बॉस से होटल में चुदवाकर मुझे नौकरी मिल गयी - SexBaba
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बॉस से होटल में चुदवाकर मुझे नौकरी मिल गयी

hotaks444

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Nov 15, 2016
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हेलो फ्रेंड्स, दिया भट आप सभी पाठकों का नॉन वेज स्टोरी में वेलकम करती है। मैं आपको आज एक बहुत मस्त स्टोरी सुनाने जा रही हूँ। ये मेरी ही जिन्दगी की कहानी है। पिछले साल की बात थी। मेरी पढाई खत्म हो चुकी थी और मुझे कोई जॉब नही मिली थी। मैं लखनऊ में अपने परिवार के साथ रहती थी। भाई बहनों में मैं सबसे बड़ी थी और मेरे पापा बीमार रहते थे, इस वजह से वो कुछ काम नही कर पाते थे।

मेरे २ छोटे भाई थे, परिवार में मैं ही एक बड़ी थी। इसलिए मुझे किसी भी तरह पैसे कमाने थे और अपने घर का खर्च चलाना था। मैं रोज न्यूस पेपर पढ़ती थी और नौकरी ढूढती रहती थी। कुछ दिन बाद अखबार में एक नौकरी निकली। वो एक बड़ा बिग बजार टाइप का मेगा स्टोर था। उसका नाम वी बाजार था। मैंने तुरंत अप्लाई कर दिया। कुछ दिन बाद इंटरव्यू होने लगा। मुझे काल आई की आज सुबह १० बजे मेरा जॉब के लिए इंटरव्यू है। मैं तुरंत नहाधोकर पहुच गयी। मैंने सेल्स गर्ल के लिए अप्लाई किया था। कुल ३० लड़कियाँ वहां आई थी। इंटरव्यू शुरू हो गया था। कुछ देर बाद मेरा नम्बर आ गया। मैं बॉस के कमरे में गयी। उसने मुझे बैठने को कहा।

"प्लीस, सिट डाउन!" बॉस बोला

मुझे कहना होगा की वो काफी स्मार्ट था। उसके बारे में सब बाहर लॉबी में बात कर रहे थे। वो उसूल वाला आदमी थी और बहुत मेहनती था। उसके बारे में बाहर दूसरी लड़कियाँ बात कर रही थी की वो बहुत मेहनती आदमी थी। उसे घर से एक पैसा नही मिला था और आज करोड़ो रूपए का स्टोर वो अपने दम पर खोलने जा रहा था। उसकी चर्चा सब तरफ थी। वो मुझे बार बार सिर ने नीचे तक देख रहा था। मैं बहुत सेक्सी और चिकना माल थी। सायद तभी वो मुझे नीचे से उपर तक ताड़ रहा हो। उसने मुझसे कई तरह के सवाल पूछे। मैंने अच्छे से जवाब दिया।

"दिया जी, बाकी सब ठीक है, पर क्या आपके पास रिटेल मार्केटिंग में कोई डिग्री, डिप्लोमा है??" बॉस ने पूछा

दोस्तों, मेरे पास नोर्मल बी ए, एम् ए की डिग्री थी पर रिटेल में मेरे पास कोई डिग्री नही थी। मेरा दिल धक धक करने लगा। क्यूंकि मुझे इस नौकरी की बहुत जादा जरूरत थी। मुझे अपने घर का किराया भी ५००० रूपए महीना भरना था। इसलिए मैं बहुत टेंशन में आ गयी थी।

"सर, मेरे पास रिटेल में कोई डिग्री नही है, पर अगर आप मुझे नौकरी देंगे तो मैं अच्छा काम करके दिखाउंगी!" मैंने कहा

बॉस कुछ देर के लिए खामोश हो गया था। वो पता नही क्या सोच रहा था। मूझे हल्का हल्का शक होने लगा था। सायद वो मुझे कसकर चोदना चाहता था। मेरे जैसी मस्त जवान और चुदासी लड़की की खूबसूरती का बॉस रस पीना चाहता था।

"दिया जी, मैं आपको नौकरी दे सकता हूँ, आप खूबसूरत है...जवान है..चोदने लायक सामान है। आप आज शाम ८ बजे होटल क्लार्क अवध में आ जाइये। मैं वही आपको खुलकर चोदूंगा और आपकी रसीली बुर में लंड डाल के अंदर बाहर करूँगा। जब मैं आपकी जवानी और खूबसूरती का रस पूरी तरह पी लूँगा तब मैं आपको अप्पोइंटमेंट लेटर दे दूंगा" बॉस बोला

चुदवाने वाली बात सुनकर तो मेरे दोनों कान गर्म हो गए।

"..और सर अगर मैं आपसे ना चुदवाऊं और आपको अपनी रसीली बुर ना दूँ तो...??" मैंने बॉस से पूछा

"तो मिस दिया, वो बाहर ३० लड़कियाँ बैठी है जो ये २० हजार की नौकरी पाने के लिए चूत क्या गांड मरवाने को भी तैयार हो जाएंगी" बॉस बोला

फिर उसने मेरे सामने ही मेरा अप्पोइंटमेंट लेटर प्रिंटर से प्रिंट कर दिया और लिफाफे में डाल दिया।

"..ये रहा तुम्हारा लेटर मेरे हाथ में। शाम को होटल में आकर मुझे खुश कर दो, ४ ५ बार कसके चुदवा लो, फिर ये लेटर मैं तुमको दे दूंगा" बॉस बोला

मैं बाहर निकल आई। सब लडकियाँ अपने अपने इंटरव्यू का इंतजार कर रही थी। सब की सब बहुत टेंशन में दिख रही थी। मुझे मिलाकर ३० लड़कियाँ इंटरव्यू के लिए आई थी जबकि सिर्फ ५ लडकियों को चुना जाना था। सब आपस में बात कर रही थी की पता नही किसे नौकरी मिलेगी। मैं बाहर चली गयी और पैदल पैदल अपने घर की और चलने लगी। मुझे बार बार वो अपोइन्टमेंट लेटर याद आ रहा था। उस ठरकी बास को मैं शायद पसंद आ गयी थी। इसलिए उसने मेरा अप्पोइंटमेंट लेटर प्रिंट कर दिया था। अब अगर मैं शाम को होटल क्लार्क अवध में नही जाती हूँ तो ये एक तरह से नौकरी को ठोकर मारने जैसी बात होगी। रास्ते भर मैं बहुत टेंसन में रही। रात को ८ बजे मैं होटल पहुच गयी। मैंने रिसेप्शन पर बॉस का कमरा नम्बर पूछा। फिर वहां पहुच गयी।

मैंने नौक किया। बॉस ने दरवाजा खोला।

"ओह्ह्ह दिया, प्लीस कम कम!!.मैं अच्छी तरह जानता था तुम जरुर आओगी। तुम्हारे जैसी खूबसूरत और होनहार लड़की ऐसा बढ़िया मौका गँवा ही नही सकती" वो खुश होकर बोला

"जी सर, अपने सही कहा। आज आप मुझे जी भरकर चोद लीजिये, खूब मजे ले लीजिये मुझे नंगा करके पर वो एपोइंटमेंट लेटर मुझे दे दीजिये" मैंने कहा

मैंने काले रंग का बहुत मस्त सलवार सूट पहन रखा था। धीरे धीरे बॉस मुझे छूने लगे और मेरे साथ किस करने लगे। मैंने अपनी हाई हील्स उतार दी और बॉस के पास बिस्तर में चली गयी। वहां पर ए सी चल रहा था, इसलिए बहुत ठंडा ठंडा लग रहा था। फिर धीरे धीरे बॉस ने मेरे सारे कपड़े निकाल दिए। और मुझे पूरी तरह से नंगा कर दिया। जब बॉस ने अपने कपड़े उतारे तो मैं उनके मोटे ९" के लौड़े को देखकर डर गयी थी। बाप रे, कितना बड़ा लौड़ा था उनका। उन्होंने मेरी पेटी भी निकाल दी। मुझे बहुत शर्म आ रही थी। क्यूंकि आज मैं किसी पराये मर्द से चुदने जा रही थी। फिर बॉस ने मुझे बाहों में भर लिया और मुझे अपनी गर्लफ्रेंड की तरह किस करने लगे बॉस

कुछ देर में मैं भी गर्म हो गयी थी और चुदना चाहती थी। बोस मुझे अपनी माल की तरह किस करने लगे। मैं नंगी थी और बड़ी चिकनी मक्खन मलाई मैं लग रही थी। धीरे धीरे बोस मेरी कमर, टांग और पेट को प्यार से चूमने लगे और हाथ से छूने लगे।

"ओह्ह्ह ...दिया, मैंने एक से एक हसीन लौंडिया चोदी है...पर तुम सबसे अलग हो" बोस बोले

"चोद लीजिये सर, मैं अभी कबसे किसी मर्द से नही चुदी हूँ। कितने दिन हो गए, मैंने अपनी रसीली बुर में कोई मोटा लौड़ा नही लिया। इसलिए आप आज मुझे खुलकर चोद लीजिये" मैंने बोस से कहा

उसके बाद उन्होंने मुझे अपनी गोद में बिठा लिया और मेरे गाल पर किस करने लगी। आज मैं उसने चुदने वाली थी और उनके लौड़े का माल बनने वाली थी। बोस मेरे मांसल कंधे को बड़े सेक्सी अंदाज में काटने लगे। धीरे धीरे मेरी रसीली चूत का तापमान बढ़ता जा रहा था, बोस की इस तरह की गर्म गर्म हरकतों से। वो मेरी नंगी पीठ को दोनों हाथों से सहला रहे थे। मेरी चूत गीली और जादा गीली होती जा रही थी। आज तक किसी मर्द ने मुझे नही चोदा था। आजतक किसी मर्द ने मुझे नंगा बाहों में नही भरा था। फिर बोस ने मुझे झटके से अपनी ओर खीचा फिर मेरे ताजे ताजे गुलाब की तरह मेरे रसीले ओंठो का बोस रसपान करने लगे। मैं भी बिना कोई शर्म किये बोस के होठ पी रहे थे। उसके बाद उन्होंने मुझे आलिशान बेड पर लिटा दिया और मेरे मस्त मस्त ३६" के दूध पीने लगा।

उफ्फ्फफ्फ्फ़..कितना मजा आया मुझे आज। आज पहली बार कोई मर्द मेरे दोनों दूध पी रहा था। मैं अपने आपको बोस के हवाले कर दिया था। क्यूंकि किसी भी तरह मैं इस स्टोर वाली नौकरी को पाना चाहती थी। मेरे बोस मजे से मेरी एक एक चुची पीने लगे। इसमें अगर बोस को मजा मिला, तो मुझे भी खूब मजा मिला दोस्तों। मैंने अपने सेक्सी और थरकी बोस की कमर और उसके चुतड को सहलाने लगी। बोस को बीच बीच में जब मस्ती सूझ जाती तो वो मेरे आम को जोर जोर से दबा देते जैसे मैंने कोई रंडी या कोई घर का माल हूँ की कोई भी आये और मेरे टमाटर दबा दबाकर मुझे चोद ले जाए। पर मैंने बोस को कुछ नहीं कहा। मैं डर रही थी की अगर वो नाराज हो गए तो सायद मुझे नौकरी ना मिले। बोस ने मेरी दोनों कड़ी कड़ी निपल्स मजे लेकर चूस चूस कर पी ली।

मैं बहुत कामुतेजित हो गयी और जल्द से जल्द मैं चुदना चाहती थी। मेरी चूत गीली होकर बहने लगी थी। मुझे जल्दी से चमड़े का इंजेक्शन [यानी लंड] चाहिए था। बोस ने मेरी दोनों टाँगे खोल दी और मेरी सेक्सी नाभि को चाटने लगे। वो शरारत करने लगे और मेरी गहरी सेक्सी नाभि में जीभ डाल रहे थे। फिर वो मेरा पेडू चाटने लगे। मेरे पुरे जिस्म में करेंट सा दौड़ने लगा। चुदने से पहले ही बोस ने मुझे चाट चाटकर बहुत जादा गर्म कर दिया था। अब तो मैं जल्दी से बस लंड खाना चाहती थी। फिर बोस मेरे पेडू को चाटते चाटते मेरी रसीली चूत, मेरे योनी प्रदेश में पहुच गयी। मेरी मुनिया रानी, मेरी चूत कबसे बोस का इन्तजार कर रही थी, पर बोस मुझे बार बार तडपा रहे थे। आखिर बड़ा वेट करने के बाद बोस ने अपनी जीभ मेरी चूत पर लगा दी और मेरा अमृत रस वो पीने लगे।

वो बड़ी अच्छी तरह से मेरे चूत का रस पी रहे थे। मेरी चूत में कई परतें थी, पर बोस की प्यार के खेल के माहिर खिलाड़ी थे। वो मेरी चूत की एक एक परत को मस्ती से चाट रहे थे और पी रहे थे। मेरी चूत के दाने, चूत की फांक, चूत के दोनों होठों को बोस अच्छी तरह से पी रही थी। मैं खुद ४० मिनट से जादा सिर्फ बोस को अपनी रसीली चूत पिलाई। उसके बाद उन्होंने मेरे भोसड़े में एक बड़ा डिलडो डाल दिया और अंदर बाहर करने लगा। दोस्तों मैं बता नही सकती हूँ मुझे कितना मजा मिल रहा था। वो डिलडो बहुत मोटा और लम्बा था। फिर बोस ने अपने लैपटॉप के बैग से एक वाईब्रेटर निकाल दिया। उसको ऑन कर दिया। वो वाईब्रेटर एक बड़ी मस्त मशीन थी। वो घूं घूं की आवाज कर रही थी। जैसे ही बोस ने वो वाईब्रेटर मेरी चूत में लगाया वो घूं घूं करने लगा। मेरी चूत बिलकुल हरकत में आ गयी और उसमे खलबली मचने लगी। घूं घूं करता हुआ वो वाईब्रेटर मेरी चूत को बहुत मजा दे रहा था।

बोस ने आधे घंटे से भी जादा समय तक मेरी चूत में वाईब्रेटर लगा लगाकर मेरा पानी निकाला। मुझे बहुत मजा मिला। उसके बाद बोस ने अपना ९" लम्बा लंड मेरी चूत में डाल दिया और मुझे चोदने लगे। वो मेरे उपर पूरी तरह से हावी हो गए थे। उन्होंने मेरे दोनों चिकने और बेहद कामोत्तेजक कंधे पकड़ लिये थे और मुझे जोर जोर से कमर हिला हिलाकर चोद रहे थे। वो चुदाई के खेल में महारथी मालुम पड़ रहे थे। मैं पूरी तरह से नग्न थी और बिना कपड़ों के थी। और मैं पूरी तरह से नंगी थी। बोस मुझे हचाहच चोद रहे थे, मैं पूरी तरह से उनके कब्जे में थी। एक बार तो मेरा मन हुआ की किसी बहाने से मैं वहां से भाग जाऊ, पर फिर मुझे नौकरी नही मिलती। इसलिए मैंने खुलकर समर्पित होकर चुदवाना ही ठीक समझा।

"आआअह्हह्हह.आआआ..ईईईई.ऊऊऊ ..ऊँ..ऊँ.ऊँ." करके मैं जोर जोर से सिसकारी लेने लगी और कराहने लगी। अचानक बोस के धक्कों की रफ्तार बढ़ गयी। वो मेरे उपर झुक गए और मेरे रसीले ओंठ पीने लगे। फिर मुझे गमागम ठोकने लगे।

"आ आ ऊऊऊ ..बोस.जोर से चोदिये!!..ये बच्चो की तरह हल्के हल्के धक्के क्यों मार रहे है??? क्या आपने बचपन में अपनी माँ का दूध नही पिया है तो किसी गांडू की तरह हल्के हल्के बेदम धक्के मार रहे है!!" मैंने चुदास की उतेज्जना में बोस को ललकार दिया। उसके बाद तो जैसे हनुमान को अपना भूला हुआ बल याद आ गया। बोस अपनी पूरी ताकत से मुझपर आक्रमड करने लगे। उन्होंने मुझे चोदने में अपना सारा टैलेंट और सारी शक्ति झोंक दी। पट पट चट चट का शोर करते हुए मैं जल्दी जल्दी बोस से चुदने लगी। फिर कुछ देर बाद उन्होंने मेरी रसीली योनी में अपना माल गिरा दिया।

उसके बाद हम दोनों जोर जोर से हांफने लगे। बोस मेरे सेक्सी जिस्म को एक तौलिया से पोछने लगे। हम दोनों फिर से प्यार करने लगे। उस रात होटल क्लार्क अवध में बोस ने मुझे ५ बार चोदा। फिर मुझे एपोइंटमेंट लेटर मिल गया। दूसरे दिन से मैंने नौकरी ज्वाइन कर दी। दोस्तों धीरे धीरे मैंने अपने घर पर लदे सारे कर्ज उतार दिए और एक छोटा मकान भी खरीद लिया।

मैं बोस से संडे संडे चुदवाती भी थी और बड़ी मेहनत और लग्न से काम करती थी। जहाँ बाकी लड़कियों का प्रमोशन ४ ५ साल बाद हुआ, २ ही साल में मेरा प्रमोशन बोस ने कर दिया। अपने जन्मदिन पर मेरे बोस मेरे घर आए। मैंने अपनी माँ को उसने मिलवाया। बोस बड़ी देरतक मेरी माँ को घूर घूर कर देख रहे थे। मैं समझ गयी की मेरी माँ बोस को बहुत पसंद आ गयी है। दोस्तों, मैं आपको बता दूँ की मेरी माँ ४० साल की थी, पर देखने में २६, २७ की माल लगती थी। मैं बोस के मन को समझने लग गयी थी।

"क्यों..बोस, कैसी लगी मेरी माँ???" मैं मजाक करते हुए बोस से पूछा

"यार..दिया मैंने तेरा प्रमोशन कर दूंगा...अगर तू अपनी माँ की चूत दिला दे। आज रात में तू अपनी माँ को अच्छे से नहा धुलाकर कपड़े पहनाकर ले आ। मैं सारी रात तेरी माँ को मजे लेकर चोद लूँगा और कल मैं तेरा प्रमोशन कर दूंगा" बोस बोले

दोस्तों, शुरू शुरू में मेरी जवान माँ मेरे बोस से चुदने को तैयार नही थी। पर जब मैं बार बार उसने प्रमोशन की बात कही तब वो मान गयी। रात ८ बजे मैं माँ को होटल ले आई। मेरे सामने बोस ने मेरी माँ को नंगा किया और उनके खूब दूध पीये। फिर माँ को घोड़ी बनाकर सारी रात बोस ने चोदा और २ बार गांड मारी। अगले दिन मेरा प्रमोशन हो गया था। अब मैंने ख़ुश थी क्यूंकि मेरे पास अब काफी पैसा था। कहानी आपको कैसी लगी,
 
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