दिवाली का मजा आंटी ने दिया - SexBaba
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दिवाली का मजा आंटी ने दिया

desiaks

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Aug 28, 2015
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हेल्लो दोस्तों, मेरा नाम राहुल है और में मुंबई में रहता हूँ। मेरी उम्र 23 साल है और मुझे सेक्स कहानी पढ़ने का बहुत शौक है। ये कहानी मेरे जीवन की घटी हुई है और दीवाली नजदीक आ रही थी उसी वक़्त मेरे रिश्तेदार की आंटी उनके बेटे के साथ आई थी, उनका बेटा मुझसे दो साल छोटा था इसलिए हम दोनों काफ़ी अच्छे से खेलते थे। मेरी आंटी स्कूल में टीचर है, वो बहुत साधारण लगती थी, लेकिन उनकी गांड भरी हुई थी और चूचीयाँ भी बड़ी-बड़ी और भरी हुई थी। में छोटा होने के कारण उन्हें बहुत बार बाहों में भर लेता था और वो भी मुझे अपनी बाहों में ले लेती थी। ऐसे ही दो तीन दिन बीत गये। अब वो घर वापस जाने वाली थी, लेकिन उनका बेटा घर वापस जाने के लिए मना कर रहा था, मेरी आंटी के पति दिल्ली में जॉब करने के कारण कई साल घर से दूर ही रहते थे। अब तो मेरी आंटी अपने बेटे की वजह से वापस नहीं जा पा रही थी इसलिए उन्होंने मुझे उनके साथ घर चलने को कहा और दीवाली की छुट्टियां होने की वजह से मैंने भी हाँ कर दिया, वो ब्लॉक में रहती थी।
अब हम तीनों आंटी, में और उनका बेटा उनके घर वापस आ गये थे और बहुत दिन से घर बंद होने की वजह घर में बहुत कचरा जमा हो गया था। तो आंटी ने कहा कि राहुल तुम दोनों बेड पर ही बैठो। में थोड़ी देर में ही सफाई कर लेती हूँ, तो मैंने उनकी बातों में हाँ मिला दी। उनका घर काफ़ी बड़ा था। यात्रा की थकान की वजह से उनका बेटा घर पर आते ही बेड पर सो गया। अब आंटी साड़ी में थी और वो कपड़े चेंज करने के लिए उनके बेडरूम में गाउन लेकर जा रही थी। फिर थोड़ी देर के बाद उन्होंने ज़ोर से मुझे आवाज़ दी, में भाग कर उनके कमरे में चला गया और देखा तो आंटी टावल लपेटकर खड़ी थी और ज़ोर से चिल्लाई कि राहुल वो देख चूहा है। वो आधी नंगी खड़ी थी और भाग कर मेरे पीछे आकर खड़ी हो गयी, मेरा तो लंड खड़ा हो गया था और भागते वक़्त उनका टावल भी गिर गया था और मैंने उसे पूरा नंगा देख लिया था।
अब वो चूहे के डर से मेरे पीछे खड़ी थी, मैंने रूम की खिड़की खोल कर चूहे को भगा दिया। अब आंटी काफ़ी रिलेक्स हो गयी और फिर मैंने आंटी को देखा तो वो पूरी पसीने से भीगी हुई थी, उनका टावल शॉर्ट होने की वजह से वो अपनी गांड और चूचीयों को ठीक से छुपा नहीं सकी तो मैंने उन्हें एक बार देख लिया था और फिर में हॉल में आकर बैठ गया। फिर कुछ ही वक़्त में आंटी गाउन पहनकर आ गयी। अब वो मुझसे नज़रे नहीं मिला रही थी। फिर उन्होंने सफाई करना शुरू कर दिया था और जैसे ही वो सफाई करने नीचे झुकती तो मुझे आंटी की चूचीयां नज़र आ रही थी उनकी चूचीयों को देखकर में समझ गया कि उन्होंने ब्रा नहीं पहनी थी और मेरा लंड बहुत उत्तेजित हो गया था।
अब वो पीछे मूड जाती तो उनकी गांड का छेद भी मुझे दिख जाता था मुझसे कंट्रोल नहीं हो रहा था तो में तुरंत बाथरूम में जाकर मुठ मार रहा था। मेरे लंड को सहलाते सहलाते मैंने जब ऊपर देखा तो वहां आंटी की अंडरवेयर और ब्रा थी। फिर में एक हाथ में आंटी की ब्रा लेकर मेरे लंड पर रगड़ रहा था और दूसरे हाथ में उनकी अंडरवेयर को पकड़कर खुशबु ले रहा था और मैंने काफ़ी वक़्त मूठ मार ली थी तो फिर मैंने उनकी अंडरवियर और ब्रा पहले जैसे ही रखकर बाहर आ गया और देखा तो आंटी अब नीचे बैठकर झाड़ू पोछा कर रही थी। फिर में बेड पर जाकर उनके बेटे के साथ सो गया, थोड़ी देर के बाद हम सो कर उठ गये तो घर पूरा साफ हो गया था और अब घर काफ़ी अच्छा लग रहा था। फिर हम दोनों यानि में और आंटी का बेटा जैसे ही उठ गये तो आंटी हमारे पास आई और हम दोनों को बाहों में लेकर कहा कि नाश्ता तैयार हो गया है, पहले खा लेना और बाद में तुम्हें जो खेलना है खेल लेना। फिर हम दोनों ने तुरंत नाश्ता कर लिया और क्रिकेट खेलने लगे। दोस्तों ये कहानी आप चोदन डॉट कॉम पर पड़ रहे है।
अब रात हो चुकी थी और बहुत नींद आ रही थी तो फिर हम खाना ख़ाकर सो गये और आंटी हॉल के सोफे पर सो गयी और में और आंटी का बेटा बेडरूम में सो गये। में गहरी नींद में था और रात के करीब 2 बजे होगे तो मुझे नींद में कुछ अजीब ही महसूस हो रहा था, मुझे मेरा लंड खड़ा हुआ सा लग रहा था और किसी ने मेरे लंड को पकड़ा हुआ सा लग रहा था। तो फिर मेरी नींद खुल गयी और मैंने धीरे से ही आँख खोलकर देखा तो आंटी मेरा लंड मुँह में लेकर हल्के-हल्के से चूस रही थी। में तो जन्नत में जा रहा था। फिर अब आंटी ज़ोर-जोर से मेरे लंड को चूस कर आगे-पीछे कर रही थी तो में बहुत उत्तेजित हो रहा था, लेकिन मैंने आँखे नहीं खोली तो आंटी को लग रहा था कि में नींद में हूँ, लेकिन में तो जन्नत में जा रहा था। फिर मैंने धीरे से ही देखा तो आंटी पूरी नंगी थी, लेकिन में उनको पूरा नहीं देख पा रहा था। अब तो आंटी को नंगा देखते ही मेरा कंट्रोल छूट गया और आंटी ने ज़ोर-ज़ोर से लंड को चूसना शुरू कर दिया था और फिर में आंटी के मुँह में ही झड़ गया। मैंने धीरे से देखा तो आंटी ने मेरा पूरा वीर्य पी लिया था। अब वो मेरे लंड को किस करते हुए उठ गयी और पीछे मुड़कर चली गई ।।
धन्यवाद …
 
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