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[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]इसके पहले की कहानी को आप लोगों ने बहुत सराहा तो मैंने सोचा कि अपना अगला अनुभव भी आप लोगों को बताया जाए। तो अब मेरी कहानी पढ़िये ![/font]
[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]एक बार फिर बता दूँ, मै एक जवान लड़का हूँ। मैं जब पटना में रह कर पढ़ता था तो मेरे कमरे के नीचे एक परिवार रहता था। उस परिवार में एक आरती नाम की औरत और उसके पति रहते थे। उसके दो छोटे लड़के भी थे। उसके पति सुबह छः बजे काम पर चले जाते थे, बच्चे पास के ही एक स्कूल में पढ़ने जाते थे, तो आठ बजे के बाद बच्चे भी चले जाते थे। आरती का कमरा नीचे था और मेरा कमरा ऊपर था। आरती देखने में काफी सुंदर थी, मैं उसे भाभी कहकर बुलाता था। बात करने में वो काफी माहिर थी, ऊपर मेरे कमरे में आकर बात करने लगती थी, वो छत पर कपड़े पसारने आती थी तो उसकी चूचियाँ ब्लाऊज़ को फाड़ने पर तुली रहती थी। देखने में वो दो बच्चो की माँ कभी नहीं लगती थी। मै तो बार बार उसकी चूची को ही देखता था। शाय्द उसका पति उसको मन से कभी नहीं चोदता था इसलिए वो प्यासी प्यासी निगाहों से देखती रहती थी।[/font]
[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]मै कभी कभी उसके कमरे में टी.वी देखने चला जाता था। दिन में अकसर वो अकेली ही रहती थी। मुझे पूरा मन रहता कि उसे चोदूँ पर मैं उसे बोल नहीं पाता था, डर लगता था।[/font]
[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]एक दिन की बात है, मैं दोपहर में उसके कमरे में गया तो दरवाजा से आवाज दी तो कोई नहीं बोला। तो मैंने दरवाजा खोलने की कोशिश की तो देखा कि दरवाजा नहीं लगा हुआ है।[/font]
[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]मैं अन्दर घुस गया और सीधे भाभी के टी.वी. वाले कमरे में चला गया।[/font]
[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]जब वहाँ पहुँचा तो देखा कि भाभी पलंग पर सोई हुई हैं और टीवी चल रहा है।[/font]
[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]वो उस समय साड़ी में थी, उनकी साड़ी उनके घुटने तक आई हुई थी। यह देखकर मेरी नीयत खराब हो गई। अब मुझे लगा कि मैं उनकी बुर में सीधे लंड पेल दूँ पर मुझे डर लग रहा था कि भाभी जग जायेगी तो शोर न मचाने लगे ![/font]
[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]मैं बहुत हिम्मत करके उनके पास गया और उनकी साड़ी को ऊपर सरकाया। जैसे ही साड़ी को ऊपर किया, उनकी काली काली झांट नजर आने लगी। मै तो उनकी लम्बी-लम्बी झांटों को देखकर दंग रह गया।[/font]
[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]धीरे-धीरे मैंने उनकी साड़ी को और ऊपर कर दिया, फिर उनके चेहरे पर देखा तो वो आराम से सो रही थी। मेरा साहस बढ़ गया। उनकी बुर को देख कर ऐसा लग रहा था कि काले जंगल में कोई घाटी हो। अब मुझसे रहा नहीं गया, मैं झट से अपना लंड सहलाने लगा।[/font]
[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]इतने में भाभी जग गई और मेरे लंड को पकड़कर बोली- लाओ इसको मेरे हवाले कर दो ! कब से इस साले को मैं खोज रही थी, तुमने इसे कहाँ छुपा रखा था।[/font]
[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]जब भाभी ने ऐसा कहा तो मेरा सब डर दूर भाग गया।[/font]
[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]भाभी ने कहा- मैं सोई थोड़े ही थी, सब देख रही थी कि तुम क्या करने वाले हो ![/font]
[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]भाभी ने कहा- साला मेरा पति मुझे चोदता ही नहीं है, वो बहुत थका रहता है।[/font]
[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]भाभी मेरे लंड को मुँह में लेकर चूसने लगी। फिर मैंने भाभी को जमकर चोदा।[/font]
[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]तब से दो साल लगातार मैंने भाभी को चोदा, हर रोज़ दिन में उनको चोद कर मस्त कर देता।[/font]
[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]एक बार भाभी की छोटी बहन उनके घर आई थी। भाभी ने उसको चोनने में मेरी मदद की।[/font]
[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]इस बात को मैं अपनी अगली कहानी में लिखूंगा।[/font]
[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]यह कहानी आपको कैसी लगी, मुझे जरुर लिखिएगा।[/font]
[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]एक बार फिर बता दूँ, मै एक जवान लड़का हूँ। मैं जब पटना में रह कर पढ़ता था तो मेरे कमरे के नीचे एक परिवार रहता था। उस परिवार में एक आरती नाम की औरत और उसके पति रहते थे। उसके दो छोटे लड़के भी थे। उसके पति सुबह छः बजे काम पर चले जाते थे, बच्चे पास के ही एक स्कूल में पढ़ने जाते थे, तो आठ बजे के बाद बच्चे भी चले जाते थे। आरती का कमरा नीचे था और मेरा कमरा ऊपर था। आरती देखने में काफी सुंदर थी, मैं उसे भाभी कहकर बुलाता था। बात करने में वो काफी माहिर थी, ऊपर मेरे कमरे में आकर बात करने लगती थी, वो छत पर कपड़े पसारने आती थी तो उसकी चूचियाँ ब्लाऊज़ को फाड़ने पर तुली रहती थी। देखने में वो दो बच्चो की माँ कभी नहीं लगती थी। मै तो बार बार उसकी चूची को ही देखता था। शाय्द उसका पति उसको मन से कभी नहीं चोदता था इसलिए वो प्यासी प्यासी निगाहों से देखती रहती थी।[/font]
[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]मै कभी कभी उसके कमरे में टी.वी देखने चला जाता था। दिन में अकसर वो अकेली ही रहती थी। मुझे पूरा मन रहता कि उसे चोदूँ पर मैं उसे बोल नहीं पाता था, डर लगता था।[/font]
[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]एक दिन की बात है, मैं दोपहर में उसके कमरे में गया तो दरवाजा से आवाज दी तो कोई नहीं बोला। तो मैंने दरवाजा खोलने की कोशिश की तो देखा कि दरवाजा नहीं लगा हुआ है।[/font]
[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]मैं अन्दर घुस गया और सीधे भाभी के टी.वी. वाले कमरे में चला गया।[/font]
[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]जब वहाँ पहुँचा तो देखा कि भाभी पलंग पर सोई हुई हैं और टीवी चल रहा है।[/font]
[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]वो उस समय साड़ी में थी, उनकी साड़ी उनके घुटने तक आई हुई थी। यह देखकर मेरी नीयत खराब हो गई। अब मुझे लगा कि मैं उनकी बुर में सीधे लंड पेल दूँ पर मुझे डर लग रहा था कि भाभी जग जायेगी तो शोर न मचाने लगे ![/font]
[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]मैं बहुत हिम्मत करके उनके पास गया और उनकी साड़ी को ऊपर सरकाया। जैसे ही साड़ी को ऊपर किया, उनकी काली काली झांट नजर आने लगी। मै तो उनकी लम्बी-लम्बी झांटों को देखकर दंग रह गया।[/font]
[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]धीरे-धीरे मैंने उनकी साड़ी को और ऊपर कर दिया, फिर उनके चेहरे पर देखा तो वो आराम से सो रही थी। मेरा साहस बढ़ गया। उनकी बुर को देख कर ऐसा लग रहा था कि काले जंगल में कोई घाटी हो। अब मुझसे रहा नहीं गया, मैं झट से अपना लंड सहलाने लगा।[/font]
[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]इतने में भाभी जग गई और मेरे लंड को पकड़कर बोली- लाओ इसको मेरे हवाले कर दो ! कब से इस साले को मैं खोज रही थी, तुमने इसे कहाँ छुपा रखा था।[/font]
[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]जब भाभी ने ऐसा कहा तो मेरा सब डर दूर भाग गया।[/font]
[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]भाभी ने कहा- मैं सोई थोड़े ही थी, सब देख रही थी कि तुम क्या करने वाले हो ![/font]
[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]भाभी ने कहा- साला मेरा पति मुझे चोदता ही नहीं है, वो बहुत थका रहता है।[/font]
[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]भाभी मेरे लंड को मुँह में लेकर चूसने लगी। फिर मैंने भाभी को जमकर चोदा।[/font]
[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]तब से दो साल लगातार मैंने भाभी को चोदा, हर रोज़ दिन में उनको चोद कर मस्त कर देता।[/font]
[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]एक बार भाभी की छोटी बहन उनके घर आई थी। भाभी ने उसको चोनने में मेरी मदद की।[/font]
[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]इस बात को मैं अपनी अगली कहानी में लिखूंगा।[/font]
[font=tahoma, arial, helvetica, sans-serif]यह कहानी आपको कैसी लगी, मुझे जरुर लिखिएगा।[/font]