसे ये ड्रेस हाफ स्लिव्स था जो की सिर्फ  प्रिया के  शोल्डर्स कवर कर रहा था ।और मस्त सेक्सी दिख रही थी वो।मैरे मू से अचानक वाॅव निकला।तो वो शरमा गइ।
मै- प्रिया यु आर सो ब्यूटीफुल ।
प्रिया - थॅन्क्स भैय्या ।
मै उसे उपर से निचे तक उसके सामने ही निहार रहा था।तो वो कहने लगी।
प्रिया - अब चले ।या आप का होने दे।
मै - चलो चलते है।
मै बाहर आया प्रिया ने दरवाजे को लाॅक किया और हम बाइक पर बैठकर बाजार की तरफ निकल पडे।
To be continued
 

Attachments

  • 4f8862375779801579d17e804d7ebba3.jpg
    4f8862375779801579d17e804d7ebba3.jpg
    206.2 KB · Views: 0
आगे 
हम दोनो घर से बाहर निकले।प्रिया ने दरवाजा लाॅक किया।इस लाॅक की डुप्लीकेट की हमेशा मा के पास रहती थी।मैने बाइक स्टार्ट की और प्रिया बाइक पर बैठी।आज वो दोनो तरफ से टान्गे छोडकर मुझसे कुछ क्लोज ही बैठी थी।आन्गन से बाइक बाहर निकालते निकालते ही प्रिया के बुब्स मुझसे टच हो गए।मैने प्रिया से कहा ।
मै - यहा गाव मे जरा दुरी ही बनाकर बैठो नही तो लोगोन्को डाउट होगा।
प्रिया जरा पिछे की तरफ होकर बैठ गइ।मार्केट हमारे घर से 15 किमी दुर था ।घर से दुर 5 किमी जाने पर प्रिया मुझसे पिछे से लिपट गई ।मुझे पिठपर प्रिया के बडेबडे बुब्स फिल हो रहे थे।मैने उसे बोलता करने के लिए पुछा।
मै - क्या प्लॅन है शाॅपिन्ग का।
प्रिया - क्लोथ्स है और बॅग्स वगैरा ।कुछ काॅस्मेटीक्स और कुछ हलका सामान है।
थोडे ही देर मे हम बडे से शाॅपिन्ग काॅम्प्लेक्स पर पहुच गए।मैने प्रिया को बाइक से उतारा और मै बाइक पार्क करने चला गया  ।बाइक पार्क करके मै प्रिया के पास आ गया ।
मै- चले।
प्रिया - ( खुश होकर) हा।
हम दोनो अन्दर गए अन्दर हर एक चिज के सेपरेट शाॅप्स थे ।मोबाइल , बॅग्स,इलेक्ट्राॅनिक्स , शुज , क्लोथ्स आदी के 10-10 शाॅप्स थे ।हम उपर के फ्लोर पर गए तो क्लोथ्स का माॅल ही था वो।हम अन्दर गए प्रिया तो मानो कोई छोटी बच्ची मेले मे जाने के बाद जैसे रिएक्ट करती है वैसे बिहेव करने लगी।हम आगे गए तो बहूत ही सुन्दर सून्दर टाॅप्स रखे थे ।प्रिया ने सेल्स गर्ल को बुलाया और कहा की ।
प्रिया - मुझे 42 नम्बर के टाॅप्स दिखाओ।
सेल्सगर्ल - ( मुस्कुराकर)  ठिक है।
और उसने 42 नंबर वाले 10-15 टाॅप्स प्रिया के सामने रख दिए।प्रिया हर एक टाॅप अपने पर लगा लगा कर मुझे पुछ रही थी।की ये अच्छा दिखता है।आखीरकार उसने 3 टाॅप्स सेलेक्ट किए।आगे की तरफ जाने के बाद  प्रियाने 3 लेगिन्गस भी लेली।बाद मे हम टिशर्ट सेक्शन मे गए वहापर बहुत सर्च करने पर उसे उसे जैसे चाहीए थे उस टाइप के टिशर्ट्स मिले।जो की दो थे एक था व्हाइट और एक था पिन्क जिन पर बारबी का कार्टुन था।बाद मे हम दोनो जिन्स सेक्शन मे गए ।वहापर सेल्समन था ।उसके नजरे प्रिया की फिगर आ चुकी थी।उसने प्रिया से जिन्स की साइज पुछी।वो मेरी तरफ देखते हुए शरमा कर बोली ।
प्रिया - 34 '
सेल्समन ने 8-10 जिन्स उसके सामने लाकर रख दिऐ।मै और प्रिया ने मिलकर दो जिन्स सेलेक्ट किए ।वह लाइट ब्ल्यु और ब्लॅक कलर के थे।हमने जब जिन्स सेलेक्ट करन के बाद अउस सेल्समन को बॅग मे पॅक करके काउन्टर पर रखने को कहा तो वह सेल्समन प्रिया को बोला।
सेल्समन- मिस आप यह क्लोथ्स बिना ट्राय किए मत ले जाओ।बाद मे कुछ डिफेक्ट निकला तो ये लोग वापस लेते वक्त बहुत हन्गामा करते है।
प्रिया ने मेरी तरफ देखा ।मैने सर हा मे हिलाया तो प्रिया पिन्क टिशर्ट और लाइट ब्ल्यु वाली जिन्स लेकर ट्राइन्ग रुम मे चली गइ।थोडी देर बाद जब वो बाहर आइ तो सेल्समन और मेरा मु खुला का खुला ही रह गया ।न जानो मेरे और सेल्समन के मु से एकसाथ' "मिया खलीफा" निकला ।शुकर था की प्रिया ने सुना नही।सेल्समन मेरे तरफ देखकर मुस्कुरा गया ।प्रिया हमारे पास आइ। पिन्क टिशर्ट मे उसके बुब्स मानो अब बाहर आए की तब एसे लग रहे थे ।भगवान का शुकर था की बुब्स को डबल प्रोटेक्शन था ।अन्दर पहने ब्रा और कॅमिसोल का।जिन्स इतनी टाईट थी की पुरा शेप नजर आ रहा था पिछे कुल्हे , जान्गे और निचे पिन्डरीया वह जिन्स नैरो थी।तभी सेल्समन बोला
सेल्समन - मिस ये स्ट्रॅचेबल है ।जिस वजह से कोई परेशानी नही होगी।
वो सेल्समन प्रिया के हुस्न का दिदार कर रहा था।प्रिया को भी यह बात समझ आ गइ थी।और उसके फेसीन्ग से लग रहा था की ऐसी नजरो की उसे आदत है ।और वो ऐसे नजरो का मजा लेनी जानती हो।प्रिया को मेरी मौजुदगी का अहसास हुवा।और वो मुझे धिरेसे बोली ।
प्रिया - भैय्या मै चेन्ज करके आती हु।
और वो मेरे कुछ बोलनेसे पहले अपनी गान्ड मटकाते हुए ट्राइन्ग रूम मे चली गइ।मै और सेल्समन दोनो प्रिया की टाइट जिन्स मे हिलती गान्ड देख रहे थे।फिर एक बार सेल्समन की नजर मिल गइ।वो मेरे पास आकर बोला 
सेल्समन - साॅरी।आपकी जिएफ इतनी खूबसूरत है की नजर तो जाती ही है।
मै - कोइ बात नही ।
प्रिया अपना ग्रिन चुडीदार फिरसे पहन कर आइ।और उसने टिशर्ट और जिन्स सेल्समन को दे दी।हम वहा से आगे बढे वहा पर मिनी स्कर्ट्स की बडी रेन्ज रखी थी।प्रिया कुछ बोले उससे पहलेने 34 साइज के दो फॅन्सी कलर के मिनि स्कर्ट्स सेलेक्ट कर लिए।अब मेन क्लोथ्स की शाॅपीन्ग हो चुकी थी।अब हम अन्डर गारमेन्ट के सेक्शन मे घुस गए।प्रिया ने आगे बढते हुए सेल्सगर्ल के पास जाकर कुछ बताया।सेल्सगर्ल 4 कॅमीसोल्स लेकर आ गई।( camisole आप नेट पर सर्च करके देखो अपनी ईन्डीयन लडकिया काॅलेज के या किसी भी पन्जाबी ड्रेस या टाॅप से या चुडिदार से अन्दर पहना हुवा ब्रा लोगोको ना दिखे इसलिए ब्रा के उपर पहनती है।) और उसने 4 ब्रा पॅकेट और क्लासीक पॅन्टी भी लाई थी ।ब्रा व्हाइट और ब्लॅक कलर के थे और निकर्स ग्रिन ,रेड ,यलोव ऐसे कलर के थे।तो मैने प्रिया से कहा।
मै - प्रिया जिस कलर की ब्रा पहनती है वैसै ही नीकर पहनोगी तो अच्छी दिखोगी।
प्रिया - ( फुसफुसाते हुए) किसको दिखाना है पहनके।
मै- मुझे तो दिखा सकती हो।
सेल्सगर्ल हमारी बाते सुनकर हसने लगी।और वो अन्दर चली गई।
प्रिया - क्या भैय्या वो सामने थी इसका तो खयाल करो।
तभी सेल्स गर्ल अपने हाथ मे अप्सरा लिन्गेरिज लिखा हुवा बाॅक्स लाया था।उसमे 34' लिखे हुए 50 से ज्यादा ब्रा और 90 cm की अलग अलग कलर की निकर्स थी।मैने खुद ही चार कलर्स सेलेक्ट किए व्हाइट, ब्लॅक ,लाइट पिन्क, लाइट ग्रिन के ब्रा और निकर काॅम्बो ले लिए।अब हमारा सारा सान काउन्टर पे पहुच चुका था।मैने उसी माॅल मे 2 चेन के बडे बॅग्स लिऐ।दोनो की किमत हजार हजार रुपये थी।साथ मे चायनिज लाॅक्स भी थी।हमारा बिल 6000 रुपये हो गया ।मैने अपना एटीएम निकालकर पे कर दिया जिस वजह से प्रिया पे  मस्त इम्प्रेशन पड गया।हम दोनो ने कपडे  बॅग के अन्दर रखे और दूसरी बॅग भी फोल्ड करकर ऊसमे रख दीई।हम दोनो वहा से बाहर आए और एक काॅस्मेटीक्स की दुकान मे घुस गए।वहा पर प्रिया ने दो तरह की चुडीया और नेलपेन्ट बिन्दीयो के पॅकेट्स और न जाने क्या क्या खरीद  लिया उसका बिल भी हजार रुपये हो गया।फिर हम उस शाॅपिन्ग काॅम्प्लेक्स से बाहर आए और बाइक के पास चले गए।मैने बॅग प्रिया के हाथ मे दिई और बाइक के पास गया ।बाइक स्टार्ट करके वापस प्रिया के पास आगया ।वो बैठगइ।मैने उससे पुछा की ।
मै - खुश हो ना ।
प्रिया - हा।बहुत।
मैने बाइक मेन रोड पर लाइ और बडी तेज स्पिड से दौडाइ ।हम बाजार के उस ओर करीब 2 किमी चले गए वहा पर एक गली से मैने बाइक अन्दर घूसाइ ।और हम एक बडे बिल्डीन्ग के पास पहुच गए ।मैने प्रिया को बाइक से उतरने को कहा और बाइक स्टॅन्ड पर लगा दी।मैने उसके हाथ से बॅग लिया और उसे अपने पिछे आने को कहा।हम दोनो बिल्डीन्ग की सिडीया चढकर 4 th फ्लोर पर पहुच गए ।सामने वाले फ्लॅट की डोर बेल मैने बजाइ ।प्रिया दरवाजे के सामने लगा बोर्ड पढ रही थी। सना ब्युटी पार्लर , pro.pra. सना वसीम। फ्लॅट का डोर खुला और सना मॅम बाहर आ गइ ।उनकी ऊम्र 55-60 लग रही थी ।वो हम दोनो को अन्दर ले गइ।और हम अन्दर जाकर सोफे पे बैठ गए।सना मॅम ने पानी लाया और पूछा की 
सना मॅम- क्या करना है।
मै- जि ब्रायडल ब्यूटी ट्रिटमेन्ट करनी है।
सना मॅम समझ गइ ।वो प्रिया को अपने साथ ले गइ और रूम का दरवाजा बन्द हो गया  ।वो  समझे भी क्यो ना।मैने आज तक खूद जिस भी लडकी को पटाया था यहा आकर पहले चकाचक करके बाद मे चूदवाया था।सना मॅम भी जानती थी।उन्हे हर दो महीने मे कस्टमर जो मै देता था।मतलब हर दो महीने मे नई लडकी नही पटाता था।पटाई हूई को ही हर दो मन्थ मे यहा लाकर चकाचक रखता था जैसे कोई गाडी  की केअर करता हो।मुझे याद है जब मे लास्ट ईयर काॅलेज मे था।तब मैने फर्स्ट इयर की टाॅपर लडकी को पटाकर पहली बार यहा पर ही लाया था।लगभग 2 घन्टे बाद प्रिया चमचमाते हूए बाहर आई ।ऊसके रिएईअशन से लग रहा था की वो काफी रिलॅक्स हो गइ हो।सना मॅम भी बाहर आइ।मैने उन्हे बिना कुछ बोले 500 के दो नोट दिए।तो वो मूझसे बोली की
सना मॅम- योगेश  अन्दर आकर छुट्टा ले जाओ।
मै- जी  
और मै उनके पिछे अन्दर गया ।अन्दर जाते ही ऊन्होने अपने पर्स से 400 रूपये निकाले और देते समय बोली।
सना मॅम- किधर से हाथ लगा ये पटाखा।तूने आजतक जितनी लडकीया लाई थी ऊसमे सबसे हाॅट है ये ।फिगर और स्किन कलर क्या मस्त है।
मै- यही गाव मे पटी।
सना मॅम - फुल बाॅडी वॅक्सीन्ग की है ।समझो  निचे भी कूछ नही रखा है।
मै- आप के हाथो मे तो जादु है।मॅम अभी ऊसे घर भी छोडना है ।चलते है हम ।
सना मॅम - ठिक है ।
मै बाहर आगया  प्रिया पहले से ज्यादा निखर चूकी थी।मैने बॅग पकडी और हम दोनो सिडीया ऊतरकर बाइक के पास आ गए।मैने बाइक स्टार्ट की और प्रिया को बिठा लिया बिच मे बॅग रखकर हम दोनो घर की तरफ निकल पडे।20-25 मिनट बाद घर पहूच गए ।मा हमारा वेट कर रही थी।प्रिया बाइक से उतरी ।मैने बाइक स्टॅन्ड पर लगाइ।और हम दोनो अन्दर गए।मा ने प्रिया को देखा और वो समझ गइ की वो ब्युटी पार्लर जाकर आइ है।उसने कुछ बोला नही हम अन्दर गए।मै सुबह से नहाया नही था ।मैने कपडे चेन्ज किए और नहाने चला गया।थोडी देर बाद वापस आया तो प्रिया और मा हाॅले बैठकर बाते कर रहे थे।
प्रिया- कपडे लिए ,और बॅग्स लिए।
मा- तो ब्युटी पार्लर जाने की क्या जरुरत थी।
प्रिया मेरी ओर देखकर चुप रही।मैने उसे आखो से इशारा किया की चुप रहो।
मा- देख तुझे पहले ही कहती हु ।दो महीने पहले क्या हुवा था याद है ना।
मै चुपचाप सुनता रहा।मुझे कुछ समझ नही रहा था की दो महीने पहले क्या हुवा था।
मा- फिर से कुछ सुनाइ दिया तो टान्गे तोड दुन्गी।
मुझे लगा की मैने प्रिया को पकडा था वो बात तो नही हो रही।मै अपने रूम मे गया ।वो दोनो थोडी देर बहस करने के बाद चुप हो गइ।मा ने तिनो का खाना लगाया।प्रिया और मा एक दुसरे से बात नही कर रही थी और मै उनके झगडे का मजा ले रहा था।खाना खाने के बाद मै अपने रुम मे आकर  सो गया।
      भैय्या उठो ना।कितनी देर सोते रहते हो।देखो मा खेत पर भी चली गई।कल ही बोल रहे थे की हम गर्लफ्रेन्ड बाॅयफ्रेन्ड है आज से।कोइ घर पे ना हो तो बाॅयफ्रेन्ड गर्लफ्रेन्ड को अकेला रखकर सोता है क्या ।भैय्या ।भैय्या।आवाज से मेरी निन्द खुल गई मैने आखे खोली तो प्रिया मुझे हीला हीला कर उठा रही थी।मैने आखे मलकर खुदको जगाया 
मै- आख लग गई।
प्रिया - मा खेत मे चली गई।
मै - तो क्या हुवा ।अभी अभी झगड कर गई है तेरे से ।की ब्युटी पार्लर क्यो गई।और दो महीने पहले क्या किया था तुने।
प्रिया - कुछ नही वो ऐसे ही बडबडाती है।बिमार पडी थी मै ।दो महीने पहले।
मै - ओ।तुमने कपडे ट्राय करके देखे क्या ।
प्रिया - नही ।
मै - चलो पहन के देखो और मुझे भी दिखाओ मेरी रानी नाराज लगे तो मुझे अच्छा नही लगता।
प्रिया - इतना प्यार करते है मुझसे।
मै- ईससै भी ज्यादा।
प्रिया - आप यही रुको मै पहन कर आई।
और वो अपने रुम मे चली गई।और 4-5 मिनट मे एक रेड कलर का टाॅप और ब्लॅक लेगिन्गस पहनकर आगई।इन कपडो मे पुरी बाॅडी का शेप जाहीर हो रहा था।और किसी आयटम डान्सर की तरह लग रही थी प्रिया ।मै वाव बोला तो वो खुश हो गई।थोडी देर मे उसने बारी बारी से और दो टाॅप्स और लेगीन्गस पहनकर आके दिखाई ।वो फिर से अपने रुम मे गई।और इस बार वही पिन्क टिशर्ट और लाइट ब्ल्यु जिन्स पहनकर आगई ।मेरा तो मु खुला रह गया।प्रिया बिलकुल मिया खलिफा लग रही थी इन कपडो मे ।फर्क इतना था की मिया खलिफा सावली है ये तो गोरी है  ।प्रिया हस रही थी ।उसे पता था की ईस ड्रेस मे उसका क्या क्या दिख रहा है।मैने उसे अपने पास बुलाया ।तो वो कमर लचकाते हुए मेरी ओर आ गई।मैने उसका हाथ पकडा और कहा ।
मै- अगर ये कपडे पहन कर रात को किसी शहर मे घुमोगी तो सभी आ आ कर तुझे पुछेन्गे कितने लोगी।
प्रिया -( हसते हुए) भैय्या आप भी ना।
[ point- किसी भी लडकी को तब तक पटाना आसान है जब तक उसके आखोपर जवानी की धुन्द हो।वैसे तो किसी भी औरत की तारीफ करने पर वह पटने का चान्स होता है।फिर भी 9th  से लेकर 12 th  तक की किसी भी लडकी की तारीफ करोगे तो वह पट ही जाएगी समझो]
मैने उसे पकडा और अपनी गोद मे बिठा लिया ।पहली बार मैने अपनी बहन को अपने गोद मे लिया था । हम दोनो एक दुसरे की आखो मे देख रहे थे।मस्त एक्सपेरीअन्स था लाइफ का यह।   उसका फेस मेरी तरफ था ।उसके रसीले होन्ठ मुझे अपनी ओर बुला रहे थे ।मै मन मे उसे कह रहा था तुने मुझे एक थप्पड मारा था पर मै तुझसे उसकी एसी किमत वसुलुन्गा की हमेशा याद रखोगी ।ना अगर तुझे अपनी रान्ड बनाकर अपने दोस्तो से चुदवाया तो मेरा नाम योगेश नही। मै उसे किस करने जा ही रहा था की बाहर से मा ने प्रिया को आवाज लगाइ ।इन कपडो मे तो वो बाहर जा नहि सकती थी ।प्रिया तो मा का आवाज सुनकर ही रूम मे भाग गई ।मै बाहर गया ।बाहर मा ने छिले हुए नारीयल बोरी भरकर सिर पे लेकर लाए थे ।मैने मा को हाथ लगाया और वो बोरी खुद उठाकर अन्दर लाकर रख दी।तब तक प्रिया चेन्ज कर के अपने पुराने कपडे पहनकर आ गइ थी।मैने मा से कहा की
मै- मुझे अब शहर जाना चाहीए ।अब 5 बज चुके है 6 बजे यहासे छुटता हु।
मा - ठिक है ।अभी एक घन्टा है ना ।तुम्हे रात के लिए कुछ बना के देती हु।
मा और प्रिया किचन मे गए और कुछ जल्दी जल्दी करने लगी।  मा ने जल्दी जल्दी मूझे पराठे बनाकर दिए ।प्रिया की हेल्प से ही ।दोनो किचन मे पराठे बना रही थी।मैने कपडे पहन लिए और मा के हाथ का एक पराठा और प्रिया कि हाथ का चाय लिया और हाॅल मे बैठकर मजे से खाया ।लगभग 6 बजे थे ।मा अपने हाथ मे पराठो का डिब्बा लेकर आई।प्रिया भी साथ मे थी ।प्रिया ने मुझे फिर एक बार याद दिलाया की मंगलवार को मुझे घर आना है ।मै दोनो को बाय कहके वहा से शहर कि ओर निकल पडा।रात को 10 बजे रूम पर पहुचने के बाद पहले मैने साफ  सफाई की ।और बाद मे मा ने दिए हुए पराठे घी के साथ खाकर सोने की तैय्यारी करने लगा।तभी दरवाजा खुला और सन्जीव अन्दर आ गया ।वो मुझे देखकर बडा खुश हुवा जैसे उसे अपनी अचीवमेन्ट मुझे बतानी हो।
मै- पहले हाथ पैर धोकर कपडे बदलकर आ।उसके सिवा मै तुझे बेड पर नही लेने वाला।
वो कपडे चेन्ज करने के बाद बाथरुम जाकर हाथ पैर धोकर आगया ।
मै - अब बता आज क्या हुवा।
सन्जीव- आज जो हुवा उसमे क्या नही था ।उसमे थ्रिलिन्ग थी ।एक्साइटमेन्ट थी।मजा मस्ती और क्या क्या कहु।
मै - ऐसा क्या होगया आज ।तेरी बहन ने तेरी लन्ड को करन्ट तो नही लगा दिया कही ।
और मै हसने लगा।
सन्जीव- उससे भी अच्छा था।आज हमने पहली बार पब्लीक सेक्स किया ।
मै - क्या ।मैने तो फाॅरेन के विडीयोज मे देखा है पब्लिक सेक्स।
सन्जीव- मैने तुझे कहा था ना ।मेरी बहन लता को मैने पिछली बार टाॅपलेस किया था थिएटर मे ।वैसे ही हमने फुल न्युड होकर सेक्स किया आज।
मै- कुछ भी फेक मत।
सन्जिव - सच मे आज भी अडल्ट मुवी को ही गए थे ।ज्यादा क्राउड नही था थाएटर मे तो कर दिया पिछे की सिट पर ।
मै- ओ ।ऐसे किया क्या।
सन्जीव- हमारे सामने 40-50 मेन्स वुमेन्स थे ।कोई भी अगर उठकर पिछे आता तो हमे पकड सकता था ।पर लगभग दो बार पन्धरा पन्धरा मिनट मैने लता को चोदा ।सिर्फ चोदा ही नही ।कामसुत्र के 5-6 पोझेस करके भी ठोका ।बहुत मजा आया ।
मै - तु तो नसीबवाला है की तुझे एसी बहने मिली है।
सन्जिव- थोडे दिन मे तु भी नसीबवाला बन जाएगा।
मै - तेरे मु मे घी शक्कर ।
बाद मे हम दोनो कल के बारे मे प्लॅनिन्ग करते हुए सो गए।अगले दिन सोमवार था  ।वो मेरा आज तक का बहुत बिझी दिन था।मंगलवार भी वैसे ही गुजरा ।पर शाम को मुझे घर जाना था ।काम तो बहुत था पर मै वो कीसी दुसरे ऑफीसर पे डालकर शाम को 5 बजे घर की तरफ निकल पडा।रात को 9 बजे घर पहुचा प्रिया और मा तो मेरा वेट ही कर रही थी।मै फ्रेश होकर आया ।मा ने खाना लगाया हुवा था ।तिनो ने खाना खाया ।मै थोडी देर टिवी के सामने बैठा।मा और प्रिया किचन का काम निपटाकर हाॅल मे आ गइ।मा बोली 
मा - प्रिया कल सुबह जाना है।तो आज ही तैय्यारी करके रखो ।सर्टीफीकेट्स आदी और कपडो को पूरेस भी कर दो ।मै सोने जा रही हु।भैय्या से पुछ कर करो जो करना है  ।
और मा अपने रूम मे चली गई ।उनके रूम की लाइट ऑफ हो गई और फॅन का भी जोरदार आवाज आने लगा।प्रिया अपने रुम मे जाकर ।सर्टीफीकेट्स और झेराॅक्स लेकर आइ ।मैने प्राॅस्पेक्टस पढ कर ऊसे बताया की कौन कौन से कागज चाहिए ।वह काम होने के बाद उसने अपना बॅग भरकर रखा ।और एक चुरीदार को प्रेस कर के रख दिया।मैने टिवी बन्द किया  और लाइट बन्द करके अपने रूम मे आगया  ।मै बेडपर लेटा ही था की प्रिया दरवाजा धिरे से ढकेल कर अन्दर आ गई।
To be continued
 
Back
Top