hotaks444
New member
- Joined
- Nov 15, 2016
- Messages
- 54,521
नीलम रानी को बाथरूम में अच्छे से चोदने के बाद सामने की कुर्सी पर बिठा कर बड़ी मुश्किल से मैंने अपना दिमाग काम पर लगाया।
दो घंटे के बाद मेरी एक ज़रूरी मीटिंग थी।
तभी मुझे खयाल आया कि मीटिंग चलते हुए अगर नीलम रानी मेरे लिंग को चूसे तो क्या कहने।
तब मैंने काम छोड़ कर अपना सारा दिमाग यह सोचने पर खपाया कि इस असंभव से लगने वाले काम को संभव कैसे बनाया जाए।
मेरी ऑफ़िस-टेबल काफी बड़ी थी, मैंने हिसाब लगाया तो लगा कि नीलम रानी बड़े आराम से टेबल के नीचे घुस सकती है, वहाँ बैठ कर अगर वो लण्ड चूसती है तो कैसे किसी को कुछ पता चलेगा, दिखाई तो कुछ देगा नहीं, बस मुझे अपने मुँह और सांसों पर काबू रखना होगा।
खुश होकर मैंने ताली बजाई और एक किलकारी भरी।
नीलम रानी चौंक गई आवाज़ सुनकर- राजा… क्या हुआ? इतनी मस्ती क्यों छांट रहे हो? तुम्हारी नीयत में गड़बड़ लगती है मुझे तो !
‘अरे पूछ मत नीलम रानी… आज तो मेरी जान बस ऐसा आनन्द आएगा जिसका कोई हिसाब नहीं !’
‘पर राजे हुआ क्या? कुछ बोलोगे भी या खुद ही खुश होते रहोगे?’ नीलम रानी ने खीज के कहा।
‘सुन रानी… आज मेरी मीटिंग से पहले तू मेरी टेबल के नीचे घुस के बैठ जाना… मीटिंग चलती रहेगी और तू अपने प्यारे भोले को चूस चूस के प्यार करना। है ना कितने मज़े की बात… दो घंटे मीटिंग चलेगी। इतनी देर में दो बार तो तू मेरा चूस चूस के झाड़ ही सकती है।’
नीलम रानी ने खफा होने का नाटक किया हालांकि दिल ही दिल में वो खुश हो रही थी कि ऐसे नायाब ढंग से आज उसे लौड़ा पीने का मौक़ा मिलेगा।
थोड़ी देर नक़ली गुस्से से मेरी तरफ देखती रही, फिर बोली- तू साले बंदा है, क्या है? मुझे टेबल के नीचे बिठा कर लण्ड चुसवाएगा… फिर जब किलकारियाँ मारेगा, सी सी करेगा तो पता नहीं चलेगा उनको, दस लोग जो मीटिंग में आएंगे? मादरचोद अभी अभी दो बार झड़ चुका है। शाम को घर जाकर बीवी को कैसे चोदेगा अगर दो बार और झड़ गया। तू तो बहुत सीनियर अफसर है, पकड़े गए तो मेरी ही नौकरी जाएगी… और अगर मुझे छींक आ गई तो?
‘कुछ नहीं होगा नीलम रानी… मैं किलकारी नहीं मारूंगा… ना ही सीत्कार करूंगा… अगर तुझे छींक आ जाए तो मेरी टांग में चूंटी काटना। मैं तुरंत झूट मूठ खाँसना शुरू कर दूंगा जिससे छींक की आवाज़ दब जाएगी… नीलम रानी अगर कुछ अलग करना है तो कुछ तो झेलना भी पड़ेगा। तू बस जल्दी से टेबल के नीचे एक बार घुस के देख ले।’
नीलम रानी घूम के टेबल के सामने की तरफ आई जहाँ मेरी कुर्सी थी, कुर्सी को साइड में सरका कर नीलम रानी टेबल के नीचे घुस गई।
बड़े आराम से वह टेबल के नीचे समा गई थी, कोई भी दिक़्क़त नहीं थी।
मैंने फिर भी पूछा- क्यों रानी ठीक है ना? कोई कष्ट?
‘नो प्राब्लम… राजे तेरे लण्ड को चूसने को जैसे तू चाहेगा, मैं तैयार हूँ… भरी मीटिंग में दस लोग के होते हुए मैं तेरा लौड़ा चूसूँगी यह सोच सोच कर ही मैं मतवाली हुए जा रही हूँ… हाय राम कितना मज़ा आएगा ना? लेकिन राजे तू रात को अपनी बीवी को कैसे चोद पाएगा?’
‘नीलम रानी, मेरी बीवी चुद पाएगी या नहीं यह सोच कर तू क्यों दुख पा रही है? उसे बहलाने का काम मेरा है ना।’
नीलम रानी मेज के नीचे से निकल आई। अब सब सेट हो गया था। बड़ी मुश्किल से मैंने दो घंटे का वक़्त गुज़ारा।
मीटिंग तय समय पर शुरू हो गई, मीटिंग से थोड़ी देर पहले, नीलम रानी बाथरूम में जाकर अपने कपड़े वहीं टांग कर बिल्कुल नंगी होके बाहर आई और मेज के नीचे घुस गई।
मैंने पूछा- नंगी क्यों हो गई?
कहने लगी- मीटिंग तो लम्बी चलेगी इसलिए तुम्हारे साथ मैं नीचे बैठी चूसती भी रहूँगी और गेम भी खेलती रहूंगी।
‘क्या गेम खेलेगी, रानी?’ मैं भी हैरान था।
‘तुम्हारा लौड़ा कभी चूचियों के बीच, कभी पैरों के बीच, कभी नितंबों के बीच तो कभी अपने गालों से रगड़ूँगी। अगर तुमने सही बताया कि कहाँ रगड़ रही हूँ, तो तुम जीतोगे और तुम मुझे चोदना। अगर ग़लत बताया तो मैं जीत जौउँगी और मैं तुम्हें चोदूंगी।’
‘अरे ओ चुदक्कड़ लड़की, बहनचोद मैं मीटिंग लूंगा या तेरी पहेलियों का जवाब दूंगा? चलो अगर जवाब दे भी दूं तो हरामज़ादी तू क्या दस लोगों के होते हुए, टेबल के नीचे से सवाल पूछेगी? एह ! साली चुदासी कुतिया गेम खेलेगी !! हुंह !!!’ मैं ताव खा गया।
‘अरे मेरे राजा… राजे राजे राजे… इतना भड़को मत। मैं हल्के से तुम्हारे पैरों पर उंगली से ठक ठक करूं तो समझना मैं पूछ रही हूँ लण्ड कहाँ रगड़ा गया। देखो मैं ऐसे ठक ठक करूँगी।’ नीलम रानी टेबल से बाहर निकली और मेरे हाथ पर अपनी प्यारी सी उंगली से ठक ठक करके दिखाई।
मैंने खीज के अपना सिर पकड़ लिया- नीलम रानी… तेरी समझ लगता है तेरी चूत में घुस गई है। मैं जवाब कैसे दूंगा?
‘अब यह तुम सोचो… मैं तो बस पूछूँगी… हार गए तो मैं चोदूंगी अपने हिसाब से।’ इतना कह के नीलम रानी वापस टेबल के नीचे जा घुसी और मैं मूर्खों की तरह उसे देखता रह गया।
दो घंटे के बाद मेरी एक ज़रूरी मीटिंग थी।
तभी मुझे खयाल आया कि मीटिंग चलते हुए अगर नीलम रानी मेरे लिंग को चूसे तो क्या कहने।
तब मैंने काम छोड़ कर अपना सारा दिमाग यह सोचने पर खपाया कि इस असंभव से लगने वाले काम को संभव कैसे बनाया जाए।
मेरी ऑफ़िस-टेबल काफी बड़ी थी, मैंने हिसाब लगाया तो लगा कि नीलम रानी बड़े आराम से टेबल के नीचे घुस सकती है, वहाँ बैठ कर अगर वो लण्ड चूसती है तो कैसे किसी को कुछ पता चलेगा, दिखाई तो कुछ देगा नहीं, बस मुझे अपने मुँह और सांसों पर काबू रखना होगा।
खुश होकर मैंने ताली बजाई और एक किलकारी भरी।
नीलम रानी चौंक गई आवाज़ सुनकर- राजा… क्या हुआ? इतनी मस्ती क्यों छांट रहे हो? तुम्हारी नीयत में गड़बड़ लगती है मुझे तो !
‘अरे पूछ मत नीलम रानी… आज तो मेरी जान बस ऐसा आनन्द आएगा जिसका कोई हिसाब नहीं !’
‘पर राजे हुआ क्या? कुछ बोलोगे भी या खुद ही खुश होते रहोगे?’ नीलम रानी ने खीज के कहा।
‘सुन रानी… आज मेरी मीटिंग से पहले तू मेरी टेबल के नीचे घुस के बैठ जाना… मीटिंग चलती रहेगी और तू अपने प्यारे भोले को चूस चूस के प्यार करना। है ना कितने मज़े की बात… दो घंटे मीटिंग चलेगी। इतनी देर में दो बार तो तू मेरा चूस चूस के झाड़ ही सकती है।’
नीलम रानी ने खफा होने का नाटक किया हालांकि दिल ही दिल में वो खुश हो रही थी कि ऐसे नायाब ढंग से आज उसे लौड़ा पीने का मौक़ा मिलेगा।
थोड़ी देर नक़ली गुस्से से मेरी तरफ देखती रही, फिर बोली- तू साले बंदा है, क्या है? मुझे टेबल के नीचे बिठा कर लण्ड चुसवाएगा… फिर जब किलकारियाँ मारेगा, सी सी करेगा तो पता नहीं चलेगा उनको, दस लोग जो मीटिंग में आएंगे? मादरचोद अभी अभी दो बार झड़ चुका है। शाम को घर जाकर बीवी को कैसे चोदेगा अगर दो बार और झड़ गया। तू तो बहुत सीनियर अफसर है, पकड़े गए तो मेरी ही नौकरी जाएगी… और अगर मुझे छींक आ गई तो?
‘कुछ नहीं होगा नीलम रानी… मैं किलकारी नहीं मारूंगा… ना ही सीत्कार करूंगा… अगर तुझे छींक आ जाए तो मेरी टांग में चूंटी काटना। मैं तुरंत झूट मूठ खाँसना शुरू कर दूंगा जिससे छींक की आवाज़ दब जाएगी… नीलम रानी अगर कुछ अलग करना है तो कुछ तो झेलना भी पड़ेगा। तू बस जल्दी से टेबल के नीचे एक बार घुस के देख ले।’
नीलम रानी घूम के टेबल के सामने की तरफ आई जहाँ मेरी कुर्सी थी, कुर्सी को साइड में सरका कर नीलम रानी टेबल के नीचे घुस गई।
बड़े आराम से वह टेबल के नीचे समा गई थी, कोई भी दिक़्क़त नहीं थी।
मैंने फिर भी पूछा- क्यों रानी ठीक है ना? कोई कष्ट?
‘नो प्राब्लम… राजे तेरे लण्ड को चूसने को जैसे तू चाहेगा, मैं तैयार हूँ… भरी मीटिंग में दस लोग के होते हुए मैं तेरा लौड़ा चूसूँगी यह सोच सोच कर ही मैं मतवाली हुए जा रही हूँ… हाय राम कितना मज़ा आएगा ना? लेकिन राजे तू रात को अपनी बीवी को कैसे चोद पाएगा?’
‘नीलम रानी, मेरी बीवी चुद पाएगी या नहीं यह सोच कर तू क्यों दुख पा रही है? उसे बहलाने का काम मेरा है ना।’
नीलम रानी मेज के नीचे से निकल आई। अब सब सेट हो गया था। बड़ी मुश्किल से मैंने दो घंटे का वक़्त गुज़ारा।
मीटिंग तय समय पर शुरू हो गई, मीटिंग से थोड़ी देर पहले, नीलम रानी बाथरूम में जाकर अपने कपड़े वहीं टांग कर बिल्कुल नंगी होके बाहर आई और मेज के नीचे घुस गई।
मैंने पूछा- नंगी क्यों हो गई?
कहने लगी- मीटिंग तो लम्बी चलेगी इसलिए तुम्हारे साथ मैं नीचे बैठी चूसती भी रहूँगी और गेम भी खेलती रहूंगी।
‘क्या गेम खेलेगी, रानी?’ मैं भी हैरान था।
‘तुम्हारा लौड़ा कभी चूचियों के बीच, कभी पैरों के बीच, कभी नितंबों के बीच तो कभी अपने गालों से रगड़ूँगी। अगर तुमने सही बताया कि कहाँ रगड़ रही हूँ, तो तुम जीतोगे और तुम मुझे चोदना। अगर ग़लत बताया तो मैं जीत जौउँगी और मैं तुम्हें चोदूंगी।’
‘अरे ओ चुदक्कड़ लड़की, बहनचोद मैं मीटिंग लूंगा या तेरी पहेलियों का जवाब दूंगा? चलो अगर जवाब दे भी दूं तो हरामज़ादी तू क्या दस लोगों के होते हुए, टेबल के नीचे से सवाल पूछेगी? एह ! साली चुदासी कुतिया गेम खेलेगी !! हुंह !!!’ मैं ताव खा गया।
‘अरे मेरे राजा… राजे राजे राजे… इतना भड़को मत। मैं हल्के से तुम्हारे पैरों पर उंगली से ठक ठक करूं तो समझना मैं पूछ रही हूँ लण्ड कहाँ रगड़ा गया। देखो मैं ऐसे ठक ठक करूँगी।’ नीलम रानी टेबल से बाहर निकली और मेरे हाथ पर अपनी प्यारी सी उंगली से ठक ठक करके दिखाई।
मैंने खीज के अपना सिर पकड़ लिया- नीलम रानी… तेरी समझ लगता है तेरी चूत में घुस गई है। मैं जवाब कैसे दूंगा?
‘अब यह तुम सोचो… मैं तो बस पूछूँगी… हार गए तो मैं चोदूंगी अपने हिसाब से।’ इतना कह के नीलम रानी वापस टेबल के नीचे जा घुसी और मैं मूर्खों की तरह उसे देखता रह गया।