पड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे - Page 14 - SexBaba
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पड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]पड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]VOLUME II[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]विवाह[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]CHAPTER-1[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]PART 47[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,] डर  [/font]


[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]अब तक मेरा लंड भड़क कर पूरा तैयार था। मैं हेमा के होंठ चूमने लगा। शुरू में तो वह हिचक रही थी, लेकिन धीरे-धीरे अपने आपको ढीला छोड़ दिया। जैसे-जैसे मैं उसके होंठों को चूसता रहा, उसे मज़ा आने लगा।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैंने हेमा के स्तनों को हल्के हाथों से उनको ख़ूब दबाया। फिर उसकी टांगो के बीच में हाथ डाल कर उसकी योनि की सहलाने लगा। वाह क्या कुंवारी और टाइट बुर थी, बिल्कुल छोटा-सा गुलाबी छेद।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]फिर मैं हेमा के बदन से खेलने लगा और उसके होठ, गाल, गर्दन और बूबस को चूम और चूस रहा था। मैं फिर धीरेधीरे नीचे आया और हेमा की नाभी में अपनी जीभ घुसा दी और उसे चूसने लगा। जिससे हेमा की सिसकियाँ निकलना शुरू हो गयी। फिर मैं हेमा के उपर आकर उसके पूरे बदन को चूमने लगा। अब हेमा की सिसकियाँ फूटना शुरू हो गयी। उउउउ! उज्ज्अअअअअ आआआआ सीसीसीसी.। ऊँऊँऊँ... उउउउ उज्ज्अअअअअ आआआआ हेमा मेरा पूरा साथ दे रही थी। मैंने हेमा का हाथ पकडकर अपने लंड पर रख दिया। मेरा मोटा और लम्बा लंड महसूस कर हेमा मन ही मन खुश थी और मेरे बडे लंड को देख मेरे से चुदने का जो सपना उसने देखा था आज वह उसे पूरा होता दिख रहा था। पर साथ ही उसे डर भी लग रहा था। हेमा ने हाथ हटा लिया, तभी मरीना का हाथ मेरे लंड पर आया और वह मेरे लंड को आगे पीछे करके सहलाने लगी।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]तब मैंने हेमा के विचार पढ़े तो उसे डर लग रहा था कि उसकी योनी के अंदर इतना बड़ा लंड जाने वाला है। कही ये फट तो नहीं जायेगी?[/font]


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[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैंने उसकी बुर में अपनी उंगली डाल दी तो वह ज़ोर से चीख पड़ी 'आआआह हहहह। ।' वह उठ कर बिस्तर से नीचे उतर गई और बोली-दर्द होता है, मार डालोगे क्या?[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]इस पर मरीना बोली-मास्टर, दीदी अभी कुंवारी है, इसकी चूत बहुत टाइट है और आपका बड़ा लंड देख और महसूस करके और घबरा गयी है। थोड़ा प्यार से और आराम से काम लो। उसका पहली बार है, इसलिए थोड़ा घबरा रही है। एक काम करो पहले मुझे चोद लो ताकि वह चुदाई देख कर अच्छे से गर्म हो जाए और फिर वह अपने आप करने को कहेगी।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैंने कहा मरीना तुम भी तो कुंवारी हो तुम्हे डर नहीं लगता मेरे बड़े लंड से। तो मरीना बोली मैं तो जब से आपसे मिली हूँ और आपको चुदाई करते हुए देखा है तब से आपसे चुदने को बेकरार हूँ और रोज मेरे सामने आप चुदाई करते हो और मैं आपकी सुरक्षा में लगी हुई आपको दूर से सब करते हुए देखती रहती हूँ और मुझे पता है आप चुदाई में कितने एक्सपर्ट हो और मुझे मालूम है आपके लम्बे लंड से कितने मजे आने वाले हैं।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]बात मेरे को ठीक लगी मैंने हेमा ही और देखा तो उसने सहमति में सर हिलाया और फिर मैं मरीना को किस करने लगा।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]ये समझते ही की अब उसकी पहली चुदाई होने वाली है मेरी किश ने मरीना को बहुत ज्यादा उत्तेजित कर दिया। जब मैंने उसे बिस्तर पर धकेला, तो मरीना उत्सुकता से उस पर गिर पड़ी और अपने पैर फैला दिए। मरीना ने चूत को हाथ में छुपा कर मुझे फ्लाइंग किस दी और आँख मारी। फिर जीभ निकल कर होंठों पर फेरी और एक उंगली से मुझे नजदीक आने का इशारा किया। मैं एकदम शेर की तरह मरीना पर लपका और उसकी टांगों पर हाथ फेरकर चुम्बन लेने आगे हुआ।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैंने पैरो पर आ कर उसके पैरों की उंगलियों को चूमा। उसकी सिसकारी निकल गयी। फिर उसकी दोनों पिंडलियों पर प्यार से हाथ फेरा और किस की। मैं उनके बीच रेंगता रहा और उनके द्वारा प्रस्तुत किये गए अपनी कुंवारी योनि के दुर्लभ दृश्य की प्रशंसा करने के लिए रुक गया। । उसकी कुंवारी चूत, जोश से भरी आग से लदी हुई, गर्मजोशी से चमक रही थी। जब वह अपनी जाँघें फैला रही थी, तब योनि के बाहरी होंठ फैल गए थे; भीतरी होंठ, बड़े और उत्तेजना के साथ कड़े, पके, गहरे रंग के फलों के स्लाइस की तरह नीचे लटके हुए थे और उसकी कामोत्तेजना से पैदा हुई गर्म नमी उसकी योनि पर दिख रही थी।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]फिर मैं घुटनों पर फिर जांघों के अन्दर, उसको किस करने लगा। फिर चूत के आसपास, नाभि पर किस करता हुआ उसकी चूचियों को किस करने लगा और स्तनों को चूसने लगा। वह अधलेटी हो गयी और उसने अपने शरीर का भार अपनी बांहों पर कर दिया। मैंने उसके मुस्काराते हुए होंठों पर एक मीठी चुम्मी कर दी और उसके खुले बालों को पीछे किया और मैं उसे धीरे-धीरे किस करने लगा। मेरे हाथ उसके मम्मों को सहलाते हुए पेट, कमर, गांड पर चलने लगे।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैंने काफी देर तक उसके स्तनों की दबाया सहलाया और मालिश की। उसके स्तनों एक दम टाइट और सुदृढ़ थे साथ हो साथ नरम और लचीले थे। जब मैं उसके स्तन चूमने लगा तो उसकी हलकी-सी कराह निकली आअह्ह्ह्ह! मैं दोनों चुची को एक साथ चूसने और काटने लगा मरीना कराहने लगी बआआहह, ओमम्म्मममम, चाटो ना जोर से, सस्स्सस्स हहा और मचलने लगी और अपनी गांड को इधर उधर घुमाने लगी। जब मैंने उसके एक निप्पल को अपने दांतों से दबाया, तो उसने बड़ी मुश्किल से कहा, "मास्टर, प्लीज़ ..." कहते हुए वह काम्पी और झड़ गयी और उसकी चूत से चुतरस बहने लगा था।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैंने फ़ौरन आगे झुक उसके ऊपर आ गया और उसको किश करने लगा। आगे झुकने और उसके ऊपर आने के कारण मेरे लंड का सिर उसकी अत्यधिक उत्तेजित योनि के संपर्क में आ गया। जब मरीना ने महसूस किया कि मेरा लंड उसकी चूत के होठों से टकरा रहा है तो मरीना कराह उठी और कांपने लगी। मेरा लंड कामुकता को विकीर्ण करने लगा और वह पहले से उत्तेजित थी और योनि पर मेरे लंड के स्पर्श ने उसके होश उड़ा दिए।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैंने मरीना की बुर पर हाथ फ़ेरा तो उसने भी मेरा लंड पकड़ कर सहलाना चालू कर दिया। मैंने साइड में हेमा की तरफ देखा तो देखा वह रोजी उसकी बुर के दाने को सहला रही थी और एक हाथ से उसके स्तनों को सहला रही थी मैंने मरीना की बुर में उंगली करना शुरू कर दिया। मरीना काफ़ी हद तक गर्म हो चुकी थी, वह चुदवाने को बेक़रार थी, साथ में मैं उसकी चूचियों और ओंठो को चूसने में लगा हुआ था। उसने मुझसे कहा-मास्टर, अब करते क्यों नहीं, जल्दी करो, अब नहीं रहा जा रहा। जल्दी डाल दो अब इसमें।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]पर मैं ओंठो को चूसने में ही लगा हुआ था। तभी उसने मेरा लंड पकड़ा और अपनी बुर की तरफ़ ले जाने की कोशिश करने लगी।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मरीना ने मुझसे कहा "मास्टर ऊँगली नहीं उस जगह अपना बड़ा लंड डालो, जल्दी करो।"[/font]


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[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैंने इससे पहले किसी भी कुंवारी को मरीना की तरह अपनी पहली चुदाई के लिए इतना बेकरार नहीं देखा था। उसने अपने पैरों को मेरी कमर के चारों ओर लपेट कर मेरे नितम्बो पर कस दिया, अब वह चाहती थी कि मैं उसे जल्दी से चोद दू। उसने मेरे लंड को अपने एक हाथ में पकड़ कर अपने छेद पर रखा। उसने मेरे लंड के अग्रभाग को अपनी चूत के होंठों पर रगड़ा और अपनी उँगलियों से अंदर धकेल दिया। मैं भी उत्सुकता में उसके प्यार के छेद को टटोल रहा था। मैं धीरे-धीरे अपना लंड उसकी बुर में डालने की कोशिश करने लगा, परन्तु उसकी बुर का छेद इतना छोटा था कि मेरा 8 इंच का लंड अंदर नहीं जा रहा था। जैसे ही मेरा लंड सही जगह पर पहुँचा तो उसने अपने नितम्ब ऊपर उठा दिए और लंड की अग्रभाग ने आसानी से मरीना की योनि के गर्म छोटे होंठों को अलग कर दिया और उसकी योनि पहले से ही उसकी चुतरस से अच्छी तरह से चिकनी थी और मेरे लंड का अगला भाग उसकी योनी के मुंह में फस गया और मरीना कराह उठी आअहह! ओह्ह! तकलीफ के मारे मरीनाका मुँह खुल गया और आँख से पानी आ गया, वह चिल्लाई "घुस्स्स गया... फ़फ़ट्ट्ट्ट्ट! गईआअहह!।"[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैं फिर कुछ देर ऐसे ही पड़े रहा।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]रोजी मेरी और मरीना की बाते और हरकते देख कर हेमा के कान में फुसफुसाई अब चुदाई शुरू होने वाली है ध्यान से देखना! हेमा ने तुरंत हमारे पास एक पोजीशन ले ली ताकि वह अपनी बहन की पहली चुदाई का हर विवरण स्पष्ट देख सके। जब उसने मेरी जाँघों के बीच देखा और देखा कि उसकी बहन की जवान योनी के मुँह में मेरे लंड का अग्रभाग रगड़ खा रहा है और उसकी बहन की नरम और लम्भी सुंदर उंगलियों ने उसे योनि के ओंठो के अंदर धकेल दिया और उसने अपने नितम्ब ऊपर उठा दिए और लंड की अग्रभाग ने आसानी से मरीना की योनि के गर्म छोटे होंठों को अलग कर दिया और लंड का अगला भाग उसकी योनी के मुंह में घुस कर फस गया और लंड को अंदर घुसते देख हेमा की चूत से एक धधकता हुआ झटका आया।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]हेमा ने पाया, मरीना की पहली चुदाई का नजारा, पहले उसने जो भी चुदाई के नज़ारे देखे थे उससे बहुत ज्यादा रोमांचक था। मेरा बड़ा लंड देखकर और जब मैं मरीना की योनी को चोद रहा था तो उसने मरीना को आनद से कराहते हुए देखा औरमेरे बड़े लंड को आराम से मरीना की चूत में अंदर जाते हुए देखा तो उसका डर बहुत कम हो गया। चुदाई का नजारा देखते हुए उसने कामुक उत्तेजना को महसूस किया था और अपनी बहन मरीना को चुदाई का उत्तम आनंद लेते हुए देख उसने दृढ निश्चय कर लिया कि जैसे ही मैं मरीना की चुदाई खत्म करूंगा वह भी अपनी कुंवारी योनी में मेरा लंड अपने अंदर ले लेगी।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]हेमा कराहती हुई बोली मरीना को किस करके बोली "मास्टर प्लीज आराम से करो?" हेमा बोली।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]इस पर मैं बोला " मैंने तो बहुत आराम से किया था। मरीना की बुर बहुत छोटी-सी है और अभी सिर्फ मेरा आधा सुपारा ही मरीना की बुर के अन्दर गया है और फिर मरीना ने भी देखो अपने चूतड़ ऊपर उठा कर ऊपर को धका दिया है।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मरीना आह! भरते हुए बोली दीदी आप चिंता मत करो मैं ठीक हूँ और पहली-पहली बार थोड़ा दर्द तो होता है।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैंने मुस्कुराते हुए कहाः हेमा चिंता मत करो अभी थोड़ी देर में मरीना और तुम कहोगी कि ज़ोर जोर से मारो, धीरे-धीरे में मज़ा नहीं आ रहा। " फिर रोजी मरीना के स्तन को सहलाने लगी ।[/font]


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[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैंने मरीना के योनि ओंठो के अंदर लंड को महसूस एक जोरदार धक्के के साथ लंड थोड़ा और अन्दर कर दिया। मेरा लंड उसके रस और मेरे प्री-कम से पूरी तरह से चिकना हो गया था और उसके छेद में आसानी से फिसल गया लंडमुंड आधा अंदर था । उसने हाथ लगा कर देखा अभी लंडमुंड आधा ही अंदर है तो वह मुझसे लिपट गयी।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मरीना ने अपनी टाँगे मेरे चूतड़ों से और बाहें पहले ही मेरे कंधे पर लपेट दी थीं और अपने नितम्बो को ऊपर कि ओर उठा दिया उसने अपने आपको मुझे सौंप दिया। मैं उसके ओंठ चूसने लगा वह भी मेरा साथ देने लेगी ।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]कहानी जारी रहेगी[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]दीपक कुमार[/font]
 
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]पड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे

VOLUME II

विवाह

CHAPTER-1

PART 48

मरीना का कौमर्य भंग 
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मैंने अपने लंड पर मरीना की योनि का कोमल स्पर्श महसूस किया और मैं परमानंद के साथ कराह उठा, "ओह्ह्ह।" मैंने उसके स्तनों को जोर-जोर से निचोड़ा। हम दोनों साथ-साथ लिप किस कर रहे थे और हम दोनों का मुंह लार से भीगा हुआ था और हमारे मुंह से लार की धारा टपक रही थी जो गालो से बह कर गर्दन पर जा रही थी ।

मरीना ने महसूस किया कि मेरा लंड उसकी योनि में लम्बा और मोटा हो रहा था और साथ-साथ उसके अंदर सख्त होता जा रहा था। उसने अपने दोनों नितम्बो को थोड़ा-सा फैलाया और बहुत धीमे से आह करते हुए कराहने लगी।

मैंने उसकी कराह को अनसुना करते हुए एक छोटा-सा धक्का लगाया तो वह और ज़ोर से चिल्लाई। फिर मैंने उसके लिप्स पर किस करते हुए उसके मुँह को बंद किया और जिस तरह से मैंने शुरू किया था, एक छोटा धक्का और उसके बाद तेज धक्के के साथ अपने लंड के सिर को उसकी योनी में पूरा धकेल दिया और फिर थोड़ा पीछे हटकर उसे और भी आगे उस अविश्वसनीय रूप से तंग, गर्म छेद में घुसा दिया और जैसे मरीना कराह रही थी, झटपटा रही थी और अपने बदन को इधर से उधर कर रही थी उससे लगा कि अब वह इसे ज्यादा देर तक नहीं झेल पाएगी ।


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दूसरे धक्के ने मेरे लंड के अग्रभाग को मरीना के हाइमन से पास पहुँचा दिया। मेरा लंड उसकी कौमार्य की पतली झिल्ली से टकराया, फिर मैंने लंड को धीरे से थोडा पीछे और फिर अन्दर की ओर बढ़ाया लेकिन चूत बहुत टाइट थी और आराम से अंदर जा नहीं रहा था, मेरे लिए भी रुकना मुश्किल हो रहा था। फिर मैंने एक कस कर जोर लगाया और लंड दो इंच अंदर चला गया। न्दर अवरोध महसूस होने लगा था। लंड झिल्ली तक पहुँच चूका था मेरा लंड मरीना के हायमन से टकरा रहा था और जब मैंने उसे भेदकर आगे बढ़ना चाहा तो मरीना कराहने लगी कि दर्द के मारे मैं मर जाउंगी। मास्टर हाअ, आआआआजा, आईसीईई, चोदो और जोर से चोदो। आआआआ और ज़ोर से, उउउईईईई माँ, आहहहाँ

मैंने पूरी ताकत के एक धका लगा दिया "ओह दीदी" मरीना के मुह से निकला। उसके स्तन ऊपर की ओर उठ गए और शरीर एंठन में आ गया और मेरा गर्म, आकार में बड़ा लिंग उसके कौमेर को भंग करके योनी में घुस गया। अन्दर और अन्दर वह चलता गया, चूत के लिप्स को खुला रखते हुए क्लिटोरिस को छूता हुआ वह पूरा अन्दर तक चला गया था।
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मेरा लंड जब योनी में गहराई से फिसल गया तो मरीना दर्द में चीख उठी क्योंकि उसके कौमार्य की झिल्ली के भंग होने से उसके शरीर में तेज दर्द हुआ।

अगर किसी लड़की को इतने बड़े लंड से छोड़ा जाए तो वह वास्तव में एक असामान्य लड़की ही होगी जिसकी योनि की भीतरी मांपेशियों बड़े लंड के प्रवेश के कारण कसकर फैल न जाए। मेरे लंड के बड़े और चौड़े सिर ने उसकी योनि की कोमल दीवारों में गहरा गया । मैंने एक बार फिर पूरी ताकत लगा कर पीठ उठा कर लैंड को बाहर खींचा और एक धका और लगाया लंड फिर पूरा अंदर समां गया ...जिससे उसके शरीर में यौन उत्तेजना के बड़े झटके आए। मेरे लिंग को मरीना ने अपनी योनी रस ने भिगो दिया था और मैंने मरीना को लिप किस करना शुरू कर दिया और काफी देर तक लिप किस करता रहा उधर रोजी ने मरीना के स्तनों को सहलाना और मसलना शुरू कर दिया मरीना का तड़पना और चीखना चिलाना बंद हो गया था ... वह अब मेरा पूरा साथ दे रही थी

फिर मैंने धीरे-धीरे धक्के लगाना शुरू किया। जल्द ही मेरे लिंग उसकी योनि के गहरे हिस्से का पता लगाना शुरू कर दिया और जी स्पॉट को रगड़ते हुए अंदर जाना शुरू कर दिया। तो वह कराहने लगी, आह मास्टर बहुत मज़ा आआआआ रहा है, ...हाईईईईई, म्म्म्मम। फिर कुछ देर के बाद मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी। अब वह पूरी मस्ती में थी और मस्ती में मौन कर रही थी अआह्ह्ह आाइईई और करो, बहुत मजा आ रहा है। अब वह इतनी मस्ती में थी कि पूरा का पूरा शब्द भी नहीं बोल पा रही थी। अब में अपनी स्पीड धीरे-धीरे बढ़ाता जा रहा था हाअ, मास्ततततरररररर आआईई, चोदो और जोर से चोदो।

फिर बहुत ही कम समय में मैंने महसूस किया कि उसकी योनि के अंदर चिर परिचित जानी-पहचानी जकड़न बन रही है।

हांफती हुई मरीना ने महसूस किया कि यह उसके पहले के अपनी बहन के साथ वाले और अन्य यौन अनुभवों से बहुत अलग था। यह जल्दी से उन सभी यौन अनुभवों को-को पार कर गयी जिसे वह पहले कभी भी अनुभव कर चुकी थी। उसने महसूस किया कि उसकी योनि अंदरूनी हिस्से एक विशाल रबर बैंड में बदल गये थे और उन्हें जितनासानी से संभव हो सकता है उससे कहीं अधिक कसकर खींचा जा रहा था। मरीना को उसकी योनि के अंदर बाहर हो रहे मेरे लंड द्वारा प्रदान की गई संवेदनाएँ हस्तमैथुन या लेस्बियन सेक्स ने संलग्न होने से बहुत बेहतर महसूस हुई।

संक्षेप में, इस पहली चुदाई में मरीना ने खेल से गंभीर चुदाई में स्नातक की उपाधि प्राप्त की और उसने पाया कि बाद वाला बहुत ज्यादा रोमांचक अनुभव है। उसे निश्चित रूप से इसमें आनद आया, लेकिन जिस तरह से मैने और मेरे लंड ने उसके पूरे शरीर पर कब्जा कर लिया था और उसकी योनी को इतनी शक्तिशाली भावनाओं से भर दिया था, उसके लिए वह बिलकुल तैयार नहीं थी।

उसके होठों से आनंद भरी कराहे निकली। उसने अपने पैरों को मेरी जाँघों के चारों ओर कस दिया। उसने अपने कूल्हों ऊपर-नीचे झटके।

फिर अब मरीना को भी मज़ा आने लगा था, अब वह भी अपने कूल्हे उछाल-उछालकर मुझसे चुदवा रही थी। अब मैंने उसे और ज़ोर-जोर से चोदना शुरू कर दिया था। मेरा लंड उनकी चूत के अंदर पूरा समां जाता था तो दोनों के आह निकलती थी ।फिर मेरे हाथ मरीना के बूब्स को मसलने लगे फिर मैं मरीना की चूचियों को खींचने लगता था तो मरीना सिहर जाती थी और सिसकने लगती थी ... उसके बाद मैं हम लिप किस करते हुए लय से चोदने में लग गए.। मैं मरीना को बेकरारी से चूमने लगा और चूमते-चूमते हमारें मुंह खुले हुये थे जिसके कारण हम दोनों की जीभ आपस में टकरा रही थी ।

आह! करती हुई वह कराही और अपना सिर वापस गद्दे पर फेंक दिया और अपने स्तनों को ऊपर उठा दिया ताकि मैं उसके एक निप्पल को अपने मुंह में ले सकूं। "ओह मास्टर, तुम मुझे मार ही डालोगे! आह! ओह, मुझे चोदो, मुझे और ज़ोर से चोदो!"






मरीना ने अपने कूल्हों को ऊपर उठाया यह महसूस करते हुए कि वह चरम उत्कर्ष के करीब थी।

हेमा ने इससे पहले कभी पूरी चुदाई नहीं देखी थी। वह हमारे हिलते मरोड़ते शरीर के करीब आ गई और उसके हाथ मेरी बड़ी गेंदों को पकड़ने के लिए मेरी जांघों के बीच पहुँच गए। मेरा लंड इस समय मरीना की टाइट फिटिंग योनी में लगभग पूरी तरह से लिपटा हुआ था। जैसे ही मैंने इसे और भी अंदर डुबाने की कोशिश की, हेमा की उंगलियों का अचानक मेरे लंड को सहलाने के कारण मेरी उत्तेजना बढ़ गयी। उसने मेरी गेंदों को धीरे से सहलाया, वह मेरे ध्यान को भटकाना नहीं चाहती थी, फिर भी अनजाने में मेरे आनंद को बढ़ा रही थी। मेरा मूल रूप से इरादा था कि मैं इस चुदाई सत्र को लम्बा करून और चाहता था कि मरीना मेरे साथ पहले सम्भोग में कम से कम दो बार झड़े लेकिन हेमा की उंगलियों ने सब बदल दिया।

हेमा का दूसरा हाथ मरीना की योनि के दाने को सहलाने लगा फिर कुछ देर के बाद मैंने महसूस किया कि मेरा लंड पानी से भीग रहा है। अब मरीना अपना पानी छोड़ने वाली थी, अब वह नीचे से अपनी कमर उठा-उठाकर चिल्ला रही थी और बडबड़ा रही थी आहहहहहह और चोदो मेरी चूत को, हाए मास्टर में झड़ने वाली हूँ और फिर मैंने उसकी गांड पकड़कर अपनी स्पीड बढ़ा दी, तो वह झड़ गई।

मैंने महसूस किया कि मेरा लंड मरीना के गाढ़े रस में समा गया है, जो मेरे लंड से निकलने वाले प्रीकम के साथ मिल रहा है।

मैं मरीना को पागलों की तरह चूमने लगा, मैं उसके ऊपर लेट कर उसके बूब्स से खेलने लगा और धीरे-धीरे उन्हें भींचने लगा। मैं उसके निप्पलों को अपने दांतों से दबाने लगा। कभी ज़ोर से भींच लेता, तो वह उछल पड़ती। उधर रोजी उसके स्तनों को सहला रही थी और हेमा उसकी योनि के दाने को सहला रही थी । मरीना तेज सिसकारियाँ ले रही थीं।





उसकी बांहें मेरी पीठ को सहला रही थीं और वह मुझे भींच रही थी। मैं अपने लंड को अन्दर बाहर करने लगा। फिर अब उसे भी मज़ा आने लग रहा था, अब वह भी अपने कूल्हे उछाल-उछालकर मुझसे चुदवा रही थी। अब मैंने उसे और ज़ोर-जोर से चोदना शुरू कर दिया था।

"ओह आमिर... बहुत मज़ा आ रहा है, अब और मत तड़पाओ, जोर-जोर से करो, आह आमिर आज मुझे पता चला कि असली चुदाई क्या होती है, हाँ राजा ज़ोर से चोदते जाओ, ओह मेरा पानी निकालने वाला है, हाँ ऐसे ही।" ज़रीना उत्तेजना में चिल्ला रही थी और अपने कूल्हे उछाल-उछाल कर मेरे धक्कों का साथ दे रही थी। मैंने जोर दार धक्के लगाना जारी रखा और फिर में ऐसे ही 15-20 मिनट तक उसको उसी पोज़िशन में चोदता गया।

मुझे अभी अपने लंड में तनाव लग रहा था। और मेरा शरीर सख्त हो गया और मैंने मरीना को जोर से चोदने लगा जिससे मरीना के होठों पर जंगली खुशी से भरी तेज कराह ला दी। मेरा बड़ा लंड उसकी योनी में फिसल गया और मरीना का शरीर काम्पा, फिर अकड़ा और वह और भी जोर से आने लगी।

उसका चरमोत्कर्ष एक नए स्तर तक बढ़ गया, हेमा की उँगलियाँ की चयन ज़रूरी टॉनिक साबित हुईं और मैंने अपनी बड़ी गेंदों में जमा हुए शुक्राणुओं की मेरे लंड ने जोरदार पिचकारी मरीना कि चूत में छोड़ दी और मैं मरीना के ऊपर लेट गया।



कहानी जारी रहेगी

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]दीपक कुमार[/font]
 
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]पड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे

VOLUME II

विवाह

CHAPTER-1

PART 49


हेमा की कामुकता [/font]




मुझे अभी अपने लंड में तनाव लग रहा था और मेरा शरीर सख्त हो गया और मैंने मरीना को जोर से चोदने लगा जिससे मरीना के होठों पर जंगली खुशी से भरी तेज कराह ला दी। मेरा बड़ा लंड उसकी योनी में फिसल गया और मरीना का शरीर काम्पा, फिर अकड़ा और वह और भी जोर से आने लगी।

उसका चरमोत्कर्ष एक नए स्तर तक बढ़ गया, हेमा की उँगलियाँ की चयन ज़रूरी टॉनिक साबित हुईं और मैंने अपनी बड़ी गेंदों में जमा हुए शुक्राणुओं की मेरे लंड ने जोरदार पिचकारी मरीना कि चूत में छोड़ दी और मैं मरीना के ऊपर लेट गया।

जब लंड ने राकेट की गति से पहली पिचकारी मरीना की चूत में मारी तो उसके वेग और जोर को अपने अंदर महसूस कर आश्चर्यचकित हो गयी। भले ही उसकी युवा योनी उस समय जोर से धड़क रही थी क्योंकि ऑर्गैस्टिक खुशी की लहरें उसकी योनि से बाहर की ओर उठ रही थीं, फिर भी उसने स्पष्ट रूप से महसूस किया कि मेरा लंड न सिर्फ मोटा हो गया है बल्कि उसकी लम्बाई भी अंदर बढ़ गई थी और फिर एक मोटी, गर्म धार लंड से निकली जो उसके योनि में गर्भाशय की ग्रीवा के का संवेदनशील मांस से टकराई। संभोग सुख ने उसका सहरीर अकड़ा और इससे वह कुछ पल के लिए पंगु हो गयी और कराहने लगी आहहहहह मास्टर आएीी उउउउउइइइइइइ ओह्ह्ह्हह!





पर मरीना बहुत फिट और कसरती शरीर की मालिक थी इसलिए इस पंगु करने वाले पल से बहुत जल्दी बाहर निकल आयी और फिर वह उसका निचला हिस्सा फिर से ऊपर नीचे होने लगा और वह पहले से कहीं ज्यादा तेजी से चुदाई कर रही थी। मेरे लंड से निकल रही लगातार वीर्य की धार और प्रचुर मात्रा ने उसे आश्चर्यजनक कामोन्माद की ऊंचाइयों तक पहुँचाया और उसके शरीर को यौन प्रतिक्रिया के चमत्कार अनुभव करने को प्रेरित किया। बेतहाशा कराहते हुए हुए, मरीना ने नई ऊर्जा के साथ खुद को मेरी कमर के खिलाफ धक्का दिया, और फिर वह आगे नहीं बढ़ सकी। जब मैंने भी उसकी योनी में अपने वीर्य की आखिरी पिचकारी मार दी और मैं उसके कांपते शरीर पर लेट उसे चूमने लगा, तो उसने संतुष्टि की धीमी, फुसफुसाती प्यार भरी आह भरी।

मेरा लंड मरीना की चूत के अंदर ही था । मैंने मरीना को लिप किस करना शुरू कर दिया और काफी देर तक उनको लिप किस करता रहा फिर उनकी स्तनों को सहलाना और मसलना शुरू कर दिया धीरे-धीरे ।वो मेरा साथ देने लगी ।

फिर मैंने अपना लुंड बाहर निकाला तो वह वीर्य और मरीना के चूतरस और कुंवारी योनि के भेदन अपर निकले खून से भीगा हुआ था... बेड शीट खून से सन्न चुकी थी मैंने फिर मरीना को लिप किश दी और उनके बदन को सहलाया। उनके चुचो को दबाया और चूत पर हाथ फेरा और बोला मरीना तुम तो जानती हो पहली बार थोड़ा दर्द होता है और खून भी आता है अब आगे तो मजा है मजा है ... मरीना बोली मुझे पहले थोड़ा दर्द हुआ था अपर फिर मजा आया और बहुत मजा आया और अब तो मैं रोज़ ऐसे ही आप के साथ ऐसे ही ऐश करूंगी।

फिर हम दोनों उठ कर वाशरूम चले गए और अपने अंगो को धोया। फिर मैंने मरीना के सारे बदन और चूत पर क्रीम लगाई और मरीना ने मेरे लंड को किश कर थैंक यू बोला और मेरे लंड पर क्रीम लगाई पांच मिनट बाद वह बाहर निकली, तो उसके चेहरे पर सन्तुष्टि के भाव थे। मरीना का स्पर्श पा कर लंड एक बार फिर जागने लगा।


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combo duplicate remover

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मुझे उसकी बहन मरीना को इतने जोरदार तरीके से चोदते हुए देखकर अब हेमा की काम इच्छा बहुत बढ़ गई थी। मरीना के हांफने और उन्मादी खुशी भरी कराहों ने उसके युवा शरीर को उत्तेजना से कंपा दिया था और वह मेरे बड़े, लम्बे मांसल लंड के साथ अब अपनी बारी आने का इंतजार कर रही थी, जिसने चमत्कारी तरीके से मरीना को सम्भोग सुख प्रदान किया था जब लंड मरीना की गर्म छोटी योनी के अंदर बाहर हो रहा था। अब उसे इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि उसकी तर्जनी से बड़ा कुछ भी कभी उसकी अपनी योनी के अंदर नहीं गया था और मेरे विशाल लंड का घेरा इतना बड़ा था जिसे वह पहले अंदर लेने से डर रही थी । जितना उसे पहले डर लगा था इस बार वह उतनी ही ज्यादा उत्सुक थी लंड अंदर लेने के लिए इसलिए इस बार हेमा ने ठान लिया था कि वह अपनी चुत के होठों के बीच मेरा बड़ा लंड लेगी और उन सभी बेतहाशा मनभावन भावनाओं का अनुभव करेगी जो स्पष्ट रूप से उसकी बहन के शरीर में सम्भोग के दौरान हुई थी।

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"मम्म, मास्टर आपने बहुत सारी पिचकारियाँ मारी और मेरी चुत पूरी आपके चिपचिपे वीर्य से भर गयी थी!" मरीना ने आश्चर्य से कहा। "मैंने सोचा था कि आप हमेशा के लिए ऐसे ही पचकारिया मारते रहोगे!"

" पुरुष जब अच्छी चुदाई कर आनंद महसूस करता है तो वह बहुत कुछ शूट करता है और जब मेरा बड़ा लंड तुम्हारी इस छोटी योनी के अंदर गया तो मुझे बहुत मजा आया," मैं बुदबुदाया।

कहानी जारी रहेगी

दीपक कुमार
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[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]पड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे

VOLUME II

विवाह

CHAPTER-1

PART 50

कुंवारी हेमा का कौमार्य भंग 
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[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]

मुझे उसकी बहन मरीना को इतने जोरदार तरीके से चोदते हुए देखकर अब हेमा की काम इच्छा बहुत बढ़ गई थी। और वह तुरंत अब मेरे लंड को अपनी योनि के अंदर लेना चाहती थी मरीना ने मेरा लंड फिर छुआ तो लंड फिर से अकड़ने लगा जिसने हेमा के युवा शरीर को उत्तेजना से कंपा दिया था और वह मेरे बड़े, लम्बे मांसल लंड के साथ अब अपनी बारी आने का इंतजार कर रही थी। जितना उसे पहले डर लगा था इस बार वह उतनी ही ज्यादा उत्सुक थी लंड अंदर लेने के लिए इसलिए इस बार हेमा ने ठान लिया था कि वह अपनी चुत के होठों के बीच मेरा बड़ा लंड लेगी और उन सभी बेतहाशा मनभावन भावनाओं का अनुभव करेगी जो स्पष्ट रूप से उसकी बहन के शरीर में सम्भोग के दौरान हुई थी। लंड को देख कर उत्तेजित हुई हेमा ने अपने निप्पल को उंगलियों में ले कर थोड़ा मोड़ना शुरू कर दिया।



मैं हेमा को उत्तेजित देख अविश्वास में वहीं खड़ा रहा। वह बहुत मोहक और सुंदर लग रही थी। उसके स्तनों का घेरा छोटा और चमकीला गुलाबी था और उसके निप्पल गहरे गुलाबी रंग के हो गए थे। उसके स्तन निर्दोष थे, एक दूधिया रंग के साथ चिकनी त्वचा और वह अपने साथ खेलती रही और धीरे से कराहने लगी। उसका बायाँ हाथ अब और अधिक जोर से हिल रहा था और उसका दाहिना हाथ उसके सख्त निपल्स को और भी जोर से दबा रहा था ।

उसकी ऐसी हालात देख कर मरीना ने आग्रह किया की मास्टर अब आपको हेमा के साथ सम्भोग करना चाहिए। मैंने अविश्वास में सिर हिलाया तो हेमा ने जोर देकर कहा कि उसे भी इसे आजमाने की अनुमति दी जाए और उसके आग्रह की तीव्रता ने मेरे लंड को भड़का दिया। मुझे मालूम था की हेमा की योनि छोटी थी, वास्तव में बहुत छोटी थी, लेकिन मैं यह भी महसूस कर रहा थी की वह अब हर संभव तरीके से मुझे पाने के लिए दृढ़ और त्यार थी। मैंने कहा हेमा एक बार शुरू होने के बाद अब मैं रुकूंगा नहीं।

तो हेमा बोली, मैंने लड़कियों और मेरी बहन को भी तुम्हारे साथ ऐसा करते देखा है? अगर वे इसे ले सकती हैं तो मैं भी ले सकती हूँ।

तो अब मेरी कुंवारी सचिव हेमा की नथ उतरने जा रही थी।

मैं बोला "तो फिर मेरा लंड मुँह में ले लो तो मजा आ जाएगा।"

मरीना बोली चुसाई मैं कर देती हूँ। "




मैंने उसका हाथ उठाया और उसकी उँगलियों को चूसने लगा। मैंने उसे अपनी मजबूत बाहों में करीब खींच लिया और उसे चूमने के लिए उस के करीब अपने होंठ ले जाया गया। मैंने अपनी जीभ उसके मुंह में डाल दी और उसने अपने होठों को चौड़ा करके बाध्य किया। धीरे-धीरे वह मुझे चुंबन करने लगी और एक यौन उन्माद में हमारे हाथ एक-दूसरे के शरीर को सहला रहे थे और हमारी जीभ आपस में गुंथी हुई थी।

फ़िर मैंने हेमा को पकड़ लिया उसे अपने पास खींचा और उसके होंठों का चुम्बन लेने लगा। वह पहले ही इतनी गर्म हो चुकी थी कि ज्यादा कुछ करने की जरूरत नहीं पड़ी और वह भी मुझे जोर-जोर से चूमने लगी। उसने मुझे कस कर पकड़ लिया। काफ़ी देर तक मैं उसके होंठों को चूसता रहा, उसे भी अब इस सब में पूरा मजा आने लगा था।

उधर मरीना मेरा लंड मुँह में ले कर धड़ाधड़ चूसे जा रही थी। मेरा लंड एक बार फ़िर से एकदम खड़ा और कड़क हो गया। मैं हेमा की चूचियाँ दबाने लगा और मैंने दस बारह मिनटों तक चूचियों को खूब दबाया। फिर मैं हेमा की चूचियाँ को पीने लगा। चूचियों को पीने से हेमा की हालत और खराब हो गई, मेरा लंड पूरा सख्त हो चूका था तो मरीना भी अब मेरा लंड चूसना छोड़ वहीं पर बैठ गई और हमारा खेल देखने लगी। मैं अब हेमा की चूचियों को और कस कर चूसने में लग गया। हेमा ने भी मेरा लंड पकड़ कर सहलाना चालू कर दिया।

नेरा एक हाथ हेमा की चिकनी बुर पर चला गया और मैं उस पर हाथ फ़ेरने लगा, परन्तु इस बार मैंने अपनी उंगली उसकी बुर में नहीं डाली क्योंकि मुझे डर था कि कहीं वह फ़िर से ना बिदक जाए, इसलिए मैं सिर्फ़ उसकी बुर को ऊपर से ही मसलता रहा।

मेरी हथेलियों और हेमा के निपल्स के बीच के संपर्क ने स्वाभाविक रूप से लड़की की चूत को पहले से कहीं अधिक गर्म कर दिया।

मेरे होठों में उसके ओंठ थे और मैं पूरी भावना उसे चुंबन करते हुए अपने दुसरे हाथ को उसके स्तनों पर घूमते हुए पीठ पर ले जाकर उसके कामुक नितम्बो को पकड़ा और सहलाना शुरू कर दिया।

जैसे ही मैंने उसके नितम्बो के गालों को जोर से फैलाना शुरू किया तो मेरे हाथ उसकी नंगी गांड पर आ गए। और मैंने उसकी गांड के गालों के बीच में और उसकी चूत में एक उंगली खिसका दी। उसकी छूट उस समय बिलकुल गीली हो टपक रही थी और मुझे उसकी योनि बहुत तंग महसूस हो रही थी मैंने थोड़ा जोर लगा कर मेरी ऊँगली उसमें लगभग एक इंच डाल थी और मैंने उंगली को उसकी गीली चूत के अंदर रगड़ना शुरू कर दिया था।

इस बीच मैंने आवेशपूर्ण चुंबन जारी रखा। मैंने उसके स्तनों को जोर से पकड़ का दबा दिया तो वह कराहने लगी । मैंने उसको मुँह को चूमना बंद कर उसके दाए स्तनों को धीरे से शुमा और फिर चाटा और निप्पलों को कुतरना शुरू कर दिया।




मेरा मुँह उसके बाएँ निप्पल की ओर बढ़ा और उसे चूसने और कुतरने लगा। , वह कराहती रही और मेरे दूसरे हाथ उसके दाहिने स्तन को पकड़कर उसे दबाने लगा । उसने मेरे सख्त लंड को पकड़ कर सहलाना शुरू कर दिया फिर मैंने अपना मुँह उसके दूसरे निप्पल पर स्थानांतरित कर दिया, जिसे मैंने जोर से चूसा । और मैंने उसके हाथ को अपने लंड की ओर निर्देशित किया और उसे अपनी मर्दानगी का अहसास कराया।

"हे भगवान," वह फुसफुसायी, "यह मेरी कल्पना से बहुत बेहतर है।" उसकी आँखों में वासना का भाव था ।

अब मुझे लग रहा था कि इसकी बुर पूरी तरह से लंड लेने के लिए बेकरार है। परन्तु बुर एकदम नई थी, इसलिए मैंने सोचा कि इसे थोड़ा और तड़फ़ाया जाए ताकि पहली बार लंड लेने में इसकी गर्मी इसके दर्द के एहसास को कम कर दे।

हेमा अब काफ़ी गर्म हो चुकी थी, वह चुदवाने को बेक़रार थी, उसने मुझसे कहा-अब करते क्यों नहीं, जल्दी करो, अब नहीं रहा जा रहा। मेरी बुर में दर्द होने लगा है, डाल दो अब इसमें।




पर मैं उसकी चूचियों को चूसने में ही लगा हुआ था। तभी उसने मेरा लंड पकड़ा और अपनी बुर की तरफ़ ले जाने की कोशिश करने लगी।

मैं समझ गया कि अब तड़पाना अच्छा नहीं है। मैंने उसे उठा लिया और उसे बेड पर लिटा दिया। और उसे चुंबन किया उसके गालो को चाटा और उसकी गर्दन चाटने केबाद, उसके कंधो को चाटा और फिर उसके स्तनों को चूसा फिर उसके स्तनों के बीच की घाटी को चूसा और उसका प्रत्येक रसीला निप्पल तब तक चूसा जब तक यह बिलकुल लाल नहीं हो गया। मेरा मुँह और नीचे गया और उसकी नाभि में मेरी जीभ घूमी और वह कराहने लगी मैंने उसकी नाभि पर लार के छोटे-छोटे घेरे खींचे। दूसरे हाथ से मैंने उसकी चूत को फैलाया, अपनी तर्जनी और मध्यमा उंगलियों का उपयोग करके उसके सख्त और उत्तेजित भगशेफ को उजागर किया और अपना अंगूठा से उसके भगशेफ को रगड़ दिया। मेरा मुंह उसकी जाँघों पर और नीचे चला गया, और उसके भगशेफ को सहलाने, कुतरने और उसके मलाईदार मांस को चूसने लगा। मैंने ऊँगली तो अंदर धकेलने की कोशिश की, लेकिन ऐसा नहीं कर सका क्योंकि उसकी योनि बहुत टाइट थी मैंने अपनी जीभ को उसकी भगशेफ पर घुमाया और अपनी जीभ से कुशलता से उसे फड़फड़ाना शुरू कर दिया, उसकी भगशेफ को चूसते हुए उंगलियाँ उसकी योनि के अंदर रगड़ने लगा इस बात का ध्यान रखते हुए कि उसके हाइमन पर जोर न पड़े। । वह जोर-जोर से कराहने लगी क्योंकि मेरा चूसना और तेज हो गया ।



मैंने हेमा की दोनों टांगों को फ़ैला दिया उसके ऊपर चढ़ गया।

उसकी योनि पर लार टपकाने लगा। मैंने उसे चुम कर बोला और ये कुंवारी के तौर पर तुम्हारा आखिरी चुंबन है!

"वह शरमाते हुए बोली जी हाँ सर"।

मैंने अपनी हरकतों को जारी रखा फिर उसकी चूत से अधिक रस निकलन शुरू हो गया । और मेरी जीभ और उन्स्की योनि उसके रस और मेरी लार के चिकने संयोजन के साथ चमक रही थी। मैं उसकी योनि और भगशेफ को लगातार चूसता रहा और उसके भगशेफ को हिलाता रहा और उसे तब तक उँगलियों से छेड़ता रहा जब तक कि वह उसके शरीर में कंपकंपी और ऐंठन शुरू नहीं हो गयी। हेमा के मुह से आहे निकल रही थी। वह मेरी उँगलियों द्वारा चूत पर किये जा रहे घर्षण को मजे से महसूस कर रही थी।

जब वह कांपने लगी तो उसकी जांघों के किनारों को अपनी जांघों से दबाते हुए उसकी योनि के ऊपर मैंने लंड एक दो बार घिसा और उस मिले जुले चिकने रस को लंड पर लगा कर लंड को चिकना किया अब मेरा कठोर लंड योनि में जाने के लिए तैयार था।

मैं धीरे-धीरे अपना लंड उसकी बुर में डालने की कोशिश करने लगा, परन्तु उसकी बुर का छेद इतना छोटा था कि मेरा 8 इंच का लंड अंदर नहीं जा रहा था। अत: मैंने अपने दोनों हाथ उसके पैरों के नीचे से ले जाकर उसके दोनों पांव ऊपर उठा लिए, जिससे उसकी चुत ऊपर की ओर उठ गई तथा लंड उसकी चूत के छेद के बिल्कुल सामने आ गया।

मैंने हेमा को चुम और सहला कर गर्म कर शारीरिक तौर पर और हेमा ने मेरे लंड के प्रवेश के लिए खुद को मानसिक तौर पर त्यार किया। वह जानती थी कि प्रवेश करते ही मेरा लंड उसकी योनी को फैला कर चौड़ा कर देगा। वह यह भी जानती थी कि वह मेरे लंड को अपनी योनी के अंदर लेने के लिए आज तक इतनी ज्यादा उत्साहित नहीं हुई थी और इस इच्छा के कारण उसने अपनी एड़ी को एक साथ मेरी गांड के नितम्बो के चारों ओर कस लिया था, उसमें एक विशेष उत्साह था। उसने मेरे, सुडौल शरीर को सहलाया और मुुझे देखकर मुस्कुराई, उसकी कामुक इच्छा की दृष्टि ने मुझे प्रोत्साहित किया।


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जब मैं नहीं हिला, तो उसने अपने कूल्हों को ऊपर की और एक झटका दिया, जिससे उसकी योनी का मुंह में मेरे लंड के सिर घर्षण करते हुए छेद पर टिक गया। उस घर्षण ने उसकी योनी के माध्यम से यौन भावना का एक और चौंकाने वाला झटका भेजा और उसके होठों पर आश्चर्यजनक खुशी की कराह निकली।

मरीना समझ गयी अब मेरा क्या इरादा है और हेमा के स्तन सहलाने लगी और उसे लिप किश करने लगी ।

इससे पहले कि हेमा अपने परमानंद की स्थिति से उबर पाती, मैं जल्दी से खड़ा हो गया और मैंने अपनी उँगलियों से चूत को खोला और लंड का गुलाबी सूपड़ा बिच में रख दिया और अपने सदस्य को उसकी योनि के छेद में लगा कर तेजी से टक्कर मारी कि उसने दर्द और अविश्वास से मेरी ओर देखा। फ़िर मैंने ताकत लगा कर एक ज़ोर का धक्का लगाया और लंड लगभग एक इंच लंड उसकी बुर में घुस गया।

तकलीफ के मारे हेमा का मुँह खुल गया और आँख से पानी आ गया, वह ज़ोर से चिल्लाई "घुस्स्स गया... मरर गई।" हेमा चीखने चिलाने लगी । हाअ, राआआआजा, सरररर आईईई, चोदो और जोर से चोदो। मेरी चूत को फाड़ दी, आआआआ और ज़ोर से, उउउईईईई माँ, आहहहाँ,

हेमा अपने अन्दर उस गहरायी में हो रहे उस अनुभव को लेकर बहुत आश्चर्यकित थी। उसके आश्चर्य ने दर्द को रास्ता दे दिया अभी भी कुछ ही सेकंड पहले से कामोन्माद उत्साह के साथ मिला हुआ आश्चर्य एक ढ़ाके के साथ ही दर्द में बदल गया।

वोह मेरे लिंग को अपनी योनी के दीवारों पर महसूस कर रही थी। मैं एक बार पीछे हटा और अन्दर की ओर दवाब दिया। थोड़ा-सा लंड पीछे किया और फिर से आगे को धक्का दिया, ज्यादा गहरायी तक नहीं पर लंड हेमा की कौमार्य की झिल्ली तक पहुँच चूका था और हायमन से टकरा रहा था लंड लगभग 2 इंच अंदर चला गया था । मेरे लिंग को हेमा ने अपनी योनी रस ने भिगो दिया था, जिससेलंड चिकना हो गया था।

अगली बार मैंने पूरी ताकत के एक धक्का लगा दिया "ओह दीदी" हेमा के मुह से निकला उसके स्तन ऊपर की ओर उठ गए और शरीर पहले ही से उसकी परमानंद की स्थिति के कारण एंठन में था और जैसे ही मेरा गर्म, आकार में बड़ा लिंग पूरी तरह से गीली हो चुकी योनी के अवरोध को भेद कर अंदर घुस गया। लंड चूत के लिप्स को खुला रखते हुए क्लिटोरिस को छूता हुआ वह पूरा अन्दर तक चला गया हेमा की योनी मेरे लिंग के सम्पूर्ण स्पर्श को पाकर व्याकुलता और अजीब से अनुभव से पगला गयी । मेरे हिप्स भी कड़े होकर अंदर को दवाब दे रहे थे और लंड पूरा अन्दर जा चूका था ।




जैसे ही मेरे लंड ने उसके कौमार्य की पतली झिल्ली को विभाजित किया और उसकी योनी में घुस गया वह चीख पड़ी। वह महसूस कर रही थी कि जितना उसने कभी सोचा होगा उसकी योनी का विस्तार उससे कहीं अधिक हो रहा था। जैसे-जैसे मेरा लंड उसकी योनि में आगे गया वह अद्भुत स्पष्टता के साथ मेरी चुभन को महसूस कर रही थी। मेरे लंड का हर उभार, हर हलचल उसके दिमाग में दर्ज हो गई। हेमा मेरे लंड के प्रति अत्यधिक सचेत हो गई और एक पल में ऐसा लगा कि उसका पूरा शरीर एक अति संवेदनशील योनी में बदल गया है कि वह पूरी तरह से मेरे लंड से भर गयी है।


कहानी जारी रहेगी

दीपक कुमार
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[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]VOLUME II[/font]

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[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]हस्तमैथुन के साथ-साथ चुदाई[/font]


जैसे ही मेरे लंड ने हेमा के कौमार्य की पतली झिल्ली को विभाजित किया और उसकी योनी में घुस गया वह चीख पड़ी। जितना उसने कभी सोचा था उसकी योनी का विस्तार उससे कहीं अधिक हो रहा था। उसकी टाँगे सीधी हो गयी और हाथ मेरी पीठ पर चले गए, लंड उसकी सील को चीरता हुआ जड़ तक पूरा 8 इंच अन्दर चला गया।


            
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उसके मुँह से दर्द भरी परन्तु उत्तेजनापूर्ण आवाजें निकलने लगीं। फिर हेमा दर्द के मारे कराहने लगी आहहहहह! दीदी बहुत दर्द हो रहा है और हेमा दर्द से छटपटाने लगी । मैंने हेमा को धीरे-धीरे चूमना सहलाना और पुचकारना शुरू कर दिया, मैं बोला मेरी रानी डर मत कुछ नहीं होगा थोड़ा देर में सब ठीक हो जाएगा।

        


हेमा मेरे से बोली-"प्लीज सर बाहर निकाल लीजिए। मैं मर जाऊँगी, बड़ा दर्द हो रहा हैl" और वह ऊऊऊll आईईईll की आवाजें निकालने लगी। उउउउउइइइइइइ! ओह्ह्ह्हह! सररर! बहुत दर्द हो रहा है। सररर! प्लीज इसे बाहर निकल लो। बस एक बार बाहर निकाल लो । मुझे लग रहा है मेरी फट गयी है और ये आपका लंड अंदर और बड़ा होता जा रहा है, प्लीज सर इसे निकालो। आह! ओह्ह्ह! प्लीज बहुत दर्द हो रहा है। मैं दर्द से मर जाऊँगी, प्लीज! निकालो इसे और हेमा की से आँखों से आंसू की धरा बाह निकली । प्लीज! दीदी सर से बोलो न इसे बाहर निकाल ले । मरीना जो उसके पास में बैठी थी आगे हुई और उन आंसूओं को पी गयी और बोली मेरी बहन बस थोड़ा-सा बार बर्दाश्त कर लो आगे मजा ही मजा है।


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हेमा की चूत बहुत टाइट थी उसकी योनि की मांसपेशिया फैली और मेरे लंड के आसपास कस गयी । मैंने एक बार फिर पूरी ताकत लगा कर पीठ उठा कर लैंड को थोड़ा पीछे खींचने की कोशिश की और फिर मैंने पूरी ताकत से एक और धक्का लगाया और इस बार लण्ड पूरा अंदर समां गया और मैं हेमा के ऊपर गिर गया और मेरा मुँह उसके मुँह पर था और उसे किश करते हुए कुछ देर के लिए मैं उसके ऊपर ही पड़ा रहा ।


    
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हेमा फिर रोने लगी और चुंबन तोड़ कर कलपते हुए बोली सर आपने तो और अंदर घुसा डाला। मुझे बहुत दर्द हो है। अच्छा पूरा नहीं तो थोड़ा-सा बाहर निकाल लो और रोने और कुलबुलाने लगी तो मरीना ने मेरे नितम्बो पर हलकी-सी थाप दी और बोली मास्टर इसकी इतने बात मान लो और थोड़ा पीछे कर लो । तो मैंने थोड़ा-सा लंड पीछे खींच लिया । मेरा इतना करते ही हेमा को जैसे बहुत सारा आराम मिला और हेमा ने रोना बंद कर दिया पर अब हलके-हलके से कराह रही थी ।

मरीना इस बीच हेमा के स्तन और कंधो को सहलाने लगी और जब मरीना ने हेमा की चूत पर हाथ लगाया तो पाया वह सूज चुकी थी मरीना के सहलाने और मेरे चुंबन से कुछ देर के बाद हेमा शांत हो गयी l

जब हेमा शांत हुई तो मुझे वापिस चुंबन करने लगी और बोली आह! अब करो! , चोदो, चोदो मुझे! "वह कराह रही थी, मेरे खिलाफ अपना बदन रगड़ कुलबुला और छटपटा रही थी और उसने अपनी योनी को ऊपर उठा लिया ताकि मुझे इसे भेदने में बेहतर कोण मिल सके।" ऊह, मुझे चोदो, मुझे जोर से चोदो! अब तुम्हारा लंड मैं अपनी योनि में हर तरफ महसूस करना चाहती हूँ! "


     



ये सुन कर मेरे दिल में कामुक भावनाओं की एक बाढ़-सी आ गई क्योंकि उसने मुझे वही करने का आग्रह किया था जो मैं करना चाहता था। मैंने उसके ऊपर दबाव डाल लंड को थोड़ा बाहर खींचा और फिर अंदर धकेला। उसकी योनी पहले से ही मेरी लार से और साथ ही साथ तंग छोटी सुरंग के भीतर से निकलने वाले मीठे और फिसलन भरे रस से भीग गयी थी, मेरे बड़े लंड का उभरा हुए सिर थोड़ा अंदर फिसल गया। खिंचाव की अनुभूति ने उसे दर्द और आनंद के मिले जुले आश्चर्यजनक भाव से रुला दिया। मेरा लंड उसकी चूत में और फिसल गया और मार्ग की रखवाली करने वाली ऊतक-पतली झिल्ली के घाव से टकरा गया। हेमा की कौमार्य की झिली ने मरीना की तुलना में बहुत कम प्रतिरोध दिया था ।

मैंने लंड को योनि की तंग सुरंग में आगे को धक्का दिया। मैं जितनी जल्दी हो सके उसकी योनी में गहराई तक जाना चाहता था। मैंने बेरहमी से उसकी योनि में लंड को पूरी ताकत से धक्का दे दिया जिससे लंड ने अपना रास्ता बना लिया। मेरे लंड का आधार और अंडकोष उसकी चूत के होंठों से टकरा गए और-और उन्हें चपटा कर दिया और जब उसने महसूस किया के मेरे अंडकोष उसकी योनि से चिपक गए है तो वह जोर से चिल्लाई । मैंने कुछ लम्बे-लम्बे शॉट लगाए जिससे लंड पूरा आराम से जाने लगा फिर मैंने एक अलग रणनीति अपनाई जो मुझे मिली ने सिखाई थी (जिसके वारे में आप मेरी कहानी मेरे अंतरंग हमसफर में पढ़ सकते हैं) ।




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उसके बाद मैंने लंड को बाहर खींचा बस सिर्फ लंडमुंड को उसकी योनी से नहीं निकाला और फिर लंड को अंदर धकेलते हुए मैंने उसे छोटे-छोटे झटके से चोदना शुरू कर दिया। मैंने अपने बड़े लंड को उसकी योनी के मुंह के अंदर और बाहर इस प्रकार किया और उसकी तंग मांसपेशीयो वाली योनि के छेद के अंदर कभी भी लंड को पूरा नहीं घुसाया और पूरा बाहर नहीं निकाला। बुर बड़ी टाईट थी, लंड भी अटक-अटक के जा रहा था। मैं अब अपनी पूरी ताकत लगा कर उसकी बुर में डाल रहा था। हर धक्के पर उसकी मुँह से हल्की-हल्की चीख निकल रही थी।

मरीना बड़े गौर से देख रही थी कि मैं क्या कर रहा था और हेमा को थोड़ा अलग तरीके से चोद रहा था और मरीना से बेहतर उस समय कौन जानता था कि मैंने मरीना को हेमा से बिलकुल अलग तरीके से चोदा था । हेमा की इस तरह की चुदाई के दौरान हर बार मेरा लंड हेमा के G-स्पॉट को सहला और छेड़ रहा था और मरीना कुछ ठगा हुआ महसूस कर रही थी। लेकिन मेरे कक्ष की हवा में कामुकता इतनी प्रबल थी कि मरीना उससे बच नहीं सकी ।


     




मरीना हमारे उन्मत्त कामुक प्रयासों में अपना जादू जोड़ने के लिए मेरे पास हुई और उसका दाहिना हाथ मेरे नितम्बो तक पहुँच गया, अपने बाए हाथ से वह अपनी योनि को सहला रही थी और दाए हाथ से मेरी बड़ी-बड़ी गेंदों को सहलाने लगी। इस साहसिक कदम ने उसे और भी अधिक कामुक कर दिया और वह मेरे लंड को भी सहलाने लगी। अपने हाथ को तीव्र कोण पर घुमाकर उसने मेरे बड़े लंड की लम्बाई के चारों ओर अपनी ऊँगली का गोला बना लिया। मैं अब मरीना के हाथ की उंगलियों के गोले और हेमा की गर्म नन्ही योनी दोनों को एक साथ चोद रहा था। ये बिलकुल ऐसा था जैसे मरीना मेरे लंड के साथ हस्तमैथुन कर रही थी और इसके साथ-साथ मैं हेमा को चोद रहा था । फिर मैंने महसूस किया कि उसके हाथ की उंगलिया मेरे लंड के चारों ओर बंद हो गयी है वह मेरे लंड को पकड़ कर हेमा की योनि में गहरे घुसा रही थी और मैंने हेमा की प्रतीक्षा कर रही योनी में जोर से धक्का देना शुरू कर दिया। मरीना इस बीच अपना हाथ हेमा की चूत के होंठों को रगड़ रही थी।


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"उह्ह! हेमा तुम्हारी योनि बहुत टाइट है बड़ा मजा आ रहा है! और मैंने हेमा की योनि में शातिर तरीके से मेरे कूल्हों को घुमाते हुए सब तरफ धक्के मारे।" आह! इतनी तंग योनि! मजा आ गया! " मेरा लंड उसकी योनी के अंदर उसकी दीवारों को रगड़ता हुआ और बाहर हो रहा था, जब लंड को मैंने आगे को धकेला तो लंड उसकी विभाजित कौमार्य की झिल्ली के कच्चे घाव को भी रगड़ गया और हेमा जोर से कराह उठी।

जैसे ही मैंने उसकी योनी में प्रवेश किया था हेमा की योनि रस छोड़ने लगी थी और जिस तरह से मैं उसे चोद रहा था उससे उसने पाया कि उसकी पहली चुदाई का हर कदम और भी मजेदार और मनभावन हो गया। मेरे लंड के हर धक्के ने उसको और कामुक कर दिया, जिससे उसके योनि में यौन सुख की और अधिक रोमांचक लहरें आयी और वह आनंद से कराह रही थी और मुश्किल से अपनी सांस ले पा रही थी।

मैंने उसे लिप किश किया मैं उसे लिप किश करता ही रहा वह भी कभी मेरा उप्पर लिप तो कभी लोअर लिप चूसती रही मैंने उसके लिप्स पर काटा उसने मेरे लिप्स को काट कर जवाब दिया, फिर मैं उसके होंठो को चूमने लगा और वह भी मेरा साथ देने लगी फिर मैंने अपनी जीभ उसके मुँह में डाल दी और वह मेरी जीभ को चूसने लगी। फिर मैंने भी उसकी जीभ को चूसा। हेमा अपने शरीर में आ रही कामुक उत्तेजनाओं के कारण मुझे बेकरारी से चूमने चाटने लगी, साथ-साथ मरीना ने उसकी चूची सहलानी और दबानी शुरू कर दी और हेमा सिसकारियाँ ले मजे लेने लगी ।

मरीना ने मेरे लंड को हस्तमैथुन करना जारी रखा और मेरी गेंदों को जितना वह कर सकती थी, प्यार करती रही। साथ-साथ बीच बीच में मरीना ने अपने बाएँ हाथ का इस्तेमाल अपनी चूत के होठों को सहलाने के लिए किया। उसने जितना हो सके खुद को अपनी उँगलियों से चोद दिया और अपने दूसरे हाथ को मेरे लंड और लटकती गेंदों पर रगड़ना जारी रखा। हेमा के प्रति अपनी ईर्ष्या के बावजूद वह यह भी चाहती थी कि हेमा को चुदाई का पूरा आनंद मिले और यह सुनिश्चित करने के लिए मरीना ने अपनी शक्ति में सब कुछ किया।



     


मेरी चुदाई, किश और मरीना के द्वारा हेमा के स्तनों और उसकी छूट को सहलाने के चार तरफा हमले का वांछित असर हेमा और मेरे पर हुआ जहाँ हेमा की चूत संकुचन करने लगी। वहीँ मैं महसूस कर रहा था कि मेरी गेंदें शुक्राणु के एक और हमले की तैयारी कर रही हैं और मैंने हेमा को जोर से चोदना जारी रखते हुए तेज धक्के लगाने शुरू कर दिए। उसकी योनि की छोटी सुरंग ने मेरे बड़े और मोटे लंड को कस कर पकड़ लिया और मेरे लंड के सिर पर योनि की मांसपेशिया और भी अधिक दबाव डालने लगी। मैंने धक्के लगाना जारी रखा जिससे मेरे लंड ने उसकी योनी के उन हिस्सों के खिलाफ जोर से चुदाई की जिन्हे लंड ने अभी तक छुआ नहीं था । हेमा ने उत्तेजना भरी हुई कराहो के साथ मेरे हर धक्के का जवाब दिया। वह चरम पर पहुँची और अपने पैरों और टांगो को-को मेरे शरीर के चारों ओर और भी सख्त कर दिया। वह तड़पने लगी और कांपने लगी उसने मुझे अपनी पूरी ताकत से मुझे दबाना शुरू कर दिया मैं समझ गया कि अब इसकी बुर को पानी छोड़ना है। मैंने भी अपने धक्कों की रफ़्तार बढ़ा दी। दो मिनट बाद उसकी पकड़ ढीली पड़ गई और हेमा की योनि ने-ने ढेर सारा चुतरस मेरे लंड पर छोड़ दिया।


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मेरे उग्र प्रयासों ने स्वाभाविक रूप से मेरी उत्तेजना को बढ़ा दिया और मेरे लंड का योनि पर घर्षण तेज हो गया। ओह्ह्ह्ह करती हुई हेमा कराहने लगी! " मेरा भी लंड झड़ने को हो गया। मैंने अपने धक्कों की रफ़्तार में और तेजी कर दी, आठ-दस धक्कों के बाद मेरी गेंदें हिल रही थी और मैंने लंड को वापस खींच लिया और हेमा की योनी में एक तेज धक्का मारा और ये स्ट्रोक इतना मजबूत था कि मेरा लंड मरीना की मुट्ठी से फिसल गया और हेमा की योनि में पूरा घुस गया और लंड की पिचकारी छूट पड़ी और सारा का सारा माल हेमा कि चूत में भरता चला गया। मैं उसके ऊपर लेट गया। मेरी और उसकी सांसें बड़ी तेजी से चल रही थीं।

कहानी जारी रहेगी

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]दीपक कुमार[/font]
 
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]पड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे[/font]


[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]VOLUME II[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]विवाह[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]CHAPTER-1[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]PART 52[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]बहनो की साथ-साथ में चुदाई[/font]



मैं हेमा के मम्मे सहला रहा था और देखना चाहता था कि अब उसकी चूत कैसी दिखायी दे रही है। मैंने अपना लंड धीरे से निकाल लिया । लंड मेरे वीर्य, हेमा के चुतरस और खून से सना हुआ था और फिर मैंने देखा कि उसकी चूत थोड़ी चौड़ी हो गयी थी। उसमें से वीर्य और खून दोनों टपक रहे थे पर हेमा के चेहरे पर सन्तुष्टि के भाव थे।

फिर मरीना मुझसे चिपक गयी। हम दोनों एक दूसरे के बदन को सहला रहे थे। मैंने हेमा को और मरीना को बारी-बारी से किस किया। हेमा अपने होंठों को भींच रही थी और रो रही और कराह रही थी। मैंने हेमा को बिस्तर पर तड़पती हुई देखा, दोनों हाथ उसकी पतली जाँघों के बीच दबे हुए थे।

फिर मरीना ने एक रुमाल उठाया और मेरा लंड जो हेमा की चूत के रसो मेरे वीर्य और उसके कुंवारे लहू में सना हुआ था, साफ़ किया और फिर हेमा की चूत को भी साफ़ किया। जब उसने हेमा की चूत को छुआ तो वह कराह उठी, तो मरीना ने वही रखी क्रीम हेमा की चूत के अंदर बाहर लगा दी और उसके गले लग कर, उसे बधाई देते हुए उसे चूमने लगी और बोली मेरी बहना बस अब रो मत जो दर्द होना था वह हो लिया अब आगे मजे जी मजे हैं ।

मरीना के छूने से लंड एक बार फिर तन कर कड़ा हो गया और मैंने मरीना को सुझाव दिया, क्या तुम एक बार फिर चुदना चाहोगी ये अब दुबारा खड़ा हो गया है? मरीना बोली बेशक, मरीना उस सुझाव का पालन करने के लिए बहुत इच्छुक थी।


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जब मैंने कहा कि वह मेरे लंड को फिर से चूस सकती है, तो उसकी आँखें दिलचस्पी से चमक उठीं मेरी उन्मत्त चुदाई ने हेमा की योनी के तेल में मेरे लंड को स्नान करवा कर दिया था। और अब जबकि मेरा लंड मेरे वीर्य से कुछ ही समय में दूसरी बार नहा चुका था और उसकी बहन की गर्म नन्ही योनी के रस और मेरे वीर्य से सना हुआ था तो उसने बिना किसी हिचकिचाहट के सिर हिलाया। उसने अपनी बहन के पास घुटने टेक दिए और धीरे-धीरे लंड को पहले चूमा और लंड पर लगा वीर्य और चूत रस उसने चाटना शुरू कर दिया, यह जाने के लिए कि मरीना क्या कर रही है हेमा ने ऊपर देखा और उसने मरीना को प्रोत्साहन देने के लिए के कुछ शब्दों को फुसफुसाया ।

मरीना को इस असामान्य क्रीम का अनोखा स्वाद बहुत पसंद आया और मरीना को मेरे लंड पर लगे हुए रस विश्वास से परे स्वादिष्ट लगे और फिर उसने हेमा की योनि को भी चाट कर साफ़ किया और फिर मेरे लंड पर लगा पूरा वीर्य और चूत रस उसने जीभ से चाट कर एक गोला बनाया और उसने अपने ओंठ जो मेरे वीर्य और हेमा के रसो के मिले जुले क्रीम से सने हुए थे वह हेमा के ओंठो से लगा दिए और अपना मुँह खोल कर हेमा के मुँह में वह गोला सरका दिया और दोनों बहने उस मलाई के गोले को मिल बाँट कर निगल गयी। फिर मरीना मेरे लंड को चूसने लगी।


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मैं अभी भी अपनी पीठ पर था और मेरे पूरा लंड मरीना के मुँह में था। उसके बाद मरीना ने मेरे लंड को अपने मुंह से निकाला, मैंने मरीना को अपनी बांहों में उठाया और बेड पर लिटा दिया। मैं मरीना को चूमने लगा और फिर मैं उसके ऊपर लेट कर उसके बूब्स से खेलने लगा और धीरे-धीरे उन्हें भींचने लगा। मरीना कि सिसकारियाँ तेज हो रही थीं। मैं उसके निप्पलों को अपने दांतों से दबाने लगा।

हेमा बिस्तर पर इस तरह से लेट गयी ताकि वह मेरे लंड मरीना की योनि के अंदर जाते हुए आसानी से देख सकेl

मैं घुटनो के बल बैठ गया और धीरे से अपना 8 इंच लम्बा लंड को मरीना की चूत पर टिका कर उसकी योनि को रगड़ने लगा तो हेमा ने हाथ बढ़ा कर मेरा लंड मरीना की चूत के द्वार पर लगा दिया। और हेमा कि तरफ़ हँस कर देखते हुए मैंने एक ही झटके में अपना लंड मरीना की चूत में डाल दिया उसे किस करते हुए मेरे हाथ उसके मम्मों को सहलाते हुए उसके चुचकों के खींचते हुए उसकी चूचियाँ दबाने लगा।

हालाँकि कुछ देर पहले हुए पहली चुदाई के कारण मरीना की चूत भी सूजी हुई थी पर धक्के के जोर के कारण और मरीना के थूक से गीला और चिकना होने के कारण लंड पूरा अंदर चला गया। मैंने धीरे-धीरे शॉट लगाने शुरू किए।



अब मैंने मरीना को ठीक वैसे चोदा जैसे कुछ देर पहले हेमा को चोदा था। मैंने लंड को इतना ही बाहर खींचा की सिर्फ लंडमुंड को उसकी योनी में रहे और फिर लंड को अंदर धकेलते हुए मैंने उसे छोटे-छोटे झटके से चोदना शुरू कर दिया। मैंने अपने बड़े लंड को उसकी योनी के मुंह के अंदर और बाहर इस प्रकार किया और उसकी तंग मांसपेशीयो वाली योनि के छेद के अंदर कभी भी लंड को पूरा नहीं घुसाया और पूरा बाहर नहीं निकाला। सूजने के कारण उसकी योनि थोड़ी कस गई थी। मेरा मोटा लम्बा लंड अटक-अटक कर जा रहा था। मुझे टाइट चूत होने के कारण मजा आ रहा था। सूजी होने के कारन मैं थोड़ी ज्यादा ताकत लगा कर उसकी योनि में डाल रहा था। हर धक्के पर उसकी मुँह से हल्की-हल्की चीख निकल रही थी। हाअ, मास्टर राआआआजा, आईसीईई, चोदो और जोर से चोदो। आआआआ और ज़ोर से, उउउईईईई माँ, आहहहाँ,

मरीना उत्तेजना में चिल्ला रही थी और अपने कूल्हे ऊपर हो हिला कर मेरे धक्कों का साथ दे रही थी। हमे चुदाई करते देख कर हेमा भी गर्म हो रही थी ।

फिर कुछ देर में ही मरीना का जिस्म थोड़ा थर्राया अकड़ा और उसने मुझे ज़ोर से भींच लिया और फिर निढाल हो गई लेकिन मेरा लंड अभी नहीं झडा था

तब मैंने अपना लंड मरीना की योनि से बाहर निकाला और हेमा को अपने पास खींच कर उसके ऊपर चढ़ गया और एक ही झटके में अपना लंड हेमा की चूत में डाल दिया । मैंने हेमा को लिप किस करना शुरू कर दिया और काफी देर तक हेमा को लिप किस करता रहा फिर स्तनों को सहलाना और मसलना शुरू कर दिया वह अब मेरा पूरा साथ दे रही थी



अब में उसके बूब्स को चूसने लगा था और अपने एक हाथ से उसके बालों और कानों के पास सहलाने लगा था और फिर कुछ देर के बाद मैंने उसके कानों को भी चूमना शुरू कर दिया। हेमा की चूत मेरे वीर्य और चुतरस से एक दम चिकनी थी और मेरा लंड भी मरीना के रस से चिकना था फिर मैंने धीरे-धीरे धक्के लगाना शुरू किया तो पहले तो वह चिल्लाई, लेकिन फिर कुछ देर के बाद मैंने पूछा कि मज़ा आ रहा है। फिर वह बोली कि हाँ बहुत मज़ा आआआआ रहा है, ...हाईईईईई, म्म्म्मम और फिर वह जोर-जोर से चिल्लाने लगी। फिर कुछ देर के बाद मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी। अब वह मस्ती में कराह रही थी अआह्ह्ह आाइईई और करो, बहुत मजा आ रहा है। अब में अपनी स्पीड धीरे-धीरे बढ़ाता जा रहा था और पूरा लंड अंदर डाल कर बाहर निकाल कर पूरा वापिस अंदर डाल रहा था । मरीना हमारी इस चुदाई को गौर से देख रही थी और हेमा बड़बड़ा रही थी आआआआ, उउउईईईई आईसीईई, चोदो और जोर से चोदो। आहहह सरररर जोर से करो, आहह हाँ।।

फिर कुछ देर के बाद वह बोली हाए! ओह सररर में झड़ने वाली हूँ और फिर मैंने उसकी गांड पकड़कर अपनी स्पीड बढ़ा दी, वह बहुत जल्द अपने कामोन्माद तक पहुँच गयी। जल्द ही मुझे उसकी शरीर की कंपकंपी महसूस हुई और उसकी योनि काम रस से भर गयी और वह पूरी तरह से तृप्त हो गयी।

अब में उसे लगातार धक्के लगा रहा था और फिर में ऐसे ही 10-12 मिनट तक उसको उसी पोज़िशन में चोदता गया और कस कर धक्के लगाते रहा । मुझे लगा मैं भी झड़ने वाला हूँ तो इस बार मैंने लंड को बाहर निकाल लिया मैंने उसका हाथ अपने हाथ से पकड़ कर लंड पर रख कर हाथ को आगे पीछे कर हस्थमैथुन करके तेजी से हिला कर उसे तेज़ी से करने का इशारा किया और उसने मेरे लंड पर अपनी हरकत की रफ़्तार बढ़ा दी। हेमा ने मेरे लंड को जोर से पकड़ लिया और तेजी से अपने हाथ को ऊपर-नीचे करने लगीं और मरीना भी मेरे पास आ गयी और एक हाथ हेमा के हाथ के साथ लंड पर रख कर आगे पीछे कर हस्थमैथुन करने लगी जिससे जल्द ही मेरा शरीर तनावग्रस्त हो गया,


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दोनों बहने मेरे वीर्य को इतने करीब से निकलते हुए देखने के लिए उत्साहित थी इसलिए दोनों में मुँह आगे कर दिया और हाथ को लंड पर आगे पीछे करना जारी रखा । लंड ने जल्द ही पिचकारियाँ उन दोनों मुँह पर मार दी जिससे मेरे वीर्य उन दोनों के मुँह, आँखो, गालो, माथे और बालो तक फ़ैल गया और वीर्य हेमा के मुँह से नीचे टपकने लगा तो मरीना उसे देख कर नीचे हुए और वीर्य को चाट गयी और फिर दोनों ने एक दुसरे में मुँह, आँखो, गालो, और माथे पर लगा वीर्य चाट लिया।

वे दोनों मुझसे सांप के जैसी लिपट गईं. मैं दोनों को चूमता रहा और उनका बदन सहलाता रहा. फिर हम तीनों चिपक कर देर तक सोते रहे।

कहानी जारी रहेगी

कहानी जारी रहेगी

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]दीपक कुमार[/font]
 
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]पड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे[/font]


[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]VOLUME II[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]विवाह[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]CHAPTER-1[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]PART 53[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]अर्धनग्न तरुण- नर्तकी[/font]



अगले दिन सुबह फिर मैंने स्नान किया तो स्नान घर में बाल्टी में भी जड़ी बूटी वाला पानी था और उसमे से भी बड़ी मनमोहक ख़ुशबू आ रही थी। उससे स्नान करने के बाद मैं एकदम तरोताज हो गया। फिर मैंने मंदिर जाकर मैंने महर्षि अमर मुनि गुरूजी की आज्ञा अनुसार विधि पूर्वक पूजन करने के लिए दूध और दही गऊ के लिए रोटी, चींटी के लिए आटा और अनाज दाल, पक्षियों के लिए अनाज और आटे की गोली और कुछ रोटी घी और-चीनी का दान किया और उसके बाद विधि विधान से कुल पुरोहित ने पूजन करवाया और बारात विवाह और सुबह के नाश्ते के बाद वधु को लिवाने हिमालय राज महाराज वीरसेन की राजधानी की और हवाई जहाज से निकल गयी ।

हिमालय राज महाराज वीरसेन की राजधानी में पहुँचने के बाद बारात का परम्परागत स्वागत किया गया और सबको बारात घर ठहरा दिया गया भाई महाराज के विवाह की रस्मे रात में होनी थी । दोपहर के भोजन के बाद .  और  कक्ष में रखी  किताब  के कुछ पन्नो को पढ़ा  और फिर कुछ देर आराम किया और फिर उठा कपडे बदले और मैं अकेला ही बाज़ार घूमने निकला गया। 

बाज़ार में चौक में एक जगह भीड़ लगी हुई थी और बीच भीड़ में चौक के बीचो बीच में दूध के समान गोरी, लगभग अर्धनग्न तरुण युवती नृत्य कर रही थी। अति सुंदर उन्मुख यौवन, नीलमणि-सी ज्योतिर्मयी बड़ी-बड़ी आंखें वाली, तीखे कटाक्षों से भरपूर नर्तकी की आँखे शराब के नशे में डूबी हुई थी, उसकी आँखों में नशे के कारण लाल डोरे थे, उसके शंख जैसी लम्बी सुराहीदार गर्दन और उसका चेहरा सुंदर था। उसके गोल-गोल गाल जिन पर उसके बड़े-बड़े गहरे लाल ओंठ चमक रहे थे। उसके दांत मोतियों की माला की तरह चमक रहे थे, गले में सुंदर चमकती हुई स्वर्ण माला बंधी हुई थी और सांप के जैसे लम्बी सघन, गहन, काली, धुंघराली बालो को वेणी थी, जिनमें गुंथे ताज़े फूल और गले में सुंदर फूलो की माला थी । उसके स्तन बड़े और सुदृढ़ थे जो उसकी छोटी-सी चोली में आधे छुपे हुए और आधे उजागर थे उसकी मांसल भुजाओं में सोने के बाजूबंद और उसकी पतली कमर में सोने का कमर बंद था उसके गोल और मोठे नितम्ब, चिकने जाँघे, पैरो में स्वर्ण-पैंजनियाँ थी जो उसके नृत्य के साथ ताल मिला कर सुंदर ध्वनि उतपन्न कर रही थी, सुंदर छोटे-छोटे थिरकते हुए पैरो के साथ लहराती हुई किशोरी चौराहे पर गाती हुई नृत्य कर रही थी ।


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उसकी नग्न मांसल बाजुए हवा में लहरा रही थी। पैरो की उंगलियाँ और पैरो के धरती पर लगने से पैजनिया उसी ताल में ध्वनि उत्पन्न कर रही थीं। उसके चारों ओर बच्चे वृद्ध युवा उसे मन्त्र मुघ्ध हो नृत्य करते हुए देख रहे थे। वह किशोरी बहुत देर तक नृत्य करती रही, गाती रही, हंसती रही, हंसाती रही, देखने वाली जनता को लुभाती और रिझाती रही। सभी पुरुष विमोहित हो उस अनावृत उन्मुख यौवन के नृत्य और असौंदर्य को देख हर्षोन्मत्त हो गए।

नृत्य की समाप्ति पर सभी पुरुष उस युवती पर धन बरसाने लगे। उसका यौवन और रूप किसी ने आँखों से पिया तो किसी ने उसके रूप की ज्वाला को हंसकर आत्मसात् किया। किसी ने धन देते हुए उसका कोमल हाथ को स्पर्श किया तो उसने मुस्कुराकर उस पुरुष का हाथ झटक दिया।

वो किसी को देखकर हंस दी तो कई मनचलो ने उसे देख कर आँख मारी और किसी ने उसे देख सीटी मार उसे बुलाया और उसे कुछ रूपये पकड़ा दिये। उसने एकत्रित हुए धन को अपनी कमर में बाँधे थैले में रखा और अपने पैरो में अपनी चप्पलें पहनी और हस्ती मुस्कुराती वही चौक में मधुशाला की और चल दी. उसके पीछे-पीछे उसके न्मत्त अनावृत उन्मुख यौवन को आंखों से पीते उस पर मोहित भीड़ भी चलने लगी। मैं उस का नृत्य मधुशाला के समीप ही खड़ा देख रहा था

वो नर्तकी मधुशाला पर पहुँची तो उसने दूकानदार जो उसका नृत्य देख मग्न हो रहा था

मधुशाला का मालिक दुकानदार उससे बोला । खूब नाची तुम!

उसने दूकानदार से कहा-आपको अच्छा लगा?

दूकान दार बोला-हाँ अच्छा नाचती हो तुम!

वो बोली-  लाला! तो फिर शराब दो!

दूकानदार-रूपये निकालो।


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नर्तकी-कौन से रूपये, लाला?

दूकानदार-वही रूपये, जो अभी थैले में रखे हैं।

नर्तकी- लाला! वह तो मेरे परिवार के लिए है।

दूकानदार-तो यहाँ शराब कहाँ है?

नर्तकी-  लाला, इन बर्तनो और बोत्तलो में क्या है?

दूकानदार-जो पैसे नहीं देते है, उनके लिए इनमे जहर है।

नर्तकी-अरे लाला! तो जहर ही दे दो।

दूकानदार-मेरे पास जहर बेचने का लाइसेंस नहीं है। शराब लेनी हो तो लो नहीं तो चलती बनो दूकानदार ने दांत निकाल दिए!

नर्तकी- अरे लाला नौटंकी मत करो जल्दी से शराब दो।

दूकानदार-तो ला जल्दी से थैली ढीली कर। पैसे निकाल।

नर्तकी-  लाला, तुझे धन क्यों दू?

दूकानदार-यहाँ शराब मुफ्त नहीं बंटती है इसके लिए धन देना पड़ता है, शुल्क लगता है हमे सरकार को टैक्स देना पड़ता है।

नर्तकी-क्या तुमने मेरा नृत्य देखा है,  लाला?

दूकानदार-क्यों नहीं देखा, नेत्र है तो देखना पड़ा, पर इसमें मेरा दोष नहीं है। तुम मेरी मधुशाला के सामने आकर क्यों नाची?

नर्तकी पास खड़े हुए मेरे को देख कर बोली बाबू जी इस लाला ने मेरा  नृत्य देखा वह भी मुफ्त में और अब शराब देने में नियम बता रहा है? आप ही फैसला कीजिये

मैंने जेब से रूपये निकल कर 500 / - का एक नोट दुकानदार के सामने फेंककर कहा-"पैसे मैं दे रहा हूँ-आप इसको शराब दे दीजिये।

दुकानदार ने हंसकर मेरे दिए रुपयों के नोट को परखा और एक बोतल उठाकर उस तरुण नर्तकी को दे दी और बोतल को खोल कर मुँह में लगाकर वह तरुणी गटागट शराब पीने लगी। आधी बोतल पीकर उसने तृप्त होकर सांस ली, जीभ से होंठों को चाटा-हंसी, फिर झूमती हुई दो कदम आगे बढ़, अपना अनावृत, उन्मुख यौवन मेरे वक्ष से बिल्कुल सटाकर मुझे घूरा और दोनों भुजाओं में बोतल को थाम, ऊंचा कर उसे मेरे होंठों से लगाकर कहा- अब तुम भी पियो। 

मैंने तुरंत अपनी भुजाओं में उस तरुणी को समेट लिया और एक ही सांस में वह सारी शराब पी गया। फिर मैंने उस तरुणी के लाल-लाल होंठों पर अपने शराब में भीगे हुए ओंठ रखकर उसे चूमा और कहा-" अब चले ।

कहानी जारी रहेगी

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]दीपक कुमार[/font]
 
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]पड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे[/font]


[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]VOLUME II[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]विवाह[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]CHAPTER-1[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]PART 54[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मीठा फल  [/font]



[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]जब मैंने उसे कहा चले वह मेरी और देखने लगी ।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]नर्तकी-तुम कुछ अलग हो यहाँ पैसे देने वाले यो बहुत हैं पर दारु पिलाने वाला अकेला तू ही मिला ।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैं-और पीयेगी मैंने फिर पुछा और पीनी है?[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]तो मेरी बात सुन कर वह तरुण नर्तकी हंस दी तो उसके उज्ज्वल सफ़ेद दांतो की माला से बिजली-सी कौंध उठी। उसने बोतल फेंक मेरे गले में अपनी बाहें डालकर कहा-"चलो।"[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैं-चलो ।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]दोनों परस्पर आलिंगित होकर एक ओर को तेजी से चल दिए। सब भीड़ पीछे रह गयी निश्चित तौर पर मेरे पीछे आ रही मरीना, ईशा और अन्य अंगरक्षको ने भीड़ को रोक दिया होगा।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]नर्तकी-तुम्हे पहले कभी नहीं देखा यहाँ?[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैं-मैं यहाँ का नहीं हूँ।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]नर्तकी-तो कहाँ के हो?[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैं-मैं पंजाब में जन्म हुआ और अभी सूरत गुजरात से आया हूँ ।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]नर्तकी-यहाँ हिमालय राजधानी में क्या करने आये हो?[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैं-तुम्हारे ही लिए आया हूँ! मैंने हंसकर उसे और कसकर अपनी छाती से सटा लिया।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]तरुणी ने उसे मुझे थोड़ा दूर धकेलते हुए कहाः[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]नर्तकी—चल झूठा सच बोल।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैं-अब तो सच यही है, मैं तुझ पर मोहित हो गया हूँ।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]नर्तकी-कब से?[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैं-जब से तुझे पहली बार देख है उसी क्षण से।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]नर्तकी-और पहली बार कब देखा तुमने मुझे ।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैं-जब तुम अभी थोड़ी देर पहले चौक में नाच रही थी ।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मेरी ये बात सुनकर वह थोड़ी-सी चकित हो मुझे देखने लगी और बोली:[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]नर्तकी-बड़ा हिम्मती है, तू तो ।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैं-हम्म! तेरा अध्भुत रूप देख हिम्मत आ गयी ।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैंने उसे पुछा-तुम्हारा नाम क्या है?[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]नर्तकी-दीप्ति और तुम्हारा?[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैं-दीपक मैं मुस्कुराते हुए बोला ।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]दीप्ति-फिर झूठ![/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैं-सच मेरा नाम दीपक है और मैंने अपना आइडेंटिटी कार्ड उसे दिखा दिया ।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]दीप्ति-यहाँ क्यों आये थे?[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैं-मेरे भाई की बारात में आया हूँ ।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]दीप्ति-इस समय तो यहाँ केवल महाराज कुमारी का विवाह है ।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैं-मैं दूल्हे का चचेरा भाई हूँ ।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]दीप्ति-राजकुमार! तो आप राजकुमार हो । फिर तो आप हमारे लिए पूजनीय हो गए. आप तो हमारे महाराज के जमाता के भाई हो ।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]वो तू से आप पर आ गयी ।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]दीप्ति-तो उधर चलो।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैं-क्या ग्राम में या अपने घर ले जाओगी?[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]दीप्ति-नहीं, आप मेरे साथ पर्वत के ऊपर के उस भाग में चलो।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैं-वहाँ क्या है?[/font]


[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,][/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]how big is my browser[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]दीप्ति-पर्वत के ऊपर बिलकुल निर्जन जंगल है, फलदार वृक्ष हैं पेड़ो की घनी छाया है, एक तालाब है, उसमें कमल खिले हैं। चलो वही रमण करेंगे,।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैं-तो फिर चलो।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]हम दोनों हाथो में हाथ डाल कर उस घने जंगल में घुस गए।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]दोनों पर्वत पर चढ़ गए और पर्वत के ऊपर बड़ा-सा वह भाग निर्जन और वहाँ सघन जंगल था। वहाँ निर्मल जल का सरोवर था, सरोवर में कमल खिले थे और सरोवर के आसपास और भी बहुत से फूल खिले हुए थे और फलदार वृक्ष भी लगे हुए थे।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]बड़े और लम्बे पेड़ो की छाया के बीच से दोपहर की धूप छनकर-शीतल होकर सोना—सा बिखेर रही थी। धीरे-धीरे और मीठी ठंडी हवा चल रही थी। तालाब में बत्तखे हंस और सारस, इत्यादि पक्षी तैर रहे थे और बहुत सारी मछलिया थी। तरुणी तालाब से थोड़ा दूर एक विशाल वृक्ष के नीचे सूखे पत्तों पर लेट गई। हंसते हुए उसने कहा[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]दीप्ति-अब तो मुझे भूख लगी है।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैंने गर्दन ऊंची कर इधर-उधर देखा और लम्बे-लम्बे कदमो के साथ जंगल में घुस गया।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]कुछ मछलिया तालाब से पकड़ी और कुछ फल वृक्षों से तोड़े, कुछ कंद मूल ढूँढें निकाले और उन्हें ले कर उसके पास जल्द ही लौट आया।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]तरुणी ने फुर्ती से सूखे ईंधन की इकठा किया और मैंने लाइटर जला कर आग लगा दी।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैंने मछली के मांस के टुकड़े किए। और फिर दोनों ने मांस और फल कंद मूल भून-भूनकर खाना आरम्भ किया। दीप्ति बहत भूखी थी, वह मजे ले-ले कर मछली का भुना हुआ मांस, फल और कंदमूल खाने लगी। कभी आधा मांस का टुकड़ा खाकर वह मेरे मुंह में ठूस देती, कभी मेरे हाथों में दे देती और कभी हाथो से छीनकर स्वयं खा जाती।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]खा-पीकर तृप्त होकर वह मेरी  जांघ पर सिर रखकर लेट गई। दोनों भुजाएँ ऊंची करके उसने मेरी कमर में लपेट ली। वह बोली-"बड़े होशियार हो आप, बड़ी जल्दी खाना जुटा लाये।" "मुझे ज्यादा प्रयास करना ही नहीं पड़ा। मछलिया सहज ही पकड़ी गयी और फलो की तो यहाँ भरमार है।" मैंने  हंसकर कहा।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैं-दीप्ति! ये स्थान इतना अच्छा है मछलिया, फल फूल हैं फिर भी निर्जन क्यों है?[/font]



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[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]दीप्ति-यहाँ सबको आने की आज्ञा नहीं है ।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैं-तो तुम कैसे आ गयी ।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]दीप्ति-ये हमारे परिवार का स्थान है ।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मुझे मस्ती सूझी।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैं-दीप्ति! हमारे यहाँ तो खाने के बाद मीठा खाने का चलन है।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]दीप्ति-हाँ गुजराती तो खाने में मीठे का प्रयोग कुछ ज्यादा ही करते हैं । अब यहाँ मीठा कहाँ मिलेगा?[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैं-मिलेगा, दीप्ति! मीठा मिलेगा । तुम आँखे बंद करो और एक मिनट बाद खोल देना ।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैंने एक मीठे फल का टुकड़ा उठाया और आधा मुँह में रख कर उसे दिखाया और ऐसे ही फल मुँह में पकड़ अपना मुँह उसके मुँह के पास ले गया ।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]उसने झट मुँह के साथ मुँह लगा दिया और फल खाने लगी तो मैंने फल तो नहीं छोड़ा बल्कि उसका सर पकड़ कर उसको चूमने लगा । वह गू-गू गू करने लगी पर मैंने उसे नहीं छोड़ा और फिर दोनों एक साथ मिल कर फल खाने लगे और फल को चबा कर मैंने फल की लुगदी को दीप्ति के मुँह में धकेल दिया और उसने भी थोड़ा चबाया और फल को वापिस मेरे मुँह में धकेल दिया । इस तरह एक दुसरे में मुँह में हम फल धकेलते हुए फल खाने लगे ।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]फिर मैंने अपने होठं दीप्ति के होठ से लगा दिये और एक किस ले लिया। फिर दीप्ति ने भी अपने हाथ मेरी गर्दन के पीछे ले जाकर मेरा मुँह को अपनी तरफ खीचा और अपनी जीभ निकाल कर मेरे होंठो पर जीभ फिराने लगी। उसके थोडी देर इसी तरह से जीभ फिराने के बाद मैंने उसका निचला होंठ अपने होंठो के बीच पकड लिया और फिर उस पर जीभ फिराने लगा।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]मैं उसके होंठो को चुसने से पहले मैं गीला कर देना चाहता था। थोडी देर तक इसी तरह उसके होंठो को गिला करने के बाद मैने उसके होंठ चुसने शुरू कर दिये। मैं बहुत जोर-जोर से उसके होंठो को चूस रहा था। इस बीच दीप्ति भी अपनी जीभ निकाल कर मेरे उपरी होंठ के उपर फिरा रही थी और साथ ही साथ अपना बहुत-सा थूक और फल की लुगदी अपने नीचले होंठ के पास जमा कर रही थी जिस से मैं ज्यादा से ज्यादा उसके स्वादिष्ट थूक को पी सकूँ। मैं भी हर थोडी देर में नीचले होंठ को छोड कर उसका थूक अपनी जीभ की मदद से उसके होंठो पर मलने लगता और अच्छी तरह से मल कर फिर से उसके होंठ को चुसने लगता करीब 5-6 मिनट तक मैं ऐसा ही उसके साथ करता रहा।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]फिर उसने मेरा निचला होंठ छोड कर मेरा उपरी होंठ अपने दोनों होंठो के बीच पकड लिया और उसको भी अपने थूक से गीला कर दिया। दीप्ति ने भी मेरा नीचला होंठ अपने थूक से गिला कर दिया था। थोडी देर तक वह मेरे होंठ को गीला करती रही और-और मैं उसके ओंठ चुसता रहा फिर एक दम से मैंने अपनी जीभ को नुकीला कर के उसके दाँतों और होंठो के बीच डाल दी और उसके दाँतों पर फिराने लगा। वोह भी अपनी जीभ को नुकीली बना कर मेरे जीभ के नीचे गोल-गोल घुमाने लगी। जिससे उसकी जीभ से लार और फली को लुगदी निकल कर मेरे मुहँ में गिरने लगी और मेरी जीभ के नीचे जमा होने लगी।[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]थोडी देर इसी तरह से उसके दाँत और होंठ के बीच की और उसके जीभ से टपकती लार मेरे मुँह में जमा हो गयी। फिर मैंने दीप्ति के होंठ मुँह में लेकर चूसने लगा तथा साथ ही साथ मुँह के अन्दर जमी स्वादिष्ट लार में से थोड़ी-सी लार को भी मैं पी गया। । फिर थोडी देर बाद मैंने बची हुई लुगदी और लार दीप्ति के मुँह में जीभ के साथ सरका दी और उसे मजबूर कर दिया की वह उसे पी ले । उसके पीने तक-तक इसी तरह मैं उसका होंठ चुसता और लार उसके मुँह में डालता रहा। फिर दीप्ति ने आखरी बार मेरे होंठो पर अपने होठ रखे और एक गहरा चुम्बन लेकर मेरे से अलग हो गयी। फिर मैंने पूछा कैसा लेगा खाने के बाद मीठा मजा आया दीप्ति?[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]"अरे वाह प्रिय!" तरुणी हर्षोल्लास से चीख उठी। आनन्दातिरेक से उसने धक्का देकर मेरे को भूमि पर गिरा दिया। फिर मेरे वक्ष पर अपने यौवन के कलश सटाकर मेरे अधर चूमकर बोली ये चुंबन अध्भुत था । मजा आ गया । बड़ा अच्छा चुम्बन किया आपने । किससे से सीखा?[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]"उसे अपने आगोश में समेटता हुआ मैं बोला-" दीप्ति तू मेरी हो जा,   जो जानता हूँ सब सीखा दूंगा । सीखा क्या दूंगा सब तेरे साथ करूँगा और मैंने दोनों भुजाओं में उसे लपेट अपने वक्ष में दबोच लिया और उसकी जांघो को-को अपनी सुपुष्ट जंघाओं में लपेटते हुए बोला-"तब तो तू मेरी ही है।" उसने अपना शरीर  मेरे को अर्पण करते हुए  आवेशित गर्म श्वास लेते हुए कहा-"हाँ अब मैं तेरी हूँ। आप मेरे साथ जो चाहे सो  करो,  जैसे चाहो स्वच्छन्द रमण करो, मुझे प्यार करो।"[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]कहानी जारी रहेगी[/font]

[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]दीपक कुमार[/font]


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