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From this section you can read all the indian sex stories arranged from the various users. So what you are going to read stories like 'Office girl with her lover', 'Indian mom with her son. Lots of erotic tales are posted here. So guys hold your cock for the amazing sexual fantasies.
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]ड्रेसिंग रूम में एक अलमारी थी और ये कक्ष मुख्या कक्ष के कोने में था था और इसमें कोई दीवार नहीं थी. कामिनी ने अलमारी में से एक पोशाक चुनी जिसे उसने बिस्तर पर रख साइड में होकर उसने कपड़े उतारे और आईने में देखा वो कुछ इस तरह से खड़ी थी के उस कोण से वो तो नहीं पर उसका प्रतिबिंब आईने में देख मुझे पता चला कि उसका फिगर असाधारण है । उसका रंग गोरा उसके नयन और नक्श बहुत ही तीखें थे ।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]उसके स्तन नुकीले और उसके निप्पल के चारों ओर काले घेरे थे, उसकी कमर संकरी थी और उसके कूल्हे बड़े और गोल थे, उसकी जांघों के बीच के क्षेत्र में उसके बाल बड़े करीने से छंटे हुए थे . संक्षेप में, आईने में उसकी छवि देख मैं उसपे विमोहित हो गया। . उसके काले बाल उसके कंधों पर लटके हुए थे और उसके प्यारे चेहरे को उभारते हुए उसे सुंदरता की तस्वीर बना रहा था। कामिनी जल्दी से उस ड्रेसिंग रूम के साथ वाले स्नानागार में चली गयी और शॉवर लेने लगी बाथरूम अर्धदर्शी शीशे का था और उसमे भी उसकी छवि नजर आ रही थी, अपने बालों को गीला न करने की सावधानी रखते हुए उसने अपने शरीर को धोया.https://imgbb.com/[/font] [font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,][/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]कामिनी ने खुद को जल्दी से सुखा लिया, उसने ब्रा और पेंटी नहीं पहनी और उस ब्लाउज की बांहें नहीं थीं और सीने के हिस्सा अत्यधिक खुला था. ब्लाउज थोड़ा कसा सा था, जिसकी वजह से स्तन उभर कर बाहर निकलने जैसे हो रहे थे. इस ब्लाउज में से उसके स्तनों के बीच की दरार की गहराई साफ झलक रही थी. पीठ पर ब्लाउज की पतली डोरो थी और ऐसे ब्लाउज में ब्रा नहीं पहनी जाती है क्योंकि ये ब्लाउज था ही ऐसा कि उसकी ब्रा साफ दिख जाती.[/font] [font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]https://imgbb.com/[/font] [font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,][/font] [font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]पतली सुलाबी रंग की साडी उसने अपने नितम्बो पर लपेटी . साड़ी को कमर से बांध कर उसने आगे का हिस्सा एकदम नाभि के नीचे खौंस दिया. जिस तरह से साड़ी बंधी थी उसमें आगे का हिस्सा, उसकी योनि से केवल 3 इंच ऊपर था उसने चूतड़ के ऊपर साड़ी का पल्लू लपेट कर कंधों पर इस तरह रखा कि स्तन, पेट और पीठ का भाग ज्यादातर खुला ही रहे. इसके बाद उसने कमर पर अपनी पतली सी चैन लपेट दी. [/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]कामिनी ने जिस तरह से कपड़े पहने थे, वो उसके गोरे सुन्दर कामुक बदन पर बहुत जंच रहे थे.. फिर उसने थोड़ा सा इत्र लगाया और मेरे पास आयी । उसकी चोली उसके स्तनों की वक्रता को बढ़ा रही थी और उसके तने हुए निपल्स उस पोशाक के रेशमीपन में रेखांकित थे, जिसका परिणाम आश्चर्यजनक था।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]पूरा माहौल उसकी उपस्थिति के कारण वाकई में कामोतेजना से भरपूर था..[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]वो अदा से चलती हुई मेरे पास आयी तो मैंने उसे बोला आप बहुत सेक्सी हो ..[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]वो निडरता से मुस्कुरायी। मेरी निगाह उसके फिगर पर केंद्रित थी, उसके कूल्हे उसकी साडी के नरम कपडे में बड़े और उभरे हुए दिख रहे थे और ये स्पष्ट दिख रहा था उसने ब्रा और पेंटी नहीं पहनी हुई है, मेरा ध्यान इस विशेष बात पर गया की कैसे उसकी साड़ी उसके नितंबों की चिकनी त्वचा को सहला रही थी। मैंने उसे अपने पास बैठने के लिए आमंत्रित किया और शराब की एक बोतल खोली ।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैंने मोहिनी का हाथ पकड़ कर अपने पास बैठने के लिए आमंत्रित किया तो वो मेरे पास आ कर बैठ गयी और ऐसा करते हुए मैंने उस पल का फायदा उठाया और अपनी बांह उसके गले के पार उसके दूर वाले कंधों पर रख दी, उसने अपना सिर मेरी छाती पर रख दिया और मैंने अपनी बांह का दबाव बढ़ाया और उसे अपने पास खींच लिया।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैं इस बात से पूरी तरह वाकिफ था कि उस आवाज ने और दिव्य पुरुष ने मुझे जो कुछ भी बताया था, अगर वह सब सच था तो रिंग की ताकतें यह सुनिश्चित कर सकती थीं कि मैं उसे अपनी इच्छाओं के अधीन कर सकता हूँ. लेकिन मेरे मन में इसके प्रति के संदेह के कारण मैंने ऐसा कुछ भी करने के खिलाफ फैसला किया। ये जानने के लिए की मेरा अपने मन पर कितना नियंत्रण है, उस समय मैंने अपने मन के द्वारा इस तरह की शक्तिशाली ताकतों का उपयोग करने से बचने के लिए दृढ़ संकल्प किया, इसलिए मैंने जानबूझकर उसके दिमाग में ऐसा कोई विचार नहीं डाला और इंतजार करना और यह देखना पसंद किया कि शाम बिना किसी दिव्य शक्ति का उपयोग किये कैसे विकसित होगी।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]कामिनी पर तो मैंने पहले से ही अंगूठी की शक्ति आजमा कर उसकी कामुक भावनाओ को भड़का दिया था . उसका सिर झुका हुआ था और हमारे होंठो ने एक सौम्य चुंबन में मुलाकात की। फिर मैंने उसके होंठो के ऊपरी हिस्से को धीरे-धीरे महसूस किया और उसके बाद हमारा चुंबन गहरा हो गया. उसने अपने ओंठ खोलकर मेरी जीभ को अपनी और आमंत्रित किया तो मेरी जीभ उसके मुँह में प्रवेश कर गयी ।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]उस नगूठी की अपनी शक्ति के प्रभाव से चुम्बन ने पूरी तरह से आसानी और हमारे जनून में तेजी से वृद्धि हुई तो कामिनी मुझ से चिपक गयी और मेरी छाती पर खुद को दबाया। उसकी सांसें और तेज हो गईं और मैंने अपना दूसरा हाथ सावधानी से उसके स्तन की ओर बढ़ाया, जो उसकी रेशमी चोली में स्पष्ट रूप इस तथ्य को प्रदर्शित कर रहा थे कि उसके निप्पल उत्तेजित हो गए थे और पूरी तरह से खड़े हो गए थे।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]उसकी बढ़ती हुई उत्तेजना से मुझे ये आभास हो रहा था कि किसी भी समय मैं उसकी उत्तेजना को बढ़ाने के लिए अंगूठी की दिव्य शक्ति का उपयोग कर सकता हूं और उसकी इच्छा को मैं प्रभावित कर बढ़ा या घटा सकता हूँ पर मैंने ऐसे किसी भी प्रलोभन का से फिलहाल बचने का फैसला किया और इस मामले को अपनी स्वाभाविक गति से आगे बढ़ने दिया।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]कामिनी उत्तेजित थी और गहरी साँस ले रही थीं, उसके स्तनों पर मेरे हाथ लगते ही उसकी आह निकली , इस कराह ने उसकी उत्तेजना की स्थिति का संकेत दिया, और वो अपने पैर अपनी जांघों के बीच की खुजली को शांत करने के प्रयास में एक दूसरे के खिलाफ रगड़ रही थी । मैंने उसका हाथ अपनी जाँघ पर महसूस किया; वह धीरे-धीरे अपने हाथ को मेरे पायजामा के अंदर ले गई और अपना हाथ धीरे-धीरे लंड के ऊपर की ओर तब तक खिसकाती रही जब तक कि उसके हाथ की उंगलियो ने मेरे उत्तेजित लिंग को पूरा अपनी गरिफ्त में नहीं ले लिया ।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैंने उसे धीरे-धीरे पीछे की ओर धकेल दिया और वह सोफे पर अधलेटी हो गयी, और मैंने उसके ऊपर होकर उसे नीचे की ओर दबाकर उसे चूमा। उसके पैर मेरी टांगो की हलचल से अलग हो गए . [/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैंने अपनी आँखें नीची करके देखा कि उसकी नाभि में एक छल्ला डला हुआ था । और नीचे देखने पर मैंने देखा कि उसकी साडी उसके पैरों के ऊपर तक खिसक गई थी और उसके घुटने स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहे थे ।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैंने बड़े ही इत्मीनान से पूरे बदन को लिपट कर टटोला. फिर आगे होकर उसकी साडी का पल्लू हटा दिया. स्तनों को दबाने लगा . [/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैंने अपना हाथ उसकी चोली के अंदर डाल कर चोली को ऊपर सरकाकर उसके नग्न निप्पल पर अपना अंगूठा रगड़ा । उसने हांफते हुए गहरी सांस ली और मैंने महसूस किया कि उसकी आह के साथ ही उसकी अंगुलियों का दबाव अब पूरी तरह से मेरे उत्तेजित लिंग पर कस गया । मैंने उसकी चोली के कपड़े को तब तक ऊपर की ओर धकेला जब तक कि उसके स्तन खुल कर नग्न नहीं हो गए और धीरे से अपने होंठों को उसकी गर्दन को चूमते हुए नीचे उसके निप्पल तक ले गया और मसलते हुए ब्लाउज खोल का उतार दिया . [/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैंने अपने होठों से उसके निप्पल सहलाये तो आहओह्ह्हहाय्यय करते हुए उसने गहरी आह भरी, फिर मैंने बारी बारी से स्तनों को मुँह में लेकर चूसना शुरू कर दिया. कामिनी के मन में एक संशय उठा कि यह सब इतनी जल्दी कैसे हो सकता है, उसने अपने जीवन में कभी चीजों को इतनी तेजी से नहीं बढ़ने गया था यहाँ तक की उस वृद्ध हीरा के साथ भी पहली बार चीजे इतनी जल्दी नहीं हुई थी, और मुझसे तो आज यह पहली बार ही मिली थी। [/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]वो बोली हम कुछ ज्यादा तेज नहीं जा रहे .. तो मैंने उसके मन में झाँक कर उसके इस संशय को पढ़ा और पाया की निश्चित रूप से उसे बाबा की अंगूठी के बारे में नहीं पता था . और शायद बाबा ने उन्हें कामिनी के साथ इस्तेमाल भी नहीं किया था .जल्द ही मैंने उसकी कराह सुनी . [/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]वह जोर से कराह रही थी क्योंकि मैं उसके निप्पल के सिरे को चूस रहा था मैं बारी बारी से उसके दोनों स्तन पीने लगा और वो मुझे बच्चे की तरह एक हाथ से मेरा सिर सहलाती रही.[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,] और अपनी जीभ को धीरे से निप्पल के चारों ओर घुमाने के बाद धीरे से उसे कुतरने लगा , कामिनी मेरी गतिविधियों का विरोध करने में सक्षम नहीं थी। मैंने उसके निप्पल को काटने या उसे कोई दर्द देने से परहेज किया। [/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मेरे कुतरने से उसकी उत्तेजना बढ़ गई और उसका हाथ मेरे पायजामा की डोरी तक चला गया, उसकी उंगलियां उस डोरी के चारों ओर बंद हो गईं और उसने पाजमा के साथ उसे नीचे खींच लिया। मैंने उसे अपने हाथों से काम करने के लिए जगह देने के लिए खुद को उससे दूर कर दिया। उसकी उंगलियां अंदर की ओर बढ़ी और उसने मेरे अंडरवियर को नीचे की तरफ खींच दिया । [/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मेरे लंड को देख कर उसकी आह निकली ,, उसने मेरे अंकोशों पर अपनी कलाई लगा और कर मेरे लंड की लम्बाई का अंदाजा लगाया और उसके मुँह से निकला .. उफ़ ,, ये तो बहुत लम्बा है ..[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]कामिनी की उँगलियों ने फिर से मेरे लिंग को पकड़ लिया और उसने अपना हाथ ऊपर की ओर बढ़ा दिया, उसकी उँगलियाँ मेरे लंडमुंड को महसूस कर रही थीं जो उत्तेजना से नम था। उसने धीरे-धीरे मेरे गर्म लंड की पूरी लंबाई पर अपना हाथ ऊपर-नीचे किया, वह उसकी त्वचा की बनावट की कोमलता के साथ उसकी कठोरता का आनंद ले रही थी, उसकी सांस तेज हो गई और उसने गहरी सांस ली।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,] जी भर के स्तनपान करने के बाद मैं उसके पेट को चूमते हुए नाभि को चाटने लगा करने लगा. मैंने अपने होठों को धीरे-धीरे नीचे की ओर उसकी नाभि में डाली हुई रिंग के चारो ओर घुमाया वो काफी देर तक नाभि में अपनी जीभ फिराता रहा. उसकी हालत बुरी हो गयी और वो आह्हः ओह्ह उफ़ क्या कर रहे हो कह कर तड़पने लगी ..[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]इस तरह उसकी नाभि को चाटते हुए मैंने उसकी साड़ी पर हाथ फेरते हुए खींच कर खोला और टांगों के नीचे से निकाल कर उसे नीचे से बिल्कुल नंगा कर दिया. उसने भी इस प्रक्रिया में अपनी जाँघे उठा कर मुझे सहयोग दिया . फिर मेरी जीभ उसकी नाभि के चारों ओर घूम गई और अपने होठों को नीचे की ओर ले गया और मेरी जीभ तब तक कुछ खोजती रही जब तक कि मैं उसे उसकी जाँघि के जोड़ तक नहीं पहुँच गया . [/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]जैसे ही मेरी जीभ ने उसकी योनि के आसपास के क्षेत्र को छुआ उसकी तेज कराह निकली ..उसके पैर जुदा हुए ; मुझे उसकी योनी की पहली झलक देते हुए उसके कूल्हे चौड़े हो गए। उस रोशनी में वो बिल्कुल चमक सी रही थी और उसका पूरा बदन एकदम चिकना दिख रहा था. योनि के बालों की करीने से कटे होने हे कारन सब और भी ज्यादा मस्त लग रहा था. उसकी योनि के बालों की भी इस तरह से छंटनी की गई थी कि कोई भी मर्द आकर्षित हो जाए. मैंने उसकी टांगें पकड़ उन्हें फैला दिया और बहुत चाव से उसकी योनि देखते हुए एक हाथ फेरने लगा. मेरे छूते ही वो कांप सी गई, पर मैंने उसकी एक जांघ पर हाथ रख कर सोफे पर दबा दिया था.[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]उसकी योनि की पंखुड़ियों को अपनी उंगलियों से फैला कर मैं बोला- वाह कितनी प्यारी, सुंदर और कामुक चुत है तुम्हारी … चलो दोनों मिल कर इस रास्ते से स्वर्ग के आनंद लेने चले ...[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]कामिनी का मन बहुत रोमांचित हुआ जा रहा था. मैं योनि के इर्द गिर्द चूमते हुए जांघें कमर और टांगों को चूमने लगा फिर मैंने झुक कर उसकी योनि को चूमा. वह गीली थी, बहुत गीली थी; जैसे ही मेरी घूमती हुई जीभ ने उसके योनी के बाहरी होठों को छुआ , उसने अपने आप को ऊपर की ओर उठा दिया और मेरे मुंह के खिलाफ अपनी योनि को दबा दिया। [/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]वो इतनी ज्यादा उत्तेजित हो गई थी कि मुझे लगा अभी अपना पानी छोड़ देगी उसके लिए खुद को रोक पाना चुनौती सा लगने लगा था. पर अभी तो शुरूआत ही हुई थी. मैंने उसे थोड़ी देर चाटा और लगा वो अब रुक नहीं पायेगी तो मैंने उसे पलट दिया और वो पेट के बल हो गई. मैं उसकी टांगों को चूमता हुआ चूतड़ तक पहुंच गया और किसी भूखे की तरह चूमता चाटता हुआ मे उसकी पीठ और पीठ से दोबारा चूतड़ों तक चूमता रहा. वो अपने आप में सिकुड़ कर उलटी लेटी हुई थी. और मैंने उसके चूतड़ों को ऐसे चूमना और काटना शुरू कर दिया कि कामिनी की सिसकियां रोके नहीं रुक रही थीं. मेरी इन हरकतों से वो बिलकुल बेकाबू हो हिल रही थी .. .[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैंने अब उसके चूतड़ों को दोनों हाथों से फैलाना शुरू कर दिया और अपना मुँह बीच में डाल योनि जीभ से टटोलनी शुरू कर दी.[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]वो पेट के बल सोफे पर लेट गयी थी और उसकी योनि बिस्तर की तरफ थी और उसके बड़े और मोटे मांसल चूतड़ों के बीच उसकी योनि इतनी आसानी से मिलनी मुश्किल थी. मैं प्रयास करके भी उसकी योनि तक जीभ नहीं पहुंचा पा रहा था. पर मैं भी हार मानने वालों में से नहीं था. मैं थोड़ा थोड़ा जीभ से टटोलता रहा और धीरे धीरे उसे खींचते हुए उसके चूतड़ उठाने लगा. कुछ कामिनी ने भी मेरी मदद की और अपने घुटने मोड़ अपने चूतड़ पीछे से उठा दिए.[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]अब उसकी योनि खुलकर मेरे सामने आ गई. मैंने तुरंत अपना मुँह उसकी योनि से चिपका लिया और ऐसे चाटने लगा, जैसे योनि कोई खाने की वस्तु हो. उसकी योनि अब बिल्कुल ही चिपचिपी हो गई थी.[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैंने अपनी जीभ उसकी योनि के भीतर घुसाने का प्रयास शुरू कर दिया. और वो मादक सिसकियां भरने लगी थी और मेरे लंड को जोर से अपने हाथ में दबाने लगी, उसे समझ नहीं आ रहा था कि क्या करूँ किसे पकड़ूँ और किसे छोड़ूँ. आखिरकार वो सोफे के बाजुओं को पकड़ कराहने लगी. मैं पूरी ताकत से उसके चूतड़ों को फैला ज्यादा से ज्यादा अपनी जीभ भीतर घुसाने का प्रयास करने लगा.[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]वो बस हाय हाय करते हुए विनती करती हुई बोलने लगी- प्लीज छोड़ दो …पता नहीं मुझे क्या हो रहा है मुझे लगा है मैं मर जाऊंगी. उसकी ये बात सुन कर मैं हैरान रह गया .. वो तो उस वृद्ध हीरा की पत्नी थी जो मुझ से पहले उस अंगूठी का मालिक था .. क्या उसके साथ में सम्भोग के दौरान कामिनी ने कभी भी ओर्गास्म का अनुभव नहीं किया है .. क्या सच में अंगूठी के पास वो शक्तिया है जो वृद्ध और दिव्य पुरुष ने मुझे बतायी हैं .. [/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैंने कामिनी के मन में झांका और उसके सेक्स के इतिहास पर गया तो पता चला वो और उसकी तीनो बहने हीरा के मित्र स्वर्गीय मोती की बेटीया थी और उन सबका विवाह वृद्ध हीरा के साथ एक महीने पहले ही हुआ था वो भी तब जब विवाह के कुछ समय पहले हीरा की पत्नी और पुत्र का एक दुर्घटना में निधन हो गया था. उनके निधन के बाद से हीरा बहुत दुखी रहने लगा था.[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,] उसी दुर्घटना में हीरा का मित्र मोती भी बुरी तरह से घायल हो गया था और कुछ दिन बाद मोती का भी निधन हो गया था .. अपने निधन से पहले मोती ने अपनी हालत देख और हीरा का दुःख देख कर हीरा से अपनी चारो बेटियों से विवाह करने का वादा ले लिया था जिसके कारण हीरा ने कामिनी और उसकी बहनों से विवाह तो कर लिया था पर हीरा को तो अपनी प्रिय पत्नी और पुत्र की मृत्यु के बाद वैराग्य हो गया था .. पहले वो बिलकुल जवान दीखता था पर अपनी पत्नी और पुत्र के निधन के बाद उसका शरीर बहुत तेजी से ढल गया था .. और उसने सिर्फ कामिनी के साथ ही सुहाग रात में चुदाई की थी इसीलिए कामिनी प्यासी थी और वो आकर्षित हो कर मेरे पास आ गयी थी . [/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]फिर हीरा के साथ ये हादसा हो गया था .. और वो अपने चारो पत्निया और बेटियां मुझे सौंप गया था .. सब की सब बहुत सुंदर और सेक्सी . ये सोच कर ही मेरा लंड एक बार और तन कर तुनक गया ..[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,][/font] [font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,][/font] [font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]उह अह्ह्ह करते हुए कामिनी जोर जोर से कराह रही थी और बोली प्लीज रुको .. मैं रुका नहीं और वो जितना मना करती, मैं उतना ही जोर और ताकत लगाता. अब उसकी बेचैनी इतनी बढ़ गई कि वो पूरा जोर लगा पलटकर सीधी हो गई और बोली .[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]वो बोली- प्लीज अब मत तड़पाओ अब जल्दी से मेरे अन्दर आ जाओ … वरना मैं ऐसे ही झड़ जाऊंगी.[/font] [font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]उस पर मैंने कहा- हां झड़ जाओ … यही तो मैं भी चाहता हूँ, मुझे तुम्हें झड़ते हुए देखना है. [/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]वो बड़े कामुक और लुभावने अंदाज में बोली- तो देख लेना .. मना किसने किया है पर मुझे तुम्हारे लंड से झड़ना है मैंने भी उसके अंदाज में ही बोला- इतनी भी क्या जल्दी है जान … अभी तो पूरी रात बाकी है.[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]इतना कह कर मैंने उसकी जांघें फैला दी और फिर झुक कर उसकी योनि से अपना मुँह चिपका लिया.[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]कामिनी की हालत जो पहले ही ख़राब थी अब इतनी बुरी हो गई थी कि वो पहले तो मेरा सिर अपनी योनि से हटाने का प्रयास करने लगी. अपनी जांघें भी चिपकाना चाहती थी, मगर मेरा सिर बीच में था और अब वो बहुत अधिक व्याकुल होने लगी थी. पर जब उसने देखा वो मुझे हटा नहीं पा रही है तो उसने मेरे दोनों हाथों को अपने हाथों से उंगलियों में उंगलियां फंसा मुझे कसके पकड़ लिया. और अपने कूल्हे ऊपर उठा दिए जिससे मेरी जीभ और अंदर चली गयी और उसकी योनि आग उगल रही थी और ऐसा लग रहा था मानो योनि में कोई आग लगी हो, और मैं चाट रहा था बीच बीच में उसके दाने को छेड़ता था तो वो पगला जाती थी और योनि से बराबर पानी रिस रहा था मैं योनि के दाने को जोर से काटता, तो वो हाय हाय करती रह जाती. मैं कभी योनि के दोनों पंखुड़ियों को होंठों से पकड़ खींचता, कभी योनि की छेद में अपनी जीभ घुसाने लगता.[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]अब उससे और नहीं रहा जा रहा था. उसने फिर कहा- प्लीज मुझे छोड़ दो … उम्म्ह … अहह … हय … ओह … मैं झड़ रही हूँ.[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]इतना कहते ही वो अपने चूतड़ों को उचकाने लगी. और उसका पूरा बदन ऐंठने लगा और उसने मेरे हाथ छोड़ दिए और तेज पिचकारी उसकी योनि से निकली [/font] [font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]उसकी जाँघे पकड़ मैं तेज़ी से योनि चाटने लगा. कामिनी झड़ गई थी और हल्का महसूस करने लगी थी.[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]वो अपने बदन को ढीला करते हुए उससे बोली- प्लीज अब रुक जाइए … थोड़ा सुस्ता लूँ मैं.[/font] [font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]पर मैंने बोला- अभी तो शुरू हुआ है … इतनी जल्दी कैसे छोड़ दूं.[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]ये कह कर मैं फिर से उसकी योनि चाटने में लग गया. वो सुस्त पड़ गई थी, मैं उसकी योनि में अपनी बीच वाली उंगली घुसा कर उसे तेज़ी से अन्दर बाहर करते हुए मजा ले रहा था और मैंने योनि के दाने को मुँह में भरते हुए चूसना और काटना शुरू कर दिया. .[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]थोड़ी ही देर में वो दुबारा गर्म हो गयी और मेरे लगातार चाटने से वो स्वयं अपनी जांघें चौड़ी कर मुहे अपनी योनि से खेलने देने लगी. थोड़ी देर में मैं योनि चाटते हुए हाथ ऊपर कर उस के स्तनों को मसलने लगा. मुझे और उसे बहुत आनन्द आ रहा था और वो मेरे खुद अपने स्तन भी सहला रही थी .[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैं अपना हाथ उसके मुँह के पास ले आया और अपनी एक उंगली उसके मुँह में डाल दी. वो मेरी उंगली को चूसने लगी. अब मेरी एक उंगली योनि में चल रही थी दूसरी उसके मुँह में. बहुत कामुक और उत्तेजना से भरा पल लग रहा था. [/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]थोड़ी देर मेरी जीभ उसकी योनि पर चली और वो कांपते हुए झड़ने लगी. इस बार फिर उसकी योनि ने ढेर सारा पानी छोड़ा और मेरा मुँह पूरा भीग गया और बिस्तर भी गीला हो गया .[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]थोड़ी देर के बाद मैंने सोचा अब ये लंड चूसे तो महज आ जाए और वो तुरंत मेरे मानसिक आदेश के अनुसार नीचे घुटनों के बल हो गई और लिंग को देखते हुए उसे हाथों में लेकर हिलाने लगी. मेरा लिंग तनतना रहा था और सच में बहुत मस्त आकार में था और लंबाई और मोटाई बढ़ गयी थी और किसी भी स्त्री को चरम सीमा तक पहुंचाने के लिए बड़ा मजबूत दिख रहा था. [/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]लिंग सख्त हो गया था. थोड़ा और हिलाने से वो और थोड़ा सख्त हुआ और उसने लिंग को पकड़ कर हाथ से ऊपर नीचे किया, तो सुपारा खुलकर निकल आया. फिर उसने मेरे सुपारे पर अपनी जुबान फिरानी शुरू कर दी. मुझे वाकयी बहुत आनन्द आने लगा और उसके चेहरे पर वासना की आग बढ़ती हुई दिखने लगी. [/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]उसने पहले तो सुपारे को थूक से गीला कर दिया और सुपाड़े पर जीभ फिरानी शुरू की. लंड में का सुपारा ही सबसे अधिक संवेदनशील हिस्सा होता है. वो जीभ फिराने के साथ साथ उसे अपने हाथ से हिला भी रही थी.[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]थोड़ी देर और चूसते हुए मेरा लिंग अब पूरी तरह से कड़क हो गया. वो पूरा मुँह में भर चूसते हुए जीभ से सुपारे को भी सहलाने लगी. लेकिन लिंग उसके मुँह में आधे से भी कम अंदर गया था .[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]उसके दिमाग में अब ये था कि कैसे मुझे इतना उत्तेजित हो जाए की अब मैं सीधा संभोग करने लगूँ इसलिए वो धीरे धीरे लिंग को हिलाते हुए चूसने के बाद थोड़ी देर बाद लंड को तेज़ी से चूसना शुरू कर दिया और हाथ से भी तेजी से हिलाना शुरू कर दिया.[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैं आनन्द से भर गया और मजे से कराहने लगा. वो जितना अधिक चूस रही थी, उतना ही अधिक मेरी उत्तेजना बढ़ रही थी.[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैंने जोश में आकर उसे अपने पास खींचा और उसकी जांघें फैला कर उसकी योनि अपने मुँह के ऊपर ले आया. मैं उसकी योनि को फिर से चाटने लगा. और वो मेरा लंड चूस रही थी .[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]इधर वो मेरा लिंग चूस रही थी और मैं उसकी योनि में उंगली डाल चाट रहा था और वो एक हाथ से उसका लिंग हिला रही थी, दूसरे हाथ से मेरे अंडकोषों को सहला रही थी.[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,] मैंने उसके योनि और गुदा द्वार के बीच वाले हिस्से की नसों को हल्के हल्के दबाते हुए सहलाना शुरू कर दिया. इससे कामिनी इतना जोश में आ गया कि उसने लिंग को चूसना छोड़ दिया और बोली बस अब आ जाओ .[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैंने उसे अपने ऊपर से नीचे किया और फ़िर उसे सीधा लिटा कर टांगें पकड़ अपनी ओर खींचता हुआ कामिनी को पूरा फैला दिया. मेरा लिंग अब गर्म रोड जैसा हो गया था .[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैं उसके ऊपर जांघों के बीच आकर बोला- … अब तो और मजा आएगा तो जान अब चलें जन्नंत की सैर के लिए .[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैं उसे बिस्तर पर ले गया और उसे लिटा कर मैंने अपनी जीभ उसके स्तनों की ओर बढ़ा दी और उसके हाथ मेरे लंड पर पहुँच गए उसके हाथ ने मेरे स्पंदनशील खड़े हुए कड़े लंड को अपनी उत्तेजित और मेरे लंड के लिए व्यग्र योनि की तरफ खींच लिया। [/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]जैसे ही मेरा लिंग का उसकी योनि के नम बाहरी होंठों से संपर्क हुआ , लंड ऊपर की ओर उसके भगशेफ की ओर बढ़ा, कामिनी ने मन ही मन सोचा "हे भगवान ! मैं ये क्या कर रही हूँ?" पर जैसे ही लंड का संपर्क उसके भगशेफ से हुआ उसने महसूस किया बहुत अधिक शक्तिशाली वासना ने उसकी क्षीण प्रतिरोध पर कब्ज़ा कर लिया । [/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]ओह्ह्ह्हह ह्ह्ह्हआयईई वह जोर से कराह उठी तब मैं उसके ऊपर आ गया और उसके होंठों को चूमते हुए अपना एक हाथ नीचे ले जाकर अपने लिंग को उसकी योनि के द्वार की दिशा देने लगा. मेरा सुपारा योनि के छेद में मुझे महसूस हुआ, तो उसकी सांस रुकती सी महसूस हुई. इसी वक्त पर मैंने अपना लिंग का सुपाड़ा हल्के से धकेल कर योनि पर दबाब दिया. जैसे ही लंड ने उसकी योनी के प्रवेश द्वार को खोला तो मैंने फिर हल्का सा दबाब दिया और मेरे लिंगमुंड ने उसकी आंतरिक प्रवेश द्वार को अलग कर दिया . लंड का सुपारा अंदर दर प्रवेश कर गया और ऐसा करते ही लंड उसकी योनि की मखमली कोमलता में आ गया। योनि के भीतरी भाग से संपर्क से मेरा लंड उसके योनि स्राव के साथ लेपित हो गया और फिर जब लंड उसके भगशेफ को दुबारा छुआ तो उसकी पूरी योनि में आग लग गयी , [/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]फिर मैं धीरे धीरे लिंग आगे को सरकाता हुआ योनि में घुसाने लगा.उसकी योनि पहले से इतनी गीली थी कि मुझे कोई परेशानी नहीं हो रही थी. पर चुकी वो अभी तक एक ही बारी चुदी थी इसलिए अभी बिलकुल नयी जैसी टाइट थी . पर मेरा लंड बहुत सख्त था इसलिए और मुझे अंदेशा हो रहा था कि उसे थोड़ा दर्द होने वाला है. मेरा लिंग आधा घुस चुका था कि तभी मैंने वापस सुपाड़े तक लिंग बाहर खींच लिया और पूरी ताकत लगा कर उसने ऐसा धक्का मारा कि वो चीख पड़ी.[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]ओह्ह्ह मर गयी .. आराम से करो .. इतना दर्द तो पहली बार सुहाग रात को भी नहीं हुआ था जितना अब हुआ है .. [/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]वो अपनी टांगें बिस्तर पर पटकने लगी और दर्द से छटपटाने लगी. वो सिर पटकने लगी. उसे इतनी जोर दर्द हुआ उसे पेट में ऐसा लगा कि उसके अंदर जैसे कुछ बहुत सख्त और गर्म गर्म है जो धड़क रहा है वो अभी संभल भी नहीं पाई थी कि मैंने एक उसी तरह के लगातार तीन छार धक्के मार कर अपना लिंग उसकी योनि के अंतिम छोर तक पेला और उसके ऊपर रुक गया.. अब उसकी योनि की मांसपेशिया मेरे लंड के आकार और लम्बाई के लिए समायोजित हो रही थी , मांसपेशिया खींच रही थी इसलिए दर्द होना ही था . ..[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]वो दर्द से छटपटा भी नहीं कर पा रही थी … क्योंकि मैंने उसे अपनी पूरी ताकत से पकड़ रखा था. उसकी सांस जैसे रुक सी गई थी और मुँह से आवाज भी नहीं निकल पा रही थी क्योंकि मुँह में मेरे ओंठ उसके ओंठो को चूस रहे थे .. बस गु गऊ की अव्वज आ रही थी . वो दर्द के कारण अपने पैर घुटनों से मोड़ जांघें चिपकाने जैसे करने लगी. और उसकी आँखे बंद थी [/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मं उसे तड़पता हुआ देखता रहा और कुछ समय के बाद जब उसने आंखें खोलीं, तो उसने मेरी और देखा और पाया मैं उसे मुस्कुराते हुए देख रहा था. उसके निचले हिस्से में योनि से लेकर पेट में नाभि के पास दर्द था, पर अब कम हो रहा था.[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]वो सुबकते हुए बोली - छोड़ो मुझे , हटो मेरे ऊपर से … बेरहम इंसान , मुझे मार डालना चाहते हो तुम तो आराम से नहीं कर सकते . . और ऊपर से मुस्कुरा रहे हो .. [/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]पर मैंने उसके हाथों को और जोर से दबाया और धीरे धीरे लिंग अन्दर बाहर करता हुआ बोला- दर्द में ही तो मजा है कामिनी, अभी ये दर्द तुम्हें खुद मजेदार लगने लगेगा.[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]वो गुस्से से मुझे अपने ऊपर से हटाने का प्रयास करते हुए बोली- कोई इतनी बेरहमी से चोदता है क्या, मैंने क्या मना किया था आपको … मैं आपको सम्भोग तो खुद मर्जी से करने दे रही थी.[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैं बोला- अच्छा माफ कर दो, अब आराम से करूंगा. क्या करूं, तुम हो इतनी सेक्सी तुम्हे नहीं पता इतनी देर से मैंने खुद को कैसे रोका हुआ था [/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]तो पहले क्यों नहीं डाल दिया पहले तो तुम्हे चूमने चाटने से ही फुर्सत नहीं थी .. [/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]अरे तुम हो ही इतनी सेक्सी की यही समझ नहीं आ रहा है की क्या पहले करून ..तम्हारा हरेक अंग बहुत शानदार है भगवान ने तुम्हे बहुत फुर्सत में बनाया है .. और पता नहीं हीरा बाबा ने तुम्हे देख खुद पर क ऐसे नियंत्रण किया हुआ था .. में बोला [/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]वो बोली उन्हें तो अब ये सब अच्छा ही नहीं लगता था .. [/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]तुम छोड़ो उनको अब वो साधना करेंगे ये कहते हुए मैंने उसके हाथ पड़के और धीरे धीरे धक्के देते हुए लिंग अन्दर बाहर करने लगा. पर मैं अभी भी वो अपने ऊपर से हटाने का प्रयास कर रही थी. मैं धक्के मारे जा रहा था और वो बिना कुछ बोले मुझे अपने ऊपर से हटाने का जोर लगा रही थी.[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]करीब 5 मिनट तो ऐसे ही हम दोनों में लड़ाई चलती रही. फ़िर मैंने उसके हाथ छोड़ दिए और हाथ उसके सिर के पास रख उसे कंधों से पकड़ लिया. अब वो मुहे हटा नहीं सकती थी. मेरे धक्के अब उसके मन को कमजोर करने लगे थे और जैसे जैसे मैं उसके गले को चूमता हुआ धक्कों की गिनती और गति बढ़ाने लगा, उसका दर्द कम होने लगा और वो सम्भोग के का आनन्द लेने लगी.[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]जैसे जैसे धक्के बढ़ते गए, वैसे वैसे हमारी गर्माहट भी बढ़ती गई और वो मस्ती में आ गयी और मुझे अपनी बांहों में जकड़ने लगी. कुछ ही पलों मैं लिंग से योनि में हो रही रगड़ से मजा आने लगा .और खुद ही अपनी पूरी जांघें खोल कर मुहे भरपूर जगह देने लगी जिससे मैं आराम से धक्के मार पा रहा था .[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]वो अब तेज़ी से सांसें लेने लगी थी और मेरे धक्कों की गति और जोर बढ़ रहा था और उसकी भी उत्तेजना में कोई कमी नहीं थी. वो अब हर धक्के के साथ आह आह ओह ओह करती हुई साथ दे रही थी.[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मेरे लंड ने उसकी योनि की सभी मासपेशिया जो सुकड़ी हुई थी उन्हें खोल उसकी योनि को और गहरा कर दिया। वह कराहते हुए अपना सिर अगल-बगल से फेंक रही थी.[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]"ओह हाँ!", "ओह हाँ!", "ओह हाँ!" उसके बाद "हे भगवान! आपका लंड तो अंदर जा कर और लंबा हो रहा है, " ये तो मेरी योनि को पूरा खोल कर रख देगा हाययययय .. , वह कराह उठी कामिनी अब चाहती थी ये चुदाई का सिलसिला चलता ही रहे [/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]इसलिए उसने मेरे चूतड़ों को अपनी टांगों से लपेट कर और हाथों से मुझे पीठ को पकड़ अपनी ओर खींच कर बोल पड़ी- आह आह और तेज़ चोदो और तेज़ धक्के मारो … रुकना मत.[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]वह मेरे साथ अपने पूरी ताकत से चिपक गयी और मेरा लंड उसकी योनि में और गहरा डूब गया, अगले धक्के के साथ, लंड उसके गर्भशय से टकराया और लंड का सर के धक्के का असर उसकी कूल्हे कीआंतरिक मांपेशियों तक गया । हमारा जुनून बढ़ गया और हमारे शरीर पूरी तरह से मेल खाते हुए दिखाई दिए। मैं अपने लिंग के अंत को उसकी योनि की दीवारों से रगड़ खाता हुआ महसूस कर रहा था, जो अविश्वसनीय रूप से प्रवेश करने के बाद से लंबा और मोटा हो गया था, और हर धक्के के साथ उसके गर्भाशय की ग्रीवा का चुम्बन कर रहा था । वह अपनी कामोत्तेजना के चरम के बहुत करीब पहुँच चुकी थी, मैंने महसूस किया कि उसकी लय बदल रही है और उसकी योनि की रेशमी कोमलता मेरे लंड को मजबूती से जकड़ रही थी । वह मेरे लिंग की लंबाई के साथ-साथ ताल मिला कर अपने कूल्हे हिला रही थी ;और ठप ठप की आवाज के साथ उसके आह आह की आवाज आ रही थी कामिनी को लगा कि वह बिना किसी पूर्वाग्रह के मुझ पर भरोसा कर सकती है, और वह चिल्लाई[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]"हे भगवान रुको मत, चलते रहो, और तेज अजोर से लगे रो हे भगवान! हे भगवान।" [/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैंने उसे इस कामुक अवस्था में पाते ही उसके होंठों से अपने होंठ चिपका लिया. टांगें अपनी सीधी कर और हाथों को बिस्तर पर टिका कर तेज तर्रार धक्के मारे कि एक पल में ही मैं सिसकते, कराहते हुए मुझे पकड़ कर नीचे से उछलती हुई वो झड़ने लगी.[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]उसका शरीर थरथरा रहा था और मैं अब और पीछे नहीं रह सकता था मुझे लगा कि मेरा स्पर्म मेरे अकड़े हुए लिंग से निकल कर उसकी ऐंठन वाली योनि में चला गया है; मेरा लिंग धड़क रहा था और पिचकारियां मार कर कर मेरे उपजाऊ वीर्य की उसके योनि को भर दिया । दोनों का मिला जुला काम रास इतना अधिक था की वो उसकी योनि से बाहर निकर कर चादर पर फैल गया और हम दोनों नए प्रेमी धीरे-धीरे अपनी कामुक और उत्तेजित अवस्था से निकले और एक-दूसरे के साथ चिपक कर लेट गए और एक दुसरे को चूमने और सहलाने लगे l[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैंने अपनी उंगली पर देखा कि अंगूठी फिर से प्रकट हो गई थी और ऐसा लग रहा था कि यह पहले से कहीं ज्यादा चमक रही थी । उसी समय मुझे पता चला, मेरा लिंग झड़ने के बाद भी शिथिल नहीं हुआ था और मैं अभी भी उसकी योनि के अंदर खड़ा हुआ था और सख्त था।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,][size=x-large]समस्या और समाधान [/font][/size]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मुझे महसूस हुआ मेरा लिंग आज से पहले कभी भी इतना सख्त नहीं हुआ था और झड़ने के बाद इतनी जल्दी दुबारा पूरा खड़ा नहीं हुआ था और मेरी और सेक्स करने की इच्छा भी हो गई थी , हालांकि मैंने अभी कुछ ही देर पहले शानदार चरमोत्कर्ष का अनुभव किया था. [/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैं दुबारा सेक्स के लिए बिलकुल तैयार था, तभी मेरी नज़र दरवाजे पर गयी तो वहां पर मेरी पहली प्रेमिका रोजी खड़ी हुई धीरे धीरे मुस्कुरा रही थी .( रोजी के बारे में आप मेरे अंतरंग हमसफर कहानी में पढ़ सकते हैं) . मैंने उसे देखा और जब वो कुछ देर वैसे ही खड़ी रहे तो मैं समझ गया वो मुझसे कुछ बात करना चाहती है .. रोजी और मेरा मानसिक जुड़ाव काफी गहरा है .. और हम अक्सर एक दुसरे को देख कर अंदाजा लगा लेते थे की दुसरे के मन में क्या है ? और फिर मेरे पास अब तो अंगूठी भी है जिससे मैं दूसरो को प्रभवित भी कर सकता हूँ तो मैंने अंगूठी के प्रभाव को जांचने की सोची .[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैंने उसके मन में झाँका तो पाया:[/font] [font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]आपकी बड़ी भाभी ( भाई महाराज की महारानी) का सन्देश ले कर उनकी सेविका आयी है . [/font] [font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मेरा उस समय उठने का बिलकुल मन नहीं था .. और मन था अभी कामिनी की एक बार चुदाई फिर की जाए तो मैंने उसे मन में निर्देश दिया रोजी उसे थोड़ी देर इन्तजार करने को बोलो तो रोजी कइ ने मन में जवाब दिया सेविका बोली है सन्देश बहुत महत्वपूर्ण है आपको अभी देना होगा .. तो मैंने फिर रोजी को निर्देश दिया वो सन्देश उससे ले लो और पढ़ो .. .. फिर उसके मन में झाँका तो पता चला सेविका को निर्देश है सन्देश मुझे ही देना है और अभी देना है .. [/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]तो मैंने उसे मानसिक निर्देश दिया .. ठीक है इधर ही बुला लो .. देविका आयी मैं सन्देश लेने की लिए और थोड़ा सा हिला तो लंड बाहर आ गया .. और वो सेविका मेरा लंड देखती रह गयी .. मैंने सन्देश पढ़ा तो उसमें भाभी ने लिखा था [/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]जैसा की आपको विदित है आपको गर्भादान के लिए नियुक्त किया जाना है और इसके लिए महाऋषि ने जो प्रक्रिया बताई है उसके अंतर्गत सब सबसे पहले राजा हरमोहिंदर को एक कुंवारी कन्या से विवाह करना होगा फिर उस कुंवारी कन्या के साथ कुमार आपको को सम्भोग करके गर्भदान करना होगा चुकी आप अभी अविवाहित हैं तो आपको फिर विवाह करना होगा और अपनी पत्नी के साथ सम्भोग करने के बाद ही आप महारानी के साथ सम्भोग कर गर्भदान कर सकेंगे .. . [/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]महारानी के साथ जब महारज का विवाह हुआ था तो उसमे ये शर्त थी की महारानी पुत्र ही युवराज होगा . इस प्रक्रिया से तो महारानी का पुत्र अग्रज नहीं होगा .. और पूर्वजो द्वारा दिया गए वचन टूट जाएगा और अब महारानी की माहवारी का कल चौदवा दिन है और ये दिन गर्भदान के लिए सर्वोत्तम होता है .. आप डॉक्टर भी है ..अब इस स्तिथि में कोई उचित उपाय अब आप ही निकाल सकते हैं .. [/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]कुमार आप इस कार्य में गोपनीयता का महत्त्व से तो परिचित ही हैं [/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]स्नेह सहित आपके उत्तर में प्रतीक्षारत [/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]नीचे महाराज और महारानी के हस्ताक्षर थे[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मुझे यही समझ आया महारानी मुझसे जल्दी से चुदाई करवा कर माँ बन् ना चाहती है, और ये पढ़ कर मेरा लंड एकदम तन गया ,, परन्तु अब ये नियमो के अंदर कैसे हो मैं इसी संशय में था .. ..[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैंने इसके लिए रोजी को मानसिक आदेश दिया की वो इसका जबाब महारानी को तुरंत भिजवा दे की इसका उपाय हम ढूंढ कर रोजी को आपके पास भेज देते हैं .. [/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]रोजी ने यही एक कागज़ के टुकड़े पर ये लिखकर उस सेविका को दे दिया और [/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]उसके जाने के बाद मुझे याद आया रोजी ने आयुर्वेदिक डॉक्टर की पढाई का कोर्स पूरा कर लिया था और रूबी ने नर्सिंग का कोर्स कर लिया था और एक ट्रेनेड दाई बन गयी थी . और फिर मैंने थोड़ा जोर डाला तो याद आया गर्भदाब के लिए सम्भोग आवश्यक ही नहीं है और ये प्रक्रिया तो अब कृत्रिम गर्भाधान के द्वारा की जा सकती है .. [/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]नर के वीर्य को एकत्रित कर मादा के जननेन्द्रियों (गर्भाशय ग्रीवा) में यन्त्र की सहायता से कृत्रिम रूप से पहुंचाना ही कृत्रिम गर्भाधान कहलाता है। इसके लिए रोजी और रूबी पूर्ण प्रशिक्षित व योग्य कृत्रिम गर्भाधान कार्यकर्ता हैं जिसको आजकल IVF. कहते हैं और डॉक्टर इसके लिए बहुत पैसे लेते हैं .. काहिर पैसो की समस्या तो नहीं थी मामला नियमो का परिवार के अंश का था .. [/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]हमारे पास सभी साधन उपलब्ध थे , मेरा वीर्य . भाभियो का गर्भ और प्रशिक्षित कार्यकर्ता और डॉक्टर .. उपकरण तो मिल ही जाएंगे क्योंकि महल में मैं और रोजी दो डॉक्टर उपलब्ध हैं .. उपकरण जो चाहिए होंगे हस्पताल से आ जाएंगे .. इसलिए मैंने रोजी को मानसिक निर्देश दिया .. आप महारानी को कृत्रिम गर्भाधान के बारे में बाताओ और वीर्य कैसे लेना है इस पर भी उनके पास जाकर चर्चा करो ताकि ये कार्य शीघ्र ही किया जाए .. [/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]उसके बाद मैंने कामिनी को चूमना शुरू किया और अपने लंड को उसकी योनि में फिर से डाला, मैंने एक प्रतिरोध महसूस किया क्योंकि कामिनी अभी दुबारा सम्भोग के लिए तैयार नहीं थी है। मैंने अपने विचारों को उसकी ओर धकेला और उसके यौन कामोत्तेजना को बढ़ा दिया। [/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,][/font] [font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]statewide cars for sale[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]जैसे ही कामिनी की कामोत्तेजना बढ़ी तत्काल उसने अपने पैरों को मेरे पीठ के चारों ओर लपेट मुझे अपने ऊपर और पैरो से मेरे कूल्हे दबा कर मेरे लंड को अपने अंदर खींच लिया, और जैसे ही मैंने एक जोर का धक्का मार कर पूरा लंड अंदर डाला उसका कराहना फिर शुरू हो गया क्योंकि मेरा लंडमुंड उसके गर्भाशय ग्रीवा से साथ जा टकराया था और मेरे लिंग का आधार उसके खड़े भगशेफ के खिलाफ रगड़ गया था, फिर मैंने धक्को की गति बढ़ा दी और और फिर ये गति बहुत ही जल्दी तेज हो गई और वह मेरी पीठ को सहला रही थी और हर बार जब मेरा आगे को लंड पूरा डालता तो वो ऊपर की ओर जोर लगाती थी तो और मुझे मेरे कूल्हों को पाने पैरो के दबा कर मुझे अपनी ओर खींचती थी। उत्तेजना और आन्नद के कारण उसका सिर एक बार एक ओर और फिर दूसरी ओर घूम रहा था और उसके नाखूनों मेरी पीठ में चुभते हुए महसूस कर था था क्योंकि उसका जोश उन्माद में बदल गया था। [/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]हमारा ये सम्भोग पिछली बार की तुलना में अधिक समय तक चला लेकिन कामिनी का चरमोत्कर्ष आखिरकार बनना शुरू हो गया। मैं उसकी विचार तरंगेो को रिंग की शक्ति के माध्यम से यह जानता थीं कि कामिनी के आने वाले चरमोत्कर्ष को कैसे तब तक रोकना है जब तक कि मैं भी तैयार न हो जाऊं, इस बार मैं चाहता था हम दोनों साथ में चरमोत्कर्ष पर पहुँच जाए । [/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैं धक्के लगा रहा था और वो जोर से कराह रहा थी [/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]"ओह हाँ, ओह हाँ, रुको मत। मुझे फिर से आपका वीर्य अपने अंदर महसूस करना है ," जल्द ही हम दोनों उस बिंदु पर पहुँच गए .. उसकी टाँगे काम्पने लगी और शरीर ैठने लगा , मैं ने अपने चरमोत्कर्ष को ठीक उसी समय चरम पर जाने दिया, और एक बार फिर, उसने उसके गर्भ में गहराई से एक तेज पिचकारी मार दी। मैं आया और आया, इस बार मेरा बहुत अधिक वीर्य निकला जो अंतहीन लग रहा था, अंत में में और अधिक उत्पादन नहीं कर सका और मैं उसके ऊपर गिर गया । कामिनी और मैं दोनों पसीने से लथपथ थे , उसके पसीने से उसका बदन चमक रहा था और पास्सेने की बूंदे उसके लाल, उत्तेजित, और उजागर स्तनों और उसके शरीर से नीचे छलक रही थी। पसीने की एक महीन चमक ने उसके माथे और उसके चेहरे को ढँक दिया, उसके बाल गीले थे। वह यौन रूप से संतुष्ट और पूरी तरह से थकी हुई थी।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैंने प्यार से उसके सूजे हुए निपल्स और उसके होंठो को चूमा तो उसने भी मुझे वापिस चूमा और मुस्कुरायी । धीरे से मैंने अपने स्थिर और आधे कड़े लंड को बाहर निकाला और उसको आराम दिया और उसे उठाकर धीरे से उसे ऊपर ले गया और बिस्तर पर आराम से लेटा दिया उसके साथ लेटगया और उसे चादर में ढक दिया, और उसके कंधों पर हाथ रख दिया और वह कुछ ही मिनटों में सो गई। उसके सोने के बाद मैं बिस्तर से नीचे उतरा, और सोफे पर बैठ गया, और उसने सोचा कि पिछले कुछ घंटों में क्या कुछ नहीं हुआ था।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैंने एक बूढ़े आदमी को बचाने की कोशिश की थी, जिसने उसे एक रहस्यमयी अंगूठी दी थी, जिसने उसे कुछ शक्तियां दी थीं; जिसकी विशालता को मैं अभी तक पूरी तरह से समझ नहीं पाया था। फिर मैं अपनी भावी पत्नी से मिला जो शायद अभी विवाह के लिए त्यार नहीं थी पर मैं अंगूठी के प्रभाव से उसकी हलकी फुलकी विरोध की भावनाओ को दबाने में सक्षम हुआ था और आखिरकार मैंने उस वृद्ध की युवा और नयी पत्नी के साथ अब तक का सबसे अच्छा सेक्स किया, एक बार नहीं बल्कि दो बार। मैं उसके अंदर चरमोत्कर्ष पर पहुंच गया था। और फिर मेरी भाभी ने एक ऐसी समस्या बताई थी जिसका कोई उपाय नहीं मिला था उसे मैंने लगभग सुलझा लिया था .. तो मैंने थोड़ी शैम्पेन पी और अंगूठी को देखा तो वो पहले से कहीं ज्यादा चमकीली हो गयी थी।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैंने अपनी उंगली से अंगूठी खींचने की कोशिश की, लेकिन यह इस तरह से फिट हो गयी थी की उसे जैसे ही मैंने उसे खींचा मुझे अपने मस्तिष्क में एक हल्का सा दर्द महसूस हुआ जो खींचे पर तीव्रता में बढ़ गया जब भी मैं अंगूठी को हटाने की कोशिश करता रहा; दर्द बढ़ने लगता और जब अंगूठी को छोड़ देता तो दर्द थम जाता . अंत में मैंने अंगूठी निकालने का विचार त्याग दिया और यह महसूस किया कि आवाज और वो दिव्य पुरुष ठीक कह रहे थी की जब तक मुझे उत्तराधिकारी नहीं मिल जाता, तब तक ये अंगूठी मुझे पहननी होगी । [/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]फिर बिस्तर पर जाकर गहरी और निर्बाध नींद में सो गया।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]जब मैंने रोजी को महारानी के लिए कृत्रिम गर्भान का उपाय बता दिया तो वो अपनी बहन रूबी के पास गयी और पूरी बात बताई [/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]महारानी इसके लिए तुरंत त्यार हो गयी . हॉस्पिटल से तुरंत जरूरी उपकरण मांगा लिए गए जो दो घंटो में आने वाले थे. रोजी ने महारानी की सभी रिपोर्टो की जांच की और पाया महारानी गर्भ धारण के लिए सवस्थ थी और रूबी ने जांच की और पाया महारानी अपने माहवारी चक्र के चौदवे दिन में थी और अब समस्या थी मेरा वीर्य कैसे लिया जाये .[/font] [font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,][size=small][font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]जारी रहेगी[/font][/font][/size]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]भाभी का कृत्रिम गर्भधान[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]जब मैंने भाभी को गुप्तरुप से अप्रत्यक्ष रूप से गर्भधान करने का ये प्रस्ताव भेजा था तब मेरे लंड ने चुपके-चुपके से उछल-उछल कर अपनी ख़ुशी जाहिर की थी , मैंने प्रसन्नता से इस ' गुप्त मिशन' के लिए हामी भर दी थी और भाभी को 'सब कुछ' व्यवस्थित करने के बाद रोजी के द्वारा मुझे आने का सन्देश भेजा ।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मेरी नींद लग गयी और लगभग दो घंटो बाद मुझे लगा मुझे रोजी जगा रही है और बोल रही थी कुमार उठिये भाभी ने आपको बुलाया है मैंने आँखे खोली तो रोजी सामने खड़ी हुई थी और कामिनी मेरे साथ लिपटी हुई सो रही थी मैंने सावधानी से उठा ताकि कामिनी की नींद न खराब हो और टॉयलेट जा कर थोड़ा फ्रेश हुआ मुँह हाथ धोया बाल बनाए और अपना कुरता पायजामा पहना और मूर्ति घुमा कर गुप्त रास्ते से भाभी के कक्ष के लिए निकल गए . जैसे ही मैं गुप्त रास्ते से निकल कर हाल से निकल कर भाभी महारानी के कमरे की तरफ़ जा रहा था तो दीवार पर लगी पेंटिंग्स, कलाकृतिया और अन्य सजावट को देख कर मैं समझ गया कि भाभी का कक्ष भाई महाराज के निवास के सबसे आलीशान कक्षों में से एक था और महाराज के रानिवास से थोड़ा हट कर था ।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]थोडी देर मे मैं उनके कक्ष के बाहर पहुँच गया। फिर मैने दरवाजे को हाथ लगाया और दरवाज मेरे स्वागत में खुल गया और मेरे सामने बड़ी भाभी की सेविका खड़ी थी उनका नाम है प्रियंबदा । रोजी अंदर चली गयी और मैं उन्हें ही देखता रह गया [/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैं अभी उसे ठीक से देख भी नही पाया था की उन्होंने मेरा हाथ पकड कर मुझे अन्दर खीच लिया। और एक झटके के साथ दरवाजा बन्द कर दिया। मैं उसकी इस हरकत से एक दम सकपका गया। प्रियंबदा ने कहा अगर मैं तुम्को इस तरह से अन्दर नही खीचती तो तुम बाहर खडे खडे ही मुझ देखते रहते जो कि मैं नही चाहती थी।मेरा नाम प्रियंवदा है और मैं आपकी भाभी (महारानी) की प्रधान सेविका हूँ तुम्को मुझको देखना हे तो लो मैं तुमहारे सामने खडी हो जाती हूँ जी भर के देख लो। ऐसा कह कर वह मेरे सामने अपने दोनो हाथ कमर पर रख कर खडी हो गयी। खडी होने से पहले उसने अपनी साडी का पल्लू उतार कर अपनी कमर से नीचे गिरा दिया। ये सब इतनी जल्दी हुआ था की मुझे उसको देखने का मौका भी नही मिला था। अब वह मेरे सामने थी और मैं जी भर कर उसको देख सकता था।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]फिर मैंने अपनी नजर उसपर गढा दी। उसका रंग गोरा था वो भाभी की हम उम्र थी पर अपनी अपनी उमर से करीब दस साल छोटी दिखती थी। उसकी आँखे बडी बडी थी। जिन मे वासना भरी हुयी थी। उसके होठ बडे बडे थे। उसपर उसने गहरे लाल रंग की लिपस्टिक लगा रखी थी। जो उसकी सुन्दरता को और बढा रही थी। उसके चहरे पर एक आमत्रंण का भाव था जैसे कह रही हो आओ और चुम लो मेरे होठों को।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]फिर मेरी नजर उसके बदन पर गयी बडा ही भरपूर बदन था उसका। उसका गदराया बदन देख कर मेरा लंड पैन्ट के अन्दर ही उछलने लगा था। उसने हल्के गुलाबी रंग की साडी पहन रखी थी। उसका ब्लौस स्लीव लेस था। और उसमे कफ़ी गहरा कट था जिसकी वजह सी उसके बडे बडे मम्मे आधे से ज्यादा ब्लाउस से बाहर झाँक रहे थे। प्रियंवदा ने शायद बहुत ही टाईट ब्लाउस पहन रखा था क्योकी उसके मम्मो की दोनो बडी बडी गोलाईयाँ आपस मैं चिपक गयी थी। और एक गहरा कट बना रही थी। जो कि बडा ही सेक्सी लग रहा था। इस नजारे को देख कर मैं उत्तेजना से पागल हो रहा था। मेरे लंड का उभार मेरी पैन्ट से साफ़ दिखायी दे रहा था।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]फिर मेरी नजर उसके पेट पर गयी। उसने साडी अपनी नाभी के काफ़ी नीचे पहनी थी। जिस से उसकी गहरी नाभी साफ़ दिखयी दे रही थी। उसकी नाभी की गहरायी देख कर मेरा मन उसको चूम लेने का हुआ। फिर मैं थोडी देर तक उसको ऐसे ही निहरता रहा। कुछ देर बाद प्रियंवदा ने कहा क्या हुआ कुंवर जी कैसी लगी मैं तुम्को । मैंने कहा बहुत ही अच्छी। प्रियंवदा ने कहा वो तो तुम्हारे पैन्ट मे उभरते तुम्हारे लंड को देख कर पता चल रहा है। मैं उसको देख कर गर्म हो गया था . [/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]वो भी मेरे को देख कर शायद समझ गयी की मेरे को प्यास लगी है। बोली पानी चाहिये मेने कहा हाँ। ठीक है अभी लाती हूँ कह कर उसने अपनी साडी का आँचल उठा कर पेटीकोट मे ठूंस लिया और पलट कर पानी लेने चल दी। जैसे ही वह पल्टी सबसे पहले मेरी नजर उसके भारी भरकम चूतडो पर गयी। और …प्रियंवदा . के चूतड तो बहुत ही बडे थे। उसने ऊँची ऐडी की सैंडल पहन रखी थी। जिस की वजह से जब वह चल रही थी तो उसके चुतड बहुत ही मस्ताने ठंग से मटक रहे थे। जेसे किसी फैशन शो मे मॉडल अपने चूतडो को मटका के चलती है वैसे ही।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]एक तो उसको आगे से देख कर ही मेरा बुरा हाल था अब तो मैंने उसको पीछे से भि देखा लिया था मेरा लंड तो बिलकुल ही आपे से बाहर हो गया। वोह भी शायद जानती थी की उसके चूतडो का मुझ पर क्या असर होगा । वो पानी लेने दूसरी और चली गयी तो मेरी नजर सामने गयी तो सामने मैंने देखा वहां एक प्रियंवदा से भी खूबसूरत महिला एक बड़े आसान पर बैठी हुई थी [/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]वह शाही वस्त्रों और साड़ियों और गहनों के सबसे आकर्षक कपड़े पहने हुए थी। और वह मौजूद सब महिलाओ और लड़कियों में सबसे ज्यादा कामुक और सुंदर थी .. मैं समझ गया ये ही मेरी बड़ी भाभी महारानी ऐश्वर्या है ।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैंने उन्हें प्रणाम किया तो उन्होंने मुझे आपने पास बिठा लिया और इतने में मटकती हुई प्रियंवदा धीरे धीरे मटकती हुई गिलास ले कर आ गयी उसने आने में बहुत देर लगायी जिस से मैं जी भर कर उसके स्तन , चूतड और उनका मटकना देख सकूं।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]फिर उसने जग उठाया और मेरी तरफ़ देखते हुये उसने गिलास मे पानी भरना शुरु किया। वह मुझ को देख कर मस्ती भरी नजरो से मुस्कुरा रही थी। पानी भरकर वह मेरी तरफ़ चल दी। जिस तरह से वह चूतड मटका के चल रही थी उसकी वजह से उसके बडे बडे मम्मे उसके कसे ब्लाउस मे फंसे हुये जोर जोर से उछल रहे थे। उसने पुरी तरह से मुझको अपने हुस्न के जाल मे फसाँ लिया था।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]लो पानी पी लो कह कर उसने गिलास मेरे हाथ मे थमा दिया। मैं पानी पीने लगा और पानी पी कर मैंने गिलास उसको दे दिया। [/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]भाभी बोली जो देखा पसन्द आया मै मुस्कुरा कर बोला हाँ बहुत पसन्द आया। अब आप को तो पता ही है हम किस स्थिति में हैं इस लिए अब जब हम अकेले हो तो हमे ऐसे प्रणाम मत किया करो . [/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैंने बोलै भाभी अब आप सब शर्म लाज छोड़ कर पूरी प्रक्रिया समझ ले और मुझे आप जो भी जानती हैं वो बता दीजिये [/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]फिर भाभी ने मुझे बताया कि उनके ससुर (मेरे ताऊ जी ) की असामयिक मृत्यु के कारण उसके पति को कम उम्र में ही गद्दी पर बैठा दिया गया था। साज़िश और महल की राजनीति थी और नए महाराजा की स्थिति कमजोर थी। वह जानती थी कि उसका पति महाराज नपुंसक है। फिर भी उसने उन्हें चार और कनिष्ठ रानियों से शादी करने की अनुमति दी ताकि उसे पता चले कि उसकी बात सुनने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। रानियों को वरिष्ठता के क्रम में उनके द्वारा पड़ोसी राज्यों में मजबूत सहयोगी बनाने के लिए चुना गया था। और अब भाई महाराज छठी बार शादी कर रहे थे ।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]भाभी ने राज्य को मजबूती से स्थापित करने के लिए खुद को जिम्मेदार महसूस किया था और इसलिए वह एक साहसी, बहादुर और मजबूत युवराज चाहती थी; कोई बौद्धिक और आध्यात्मिक युवराज नहीं ।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]महारानी बोली मैंने दृढ़ता से महसूस किया है कि ऋषि द्वारा गर्भाधान से प्राप्त पुत्र उस मानक को पूरा नहीं करेगा। इसे वही कर सकेगा जिसके खून में मेरे या मेरे पिता जैसा मजबूत शाही अंश हो । और जो भरोसेमंद और सक्षम, व्यावहारिक रूप से परिवार का अंग हो और मैं युवा होने के नाते इसके लिए उन्हें सबसे सही विकल्प लग रहा था।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]भाभी आगे बोली कुमार यह आसान नहीं था। भाई महाराज और मुझे दोनों को इसके लिए सहमत होना पड़ा। [/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]फिर रोजी आ गयी और बोली कुमार मैंने महारानी जी को अप्रत्यक्ष कृत्रिम गर्भान का उपाय बता दिया महारानी इसके लिए पूरी तरह से त्यार हैं . हॉस्पिटल से तुरंत जरूरी उपकरण मांगा लिया है . रोजी ने महारानी की सभी रिपोर्टो की जांच की और पाया महारानी गर्भ धारण के लिए सवस्थ हैं और रूबी ने जांच की और पाया महारानी अपने माहवारी चक्र के चौदवे दिन में हैं अब समस्या थी मेरा वीर्य कैसे लिया जाये . अब आप बताओ कैसे करना चाहोगे [/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैंने कहा भाभी अब आप मेरी बात एक डॉक्टर के तौर पर बहुत ध्यान से सुने इस कृत्रिम गर्भधान के उपाय है [/font] [font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]1, सबसे उत्तम -आपकी योनि में मेरा स्खलित होना जिसके लिए महृषि ने अभी निषेध किया है की ऐस करने से पूरी प्रक्रिया निष्फल हो जाएगी [/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]2. इसलिए अब अप्रत्यक्ष कृत्रिम गर्भधान करना होगा [/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]a, मैं हस्त मैथुन करके वीर्य स्खलित कर दू [/font] [font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]b. में किसी अन्य कन्या को उसे देखे बिना सिर्फ इस प्रकार मैथुन करूँ जिसमे चूमना स्तन इत्यादि दबाना न हो और मैं उसकी योनि में स्खलित हो जाऊं [/font] [font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]c. किसी अन्य कन्या के साथ पूर्ण सम्भोग और मेरा स्खलन [/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]और रोजी और रूबी तत्काल वीर्य को योनि से होते हुए आपके गर्भशय में डाल कर गर्भधान करवा देंगी [/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]तो मैंने कह हाँ भाभी जी ये भी ध्यान रखना होगा जब मेरा वीर्य आपकी योनि में प्रविष्ट करवाया जाए तो आप भी पूरी तरह से उत्तेजित हो और स्खलित हो ताकि आपके गर्भ के बीज के साथ मेरे बीज का अवश्यम्भावी मिलन हो जाए और आप गर्भवती हो जाए .. और बहुत संभव है हमे ये प्रक्रिया एक दो बार दोहरानी भी पड़े . मुझे पूरा विश्वास है महर्षि के आशीर्वाद के बाद अब मेरा वीर्य अमोघ है और हमे शीघ्र ही खुशखबरी मिलेगी परन्तु ये आपको जब तक मैं न कहूं तब तक गुप्त रखना होगा .. [/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,][/font] [font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]इसके लिए यही बेहतर रहेगा की जब मैं किसी अन्य कन्या से सम्भोग करूँ तब आप भी अपनी सखियों के साथ सेक्स करें और मेरे साथ चरम पर पहुंचे .. इस काम में रूबी और रोजी आपकी पूरी मदद कर सकती है ..[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]तो भाभी बोली जहाँ तक पहली विधि तो निषिद्ध की गयी है इसलिए अब दो ही तरीके बचे हैं ,, अब इतनी सुन्दर महिलाओं के बीच रहकर भी अगर कुमार आपको हस्त मैथुन करके या उसी तरह से योनि में हस्त मैथुन के समान स्खलित होना पड़े तो ये तो बिलकुल अनुचित रहेगा इसलिए अब सिर्फ तीसरी सम्भावना ही बचती है ..[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]तो भाबी बोली मैं चाहती हू की आप हमारी हेमंती से करे वो कुमारी है .. और मेरे साथ मेरी प्रिय सखी प्रियंवदा और आपकी दोनों एक्सपर्ट रहेंगी [/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैंने कहा कौन हेमंती ?[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]भाभी बोली वही जो आपके पास मेरा सन्देश ले कर आयी थी और अब आप यहाँ क्यो बैठे हो चलो अन्दर । फिर मैं उसके साथ चल दिया । [/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैं जब अपने कमरे मे दाखिल हुआ तो फिल्मी सीन की तरह हेमंती बेड पर घूँघट निकाले बैठी थी...पूरा कमरा फूलों से सज़ा हुआ था...सुहाग की सेज सजी हुई थी... मैंने रोजी को इशारा किया तो उसने मुझे एक तोहफा पकड़ा दिया ..[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैं उसके पास जाकर बैठ गया.. उसे तोहफा दिया और [/font] [font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैंने उसका घूँघट उठा दिया...खूबसूरती की मूरत लग रही थी वो...और उसकी आँखे झुकी हुई थी.. [/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैंने उसके चेहरे को उपर किया...और आगे बढ़कर उसके लबों को चूम लिया..[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]हेमंती अपने आप में सिमट कर रह गयी..और उसके मुँह से गहरी-2 साँसे निकलने लगी..[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैंने उसे लिटाकर उसके लबों को और चूसना चाहा, और उसे चूमा तो वो बोली मैं कुछ कर लू तो मैंने कहा जैसे तुम्हारी इच्छा .. [/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैंने सामने देखा प्रियंवदा महारानी को किश करती हुई उनके वस्त्र उतार रही थी और उसकी स्तन दबा रहे थी और महारानी भी प्रियंवदा के स्तन दबा रही थी [/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]और इतना कहने के बाद हेमंती ने मुझे लिटा दिया और वो मेरे होंठों पर टूट पड़ी...ऐसा लग रहा था की वो पागल सी हो चुकी है...अपनी ब्रेस्ट को उसकी छाती पर रगड़ते हुए वो मेरे बालों में उंगलियाँ फेराती हुई मेरे होठों को बुरी तरह से चूस रही थी... और मैं ओंठ चुसवाते हुए प्रियंवदा और भाभी का खेल देख रहा था [/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैं ने अपने हाथों से पहले उसके स्तनों को दबाया उसे बाद उसकी गांड को सहलाना शुरू कर दिया...और तब मुझे पता चला की उसने पेंटी भी नहीं पहनी हुई थी ..मैं ने अपनी उंगलियाँ उसकी गांड की दरार में उतार दी..[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]उसकी सुलगती हुई सी आवाज़ ने मैं के अरमानो को और भड़का डाला...और अपना मुँह सीधा उसके मुम्मों पर रख दिया और उसकी चोली के उपर से ही उसके निपल को मुँह में लेकर चूसने लगा..[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]''ऊऊऊऊऊऊओह मैं ................ कुंवर जी .................. उम्म्म्मममममममम......''[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]और उसने खुद ही धीरे-2 अपनी चोली की डोरिया खोलकर चोली से चूची निकाली और अपनी नंगी स्तन मेरे मुँह में ठूस दी..[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैंने उस की प्यारी सी स्तनों को देखा . प्यार से दबाया और फिर धीरे-2 अपनी जीभ से उन्हे चाटने लगा...[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मेरी जीभ जैसे चुभ सी रही थी हेमंती को....उसने ज़बरदस्ती अपना एक निप्पल मेरे मुँह में ठूसा और ज़ोर से चिल्लाई .. : "चूसे जोर से ...............खा जाओ इनको ...............''[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैं हैरान रह गया था कुछ देर पहले चुप-चाप खड़ी हुई लड़की बेड पर इतनी गर्म निकलेगी ...[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैं ने धीरे-2 उसकी ड्रेस उतार कर साइड में फेंक दी...अब वो बिस्तर पर पूरी नंगी पड़ी थी...[/font] [font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]अब मेरी आँखो के सामने थी हेमंती की कुँवारी और सफाचट चूत ..[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]अपने सामने दो खूबसूरत महिलाओ के एक दुसरे के जिस्म के साथ खेलते हुए देखकर और हेमंती के नंगे जिस्म की खूबसूरती देखकर मेरा लंड बागी सा हो गया. मैंने भी अपने कपड़े उतारे और कुछ ही देर मे मैं भी भी नंगा हो गया ...[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]हेमंती ने मेरे लंड की तरफ देखा और शरमाते हुए अपनी नज़रें झुका ली...वो बोली ये तो जब मैंने थोड़ी देर पहली बार देखा था उससे काफी बड़ा लग रहा है मेरी तो फाड़ देगा .. [/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैं उसके पास पहुँचा और अपने लंड को उसके हाथ में पकड़ा दिया...वो मुझे उपर नीचे करने लगी..[/font] [font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैंने धीरे से उसकी चूत को हाथ से छुआ .[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]''आआआआहह ................... म्*म्म्मम म ...... मैं ............''[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]तभी मुझे सामने से ओह्ह आह की आवाज आयी तो देखा प्रियंवदा महारानी के स्तनों को चूसने के के बाद अब उनकी योनि में ऊँगली कर रही थी और भाभी अपनी टांगो को पकडे प्रियंका को अपनी चूत में डुबकी लगाते हुए मुझे देखने लगी [/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैं भी घूमा हेमंती को भी घुमाया और हेमंती की चूत को किस्स करने लगा..इतना मज़ा मिल रहा था , बड़ी भीनी-2 सी महक आ रही थी उसकी चूत से...मैंने अपनी जीभ को जितना हो सकता था बाहर निकाला और उसकी चूत की परतें खोलकर जीभ को अंदर धकेल दिया.. और मेर आँखे सामने भाभी और प्रियंवदा के ऊपर थी [/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]हेमंती के लिए ये पहला मौका था जब कोई चीज़ उसके अंदर जा रही थी...वो सिसक उठी...और अपनी टांगे उसने गर्दन में लपेट कर मुझे बुरी तरह से जकड़ लिया...[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]हेमंती ने बेड की चादर को पकड़ा और चिल्लाई ''आआ अहह मैं .................. उम्म्म्मम मम .... बहुत अच्छा ....और करो..........''[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैं फिर से उसकी चूत को चाटने चूसने में जुट गया..[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]और कुछ ही देर में उसने अपने मुँह से उसकी चूत को पूरा सींच दिया...[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैं थोड़ा उपर उठा और घुटनो के बल बैठ गया...उसे घुमाया खुद भी घुमा और अपना चेहरा भाभी की तरफ किया और उसकी चूत पर अपना लंड रगड़ा ..और धीरे-2 उसके छेद में फंसाया और हल्का धक्का मारकर अंदर दाखिल हो गया [/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]उसकी इतनी कहने की देर थी की मैं ने एक जोरदार झटका मारा...और उसका लंड हेमंती की चूत की सील तोड़ता हुआ अंदर दाखिल हो गया..[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]वो दर्द से बिलख उठी...[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैं थोड़ा सा रुक गया...हेमंती को काफ़ी दर्द हो रहा था...उसकी आँख से आँसू निकल रहे थे..[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]भले ही ये हेमंती का ये पहला मौका था, पर इंटरनेट , रोजी और रूबी ने उसे अच्छी तरह समझा दिया था की कैसे क्या होगा [/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैंने हेमंती को चुप कराया...उसके गालों को चूमा...और फिर थोड़ी देर बाद फिर से हिलाने लगा अपना लंड ...[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]अब वो चिल्ला तो नही रही थी...जल्द ही उसका शरीर अकड़ा काम्पा और वो झड़ गयी और मैं उसके ऊपर पूरा लेटकर अपने लंड से उसे तेज तेज चोद रहा था [/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]और फिर मैं ने धीरे-2 धक्को की स्पीड बड़ा दी...और अंत में जोरदार झटके मारता हुआ वो उसके अंदर ही झड़ गया..[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]फिर मैंने अपना लंड बाहर निकाल लिया..[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]पर मैं ये देखकर हैरान रह गया की उसके लंड पर हेमंती की चूत का खून नही लगा था...[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]उसने हेमंती की तरफ देखा, वो भी हैरान हो रही थी...और डर भी रही थी की कहीं मैं उसपर कोई शक तो नही कर रहा ..[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैं भी उसके रुंआसे चेहरे को देखकर समझ गया की वो क्या सोच रही है...[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैं उसे बोलै कोई बात नहीं हेमंती ....ब्लड निकलना ही सबूत नही होता वर्जिनिटी का, और ज़रूरी नही होता फर्स्ट टाइम पर ये निकलता ही है.....आजकल तो अंदर की झिल्ली खेल कूद में भी फट जाती है.... [/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैंने इतना वीर्य निकाला था की हेमंती की चूत पूरी भर गयी थी और वीर्य बाहर निकलना शुरू हो गया तो तभी रूबी आ गयी और उपकरण ले आयी और सारा वीर्य उपकरणों की मदद से इकठा कर लिया और दूसरी तरफ प्रियंवदा महारानी को चरमोत्कर्ष पर ले आयी थी और जब उसका शरीर अकड़ने लगा और कांपने लगा तब रोजी और रूबी ने भाभी की टाँगे ऊपर कर नीचे तकिया लगा योनि ऊपर कर दी और इंजेक्शन सिरेंज की मदद से मेरा पूरा वीर्य तत्काल उसकी योनि में भर दिया[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,][/font] [font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,] और ऐसे चार पांच बार पिचकारियां मारी जैसे लंड स्खलन के समय मारता है और भाभी को बोलै कुछ देर ऐसे हीउ लेते रहना ताकि वीर्य भाभी की योनि के अंदर ही रहे ..[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]उसके बाद मैंने उस समय दोबारा हेमंती के साथ कोशिश नही की, क्योंकि पहली चुदाई के बाद उसकी चूत बुरी तरह से सूजी हुई थी... हालाँकि हेमंती मेरे कान में बोली कुमार आप ये मेरे साथ दुबारा जल्द ही करियेगा क्योंकि मुझे बहुत मजा आया है आपके साथ .. [/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैंने इतना वीर्य निकाला था की हेमंती की चूत पूरी भर गयी थी और वीर्य बाहर निकलना शुरू हो गया तो तभी रूबी आ गयी और उपकरण ले आयी और सारा वीर्य उपकरणों की मदद से इकठा कर लिया और दूसरी तरफ प्रियंवदा महारानी को चरमोत्कर्ष पर ले आयी थी और जब उसका शरीर अकड़ने लगा और कांपने लगा तब रोजी और रूबी ने भाभी की टाँगे ऊपर कर नीचे तकिया लगा योनि ऊपर कर दी और इंजेक्शन सिरेंज की मदद से मेरा पूरा वीर्य तत्काल उसकी योनि में भर दिया और ऐसे चार पांच बार पिचकारियां मारी जैसे लंड स्खलन के समय मारता है और भाभी को बोलै कुछ देर ऐसे हीउ लेते रहना ताकि वीर्य भाभी की योनि के अंदर ही रहे ..[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]उसके बाद मैंने उस समय दोबारा हेमंती के साथ कोशिश नही की, क्योंकि पहली चुदाई के बाद उसकी चूत बुरी तरह से सूजी हुई थी... हालाँकि हेमंती मेरे कान में बोली कुमार आप ये मेरे साथ दुबारा जल्द ही करियेगा क्योंकि मुझे बहुत मजा आया है आपके साथ ..[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]फिर रानी भाभी के गर्भधान की देखभाल के लिए रूबी वहाँ रुकी, प्रियंवदा आगे आयी और मेरे गले लग गयी । मैंने उसे प्यार से चूमा और जल्द ही दुबारा मिलने के वादे के साथ मैं रोजी के साथ मेरे मेरी कक्ष में लौट आया ।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,] जैसे ही हम कक्ष में लौटे तो रोजी मेरे गले लग गयी उसके लंबे सुंदर बालों जो उसके नितम्बो तक थे उनके नीचे , उसकी मलाईदार कोमल गोरी त्वचा पर मैंने हाथ फिराया । उसके सुंदर भरे हुए स्तन दो खरबूजे के की तरह दृढ़ और गोल थे; उसके चौड़े कंधे उसकी छोटी कमर की तरफ नीचे की ओर झुके हुए थे; उसके छोटे पैर, नाजुक टखनों के साथ, ऊपर की ओर फैले हुए थे, उसकी जांघें चिकनी और भरी हुई और आनुपातिक थीं, हम एक दूसरे की बाहों में खो गए .[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मेरा लंड अब ड्यूटी पर तैनात किसी भी गार्ड् की तरह सीधा खड़ा था और उसने रोजी के शरीर पर अपने उपस्थिति दर्ज करवा दी, और रोजी ने महसूस किया की मैं तीसरे दौर के लिए अब बिलकुल त्यार हूँ । वह मुझे देखकर मुस्कुराई और ' मुझे पता है कि आप क्या चाहते हो, कुमार,' वह फुसफुसाई। 'लेकिन आपके इस शैतान ने पहले ही हेमंती और कामिनी को थोड़ा परेशान कर दिया है। आप थोड़ी देर रुकिए मैं इसकी तकलीफ कप दूर कर देती हूँ ।' उसने मेरे खड़े हुए लंड को पायजामे से बाहर निकला और उसे अपने खूबसूरत होठों की ओर खींच लिया जो मेरे लाल घुंडी को चूमने के लिए खुल गए थे । फिर रोजी के होठों ने मेरे लंड के अगले हिस्से को ढँक दिया और फिर वो उस पर जीभ फिराती हुई पूरा मुँह में ले गयी , जिससे मैं मजे से काँपने लगा।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]उसने तेजी से मेरे लंड को चूसने लगी और मेरा दाहिना हाथ नीचे की गया और उसकी रसीली योनी पर ठहर गया । मेरी उंगलिया उसकी योनि पर चलती रही और रोजी मेरा लंड चूसती रही बहुत जल्द मुझे मजबूर होकर रोजी को फुसफुसाना पड़ा कि मैं आने वाला हूँ। उसने अपनी गर्दन को आगे की ओर झुकाया और मेरे लंड की पूरी लंबाई को अपने मुँह में डाल लिया, उसके होंठ लगभग मेरे अंडकोषों को चूम रहे थे। जैसे ही मैंने अपनी क्रीम की पिचकारी उसके गर्म मुंह में डाली, उसने मेरी गेंदों को अपने हाथों में थपथपाया, उसके नितंब ऊपर-नीचे हो रहे थे क्योंकि उधर मेरे हाथो ने भी उसे उत्तेजना के शिखर पर पहुँचा दिया था । मैंने अपनी वीर्य उतसर्जन की मात्रा को नियंत्रित करते हुए उसके मुंह में थोड़ा सा वीर्य डाला और रोजी ने ललचायी हुई नजरो के साथ मेरे अब सिकुड़ते हुए लंड से निकलती हुई हर आखिरी मलाईदार बूंद चूस ली।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]फिर मैंने बेडरूम में प्रवेश किया, कामिनी अब जाग गई है और एक रेशमी, नाईट गाउन पहना हुआ था, जिसमे से उसका सर्वश्रेष्ठ सुन्दर बदन मेरे सामने प्रदर्शित किया परन्तु वो गाउन इस तथ्य को छिपा नहीं सका कि उसके नीचे कुछ भी नहीं था। उसने मेरा स्वागत करते हुए मुझे चुम्बन किया और वो मुझे अंदर ले गयी । हम कमरे में रखे सोफे पर बैठ गए जहां उसने पहले ही कॉफी और चाय बना ली थी; और हमने बहुत पुराने दोस्तों की तरह बाते की। एक बार फिर रिंग्स पावर का फायदा उठाते हुए मैंने उसके विचारों को पढ़ा और देखा कि चूंकि मैंने पहले उसके दिमाग में अपने विचार पेश किए थे, इसलिए वह अब मेरे साथ पूरी तरह से सहज थी और वह उम्मीद कर रही थी कि अब हमारी पिछली मुलाकात के आधार पर हमारा रिश्ता बनेगा।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]हालाँकि मैंने कुछ के देर पहले रोजी के साथ मुखमैथुन किया था और उससे पहले युवा मासूम कुंवारी हेमंती का कौमार्य मैंने भंग करने के बाद उसके अंदर शुक्राणुओं की बाढ़ जमा किये हुए मुझे कुछ ही समय हुआ था; मुझे एहसास हुआ कि मुझे फिर से सेक्स की ज़रूरत थी, इसलिए कामिनी के दिमाग में सेक्स की इच्छा को प्रभावित करते हुए, मैंने जल्दी से उसके उत्तेजना के स्तर को उठाया और देखा कि उसके पैर अलग हो गए हैं, जिससे लेस गाउन उसकी जांघों को उजागर कर रहा है जिससे मुझे उसकी योनि की झलक मिली/ ड्रिंक खत्म करने के बाद कामिनी खड़ी हो गई और मेरी ओर बढ़ने लगी, बिना एक शब्द बोले, उसने मेरा हाथ थाम लिया और बिना रुके, बेड के पास ले गई, जहां मैंने उसे कुछ घंटे पहले चौदा था।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]फिर उसने मेरा कुरता उतार डाला और धीरे से मेरे निपल्स पर चुंबन किया। फिर उसने मेरे पायजामे की डोरी खींची पायजामा और मेरे अंडरवियर को मेरे कूल्हों के ऊपर धकेल दिया और धीरे से मुझे वापस उस बिस्तर पर धकेल दिया । उसने मेरी चप्पलें और पायजामा उतार दीया और मेरे पैरों के बीच नीचे जमीं पर गिर गए । मैंने उसे खुले मुंह देखा क्योंकि उसने मेरे लिंग को दोनों हाथों से पकड़ लिया था और उसकी जीभ लंड की पूरी लम्बाई पर और बल्बनुमा लंडमुंड पर दौड़ गई थी। उसने या तो इस बात पर ध्यान नहीं दिया कि मैंने कुछ समय पहले ही सेक्स किया था, या उसने सोचा होगा कि सेक्स का कोई भी स्वाद हमारे रात के पहले एनकाउंटर से था। फिर वह और अधिक साहसी होने लगी और उसके होठों ने लंड की टिप को सहलाया और जैसे ही उसने अपने होठों को अलग किया, मेरा लंड उसके मुंह में आसानी से निगल लिया । उसका मुँह गर्म और गीला था , उसकी जीभ इधर-उधर भागी और उसने लंड को चूसना शुरू कर दिया, ऐसा करते हुए वो उसने अपना सिर ऊपर-नीचे करने लगी । वो ऐसे कामतुर हो कर चूस रही थी मानो उसे ये दुबारा नहीं मिलने वाला है[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैंने मेरे हाथों को तब तक नीचे खिसकाया, जब तक कि वे उसके स्तनों को ढँक नहीं रहे थे, मैंने रेशमी सामग्री के माध्यम से यह महसूस किया कि उसके निपल्स सख्त हो गए थे। वह मेरे लंड की लगभग आधी लंबाई अपने मुंह में ले रही थी और लंडमुंड उसके मुँह के अंदर जाकर उसके गले के पिछले हिस्से पर दबाव बना था था । कामिनी ने और अधिक अंदर लेने की व्यर्थ कोशिश की लेकिन उसका गैग रिफ्लेक्स बहुत मजबूत था।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैंने एक बार फिर उसके दिमाग में उसके गैग रिफ्लेक्स को दबाते हुए उसे अपने नरम और गर्म दुलार भरे होंठों के बीच और अधिक लेने के लिए निर्देश दिया । जिससे अचानक वो मेरे लंड को डीप-थ्रोट एक्शन के द्वारा निगलने लगी जिससे मेरा लंड लम्बा हुआ औरआकार में बड़ा हुआ और उसके गले के पिछले हिस्से में फिसल गया, उसी समय मुझे पता चला कि मेरा लिंग लंबा और परिधि में बढ़ रहा है। उसने लंड को पूरी भावना और मजे लेते हुए लंड चूसना जारी रखा. मैंने जल्द ही एक बार फिर चरमोत्कर्ष को महसूस किया और चूसते हुए ही अपना लंड आगे पीछे जोर से करना शुरू कर दिया और उसका मुँह गला कर नाक पिचकारी मार कर अपने वीर्य से भर दिया[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]जब कामिनी ने मेरे लिंग को चूसा और चाटा तब भी मेरा लिंग सख्त था; मैंने उसे बिस्तर पर धकेल दिया और उसकी गाउन को खोल कर उसके भारी स्तनों को मुक्त करते हुए हटा दिया, जिससे मुझे उसके बड़े निपल्स देखने की अनुमति मिली जो पिछली शाम से अभी ज्यादा गुलाबी लग रहे थे । उसके मन को पढ़कर और उसकी संवेदनशीलता को प्रभावित करते हुए मैंने सुनिश्चित किया कि उसे अपने कोमल निपल्स को मेरे द्वारा चूसने दबाने और चाटने से ज्यादा दर्द न हो मैंने निप्पलों को चूसना और चाटना शुरू कर दिया। उसकी साँसे भारी हो गयी और मेरा हाथ उसकी योनी पर पहुँच गया।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैंने अपनी उँगलियाँ उसकी योनि के बाहरी होंठों और उसके भगशेफ के आर-पार घुमाईं। कामिनी जोर से कराह उठी और इतनी तेजी से अपने नितम्बो को उसने ऊपर की ओर धकेला जिसकी मैंने उम्मीद भी नहीं की थी। मैंने उसकी व्यग्र योनि में अपनी दो अंगुलियों को घुमाया और उन्हें अंदर और बाहर ले जाना शुरू कर दिया, उसी समय उन्हें घुमाने के कारण, वह बेतहाशा उत्तेजित हो गई और उसके शरीर ने इस तथ्य को प्रदर्शित किया उसके शरीर का स्पंदन और उसकी कराहे और बढ़ती जा रही थीं क्योंकि कामिनी अपने चरमोत्कर्ष के करीब पहुंच रही थी, जब मैंने अपना अंगूठा उसके बहुत उत्तेजित और कठोर भगशेफ पर चलाया। क्लाइमेक्स हिट होते ही उसने मेरी पीठ थपथपाई और चिल्लाई। मेरी उँगलियों के चारों ओर उसकी योनि की मांसपेशियाँ कस गईं और उसके तरल पदार्थ मेरे हाथ की हथेली के आसपास बहने लगे। मैं उसके दिमाग में पहुँच गया और मैंने उसके संभोग की तीव्रता को बढ़ा दिया । जैसे ही कामिनी शिथिल हुई मेरी उंगलियां छूट गईं; मैं अपने लिंग के सिर को उसकी गीली सिलवटों के बीच रगड़ते हुए आगे घुसाया और अपने कूल्हों को अपने इरेक्शन को आसान करते हुए उसकी योनि में डाला। दो धक्को के बाद मेरा लिंगमुंड कामिनी के गर्भ के मुहाने पर था। जैसा कि मुझे उम्मीद थी कि मेरा लंड लम्बा और इरेक्शन मोटा हो गया क्योंकि इससे उसकी योनि पूरी तरह से भर गयी थी और और लंड कप उसके अंदर और बाहर करने लगा। उसने मेरे लंड का पीछा किया, हमारी श्रोणि की हड्डियाँ मिल रही थीं क्योंकि वह खुद को मेरे खिलाफ मेरे लंड के ऊपर धकेलती रही। फिर हम दोनों पर जुनून सवार हो गया धक्को की ताकत और गति बढ़ती गयी और उसके विचारों में पहुंचकर मैंने उसके चरमोत्कर्ष तक ले गया और मैं हर पल का आनंद ले रहा था।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मेरा खुद का कामोत्तेजना और गति को बनाए रखते हुए मैंने प्रत्येक धक्के के साथ बल बढ़ाना शुरू कर दिया, यह जानते हुए कि मेरा लिंग कामिनी के गर्भाशय ग्रीवा को कोई दर्द या क्षति होने से रोकने के लिए समायोजित होगा। हमारे संयुक्त धक्को के कारण उसकी योनि और मेरा लिंग मेरे उपजाऊ जीवन को गर्भ धारण करने वाले शुक्राणु छोड़ने के लिए तैयार हो गया। चरमोत्कर्ष का क्षण निकट था; कामिनी चिल्लाई, उसका जुनून चरम पर था क्योंकि वह बार-बार संभोग सुख की एक निरंतर धारा में चरम पर थी। मैंने उसके ग्रहणशील गर्भ में अपने गाड़े मलाईदार शुक्राणुओं और चिपचिपे तरल पदार्थ से भर दिया लेकिन इस वीर्य उतसर्जन के बाद भी मेरा लंड ढीला नहीं हुआ और वो पहले जितना ही कठोर था और मैंने धक्के मारना जारी रखा।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,][size=x-large]कामिनी पर नियंत्रण[/font][/size]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]हमारे सेक्स के दौरान कामिनी कई बार चरमोत्कर्ष पर पहुँची थी और जब उसका चरमोत्कर्ष धीरे-धीरे कम हुआ तो उसे पता चला कि मेरा लंड अभी भी कठोर है और मैं अभी भी धक्के मार रहा हूँ, वो मेरे धक्को का कोई जवाब नहीं दे रही थी। मानसिक रूप से उसको एक बार फिर से उत्तेजित करते हुए मैंने सुनिश्चित किया कि कामिनी तत्काल प्रतिक्रिया देते हुए मेरे साथ ताल मिलाने लगी, उसकी योनि एक बार फिर गीली होने लगी और उसका गीलापन वापस आने पर उसकी योनी ने एक बार मेरे लंड को भिगो दिया। तत्काल ही उसने मुझे चूमना शुरू करते हुए अपने कूल्हे हिलाना शरू कर दिया और एक हम दोनों उन्माद में डूब एक घंटे के आसपास सम्भोग का जुनून भरा शुद्ध आनंद लेते रहे।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैंने फिर से महसूस किया की कामिनी कई बार झड़ी और मैंने फिर भी उसे चोदना जारी रख कर उसकी उत्तेजना की मानसिक तौर पर बार बार बढ़ाया जिससे वो जल्द ही फिर से उत्तेजित होकर मेरे साथ सम्भोग में लिप्त हो जाती थी .. फिर जब मैंने अपना चरमोत्कर्ष को समीप ही महसूस किया और उसकी कामोत्तेजना को तेज कर दिया और एक बार फिर कामिनी की योनि में ऐंठन शुरू हो गई, और उसने योनि के अंदर मेरा लंड जकड़ लिया और फिर मैंने उसकी योनि के मूल के अंदर गहरे में अपने वीर्य की पिचकारियां मार दी ।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]हम दोनों प्रेमी एक बार फिर एक साथ जुनून के एक विस्फोट में चरमोत्कर्ष पर पहुंचे जो दोनों को आनंद के चरम पर ले गया, और फिर अंत में पूरी तरह से तृप्त और थक कर हम दोनों चिपक कर सो गए; मेरे लिंग विश्वसनीय रूप से अभी भी कामिनी की योनि की गहराइयों के अंदर कठोर था और उसकी योनि ने भी मेरे लंड को जकड़ा हुआ था ।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]हम कुछ घंटों के लिए सोए होंगे, लेकिन जब कामिनी उठी तो उसने पाया कि मेरा लिंग अभी भी सख्त था और उसकी चूत के अंदर फंसा हुआ था। उसने मुझे जगाया, वह असहज थी, चादरें भीगी हुई थीं, मेरे शुक्राणु और उसके तरल पदार्थ के साथ चादर के ऊपर गीला पूल बना रही थी। मैंने उसे चूमा और अपना सख्त लिंग अंदर रखते हुए ही मैंने उसे उठा लिया और उसके नंगे शरीर को स्नानागार में ले गया और बहते पानी के नीचे गॉड में उठा कर खड़ा ही गया और उसने अपने टाँगे मेरी कमर और नितम्बो पर कस दी और अपने बाहे मेरे गले में डाल दी ।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,] मैंने ये विशेष ध्यान रखा था की लंड योनि से बाहर न निकले और मैंने उसे साबुन लगाया और उसके शरीर को धोया, उसके संवेदनशील अंगो पर विशेष ध्यान दिया। कामिनी के सभी अंग बहुत कोमल और सुंदर थे ।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]कामिनी अभी भी मेरे पूरी तरह से उत्तेजित हथियार पर विशेष ध्यान दे रही थी। उसने खुद को ऊपर नीचे करते हुए मेरे लंड को अपनी योनि के अंदर ही अपनी मांसपेशियों में मदद से ऊपर और नीचे सहलाया और इससे मुझे एक बार फिर सम्भोग करने की तीव्र इच्छा महसूस होने लगी; मैंने उसे धीरे से शॉवर की दीवार के खिलाफ पीछे धकेल दिया और पैरो को अपनी कमर तक उठाकर मैंने उसकी गीली मखमली म्यान में कई बार लंड को फिर आगे पीछे किया और फिर रुक गया ।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]उसके पैर को थोड़ा नीचे करते हुए मैंने उसकी योनि की गहराई में अपना पूरा लंड पेल दिया और सीधा खड़ा हो गया और जिससे उसके दोनों पैर फर्श से नहीं लगे . मैं पूरी तरह से सीधा खड़ा हो गया, मैंने उसकी कमर के चारों ओर अपने हाथों को पकड़कर उसका सहारा दे कर ऊपर उठाया , और नीचे से अपने लंड की उसकी योनि के अंदर मैं उसे बार-बार जोर धक्के दे रहा था उसकी यौन प्रतिक्रियाओं पर मेरी मानसिक सहायता के साथ, उसकी आँखें चौड़ी हो गईं, चरमोत्कर्ष पर और मैंने और अधिक शुक्राणुओं की उसकी योनि के अंदर तब तक पिचकारियां मारी जब तक कि शुक्राणु योनि में से बह कर उससे बाहर नहीं निकलने लगे और शावर के पानी के साथ मिलते हुए उसके चिकनी जांघो को और चिकनी करते हुए जांघो के नीचे बहने लगे ।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]हम शॉवर से बाहर निकले और एक दूसरे को चूमते हुए सावधानी से सुखाने लगे और फिर हमने कपड़े पहने। फिर रोजी चाय और कुछ बिस्कुट ले आयी और उसे पीते हुए कामिनी विश्वास करके मुझसे बोली। "मुझे नहीं पता कि मुझे क्या हो गया था । मेरे ऊपर कामवासना का जंगली जुनून सवार हो गया था । मैं कभी भी बहुत ही कामुक लड़की नहीं रही हूँ और मैंने कभी मेरे पति को भी मेरे साथ इस तरह से यौन संबंध नहीं बनाने दिया, लेकिन आपके साथ मैं शांत नहीं हो पा रही हूं। " मुझे निश्चित रूप से एहसास हुआ कि अंगूठी अब मेरे नियंत्रण में थी और मेरे निर्देश ले रही थी और इससे मेरी सेक्स लाइफ इस हद तक बदल गई थी ।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]नाश्ता खत्म करने के बाद हमने मंदिर में जाने का फैसला किया और महर्षि अमर मुनि गुरूजी की आज्ञा अनुसार दूध और दही से लिंग महाराज और कुलदेव का विधि पूर्वक पूजन किया और गऊ के लिए रोटी, चींटी के लिए आटा और अनाज दाल , पक्षियों के लिए अनाज और आटे की गोली और कुछ रोटी घी और चीनी इस सभी का दान दिया .[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]जल्द फिर हाजिर होता हूँ अगले मजेदार अपडेट के साथ ।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]नाश्ता ख़त्म करने के बाद हमने मंदिर में जाने का फ़ैसला किया और महर्षि अमर मुनि गुरूजी की आज्ञा अनुसार दूध और दही से लिंग महाराज और कुलदेव का विधि पूर्वक पूजन किया और गऊ के लिए रोटी, चींटी के लिए आटा और अनाज दाल, पक्षियों के लिए अनाज और आटे की गोली और कुछ रोटी घी और चीनी इस सभी का दान दिया ।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मंदिर से आते हुए मैं सोच ही रहा था ... मेरी पहले अन्य महबूबाओं के अतिरिक्त मेरी चार स्थायी प्रेमिकाए पहले ही हैं रोज़ी रूबी मोना और टीना—इनकी कहानी आप मेरी इस फोरम पर अन्य कहानी मेरे अंतरंग हमसफ़र में पढ़ ही रहे हैं और गुजरात आने के बाद मेरे सेक्स जीवन ने कैसी जबरदस्त करवट ली है[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]सबसे पहले यहाँ मेरे सम्बन्ध मेरे सेविका आशा से बने ... फिर मानवी भाभी उसके बाद मेरे सम्बन्ध रुसी सुंदरी ऐना से बने, फिर मैंने रुपाली भाबी, ईशा। चेरी और हेमंती और कामिनी के साथ सम्भोग किया[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]और अभी मुझसे चुदने को कामिनी की तीनो बहने जो वृद्ध हीरा की पत्निया थी, हेमा, रीती, मरीना, लिली, डेजी, रीती, प्रियंवदा, ऐश्वर्या भाभी और अन्य चारो भाभियाँ हैं ...[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]वापिस आये तो मैंने कामिनी और उसकी तीनो बहनो रजनी चांदनी और मोहिनी तथा बाबा की चारो बेटिया मीना, मधु सोना और सबसे छोटी रौशनी का परिचय माँ। पिताजी, महाराज और ताईजी से करवाया और उनको बताया कैसे इनकी जिम्मेदारी बाबा ने मुझे सौंप दी है और अब ये मेरे साथ ही रहेंगी ... इससे पहले की घर का कोई सदस्य कुछ कहता मैंने उन सबको मानसिक तौर पर इनका परिवार में स्वागत करने को त्यार कर दिया और सभी मेरे पास खड़ी हो गयी ... तो मैंने ईशारा किया तो सबने माँ। पिताजी, महाराज और ताईजी के चरण छू कर अभिनन्दन किया और आशीर्वाद लिया ... तो मैंने कहा हम एक बार हॉस्पिटल में उन वृद्ध हीरा की तबीयत के बारे में पता करने के बाद बाज़ार हो कर आते हैं, मैं इन्हे कपडे और ड्रेसेस दिलवा देता हूँ[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]यदि मेरे प्रवृति जैसे किसी को ऐसी शक्तिया मिले तो उसे सबसे पहला ख़्याल क्या आएगा । मैं ये ही सोच रहा था की इस बीच राजमाता कामिनी उसकी बहनो और लड़कियों को बोली आप सभी अस्पताल जाने से पहले अपने वस्त्र बदल ले उनकी व्यवस्था कुमार की सचिव हेमा कर देगी । और उनके ठहरने की व्यबस्था रानीवास में करने का निर्देश मेरी सचिव को और महाराज के सचिव को दे दिया ...[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]तो पिता महाराज बोले आप हॉस्पिटल और बाज़ार बाद में चले जाना अभी राज पुरोहित जी आ रहे हैं आज विवाह संकल्प लिया जाना है और उसके बाद कुछ ज़रूरी पारिवारिक रस्मे जो विवाह के समय करनी होती हैं उन्हें पूरा कर लेंगे और उनमे सभी की उपस्थिति ज़रूरी होगी ।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]उसके बाद राज पौरोहित ने छोटा-सा यज्ञ कर पिताजी और महाराज से विवाह संकल्प करवाया और सब परिवार वालो ने पूजा की और उसके बाद सब महिलाओ ने कुछ रीती रिवाज़ पूरे किये ... शेष रीती रिवाज़ सायकाल में किये जाने थे जिसमे मेरी उपस्थिति परिवार का सदस्य होने के नाते आवश्यक थी ...[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]पूजा समाप्त होने के बाद कामिनी मेरे पास आयी और बोली हम सब हॉस्पिटल में बाबा से एक बार मिलने के बाद अपने निवास स्थान वापिस जा कर अपना कुछ सामान लाना चाहती हैं और जैसा की बाबा ने निर्देश दिया था आपको भी एक बार वहाँ आना होगा ... उस समय भाई महाराज भी मेरे समीप ही खड़े थे ...[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]वो स्थान सूरत के पास था जहाँ जाने में सड़क मार्ग से लगभग 2-3 घंटे लगते थे और फिर वापिस आने के लिए आज समय अपर्याप्त लग रहा था तो मैंने उन्हें सुझाव दिया वह आज दोपहर में चली जाए मैं कुछ देर बाद रस्मे पूरी करके साय काल में उन्हें लेने आ जाऊँगा ... और इसकी व्यवस्था करने के लिए मैंने हेमा को बुलाया तो भाई महाराज बोले आने जाने की व्यवस्था हम हेलीकाप्टर से करवा देते हैं ... आप साथ ही चले जाओ और जल्दी से लौट आओ ...[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]हेमा मेरे पास आ कर बोली ... जब आप लोग पूजा कर रहे थे तो हॉस्पिटल से आपके लिए फ़ोन आया था और उन्होंने बताया हीरा बाबा अब काफ़ी स्वस्थ हो गए थे और वह छुट्टी करवा कर चले गए हैं और उन्होंने अपने परिवार को बोला है मेरी चिंता मत करो अब मैं अपनी साधना करूंगा और आप दीपक के साथ ही रहना और मेरे लिए सन्देश भेजा हैं की मुझे एक बार इनके साथ बाबा के निवास पर जाना होगा ... ये सन्देश सुन कर भी उनका पूरा परिवार शांत रहा[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैं सोचने लगा किसी ने के साथ यदि ऐसा होता तो वह कितना आंदोलित होता परेशान होता और उसकी पत्नि और बेटिया तो निश्चित तौर पर रोने लगती क्योंकि उनका पति और पिता अब उन्हें हनेशा के लिए छोड़ कर चला गया था ... पर वह सब की सब शांत थी ... निश्चित तौर पर हीरा बाबा ने उन्हें अंगूठी के प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए पहले ही मानसिक तौर पर इसके लिए त्यार कर दिया था ...[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]फिर मैंने जब पिताजी और भाई महाराज से प्रस्थान की आज्ञा मांगी तो पिताजी ने आज्ञा दे दी और अपने माँ पिताजी और राजमाता अपने कक्ष में विश्राम के लिए चले गए[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]भाई महाराज एकांत में मुझे बोलै की ये सब लड़किया बहुत सुन्दर हैं और मुझे उन्हें अपने पास ही रखना चाहिए ... ऐसा निर्मल और कोमल सौंदर्य अन्यत्र ढूँढने के लिए मुझे काफ़ी प्रयत्न करना होगा और अब मुझे अपने लिए रानिवास (हरम) भी बनवा लेना चाहिए और इसके लिए मुझे जो भी धन चाहिए वह कोषाध्यक्ष से लेने की आज्ञा दी ...[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]और फिर महाराज ने आज्ञा दी की अपनी सचिव हेमा और- अंगरक्षिका मरीना को भी साथ ले कर जाओ और सांयकाल से पहले लौट आना ... और कुछ अन्य सेवक भी ले जाओ[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,][/font] [font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]तो इस पर कामिनी बोली अन्य सेवको की आवश्यकता नहीं है ... वहाँ सब व्यवस्था है और उसने महाराज को भी वहाँ पधारने के लिए आमंत्रित किया ...[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]जिस पर महाराज बोले विवाह संकल्प लेने के बाद हमारे परिवार की परम्परा में वर को अन्य कार्य करने निषिद्ध हैं । बाद में कभी मेरे साथ अवश्य आएंगे.[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]उसके बाद मैं अपनी सचिव हेमा अंगरक्षिका मरीना और हीरा की पत्नियों और पुत्रियों के साथ विमान की और रवाना हो गया.[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]अब मुझे अंगूठी की शक्तियों का क्या, कैसे और किस पर प्रयोग करना चाहिए । मैं रास्ते में ये ही सोच रहा था ... वायु मार्ग से कामिनी ने जो रास्ता बताया वह छोटा ही था ... जल्द ही हम वृद्ध हीरा के निवास के पास पहुँच गए ...[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]वृद्ध हीरा का निवास स्थान [/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]महल से हीरा के घर तक के रास्ते में मैं सोच रहा था की अब इस नगूठी का प्रयोग मैं कैसे और किससे शुरू करून .. अगर किसी को ऐसे शक्तिया मिले तो सबसे पहला विचार आता है की मेरे पास बहुत सारी धन दौलत, सुन्दर स्त्रियों और आलिशान घर और सुखमय और आनंदमय शानदार जीवन के लिए सुविधाएं जुटाने का विचार आता है ..[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]दादा जी की वसीयत के हिसाब से और पिताजी के व्यापार के कारण और मेरी खुद की एक अंतर्राष्ट्रीय कपंनी में नौकरी के कारण मुझे कभी धन दौलत की कमी महसूस नहीं हुई थी ,, फिर भी मुझे लगा की अगर जरूरत होगी तो भाई महाराज के कोष से आवश्यकता अनुसार धन ले लूँगा ..[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]और सुन्दर स्त्रियों की भी मेरी सेक्स लाइफ में कभी भी कोई कमी नहीं रही थी परन्तु फिर भी मुझे नयी नयी लड़कियों से मिलने और उनके साथ सेक्स करने में अलग ही आनंद मिलता था ,, और अब तो मेरे पास ऐसी शक्ति भी थी जिससे मैं इस लड़कियों को नियंत्रित भी कर सकता था और अपने और उनके सेक्स के आनद को बढ़ा सकता था .., तो मैंने शुरुआत सेक्स से ही करने की ठानी .. और भाई महाराज के सुझाव से बहुत पहले ही मैंने सूरत में घर खरीद लिया था जिसे मैंने अपना रानिवास ( हरम) बनाने का फैसला किया ..[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]हालाँकि जब मैंने कामिनी को पहली बार चोदा तो वो कुंवारी नहीं थी पर फिर भी उसकी एक दो बार चुदी हुई टाइट चूत तो चोदने में मुझे बहुत मजा आया था और जब उसकी चुत के मांसपेशियों ने मेरे लंड की जकड़ लिया था और संकुचन करने लगी थी तब मुझे लगा था जैसे उसकी चूत मेरे लंड को चूस रही थी और इसी कारण से मैं कामिनी को पसंद करने लगा था इसलिए मैंने उसके साथ ही अपने दिमाग को नियंत्रित करने वाले प्रयोग को शुरू करने का फैसला किया लेकिन मैं उसे बहुत ज्यादा बदलना नहीं चाहता था। बस कुछ मामूली सुधार और बदलाव करना चाहता था इसीलिए तदनुसार ही मैंने उसे अपना पहला मानसिक आदेश देना शुरू कर दिया।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,][/font] [font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]"आपका मूल चरित्र, पसंद-नापसंद वैसे ही रहेगा, लेकिन अब से आप हमेशा हर समय मेरे साथ सेक्स करना पसंद करेंगे और आप मेरे साथ सेक्स के दौरान कोई भी विचार, कल्पना या खिलौना आज़माना चाहेंगे चाहे वो कितना भी जंगली क्यों न हो , जो मुझे दिलचस्प लगे उसमे पूरा सहयोग करोगे । इसके अलावा, आप मेरे द्वारा अन्य महिलाओं के साथ यौन संबंध रखने के लिए पूरी तरह से सहमत रहोगे , और आपको खुद किसी अन्य अन्य पुरुष या पुरुषो में कोई दिलचस्पी नहीं है। एकमात्र पुरुष जिसके साथ आप यौन संबंध बनाना चाहते हैं, वो मैं हूं, और अगर मैं आपको इसके बारे में कुछ भी अलग तरीके से न बतायू तब तक आप सेक्स केवल मेरे साथ ही करने को इच्छुक रहेंगी । लेकिन आपको इस बात से कोई दिक्कत नहीं होगी कि मैं दूसरी लड़कियों को आपके सामने भी चोद रहा हूं क्योंकि आपको लगता है कि वास्तव में आप अकेली महिला हैं जिससे मैं प्यार करता हूं। वास्तव में, आप अन्य महिलाओं को भी आकर्षक लगने लगेंगी और महिलाये और लड़किया भी आपको आकर्षित करने लगेंगी । और जब भी मैं चाहूं, आपको अन्य लड़कियों के साथ मिलकर मेरे साथ जुड़कर व सेक्स करके आपको खुशी होगी। ” उस पल के लिए मैंने सोचा और फिर एक मुस्कराहट के साथ उसके लिए कुछ अच्छा करने के लिए एक आखिरी चीज जोड़ दी: "जब भी मैं आपके साथ संभोग कर रहा हूं, और अपने चरम उत्कर्ष पर पहुंचू तो आप भी हमेशा मेरे साथ ही चरम पर पहुँच कर आपको भी उसी समय संभोग का चरम सुख प्राप्त होगा।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मेरी सचिव हेमा ने कामिनी द्वारा निर्देशित कुछ फ़ोन किये और सूरत पहुँचने पर हम हवाई अड्डे पर उतरे और फिर कामिनी के निर्देश पर हेमा द्वारा व्यवस्थित एक प्रतीक्षारत कार से समुद्र तट की ओर चल पड़े। फिर हम समुद्र तट पर एक नाव पर सवार हुए, जो हमारा इंतज़ार कर रही थी और मैंने पाया कि यह समुद्र के किनारे से लगभग 15 समुद्री मील दूर यानि भारतीय क्षेत्र की सीमा के बाहर समुद्र में एक द्वीप था। (भारत की क्षेत्रीय सीमा तट से 12 समुद्री मील तक समुद्र की ओर फैली हुई है)।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]कामिनी ने मुझे बताया यह पहाड़ों से छिपा हुआ और जंगली पेड़ों से आच्छादित एक निर्जन द्वीप जैसा दिखता है जिसे बेकार माना जाता है और यहां तक कि यहाँ के जंगल की लकड़ी को भी बेकार ही समझा जाता था जिसकी बाजार में कीमत उसे लाने के खरच से ज्यादा थी .. इस कारण इस द्वीप पर कोई नहीं आता था इसी कारण ये द्वीप पूर्णतया सुरक्षित था ।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]द्वीप के तटों पर हमारा स्वागत कुछ पहरेदारों द्वारा किया गया जो छिपे हुए थे और हमारे पहुँचने के कुछ समय बाद प्रकट हुए और हमें एक महल नुमा निवास स्थान में ले गए जिसका रास्ता गुप्त था । महल राजसी था लेकिन छिपा हुआ था और इसे हवाई जहाज से भी देखना संभव नहीं था और इन पहरेदारों की मदद और सहयोग के बिना वहां पहुंचना लगभग असंभव था।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मुझे एक राजसी हॉल में ले जाया गया .. फिर उसने मुझसे पूछा कि क्या पसंद करेंगे ? क्या आपकी भूख लगी है ?" "[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]नहीं, मैं ठीक हूं, कुछ ठन्डे पेय या कॉफी या चाय से काम चल जाएगा और मैं आपसे जल्दी से पैकअप करने का अनुरोध करता हूं और अपने साथ केवल बहुत आवश्यक सामान ही ले . . बाकी सामान की व्यवस्था महल में हो जायेगी । हम यहाँ में जल्द से जल्द वापसी करेंगे।” मैंने कहा। कामिनी ने अपनी छोटी बहन से कहा कि वह उसका भी बैग भी पैक करे क्योंकि उसने यहाँ मेरे साथ रुक कर उनका साथ देने का फैसला किया है क्योंकि इन्हे ऐसे अकेला छोड़ना उचित नहीं रहेगा और मैंने हेमा और मरीना को महिलाओं की पैकिंग में मदद करने के लिए कहा।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,].. कामिनी की बहने और हीरा की बेटिया और अन्य सभी लोग तुरंत हॉल से बाहर चले गए, मैं कामिनी के साथ अकेला रह गया और उसने मुझे बताया कि यह हीरा का सिंहासन है और मुझे उस पर बैठने को कहा . कामिनी बोली हीरा ने जो भी उसकी अंगूठी पहने उसे उसका उत्तराधिकारी जानकर कुछ चीजें सौंपने के लिए कहा था . चूँकि मैंने अब हीरा की अंगूठी पहनी है, इसलिए मुझे इस महल की कमान संभालनी है।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]उसने समझाया कि इस हॉल के अलावा, वहां हीरा का एक हरम, एक बड़ा बगीचा है। और महल में हीरा के लिए एक बड़ा बेडरूम, स्नानागार और भोजनालय इत्यादि हैं । फिर एक खजाना कक्ष जहाँ सभी कीमती सामान रखे जाते हैं। इसके इलावा उसने मुझे कुछ कागज़ , और कुछ अन्य वस्तुए सौंपी जिनका खुलासा कहानी में आगे समय समय पर होगा ..[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैंने कामिनी को बोला अभी तो मैं परिवार में विवाह के कारण व्यस्त रहूँगा . अतः इस बस्तुओं को फिलहाल वो यही संभाल कर सुरक्षित रखे और यहाँ के व्यवस्थापक को बुलवा ले ..[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]कामिनी ने बताया कि यह द्वीप एक स्वतंत्र स्थान है और स्वाभाविक रूप से बाहरी दुनिया से छिपा हुआ है और हीरा ही इस भूमि का कानून था और केवल कुछ लोग ही ही शहर में सभी जरूरतों के लिए बाहर जाते थे जो हीरा के प्रति पूरी तरह से वफादार थे .. (मुझे पता था कि हीरा ने उन सबका दिमाग नियंत्रित किया है )। फिर कामिनी ने मुझे हीरा का ताज सौंप दिया गया और मुझे उनके सिंहासन पर बिठा दिया और इस महल और हरम को अपने लिए इस्तेमाल करने के लिए कहा.[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मेरे पूछने पर कामिनी ने मुझे बताया उस महल का व्यव्थापक एक षण्ड ( हिजड़ा ) है जिसका नाम बिजली है जो न केवल उस द्वीप का व्यवस्थापक था बल्कि पूरा कोष और उसके अंतर्गत ही द्वीप और महल की पूरी सुरक्षा व्यवस्था भी थी .. और वो हीरा का पूर्ण वफादार था .. .. [/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]षण्ड बिजली जब आया तो कामिनी ने हीरा के निर्देश अनुसार मुझे इस द्वीप और महल और हरम की सब स्त्रियो का स्वामी घोषित किया और मैंने षण्ड बिजली को मानसिक तौर पर निर्देश दिए की वो अब मेरा वफादार रहेगा .. और मेरी अनुपस्थिति में कामिनी का पूर्ण वफादार रहेगा ..[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]कामिनी ने मुझे बताया द्वीप की और पूरे महल की सुरक्षा व्यवस्था षण्डो के हाथ में है .. तो मैंने सब षण्डो की सेना को नियंत्रित करने का निर्देश दिया की अब मैं ही उन सब का स्वामी हूँ .. और सुरक्षा में नियुक्त जो षण्ड वृद्ध हो गए थे या सेवा निवृत हो गए थे या होना चाहते थे. मैंने षण्डो के प्रमुख बिजली को उन्हें उचित धन दे कर बिदा करने का निर्देश दिया ,, और साथ ही उन्हें मानसिक निर्देश देते हुए वो कभी इस द्वीप पर आये थे , रहे थे , हीरा की सेवा में थे .. सब भूल जाने का निर्देश दिया .. ताकि स्थान का गुप्त होने का राज बना रहे .. [/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैंने साथ ही अपनी सचिव हेमा और अंगरक्षक मरीना को भी मेरे प्रति वफादार रहने का निर्देश दिया ..[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]इसी प्रकार महल में रानिवास में और हरम में जितने भी सेवक और सेविकाएं जो वृद्ध हो गए या गयी थी थे या सेवा निवृत हो गए थे या होना चाहते थे मैंने षण्डप्रमुख बिजली को उन्हें उचित धन दे कर बिदा करने का निर्देश दिया ,, और साथ ही उन सेवक सेविकाओं को मानसिक निर्देश देते हुए वो कभी इस द्वीप पर आये थे , रहे थे , हीरा या उसके परिवार की सेवा में थे .. सब भूल जाने का निर्देश दिया ..[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]जो सेवक सेविकाएं अभी मेरे लिए अपनी सेवाएं देना चाहते थे उन्हें भी हीरा के बारे में सब भूल जाने और मेरी . मेरी अनुपस्थिति में कामिनी की और उसकी बहनो की आज्ञा मानने और मेरे अगले आदेश तक सेवा करने का निर्देश दिया और हम सब की अनुपस्थिति में प्रमुख षण्ड बिजली की आज्ञा पालन का निर्देश जारी किया ..[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]जो लोग वहीँ रहना चाहते थे उन्हें भी मेरे प्रति वफादार रहने का निर्देश दिया और इसकी अनुमति दी और उनके रहन सहन के लिए उचित व्यवस्था करने का निर्देश षण्डप्रमुख बिजली को दिया[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]फिर सब मेरा आदेश मान रहे है ये जांचने के लिए सब को तीन बार अपने स्थान पर ही कूदने को बोला .. जिसका सबने पालन किया और जिससे पता चला सब मेरी सेवा के लिए ततपर थे[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]इसी बीच सेविका कुछ शीतल पेय ले आयी और जिसको पीने के बाद मैं तारो तजा महसूस करने लगा और यहां परीक्षण करने के लिए मेरा कामिनी पर नियंत्रण है, मैंने 5 बार कूदने की आज्ञा दी", "अपना पसंदीदा गाना गाना शुरू करें", "शेर की तरह दहाड़ें"। और निश्चित रूप से उसने मेरे सभी आदेशों का पूरी तरह से पालन किया जिससे आखिरकार मुझे विश्वास हो गया कि मैंने वास्तव में यह महाशक्ति प्राप्त कर ली है। इसलिए मैंने उसे इन 3 आज्ञाओं को भूल जाने की आज्ञा दी .. मैं कामिनी से अब एक चुंबन चाहता था और उसने मुझे एक त्वरित चुंबन दे दिया। मेरे मन में उसके साथ सम्भोग करने की भावना जागृत हो गयी क्योंकि उसकी योनि की सम्भोग के दौरान मांसपेशियां मेरे लंड के चारों ओर कस गयी थी और उसकी योनि की मांसपेशियों ने मुझे लंड चूसने का एहसास दिया था ।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैंने उसे पौंआ चुम्बन करने का निर्देश दिया और इस बार हमने गहरा और लम्बा चुंबन किया फिर मैंने उसे बोला "ठीक है, अगर आप चाहती हैं तो आप जल्दी से मेरे लंड पर आ जाओ ?" मुझे उम्मीद थी कि इस सवाल ने उसे हतप्रभ कर दिया होगा और उसका जवाब होगा "क्या तुम पागल हो?" लेकिन अब। जैसे ही प्रश्न समाप्त हुआ, मैंने उसकी आँखों में एक चमक देखी और "जिस तरह से आप सोचते हैं वो मुझे पसंद है" के साथ उसने मेरी पैंट नीचे खींची, अपने घुटनों पर बैठ गई और मेरे लंड को चूसने लगी वो अद्भुत थी। जल्द ही जब मेरा लंड अपने पूरे आकार तक बढ़ गया तो उसने मुझे उस सिंघासन पर पीछे धकेल दिया, उसने अपना लेहंगा उतार दिया और मेरे इंतजार कर रहे लंड पर चढ़ गई। एक ही बार में मेरा लंड उसकी पूरी तरह से भीगी हुई चूत में पूरा समा गया और वह मेरी सवारी ऐसे करने लगी जैसे फिर कभी अबसर उसे नहीं मिलेगा ।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]उसकी योनि की मांसपेशियां मेरे लंड के चारों ओर कस गईं और उसके तरल पदार्थ मेरे लिंग के चारों ओर बहने लगे,[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]आज उसके साथ सम्भोग करते हुए मैंने पहले ही दो बार अपना वीर्य उत्सर्जित कर दिया था अन्यथा वह जिस गति से जा रही थी, मैंने शीघ्र ही अपना वीर्य स्खलित कर देना था .. वैसे तो अंगूठी की शक्तियों के कारण मैं अपना स्खलन भी नियंत्रित कर सकता था परन्तु मैंने काम की धारा के साथ बहने का निर्णय लिया और दो बार के पूर्व स्खलन के कारण मेरा तुरंत स्खलनं नहीं हुआ , लेकिन मुझे अभी भी लगा कि मैं इसे लंबे समय तक रोक नहीं सकता अगर वह इसी तरह जारी रही और मैंने जितना संभव हो सके रोकने की कोशिश की। दूसरी ओर मुझे पता था कि एक बार जब मैं अपना लोड शूट करूंगा तो वह वीर्य की मात्रा को देख बड़े आश्चर्य में होगी ।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैंने बस उसका साथ देने का फैसला किया, उसकी गांड पकड़ ली और उसकी गति को और भी तेज कर दिया। उसे इस तरह से सवारी करने से यह फायदा हुआ कि उसके शानदार डी-कप आकार के स्तन मेरे चेहरे से टकरा रहे थे और मैंने उसके निप्पलो को बहुत मुश्किल से चूसना शुरू कर दिया, जबकि मैंने उसकी गांड को हाथ से कस कर दबाते हुए निचोड़ा। हम कुछ देर तक इसी तरह जारी रहे, हमारे दोनों की कराहे और धक्को की गति तब तक तेज होती गयी जब तक कि अंत में मैंने अपनी गेंदों में झुनझुनी महसूस नहीं की और उसके कुछ सेकंड बाद में मैंने अपना वीर्य उसकी गर्म योनी में गहरा भर दिया।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]जैसे ही मैंने वीर्य की पहली पिचकारी मारी जो उसके गर्भाशय के द्वार से टकराई उसकी वासना से भरी तेज चीख निकली मुझे यकीन है कि महल के सभी गार्डों और निवासियों ने उसे सुना होगा। वो मेरे लंड पर कई बार हिली-डुली और मेरे लंड ने भी उसकी योनि के अंदर धक्के मार कर उसे तब तक थपथपाया जब तक वो थोड़ा शांत नहीं हो गई.[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]वाह, वह अद्भुत था" उसने फिर से कपड़े पहनते हुए कहा।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]जल्द ही सभी महिलाएँ लौट आईं और कुछ चाय और हल्का भोजन करने के बाद हमने महल का एक छोटा सा भ्रमण किया .. बिजली को कुछ आवश्यक निर्देश दिए और फिर हम सब वापस सूरत के समुद्र तट की ओर चल पड़े।[/font]