aamirhydkhan
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[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]महारानी देवरानी[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]Update 10[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]दृश्यम [/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]कुश्ती देख कर राज घराना अति प्रसन्न था और हो भी क्यू न आज राजा की माँ ने भी तो फिर से वैसाखी से चलना शुरू कर दिया था। सभी लौट कर महल आते हैं और अपने-अपने कक्ष में विश्राम करने चले जाते हैं। देवरानी अपने ककसक में आए कर स्नान गृह में घुस जाति है।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]उनके पीछे-पीछे कमला उनके कक्ष में जाती है तो उसे बिस्तर का एक कोना कुछ-कुछ उठा हुआ लगता है। वह बिस्तर को जैसे ही हटाती है उसके नीचे से उसे वह पुस्तक मिलती है जैसे ही वह किताब खोल कर देखते ही उसके कान खड़े हो जाते हैं और वह पुस्तक देख हैरान हो जाती है और स्तब्ध हो उस चित्रों को देखने में तल्लीन हो जाती हैं। " हाये राम! महारानी ये कामसूत्र के आसन देख रही थी और पढ़ रही थी। उस दिन इन्हे ही जल्दी में छुपाने आई थी।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]अभी कमला कुछ और सोचतीपर उससे पहले उसे एक और झटका लगता है । उसके सामने से बलदेव उसके पास वही आ रहा था। उसे आते देख कमला हडबड़ा जाती है, कुछ हो पलो में राजलुमार बलदेव उसके सामने खड़ा था और कमला उस नग्न चित्रों वाली कामसूत्र की किताब खोले हुए वहीँ खड़ी हुई थी । उस पुस्तक पर बलदेव की नजर पड़ती है तो चित्रों को देख उसे ये समझने में देर नहीं लगती के कौन-सी पुस्तक है और वह वो क्रोध में कहता है । ।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]बलदेव: ये क्या है कमला[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]कमला: जी कुमार वो। ।वह![/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]कमला: तुम ये सब। में उस कमरे में बलदेव की जोरदार आवाज गूंजती है और फिर स्नान घर से देवरानी की आवाज आती है कौन है?[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]कमला: महारानी! मैं और युवराज ही![/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]केवल कमला की मैं सुन कर देवरानी अपने बालो को संवारते हुए अपने वस्त्र जो वह सोने के समय पहनती थी पहनती थी या नहाने के समय पहने हुए थे वही पहन कर बाहर निकल आयी ।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]सामने से देवरानी को स्नान घर से बाहर आते देख दोनों अपनी बातें भूल जाते हैं। देवरानी के छोटे अंग वस्त्र में उसके वक्ष समा नहीं पा रहे थे और बाहर झांक रहे थे । उसकी गहरी नाभी और सपाट पेट के साथ अर्धनग्न देवरानी उस समय स्वयं कामसूत्र में चित्रित किसी स्त्री से अभी अधिक कामुक लग रही थी और कहर बरपा रहे थे। कमला ने बड़ी चालकी से वह पुस्तक को जैसे हे देवरानी की आवाज़ सुनी थी चुपके से बिस्तर के नीचे वापिस रख दी थी।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]देवरानी:-क्या हुआ तुम दोनों क्या बाते कर रहे हो?[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]कमला: महारानी वह युवराज कह रहे थे की उनको भोजन में क्या-क्या चाहिए![/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]देवरानी चलती रहती है और अपने कपड़ों की अलमारी की तरफतरफ बढ़ने लगती है, रानी ने अपने वस्त्र बदले और राजकुमार उन्हें वस्त्र बदलते हुए देख्ता रहा । जब वह बलदेव और कमला को पीछे छोड़ अपने कक्ष में जाने लगती है तो उसे देख बलदेव का हालत खराब हो जाती है और उसे ये सब देख इतनी उत्तेजना होती है कि उसका लिंग उसके पायजामा में साफ ऊपर उठ जाता है और टेंट नजर आने लगता हैं ।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]बलदेव की आँख भी हलकी-सी बंद हो जाती है और उसके सामने खड़ी कमला की नजर सीधे उसके हलब्बी लौड़े दे पर जाती है और उसकी आखे दुगनी हो खुल जाती है।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]कमला: (मन में) है राम ये लौडा है के खूटा?[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]बलदेव: ये क्या हो रहा था कमला?[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]तभी देवरानी की आवाज़ फिर से आती है "मुझे भूख लगी है में भोजन कक्ष में जाती हूँ तम दोनों वहा क्या कर रहे? जल्दी आ जाओ!" और देवरानी अपने कक्ष से निकल कर खाना खाने भोजन कक्ष में आ जाती है जहाँ पर सभी बैठ के भोजन खा रहे थे।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]बलदेवः कैसी पुस्तक थी वो?[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,] (कमला जानती थी कुमार उस पर हावी होने है प्रयास कर रहा था । पर वह इतनी आसानी से ऐसा होने देने वाली नहीं थी ।) [/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]कमला: क्या-क्या ये क्या हो रहा था?[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]कमला की इस बात के अर्थ को-को समझ बलदेव नीचे देखता है तो उसे पता लगता है कि उसका लौड़ा पूरा तन तनया हुआ पायजामे से साफ़ झलक रहा था।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]कमला: अरे ये महारानी को आते जाते देख ऐसा क्यों हो गया है, ये कैसी हरकत है?[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]अब खेल कमला के पाले में था।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]बलदेव: अरे वह तो यू ही[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]कमला: यू ही! मैंने देखा तुम्हारी नज़र महरानी पर थी और ये हरकत हुई और आपने एक बार मुस्कुराते हुए आँख भी बंद की थी।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]अपनी चोरी पकड़ने जाने पर बलदेव चुप चाप वहीँ एक कुर्सी पर बैठ गया अब वह और क्या कहे ये सोचने लगा।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]कमला: अब पूछिए युवराज किसी पुस्तक थी । कमला अब समझ गई के युवराज के बस की नहीं अब कुछ और बोले।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]कमला: सुनिए युवराज मेने आपको बचपन से खिलाया है, पाला पोसा है और आप इस बात की चिंता बिलकुल न करे। मैं आपके अपमान के बारे में सोच भी नहीं सकती हूँ।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]बलदेव: हम्म।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]कमला: युवराज अभी भोजन करने चलें। आप मुझे शाम में झील के पास मिलिए मुझे आपसे कुछ बात करनी है।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]और दोनों जाने लगते हैं तभी थोड़ी दूर जा कर कमला कहती है और हाँ युवराज आपको जानना था ना उस पुस्तक के बारे में। तो वह पुस्तक आपकी प्रिया माँ की है" और मुस्कुरा कर भाग जाती है और बलदेव स्तब्ध हो वही खड़ा का खड़ा रह जाता है।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]कहानी जारी रहेगी[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]Update 10[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]दृश्यम [/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]कुश्ती देख कर राज घराना अति प्रसन्न था और हो भी क्यू न आज राजा की माँ ने भी तो फिर से वैसाखी से चलना शुरू कर दिया था। सभी लौट कर महल आते हैं और अपने-अपने कक्ष में विश्राम करने चले जाते हैं। देवरानी अपने ककसक में आए कर स्नान गृह में घुस जाति है।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]उनके पीछे-पीछे कमला उनके कक्ष में जाती है तो उसे बिस्तर का एक कोना कुछ-कुछ उठा हुआ लगता है। वह बिस्तर को जैसे ही हटाती है उसके नीचे से उसे वह पुस्तक मिलती है जैसे ही वह किताब खोल कर देखते ही उसके कान खड़े हो जाते हैं और वह पुस्तक देख हैरान हो जाती है और स्तब्ध हो उस चित्रों को देखने में तल्लीन हो जाती हैं। " हाये राम! महारानी ये कामसूत्र के आसन देख रही थी और पढ़ रही थी। उस दिन इन्हे ही जल्दी में छुपाने आई थी।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]अभी कमला कुछ और सोचतीपर उससे पहले उसे एक और झटका लगता है । उसके सामने से बलदेव उसके पास वही आ रहा था। उसे आते देख कमला हडबड़ा जाती है, कुछ हो पलो में राजलुमार बलदेव उसके सामने खड़ा था और कमला उस नग्न चित्रों वाली कामसूत्र की किताब खोले हुए वहीँ खड़ी हुई थी । उस पुस्तक पर बलदेव की नजर पड़ती है तो चित्रों को देख उसे ये समझने में देर नहीं लगती के कौन-सी पुस्तक है और वह वो क्रोध में कहता है । ।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]बलदेव: ये क्या है कमला[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]कमला: जी कुमार वो। ।वह![/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]कमला: तुम ये सब। में उस कमरे में बलदेव की जोरदार आवाज गूंजती है और फिर स्नान घर से देवरानी की आवाज आती है कौन है?[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]कमला: महारानी! मैं और युवराज ही![/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]केवल कमला की मैं सुन कर देवरानी अपने बालो को संवारते हुए अपने वस्त्र जो वह सोने के समय पहनती थी पहनती थी या नहाने के समय पहने हुए थे वही पहन कर बाहर निकल आयी ।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]सामने से देवरानी को स्नान घर से बाहर आते देख दोनों अपनी बातें भूल जाते हैं। देवरानी के छोटे अंग वस्त्र में उसके वक्ष समा नहीं पा रहे थे और बाहर झांक रहे थे । उसकी गहरी नाभी और सपाट पेट के साथ अर्धनग्न देवरानी उस समय स्वयं कामसूत्र में चित्रित किसी स्त्री से अभी अधिक कामुक लग रही थी और कहर बरपा रहे थे। कमला ने बड़ी चालकी से वह पुस्तक को जैसे हे देवरानी की आवाज़ सुनी थी चुपके से बिस्तर के नीचे वापिस रख दी थी।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]देवरानी:-क्या हुआ तुम दोनों क्या बाते कर रहे हो?[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]कमला: महारानी वह युवराज कह रहे थे की उनको भोजन में क्या-क्या चाहिए![/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]देवरानी चलती रहती है और अपने कपड़ों की अलमारी की तरफतरफ बढ़ने लगती है, रानी ने अपने वस्त्र बदले और राजकुमार उन्हें वस्त्र बदलते हुए देख्ता रहा । जब वह बलदेव और कमला को पीछे छोड़ अपने कक्ष में जाने लगती है तो उसे देख बलदेव का हालत खराब हो जाती है और उसे ये सब देख इतनी उत्तेजना होती है कि उसका लिंग उसके पायजामा में साफ ऊपर उठ जाता है और टेंट नजर आने लगता हैं ।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]बलदेव की आँख भी हलकी-सी बंद हो जाती है और उसके सामने खड़ी कमला की नजर सीधे उसके हलब्बी लौड़े दे पर जाती है और उसकी आखे दुगनी हो खुल जाती है।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]कमला: (मन में) है राम ये लौडा है के खूटा?[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]बलदेव: ये क्या हो रहा था कमला?[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]तभी देवरानी की आवाज़ फिर से आती है "मुझे भूख लगी है में भोजन कक्ष में जाती हूँ तम दोनों वहा क्या कर रहे? जल्दी आ जाओ!" और देवरानी अपने कक्ष से निकल कर खाना खाने भोजन कक्ष में आ जाती है जहाँ पर सभी बैठ के भोजन खा रहे थे।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]बलदेवः कैसी पुस्तक थी वो?[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,] (कमला जानती थी कुमार उस पर हावी होने है प्रयास कर रहा था । पर वह इतनी आसानी से ऐसा होने देने वाली नहीं थी ।) [/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]कमला: क्या-क्या ये क्या हो रहा था?[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]कमला की इस बात के अर्थ को-को समझ बलदेव नीचे देखता है तो उसे पता लगता है कि उसका लौड़ा पूरा तन तनया हुआ पायजामे से साफ़ झलक रहा था।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]कमला: अरे ये महारानी को आते जाते देख ऐसा क्यों हो गया है, ये कैसी हरकत है?[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]अब खेल कमला के पाले में था।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]बलदेव: अरे वह तो यू ही[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]कमला: यू ही! मैंने देखा तुम्हारी नज़र महरानी पर थी और ये हरकत हुई और आपने एक बार मुस्कुराते हुए आँख भी बंद की थी।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]अपनी चोरी पकड़ने जाने पर बलदेव चुप चाप वहीँ एक कुर्सी पर बैठ गया अब वह और क्या कहे ये सोचने लगा।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]कमला: अब पूछिए युवराज किसी पुस्तक थी । कमला अब समझ गई के युवराज के बस की नहीं अब कुछ और बोले।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]कमला: सुनिए युवराज मेने आपको बचपन से खिलाया है, पाला पोसा है और आप इस बात की चिंता बिलकुल न करे। मैं आपके अपमान के बारे में सोच भी नहीं सकती हूँ।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]बलदेव: हम्म।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]कमला: युवराज अभी भोजन करने चलें। आप मुझे शाम में झील के पास मिलिए मुझे आपसे कुछ बात करनी है।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]और दोनों जाने लगते हैं तभी थोड़ी दूर जा कर कमला कहती है और हाँ युवराज आपको जानना था ना उस पुस्तक के बारे में। तो वह पुस्तक आपकी प्रिया माँ की है" और मुस्कुरा कर भाग जाती है और बलदेव स्तब्ध हो वही खड़ा का खड़ा रह जाता है।[/font]
[font=Roboto, -apple-system, BlinkMacSystemFont,]कहानी जारी रहेगी[/font]