Ranu
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- Dec 28, 2019
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[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]मुझे भी मज़ा आ जाता है जब बस मे दीदी के पीछे कोई लंड सता देता है। कल मेरे घर एक बढई मिस्तरीआया था जो घर के बगल।मे ही रहता है दीदी को घुरता भी है मुझे तो लगा दीदी को चोदने ही आया है मैभी ध्यान दे रहा था कुछ देखने मील जाए पर दीदी लगता है समझ गयी सीर्फ चुची दबावाई रुम से बाहर नीकलने पर चेहरा लाल हो गया था दीदी का।[/font]
[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif][/quote][/font]
[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]अब आज जो बढई मिस्तिरी ने दीदी के दरवाजे को ठीक कर दीदी की चुची दबाई थी वह दीदी को चोदने के चक्कर मे लगा थाउसका नाम डब्बु है उसने मुझे अपने दुकान बुलाया और पुछा दरवाजा सही काम कर रहा है तो मैने कहाँ नही तो उसने कहा चलो देख लू फिर मे सीधा दीदी के रूम के पास ले आया और दीदी को आवाज लगायि तो दीदी बाहर आयि और पुछा क्या है तो मैने कहा डब्बु जी दरवाजा चेक करने आए है तो दीदी ने कहा दरवाजा तो ठीक है इसपर डब्बु ने मेरी ओर देखा और बोला उस दिन गेट मे पेच जल्दी मे सही से कस नही पाया था और दीदी की चुचीयों को घुरने लगा दीदी भी शायद चुदना चाहती थी। और मुझे दीदी को चोदने मे शायद डब्बु मदद करे। डब्बु जो शायद समझ गया की मे दीदी कि सेटीगं मे उसकी मदद कर रहाँ हुं।मुझे खुसी से आंख मारते हुऐ कहा भाई जरा मेरे दुकान से औजार ले आओ तो मे तुम्हारी दीदी के दरवाजे सही कर देता हुं। उसकी दुअर्थी बाते सुन दीदी और मे दोनो खुस हो गये। मैने कहा कंहा रखा है तो उसने फिर आंख मारी और कहा दुकान मे मिल जायेगा। फिर मे जल्दी से घर से नीकला। अब डब्बु दीदी के सा थ अकेले था मे भी थोरी देर बाद घर मे गया और दीदी के रूम के पास जो छेद मैने कीया है जीससे मैने दीदी को मामा और उनके दोस्तो का लंड अपने बुर मे लेते देखता था। उंहा से देखने लगा अंदर दीदी सिर्फ पैंट उतार कर चुदा रही थी। सुबह सुबह दीदी की चुदाई देख मुड़ बन गया। मुठ मारने लगा जब माल झरा तब होस आया।फिर जल्दी से अपना माल पोछ के दीदी का गेट खटखटाया तो डब्बु अपना पैट ठीक करते बाहर नीकला और कहाँ आज तुमहारी दीदी की गेट टाईट कर दी है मैने तब दीदी पीछे से आयि मैने देखा उनका पैट मे बुर के पास गीला हुआ है [/font]
[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]और बोली हां डब्बु जी ने बहुत मेहनत कीया दरवाजा बनाने मे। फिर डब्बु ने कहा रानु मेरे दुकान पर औजार नही मिला क्या आंख मारकर मैने कहा कोई लेक गये थे मैने वेट कीया फिर वे नही आये तो मे चला आया।पर आप तो दीदी के गेट को टाईट अच्छे से कर दीये बीना औजार के तो उसने कहा तुमहारी दीदी के पास बहुत टाईट औजार है अब तो मै तुमहारी दीदी से ही ले लुंगा।और दीदी की ओर देखक मुस्कराया ईसपर दीदी भी हसी और कहा रानु डब्बु जी बहुत अच्छे गेट टाईट कर दीये।मे अब डब्बु जी से ही काम करवाउंगी। इसपे डब्बु ने कहा मेरे दोस्त भी तुमहारी गेट के बारे मे बारे मे बोलते है कि इसका गेट बहुत टाइट होगा तुमने तो सुना होगा ही ( डब्बु और इसके दोस्त सब दीदी की गाड़ पर बहुत कामेंट करते है दीदी ने भी सुना है) इसप र दीदी ने आपने तो टाईट कीया है सबको बता दीजीये की गेट टाईट है।ईधर दीदी की बाते सुन कर मेरा लं ड टाईट हो रहा था। फि मैने कहा अब जब गेट ठीक हो गया है तो चला जाये इसपर डब्बू जी ने कहा पर गेट जादा टाईट रहेगा तो पेंच उखर सकता है तो दीदी ने कहाँ तो ढीला कर दीजीऐ(दोनो भी चुदाई करना चाह रहे थे) तब मैने कहाँ बारबार खुलेगा तो ढीला हो जायेगा। तो फिर डब्बु ने कहा ठीक है पर मेरे दोस्त सब मिलकर एकदीन मे गेट ढीला कर सकते है तो दीदी ने जो कहाँ चौका देने वाली बात थी।उसने कहा की हां मैने देखा है आपके दोस्तो को उन सब के साथ गेट ढीला करवादे सब साथ करे तो ठीक है मे दीदी की बाते सुन हैरान हो गया क्युकी दीदी तो सब सेअपना बुर चोदना चाह रही है और डब्बु के एक दोस्त राजु को मैने देखा है वह दीदी की चुची गाड़ को देख कर बहु गंदी बाते करता है खुद छह फीट का है और दीदी पर चढ़ेगा तो दीदी कुतिया की तरह कीकीया जाऐगी फीर भी दीदी कैसे यह कह रही है समझ मे नहीँ रहा था।तभी डब्बु बोला कहो तो राजु को ढी करने बोलु मे तो दीदी ने कहा हां वो भी ठीक रहेगा।अब मेरा दीमाग खराब होनेलगा कंहाँ डब्बू से दीदी की सेटीं ग कराके डब्बू स दोस्ती करके मे दीदी को खाता या जैसे मामा अपने दोस्तो के सा थ दीदी को खाते है वैसा ही हमलोग भी करते।पर यंहा तो डब्बु जी अपने दोस्त के साथ दीदी को खाना चाह रहे है।[/font]
[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]तभी मे डब्बू जी को आंख मारा और कहा अब चला जाये। तो डब्बु ने कहा हाँ अब चलते है और दीदी से मोबाईल नं मांगा मैने कहा मे देदेता हुं आप चलीऐ।वह कंहा हां चलो फिर हम जैसे ही उघर से बाहर नीकले डब्बु ने धीरे से कहा बहुत गर्म बुर था और मुझे पकङ कर थैकंस कहा मैने कहा ये कंयु तो उसने कहा भाई तुझे सब पता है आज की रात मेरे तरफ से पार्टी जीसमें बस मे और तू रंहेगे। बहु मज़ा आ भाई तेरी दीदी की लेके बहुत गर्म है तेरी दीदीदी। मै झुठ का चौकते हुऐ क्या मैं समझा नही तब उसने कहा की जब मै तेरे घर गया तो गेट तो सही काम कर रहाँ था और तेरी दीदी ने भी वही कहाँ पर तु मेरे आंख मारने पर दुकान गया और लेट से आया जबकी दुकान बंद थी। तब मे समझ गया की तू अपनी दीदी को चोदवाना चाहता था पर अब ये बताओ की तेरी दीदी की ये चक्कर था या तेरा।[/font]
[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]तब मैने हकलाते हुए कहा नही दीदी को कुछ पता नहीँ था ईसके बारे में वो मै ही दीदी को देखना चाहता था । उस दिन जब आप दरवाजा ठीक कर दीदी की चुची दबा रहे थे तो मैने देखलीया था। पर मेरे होने के वजह से आप कुछ कर ही नहीँ रहे थे। और जब आज आपने बुलाया तो मेरे घर मे कोई था भी नहीँ और मैने सोचा दीदी क्या करती है ये भी पता चल जायगा फीर मै सही नीकला दीदी ने आपसे भी चुदा लीया।[/font]
[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]पर आप ये बात प्लीज कीसी को मत कहीयेगा प्लीज। डब्बू ने कहा हां यार मै कंयो कंहुगा पर तेरी दीदी तो बहुत गर्म है मेरे दोस्तो से खुद पेलवानाचाहती है और ये बात दीदी आपसे भी चुद गयी क्या मतलब तूने भी चोदा है अपनी दीदी को? मैने कहा कंहाऐसी मेरी किस्मत मै दीदी के बुर में अपना लंड डाल सकु। मै तो आपको ईसलीए लेक गया था की आप जब चोद लेंगे तब आप से दोस्ती बढा कर मे अपनी बात करता।[/font]
[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]डब्बु ने हँस कर कहा ये कैसे होगा तु कैसे अपनी दीदी की बुर लेगा तुझे शर्म नही आती ऐसी बाते करते [/font]
[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]तब मैने कहाँ जब दीदी के साथ जब मे ईधर से गुजरता तब आप लोग जब दीदी की गांड चुची को देख कर दीदी को कहते थे ये तो पुरा लंड खा जायगी लगता है भाई के साथ सोती है भाई ही चोदता होगा बहुत गर्म जवानी है तब तो कुछ नहीँ दीदी कहती थी।अब आपसे दोस्ती कर लेता हुं और दीदी ने तो कहा भी है आपके दोस्तो के साथ गेट ढीला करवाने को कंयो सही कहा ना ।हाहाहा[/font]
[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]चोद के कैसा लगा दीदी का बुर ये बताईऐ मजेदार था? मैने ही आपका काम बनाया।[/font]
[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]डब्बु ने कहा मान गया भाई तुझे तू सच मे अपनी बहन को खा लेगा पर ये बता तेरी दीदी पहले किस से चुदा रही थी [/font]
[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]अब सब बात रात की पार्टी में।अब दीदी की चुची नाप लू बढा या नही। बाय [/font]
[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]घर मे घुसा तो दीदी दफा 302 नाम की किताब जीसमे उतेजक कहानी रहटी है वह पढ रही थी बीस्तर पर लेट कर।मुझे देख कर कहा था अबतक तब मैने कहाँ डब्बु जी के साथ था[/font]
[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]दीदी ने कहा कोई काम था क्या तो मैने कहा नहीँ वह तुमहारी बहुत तारीफ कर रहे थे बोले की तुमहारीदीदी का दील बहुत बरा है बहुत अच्छे से औजार रखी हैएकदाम साफ चिकना है[/font]
[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]मेरा मन खुस हो गया तुमहारी दीदी के गेट टाईट करके इतने अच्छे से मेरा औजार पकरे थी की क्या कहु। मेरे दोस्त सब भी तुमहारी दीदी का गेट ढीला करेंगे अब।[/font]
[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]दीदी भी ख़ुश होते हुए कहने लगी हां भाई ठंड मे मेरे दरवाजे से बहु हवा आती थी आज डब्बु जी ने ज्यादा ही टाईट कर दीया है अब अपने दोस्तो को साथ मेरा गेट ढीला करदे बस।[/font]
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[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]अब आज जो बढई मिस्तिरी ने दीदी के दरवाजे को ठीक कर दीदी की चुची दबाई थी वह दीदी को चोदने के चक्कर मे लगा थाउसका नाम डब्बु है उसने मुझे अपने दुकान बुलाया और पुछा दरवाजा सही काम कर रहा है तो मैने कहाँ नही तो उसने कहा चलो देख लू फिर मे सीधा दीदी के रूम के पास ले आया और दीदी को आवाज लगायि तो दीदी बाहर आयि और पुछा क्या है तो मैने कहा डब्बु जी दरवाजा चेक करने आए है तो दीदी ने कहा दरवाजा तो ठीक है इसपर डब्बु ने मेरी ओर देखा और बोला उस दिन गेट मे पेच जल्दी मे सही से कस नही पाया था और दीदी की चुचीयों को घुरने लगा दीदी भी शायद चुदना चाहती थी। और मुझे दीदी को चोदने मे शायद डब्बु मदद करे। डब्बु जो शायद समझ गया की मे दीदी कि सेटीगं मे उसकी मदद कर रहाँ हुं।मुझे खुसी से आंख मारते हुऐ कहा भाई जरा मेरे दुकान से औजार ले आओ तो मे तुम्हारी दीदी के दरवाजे सही कर देता हुं। उसकी दुअर्थी बाते सुन दीदी और मे दोनो खुस हो गये। मैने कहा कंहा रखा है तो उसने फिर आंख मारी और कहा दुकान मे मिल जायेगा। फिर मे जल्दी से घर से नीकला। अब डब्बु दीदी के सा थ अकेले था मे भी थोरी देर बाद घर मे गया और दीदी के रूम के पास जो छेद मैने कीया है जीससे मैने दीदी को मामा और उनके दोस्तो का लंड अपने बुर मे लेते देखता था। उंहा से देखने लगा अंदर दीदी सिर्फ पैंट उतार कर चुदा रही थी। सुबह सुबह दीदी की चुदाई देख मुड़ बन गया। मुठ मारने लगा जब माल झरा तब होस आया।फिर जल्दी से अपना माल पोछ के दीदी का गेट खटखटाया तो डब्बु अपना पैट ठीक करते बाहर नीकला और कहाँ आज तुमहारी दीदी की गेट टाईट कर दी है मैने तब दीदी पीछे से आयि मैने देखा उनका पैट मे बुर के पास गीला हुआ है [/font]
[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]और बोली हां डब्बु जी ने बहुत मेहनत कीया दरवाजा बनाने मे। फिर डब्बु ने कहा रानु मेरे दुकान पर औजार नही मिला क्या आंख मारकर मैने कहा कोई लेक गये थे मैने वेट कीया फिर वे नही आये तो मे चला आया।पर आप तो दीदी के गेट को टाईट अच्छे से कर दीये बीना औजार के तो उसने कहा तुमहारी दीदी के पास बहुत टाईट औजार है अब तो मै तुमहारी दीदी से ही ले लुंगा।और दीदी की ओर देखक मुस्कराया ईसपर दीदी भी हसी और कहा रानु डब्बु जी बहुत अच्छे गेट टाईट कर दीये।मे अब डब्बु जी से ही काम करवाउंगी। इसपे डब्बु ने कहा मेरे दोस्त भी तुमहारी गेट के बारे मे बारे मे बोलते है कि इसका गेट बहुत टाइट होगा तुमने तो सुना होगा ही ( डब्बु और इसके दोस्त सब दीदी की गाड़ पर बहुत कामेंट करते है दीदी ने भी सुना है) इसप र दीदी ने आपने तो टाईट कीया है सबको बता दीजीये की गेट टाईट है।ईधर दीदी की बाते सुन कर मेरा लं ड टाईट हो रहा था। फि मैने कहा अब जब गेट ठीक हो गया है तो चला जाये इसपर डब्बू जी ने कहा पर गेट जादा टाईट रहेगा तो पेंच उखर सकता है तो दीदी ने कहाँ तो ढीला कर दीजीऐ(दोनो भी चुदाई करना चाह रहे थे) तब मैने कहाँ बारबार खुलेगा तो ढीला हो जायेगा। तो फिर डब्बु ने कहा ठीक है पर मेरे दोस्त सब मिलकर एकदीन मे गेट ढीला कर सकते है तो दीदी ने जो कहाँ चौका देने वाली बात थी।उसने कहा की हां मैने देखा है आपके दोस्तो को उन सब के साथ गेट ढीला करवादे सब साथ करे तो ठीक है मे दीदी की बाते सुन हैरान हो गया क्युकी दीदी तो सब सेअपना बुर चोदना चाह रही है और डब्बु के एक दोस्त राजु को मैने देखा है वह दीदी की चुची गाड़ को देख कर बहु गंदी बाते करता है खुद छह फीट का है और दीदी पर चढ़ेगा तो दीदी कुतिया की तरह कीकीया जाऐगी फीर भी दीदी कैसे यह कह रही है समझ मे नहीँ रहा था।तभी डब्बु बोला कहो तो राजु को ढी करने बोलु मे तो दीदी ने कहा हां वो भी ठीक रहेगा।अब मेरा दीमाग खराब होनेलगा कंहाँ डब्बू से दीदी की सेटीं ग कराके डब्बू स दोस्ती करके मे दीदी को खाता या जैसे मामा अपने दोस्तो के सा थ दीदी को खाते है वैसा ही हमलोग भी करते।पर यंहा तो डब्बु जी अपने दोस्त के साथ दीदी को खाना चाह रहे है।[/font]
[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]तभी मे डब्बू जी को आंख मारा और कहा अब चला जाये। तो डब्बु ने कहा हाँ अब चलते है और दीदी से मोबाईल नं मांगा मैने कहा मे देदेता हुं आप चलीऐ।वह कंहा हां चलो फिर हम जैसे ही उघर से बाहर नीकले डब्बु ने धीरे से कहा बहुत गर्म बुर था और मुझे पकङ कर थैकंस कहा मैने कहा ये कंयु तो उसने कहा भाई तुझे सब पता है आज की रात मेरे तरफ से पार्टी जीसमें बस मे और तू रंहेगे। बहु मज़ा आ भाई तेरी दीदी की लेके बहुत गर्म है तेरी दीदीदी। मै झुठ का चौकते हुऐ क्या मैं समझा नही तब उसने कहा की जब मै तेरे घर गया तो गेट तो सही काम कर रहाँ था और तेरी दीदी ने भी वही कहाँ पर तु मेरे आंख मारने पर दुकान गया और लेट से आया जबकी दुकान बंद थी। तब मे समझ गया की तू अपनी दीदी को चोदवाना चाहता था पर अब ये बताओ की तेरी दीदी की ये चक्कर था या तेरा।[/font]
[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]तब मैने हकलाते हुए कहा नही दीदी को कुछ पता नहीँ था ईसके बारे में वो मै ही दीदी को देखना चाहता था । उस दिन जब आप दरवाजा ठीक कर दीदी की चुची दबा रहे थे तो मैने देखलीया था। पर मेरे होने के वजह से आप कुछ कर ही नहीँ रहे थे। और जब आज आपने बुलाया तो मेरे घर मे कोई था भी नहीँ और मैने सोचा दीदी क्या करती है ये भी पता चल जायगा फीर मै सही नीकला दीदी ने आपसे भी चुदा लीया।[/font]
[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]पर आप ये बात प्लीज कीसी को मत कहीयेगा प्लीज। डब्बू ने कहा हां यार मै कंयो कंहुगा पर तेरी दीदी तो बहुत गर्म है मेरे दोस्तो से खुद पेलवानाचाहती है और ये बात दीदी आपसे भी चुद गयी क्या मतलब तूने भी चोदा है अपनी दीदी को? मैने कहा कंहाऐसी मेरी किस्मत मै दीदी के बुर में अपना लंड डाल सकु। मै तो आपको ईसलीए लेक गया था की आप जब चोद लेंगे तब आप से दोस्ती बढा कर मे अपनी बात करता।[/font]
[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]डब्बु ने हँस कर कहा ये कैसे होगा तु कैसे अपनी दीदी की बुर लेगा तुझे शर्म नही आती ऐसी बाते करते [/font]
[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]तब मैने कहाँ जब दीदी के साथ जब मे ईधर से गुजरता तब आप लोग जब दीदी की गांड चुची को देख कर दीदी को कहते थे ये तो पुरा लंड खा जायगी लगता है भाई के साथ सोती है भाई ही चोदता होगा बहुत गर्म जवानी है तब तो कुछ नहीँ दीदी कहती थी।अब आपसे दोस्ती कर लेता हुं और दीदी ने तो कहा भी है आपके दोस्तो के साथ गेट ढीला करवाने को कंयो सही कहा ना ।हाहाहा[/font]
[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]चोद के कैसा लगा दीदी का बुर ये बताईऐ मजेदार था? मैने ही आपका काम बनाया।[/font]
[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]डब्बु ने कहा मान गया भाई तुझे तू सच मे अपनी बहन को खा लेगा पर ये बता तेरी दीदी पहले किस से चुदा रही थी [/font]
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[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]घर मे घुसा तो दीदी दफा 302 नाम की किताब जीसमे उतेजक कहानी रहटी है वह पढ रही थी बीस्तर पर लेट कर।मुझे देख कर कहा था अबतक तब मैने कहाँ डब्बु जी के साथ था[/font]
[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]दीदी ने कहा कोई काम था क्या तो मैने कहा नहीँ वह तुमहारी बहुत तारीफ कर रहे थे बोले की तुमहारीदीदी का दील बहुत बरा है बहुत अच्छे से औजार रखी हैएकदाम साफ चिकना है[/font]
[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]मेरा मन खुस हो गया तुमहारी दीदी के गेट टाईट करके इतने अच्छे से मेरा औजार पकरे थी की क्या कहु। मेरे दोस्त सब भी तुमहारी दीदी का गेट ढीला करेंगे अब।[/font]
[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]दीदी भी ख़ुश होते हुए कहने लगी हां भाई ठंड मे मेरे दरवाजे से बहु हवा आती थी आज डब्बु जी ने ज्यादा ही टाईट कर दीया है अब अपने दोस्तो को साथ मेरा गेट ढीला करदे बस।[/font]
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