desiaks
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हैल्लो दोस्तों, में आप सबकी चहेती दोस्त एक बार फिर से आप सबके लंड और चूत को भड़काने के लिए हाज़िर हूँ। दोस्तों ये बात उन दिनों की है जब अब्बू और भाई बाहर गये हुए थे और करीब हफ्ते भर से मेरी और अम्मी दोनों की चुदाई नहीं हुई थी और हम दोनों ही चूत की बेकरारी से परेशान थे और एक दूसरे की चूत से चूत और चूचीयाँ रगड़कर 4 दिन से सो रहे थे, लेकिन अब हमें चूत और चूची रगड़ने से मजा नहीं आ रहा था, अब हम लोग लंड के धक्के खाने को तरस रहे थे और मामू का लड़का भी अपने हॉस्टल गया हुआ था और कोई बचा भी नहीं था, जिससे अपनी आग ठंडी करवाते।
अम्मी - बेटी आरज़ू आज तेरे अब्बू को गये हुए 8वां दिन है और आज तो चूत में रह-रहकर खुजली हो रही है, अब तेरी उंगली से और मूली, गाजर से भी मज़ा नहीं आ रहा है।
आरज़ू - अम्मी मूली, गाजर तो आप मेरी चूत में करती है, आपका काम तो खीरे और बैंगन से भी नहीं चलता है, पता नहीं कितनी गहरिया भोसड़ी है आपकी?
अम्मी - अरी छिनाल अब इतने सालों से पता नहीं बेचारी किस-किसके धक्के खा रही है? और फिर तुझे और तेरे गबरू भाई को भी तो इसी में से बाहर निकाला है, तो चूत भोसड़ा तो हो ही जाएगी, लेकिन आज इसका कुछ करना ही पड़ेगा, आज तो बिना लंड के काम नहीं चलेगा, लेकिन कोई है भी तो नहीं, वो कमीना ऐसे वक़्त में दूधवाला ही काम चला देता था, लेकिन वो भड़वा भी गाँव गया है।
आरज़ू - अम्मी एक बात कहूँ?
अम्मी - एक क्यों? चार बात कहो।
आरज़ू - अम्मी देखो आजकल जाड़े का वक़्त है मूँगफली वाले निकलते ही रहते है, आप कहो तो बुला लूँ किसी को बेचारे को थोड़े पैसे दे देंगे।
अम्मी - वाह मेरी रानी कितने कमाल का आइडिया दिया है, जी कर रहा अभी तेरी चूत चूम लूँ, चल तो देर किस बात की? बुला जल्दी से।
आरज़ू - साली लंड के धक्के खाने को कैसे कुत्तियाँ जैसी हालत हुई जा रही है? अब जरा सब्र तो करो, किसी को निकलने तो दो।
फिर थोड़ी देर बाद एक मूँगफली वाले की आवाज़ आई, तो में और अम्मी एक साथ रेलिंग पर झपट पड़े, लेकिन वो बेचारा तो एक 18-19 साल का दुबला पतला सा लड़का था। अब अम्मी की तो बहुत मर्ज़ी थी कि उसे बुला लूँ, लेकिन मैंने नहीं बुलाया, तो अम्मी झुंझला पड़ी और बोली
अम्मी - अरी क्या बिगड़ जाता? अगर उसे ही बुला लेती तो।
आरज़ू - अम्मी वो बेचारा बच्चा था और कितना कमजोर भी तो था।
अम्मी - कमजोर कुछ नहीं होता जब सामने 2-2 नंगे जिस्म देखता तो साले का तनकर खड़ा हो जाता, बेटी मर्द चाहे कितना भी दुबला पतला हो? लेकिन जब बात चोदने की आती है तो तब वो कमजोर कहीं से नहीं होता है, अब अपने भाई को ले लो जब उसने चुदाई शुरू की थी तो तब उसकी भी क्या उम्र थी? और कितना दुबला पतला था? वो तो अब उसकी सेहत बनी है।
आरज़ू - अच्छा बाबा अब बातें तो मत सुनाओ, में तो कोई कड़ियल जवान की सोच रही थी और आप हो की मरियल लड़के से ही अपनी चूत चुदवाना चाहती हो, तो मुझे क्या? अबकी बार कोई भी आएगा, तो उसे बुला लूँगी और फिर थोड़ी देर बाद फिर से आवाज़ आई। लेकिन इस बार जो था उसे देखकर मेरी और अम्मी की झाँटे खिल गयी थी, वो ऊँचे कद का मज़बूत काठी वाला और किसी पहलवान सरीखी सेहत वाला करीब 35-36 साल का आदमी था। फिर उसे मैंने आवाज़ दी, तो वो गैलेरी में आया और फिर मैंने मैन गेट बंद कर लिया। दोस्तों ये कहानी आप कामुकता डॉट कॉम पर पड़ रहे है।
मूँगफली वाला - जी मेम साहब, कहिए कितनी तौल दूँ?
अम्मी - हमें ये नहीं चाहिए।
मूँगफलकी वाला - तो फिर टाईम क्यों खराब कर रही है? मुझे ये सब बेचकर घर भी जाना होता है, पता नहीं आप लोगों को परेशान करने में क्या मिलता है?
अम्मी - अरे मेरी बात तो सुनो अगर में तुझे इन सारी मूँगफली के पैसे दे दूँ तो?
मूँगफली वाला - मेम साहब क्यों मज़ाक कर रही है? जाने दीजिए, मुझे देर हो रही है।
फिर तभी अम्मी ने 500 रूपये का नोट निकाला और उसे देती हुई बोली कि तुम्हें एक काम करना होगा। अब 500 रूपये का नोट देखकर उसकी आँखें चमक गयी थी, लेकिन वो कुछ समझ नहीं पा रहा था, तो तब अम्मी खुलकर बोली।
अम्मी - बात ये है कि इन 500 रूपये के बदले तुझे हम दोनों को मज़ा देना होगा।
फिर वो परेशान सा हो गया, तो तब मैंने अम्मी की चूचीयाँ दबाकर उसे दिखाते हुए कहा कि देखो इनको तुम्हें इनके साथ कितना मज़ा आएगा? कभी देखी है ऐसी चूचीयाँ? फिर मूँगफली वाले की कुछ झिझक कम हुई। फिर मैंने उससे कहा कि ये टोकरी किनारे पर रख दो और अंदर चलकर पहले नहा लो।
मूँगफली वाला - मेम साहब कैसी बातें कर रही है? भला इतने जाड़े में वो भी रात को कोई नहाता है क्या?
अम्मी - सबसे पहले तो तू ये मेम साहब कहना बंद कर और अपना नाम बता और देख तू ये समझ कि तू पैसे देकर किसी रंडी को चोदने जा रहा है इसलिए पूरी तरह से अपनी झिझक ख़त्म कर दे और फिर जब तुझे नहलाने के लिए तेरे सामने 2 नंगी औरते होंगी, तो भला तुझे जाड़ा कहाँ से लगेगा? और पानी भी गर्म होगा, चल उतार डाल अपने सारे कपड़े और नंगा हो जा।
फिर उसने अपनी कमीज़ और धोती उतार दी। अब वो सिर्फ़ बड़े से कपड़े वाली चड्डी में था और अम्मी उसके सीने पर अपना एक हाथ फैर रही थी और में सारे दरवाज़े बंद करने के बाद बाथरूम में चली गयी, तो अब अम्मी उसके नंगे बदन पर पानी डाल रही थी और वो चड्डी में बैठा था।
आरज़ू - अम्मी आप शॉवर क्यों नहीं चला देती? बच्चे की तरह क्यों नहला रही है पानी डालकर?
अम्मी - अरे बेटी आज बहुत सालों के बाद कोई कड़ियल जवान मिला है मुझे अपने मन की करने दे, कहाँ ऐसा मौका मिलता है? आजा तू भी अपने कपड़े उतारकर और हाँ रे हरामी तुने अभी तक अपना नाम नहीं बताया?
मूँगफली वाला - जी हरिया नाम है मेरा और ये आप मुझे गाली क्यों दे रही है?
अम्मी - अरे भडवे, तो तू भी देना गाली इससे चुदाई करने का मज़ा बढ़ जाता है, मैंने तो पहले ही कहा था कि तू ये समझ तेरे सामने 2 रंडियाँ है।
हरिया - आप लोग माँ बेटी है?
आरज़ू - हाँ रे मेरे गबरू, हम माँ और बेटी है।
हरिया - में तो कभी सपने में भी नहीं सोच सकता की ऐसा भी होता है।
अम्मी - अभी तूने जाना ही क्या है? अरे इसका बाप खुद अपने बेटे का लंड पकड़कर इस चूत में धकेलता है और खुद अपना मेरे मुँह में डाले रहता है।
अब अम्मी के सामने में भी अपने सारे कपड़े उतारकर उसके चौड़े सीने पर अपना एक हाथ फैरने लगी थी। अब उसका सारा जिस्म गीला हो रहा था और बड़ी सी चड्डी के नीचे उसका लंड किसी सांप की तरह फन उठा रहा था। फिर अम्मी ने उसकी चड्डी के ऊपर से ही उस पर अपना एक हाथ रखा, तो हरिया के मुँह से सिसकारी निकल पड़ी।
आरज़ू - अम्मी इसकी चड्डी उतारो ना, इतनी बड़ी चड्डी तो पर्दे के काम आती है।
अम्मी - बेटी तुझे पता नहीं मर्दों को यही पहनना चाहिए इसमें काफ़ी आराम मिलता है, आजकल तो वो नई अंडरवियर चली है, जिसमें की पूरा लंड समा ही नहीं पाता है, अब देख कितना बड़ा लग रहा है इसमें और हरिया को कितना आराम मिल रहा होगा इसमें? क्यों हरिया?
हरिया - हाँ मेरी रानी, बहुत आराम मिलता है।
फिर हरियाया ने मेरी नंगी चूचीयों पर अपना एक हाथ रखा और दबाने लगा। अब उधर अम्मी उसके लंड को रगड़ती जा रही थी और अब उसका भी लंड लंड पूरी तरह से तन चुका था, तो तब अम्मी ने अपने सारे कपड़े उतार डाले। अब हम दोनों नंगे थे और हरिया के जिस्म पर सिर्फ़ बड़ा सा अंडरवियर था, जिसका नाड़ा अम्मी ने खींच दिया, तो झट से उसका अंडरवेयर ज़मीन गिर गया था और उसका लंड पूरी तरह से आज़ाद होकर फनफना रहा था।
फिर हरिया की चड्डी उतारने के बाद अम्मी और में एक साथ उसके लकड़ी जैसे सख़्त और मोटे लंड पर टूट पड़े। अब हम दोनों उसके लंड को सहला रहे थे और वो इस जाड़े में भी पसीने-पसीने हो रहा था। अब हम लोगों के गर्म हाथों के स्पर्श और सहलाहट से उसके बर्दाश्त के बाहर की बात होने लगी थी, तो तब मैंने उसका लंड अपने होंठो से चूम लिया।
हरिया - आहह बिटिया, ये क्या कर रही हो? भला यहाँ भी चुम्मा लिया जाता है क्या?
आरज़ू - अरे गँवार अभी तुझे पता ही क्या है? आज तू देख तू जन्नत की सैर करेगा, कसम से तेरी बीवी तो बहुत किस्मत वाली होगी, जो उसे ऐसा कड़ियल लंड मिला है।
हरिया - लेकिन उसने तो इसे कभी मुँह से नहीं चूमा?
आरज़ू - आज पहले तू देखता जा हम लोग क्या? और कैसे करते है? फिर तुझे इन सबकी कदर पता चल जाएगी।
फिर ये कहकर में उसका लंड अपने मुँह के अंदर डालकर चूसने लगी और अम्मी उसकी बड़ी-बड़ी गोलियों को अपने मुँह में डालकर चूस रही थी और अपने एक हाथ से सहला भी रही थी। अब उसका लंड मेरे हलक तक जा रहा था। फिर जब उसका लंड पूरी तरह से तनकर खड़ा हो गया, तो तब अम्मी ने कहा कि बेटी चलो अब बेडरूम में चला जाए और फिर हम लोग अपना बदन पोछने के बाद नंगी हालत में ही बेडरूम में आ गये। अब बेडरूम की मखमली कालीन में उसके पैर धसे जा रहे थे और रूम भी काफ़ी गर्म हो रहा था और उस पर हम माँ बेटी की नंगी जवानी उस बेचारे की हालत खराब कर रही थी।
अम्मी - अच्छा ये बताओ कि कभी हमारी जैसी जवानी देखी है तूने?
हरिया - मेम साहब हमने तो अपनी पत्नी के सिवाए के किसी भी औरत को नंगा नहीं देखा है और वो बेचारी आपके सामने कुछ भी नहीं है।
अम्मी - मादरचोद, भडवे अभी कितनी बार बताऊँ तुझे कि मेम साहब कहना बंद कर और अपनी रखैल समझकर बात कर।
फिर इसके बाद हरी ने अम्मी की चूचीयाँ कसकर दबा दी और मेरे बाल भी पकड़कर अपनी तरफ खींचते हुए बोला
हरिया - अरी रांड़ आज में बताता हूँ कि चुदाई किसे कहते है? और अब मैंने भी अपनी सारी शर्म हया की माँ चोदकर रख दी है।
अम्मी - हाँ तो भडवे पहले तू हम लोगों की चूत चूस-चूसकर मज़ा ले और मजा दे, फिर देख चूत चुसाई में कितना मज़ा आता है? अपनी पत्नी की चाटी है कभी चूत?
आरज़ू - आप भी कैसी बातें कर रही है? हो सकता है इसने ठीक से अपनी बीवी की चूत देखी भी नहीं हो, क्योंकि ये लोग बस साड़ी उठाकर औरत को धक्के लगाना ही जानते है और ज़्यादा हुआ तो चूची को चूम लिया या मुँह में भरकर चूस लिया, क्यों हरिया?
हरिया - हाँ बहन की लोड़ी, बात तो तू ठीक ही कह रही है, भला चूत या लंड ऐसी गंदी चीज को कोई अपने मुँह में लेता है क्या?
अम्मी - अरे भडवे आज मज़ा ले हमारी चूत का, फिर देख अपनी बीवी की भोसड़ी में मुँह डाले ही पड़ा रहेगा, चल आजा मैदान में और एक साथ 2 चूतों को चाटने का मज़ा ले।
फिर में और अम्मी अपनी-अपनी चूत पूरी तरह से टांगे खोलकर फैलाकर लेट गयी। फिर हरिया अम्मी की चूत के पास आया और किसी कुत्ते की तरह उनकी चूत को सूंघने लगा। फिर उसके बाद उसने अपनी जीभ निकालकर अम्मी की चूत को चाटना शुरू कर दिया, तो मैंने कहा कि हरिया में भी हूँ, तो उसने अपना एक हाथ मेरी चूत पर रखकर सहलाना शुरू कर दिया और अब वो जोर-जोर से अम्मी की चूत को चाट रहा था और मेरी चूत को अपनी पूरी हथेली से रगड़ रहा था, लेकिन वो ये सब पहली बार ही कर रहा था, उसे चूत से किस तरह मज़ा लेना होता है? आता ही नहीं था। फिर मैंने अम्मी से कहा कि अम्मी इसको पहले कुछ बताओ, तब ही तो जानेगा।
अम्मी - हरिया आओ, पहले मेरे साथ मेरी बेटी की चूत का मज़ा लो, में तुमको मज़ा दिलवाती हूँ, आओ।
फिर अम्मी और हरिया मेरी फैली हुई टाँगों के बीच में पसर गये। फिर अम्मी ने मेरी चूत पूरी तरह से फैला दी और हरिया से कहा कि चाटो इसे और अपनी जीभ अंदर घुसेडकर मज़ा लो, तो हरिया ऐसा ही करने लगा। फिर अम्मी उठी और मेरे सिरहाने पर आकर उन्होंने अपनी चूत मेरे होंठो पर लगाकर मुझसे चूसने के लिए कहा। अब में अम्मी की चूत को चूस रही थी और हरिया मेरी चूत को बहुत मज़े से चूस रहा था। फिर बहुत देर तक चूसने के बाद हरिया बोला कि बहन की लौडियों अब मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा है, बताओ पहले कौन चुदवाएगा?
अम्मी - इतनी जल्दी भी क्या है प्यारे? अभी तो रात परवान चढ़ी है।
हरी - लेकिन मुझे वापस भी जाना है, मेरी बीवी परेशान हो रही होगी।
अम्मी - कितने बच्चे है तेरे?
हरी- 2 बच्चे है, 4 साल की लड़की और 2 साल का लड़का है।
अम्मी - तुझे आज 1000 रुपये और दूँगी थोड़ी देर से घर जाना, तेरी बीवी पैसा देखकर खुश हो जाएगी, अब तुम लोगों के पास फोन भी नहीं होता वरना फोन करवा देती कि तू रातभर नहीं आएगा।
हरिया - मेरे पास मेरे घर के बगल का नंबर है, आप फोन कर दो।
फिर मम्मी के फोन से हरिया ने अपने घर पर फोन कर दिया कि वो रात को नहीं आ सकता है। फिर उसके बाद अम्मी और मैंने उसका लंड चाटकर तैयार किया। फिर जब वो खड़ा हुआ, तो मैंने अम्मी से कहा कि अम्मी अलमारी से कंडोम का पैकेट निकाल लाओ, तो वो कंडोम देखते ही भड़क गया और बोला कि ये क्या है भला? इसको चढ़ाकर भी कहीं चुदाई का मज़ा आता है क्या?
अम्मी - ओए कबूतर ज़्यादा बदचोदी ना कर, अगर एड्स हो गया तो गांड फट जाएगी, पता है एड्स क्या होता है? साले इस कंडोम के कई फ़ायदे है पहली बात कि तेरी बीवी या जिसे भी तू चोदेगा वो पेट से नहीं होगी और दूसरी सबसे बड़ी बात की इससे एड्स नहीं होता है और फिर अम्मी ने उसे कंडोम पहना दिया।
अम्मी - बता किसको चोदेगा पहले?
हरिया - पहले तुझे ही चोदूंगा।
अम्मी - भला मेरी जवान बेटी को क्यों नहीं?
हरिया - क्योंकि मेरी रांडो मुझे लगता है कि तुझमें जवानी का ज़्यादा मज़ा है, तेरी बेटी तो अभी बच्ची है बेचारी चीखने शोर मचाने लगेगी।
आरज़ू - ओए तेरी बेटी को कुत्ते चोदे, बहन के लंड, अभी तूने मेरी जवानी कायदे से देखी ही कहाँ है? चल अब जब तूने मेरी अम्मी को चोदने का मन बना ही लिया है तो बेटा तू अभी जानता नहीं मेरी माँ को, साली खाई जितनी गहराई है उसकी भोसड़ी की, हालत खराब हो जाएगी तेरी, पहले तू उसको ही निबटा ले, उसके बाद देखती हूँ तुझमें कितना दम है? और अम्मी से पूछा कि कैसे चुदवाओगी इससे?
अम्मी - बेटी में तो खड़े होकर चुदवाऊँगी, इसके तगड़े लंड पर झूलने में बहुत मज़ा आएगा, क्यों रे गबरू उठा लेगा मेरा बोझ?
हरिया - हाँ-हाँ में तो तुम दोनों को एक साथ अपने लंड पर बैठाकर उछाल सकता हूँ।
अम्मी - बात उतनी कर जितनी हो सके, बहन के लंड चल भिड़ा अपने लंड को मेरी चूत से।
फिर उसके बाद उसने अम्मी की चूत से सेंटर मिलाकर उसने अपनी गोद में उठा लिया। अब अम्मी पूरी तरह से अपनी चूत का बोझ उसके लंड पर डाले हुए थी और वो नीचे से जोरदार धक्के लगा रहा था। फिर सच में कुछ ही देर में अम्मी की चीखें निकलने लगी और वो करीब 20-25 मिनट तक धक्के लगाता रहा और फिर अम्मी से बोला कि जानू तुम भी थोड़ी मेहनत करो। फिर अम्मी बोली कि बहन के लंड मुझे ही मेहनत करना है, तो तू पैसे किस बात के ले रहा है? हरामी मार धक्के। फिर उसके बाद वो ताबड़तोड़ धक्के लगाने लगा। फिर थोड़ी देर बाद उसने लंड निकालकर मेरी चूत में डाल दिया। अब वो कभी मम्मी को चोदता तो कभी मुझे। बड़ा मजा आ रहा था ऐसे चुदवाने में और वो भी पूरी रात हमें चोदता रहा। दोस्तों उनके वीर्य का स्वाद बहुत अच्छा था। उसके बाद वो घर से सुबह निकल गया और उसके बाद आज तक कभी हमारे मोहल्ले में दिखाई नहीं दिया ।।
धन्यवाद .
अम्मी - बेटी आरज़ू आज तेरे अब्बू को गये हुए 8वां दिन है और आज तो चूत में रह-रहकर खुजली हो रही है, अब तेरी उंगली से और मूली, गाजर से भी मज़ा नहीं आ रहा है।
आरज़ू - अम्मी मूली, गाजर तो आप मेरी चूत में करती है, आपका काम तो खीरे और बैंगन से भी नहीं चलता है, पता नहीं कितनी गहरिया भोसड़ी है आपकी?
अम्मी - अरी छिनाल अब इतने सालों से पता नहीं बेचारी किस-किसके धक्के खा रही है? और फिर तुझे और तेरे गबरू भाई को भी तो इसी में से बाहर निकाला है, तो चूत भोसड़ा तो हो ही जाएगी, लेकिन आज इसका कुछ करना ही पड़ेगा, आज तो बिना लंड के काम नहीं चलेगा, लेकिन कोई है भी तो नहीं, वो कमीना ऐसे वक़्त में दूधवाला ही काम चला देता था, लेकिन वो भड़वा भी गाँव गया है।
आरज़ू - अम्मी एक बात कहूँ?
अम्मी - एक क्यों? चार बात कहो।
आरज़ू - अम्मी देखो आजकल जाड़े का वक़्त है मूँगफली वाले निकलते ही रहते है, आप कहो तो बुला लूँ किसी को बेचारे को थोड़े पैसे दे देंगे।
अम्मी - वाह मेरी रानी कितने कमाल का आइडिया दिया है, जी कर रहा अभी तेरी चूत चूम लूँ, चल तो देर किस बात की? बुला जल्दी से।
आरज़ू - साली लंड के धक्के खाने को कैसे कुत्तियाँ जैसी हालत हुई जा रही है? अब जरा सब्र तो करो, किसी को निकलने तो दो।
फिर थोड़ी देर बाद एक मूँगफली वाले की आवाज़ आई, तो में और अम्मी एक साथ रेलिंग पर झपट पड़े, लेकिन वो बेचारा तो एक 18-19 साल का दुबला पतला सा लड़का था। अब अम्मी की तो बहुत मर्ज़ी थी कि उसे बुला लूँ, लेकिन मैंने नहीं बुलाया, तो अम्मी झुंझला पड़ी और बोली
अम्मी - अरी क्या बिगड़ जाता? अगर उसे ही बुला लेती तो।
आरज़ू - अम्मी वो बेचारा बच्चा था और कितना कमजोर भी तो था।
अम्मी - कमजोर कुछ नहीं होता जब सामने 2-2 नंगे जिस्म देखता तो साले का तनकर खड़ा हो जाता, बेटी मर्द चाहे कितना भी दुबला पतला हो? लेकिन जब बात चोदने की आती है तो तब वो कमजोर कहीं से नहीं होता है, अब अपने भाई को ले लो जब उसने चुदाई शुरू की थी तो तब उसकी भी क्या उम्र थी? और कितना दुबला पतला था? वो तो अब उसकी सेहत बनी है।
आरज़ू - अच्छा बाबा अब बातें तो मत सुनाओ, में तो कोई कड़ियल जवान की सोच रही थी और आप हो की मरियल लड़के से ही अपनी चूत चुदवाना चाहती हो, तो मुझे क्या? अबकी बार कोई भी आएगा, तो उसे बुला लूँगी और फिर थोड़ी देर बाद फिर से आवाज़ आई। लेकिन इस बार जो था उसे देखकर मेरी और अम्मी की झाँटे खिल गयी थी, वो ऊँचे कद का मज़बूत काठी वाला और किसी पहलवान सरीखी सेहत वाला करीब 35-36 साल का आदमी था। फिर उसे मैंने आवाज़ दी, तो वो गैलेरी में आया और फिर मैंने मैन गेट बंद कर लिया। दोस्तों ये कहानी आप कामुकता डॉट कॉम पर पड़ रहे है।
मूँगफली वाला - जी मेम साहब, कहिए कितनी तौल दूँ?
अम्मी - हमें ये नहीं चाहिए।
मूँगफलकी वाला - तो फिर टाईम क्यों खराब कर रही है? मुझे ये सब बेचकर घर भी जाना होता है, पता नहीं आप लोगों को परेशान करने में क्या मिलता है?
अम्मी - अरे मेरी बात तो सुनो अगर में तुझे इन सारी मूँगफली के पैसे दे दूँ तो?
मूँगफली वाला - मेम साहब क्यों मज़ाक कर रही है? जाने दीजिए, मुझे देर हो रही है।
फिर तभी अम्मी ने 500 रूपये का नोट निकाला और उसे देती हुई बोली कि तुम्हें एक काम करना होगा। अब 500 रूपये का नोट देखकर उसकी आँखें चमक गयी थी, लेकिन वो कुछ समझ नहीं पा रहा था, तो तब अम्मी खुलकर बोली।
अम्मी - बात ये है कि इन 500 रूपये के बदले तुझे हम दोनों को मज़ा देना होगा।
फिर वो परेशान सा हो गया, तो तब मैंने अम्मी की चूचीयाँ दबाकर उसे दिखाते हुए कहा कि देखो इनको तुम्हें इनके साथ कितना मज़ा आएगा? कभी देखी है ऐसी चूचीयाँ? फिर मूँगफली वाले की कुछ झिझक कम हुई। फिर मैंने उससे कहा कि ये टोकरी किनारे पर रख दो और अंदर चलकर पहले नहा लो।
मूँगफली वाला - मेम साहब कैसी बातें कर रही है? भला इतने जाड़े में वो भी रात को कोई नहाता है क्या?
अम्मी - सबसे पहले तो तू ये मेम साहब कहना बंद कर और अपना नाम बता और देख तू ये समझ कि तू पैसे देकर किसी रंडी को चोदने जा रहा है इसलिए पूरी तरह से अपनी झिझक ख़त्म कर दे और फिर जब तुझे नहलाने के लिए तेरे सामने 2 नंगी औरते होंगी, तो भला तुझे जाड़ा कहाँ से लगेगा? और पानी भी गर्म होगा, चल उतार डाल अपने सारे कपड़े और नंगा हो जा।
फिर उसने अपनी कमीज़ और धोती उतार दी। अब वो सिर्फ़ बड़े से कपड़े वाली चड्डी में था और अम्मी उसके सीने पर अपना एक हाथ फैर रही थी और में सारे दरवाज़े बंद करने के बाद बाथरूम में चली गयी, तो अब अम्मी उसके नंगे बदन पर पानी डाल रही थी और वो चड्डी में बैठा था।
आरज़ू - अम्मी आप शॉवर क्यों नहीं चला देती? बच्चे की तरह क्यों नहला रही है पानी डालकर?
अम्मी - अरे बेटी आज बहुत सालों के बाद कोई कड़ियल जवान मिला है मुझे अपने मन की करने दे, कहाँ ऐसा मौका मिलता है? आजा तू भी अपने कपड़े उतारकर और हाँ रे हरामी तुने अभी तक अपना नाम नहीं बताया?
मूँगफली वाला - जी हरिया नाम है मेरा और ये आप मुझे गाली क्यों दे रही है?
अम्मी - अरे भडवे, तो तू भी देना गाली इससे चुदाई करने का मज़ा बढ़ जाता है, मैंने तो पहले ही कहा था कि तू ये समझ तेरे सामने 2 रंडियाँ है।
हरिया - आप लोग माँ बेटी है?
आरज़ू - हाँ रे मेरे गबरू, हम माँ और बेटी है।
हरिया - में तो कभी सपने में भी नहीं सोच सकता की ऐसा भी होता है।
अम्मी - अभी तूने जाना ही क्या है? अरे इसका बाप खुद अपने बेटे का लंड पकड़कर इस चूत में धकेलता है और खुद अपना मेरे मुँह में डाले रहता है।
अब अम्मी के सामने में भी अपने सारे कपड़े उतारकर उसके चौड़े सीने पर अपना एक हाथ फैरने लगी थी। अब उसका सारा जिस्म गीला हो रहा था और बड़ी सी चड्डी के नीचे उसका लंड किसी सांप की तरह फन उठा रहा था। फिर अम्मी ने उसकी चड्डी के ऊपर से ही उस पर अपना एक हाथ रखा, तो हरिया के मुँह से सिसकारी निकल पड़ी।
आरज़ू - अम्मी इसकी चड्डी उतारो ना, इतनी बड़ी चड्डी तो पर्दे के काम आती है।
अम्मी - बेटी तुझे पता नहीं मर्दों को यही पहनना चाहिए इसमें काफ़ी आराम मिलता है, आजकल तो वो नई अंडरवियर चली है, जिसमें की पूरा लंड समा ही नहीं पाता है, अब देख कितना बड़ा लग रहा है इसमें और हरिया को कितना आराम मिल रहा होगा इसमें? क्यों हरिया?
हरिया - हाँ मेरी रानी, बहुत आराम मिलता है।
फिर हरियाया ने मेरी नंगी चूचीयों पर अपना एक हाथ रखा और दबाने लगा। अब उधर अम्मी उसके लंड को रगड़ती जा रही थी और अब उसका भी लंड लंड पूरी तरह से तन चुका था, तो तब अम्मी ने अपने सारे कपड़े उतार डाले। अब हम दोनों नंगे थे और हरिया के जिस्म पर सिर्फ़ बड़ा सा अंडरवियर था, जिसका नाड़ा अम्मी ने खींच दिया, तो झट से उसका अंडरवेयर ज़मीन गिर गया था और उसका लंड पूरी तरह से आज़ाद होकर फनफना रहा था।
फिर हरिया की चड्डी उतारने के बाद अम्मी और में एक साथ उसके लकड़ी जैसे सख़्त और मोटे लंड पर टूट पड़े। अब हम दोनों उसके लंड को सहला रहे थे और वो इस जाड़े में भी पसीने-पसीने हो रहा था। अब हम लोगों के गर्म हाथों के स्पर्श और सहलाहट से उसके बर्दाश्त के बाहर की बात होने लगी थी, तो तब मैंने उसका लंड अपने होंठो से चूम लिया।
हरिया - आहह बिटिया, ये क्या कर रही हो? भला यहाँ भी चुम्मा लिया जाता है क्या?
आरज़ू - अरे गँवार अभी तुझे पता ही क्या है? आज तू देख तू जन्नत की सैर करेगा, कसम से तेरी बीवी तो बहुत किस्मत वाली होगी, जो उसे ऐसा कड़ियल लंड मिला है।
हरिया - लेकिन उसने तो इसे कभी मुँह से नहीं चूमा?
आरज़ू - आज पहले तू देखता जा हम लोग क्या? और कैसे करते है? फिर तुझे इन सबकी कदर पता चल जाएगी।
फिर ये कहकर में उसका लंड अपने मुँह के अंदर डालकर चूसने लगी और अम्मी उसकी बड़ी-बड़ी गोलियों को अपने मुँह में डालकर चूस रही थी और अपने एक हाथ से सहला भी रही थी। अब उसका लंड मेरे हलक तक जा रहा था। फिर जब उसका लंड पूरी तरह से तनकर खड़ा हो गया, तो तब अम्मी ने कहा कि बेटी चलो अब बेडरूम में चला जाए और फिर हम लोग अपना बदन पोछने के बाद नंगी हालत में ही बेडरूम में आ गये। अब बेडरूम की मखमली कालीन में उसके पैर धसे जा रहे थे और रूम भी काफ़ी गर्म हो रहा था और उस पर हम माँ बेटी की नंगी जवानी उस बेचारे की हालत खराब कर रही थी।
अम्मी - अच्छा ये बताओ कि कभी हमारी जैसी जवानी देखी है तूने?
हरिया - मेम साहब हमने तो अपनी पत्नी के सिवाए के किसी भी औरत को नंगा नहीं देखा है और वो बेचारी आपके सामने कुछ भी नहीं है।
अम्मी - मादरचोद, भडवे अभी कितनी बार बताऊँ तुझे कि मेम साहब कहना बंद कर और अपनी रखैल समझकर बात कर।
फिर इसके बाद हरी ने अम्मी की चूचीयाँ कसकर दबा दी और मेरे बाल भी पकड़कर अपनी तरफ खींचते हुए बोला
हरिया - अरी रांड़ आज में बताता हूँ कि चुदाई किसे कहते है? और अब मैंने भी अपनी सारी शर्म हया की माँ चोदकर रख दी है।
अम्मी - हाँ तो भडवे पहले तू हम लोगों की चूत चूस-चूसकर मज़ा ले और मजा दे, फिर देख चूत चुसाई में कितना मज़ा आता है? अपनी पत्नी की चाटी है कभी चूत?
आरज़ू - आप भी कैसी बातें कर रही है? हो सकता है इसने ठीक से अपनी बीवी की चूत देखी भी नहीं हो, क्योंकि ये लोग बस साड़ी उठाकर औरत को धक्के लगाना ही जानते है और ज़्यादा हुआ तो चूची को चूम लिया या मुँह में भरकर चूस लिया, क्यों हरिया?
हरिया - हाँ बहन की लोड़ी, बात तो तू ठीक ही कह रही है, भला चूत या लंड ऐसी गंदी चीज को कोई अपने मुँह में लेता है क्या?
अम्मी - अरे भडवे आज मज़ा ले हमारी चूत का, फिर देख अपनी बीवी की भोसड़ी में मुँह डाले ही पड़ा रहेगा, चल आजा मैदान में और एक साथ 2 चूतों को चाटने का मज़ा ले।
फिर में और अम्मी अपनी-अपनी चूत पूरी तरह से टांगे खोलकर फैलाकर लेट गयी। फिर हरिया अम्मी की चूत के पास आया और किसी कुत्ते की तरह उनकी चूत को सूंघने लगा। फिर उसके बाद उसने अपनी जीभ निकालकर अम्मी की चूत को चाटना शुरू कर दिया, तो मैंने कहा कि हरिया में भी हूँ, तो उसने अपना एक हाथ मेरी चूत पर रखकर सहलाना शुरू कर दिया और अब वो जोर-जोर से अम्मी की चूत को चाट रहा था और मेरी चूत को अपनी पूरी हथेली से रगड़ रहा था, लेकिन वो ये सब पहली बार ही कर रहा था, उसे चूत से किस तरह मज़ा लेना होता है? आता ही नहीं था। फिर मैंने अम्मी से कहा कि अम्मी इसको पहले कुछ बताओ, तब ही तो जानेगा।
अम्मी - हरिया आओ, पहले मेरे साथ मेरी बेटी की चूत का मज़ा लो, में तुमको मज़ा दिलवाती हूँ, आओ।
फिर अम्मी और हरिया मेरी फैली हुई टाँगों के बीच में पसर गये। फिर अम्मी ने मेरी चूत पूरी तरह से फैला दी और हरिया से कहा कि चाटो इसे और अपनी जीभ अंदर घुसेडकर मज़ा लो, तो हरिया ऐसा ही करने लगा। फिर अम्मी उठी और मेरे सिरहाने पर आकर उन्होंने अपनी चूत मेरे होंठो पर लगाकर मुझसे चूसने के लिए कहा। अब में अम्मी की चूत को चूस रही थी और हरिया मेरी चूत को बहुत मज़े से चूस रहा था। फिर बहुत देर तक चूसने के बाद हरिया बोला कि बहन की लौडियों अब मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा है, बताओ पहले कौन चुदवाएगा?
अम्मी - इतनी जल्दी भी क्या है प्यारे? अभी तो रात परवान चढ़ी है।
हरी - लेकिन मुझे वापस भी जाना है, मेरी बीवी परेशान हो रही होगी।
अम्मी - कितने बच्चे है तेरे?
हरी- 2 बच्चे है, 4 साल की लड़की और 2 साल का लड़का है।
अम्मी - तुझे आज 1000 रुपये और दूँगी थोड़ी देर से घर जाना, तेरी बीवी पैसा देखकर खुश हो जाएगी, अब तुम लोगों के पास फोन भी नहीं होता वरना फोन करवा देती कि तू रातभर नहीं आएगा।
हरिया - मेरे पास मेरे घर के बगल का नंबर है, आप फोन कर दो।
फिर मम्मी के फोन से हरिया ने अपने घर पर फोन कर दिया कि वो रात को नहीं आ सकता है। फिर उसके बाद अम्मी और मैंने उसका लंड चाटकर तैयार किया। फिर जब वो खड़ा हुआ, तो मैंने अम्मी से कहा कि अम्मी अलमारी से कंडोम का पैकेट निकाल लाओ, तो वो कंडोम देखते ही भड़क गया और बोला कि ये क्या है भला? इसको चढ़ाकर भी कहीं चुदाई का मज़ा आता है क्या?
अम्मी - ओए कबूतर ज़्यादा बदचोदी ना कर, अगर एड्स हो गया तो गांड फट जाएगी, पता है एड्स क्या होता है? साले इस कंडोम के कई फ़ायदे है पहली बात कि तेरी बीवी या जिसे भी तू चोदेगा वो पेट से नहीं होगी और दूसरी सबसे बड़ी बात की इससे एड्स नहीं होता है और फिर अम्मी ने उसे कंडोम पहना दिया।
अम्मी - बता किसको चोदेगा पहले?
हरिया - पहले तुझे ही चोदूंगा।
अम्मी - भला मेरी जवान बेटी को क्यों नहीं?
हरिया - क्योंकि मेरी रांडो मुझे लगता है कि तुझमें जवानी का ज़्यादा मज़ा है, तेरी बेटी तो अभी बच्ची है बेचारी चीखने शोर मचाने लगेगी।
आरज़ू - ओए तेरी बेटी को कुत्ते चोदे, बहन के लंड, अभी तूने मेरी जवानी कायदे से देखी ही कहाँ है? चल अब जब तूने मेरी अम्मी को चोदने का मन बना ही लिया है तो बेटा तू अभी जानता नहीं मेरी माँ को, साली खाई जितनी गहराई है उसकी भोसड़ी की, हालत खराब हो जाएगी तेरी, पहले तू उसको ही निबटा ले, उसके बाद देखती हूँ तुझमें कितना दम है? और अम्मी से पूछा कि कैसे चुदवाओगी इससे?
अम्मी - बेटी में तो खड़े होकर चुदवाऊँगी, इसके तगड़े लंड पर झूलने में बहुत मज़ा आएगा, क्यों रे गबरू उठा लेगा मेरा बोझ?
हरिया - हाँ-हाँ में तो तुम दोनों को एक साथ अपने लंड पर बैठाकर उछाल सकता हूँ।
अम्मी - बात उतनी कर जितनी हो सके, बहन के लंड चल भिड़ा अपने लंड को मेरी चूत से।
फिर उसके बाद उसने अम्मी की चूत से सेंटर मिलाकर उसने अपनी गोद में उठा लिया। अब अम्मी पूरी तरह से अपनी चूत का बोझ उसके लंड पर डाले हुए थी और वो नीचे से जोरदार धक्के लगा रहा था। फिर सच में कुछ ही देर में अम्मी की चीखें निकलने लगी और वो करीब 20-25 मिनट तक धक्के लगाता रहा और फिर अम्मी से बोला कि जानू तुम भी थोड़ी मेहनत करो। फिर अम्मी बोली कि बहन के लंड मुझे ही मेहनत करना है, तो तू पैसे किस बात के ले रहा है? हरामी मार धक्के। फिर उसके बाद वो ताबड़तोड़ धक्के लगाने लगा। फिर थोड़ी देर बाद उसने लंड निकालकर मेरी चूत में डाल दिया। अब वो कभी मम्मी को चोदता तो कभी मुझे। बड़ा मजा आ रहा था ऐसे चुदवाने में और वो भी पूरी रात हमें चोदता रहा। दोस्तों उनके वीर्य का स्वाद बहुत अच्छा था। उसके बाद वो घर से सुबह निकल गया और उसके बाद आज तक कभी हमारे मोहल्ले में दिखाई नहीं दिया ।।
धन्यवाद .